संदीप सेहरावत बताते है की पंचायती राज को मजबूत बनाने के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देने होंगे । पंचायती सिस्टम के कार्यो में पारदर्शिता लानी होगी । आज भी हालत ऐसे है की सरकार से अगर एक रुपया आता है तो गांवो में 30 पैसे ही पहुंचते है और गांवो का विकास नहीं हो पाता है । बिचौलियो को हटाना होगा - पंचायतों के सभी कार्यों का लेखा-जोखा समय-समय पर सार्वजनिक हो ताकि पारदर्शिता बनी रहे । पंचायतों को भी जागरूक होना होगा, उनको आवाज़ उठानी होगी । पंचायतों को अपनी ज़िम्मेदारी अच्छे से निभानी होगी ।
हिंदुस्तान के अंदरूनी विकास के लिए पंचायती राज को मज़बूती देना जरुरी - संदीप सेहरावत
1. हंदु तान के अंद नी वकास के लए पंचायती राज को मज़बूती देना ज र - संद प
सेहरावत
आज हंदु तान बदलने क बात सब करते है जब क ये सबको पता है सम त हंदु तान को बदलना
इतना आसान नह ं है पर तु अगर एक - एक ाम पंचायत एक - एक गांव को बदलने का संक प ले
तो हंदु तान को बदलने से कोई नह ं रोक सकता ।
दो त आज जो चचा का वषय चुना है, वो हंदु तान क राजनी त और वकास के लए बहुत
मह वपूण है । ह रयाणा के रहने वाले संद प सेहरावत बताते है क आज आज़ाद के स र साल बाद
भी हंदु तान का वकास संतोष जनक नह ं है तो इसका मु य कारण है पंचायती राज का मजबूत ना
होना । आज रा य और देश क राजनी त को िजतना मह व दया जाता है उसका आधा भी अगर
पंचायती राज को दया जाता तो आज हंदु तान क त वीर कु छ और होती । आज पंचायती राज
स टम का ह सा तो होता है पर तु इस ह से को लकवा लगा हुआ है । जो सफ हल सकता है
पर तु कु छ करने क हालत म नह ं होता । य क हंदु तान म अ धकतर ऐसी पंचायते है िजनमे से
कसी को पंचायत स म त का सहयोग नह ं मलता, कसी को िजला अ य का तो कसी को
वधायक का । सब एक दूसरे क अकड़ नकालने म लगे रहते है और इस सब से नुकसान होता है
आम जनता का ।
कै से पंचायती राज को मजबूत कया जाये ? - संद प सेहरावत बताते है क पंचायती राज को
मजबूत बनाने के लए पंचायत को वशेष अ धकार देने ह गे । पंचायती स टम के काय म
पारद शता लानी होगी । आज भी हालत ऐसे है क सरकार से अगर एक पया आता है तो गांवो म 30
पैसे ह पहुंचते है और गांवो का वकास नह ं हो पाता है । बचौ लयो को हटाना होगा - पंचायत के
सभी काय का लेखा-जोखा समय-समय पर सावज नक हो ता क पारद शता बनी रहे । पंचायत को
भी जाग क होना होगा, उनको आवाज़ उठानी होगी । पंचायत को अपनी िज़ मेदार अ छे से
नभानी होगी ।
िजस कार देश का आम बजट आता है िजसमे वा य, श ा, सुर ा आ द सभी वभाग के लए
अलग अलग बजट तय कया जाता ठ क उसी कार ाम पंचायत का भी बजट वभाग के हसाब से
बाँटना चाइये ता क गाँवो का चौतरफा वकास हो सके । आज अ धकतर ाम पंचायते अपने काय
काल म सफ सड़क और पानी क टं कया ह बनवा पाती है । ना वा य को ले कर कु छ काम हो
पाता है और ना ह श ा को ले कर । ाम पंचायत को ये अ धकार हो क वो अपने गाँवो के वकास
के लए काय क सूची खुद बना सके । इसके साथ ह ाम पंचायत के कायकाल के दौरान समय
अनुसार ये तय कया जाये क इतना काम एक साल म होना ज र है अगर तय समय म वो काम
नह ं हो पता है तो उस पर ठोस कदम उठाया जाये और जो भी अ धकार उसके लए िज मेदार है चाहे
2. वो पंचायत स म त हो, िजला अ य हो या फर ाम पंचायत उनको जुमाना लगाया जाये ।
अ छ सोच और नेक इरादे वाले उ मीदवार को चुनना होगा - संद प सेहरावत कहते है क जब तक
नेक इरादे और अ छ सोच के उ मीदवार पंचायत म नह ं ह गे तब तक गांव के वकास को आगे
नह ं बढ़ाया जा सकता । आज पढ़े लखे होने के साथ-साथ नेक इरादे और अ छ सोचा होना भी ज र
है । िजस तर के से राजनी तक पा टयाँ अपना चुनावी घोषणा प चुनाव से पहले सावज नक करती है
उसी कार पंचायती उ मीदवार के लए भी ये ज र कया जाये क वो भी अपना चुनावी घोषणा प
जार करे ता क उनक सोच और राजनी तक द ता के बारे म पता लग सके । युवाओं व् म हलाओं
को राजनी त म आगे आना होगा । बुजुग को साथ लेके चलना होगा । एक दूसरे के गले स वे मटा
कर सबको साथ आना होगा ।
आज हंदु तान बदलने क बात सब करते है जब क ये सबको पता है सम त हंदु तान को बदलना
इतना आसान नह ं है पर तु अगर एक - एक ाम पंचायत एक - एक गांव को बदलने का संक प ले
तो हंदु तान को बदलने से कोई नह ं रोक सकता ।
कलम से...
Sandeep Sherawat
Social Activist, Haryana