अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के हमारे पास अनेक साधन हैं। रेलवे में हरी झंडी या हरी बती दिखाकर यह संकेत दिया जाता है कि गाड़ी चले। कंडक्टर बस को रोकने या चलाने के लिए अलग-अलग तरह की सीटी बजाता है। स्काउट / गाइड अपनी बात कहने के लिये कई तरह के संकेतों का प्रयोग करते हैं। बच्चा भी हँसकर या रोकर अपने भाव प्रकट करता है। यह सब संकेत की भाषा है, लेकिन इन संकेतों, इशारों और चिह्नों को सही मायने में भाषा नहीं कह सकते। भाषा तो भाव और विचार प्रकट करने वाले उन ध्वनि-संकेतों को कहते हैं, जो मानव मुख से निकले हो।
अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के हमारे पास अनेक साधन हैं। रेलवे में हरी झंडी या हरी बती दिखाकर यह संकेत दिया जाता है कि गाड़ी चले। कंडक्टर बस को रोकने या चलाने के लिए अलग-अलग तरह की सीटी बजाता है। स्काउट / गाइड अपनी बात कहने के लिये कई तरह के संकेतों का प्रयोग करते हैं। बच्चा भी हँसकर या रोकर अपने भाव प्रकट करता है। यह सब संकेत की भाषा है, लेकिन इन संकेतों, इशारों और चिह्नों को सही मायने में भाषा नहीं कह सकते। भाषा तो भाव और विचार प्रकट करने वाले उन ध्वनि-संकेतों को कहते हैं, जो मानव मुख से निकले हो।
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
उर्जा के रूप
प्रकार
विधुत उर्जा
रासायनिक
गतिज
प्रकाश
स्त्त्हिज
आदि प्रकार
दो मुख्या प्रकार की उर्जा गतिज तथा स्त्त्हिज उर्जा का विवरण
और इनके उदाहरण best gif file incloude
Presentation in Hindi on Bicycles: Means of Transpiration by student Sake Kruk, BA International studies, Leiden University, the Netherlands
#Hindi-Urdu
जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है।
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
उर्जा के रूप
प्रकार
विधुत उर्जा
रासायनिक
गतिज
प्रकाश
स्त्त्हिज
आदि प्रकार
दो मुख्या प्रकार की उर्जा गतिज तथा स्त्त्हिज उर्जा का विवरण
और इनके उदाहरण best gif file incloude
Presentation in Hindi on Bicycles: Means of Transpiration by student Sake Kruk, BA International studies, Leiden University, the Netherlands
#Hindi-Urdu
जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है।
Environmental studies and disaster management notes AFOR5221 (hindi)ISHAN DEWANGAN
1. Multidisciplinary Nature Of Environmental Studies: Definition, Scope And
Importance
2. Natural Resources: Renewable and Non-Renewable Resources, Natural Resources
and Associated Problems.
A) Forest Resources: Use and Over Exploitation, Deforestation, Case Studies
Timber Extraction, Mining, Dams And Their Effect On Forest And Tribal People.
B) Water Resources: Use and Over Utilization of Surface and Ground Water,
Floods, Drought, Conflicts Over Water, Dams- Benefits and Problems.
C)Mineral Resources: Use and Exploitation, Environmental Effects of Extracting
and Using Mineral Resources, Case Studies.
3. D) Food Resources: World Food Problems, Changes Caused by Agriculture and
Overgrazing, Effects of Modern Agriculture, Fertilizer Pesticide Problems, Water
Logging, Salinity, Case Studies.
E) Energy Resources: Growing Energy Needs, Renewable and Non-Renewable
Energy Sources, Use of Alternate Energy Sources. Case Studies
F) Land Resources: Land as A Resource, Land Degradation, Man Induced
Landslides, Soil Erosion and Desertification. Role Of an Individual in Conservation
of Natural Resources. Equitable Use of Resources for Sustainable Lifestyles.
4. Ecosystems: Concept of An Ecosystems, Structure and Function of An Ecosystems,
Producers, Consumers and Decomposers, Energy Flow in Ecosystems.
5. Ecological Succession, Food Chains, Food Webs, And Ecological Pyramids.
Introduction, Types, Characteristic Features
6. Structure and Function of The Following Ecosystem: A. Forest Ecosystems B.
Grassland Ecosystems C. Desert Ecosystems D. Aquatic Ecosystems (Ponds,
Streams, Lakes, Rivers, Oceans, Estuaries)
7. Biodiversity and Its Conservation: Introduction, Definition, Genetic, Species &
Ecosystem and Diversity and Biogeographical Classification of India. Value Of
Biodiversity: Consumptive Use, Predictive Use, Social, Ethical, Aesthetic And Option
Values. Biodiversity At Global, National and Local Levels, India as A Mega- Diversity
Nation. Hotspots Of Biodiversity.
8. Threats to Biodiversity: Habitat Loss, Poaching of Wildlife, Man- Wildlife Conflicts.
Endangered And Endemic Species of India. Conservation Of Biodiversity:
In-Situ and Ex-Situ Conservation of Biodiversity.
9. Environmental Pollution: Definition, Causes, Effects And Control Measures Of Air,
Water, Soil, Marine, Noise, Thermal Pollution, Nuclear Hazards. Solid Waste
Management: Causes, Effects and Control Measure of Urban and Industrial Wastes.
Role Of Individual in Prevention of Pollution.
10. Social Issues and Environment: From Unsustainable to Sustainable Development,
Urban Problems Related to Energy, Water Conservation, Rain Water Harvesting,
Watershed Management Environmental Ethics: Issues and Possible Solutions,
Climate Change, Global Warming, Acid Rains, Ozone Layer Depletion, Nuclear
Accidents and Holocaust. Dies, Wasteland Reclamation. Consumerism And Waste
Products. Etc
hindi notes for hindi medium students.
Indira Gandhi krishi vishwavidyalaya raipur
वह प्रक्रिया, जिससे किसी आबादी में, जो किसी विशिष्ट स्थान पर एक साथ वास करते हों, एक बहुत ही लंबे समय में बदलाव आते हैं, उसे जैव विकास (एवोल्यूशन) कहते हैं।
पर्यावरण एवं सतत विकास || Paryawaran || Shanti shiksha || AkhilAkhil
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Shanti shiksha Evam Satat Prayas
पर्यावरण एवं सतत विकास
Environment and sustainable development
Effects of Hath yogic Practice on human body systems, Assignment work For M.A yoga 2nd semester in https://www.dsvv.ac.in Haridwar. for more visit on https://www.omvishwajit.blogspot.in
पौरुष ग्रंथि Prostate
मनुष्य के शरीर में पौरुष ग्रंथि या प्रोस्टेट ग्रंथि ही एक मात्र अंग है जिसे पुरुषार्थ का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि पुरुष की परम श्रेष्ठ धातु शुक्र या वीर्य पौरुष ग्रंथि में ही बनती है। शरीर की सात धातुओं में सातवीं धातु शुक्र अथवा वीर्य सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। केवल वीर्य ही शरीर का अनमोल आभूषण है, वीर्य ही शक्ति है, वीर्य ही सुन्दरता है। शरीर में वीर्य ही प्रधान वस्तु है। वीर्य ही आँखों का तेज है, वीर्य ही ज्ञान, वीर्य ही प्रकाश है, वीर्य ही वेद हैं और वीर ही ब्रह्म है। वीर्य का संचय करना ही ब्रह्मचर्य है। वीर्य ही एक ऐसा तत्त्व है, जो शरीर के प्रत्येक अंग का पोषण करके शरीर को सुन्दर व सुदृढ़ बनाता है। वीर्य ही आनन्द-प्रमोद का सागर है। जिस मनुष्य में वीर्य का खजाना है वह दुनिया के सारे आनंद-प्रमोद मना सकता है और सौ वर्ष तक जी सकता है। वीर्य में नया शरीर पैदा करने की शक्ति होती है। जब तक शरीर में वीर्य होता है तब तक शत्रु की ताकत नहीं है कि वह भिड़ सके, रोग इसे दबा नहीं सकता। भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया भी बड़ी लम्बी और जटिल है, जो प्रोस्टेट में ही सम्पन्न होती है। इस बारे में श्री सुश्रुताचार्य ने लिखा है :
रसाद्रक्तं ततो मांसं मांसान्मेदः प्रजायते ।
मेदस्यास्थिः ततो मज्जा मज्जाया: शुक्रसंभवः ।।
कहते हैं कि वीर्य बनने में करीब 30 दिन व 4 घंटे लग जाते हैं। वैज्ञानिक लोग कहते हैं कि 32 किलोग्राम भोजन से 700 ग्राम रक्त बनता है और 700 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है। ग्रीक भाषा में भी प्रोस्टेट का मतलब होता है "One who stands before" यानि "Protector" या "Guardian" अर्थात यह पूरे शरीर का संरक्षक या पालनहार है। प्रोस्टेट के बारे में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सन् 2002 में फेडरल इंटरनेशनल कमेटी ऑन टर्मिनोलोजी ने स्त्रियों की पेरा
Bilingual and interesting notes for class X Geography Chapter- 1.
Topics which are covered in this ppt-
- Classification of resources
- Resource planning
- sustainable development
- Agenda 21
- Land resources
- Land utilization
- Land use pattern
- Soil as resource
- Types of soil
- Soil erosion
- Soil conservation
मनुष्य के शरीर में पौरुष ग्रंथि या प्रोस्टेट ग्रंथि ही एक मात्र अंग है जिसे पुरुषार्थ का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि पुरुष की परम श्रेष्ठ धातु शुक्र या वीर्य पौरुष ग्रंथि में ही बनती है। शरीर की सात धातुओं में सातवीं धातु शुक्र अथवा वीर्य सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। केवल वीर्य ही शरीर का अनमोल आभूषण है, वीर्य ही शक्ति है, वीर्य ही सुन्दरता है। शरीर में वीर्य ही प्रधान वस्तु है। वीर्य ही आँखों का तेज है, वीर्य ही ज्ञान, वीर्य ही प्रकाश है, वीर्य ही वेद हैं और वीर ही ब्रह्म है। वीर्य का संचय करना ही ब्रह्मचर्य है। वीर्य ही एक ऐसा तत्त्व है, जो शरीर के प्रत्येक अंग का पोषण करके शरीर को सुन्दर व सुदृढ़ बनाता है। वीर्य ही आनन्द-प्रमोद का सागर है। जिस मनुष्य में वीर्य का खजाना है वह दुनिया के सारे आनंद-प्रमोद मना सकता है और सौ वर्ष तक जी सकता है। वीर्य में नया शरीर पैदा करने की शक्ति होती है। जब तक शरीर में वीर्य होता है तब तक शत्रु की ताकत नहीं है कि वह भिड़ सके, रोग इसे दबा नहीं सकता। भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया भी बड़ी लम्बी और जटिल है, जो प्रोस्टेट में ही सम्पन्न होती है।
2. पररभतषत
वातावरण के जैववक एव अजैववक घटकों की
अंततक्रियाओं में िमबद बने तंत्र को ही
पररस्थिक तंत्र कहते है|
3. प्रस्तवनत
• प्रितत में कोई भी जीवधारी अके ला नहीं रह
सकता ,उसके चारो ओर अनेक प्रकार जैववक
अजैववक वथतुए उपस्थित रहती है जो एक दूसरे
को प्रभाववत एव तनयस्रत्रत करते है |जीवो एव
पयावतरण के इन संबधो का अध्ययन पररस्थिक
तंत्र कहलाता है|
4. अनुक्रमणिकत
• 1- प्रथतावना
• 2 –पररभाषा
• 3 –पररस्थिक तंत्र के घटक
• 4 - पररस्थिक तंत्र के घटको में संबध
• 5-पररस्थिक तंत्र के प्रकार
• 6 –खाद्य श्रृखला
• 7- खाद्य जाल
• -8 उपसंहार
• 9 प्रश्नोत्तरी
• 10 –गृह कायत
• 11 -संदभत
5. पररस्स्िक तन्त्र के ववमभन्त्न घटक
परिस्थिक तंत्र के घटक
अजैविक
कार्बनिक
(कार्ोहाइड्रेट,वसा,प्रोनट
ि,निनिड)
अकार्बनिक (O2 , N2 ,
Ca, P, K, Fe ,S etc)
जिवायुवीय (प्रकाश,ताि
,वर्ाब)
जैविक
उत्िादक हरे िौधे उिभोक्ता
प्राथनिक (शाकाहारी)
नितीयक (िाांसाहारी
) तृतीयक (सवोच्य िाांसाहारी)
अिघटक
6. एक प्रतरूवपक पररस्स्िक तांर के ववमभन्त्न घटकों में
सम्बन्त्ध
उत्पादक
प्राथविक उपभोक्ता
वितीयक उपभोक्ता
तृतीयक उपभोक्ता
भूवि के
अजीविक
घटक अपघटक
सूयब
7. पररस्स्िक तांर के प्रकतर
पररस्थिक तंत्र के प्रकार
1) कृ ततम
2) प्राकृ ततक
i) थिलीय
ii) जलीय
a) थव जलीय
ील
नदी
b) समु ीय
महासागरीय
समु ीय
8. खतद्य श्रृखलत
-भोजन रूपी उजता कत स्ितनतन्त्तरि पौधो,वनस्पनतयों से शतकतहतरी और
शतकतहतरी से मतांसतहतरी प्रतणियों तक भक्षि की ननरांतर ववधध के द्वतरत चलतत ह |
सवोच्च
मतांसतहतरी
तृतीयक
उपभोक्तत
द्ववतीयक
उपभोक्तत
प्रतिममक
उपभोक्तत
उत्पतदक
9. खतद्य जतल-जब अनेक खतद्य श्रृखलतये आपस में जुडकर एक जढटल पि
बनतती ह,तो समस्त श्रृखलतओां कत एक जतल बन जततत ह |खतद्य श्रृखलतओां के इस
जतल को खतद्य जतल कहते ह |
10. उपसंहार
• क्रकसी भी पररस्थिततक तंत्र में रहने के वाले सभी
जीव महत्वपूणत होते है क्योक्रक सभी आपस में
अरयोन क्रिया करते है |क्रकसी भी पररस्थिक तंत्र
में स्जतने अधधक (प्रकार के ) जीव होंगे वह
उतना ही अधधक थिायी होगा |
11. प्रश्नोत्तरी
• 1 –मनुष्य होता है ?
• 1- उत्पादक 2 –मांसाहारी ३-शाकाहारी 4 –सवतभक्षी
• उत्तर –सवतभक्षी
• 2 –खाद्य श्रृखला के प्रास्भभक जीव है
• प्रािममकउपभोक्ता 2 प्रकाशसंषेली 3-ददततयक उपभोक्ता 4-सवो च उपभोक्ता
• उत्तर –प्रािममक उपभोक्ता
• 3 –मानव तनममतत पररस्थिक तंत्र है ?
• 1 –तालाब 2-खेत 3 खेत 4 – ील
• उतर -खेत