ज्ञानानुशासन अर्थात अकादमिक अध्ययन अध्यापन और शोध की एक विशेषीकृत विधा , जिसका सम्बन्ध उच्च शिक्षा से है | ज्ञानानुशासन विवेचना के स्तर पर उच्च स्तरीय, समीक्षात्मक ज्ञान की शाखाएं हैं जो अपने विशेष उपागमों (पाराडाइम) के कारण जाने जाते हैं |
ज्ञानानुशासनों में भौतिक विज्ञान , सामजिक विज्ञान , भाषा , गणित इत्यादि विद्यालय स्तर पर पढाए जाते हैं जिनको विद्यालयी विषय कहा और समझा जाता है | इन विषयों में इन ज्ञानानुशासनों के अनिवार्य, मौलिक और वे प्रकरण (टापिक) शामिल होते हैं जो विद्यालयी विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त और अनिवार्य समझे जाते हैं | ये उनके मानसिक विकास , संज्ञानात्मक कौशल , व्यक्तित्व और सामाजिक सांस्कृतिक कारकों के अनुरूप संगठित होते हैं| विद्यालयी विषय पाठ्यचर्या के निर्माण के सिद्धांतों , मनोविज्ञान और शिक्षा नीतियों के आलोक में सृजित होते हैं और पाठ्यक्रम के अनुरूप कक्षावार पढाए जाते हैं |
ज्ञानानुशासन के बारे में एक सामान्य सी
1. ज्ञानानुशासनों का उदय
Rise of Academic Disciplines
डॉ चन्द्र शेखर पाण्डेय
सहायक प्रोफ़
े सर
महात्मा गाांधी अांतरााष्ट्रीय हहांदी विश्िविद्यालय, िधाा
2. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
मानि ज्ञान की सांरचना सूक्ष्मतम से जहिलतम होती जा
रही है | ग्रीक परम्परा में अरस्तू ने ज्ञान को व्यिस्स्ित
रूप देने में महत्िपूर्ा भूममका ननभाई | ज्ञानानुशासनों का
अपने अलग अलग व्यिस्स्ित रूप में विकास करने में
उसकी भूममका महती है | अरस्तू क
े द्िारा ज्ञान की
विमभन्द्न शाखाओां को ६ भागों में िगीकृ त ककया गया
स्जसे आगेनान (Organon) क
े नाम से जाना जाता है |
3. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
यह िे तक
ा , प्राकृ नतक विज्ञान (जीि विज्ञान और भौनतकी ),
तत्िमीमाांसा , ननकोमेककयन एथिक्स (स्जसमें व्यिहाररक
दशान, साहहत्य और आचार क
े विषय िे ), शासन और
काव्यशास्र (पोएहिक्स) आते िे | ज्ञान का यह
व्यिस्स्ित िगीकरर् और विभाजन मनुष्ट्य की प्राकृ नतक
और आध्यास्त्मक समझ और ज्ञान क
े कोष क
े विस्तार
का पररर्ाम िा |
4. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
अरस्तू क
े बाद पाश्चात्य ज्ञान परम्परा में ज्ञान को व्यिस्स्ित रूप से
िगीकृ त और विकमसत करने का काया ग्रीक क
े बाद रोमन साम्राज्य
में हुआ जहाां पर सौिीां ईसिी पूिा मससरो और लगभग ईसा पहली
सदी में स्क्िांिमलन ने रोमन नागररकों को िाकपिुता और भाषर् की
कला में प्रमशक्षित करने क
े मलए व्यिस्स्ित पाठ्यचयाा और विथधयों
का ननमाार् ककया |
इन परम्पराओां से हरवियम और क्िाड्रिवियम का विकास हुआ स्जससे
युरोप में ७ मलबरल आर्टास का विकास हुआ | हरवियम में िाकपिुता
, व्याकरर् और द्िांद्ििादी तक
ा पद्धनत (Dialectic) तिा
क्िाड्रिवियम में अांकगणर्त, ज्याममनत , खगोल-विद्या और गणर्त
पढाए जाते िे |
5. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
• आगे चल कर ईसाई धमागुरुओां ने अरस्तु और प्लेिो की
परांपरा को ईसाई धमा क
े आधार पर ढालने की कोमशश की
| सांत आगस्िीन ( चौिी ईसिी शताब्दी ) , सांत िामस
एस्क्िनास (तेरहिीां ईसिी शताब्दी ) ने ज्ञान को धाममाक
स्िरूप या क्लेररक्स में ढाल कर उसे धमा और उसकी
मान्द्यताओां का हथियार बनाने की पूरी कोमशश की |
6. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
• सोलहिीां शताब्दी की िैज्ञाननक क्रास्न्द्त ने मसद्धाांतों को प्रयोग और सािधानी
पूिाक प्रेिर् क
े आधार पर परखने पर बल हदया | इससे िैज्ञाननक विमशष्ट्िीकरर्
का प्रचलन बढ़ा | अलग अलग िेरों में जैसे खगोल विज्ञान , रसायन शास्र या ,
िनस्पनत विज्ञान में प्रनतपाहदत मसद्धाांतों और प्रायोथगक अिलोकनों क
े चलते
सूचना और ज्ञान की मारा में िृद्थध हुई | इस प्रकार ककसी एक व्यस्क्त क
े मलए
इन विमभन्द्न िेरों क
े ज्ञान और सूचना का प्रबांधन और भण्डारर् मुस्श्कल होता
गया |
7. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
सबसे पहले िैज्ञाननकों ने अपने मसद्धाांतों , विथधयों और
विषयिस्तु क
े साि साि तकनीकक शब्दािली (jorgan) की
साझा समझ विकमसत की | सरहिीां शताब्दी में पहली
अकादममक जगत की पत्ररकाएँ प्रकामशत होनी शुरू हुईं जो
फ्र
ें च और त्रिहिश रायल साइांहिकिक सोशायिी क
े द्िारा
प्रकामशत की गईं|
8. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
• सेमीनार – जमान विश्िविद्यालयों में १७६० में
• प्रयोगशाला – फ़्ाांस में ग्राांडे इकोलेस में फ़्ाांसीमस क्राांनत से
पहले
• किाकि मशिर् (स्कािलैंड में १७६० में )
• डाक्िरेि की ड्रडग्री का आधुननक रूप में विकास हम्बोल्ि
विश्िविद्यालय में जमानी में हुआ स्जसे १८६१ में येल
विश्िविद्यालय ने और दूसरे अमेररकन विश्िविद्यालयों
ने अपना मलया | अमेररका से डाक्िरेि का ि
ै शन कनाडा
में और कनाडा से त्रििेन में १९१७ में आया | इस क
े बाद
आज यह समूचे विश्ि में सामान्द्य हो गया |
9. ज्ञानानुशासनों के ऐतिहातसक उद्भव का सव वेक्षण
• ड्रडमसस्प्लन शब्द ड्रडमसस्प्लना क
े रूप में रोमन लोगों
द्िारा प्रयोग में लाया गया| चूँकक इसक
े अांतगात
विशेष प्रकार की जानकारी सीखनी पड़ती िी इसमलए
रोमन और मध्यकाल में इसका मतलब क
ु छ प्रोि
े शन
या व्यिसायों से िा जैसे कक कानून और थचककत्सा |
मध्ययुगीन विश्िविद्यालयों में क
े िल क
ु छ ही
व्यिसायों ने पाठ्यचयाा में अपनी जगह बनाने में
सिलता पाई | हालाांकक इांस्जननयर और कलाकार होते
िे लेककन उस समय इनक
े मलए कोई अनुशासन
प्रचमलत नहीां िा | विश्िविद्यालयों में सबको एक
जैसी सामान्द्य मशिा दी जाती िी | थचककत्सक या
कानूनिेत्ता बनने से पहले सबको यही सामान्द्य मशिा
लेनी पड़ती िी |
10. ज्ञानानुशासन क्या है ?
• ज्ञान की िह शाखा स्जसका अपना विमशष्ट्ि विषयिस्तु , िेर ,
ज्ञान उत्पादन की प्रविथध , ज्ञान क
े सांगठन की विथध, ज्ञान क
े
सांचरर् एिां सम्प्रेषर् की विथध, एिां विशेषज्ञों का अपना समुदाय
हो उसे ज्ञानानुशासन कहते हैं |
• शैक्षिक मसद्धाांत और दशान क
े विश्िकोष क
े अनुसार
ज्ञानानुशासन ज्ञान का अकादममक िेर है जो एक दूसरे से
अलग, असतत, स्िबद्ध, और विमशष्ट्ि होता है | प्रत्येक
ज्ञानानुशासन अपनी ज्ञान सृजन की प्रकक्रया, उपागम और ज्ञान
क
े सम्प्रेषर् क
े तरीक
े में विमशष्ट्ि और दूसरे ज्ञानानुशासन से
अलग होता है | इसकी विशेषताओां को ननम्नित सूचीबद्ध ककया
जा सकता है –
11. विज्ञान दाशाननक िामस क
ु ह्न
अनुशासन आव्यूह
(ड्रडमसस्प्लनरी मैहरक्स) –
जो एक प्रकार क
े विचारों,
मसद्धाांतों , माडलों ,
मूल्यों और िैज्ञाननक
समुदाय की अमभिृवत्तयों
का एक समुच्चय होता है |
12. ज्ञानानुशासन क
े विकास क
े कारर्
• औद्योथगक क्रास्न्द्त क
े पश्चात विमशष्ट्ि ज्ञान और
कौशल से युक्त कमाचाररयों की आिश्यकता उत्पन्द्न
हुई स्जससे ज्ञान में विमशष्ट्िीकरर् और विभेदीकरर्
हुआ |
• अनुभििाद – इसक
े अनुसार ज्ञान का आधार
तथ्यात्मक साक्ष्य हो गया | इसक
े कारर् िैज्ञाननक
प्रयोग और विथध पर आधाररत ज्ञान का िृहद् स्तर
पर उत्पादन एिां िगीकरर् हुआ |
• व्यिसानयक मशिा का विकास – औद्योथगक क्रास्न्द्त
क
े बाद विमभन्द्न मशिा को व्यिसानयक ज्ञान देने की
भूममका भी दी गई | इसक
े मलए विश्िविद्यालय जी
सांस्िाएां खोलीां गईं और विकमसत की गईं |
13. ज्ञानानुशासन क
े विकास क
े कारर्
• शैक्षिक योग्यता क
े प्रमार्ों क
े द्िारा अनुशासन
विशेष में दिता का प्रमार् अकादममक ड्रडथग्रयों क
े
रूप में हदया जाने लगा और इसक
े मलए
विश्िविद्यालयों की स्िापना की गई |
• विभागीकरर् – विश्िविद्यालयों में विमभन्द्न
अनुशासनों क
े अध्ययन क
े मलए विमभन्द्न व्यिायों
की स्िापना की गई स्जससे कक अनुशासनों क
े
स्ितन्द्र विकास को बल ममला |
14. ज्ञानानुशासन की विशेषताएँ
१. विमशष्ट्ि विषयिेर
२. ज्ञान उत्पादन का विमशष्ट्ि उपागम
३. अपनी तकनीकक शब्दािली
४. अपना विमशष्ट्ि विषयिस्तु या ज्ञान का भांडार
५. विमशष्ट्ि विद्िान समुदाय
६. प्रस्तुतीकरर् एिां सम्प्रेषर् की विमशष्ट्ि विथध