2. टी.सी. पी तीन पंि क का यह पसतािवत कानून गरीबी और
पुि लस मे वाप भषाचार को के वल 4 मिहने मे हमारे भारत
से खतम कर सकता है ।
3. टी.सी.पी की आवशयकता
अगर आपके संभाग मे कोई मंत्री या अफसर भष्ट हो तो आपके पास
क्या कोई ठोस तरीका है उन्हे उनकी कु सी से हटाने का......?????
आज हमारे पास ऐसे भष अफसरों और मंित्रयों को हटाने के िलये
के वल 2 ही िवकल्प है -
धरना / हडताल
और
हसताकर अिभयान
4. धरना / हडताल तो एकदम िनरथरक और बेक ार है क्योिक
हम जानते ही है िक हमेश ा से सरकार िवरोधी धरनों को
पुि लस दारा लाठीचाजर और आँस ू-गैस से कु चल िदया जाता
है ।
इसी पकार
हसताकर अिभयान भी िनरथरक ही है , क्यूि क भारतीय
ं
सरकार के पास आज भी नागिरकों के हसताकरों का कोई
बयौरा नही है । इसीिलये हसताकरों को जाँच ा नही जा सकता
है और उन्हे झुठ लाया जा सकता है ।
5. टी.सी.पी :- आम आदमी का मीिडिया
आज यिद कोई आम नागिरक िजसके पास कोई बडी िसफािरश और बडा नाम ना
हो तो वह अपनी बात और जरुरी जानकारी जनता तक पहुँचाने के िलए अखबार
और टी.वी. का सहारा लेने की कोिशश करे गा टी.वी. और अखबार पर खबर या
जानकारी पसािरत करवाने के िलये लाखों रुपये की जरुरत होती है, जो आम
भारतीय नागिरक नही ला सकता है । इसीिलये कु छ पूजीपित लोग ही इस पमुख
ं
मीिडिया तक
पहूँच पाते है , और िसफर अपने फायदे की खबरे ही आम जनता तक पहूँचाते है । इस
पकार कु छ ही लोगों का समाज मे वचरसव होता है |
6. लेिकन यिद आम नागिरक के पास अपने शपथपत्र/ऐफे डिेिवट को सकै न कर पधानमंत्री या
अन्य िकसी के न्द्रीय सरकार की वेबसाइट पर डिालने का अिधकार िमले वह भी 700
िजला कलेक्टरों मे से िकसी के भी दफ्तर जाकर । तो उस नागिरक दारा िदया
शपथपत्र/एफे डिेिवट आिद जैसे का तैसा आम भारतीय जनता तक पहूँच जायेगा । इस
कारण कोई भी सरकारी और गैर सरकारी विक उस ऐफे डिेिवट के साथ छेडछाड नही
कर पायेगा । यिद कोई सरकारी अफसर ऐसा करे गा तो वह पकडा जायेगा और उसके
िखलाफ पयारप सबूत भी होंगे ।
आज सभी 700 िजला कलेक्टर के दफ्तरों मे सकै न मशीन, इनटरनेट, सटाफ आिद
सुिवधाएं है ; इसिलए कलेक्टर के दफ्तर ये पिक्रिया तुरंत शुरू की जा सकती है | और
एक सपाह के अंदर ये पिक्रिया सभी तहसीलदार के दफ्तरों मे और एक महीने मे सभी बडे
डिाक-खानों मे शुरू की जा सकती है | इस पकार नागिरक के पास हजारों जगह होगी
अपनी बात रखने के िलए
7. िकसी भी आंद ोलन की सफलता के ियोलये 3 बातें
जररिी है 1. स्पष माँग
2. मांग के समथकर्थकों की संख्या का ठोस प्रमाण
3. मंियोत्रियों में नागिरिकों का डरि औरि दबाव
धरिना औरि हस्ताकरि अियोभयान दोनो में ही ना तो समथकर्थक ो की संख् या का कोई
प्रमाण होता है ना ही इससे मंियो त्रियो के िदलो में जनता का कोई खौफ !!!!
8. भारित का रिाजपत्रि
1. भारित का रिाजपत्रि एक पुियो स्तका है , जो िक
लगभग हरि सपाह के नदीय औरि रिाजय सरिकारिें
प्रकाियोशत करिती है ियोजसमें मंियो त्रियों दारिा कलेक टरि
औरि ियोवभाग सियोचव को आदे श िदये जाते है ।
2. यिद नागिरिको को िकसी तरिह का कोई
आियोधकािरिक बदलाव लाना हो तो, वह मंियो त्रियों से
प्रस्ताियोवत कानून को अगले रिाजपत्रि में डालने की
माँग करि सकते है ।
10. पारिदशी
पारिदशी ियोशकायत का कया अथकर्थ है ?
ियोशकायत
एक ियोशकायत जो िकः-
कभी भी, कहीं भी, िकसी के भी नागिरिक दारिा
दृष्य हो औरि जाँची जा सके ।
तािक कोई भी मंत्रि ी, बाबू , जज या ियोमडीया उस ियोशकायत को
दबा ना सकें .......!!
11.
कोई नागिरिक िकसी भी िदन, कलेक टरि कोई शपथकपत्रि या
हलफनामा / एिफडे ियो वट दे क रि उसे प्रधानमंत्रि ी की वेब साईट
परि स्कै न करिने का आगह करि सकता है ।
तो
कलेक टरि या उसका कलकर्थ नागिरिक को एक सीिरियल
नमबरि जारिी करिे गा औरि उस पत्रिािद को प्रधानमंत्रि ी की
वेब साईट परि 20रपये प्रियोत पेज का शुल क लेक रि डाल दे ग ा ।
12.
कोई नागिरिक अपने मतदाता पहचान पत्रि के साथक आ सकता है औरि
खंड -1 के अनुस ारि दाियोखल िकए गये शपथकपत्रि / ऐिफडे ियो वट /
हलफनामे परि अपनी हाँ या ना दजर्थ करिवा सकता है ।
तो पटवारिी उस नागिरिक की हाँ/ना प्रधानमंत्रि ी की वेब साईट परि
उसकी मतदाता पहचान पत्रि संख् या सियोहत दजर्थ करिे गा औरि 3 रपए
के शुल क के बदले उसे एक छपी हई रिसीद दे ग ा ।
गरिीबी रिे खा के नीचे वाले नागिरिकों के ियोलये यह शुल क मात्रि 1 रपए
होगा । एस.एम.एस. परि ियोसस्टम आने परि शुल क 5 पैस े हो जायेग ा
पटवारिी नागिरिकों को सुियो वधा दे ग ा िक वह जब चाहे तब ियोनशुल क
13. सुरक्षात्मक खंड (सुरखा धारा )
टी.सी.पी. मे पटवारी नागिरक को सुि वधा दे ग ा िक वह जब चाहे तब अपनी
हां/ना को रद कर सकता है
टी.सी.पी. मे जब लाखो-करोड़ो लोग एक ही बात का समथरन करे गे पधानमंत ी
की वेब साइट पर तो उनहे पैस े से खरीदना संभ व नही हो पायेग ा
लाखो-करोड़ो समथरक ो को हािन पहचने और डराने धमकाने के िलए लाखो गुंडे
भी पालना िकसी के िलए संभ व नही होगा
एिफडे ि वट को दबाया नही जा सके गा कयोिक वह पधानमंत ी की वेब साइट पर
पूण रर प से पारदशी होगा
ऐसे िशकायत या एिफडे ि वट , िजसको लाखो-करोड़ो पामािणक रप से समथरन
कर रहे है , िबना िकसी पभाव के ,उसको मीिडया भी िदखने को मजबूर होगा , नही
तो उनकी साख पर सवाल उठे गा और उसका धंध ा बंद हो जायेग ा |
इस तरह आपकी बात पूरे दे श मे मीिडया के जिरये फ़ै ल जाएगी |
14. पारदशी िशकायत पणाली मे हाँ/ पधानमंत ी पर कोई
ना
बाधय नही होगा या पधानमंत ी के िलए बंध नकारी नही
होगा।
यिद
37 करोड़ या अिधक भारतीय मतदाता भी पसतािवत
ऐफे डे ि वट/शपथपत/हलफनामे पर अपनी हाँ दजर करवाए ,
िफर भी पधानमंत ी उस पसताव पर हसताक्षर करने के
िलये बािधत नही होगे ।
पधानमंत ी
का िनणरय ही आिखरी िनणरय होगा ।
15. यिद टी.सी.पी पधानमंत ी पर बाधय नही है तो यह आिखर दे श मे काम कै से
करे गा ?
जैस ा िक खंड 1 और खंड 2 बताते है कोई
भी भारतीय नागिरक अपने क्षेत के कलेक टर के दफतर
जाकर अपनी िशकायत पधानमंत ी की वेब साईट पर डलवा
सकता है ।
दे श का कोई भी नागिरक अपने यहाँ कलेक टर /पटवारी के
दफतर जाकर, पहचान पत िदखाकर, मात 3 रपए का शुल क
दे क र अपनी हाँ/ना दजर करवा सकता है या 5 पैस े के
एस.एम.एस दारा भी हाँ/ना दजर कर सकता है ।
इस तरह टी.सी.पी. मे सटीक माँग और समथरको की संख्या का ठोस पमाण मौजूद है ।
16. अब यिद िकसी िशकायत को करोड़ो लोग समथरन देगे, वह भी सीधे पधानमंती की
वेबसाइट पर अपने मतदाता पहचान पत संख्या डलवाकर और एक रसीद पाप्त करके ,
तो उनकी िशकायत कोई मंती, अफसर या िमिडया दबा नही सकता है कयूंिक िफर
जनता मे से कोई भी िशकायत को जैसे के तैसे, िबना कोई रोक-टोक के वेबसाइट पर
देख सकता है |
िफर वह करोड़ो लोग अपनी मांगो को लेकर अपने क्षेत के मंितयो और सांसदो पर
दबाव डालेगे जो दबाव सीधा बड़े नेताओं पर और िफर पधानमंती पर आएगा । िफर
िवपक्ष भी अपने फायदे के िलये सरकार की नीयत पर सवाल उठायेगा और समथरक
दल भी सरकार पर दबाव बनायेगे
इस तरह चारो ओर का दबाव और सत्ता हाथ से जाने, आिद का डर और जनता के
पमाण का दबाव पधानमंती को पसताव पर हसताक्षर करने को
िववश कर देगा या अगला पधानमंती ऐसा करे गा ।
17. इस तरह पारदशी िशकायत - पसताव पणाली , िकसी भी आंदोलन
की सफलता के िलए ज़ररी कसौटी पर खरा उतरता है –
1. सटीक और सपष्ट माँग ।
2. मांगे के समथरको की संख्या का ठोस पमाण ।
3. मंितयो मे नागिरको का ड़र और दबाव ।
इस तरह पारदशी िशकायत-पसताव पणाली हमारे भारत मे काम करे गी ।
टी.सी.पी. के माधयम से हम भारत मे राईट टू िरकाँल / िरजेकट, एम.आर.सी.एम., जैसे
जनिहत के कानून कु छ ही समय मे ला सकते
है ।
18. अब एक पश जो िक बेह द आम है िक :-
िकस तरह से टी.सी.पी. को भारत मे लाया जा सकता है ?
जैसा िक हम सभी जानते है िक आज सरकार के दारा अपनी बात मनवाना िकतना
मुिश्कल काम है। लेिकन िजस तरह तकनीिक क्षेत मे वैज्ञािनक को कम्पयूटर ईजात
करने मे दशको का समय और मेहनत लगी, परनतु कम्पयूटर बनते ही तकनीिक
क्षेत मे एक नई क्रांती आई और िवकास की रफतार बढ़ गई ।
टी.सी.पी. भी कु छ ऐसा ही है, इसे व्यवसथा मे लाने के िलये हमे सही िदशा मे
पयत्न करने की जररत है और एक बार टी.सी.पी. के आते ही हम दूसरे सभी जररी
और जनिहत के कानून हमारे भारत मे आसानी से, कम समय मे, लागू करवा
सकते है ।
19. टी.सी.पी. को भारत मे लागू करवाने के
कु छ आसान सुझ ाव
• जयादा से जयादा समथरक जुट ाइऐ , इस ppt. को फे लाइये, नीचे िदये िलक
से टी.सी.पी. की िवसतृत फाईल डाउनलोड करके औरो को बताइये ।
www.righttorecall.info/004.h.pdf
http://righttorecall.info/001.h.pdf
• अपने आस पास के नेत ाओ को पत, एस.एम.एस, आिद के माधयम से ट
ीी.सी.पी. के बारे मे बताइऐ ।
• िजतने जयादा समथरक होगे उतना ही अचछा , इसिलये समथरन जुट ाने
के
िलए हर यथासंभ व पयत करे ।
• पतयेक समरथ क का पमाण रिखये तािक टी.सी.पी की माँग सरकार से करने
पर सरकार उसे टाल ना सके ।
20. टी.सी.पी. को लाने के िलए
1)हम मतदाताओ को टी.सी.पी. की जानकारी देकर उन्हे कह सकते हैं िक वे अपने
सांसदो और िवधायको को एस.एम.एस. करके यह आदेश दे िक वह तुरंत टी.सी.पी. को
अगले राजपत मे पकािशत करे |
2)मतदाताओ तक अखबार मे िवज्ञापन देकर, पचे बांटकर , डीवीडी और इन्टरनेट जैसे
साधनो से पहुंचा जा सकता है |
3) सांझ ा मांग - टी.सी.पी के मांग के साथ ही मतदाता अपने सांसद को यह भी
आदेश करे िक वह अपने मोबाइल को वेबसाइट से जोड़े तािक कोई भी जनता द्वारा
भेजा गया एस.एम.एस. वेबसाइट पर अपने आप पकािशत हो और पूरी तरह
पामािणक रूप से जनता को िदखे और जनता की राय को झुटलाया ना जा सके |
ये मांग सभी नागिरको की एक सांझ ा मांग होगी जो नागिरको को
एक-जुट करे गी चाहे उनका एजेडा अलग-अलग भी हो, तो भी |
21. 4) इस तरह एस.एम.एस भेजने के बाद नागिरक को भेजे गए एस.एम.एस. को अपने फे सबुक
वाल और मीिटग्स मे सामूिहक रूप से दशार सकते हैं तािक दूसरो को भी ऐसा करने की
पेरणा िमले |
5) सांसदो को भेजे गए कोड रूप मे एस.एम.एस. की एक कोपी कु छ नागिरक अपने वेबसाइट
(जैसे www.smstoneta.com) पर भी एकत कर सकते हैं | एस.एम.एस. की कोपी
भेजने से पहले नागिरक-मतदाता को अपनी पहचान पत की पित और फोन िबल की पित
भेज कर अपना पंजीकरण और जांच करवाना होगा |
6) जनसेवको को एस.एम.एस.-आदेश भेजना और भेजे गए एस.एम.एस आदेश जनता को
िदखने के िलए के वल 5 िमनट लगेगे | यिद ऐसा कु छ हजार नागिरक भी एक लोकसभा
क्षेत मे करते हैं और वत्रमान संसद कोई अचछा कारण नहीं देता अपना पिब्लक मोबाइल
और वेबसाइट को आपस मे जोड़ने के िलए तो, वतरमान सांसद की पोल करोड़ो मे खुल
जायेगी | और अगले सांसद पर भी ये पामािणक जनता की मांग को लागू करने का दबाव
आएगा
22. एस.एम.एस आदेश का एक उदाहरण
मैं (आपका नाम) _______ (िनवारचन क्षेत का नाम) _________ ,िजसके आप सांसद है |
जैसा िक संवेधािनक पसतावना एक नागिरक को अिधकार देती है िक वह अपने क्षेत के सांसद को
जरूरी आदेश एस एम एस आिद द्वारा भेज सकता है |
अपने कत्रव्य अनुसार, मैं आपको आदेश देता हूँ िक आप पधानमंती को आदेश दे िक वह
पसतािवत ड्राफ्ट को भारतीय राजपत मे िलखे और हसताक्षर करे , जो राजपत कलेक्टर को
आदेश देगा िक वह नागिरक के शपथपत को सकै न कर पधानमंती की वेबसाइट पर २० रूपये
पित पेज के डाले |
साथ ही आप अपने मोबाइल नंबर को अपनी सरकारी वेबसाइट से जोड़े तािक जो एस.एम.एस
आपको भेजे जाये वह सभी नागिरक देख सके |
आप सांसदो के मोबाइल नंबर इस िलक से ले सकते है
http://164.100.47.132/LssNew/Members/Statewiselist.aspx
23. अिधक जानकारी हेतु संपकर करे ः-
राईट टू िरकॉल समूह
(अपंिजकृ त)
एस.एम.एस आदेश की अिधक जानकारी के िलए पढ़े – सारांश, चैप्टर 55 ,
www.prajaadhinbharat.wordpress.com
फे सबुक पेजःhttp://www.facebook.com/RightToRecall
टी.सी.पी. के लेखकः- श्री राहुल मेहता
http://www.facebook.com/mehtarahulc
ई-मेल:
info@righttorecall.info
24. अपनी िशकायत या सुझ ाव दे न े के िलये संप कर करे -
swadeshi.gajja@gmail.com
09571247052 , 07891018820