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पुस्तक – राजन ततक सिद्धान्त
अध्याय - 6 नागररकता
(भाग –1)
by
Dr Sushma Singh
Lecturer Political Science
Directorate of Education GNCT of
Delhi
10. जजिमें कोई भेदभाव
नहीीं होता हैं । राष्ट्रों
ने अपने िदस्यों को
एक िामूहहक
राजन ततक पहचान के
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
11. िाथ ही कु छ अधधकार
भ हदये हैं । इिसिए
हम िींबींध राष्ट्र के
आधार पर स्वयीं को
भारत य जापान
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
12. या जमान कहते हैं ।
अधधकतर
िोकताजन्िक देशों में
नागररकों को
असभव्यजक्त का
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
13. अधधकार, मतदान या
आस्था की स्वतन्िता,
न्यूनतम मजदूरी या
सशक्षा पाने का
अधधकार शासमि ककए
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
14. जाते हैं । नागररक
आज जजन अधधकारों
का प्रयोग करते हैं
उन्हें उन्होंने एक िींबे
िींघर्ा के बाद प्राप्त
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
15. ककया हैं जैिे 1789
की फ्ाींि ि क्ाींतत,
दक्षक्षर् अफ्ीका में
िमान नागररकता
प्राप्त करने के सिए
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
16. िींबा िींघर्ा आहद ।
नागररकता में
नागररकों के आपि
िींबींध भ शासमि हैं
इिमें नागररकों के
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
17. एक दूिरे के प्रतत
और िमाज के प्रतत
तनजचचत दातयत्व
िजम्मसित होते हैं ।
नागररकों को देश के
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
21. समिना तथा िभ
अम र-गरीब नागररकों
को कु छ मूिभूत
अधधकार एवीं िुववधाएीं
प्राप्त होना हैं ।
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
23. काम की तिाश में
िोग एक शहर िे
दूिरे शहर तथा एक
देश िे दूिरे देश की
ओर जाते हैं ।
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
24. तब ये प्रवाि कहिाते
हैं । तनधान प्रवासियों
का अपने -अपने क्षेिों
में उि प्रकार स्वागत
नहीीं होता जजि प्रकार
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
25. कु शि और दौितमींद
प्रवासियों का होता हैं
। प्रततवाद (ववरोध)
का अधधकार हमारे
िींववधान में नागररकों
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
26. के सिए िुतनजचचत की
गई असभव्यजक्त की
स्वतन्िता का एक
पहिू हैं बशते इििे
दूिरे िोगों या राज्य
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
27. के ज वन और िींपतत
को क्षतत नहीीं पहुींचन
चाहहए ।
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
30. अप ि कर या
अदाित में जा कर
जनमत और िरकारी
न ततयों को परखने
और प्रमाणर्त करने
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
31. के सिए स्वतींि हैं ।
िमान अधधकार शहरों
में अधधक िींख्या
झोपड़ पट्हटयों और
अवैध कब्जे की भूसम
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
32. पर बिे िोगों की हैं ।
ये िोग हमारे बहुत
काम के हैं । इनके
बबना एक हदन भ
नहीीं गुजारा जा
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
34. िींगठन भ इन िोगों
के प्रतत जागरूक हो
रहे हैं । िन 2004
में एक राष्ट्रीय न तत
बनाई गई जजिमें
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
37. ये िोग अपने तनवााह
के सिए जींगि और
दूिरे प्राकृ ततक
िींिाधनों पर तनभार
रहते हैं ।
आज हम जजन बबन्दुओीं पर
38. नागररकों के सिए
िमान अधधकार का
अथा हैं न ततयाीं बनाते
िमय सभन्न -सभन्न
िोगों की जरूरतों का
आज हम जजन बबन्दुओीं पर