१. साधना और आराधना में सबसे अधिक समय लगाएं, सकारात्मक और सार्थक समय व्यतीत करने का यही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
२. टीवी समचार प्रातः संध्या १०-१० मिनट देख लें बाकी समय टीवी बंद रखें। इतने से ही दिन भर के सब समाचार प्राप्त हो जाते हैं। शेष समय इन्ही समाचारों की दिन भर पुनरावत्ति होती हैं. दिन भर नकारात्मक समाचार देखने से मन, मष्तिष्क, ह्रदय, शरीर में तनाव बढ़ता हैं, चिंता बढ़ती है और यही तनाव मानसिक और शारीरिक रोगों का कारण बनता है। यह समय अपने आप को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वास्थ्य व शक्तिशाली रखने का है, दुर्बल करने का नहीं। आप सब भी देख रहे होंगे कि कुछ सन्देश व समाचार, भ्रम और भय फ़ैलाने, दुर्बलता व नकारात्मकता बढाने वाले दुष्प्रचार में संलग्न हैं, इनसे सावधान रहें।
३. कोरोना से बचाव सम्बन्धी केवल सरकारी सर्कुलर्स और नोटिफिकेशंस पर ध्यान दें, डॉक्टर्स की सलाह को मानें, "नीम हकीम खतरे जान" की कहावत को याद रखें।
४. लॉक डाउन तथा आपके शहर में व्यवस्था सम्बन्धी स्थानीय प्रशासन के आदेशों का कड़ाई से पालन करें। इन नियमों के पालन से ही कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा। जितनी शीघ्रता से कोरोना के प्रसार पर विजय पाएंगे उतनी शीघ्रता से लॉक डाउन से मुक्ति पाएंगे।
५. अपना ध्यान व समय केवल सकारात्मक विषयों व बातों में लगायें। विद्यार्थी इंडोर गेम्स खेलें। अपने माता पिता, दादा दादी, नाना नानी या अन्य बड़ों को मोबाइल फ़ोन के फीचर्स सिखाएं, इनमें एस एम एस सन्देश भेजना, वाट्सअप चलना, ऑडियो या वीडिओ कॉल्स करना, इंटरनेट सर्फिंग करना हो सकता है. युवा या बड़ी आयु के व्यक्ति अच्छी पुस्तकें या इंटरनेट से अच्छी सामग्री पढ़कर अपना ज्ञान वर्धन कर सकते हैं।
६. अपने परिचित या अपने क्षेत्र के समाजसेवी, पुलिसकर्मी, पैरा मिलिट्री फ़ोर्स, डॉक्टर्स, नर्सेज, स्वच्छ्ताकर्मी, घर घर जाकर सामान वितरित करने वाले कार्यकर्ताओं, सेनिटाईजेशन करने वालों जैसे सेवारत व्यक्तियों को फ़ोन करके उनका धन्यवाद करें। ध्यान रखें कि उनके ही जोखिम भरे अथक परिश्रम से हम सब सुरक्षित हैं।
७. आपके क्षेत्र में यदि किन्हीं व्यक्तियों को भोजन की आवश्यकता हो तो सरकारी अथवा स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से उनकी सहायता करें। यदि संभव हो तो आप स्वयं उनकी मदद करें. यह अत्यंत पुण्य का कार्य है।
८. ऐसे राष्ट्रिय और वैश्विक संकट के समय समाज को विभिन्न वर्गों, जाति, धर्म के आधार पर बांटकर अवयवस्था फ़ैलाने वालों, अनुचित लाभ लेने वालों, और घृणा का वातावरण फ़ैलाने वालों से सावधान रहें, और इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें।
९. अपने घर में, परिवार में, अपने क्षेत्र में परस्पर प्रेम, सामंजस्य, सौहार्द्र और शांति का वातावरण बनाये रखें. किसी भी कारण से परेशान व्यक्तियों को सांत्वना दें और यथासंभव उनकी सहायता करें। स्वयं प्रसन्न रहें व अपने आसपास सबको प्रसन्न रखें।
१०. आपकी तरफ से उठाये गए ये छोटे छोटे सावधानी के कदम हमारे भारतवर्ष के माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार, हमारी प्रांतीय सरकारों व स्थानीय प्रशासन को सुदृढ़ता व् सम्बल प्रदान करेंगे, जिसकी उन्हें वर्तमान में बहुत अधिक आवश्यकता है।
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Message from Brahmachari Girish ji 6 april 2020
1. Message from Hona’ble Brahmachari Girish Ji 6 April 2020
पूज्य ब्रह्मचारी गिरीश जी का सन्देश
जय िुरु देव, जय महर्षि
३ सप्ताह के लॉक डाउन को १३ ददन हो िए बहुत लोिों ने बताया कक उनके
ददन बड़े आसानी से कट रहे हैं। कु छ ने बताया कक ददन काटने कदिन हो रहे
हैं। सबके भिन्न-भिन्न अनुिव हैं. ककन्तु एक अनुिव सिी का समान है, कक
जो साधना और आराधना के साथ अपनी ददनचयाि में व्यस्त हैं, उनके ददन बड़े
आसानी और आनंद में कट रहे हैं।
कु छ माता र्पता ने सूगचत ककया कक अब उनके बच्चों का पढ़ने में मन लिने लिा है। अब
उनको ऑनलाइन स्टडी की आदत िी बनने लिी है। कु छ बच्चे इंटरनेट से संिीत सीख रहे
हैं, तो कु छ ड्रॉईं, पेंदटंि और मूती कला। अभििावक इससे प्रसन्न हैं। कु छ ने बताया कक वषों
से कु छ िोजन की डडशेष घर में नहीं बनी थीं, उनका वास्तर्वक स्वाद ही िूल िए थे, अब
पररवार के सब सदस्य भमलकर उन डडशेष को तैयार करके स्वाद ले रहे हैं।
कई घरों में नानी दादी, नाना दादा का महत्व अब समझ में आया है। घर को सजाने, सवारने,
व्यवस्स्थत रखने, घर को घर बनाने का जो माििदशिन उन्हें इस दौरान भमल रहा है, पहले घर
से बाहर रहने के कारण किी नहीं भमला। हमें ज्ञात है कक हर भसक्के के दो पहलू होते हैं। एक
तरफ नकारात्मक पक्ष देखें तो हर एक साधारण व्यस्क्त कोरोना से ियिीत है, अननस्चचतता
का वातावरण इस िय का वधिन करता रहता है, लोि घरों में बंद हैं, शॉर्पंि का आनंद थम
िया है, समय पर घर में सामान नहीं पहुंच पा रहा है, पहुंचाए िए सामान की िुणवत्ता से
संतोष नहीं है, सामान्य स्वास््य समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है, लोि अस्पताल
नहीं जाना चाहते, दैननक वेतन वाले कमिचारी बेरोजिार हो िए, वे िोजन के भलए दूसरों पर
ननििर हो िए, िेहूं की फसल काटने और बबक्री में समस्या हो रही है, सरकारी समाधान की
प्रतीक्षा है, वैस्चवक अथिव्यवस्था में मंदी आ रही है, महंिाई बढ़ रही है और कु छ जमाखोर
इसका लाि ले रहे हैं, आदद-आदद।
दूसरी तरफ देखें तो बहुत बड़ी संख्या में लोिों को र्वश्राम का अवसर प्राप्त हुआ है, पाररवाररक
सदस्य आपस में भमलजुलकर समय बबता रहे हैं, साधना और आराधना का समय भमल रहा
है, सदहष्णुता कु छ बढ़ने लिी है, बच्चे घर के बड़े बूढ़ों के साथ समय व्यतीत करके संस्काररत
हो रहे हैं, कु छ ददन के आराम के बाद लोि घर से ही कायि करने में व्यस्त हो रहे हैं, अपने
स्वयं और पररवार के सामूदहक स्वास््य पर लोिों का ध्यान जा रहा है, जंक फ़ू ड खाने में
कमी आने से िी स्वास््य िीक हो रहा है, अस्पतालों में रोगिओं की संख्या घटी है, एक्सीडेंटस
2. कम हो रहे हैं, प्रदूषण कम हो रहा है, नददओं का जल स्वच्छ हो रहा है, यहााँ तक कक मृत्युदर
में गिरावट आयी है, ईचवर में आस्था बढ़ी है, हम सब जानते हैं "दुुःख में सुभमरन सब करें,
सुख में करे न कोय, जो सुख में सुभमरन करे, दुुःख काहे को होय" इस महामारी ने इस दोहे
की साथिकता समझा दी है।
हम सब जानते हैं कक इस संकट की स्स्तगथ में क्या करें, लेककन िय, तनाव, घबराहट के
वातावरण में "ककं कतिव्यर्वमूढ़ता" की स्स्तगथ अिी िी बड़े स्तर पर बनी हुई है। सारे टीवी
चैनलों में के वल एक ही समाचार बचा है, कोरोना, इसके अलावा पूरी दुननया में और कोई
समाचार अब बचा ही नहीं है। सोशल मीडडया पर बबन मांिे हजारों की संख्या में सलाह हर
भमननट चली आ रही है, कौन सी सूचना सत्य है और कौन सी असत्य, इसका अंदाज़ लिापाना
कदिन है। भमत्रिण िी फ़ोन करते हैं तो कोरोना पर बात करने के भलए आइये क्या करें वाली
सूची को एक बार कफर से दोहराएं:
१. साधना और आराधना में सबसे अगधक समय लिाएं, सकारात्मक और साथिक समय
व्यतीत करने का यही सविश्रेष्ि मािि है।
२. टीवी समचार प्रातुः संध्या १०-१० भमनट देख लें बाकी समय टीवी बंद रखें। इतने से
ही ददन िर के सब समाचार प्राप्त हो जाते हैं। शेष समय इन्ही समाचारों की ददन िर
पुनरावर्त्त होती हैं. ददन िर नकारात्मक समाचार देखने से मन, मस्ष्तष्क, ह्रदय, शरीर
में तनाव बढ़ता हैं, गचंता बढ़ती है और यही तनाव मानभसक और शारीररक रोिों का
कारण बनता है। यह समय अपने आप को मानभसक व शारीररक रूप से स्वास््य व
शस्क्तशाली रखने का है, दुबिल करने का नहीं। आप सब िी देख रहे होंिे कक कु छ
सन्देश व समाचार, भ्रम और िय फ़ै लाने, दुबिलता व नकारात्मकता बढाने वाले दुष्प्रचार
में संलग्न हैं, इनसे सावधान रहें।
३. कोरोना से बचाव सम्बन्धी के वल सरकारी सकुि लसि और नोदटकफके शंस पर ध्यान दें,
डॉक्टसि की सलाह को मानें, "नीम हकीम खतरे जान" की कहावत को याद रखें।
४. लॉक डाउन तथा आपके शहर में व्यवस्था सम्बन्धी स्थानीय प्रशासन के आदेशों का
कड़ाई से पालन करें। इन ननयमों के पालन से ही कोरोना को फै लने से रोका जा सके िा।
स्जतनी शीघ्रता से कोरोना के प्रसार पर र्वजय पाएंिे उतनी शीघ्रता से लॉक डाउन से
मुस्क्त पाएंिे।
५. अपना ध्यान व समय के वल सकारात्मक र्वषयों व बातों में लिायें। र्वद्याथी इंडोर
िेम्स खेलें। अपने माता र्पता, दादा दादी, नाना नानी या अन्य बड़ों को मोबाइल फ़ोन
के फीचसि भसखाएं, इनमें एस एम एस सन्देश िेजना, वाट्सअप चलना, ऑडडयो या
वीडडओ कॉल्स करना, इंटरनेट सकफिं ि करना हो सकता है. युवा या बड़ी आयु के व्यस्क्त
अच्छी पुस्तकें या इंटरनेट से अच्छी सामग्री पढ़कर अपना ज्ञान वधिन कर सकते हैं।
3. ६. अपने पररगचत या अपने क्षेत्र के समाजसेवी, पुभलसकमी, पैरा भमभलट्री फ़ोसि, डॉक्टसि,
नसेज, स्वच््ताकमी, घर घर जाकर सामान र्वतररत करने वाले कायिकतािओं,
सेननटाईजेशन करने वालों जैसे सेवारत व्यस्क्तयों को फ़ोन करके उनका धन्यवाद करें।
ध्यान रखें कक उनके ही जोखखम िरे अथक पररश्रम से हम सब सुरक्षक्षत हैं।
७. आपके क्षेत्र में यदद ककन्हीं व्यस्क्तयों को िोजन की आवचयकता हो तो सरकारी अथवा
स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से उनकी सहायता करें। यदद संिव हो तो आप स्वयं
उनकी मदद करें. यह अत्यंत पुण्य का कायि है।
८. ऐसे रास्ष्ट्रय और वैस्चवक संकट के समय समाज को र्वभिन्न विों, जानत, धमि के
आधार पर बांटकर अवयवस्था फ़ै लाने वालों, अनुगचत लाि लेने वालों, और घृणा का
वातावरण फ़ै लाने वालों से सावधान रहें, और इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें।
९. अपने घर में, पररवार में, अपने क्षेत्र में परस्पर प्रेम, सामंजस्य, सौहार्द्ि और शांनत का
वातावरण बनाये रखें. ककसी िी कारण से परेशान व्यस्क्तयों को सांत्वना दें और
यथासंिव उनकी सहायता करें। स्वयं प्रसन्न रहें व अपने आसपास सबको प्रसन्न रखें।
१०. आपकी तरफ से उिाये िए ये छोटे छोटे सावधानी के कदम हमारे िारतवषि के
माननीय प्रधानमंत्री जी, िारत सरकार, हमारी प्रांतीय सरकारों व स्थानीय प्रशासन
को सुदृढ़ता व ् सम्बल प्रदान करेंिे, स्जसकी उन्हें वतिमान में बहुत अगधक
आवचयकता है।
जय िारत, वन्देमातरम्