"अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब गांव के लोग एक-एक बून्द पानी को तरसने लगेंगे, किसान फसले नहीं उगा पायेगा और तब ये हमारी झूठी शान और पैसा कोई काम नहीं आएगा । "
हमारा कोई समाज नहीं होगा अगर हम पर्यावरण को नष्ट होने से नहीं बचाते है !!
1. हमारा कोई समाज नह ं होगा अगर हम पयावरण को न ट होने से
नह ं बचाते है !!
"अगर ऐसा ह चलता रहा तो वो दन दूर नह ं जब गांव के लोग एक-एक बू द पानी को तरसने लगगे,
कसान फसले नह ं उगा पायेगा और तब ये हमार झूठ शान और पैसा कोई काम नह ं आएगा । "
अकाल जैसे हालत पनपते जा रहे है, तापमान 45 ड ी से ऊपर जा रहा है, पेड़ घटते जा रहे, जल
तर गरता जा रहा है - फर ये झूठ शान और बड़े -बड़े महल कस काम के अगर रहने लायक
वातावरण नह ं होगा ।
एक बार आप सोच के देखो क कै से राज थान के लोग एक-एक बू द बा रश क बचा कर अपना
जीवन वयतीत करते है ? या आप चाहते है हमे भी वो दन देखना पड़े?
हो सकता हम सब अपनी आने वाल पीढ़ को अ छा बक बैलस देने म कामयाब हो जाय, पर तु या
अ छा वातावरण दे पाएंगे? या अकाल जैसी ि थ त से बचा पाएंगे ?
दो त , अगर बा रश समय पर नह ं होती तो हम लोग मं दर म पूजा करते है साद चढ़ाते है पर तु
भगवान भी उनक मदद करते है जो कु छ कम करते है । पानी को हम बचाते नह ं, पेड़ हम लगाते नह ं
और फर भगवान से दुआ मांगते है क एक दन क पूजा और साद से खुश होकर हमे हमार झोल
खु शओं से भर दे।
2. ना काम आयेगी कोई
भी दुआ,
य द जल और पेड़ो का
नाश हुआ |
पेड़ पौधे लगाओ,
पयावरण को बचाओ |
दो त चुनाव म तो अभी समय है, राजनी त बाद म कर लेना - अभी समय सबको एक साथ आने का
और पयावरण बचाने का । इस मानसून म बू द बू द पानी बचाना है और अ धक से अ धक पेड़
लगाने है ।
आज म इस आ टकल के मा यम से ाम पंचायत अकबरपुर से नवदेन करता हु घटते पेड़ और
गरते जल तर क ओर यान ज द ज द से दया जाय ।
कलम से...
Sandeep Sherawat
Social Activist, Haryana