Sangya Introduction for beginners. Learn Sangya in hindi, संज्ञा की परिभाषा सरल शब्दोंं में एवंं संज्ञा के भेद , Learn Hindi Grammar, Basic Hindi grammar, हिन्दी सीखिए, चित्रों के साथ संज्ञा का सरल परिचय,
Grammar is an inevitable part of a language.Without teaching and learning grammar we cannot achieve an effective language capacity.This Presentation includes the importance, aims,objectives and methods of teaching grammar in Hindi.
Sangya Introduction for beginners. Learn Sangya in hindi, संज्ञा की परिभाषा सरल शब्दोंं में एवंं संज्ञा के भेद , Learn Hindi Grammar, Basic Hindi grammar, हिन्दी सीखिए, चित्रों के साथ संज्ञा का सरल परिचय,
Grammar is an inevitable part of a language.Without teaching and learning grammar we cannot achieve an effective language capacity.This Presentation includes the importance, aims,objectives and methods of teaching grammar in Hindi.
Here a brief description of hindi grammar. In hindi grammar I picked up important topics i.e. Kirya, Visheshan and visheshay. These are most important topic of hindi grammar.
1. AWADH CENTRE OF EDUCATION
INSTITUTE OF VOCATIONALSTUDIES
BACHELOR OF EDUCATION (B.Ed.)
PROGRAMME SESSION- 2018 – 2020
Submited by- Shabana Bano Enrollment no-
1220568
3. सामान्य उद्देश्य
छात्रों को व्याकरण की सामान्य जानकारी देना |
छात्रो को भाषागत कोशालो का विकास करना |
छात्र को राष्ट्र भाषा से पररचित करना |
व्याकरण के व्यािहाररक पक्ष पर बल देना|
Lesson plan 2.doc
4. विशिष्ट उद्देश्य
ज्ञानात्मक उदेश्य :
छात्र सिवनाम की पररभाषा को जान पाएंगे |
बोधात्मक उदेश्य :
छात्र सिवनाम के भेदों में अंतर कर पाएंगे |
प्रयोगात्मक उदेश्य :
छात्र सिवनाम खुद सिवनाम के उदहारण बना सकें गे |
कोश्लात्मक उदेश्य :
छात्रो का भाषा का ज्ञान बढेगा |तथा उनको व्याकरण का पूरा ज्ञान होगा उन्हें |
5. सिवनाम क्या है?
यह संज्ञा के स्थान पर आता है। संज्ञा और संज्ञा िाकयांशों
को आम तौर पर िह, यह, उसका और इसका जैसे सिवनाम
द्िारा प्रततस्थावपत कर सकते हैं, ताकक दोहराि या सुस्पष्ट्ट
पहिान के पररहार, या अन्य ककसी कारण से. उदाहरण के
ललए, िह राम है।
कामताप्रसाद गुरू के मतानुसार- सिवनाम उस विकारी शब्द
को कहते हैं जो पूिावपर संबंध से ककसी भी संज्ञा के बदले में
आता है, जैसे, मैं (बोलनेिाला), तू (सुननेिाला), यह (तनकट-
िती िस्तु), िह (दूरिती िस्तु) इत्यादद। िाकय में जजस शब्द
का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सिवनाम कहते हैं।
सिवनाम शब्द का अथव है- सब का नाम। संज्ञा जहााँ के िल
उसी नाम का बोध कराती है, जजसका िह नाम है, िहााँ
सिवनाम से के िल एक के ही नाम का नहीं, सबके नाम का
बोघ होता है।
6. सिवनाम
िाकय में जजस शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में
होता है, उसे सिवनाम कहते हैं। सिवनाम शब्द का
अथव है- सब का नाम। संज्ञा जहााँ के िल उसी नाम
का बोध कराती है, जजसका िह नाम है, िहााँ सिवनाम
से के िल एक के ही नाम का नहीं, सबके नाम का
बोघ होता है। जैसे – राधा कहने से के िल इस
नामिाली लड़की का बोध होगा ककन्तु सीता, गीता,
राम, श्याम सभी अपने ललए मैं का प्रयोग करते हैं
तो मैं इन सबका नाम होगा। इसी तरह बोलनेिाले
अनेक नामों के बदले तुम या आप और सुननेिाले
अनेक नामों के बदले िह या िे का प्रयोग होता है।
7. सिवनाम के प्रकार
पुरूषिािक - मैं, तू, िह, मैंने
तनजिािक - आप
तनश्ियिािक - यह, िह
अतनश्ियिािक।- कोई, कु छ
संबंधिािक - जो, सो
प्रश्निािक - कौन, क्या
8.
9. पुरूषिाचक सिवनाम
जजस सिवनाम का प्रयोग िक्ता या लेखक द्िारा स्ियं अपने शलए अथिा
ककसी अन्य के शलए ककया जाता है, िह 'पुरुषिाचक (व्यजक्तिाचक्)
सिवनाम' कहलाता है। पुरुषिाचक (व्यजक्तिाचक) सिवनाम तीन प्रकार के
होते है |
1. उत्तम पुरुषिाचक सिवनाम- जजस सिवनाम का प्रयोग बोलने िाला स्ियं
के शलए करता है, उसे उत्तम पुरुषिाचक सिवनाम कहा जाता हैं। जैसे -
मैं, हम, मुझे, हमारा आदद।
2. मध्यम पुरुषिाचक सिवनाम- जजस सिवनाम का प्रयोग बोलने िाला श्रोता
के शलए करे, उसे मध्यम पुरुषिाचक सिवनाम कहते हैं। जैसे -
तू, तुम, तुझे, तुम्हारा आदद।
10. सिवनाम के प्रकार
3. अन्य पुरुषिाचक सिवनाम- जजस सिवनाम का प्रयोग बोलने
िाला श्रोता के अततररक्त ककसी अन्य पुरुष के शलए करे, उसे
अन्य पुरुषिाचक सिवनाम कहते हैं। जैसे-
िह, िे, उसने, यह, ये, इसने, आदद।
पुरूषिाचक सिवनाम- जो सिवनाम िक्ता (बोलनेिाले), श्रोता
(सुननेिाले) तथा ककसी अन्य के शलए प्रयुक्त होता है, उसे
पुरूषिाचक सिवनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तू, िह आदद।
पुरूषिाचक सशलए िवनाम के तीन भेद हैं- अ. उत्तम पुरूष-
िक्ता या लेखक अपने उत्तम पुरूष का प्रयोग करते हैं। जैसे-
मैं शलखता हूूँ। हम शलखते हैं।
इन िाक्यों में मैं और हम िब्द उत्तम पुरूष सिवनाम हैं। आ.
मध्यम पुरूष- श्रोता के शलए मध्यम पुरूष का प्रयोग होता है।
जैसे- तुम जाओ। आप जाइये। इन िाक्यों में तुम और आप
िब्द मध्यम परूष ह। इ. अन्य परूष- िक्ता या लेखक द्िारा
11. तनजिाचक सिवनाम-
जहाूँ स्ियं के शलए ‘आप’, ‘अपना’ अथिा ‘अपने’,
‘आप’ िब्द का प्रयोग हो िहाूँ तनजिाचक सिवनाम
होता है। इनमें ‘अपना’ और ‘आप’ िब्द उत्तम, पुरुष
मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्ियं का) अपने
आप का ज्ञान करा रहे िब्द हें जजन्हें तनजिाचक
सिवनाम कहते हैं।
वििेष
जहाूँ ‘आप’ िब्द का प्रयोग श्रोता के शलए हो िहाूँ
यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और
जहाूँ ‘आप’ िब्द का प्रयोग अपने शलए हो िहाूँ
तनजिाचक होता है।
12. उदाहरण
राम अपने दादा को समझाता है।
* श्यामा आप ही ददल्ली चली गई।
* राधा अपनी सहेली के घर गई है।
* सीता ने अपना मकान बेच ददया है |
तनजिाचक सिवनाम- जो सिवनाम तीनों पुरूषों
(उत्तम, मध्यम और अन्य) में तनजत्ि का बोध
कराता है, उसे तनजिाचक सिवनाम कहते हैं।
जैसे- मैं खुद शलख लूूँगा। तुम अपने आप चले
जाना। िह स्ियं गाडी चला सकती है
13. तनश्चयिाचक (संके तिाचक)
सिवनाम-
जो सिवनाम तनकट या दूर की ककसी िस्तु की ओर संके त
करे, उसे तनश्चयिाचक सिवनाम कहते हैं। जैसे- यह लड़की
है। िह पुस्तक है। ये दहरन हैं। िे बाहर गए हैं। इन िाक्यों
में यह, िह, ये और िे िब्द तनश्चयिाचक सिवनाम हैं।
उदाहरण
* यह पुस्तक सोनी की है।
* ये पुस्तकें रानी की हैं।
* िह सड़क पर कौन आ रहा है।
* िे सड़क पर कौन आ रहे हैं।
14. अतनश्चयिाचक सिवनाम
जजस सिवनाम से ककसी तनजश्चत व्यजक्त या पदाथव का बोध
नहीं होता, उसे अतनश्चयिाचक सिवनाम कहते हैं। जैसे- बाहर
कोई है। मुझे कु छ नहीं शमला। इन िाक्यों में कोई और कु छ
िब्द अतनश्चयिाचक सिवनाम हैं। कोई िब्द का प्रयोग ककसी
अतनजश्चत व्यजक्त के शलए और कु छ िब्द का प्रयोग ककसी
अतनजश्चत पदाथव के शलए प्रयुक्त होता है।
उदाहरण
* द्िार पर कोई खड़ा है।
* कु छ पत्र देख शलए गए हैं और कु छ देखने हैं
15. संबंधिाचक सिवनाम
जो सिवनाम ककसी दूसरी संज्ञा या सिवनाम से संबंध
ददखाने के शलए प्रयुक्त हो, उसे संबंधिाचक सिवनाम
कहते हैं। जैसे- जो करेगा सो भरेगा। इस िाक्य में जो
िब्द संबंधिाचक सिवनाम है और सो िब्द तनत्य संबंधी
सिवनाम है। अधधकतर सो शलए िह सिवनाम का प्रयोग
होता है।
उदाहरण :
जो सोयेगा, सो खोयेगा; जो जागेगा, सो पािेगा।
जैसी करनी, तैसी पार उतरनी।
16. प्रश्रिाचक सिवनाम-
जो सिवनाम संज्ञा िब्दों के स्थान पर भी आते है और िाक्य
को प्रश्निाचक भी बनाते हैं, िे प्रश्निाचक सिवनाम कहलाते
हैं।
जैसे- तुम कौन हो ? तुम्हें क्या चादहए ? इन िाक्यों में कौन
और क्या िब्द प्रश्रिाचक सिवनाम हैं। कौन िब्द का प्रयोग
प्राणणयों के शलए और क्या का प्रयोग जड़ पदाथों के शलए
होता है।
उदाहरण:
तुम्हारे घर कौन आया है?
ददल्ली से क्या मूँगाना है?
18. मूल्याकन
जजस सिवनाम का प्रयोग िक्ता या लेखक द्िारा
खुद अपने शलए अथिा ककसी अन्य के शलए
ककया जाट है उसे [ ] कहते है ?
जहाूँ खुद के शलए' आप' 'अपना 'अथिा' अपने'
,आप , िब्द का प्रयोग हो िहां [ ] होता है
|
यह पुस्तक [ ] की है |
जो सोयेगा ,सो खोएगा ,जो जागेगा ,[ ]
जो सिवनाम संज्ञा के स्थान पर भी आते है और
िाक्य को प्रश्िचक भी बनाते है िो [ ] होते
है ?
hotpotatowork-II.htm
19. Reference s
Class 8 th
www.hindi2dictionary.com/hindi-
grammar/sarvanam.htm
Excellwork sheet 2.xlsx