गांव की कहानी युवा की ज़ुबानी
गांव गांव हरियाणा : 2nd Jan, 2019 - जिला महेन्दरगढ़ के नांगल चौधरी पंचायत समिति के अंतर्गत छोटे से गांव अकबरपुर के युवा संदीप सेहरावत, जो की गुरुग्राम में आईटी कंपनी में काम करते है, उन्होंने हमारे साथ गांवो के हालातों पे चर्चा की । उन्होंने बताया की वो भी गांव से है और किसान के बेटे है । इसलिए वो अच्छे से समझते है की गांव के लोगों को शहरी लोगों की उपेक्षा बहुत कुछ सहना पड़ता है |
आपसी सहयोग और दूरदर्शी सोच के साथ गांव की तस्वीर बदल सकते है गांव के लोग
1. गांव क कहानी युवा क ज़ुबानी
आपसी सहयोग और दूरदश सोच के साथ गांव क त वीर बदल सकते है गांव के लोग
गांव गांव ह रयाणा : 2nd Jan, 2019 - िजला महे दरगढ़ के नांगल चौधर पंचायत स म त के
अंतगत छोटे से गांव अकबरपुर के युवा संद प सेहरावत, जो क गु ाम म आईट कं पनी म काम करते
है, उ ह ने हमारे साथ गांवो के हालात पे चचा क । उ ह ने बताया क वो भी गांव से है और कसान के
बेटे है । इस लए वो अ छे से समझते है क गांव के लोग को
शहर लोग क उपे ा बहुत कु छ सहना पड़ता है |
उ ह ने बताया क आज गांव वो पुराने वाले गांव नह ं रहे ।
समय के साथ गांवो का वकास होना चा हए था पर तु गांवो म
ऐसा नह ं हुआ इसके वपर त गांवो के हालत बदतर हो गए है ।
उ ह ने बताया क आप मेरे गांव को ह देख ल िजए आज गांव
के चार तरफ शराब के ठेके खुल गए है िजससे अ धकतर युवा
और बुजुग नशे क लत म जकड़े जा चुके है । कू ल क हालत
भी बहुत खराब है, जहाँ पहले कू ल म सकड़ो ब चे होते थे
आज दजन भर ब चे बचे है । आज अगर आप गांव क सड़क
को देखगे तो आपको सड़क तो अ छ दखाई देगी पर तु उस पे
चलने वाला इंसान आपको लड़खड़ाता हुआ दखाई देगा, कसी को शराब ने तोड़ रखा है तो कसी को
हालत ने ।
जब भी चुनाव आते है चाहे वो लोकसभा के हो,
वधानसभा के हो या फर पंचायत चुनाव हो
शराब क तो जैसे खुल टं कया लग जाती है
गांव म । हर एक चुनाव म 10 - 20 नए युवा
शराब क लत म जकड़े जाते है । चुने हुए
वधायक भी गांव म या तो चुनाव के समय वोट
मांगने के लए आते है या फर कसी रैल
जलसे के लए लोगो क भीड़ जुटाने के लए ।
युवा बेरोजगार घूम रहे है, गरते जल सतर और
नहर पानी क कमी ने कसान क कमर तोड़
रखी है । आज गांव के अ धकतर लोग अपना
गुजारा जैसे तैसे चला रहे है । और ये हालत
सफ मेरे गांव के नह ं अ धकतर गांवो क
हालत ऐसे ह है । सरकार से भी कोई खास
मदद नह ं मल पाती है, गनी चुनी ांट आती
है ।
आज सरकार डिजटल इं डया क बात तो करते
है डिजटल गांव को लेके कोई यास नह ं कये
जाते, यह कारण है क आज कागजात म तो
हंदु तान के गांवो का वकास दखता है पर तु
धरातल पे जो त वीर आज गांवो क वो इसके
बलकु ल वपर त है ।
जो भी क म गांव के वकास के लए आती है
चाहे वो डिजटल सा रता मशन हो या कोई
और योजना उसका फायदा गांव के लोगो को न
मलके के वल उस इंसान को मलता है जो
सरकार से उस काम के पैसे ले रहा है यो क ये
लोग लोगो के नाम दखा के सरकार से पैसे तो
ले लेते है पर तु श ा के नाम पर गांव के लोगो
को कु छ हाथ नह ं लगता । इसके लए के वल
सरकार को दोष देना गलत होगा, कु छ हद तक
गांव के लोग भी इसके लए िज मेदार है ।
2. गांव के लोग का जाग क ना होना, युवाओं का स य राजनी त म आगे ना आना, म हलाओं को पु ष
से कम समझना भी कु छ हद तक िज मेदार है |
गांव के लोग अगर चाहे तो वो खुद अपने गांव क त वीर बदल सकते है । कतने ऐसे काम है, िजनको
ाम पंचायत क मदद से गांव के लोग क मदद से कये जा सकते है चाहे वो शराब के ठेके बंद करना
हो, पयावरण को साफ़ सुथरा रखना, लोगो को सरकार क नी तय के बारे म जानकार देना, लोगो को
डिजटल श ा के बारे म बताना, युवाओं को रोज़गार के बारे म जाग क करना, सोलर ऊजा को बढ़ावा
देना, युवाओ के लए खेल और अ य तयो गताओं का आयोजन करना, समय के साथ खेती म
बदलाव, कू ल के हालत पे चचा करना - यो क आस पास क िजतने भी ाइवेट कू ल है वो सरकार
कू ल से अ छे नह ं बस सफ देख रेख का फक है, लघु उधोगो क थापना करना - जैसे सरस से तेल
नकलना, आलू से च स बनाना, फै शन डज़ाइनर, सलाई आ द ऐसे बज़नेस है िजनको घर बैठ कर
चलाया जा सकता है और ऑनलाइन डल वर के मा यम से शहर तक पहुंचाया जा सकता है ।
मगर ये सब तभी संभव है जब लोग एक दूसरे के साथ मलके काम करे, लोगो का जाग क होना बहुत
ज र है, चुनी हुई पंचायत का दूरदश सोच और पढ़ा लखा होना ज र है । यो क अगर आप
जाग क है तभी सरकार क नी तओ का लाभ उठा सकते है । आज ज रत है एक अ छ सोच और नेक
इराद के साथ काम करने क वरना आने वाले समय म गांवो क हालत बद से बदतर हो जाएगी।
उ ह ने बताया क वो गांवो के वकास के लए कु छ करना चाहते है पर तु लोग का सहयोग और ाम
पंचायत का सहयोग ना मलने से अपने यास को आगे नह ं बढ़ा पा रहे है । पर तु वो अपना यास
जार रखगे, धीरे ह सह पर तु बदलाव ज़ र आएगा, आज नह ं तो कल लोग जागगे ज़ र ।