Using Rational Publishing Engine to generate documents from Rational RhapsodyGEBS Reporting
The goal of this tutorial is to introduce to the user the basics of using Rational Publishing Engine to extract data from Rational Rhapsody and create output documents to present in a friendly way the extracted data.
At the end of this tutorial the user will know how to create an RPE template for Rhapsody, how to obtain a valid Rhapsody schema and how to run a document specification to extract data from Rational Rhapsody.
Learn why is the sales funnel divided into five categories:
- Acquisition
- Activation
- Retention
- Revenue
- Referral
And why should the marketing department be responsible for all 5 stages and not only acquisition.
Workshop 7 Teaching about Science and InventionsMaryna Tsehelska
Though technological developments are a topic of many discussions, it is not an easy task to teach about them. Science and Technology appear to be a topic as vast and boundless as modern life itself. So, to make teaching of them more effective, I suggest a couple of ideas, which are also the key points for the workshop:
1) Understanding how inventions are made and how they work. This may be a part of any topic that involves instruments (Dwelling, School, Films, Books, etc.) and where we may talk about enhancements.
2) Inventions from historical point of view – when they were made and how they work.
3) Development of language awareness and general world view while talking about inventions.
मानव ऐसे होती है जिस प्रकार किसी मशीन (Machine) का आधार अनेक कल पूजे होते है, उसी प्रकार मनुस्य का शरीर भी अनेक अवयवों का सम्मलित स्वरुप है। मशीन और मनुस्य मे मुख्य अंतर यही है की मशीन निस्न्राण होती हे , और उसका संचालन किसी मनुस्य के ऊपर ही निर्भर रहता है। जबकि मनुस्य सप्राण होता है और अंड्ड संचालन खुद उसी की इच्छा पर निर्भर रहता है।
तंत्रिका तंत्र पर योग का प्रभाव (Effect of yoga on nerves system)vishwjit verma
Effects of yoga on Nerves System ; A assignment Work Done by Dsvv M.A Human consciousness & yogic Science Student. Effect of Shatkarma , Asanas, Pranayamas, Mudra bandh, Pratyahar, dharna- Dhyana Mantra yoga, Kundalini etc On Nerves System.
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गुर्दों की गीता
गुर्दों का आर्थिक और सामाजिक महत्व
गुर्दा या वृक्क शरीर का बहुत मँहगा और दुर्लभ अंग है। आदमी का रौब, रुतबा, शान-शौकत, बाज़ुओं की ताकत सब कुछ गुर्दे के दम से ही होती है। आपके गुर्दे में दम-खम है तो दुनिया डरती है, सलाम करती है। गुर्दे के दम पर कई बिना पढ़े या कम पढ़े लोग भी नेता, मुख्य मंत्री या बड़े-बड़े ओहदों पर पहुँच जाते हैं। फिर गुर्दों की देख-भाल और सुरक्षा में हम कोई कोताही क्यों बरतें। देख लीजियेगा समय आने पर गुर्दे के मामले में सगे-संबन्धी तथा इष्ट-मित्र किनारा कर लेंगे और तन-मन न्यौछावर करने वाली आपकी अंकशायिनी या चाँद-सितारे तोड़ कर लाने वाला आपका बलमा भी धोखा दे जायेगा। गुर्दा खरीदना भी आसान काम नहीं है। बाज़ार में गुर्दे सिमित हैं, कीमतें आसमान को छू रही हैं और खरीदने वालों की कतार बड़ी लम्बी है। भारत गुर्दे के रोगों में भी विश्व की राजधानी है।
गुर्दों की गीता
गुर्दों का आर्थिक और सामाजिक महत्व
गुर्दा या वृक्क शरीर का बहुत मँहगा और दुर्लभ अंग है। आदमी का रौब, रुतबा, शान-शौकत, बाज़ुओं की ताकत सब कुछ गुर्दे के दम से ही होती है। आपके गुर्दे में दम-खम है तो दुनिया डरती है, सलाम करती है। गुर्दे के दम पर कई बिना पढ़े या कम पढ़े लोग भी नेता, मुख्य मंत्री या बड़े-बड़े ओहदों पर पहुँच जाते हैं। फिर गुर्दों की देख-भाल और सुरक्षा में हम कोई कोताही क्यों बरतें। देख लीजियेगा समय आने पर गुर्दे के मामले में सगे-संबन्धी तथा इष्ट-मित्र किनारा कर लेंगे और तन-मन न्यौछावर करने वाली आपकी अंकशायिनी या चाँद-सितारे तोड़ कर लाने वाला आपका बलमा भी धोखा दे जायेगा। गुर्दा खरीदना भी आसान काम नहीं है। बाज़ार में गुर्दे सिमित हैं, कीमतें आसमान को छू रही हैं और खरीदने वालों की कतार बड़ी लम्बी है। भारत गुर्दे के रोगों में भी विश्व की राजधानी है।
मलेरिया परजीवी का जीवन चक्र
मलेरिया प्लास्मोडियम वंश के प्रोटोज़ोआ परजीवियों से फैलता है। इस वंश की पाच प्रजातियां मानव को संक्रमित करती हैं - प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम, प्लास्मोडियम वाईवैक्स, प्लास्मोडियम ओवेल, प्लास्मोडियम मलेरिये तथा प्लास्मोडियम नौलेसी। इनमें से सबसे पराक्रमी और घातक पी. फैल्सीपैरम माना जाता है, मलेरिया के 80 प्रतिशत रोगी इसी प्रजाति के संक्रमण की देन है। मलेरिया से मरने वाले 90 प्रतिशत रोगियों का कारण पी. फैल्सीपैरम संक्रमण ही माना गया है।
कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई है। प्रत्येक जीव कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। जीवो के गुण दोष आकृति शारीरिक बनावट संरचना आदि सभी इन्हीं कोशिकाओं द्वारा निर्धारित होती है।
कोशिका की खोज-
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 ईसवी में एक सामान्य सूक्ष्मदर्शी द्वारा एक कॉर्क के टुकड़े को देखकर की। उन्होने कॉर्क के टुकडे को जब सूक्ष्मदर्शी के नीचे रखकर देखा तो उन्हे विभाजित कोष्ठको के सामान संरचना दिखाई दी। यह संरचना मधुमक्खी के छत्ते के जैसी प्रतीत हुई। प्रत्येक कोष्ठक दूसरे से एक दीवार जैसी संरचना अलग दिखा। हुक ने इन्हें Cell(कोशिका) नाम दिया।
कोशिका-
कोशिका सभी प्राणियों की मूलभूत संरचना है। जिस प्रकार किसी बिल्डिंग में समान संरचना की ईंट के प्रयोग से भिन्न-भिन्न संरचनाएं, आकृतियां, आकार बनाए जाते हैं प्रकार जीवो में भी सभी संरचनाएं इन्हीं कोशिकाओं के द्वारा बनी होती है। मुर्गी का अंडा भी एकल कोशिका का उदाहरण है। इसका आकार इतना बड़ा होता है की इसे नग्न आंखों द्वारा देखा जा सकता है।
1. कोिशका– जीवन की इकाई(सबसे छोिट जीिवत वसतु) I
सारे जीिवत पािणयो को अगर बहत ही पास से देखा
जाए तो हमे कु छ इस तरह िक आकितया िदखाई देगी ।
जंतुओ मे पौधो मे
हर जीिवत जीव कोिशकाओ से िमलकर ही बना है
2. मानव शरीर कोिशकाओ से
िमलकर बनता है ।
तवचा की कोिशक
िदमाग की कोिशका
रक कोिशकाए
7. जंतू कोिशका
The cytosol is the "soup" within which all the
other cell organelles reside and where most of
the cellular metabolism occurs. Though mostly
water, the cytosol is full of proteins that
control cell metabolism including signal
transduction pathways, glycolysis, intracellular
receptors, and transcription factors.
Cytoplasm is a collective term for the cytosol
plus the organelles suspended within the
cytosol.
Note: कोिशका अंगक:- माइटोकोिनडया, राइबोसोम, लाइसोसोम,
गालजीकाय आदी
कोिशकािवलेय:- कोिशका दव िबना िकसी कोिशका अंगक
के (अिधकतर पानी)