1. जूरी कोर्ट : Session- Higher- सुप्रीम
कोर्ट में जूरी अदालतो की स्थापना
2. ●
यह क़ानून
थानों, अदालतों, स्कू लों, अस्पतालों, बैंक, मीडिया, एवं
अन्य सरकारी विभागों का काम काज सुधारने के लिए
लिखा गया है।
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इस कानून को लोकसभा और राज्यसभा से पास करने की जरूरत
नहीं है। प्रधानमंत्री अपने हस्ताक्षर करके इस अधिसूचना को सीधे
गेजेट में छाप सकते है।
3. ●
यदि आपका नाम वोटर लिस्ट में है तो यह कानून पास होने के
बाद आपको जूरी ड्यूटी के लिए बुलाया जा सकता है।
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जूरी ड्यूटी में आपको आरोपी, पीड़ित, गवाहों व दोनों पक्षों
के वकीलों द्वारा प्रस्तुत सबूत देखकर बहस सुननी होगी
और सजा / जुर्माना या रिहाई का फै सला देना होगा।
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जूरी का चयन वोटर लिस्ट में से लॉटरी द्वारा किया जाएगा
और मामले की गंभीरता देखते हुए जूरी मंडल में 15 से 1500
तक सदस्य होंगे।
4. यदि आपका नाम लॉटरी में निकल आता है तो आपको निचे दिए
अपराधो के मुकदमे सुनने के लिए बुलाया जा सकता है:
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हत्या, हत्या के प्रयास , मारपीट, हिंसा , अप्राकृ तिक मानव मृत्यु , दलित उत्पीड़न,
Sc-St Act के मामले ।
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अपहरण , बलात्कार , छेड़छाड़ , कार्यस्थल पर उत्पीड़न , दहेज़ , घरेलू हिंसा ,
डिवोर्स , वैवाहिक झगड़े
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सभी प्रकार के सार्वजनिक प्रसारणों से सम्बंधित सभी मामले एवं सम्बंधित सभी
आपत्तियां
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किरायेदार-मकान मालिक विवाद, 2 करोड़ से कम मूल्य की सभी प्रकार की
जमीन, प्रोपर्टी, सम्पत्तियों आदि के विवाद । मृत्यु भोज से सम्बंधित शिकायतें एवं
आपत्तियां।
5. इस क़ानून के गेजेट में छपने के 30 दिनों के भीतर प्रत्येक मतदाता को एक
वोट वापसी पासबुक मिलेगी।
निम्नलिखित अधिकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे में आयेंगे:
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जिला पुलिस प्रमुख, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला चिकित्सा
अधिकारी, जिला जूरी प्रशासक, मिलावट रोक अधिकारी
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DD चेयरमेन, RBI गवर्नर, CBI डायरेक्टर, BSNL
चेयरमेन, सेंसर बोर्ड चेयरमेन, के न्द्रीय सूचना आयुक्त
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जिला जज, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के
मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रिय जूरी प्रशासक .
6. ●
यदि आप दिए गए किसी अधिकारी के काम-काज से संतुष्ट नहीं है, और
उसे निकालकर किसी अन्य व्यक्ति को लाना चाहते है तो पटवारी
कार्यालय में जाकर स्वीकृ ति के रूप में अपनी हाँ (YES) दर्ज करवा
सकते है
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आप अपनी हाँ (YES) SMS, ATM या मोबाईल APP से भी दर्ज करवा सकें गे।
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आप किसी भी दिन अपनी स्वीकृ ति दे सकते है, या अपनी स्वीकृ ति रद्द कर
सकते है।
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आपकी स्वीकृ ति की एंट्री वोट वापसी पासबुक में आएगी। यह स्वीकृ ति आपका
वोट नही है, बल्कि यह एक सुझाव है ।
7. जूरी ड्यूटी में नागरिको के चयन सम्बन्धी नियम
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मतदाता सूची ही जूरी ड्यूटी की सूची होगी, और जूरी का गठन मतदाता
सूची से ही किया जाएगा.
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जूरी सदस्यों की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच होगी।
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सभी श्रेणी के सरकारी कर्मचारी स्पष्ट रूप से जूरी ड्यूटी के दायरे से बाहर रहेंगे।
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जो नागरिक जूरी ड्यूटी कर चुके है, उन्हें अगले 10 वर्ष तक जूरी में नहीं बुलाया
जायेगा।
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यदि किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सक को जूरी ड्यूटी पर बुलाया जाता है तो
डॉक्टर जूरी ड्यूटी पर न आने के लिए सूचना दे सकता है। जूरी सदस्य
डॉक्टर पर जूरी ड्यूटी न करने के एवज में कोई आर्थिक दंड नहीं लगायेंगे।
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यदि निजी क्षेत्र के कर्मचारी को जूरी ड्यूटी पर बुलाया गया है तो नियोक्ता उसे
आवश्यक दिवसों के लिए अवैतनिक अवकाश प्रदान करेगा। नियोक्ता अवकाश के
दिनों का वेतन कर्मचारी के वेतन में से काट सकता है।
8. जिला महाजूरी मंडल = डिस्ट्रिक्ट ग्रेंड ज्यूरी का गठन
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प्रथम महाजूरी मंडल का गठन: जिला जूरी प्रशासक एक सार्वजनिक बैठक में मतदाता
सूची में से 50 मतदाताओं का चुनाव लॉटरी द्वारा करेगा। इन सदस्यों का साक्षात्कार लेने
के बाद जूरी प्रशासक किन्ही 20 सदस्यों को निकाल सकता है। इस तरह 30 महाजूरी
सदस्य शेष रह जायेंगे।
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अनुगामी महाजूरी मंडल: प्रथम महा जूरी मंडल में से जिला जूरी प्रशासक पहले 10
महाजूरी सदस्यों को हर 10 दिन में सेवानिवृत्त करेगा। पहले महीने के बाद प्रत्येक
महाजूरी सदस्य का कार्यकाल 3 महीने का होगा, अत: 10 महाजूरी सदस्य हर महीने
सेवानिवृत्त होंगे, और 10 नए चुने जाएंगे। नये 10 सदस्य चुनने के लिए जूरी प्रशासक
जिला/ राज्य /भारत की मतदाता सूची में से लॉटरी द्वारा 20 सदस्य चुनेगा और
साक्षात्कार द्वारा इनमें से किन्ही 10 की छंटनी कर देगा।
9. क्रमरहित तरीके ( लॉटरी ) से मतदाताओं को चुनने
का तरीका
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जूरी प्रशासक किसी अंक को क्रमरहित विधि से चुनने के लिए
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग नहीं करेगा। यदि
प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने किसी प्रक्रिया का विवरण नहीं दिया
है तो वह ड्राफ्ट में बताये तरीके का प्रयोग करेगा.
NOTE: चयन प्रणाली की प्रक्रिया को देखने के लिए
कृ पया ड्राफ्ट की धारा 12 पढ़िए
10. जिला महाजूरी मंडल द्वारा मुकदमो को स्वीकार करना
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यदि महाजूरी मंडल के 15 से अधिक सदस्य किसी मामले को
विचार योग्य मानते हैं तो मामले के विचार के लिए जिला जूरी
प्रशासक 15 से 1500 नागरिकों की जूरी बुलाएगा जिनकी उम्र
25 से 50 वर्ष की आयु के बीच होगी ।
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यदि 15 से अधिक महा जूरी मंडल के सदस्य कहते हैं कि
मामला विचार योग्य नहीं है तो मामले को निरस्त कर दिया
जाएगा।
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यदि महाजूरी मंडल के अधिकांश सदस्य मानते है कि शिकायत बिलकु ल
आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे मामले की सुनवाई में हुई समय की
बर्बादी के लिए 5000 रूपये प्रति घंटे अधिकतम की दर से जुर्माना लगा
सकते है।
11. किसी मामले के लिए आवश्यक जूरी सदस्यों की संख्या का
निर्धारण
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यदि अभियुक्त के पास अधिक आर्थिक या राजनैतिक हैसियत है तो
जूरी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
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यदि अपराध जघन्य है तो जूरी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
उदाहरण के लिए यदि मामला 100,000 रूपए या उससे कम धन राशि की चोरी का है तो
जूरी सदस्यों की संख्या 15 हो सकती है।
यदि चुराई धन राशि इससे अधिक है तो जूरी सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी। यदि
मामला हत्या का है तो जूरी सदस्यों की संख्या 50 या 100 या उससे भी अधिक हो सकती
है।
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यदि कोई व्यक्ति अतीत में एकाधिक अपराधों का अभियुक्त रहा है, और महाजूरी
मंडल के सदस्य ज्यादातर मामलों को विचार योग्य मानते है तो वे जूरी सदस्यों
की संख्या बढ़ा सकते है।
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यदि मामला ज्यादा पैसों का है तो जूरी सदस्यों की संख्या ज्यादा हो सकती है।
न्यूनतम संख्या 15 होगी और हर 1 करोड़ की राशि के लिए 1 अतिरिक्त सदस्य
जोड़ा जाएगा। जूरी का आकार 1500 से अधिक नहीं होगा।
12. जूरी सदस्यों का चयन
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जूरी प्रशासक मतदाता सूची से लॉटरी द्वारा वांछित जूरी संख्या
से दुगनी संख्या में नागरिकों को चुनकर उन्हें बुलावा भेजेगा।
उनमे से किसी भी पक्षकार के रिश्तेदार, पडोसी, सहकर्मी आदि
को जूरी सदस्यों में शामिल नहीं किया जाएगा।
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जिले में पिछले 10 वर्षों में किसी सरकारी पद पर रहे नागरिक
भी जूरी से बाहर रहेंगे।
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शेष लोगों में से बिना किसी इंटरव्यू के जूरी प्रशासक लाटरी
द्वारा आवश्यक संख्या के जूरी सदस्य चुनेगा। किसी व्यक्ति
को जूरी में शामिल नहीं करने का निर्णय जूरी प्रशासक द्वारा
लिया जाएगा और उसे सिर्फ महाजूरी मंडल के बहुमत द्वारा
बदला जा सके गा।
13. जूरी मंडल द्वारा मुकदमो की सुनवाई करना
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सुनवाई सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। मामले की सुनवाई सिर्फ तभी शुरू
होगी जब चुने गए समस्त जूरी सदस्यों में से (चुने गए समस्त जूरी सदस्यों में से, ना कि
सिर्फ उपस्थित जूरी सदस्यों के ) 75% सुनवाई शुरू करने को राजी हों।
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भोजन विराम दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच शुरू होगा और 1 घंटे तक रहेगा।
इसी तरह सुनवाई लगातार प्रत्येक दिन चलेगी।
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मामले की सुनवाई न्यूनतम 2 दिन तक चलेगी।
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अंतिम दिन दोनों पक्ष 1-1 घंटे तक अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद जूरी सदस्य 2
घंटे तक आपस में विचार मंथन करेंगे। यदि 2 घंटे बाद जूरी सदस्य ये निर्णय लेते
है की उन्हें और विचार मंथन की आवश्यकता नहीं है, तो जूरी अपना फै सला
सार्वजनिक करेगी।
14. अंतिम फै सला
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जूरी मंडल जो भी अंतिम फै सला देंगे उसे ट्रायल के पदासीन जज द्वारा
अनुमोदित किया जाएगा।
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यदि जज चाहे तो जूरी के फै सले में संशोधन कर सकता है, या फै सले को
पूरी तरह से पलट सकता है।
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जज जब भी अपना फै सला लिखेगा तब वह सबसे पहले जूरी के फै सले को
उद्धत करेगा।
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सरकारी दस्तावेजो, बुलेटिन एवं अन्य सभी जगह जहाँ पर भी फै सले को
दर्ज / उद्धत किया जाएगा, वहां पर अनिवार्य रूप से सबसे पहले जूरी
द्वारा दिए गए फै सले का जिक्र किया जाएगा।