SlideShare a Scribd company logo
1 of 16
समूह परियोजना
अभिनव ,प्यूश
तनुज, वेदाांश,
गौिव चांद्र
उत्तराखंड
• सूची
• स्थान औि इसकी िाजधानी
• बोली जाने वाली िाषाएँ औि बोली
• जनजाभतयाँ एवां समुदाय
• समािोह
• स्थानीय व्यांजन
उत्तिाखांड ( स्थान औि इसकी
िाजधानी )
उत्तिाखण्ड, उत्ति िाित में स्स्थत एक िाज्य है भजसका भनमााण ९ नवम्बि २००० को
कई वषों क
े आन्दोलन क
े पश्चात िाित गणिाज्य क
े सत्ताईस वें िाज्य क
े रूप में भकया
गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तिाांचल क
े नाम से जाना जाता था। जनविी
२००७ में स्थानीय लोगोां की िावनाओां को ध्यान में िखते हुए िाज्य का आभधकारिक
नाम बदलकि उत्तिखण्ड कि भदया गया। िाज्य की सीमाएँ उत्ति में भतब्बत औि पूवा
में नेपाल से लगी हैं। पभश्चम में भहमाचल प्रदेश औि दभिण में उत्ति प्रदेश इसकी सीमा
से लगे िाज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूवा यह उत्ति प्रदेश का एक िाग था।
पािम्परिक भहन्दू ग्रन्ोां औि प्राचीन साभहत्य में इस िेत्र का उल्लेख उत्तिाखण्ड क
े रूप
में भकया गया है। भहन्दी औि सांस्क
ृ त में उत्तिखण्ड का अथा उत्तिी िेत्र या िाग होता
है। िाज्य में भहन्दू धमा की पभवत्रतम औि िाित की सबसे बडी नभदयोां गांगा औि यमुना
क
े उद्गम स्थल क्रमशः गांगोत्री औि यमुनोत्री तथा इनक
े तटोां पि बसे वैभदक सांस्क
ृ भत क
े
कई महत्त्वपूणा तीथास्थान हैं। देहिादू न, उत्तिखण्ड की अन्तरिम िाजधानी होने क
े साथ
इस िाज्य का सबसे बडा नगि है। गैिसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी
िौगोभलक स्स्थभत को देखते हुए िभवष्य की िाजधानी क
े रूप में प्रस्तावाभवत भकया गया
है भकन्तु भववादोां औि सांसाधनोां क
े अिाव क
े चलते अिी िी देहिादू न अस्थाई
िाजधानी बना हुआ है।
उत्तिाखांड की ( िाजधानी )
• देहिादू न, िाित क
े उत्तिाखांड िाज्य की िाजधानी है इसका मुख्यालय
देहिादू न नगि में है। इस भजले में ६ तहसीलें, ६ सामुदाभयक भवकास खांड,
१७ शहि औि ७६४ आबाद गाँव हैं। इसक
े अभतरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे िी
हैं जहाँ कोई नहीांिहता।[देश की िाजधानी से २३० भकलोमीटि दू ि स्स्थत
इस नगि का गौिवशाली पौिाभणक इभतहास है। प्राक
ृ भतक सौांदया से ििपूि
यह नगि अनेक प्रभसद्ध भशिा सांस्थानोां क
े कािण िी जाना जाता है। यहाँ
तेल एवां प्राक
ृ भतक गैस आयोग, सवे ऑफ इांभडया, िाितीय पेटर ोभलयम
सांस्थान आभद जैसे कई िाष्ट्र ीय सांस्थान स्स्थत हैं। देहिादू न में वन अनुसांधान
सांस्थान, िाितीय िाष्ट्र ीय भमभलटिी कालेज औि इांभडयन भमभलटिी एक
े डमी
जैसे कई भशिण सांस्थान हैं । यह एक प्रभसद्ध पयाटन स्थल है। अपनी सुांदि
दृश्यवाली क
े कािण देहिादू न पयाटकोां, तीथायाभत्रयोां औि भवभिन्न िेत्र क
े
उत्साही व्यस्क्तयोां को अपनी ओि आकभषात किता है। भवभशष्ट् बासमती
चावल, चाय औि लीची क
े बाग इसकी प्रभसस्द्ध को औि बढाते हैं तथा शहि
को सुांदिता प्रदान किते हैं।
उत्तिाखांड में( बोली जाने वाली िाषाएँ )
• उत्तिाखण्ड की िाषाएँ पहाडी िाषाओां की श्रेणी में आती हैं।
उत्तिाखण्ड में बोली जाने वाली िाषाओां को दो प्रमुख समूहोां में
भविाभजत भकया जा सकता है: क
ु माऊ
ँ नी औि गढवाली जो क्रमशः
िाज्य क
ु माऊ
ँ औि गढवाल मण्डलोां में बोली जातीांहैं। इन दोनोां
िाषाओां में सांस्क
ृ त क
े अनेक शब्ोां की उपलब्धता से इन्हे सांस्क
ृ त
से भवकभसत समझा जाता है। जौनसािी औि िोभटया दो अन्य
बोभलयाँ, जनजाभत समुदायोां द्वािा क्रमशः पभश्चम औि उत्ति में बोली
जाती हैं।
• गढवाली औि क
ु माऊ
ां नी िाषा भहांदी िाषा ही है गढवाली
क
ु माऊनी यह िाष्ट्र ीय िाषा नहीांहै एक बोली है जल्दी से उत्पन्न हुई
है औि पूिे उत्तिाखांड में ज्यादाति इसका इस्तावेमाल भकया जाता
है।
• लेभकन िाज्य की सबसे प्रमुख िाषा भहन्दी है। यह िाज्य की
आभधकारिक औि कामकाज की िाषा होने क
े साथ-साथ
अन्तिसमूहोां क
े मध्य सांवाद की िाषा िी है।
• िाज्य की दू सिी प्रमुख िाजिाषा सांस्क
ृ त है। उत्तिाखांड में सांस्क
ृ त
को भद्वतीय िाजिाषा का दजाा प्राप्त है।
उत्तिाखांड ( जनजाभतयाँ एवां समुदाय )
• उत्तिाखण्ड में भनवासित् िोभटया, थारू,
जौनसािी,बुक्शा एां व िाजी को वषा 1967 में
अनुसूभचत जनजाभत घोभषत भकया गया था।
उक्त पाॅच जनजाभतयोां मे बुक्सा एवां िाजी
जनजाभत आभथाक, शैभिक एवां सामाभजक
रूप से अन्य जनजाभतयोां की अपेिा काफी
भनधान एवां भपछडी होने क
े कािण उन्हें
आभदम जनजाभत समूह की श्रेणी में िखा
गया है।
उत्तिाखांड मैं मनाये जाने वाले ( समािोह )
• गढवाल – क
ु माऊ
ँ की सांस्क
ृ भत यहाँ क
े मेलोां में
समाभहत है। िांगीले क
ु माऊ
ँ क
े मेलोां में ही यहाँ का
साांस्क
ृ भतक स्वरुप भनखिता है। धमा, सांस्क
ृ भत औि
कला क
े व्यापक सामांजस्य क
े कािण इस अांचल में
मनाये जाने वाले उत्सवोां का स्वरुप बेहद कलात्मक
होता है। छोटे-बडे सिी पवों, आयोजनोां औि मेलोां पि
भशल्प की भकसी न भकसी भवद्या का दशान अवश्य होता
है। क
ु माऊ
ँ नी िाषा में मेलोां को कौभतक कहा जाता है।
क
ु छ मेले देवताओां क
े सम्मान में आयोभजत होते हैं तो
क
ु छ व्यापारिक दृभष्ट् से अपना महत्त्व िखते हुए िी
धाभमाक पि को पुष्ट् अवश्य किते हैं। पूिे अांचल में
स्थान-स्थान पि पचास से अभधक मेले आयोभजत होते
हैं भजनमें यहाँ का लोक जीवन, लोक नृत्य, गीत एवां
पिम्पिाओां की िागीदािी सुभनभश्चत होती है। साथ ही
यह धािणा िी पुभष्ट् होती है भक अन्य िागोां में मेलोां,
उत्सवोां का ताना बाना िले ही टू टा हो, यह अांचल तो
आम जन की िागीदािी से मनाये जा िहे मेलोां से
भनिन्ति समद्ध हो िहा है।
•
उत्तिायणी मेला उत्तिाांचल िाज्य क
े
बागेश्वि शहि में आयोभजत होता है।
तहसील व जनपद बागेश्वि क
े
अन्तगात सियू गोमती व सुष्प्प्त
िागीिथी नभदयोां क
े पावन सगांम पि
उत्तिायणी मेला बागेश्वि का िव्य
आयोजन भकया जाता है।
उत्तिाखांड क
े ( स्थाभनय व्यांजन )
• जब िी बात देविूभम उत्तिाखांड की आती है तो वहाँ क
े व्यांजनोां
को िी खूब पसांद भकया जाता है भफि चाहे बात झांगुिे की खीि
की हो या मांडुवे की िोटी औि भतल की चटनी की या हो बात िाांग
की चटनी की.. उत्तिाखांड का पािांपरिक खानपान गुणवत्ता औि
स्वास्थ्य की दृभष्ट् से बेहद लािका भहप वो अपनेिी माना गया है।
िाित ही नहीांभवदेशोां में िी पहाड क
े मांडुवा, झांगोिा, काले िट,
गहथ, भतल आभद अपनी माक
े ट बना िहे हैं।
• आयुवेभदक भचभकत्सक बताते हैं भक पहाडी अनाज सेहत क
े भलए
बेहद फायदेमांद हैं। मांडुवा मधुमेह की बीमािी में बेहद कािगि
है। यह शिीि में चीनी की मात्रा भनयांभत्रत कि िोग प्रभतिोधक
िमता बढाता है। झांगोिा पेट सांबधी बीमारियोां को दू ि किता है।
काले िट में प्रोटीन की प्रचुि मात्रा होती है। गहथ की दाल की
तासीि गमा होने क
े कािण यह गुदे की पथिी में बेहद फायदेमांद
है।
पुदुचेरी
• सूची
•स्थान औि इसकी िाजधानी
•बोली जाने वाली िाषाएँ
•जनजाभतयाँ एवां समुदाय
•समािोह
•स्थानीय व्यांजन
पुडुचेिी ( स्थान औि इसकी िाजधानी )
• पुदुचेिी , जो पोांडीचेिी िी कहलाता है,
िाित क
े पुदुचेिी क
ें द्र-शाभसत प्रदेश की
िाजधानी है। पहले पुदुचेिी िाित में
फ्ाांसीसी िाित कहलाने वाले फ्ाांसीसी
उपभनवेश का मुख्य शहि था औि पोांडीचेिी
कहलाता था। भसतांबि 2006 में पोांडीचेिी
का नाम आभधकारिक रूप से बदलकि
पुदुचेिी कि भदया गया भजसका स्थानीय
तभमल िाषा में अथा “नया गाँव” होता है।
यह बांगाल की खाडी पि बसा हुआ है।
पुडुचेिी मैं ( बोली जाने वाले िाषाए औि बोली )
• पुदुचेिी में िाषाओां की आभधकारिक स्स्थभत फ्
ें च
को आभधकारिक िाषा क
े रूप में जािी िखने क
े
भलए 1963 क
े भवधानसिा सांकल्प औि उसक
े बाद
पाांभडचेिी िाजिाषा अभधभनयम, 1965 द्वािा शाभसत
होती है , जो “क
ें द्र शाभसत प्रदेश की आभधकारिक
िाषा” शीषाक क
े तहत बताती है भक तभमल
इस्तावेमाल की जाने वाली िाषा है। क
ें द्र शाभसत
प्रदेश में सिी या भकसी िी आभधकारिक उद्देश्योां
क
े भलए, जबभक मलयालम औि तेलुगु का उपयोग
क्रमशः माहे औि यनम में भकया जा सकता है ।
अभधभनयम यह िी भनधाारित किता है भक क
ें द्र
शाभसत प्रदेश क
े भकसी िी आभधकारिक उद्देश्य क
े
भलए अांग्रेजी का उपयोग भकया जा सकता है।
• 2006 क
े दौिान िाज्यसिा सांसदीय बहस में एक
आभधकारिक उल्लेख ने पुभष्ट् की भक पुडुचेिी की
पाांच आभधकारिक िाषाएां तभमल , अांग्रेजी ,
मलयालम , तेलुगु औि फ्
ें च हैं ।
पुडुचेिी ( जनजाभतयाँ
एां व समुदाय )
• पुडुचेिी क
े युवा लोग 3 िेत्र में 138 अवशेष सामने आए हैं।
हालाँभक, एक उल्लेखनीय तथ्य जो हि यात्री को आकभषात किता
है वह यह है भक पुडुचेिी में चचा चचा की कोई उपस्स्थभत नहीांहै, जो
फ्
ें च िाित क
े 4 स्थानोां, पुडुचेिी, किकल, माहे औि यनम क
े साथ
भमला था। ये जनाब कम्यूभनटी भशकाि औि खेती जैसे उपकिण क
े
माध्यम से अपना जीवन यापन किते हैं।
• पुडुचेिी की जनजाभतयाँ वास्तावव में अलग-
अलग स्थानोां में भविाभजत हैं, जैसे भक इििेल, कट्टुनैक
ें स, मलाइ
क
ु वि, येिक
ु लस या क
ु रुमान। किाकल औि यनम पुडुचेिी क
े अां
तगात प्रमुख स्थान हैं जहाां ऐसी जनजाभत जनसांख्या दैभनक आबा
दी को काटने क
े भलए झुांड में आती है। हैं।
पुडुचेिी
(मनाय जाने
वाले समािोह )
• अंतरााष्ट्रीय योग महोत्सव जबभक सिी
त्योहािोां का अपना अपना आकषाण है, पि
अांतिााष्ट्र ीय योग महोत्सव की तुलना में कोई
औि त्योहाि नहीांहै जो पुदुचेिी की आत्मा का
प्रभतभनभधत्व कि सक
े । पुदुचेिी सिकाि, सन्
1992 से, हि साल 4 जनविी से 7 जनविी क
े
बीच, इस वाभषाक कायाक्रम का आयोजन
किती िही है, भजसमें दुभनया िि से योग
भवशेषज्ोां का यहाां आगमन होता है।
• फ्ांसििी व्यंजन त्योहार
• पुदुचेिी में, युवाओां क
े भलए अनेक उत्सव
मनाए जाते हैं भजनमें िाग लेने हि साल यहाां
अनेक पयाटक आते हैं। इनमें फ्ाांसीसी व्यांजन
त्योहाि सबसे लोकभप्रय है। पुदुचेिी का
पयाटन भविाग, इसे अगस्ताव माह में आयोभजत
किता है। यह उत्सव, यहाां देश िि से
एकभत्रत पयाटकोां को, भवभिन्न प्रकाि क
े
फ्ाांसीसी व्यांजनोां क
े स्वाद का अनुिव किने
का अवसि प्रदान किता है।
• आग पि चलने का उत्सव एक िोमाांचक औि
खतिनाक उत्सव है, आग पि चलने का उत्सव।
अक्टू बि या नवांबि क
े महीनोां में, 40 भदनोां की अवभध
क
े भलए िक्तगण, िगवा िांग क
े कपडे पहन कि
उपवास किते हैं, औि िहने में कठोि भनयमोां का
पालन किते हैं। मुख्य िात में, शुस्द्ध स्नान क
े बाद, वे
जलते हुए कोयले क
े 4 मीटि लांबे गड्ढे में, नांगे पैि
चलते हैं।
• रथ महोत्सव
• मई औि जून महीनोां क
े दौिान, वाभषाक िथ महोत्सव
का आयोजन भवभलयानूि मांभदि में भकया जाता है जब
बडी सांख्या में िक्तगण 15 मीटि लांबे िथ को
सडकोां पि खीांच कि ले जाते हैं। मान्यता यह है भक
इस िथ को खीांचने वाले िक्तोां की मनोकामना पूिी
हो जाती है। िगवान भशव, एक भशवभलांग क
े रूप में,
इस मांभदि क
े पीठासीन देवता हैं।
• मािी मागम
• तभमल िाभषयोां द्वािा माकम नित्र क
े दौिान, या माघ
महीने में मनाए जाने वाले मासी मागम वह भदन होता
है भजस भदन मांभदिोां की मूभतायोां को औपचारिक स्नान
किाने क
े भलए भकसी तालाब, नदी या समुद्र में ले
जाया जाता है। यह त्योहाि थाईलैंड, भसांगापुि औि
इांडोनेभशया में िी मनाया जाता है।
• भचदांबिम नाट्यांजभल उत्सव
• त्योहाि क
े मौसम क
े दौिान, पुदुचेिी का क
ें द्र शाभसत
प्रदेश, याभत्रयोां क
े भलए एक स्वगा सा बन जाता है। यहाां ऐसी
कई गभतभवभधयाां औि त्यौहाि हैं जो पूिे वषा होते िहते हैं,
इसभलए यहाां का साांस्क
ृ भतक क
ै लेंडि आमतौि पि काफी
ििा िहता है। शहि का आध्यास्त्मक झुकाव इस बात से
भनभश्चत होता है भक इन त्योहािोां की बडी सांख्या पुदुचेिी क
े
मांभदिोां में ही होती है। भमसाल क
े तौि पि, भशविाभत्र क
े
अवसि पि होने वाला वाभषाक भचदांबिम नाट्यांजभल समािोह
में देश िि क
े कलाकािोां का प्रदशान होता है। इस तिह,
िैिवी क
े माध्यम से कनााटक सांगीत को बढावा भमलता है,
जहाां सांगीत प्रेमी लोग, वाद्य औि गायन प्रदशान, नृत्य औि
सांगीत की प्रस्तावुभतयोां को िी जोड लेते है। इनमें से
अभधकाांश नृत्य औि सांगीत समािोहोां पि एक मजबूत
तभमल प्रिाव िहता है। औि आप क
ां दरूिी महोत्सव,
िगवती मांभदि महोत्सव, भवष्णुतीथाम, स्वामीकल्याणम,
मांडलम भवलाक्क
ू औि अन्य बहुत सािी गभतभवभधयोां को न
िूलें।
पुडुचेिी ( स्थानीय व्यांजन )
पुडुचेिी क
े दौिा किते वक्त हमें
फ्ाांस की सभ्यता भदखाई देगी. यही
एक कािण है. पुडुचेिी को Little
france of India िी कहा जाता है.
चभलए आज बताते एक पुडुचेिी क
े
प्रभसद्ध खानोां क
े बािे में भजसक
े
स्वाभदष्ट् व्यांजन भकसी का िी मन
मोह लेंगे
• कडुगु येरा
• ये एक तिह की किी है जो प्रॉन्स
क
े साथ बनाई जाती है. भजसे
टमाटि सॉस, पोटैटो, भवनेगि,
फ
े नुग्रीक, मस्टडा पेस्ट औि क्रीमी
कोकोनट भमल्क क
े साथ तैयाि
भकया जाता है. जो की लोकली
पसांद भकए जाने वाले व्यांजनोां में से
एक है.
• क्विचॅ
े
• ये सबसे ज्यादा प्रभसद्ध फ्
ें च व्यांजन है जो
पुडुचेिी में पकाया जाता है. ये भडश ओपन
बेकड टाटा है भजसमें सवॉिी एग कस्टडा का
भफभलांग होता है. भजसमें चीज़, मीट, सी फ
ू ड
औि सस्ियाां होती हैं. Quiche खाने क
े भलए
बेहतिीन मील है भजसे गमा या ठां डा दोनोां
तिीकोां से खाया जा सकता है.
• पाल पायिम
• ये काफी क्लाभसक डेजटा है. भजसे दू ध, चीनी
औि चावल क
े साथ बनाया जाता है. जो भक
काफी िीच औि क्रीमी होता है. औि इसे खास
मौकोां क
े दौिान क
े िल औि देश क
े अन्य िागोां
में तैयाि भकया जाता है.
• िोयाबीन डोिई
• ये िाित क
े दभिणी भहस्ोां में खाया
जाने वाला काफी प्रभसद्ध व्यांजन है.
जहाां डोसे क
े बटि में सोयाबीन का
पेस्ट भमलाया जाता है बाकी इसे बनाने
का तिीका भबलक
ु ल डोसे की तिह ही
होता है. इसमें काफी िीच प्रोटीन होते
हैं भजसे आप पुडुचेिी में खा सकते हैं.
• वेगन चॉकलेट
• पुडुचेिी में वैगन चॉकलेट को खाना
भबलक
ु ल न िूले. यहाां से क
ु छ चॉकलेट
आप अपने घि िी ले जा सकते हैं.
पुडुचेिी में खाना काफी कम तेल का
इस्तावेमाल किक
े बनाया जाता है. जो
पचाने में काफी आसान होता हैं.

More Related Content

What's hot

An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptxAn outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptxVirag Sontakke
 
Festivals of india
Festivals of india Festivals of india
Festivals of india aniliimd
 
Educational institutional in Ancient India
Educational institutional in Ancient IndiaEducational institutional in Ancient India
Educational institutional in Ancient IndiaBanaras Hindu University
 
Agriculture of Gujarat State- Green Revolution
Agriculture of Gujarat State- Green RevolutionAgriculture of Gujarat State- Green Revolution
Agriculture of Gujarat State- Green RevolutionTushar Dholakia
 
Crop Production In Maharashtra And Odisha
Crop Production In Maharashtra And OdishaCrop Production In Maharashtra And Odisha
Crop Production In Maharashtra And OdishaSaswatMahapatra7
 
शाक्त धर्म
शाक्त धर्म शाक्त धर्म
शाक्त धर्म Virag Sontakke
 
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptxAn outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptxVirag Sontakke
 
Andhra pradesh history
Andhra pradesh historyAndhra pradesh history
Andhra pradesh historyTeacher
 
The punjab by pratik kashikar
The punjab by pratik kashikarThe punjab by pratik kashikar
The punjab by pratik kashikarforthpillers
 

What's hot (20)

Odisha
OdishaOdisha
Odisha
 
Tribes
TribesTribes
Tribes
 
Uttar pradesh
Uttar pradeshUttar pradesh
Uttar pradesh
 
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptxAn outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
 
Festivals of india
Festivals of india Festivals of india
Festivals of india
 
Vedic Agriculture
Vedic AgricultureVedic Agriculture
Vedic Agriculture
 
Agriculture in orissa
Agriculture in orissaAgriculture in orissa
Agriculture in orissa
 
Educational institutional in Ancient India
Educational institutional in Ancient IndiaEducational institutional in Ancient India
Educational institutional in Ancient India
 
Agriculture of Gujarat State- Green Revolution
Agriculture of Gujarat State- Green RevolutionAgriculture of Gujarat State- Green Revolution
Agriculture of Gujarat State- Green Revolution
 
Arunachal pradesh,
Arunachal pradesh,Arunachal pradesh,
Arunachal pradesh,
 
India : Unity in diversity
India : Unity in diversityIndia : Unity in diversity
India : Unity in diversity
 
Crop Production In Maharashtra And Odisha
Crop Production In Maharashtra And OdishaCrop Production In Maharashtra And Odisha
Crop Production In Maharashtra And Odisha
 
Rajasthan
RajasthanRajasthan
Rajasthan
 
शाक्त धर्म
शाक्त धर्म शाक्त धर्म
शाक्त धर्म
 
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptxAn outline   Of   Paleolithic Cultures of India.pptx
An outline Of Paleolithic Cultures of India.pptx
 
Chhattisgarh
ChhattisgarhChhattisgarh
Chhattisgarh
 
Orissa project
Orissa project Orissa project
Orissa project
 
Andhra pradesh history
Andhra pradesh historyAndhra pradesh history
Andhra pradesh history
 
The punjab by pratik kashikar
The punjab by pratik kashikarThe punjab by pratik kashikar
The punjab by pratik kashikar
 
Haryana
HaryanaHaryana
Haryana
 

Similar to Uttrakhand and puducherry

random-230121072440-6e7eac87.pptx
random-230121072440-6e7eac87.pptxrandom-230121072440-6e7eac87.pptx
random-230121072440-6e7eac87.pptxAAKIBSAIFI4
 
अनेकता में एकता.pptx
अनेकता में एकता.pptxअनेकता में एकता.pptx
अनेकता में एकता.pptxParthKushwaha3
 
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांराजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांGovernment of India
 
sikkim and nepal in hindi
sikkim and nepal in hindisikkim and nepal in hindi
sikkim and nepal in hindikishore shobana
 
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment Protection
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment ProtectionBJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment Protection
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment ProtectionBharatiya Jain Sanghatana
 
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptxCourse 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptxNamitaSahare
 
Course 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptxCourse 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptxNamitaSahare
 
पोवारी साहित्य सरिता
पोवारी साहित्य सरिता पोवारी साहित्य सरिता
पोवारी साहित्य सरिता Kshtriya Panwar
 
Parvon kapunjdepawali
Parvon kapunjdepawaliParvon kapunjdepawali
Parvon kapunjdepawaligurusewa
 
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdfSHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdfShivna Prakashan
 
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021Gunjan Verma
 
Lok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptxLok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptxNamitaSahare
 
Research material on web for hindi
Research material on web for hindiResearch material on web for hindi
Research material on web for hindiVivekanand Jain
 
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam Uplabdhiyan
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam UplabdhiyanRajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam Uplabdhiyan
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam UplabdhiyanNayi goonj
 

Similar to Uttrakhand and puducherry (20)

random-230121072440-6e7eac87.pptx
random-230121072440-6e7eac87.pptxrandom-230121072440-6e7eac87.pptx
random-230121072440-6e7eac87.pptx
 
Holy Rivers - Hindi
Holy Rivers - HindiHoly Rivers - Hindi
Holy Rivers - Hindi
 
अनेकता में एकता.pptx
अनेकता में एकता.pptxअनेकता में एकता.pptx
अनेकता में एकता.pptx
 
BJS e-Bulletin
BJS e-Bulletin BJS e-Bulletin
BJS e-Bulletin
 
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांराजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
 
sikkim and nepal in hindi
sikkim and nepal in hindisikkim and nepal in hindi
sikkim and nepal in hindi
 
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment Protection
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment ProtectionBJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment Protection
BJS E-Bulletin | Edition 35 | 05 June 2020 | Environment Protection
 
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptxCourse 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
Course 211 लोक और जनजातीय कला Folk Art WARLI.pptx
 
Course 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptxCourse 211 Folk Art WARLI.pptx
Course 211 Folk Art WARLI.pptx
 
पोवारी साहित्य सरिता
पोवारी साहित्य सरिता पोवारी साहित्य सरिता
पोवारी साहित्य सरिता
 
Panchdevopasana
PanchdevopasanaPanchdevopasana
Panchdevopasana
 
Parvon kapunjdepawali
Parvon kapunjdepawaliParvon kapunjdepawali
Parvon kapunjdepawali
 
ParvonKaPunjDepawali
ParvonKaPunjDepawaliParvonKaPunjDepawali
ParvonKaPunjDepawali
 
Haryana
HaryanaHaryana
Haryana
 
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdfSHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JANUARY- MARCH 2024.pdf
 
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) 2021
 
Lok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptxLok kala लोक कला.pptx
Lok kala लोक कला.pptx
 
Research material on web for hindi
Research material on web for hindiResearch material on web for hindi
Research material on web for hindi
 
Sant avataran
Sant avataranSant avataran
Sant avataran
 
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam Uplabdhiyan
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam UplabdhiyanRajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam Uplabdhiyan
Rajasthan Main Paryatan Vikas Ke Sarkari Prayas Evam Uplabdhiyan
 

Uttrakhand and puducherry

  • 1. समूह परियोजना अभिनव ,प्यूश तनुज, वेदाांश, गौिव चांद्र
  • 2. उत्तराखंड • सूची • स्थान औि इसकी िाजधानी • बोली जाने वाली िाषाएँ औि बोली • जनजाभतयाँ एवां समुदाय • समािोह • स्थानीय व्यांजन
  • 3. उत्तिाखांड ( स्थान औि इसकी िाजधानी ) उत्तिाखण्ड, उत्ति िाित में स्स्थत एक िाज्य है भजसका भनमााण ९ नवम्बि २००० को कई वषों क े आन्दोलन क े पश्चात िाित गणिाज्य क े सत्ताईस वें िाज्य क े रूप में भकया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तिाांचल क े नाम से जाना जाता था। जनविी २००७ में स्थानीय लोगोां की िावनाओां को ध्यान में िखते हुए िाज्य का आभधकारिक नाम बदलकि उत्तिखण्ड कि भदया गया। िाज्य की सीमाएँ उत्ति में भतब्बत औि पूवा में नेपाल से लगी हैं। पभश्चम में भहमाचल प्रदेश औि दभिण में उत्ति प्रदेश इसकी सीमा से लगे िाज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूवा यह उत्ति प्रदेश का एक िाग था। पािम्परिक भहन्दू ग्रन्ोां औि प्राचीन साभहत्य में इस िेत्र का उल्लेख उत्तिाखण्ड क े रूप में भकया गया है। भहन्दी औि सांस्क ृ त में उत्तिखण्ड का अथा उत्तिी िेत्र या िाग होता है। िाज्य में भहन्दू धमा की पभवत्रतम औि िाित की सबसे बडी नभदयोां गांगा औि यमुना क े उद्गम स्थल क्रमशः गांगोत्री औि यमुनोत्री तथा इनक े तटोां पि बसे वैभदक सांस्क ृ भत क े कई महत्त्वपूणा तीथास्थान हैं। देहिादू न, उत्तिखण्ड की अन्तरिम िाजधानी होने क े साथ इस िाज्य का सबसे बडा नगि है। गैिसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी िौगोभलक स्स्थभत को देखते हुए िभवष्य की िाजधानी क े रूप में प्रस्तावाभवत भकया गया है भकन्तु भववादोां औि सांसाधनोां क े अिाव क े चलते अिी िी देहिादू न अस्थाई िाजधानी बना हुआ है।
  • 4. उत्तिाखांड की ( िाजधानी ) • देहिादू न, िाित क े उत्तिाखांड िाज्य की िाजधानी है इसका मुख्यालय देहिादू न नगि में है। इस भजले में ६ तहसीलें, ६ सामुदाभयक भवकास खांड, १७ शहि औि ७६४ आबाद गाँव हैं। इसक े अभतरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे िी हैं जहाँ कोई नहीांिहता।[देश की िाजधानी से २३० भकलोमीटि दू ि स्स्थत इस नगि का गौिवशाली पौिाभणक इभतहास है। प्राक ृ भतक सौांदया से ििपूि यह नगि अनेक प्रभसद्ध भशिा सांस्थानोां क े कािण िी जाना जाता है। यहाँ तेल एवां प्राक ृ भतक गैस आयोग, सवे ऑफ इांभडया, िाितीय पेटर ोभलयम सांस्थान आभद जैसे कई िाष्ट्र ीय सांस्थान स्स्थत हैं। देहिादू न में वन अनुसांधान सांस्थान, िाितीय िाष्ट्र ीय भमभलटिी कालेज औि इांभडयन भमभलटिी एक े डमी जैसे कई भशिण सांस्थान हैं । यह एक प्रभसद्ध पयाटन स्थल है। अपनी सुांदि दृश्यवाली क े कािण देहिादू न पयाटकोां, तीथायाभत्रयोां औि भवभिन्न िेत्र क े उत्साही व्यस्क्तयोां को अपनी ओि आकभषात किता है। भवभशष्ट् बासमती चावल, चाय औि लीची क े बाग इसकी प्रभसस्द्ध को औि बढाते हैं तथा शहि को सुांदिता प्रदान किते हैं।
  • 5. उत्तिाखांड में( बोली जाने वाली िाषाएँ ) • उत्तिाखण्ड की िाषाएँ पहाडी िाषाओां की श्रेणी में आती हैं। उत्तिाखण्ड में बोली जाने वाली िाषाओां को दो प्रमुख समूहोां में भविाभजत भकया जा सकता है: क ु माऊ ँ नी औि गढवाली जो क्रमशः िाज्य क ु माऊ ँ औि गढवाल मण्डलोां में बोली जातीांहैं। इन दोनोां िाषाओां में सांस्क ृ त क े अनेक शब्ोां की उपलब्धता से इन्हे सांस्क ृ त से भवकभसत समझा जाता है। जौनसािी औि िोभटया दो अन्य बोभलयाँ, जनजाभत समुदायोां द्वािा क्रमशः पभश्चम औि उत्ति में बोली जाती हैं। • गढवाली औि क ु माऊ ां नी िाषा भहांदी िाषा ही है गढवाली क ु माऊनी यह िाष्ट्र ीय िाषा नहीांहै एक बोली है जल्दी से उत्पन्न हुई है औि पूिे उत्तिाखांड में ज्यादाति इसका इस्तावेमाल भकया जाता है। • लेभकन िाज्य की सबसे प्रमुख िाषा भहन्दी है। यह िाज्य की आभधकारिक औि कामकाज की िाषा होने क े साथ-साथ अन्तिसमूहोां क े मध्य सांवाद की िाषा िी है। • िाज्य की दू सिी प्रमुख िाजिाषा सांस्क ृ त है। उत्तिाखांड में सांस्क ृ त को भद्वतीय िाजिाषा का दजाा प्राप्त है।
  • 6. उत्तिाखांड ( जनजाभतयाँ एवां समुदाय ) • उत्तिाखण्ड में भनवासित् िोभटया, थारू, जौनसािी,बुक्शा एां व िाजी को वषा 1967 में अनुसूभचत जनजाभत घोभषत भकया गया था। उक्त पाॅच जनजाभतयोां मे बुक्सा एवां िाजी जनजाभत आभथाक, शैभिक एवां सामाभजक रूप से अन्य जनजाभतयोां की अपेिा काफी भनधान एवां भपछडी होने क े कािण उन्हें आभदम जनजाभत समूह की श्रेणी में िखा गया है।
  • 7. उत्तिाखांड मैं मनाये जाने वाले ( समािोह ) • गढवाल – क ु माऊ ँ की सांस्क ृ भत यहाँ क े मेलोां में समाभहत है। िांगीले क ु माऊ ँ क े मेलोां में ही यहाँ का साांस्क ृ भतक स्वरुप भनखिता है। धमा, सांस्क ृ भत औि कला क े व्यापक सामांजस्य क े कािण इस अांचल में मनाये जाने वाले उत्सवोां का स्वरुप बेहद कलात्मक होता है। छोटे-बडे सिी पवों, आयोजनोां औि मेलोां पि भशल्प की भकसी न भकसी भवद्या का दशान अवश्य होता है। क ु माऊ ँ नी िाषा में मेलोां को कौभतक कहा जाता है। क ु छ मेले देवताओां क े सम्मान में आयोभजत होते हैं तो क ु छ व्यापारिक दृभष्ट् से अपना महत्त्व िखते हुए िी धाभमाक पि को पुष्ट् अवश्य किते हैं। पूिे अांचल में स्थान-स्थान पि पचास से अभधक मेले आयोभजत होते हैं भजनमें यहाँ का लोक जीवन, लोक नृत्य, गीत एवां पिम्पिाओां की िागीदािी सुभनभश्चत होती है। साथ ही यह धािणा िी पुभष्ट् होती है भक अन्य िागोां में मेलोां, उत्सवोां का ताना बाना िले ही टू टा हो, यह अांचल तो आम जन की िागीदािी से मनाये जा िहे मेलोां से भनिन्ति समद्ध हो िहा है। • उत्तिायणी मेला उत्तिाांचल िाज्य क े बागेश्वि शहि में आयोभजत होता है। तहसील व जनपद बागेश्वि क े अन्तगात सियू गोमती व सुष्प्प्त िागीिथी नभदयोां क े पावन सगांम पि उत्तिायणी मेला बागेश्वि का िव्य आयोजन भकया जाता है।
  • 8. उत्तिाखांड क े ( स्थाभनय व्यांजन ) • जब िी बात देविूभम उत्तिाखांड की आती है तो वहाँ क े व्यांजनोां को िी खूब पसांद भकया जाता है भफि चाहे बात झांगुिे की खीि की हो या मांडुवे की िोटी औि भतल की चटनी की या हो बात िाांग की चटनी की.. उत्तिाखांड का पािांपरिक खानपान गुणवत्ता औि स्वास्थ्य की दृभष्ट् से बेहद लािका भहप वो अपनेिी माना गया है। िाित ही नहीांभवदेशोां में िी पहाड क े मांडुवा, झांगोिा, काले िट, गहथ, भतल आभद अपनी माक े ट बना िहे हैं। • आयुवेभदक भचभकत्सक बताते हैं भक पहाडी अनाज सेहत क े भलए बेहद फायदेमांद हैं। मांडुवा मधुमेह की बीमािी में बेहद कािगि है। यह शिीि में चीनी की मात्रा भनयांभत्रत कि िोग प्रभतिोधक िमता बढाता है। झांगोिा पेट सांबधी बीमारियोां को दू ि किता है। काले िट में प्रोटीन की प्रचुि मात्रा होती है। गहथ की दाल की तासीि गमा होने क े कािण यह गुदे की पथिी में बेहद फायदेमांद है।
  • 9. पुदुचेरी • सूची •स्थान औि इसकी िाजधानी •बोली जाने वाली िाषाएँ •जनजाभतयाँ एवां समुदाय •समािोह •स्थानीय व्यांजन
  • 10. पुडुचेिी ( स्थान औि इसकी िाजधानी ) • पुदुचेिी , जो पोांडीचेिी िी कहलाता है, िाित क े पुदुचेिी क ें द्र-शाभसत प्रदेश की िाजधानी है। पहले पुदुचेिी िाित में फ्ाांसीसी िाित कहलाने वाले फ्ाांसीसी उपभनवेश का मुख्य शहि था औि पोांडीचेिी कहलाता था। भसतांबि 2006 में पोांडीचेिी का नाम आभधकारिक रूप से बदलकि पुदुचेिी कि भदया गया भजसका स्थानीय तभमल िाषा में अथा “नया गाँव” होता है। यह बांगाल की खाडी पि बसा हुआ है।
  • 11. पुडुचेिी मैं ( बोली जाने वाले िाषाए औि बोली ) • पुदुचेिी में िाषाओां की आभधकारिक स्स्थभत फ् ें च को आभधकारिक िाषा क े रूप में जािी िखने क े भलए 1963 क े भवधानसिा सांकल्प औि उसक े बाद पाांभडचेिी िाजिाषा अभधभनयम, 1965 द्वािा शाभसत होती है , जो “क ें द्र शाभसत प्रदेश की आभधकारिक िाषा” शीषाक क े तहत बताती है भक तभमल इस्तावेमाल की जाने वाली िाषा है। क ें द्र शाभसत प्रदेश में सिी या भकसी िी आभधकारिक उद्देश्योां क े भलए, जबभक मलयालम औि तेलुगु का उपयोग क्रमशः माहे औि यनम में भकया जा सकता है । अभधभनयम यह िी भनधाारित किता है भक क ें द्र शाभसत प्रदेश क े भकसी िी आभधकारिक उद्देश्य क े भलए अांग्रेजी का उपयोग भकया जा सकता है। • 2006 क े दौिान िाज्यसिा सांसदीय बहस में एक आभधकारिक उल्लेख ने पुभष्ट् की भक पुडुचेिी की पाांच आभधकारिक िाषाएां तभमल , अांग्रेजी , मलयालम , तेलुगु औि फ् ें च हैं ।
  • 12. पुडुचेिी ( जनजाभतयाँ एां व समुदाय ) • पुडुचेिी क े युवा लोग 3 िेत्र में 138 अवशेष सामने आए हैं। हालाँभक, एक उल्लेखनीय तथ्य जो हि यात्री को आकभषात किता है वह यह है भक पुडुचेिी में चचा चचा की कोई उपस्स्थभत नहीांहै, जो फ् ें च िाित क े 4 स्थानोां, पुडुचेिी, किकल, माहे औि यनम क े साथ भमला था। ये जनाब कम्यूभनटी भशकाि औि खेती जैसे उपकिण क े माध्यम से अपना जीवन यापन किते हैं। • पुडुचेिी की जनजाभतयाँ वास्तावव में अलग- अलग स्थानोां में भविाभजत हैं, जैसे भक इििेल, कट्टुनैक ें स, मलाइ क ु वि, येिक ु लस या क ु रुमान। किाकल औि यनम पुडुचेिी क े अां तगात प्रमुख स्थान हैं जहाां ऐसी जनजाभत जनसांख्या दैभनक आबा दी को काटने क े भलए झुांड में आती है। हैं।
  • 13. पुडुचेिी (मनाय जाने वाले समािोह ) • अंतरााष्ट्रीय योग महोत्सव जबभक सिी त्योहािोां का अपना अपना आकषाण है, पि अांतिााष्ट्र ीय योग महोत्सव की तुलना में कोई औि त्योहाि नहीांहै जो पुदुचेिी की आत्मा का प्रभतभनभधत्व कि सक े । पुदुचेिी सिकाि, सन् 1992 से, हि साल 4 जनविी से 7 जनविी क े बीच, इस वाभषाक कायाक्रम का आयोजन किती िही है, भजसमें दुभनया िि से योग भवशेषज्ोां का यहाां आगमन होता है। • फ्ांसििी व्यंजन त्योहार • पुदुचेिी में, युवाओां क े भलए अनेक उत्सव मनाए जाते हैं भजनमें िाग लेने हि साल यहाां अनेक पयाटक आते हैं। इनमें फ्ाांसीसी व्यांजन त्योहाि सबसे लोकभप्रय है। पुदुचेिी का पयाटन भविाग, इसे अगस्ताव माह में आयोभजत किता है। यह उत्सव, यहाां देश िि से एकभत्रत पयाटकोां को, भवभिन्न प्रकाि क े फ्ाांसीसी व्यांजनोां क े स्वाद का अनुिव किने का अवसि प्रदान किता है। • आग पि चलने का उत्सव एक िोमाांचक औि खतिनाक उत्सव है, आग पि चलने का उत्सव। अक्टू बि या नवांबि क े महीनोां में, 40 भदनोां की अवभध क े भलए िक्तगण, िगवा िांग क े कपडे पहन कि उपवास किते हैं, औि िहने में कठोि भनयमोां का पालन किते हैं। मुख्य िात में, शुस्द्ध स्नान क े बाद, वे जलते हुए कोयले क े 4 मीटि लांबे गड्ढे में, नांगे पैि चलते हैं। • रथ महोत्सव • मई औि जून महीनोां क े दौिान, वाभषाक िथ महोत्सव का आयोजन भवभलयानूि मांभदि में भकया जाता है जब बडी सांख्या में िक्तगण 15 मीटि लांबे िथ को सडकोां पि खीांच कि ले जाते हैं। मान्यता यह है भक इस िथ को खीांचने वाले िक्तोां की मनोकामना पूिी हो जाती है। िगवान भशव, एक भशवभलांग क े रूप में, इस मांभदि क े पीठासीन देवता हैं। • मािी मागम • तभमल िाभषयोां द्वािा माकम नित्र क े दौिान, या माघ महीने में मनाए जाने वाले मासी मागम वह भदन होता है भजस भदन मांभदिोां की मूभतायोां को औपचारिक स्नान किाने क े भलए भकसी तालाब, नदी या समुद्र में ले जाया जाता है। यह त्योहाि थाईलैंड, भसांगापुि औि इांडोनेभशया में िी मनाया जाता है।
  • 14. • भचदांबिम नाट्यांजभल उत्सव • त्योहाि क े मौसम क े दौिान, पुदुचेिी का क ें द्र शाभसत प्रदेश, याभत्रयोां क े भलए एक स्वगा सा बन जाता है। यहाां ऐसी कई गभतभवभधयाां औि त्यौहाि हैं जो पूिे वषा होते िहते हैं, इसभलए यहाां का साांस्क ृ भतक क ै लेंडि आमतौि पि काफी ििा िहता है। शहि का आध्यास्त्मक झुकाव इस बात से भनभश्चत होता है भक इन त्योहािोां की बडी सांख्या पुदुचेिी क े मांभदिोां में ही होती है। भमसाल क े तौि पि, भशविाभत्र क े अवसि पि होने वाला वाभषाक भचदांबिम नाट्यांजभल समािोह में देश िि क े कलाकािोां का प्रदशान होता है। इस तिह, िैिवी क े माध्यम से कनााटक सांगीत को बढावा भमलता है, जहाां सांगीत प्रेमी लोग, वाद्य औि गायन प्रदशान, नृत्य औि सांगीत की प्रस्तावुभतयोां को िी जोड लेते है। इनमें से अभधकाांश नृत्य औि सांगीत समािोहोां पि एक मजबूत तभमल प्रिाव िहता है। औि आप क ां दरूिी महोत्सव, िगवती मांभदि महोत्सव, भवष्णुतीथाम, स्वामीकल्याणम, मांडलम भवलाक्क ू औि अन्य बहुत सािी गभतभवभधयोां को न िूलें।
  • 15. पुडुचेिी ( स्थानीय व्यांजन ) पुडुचेिी क े दौिा किते वक्त हमें फ्ाांस की सभ्यता भदखाई देगी. यही एक कािण है. पुडुचेिी को Little france of India िी कहा जाता है. चभलए आज बताते एक पुडुचेिी क े प्रभसद्ध खानोां क े बािे में भजसक े स्वाभदष्ट् व्यांजन भकसी का िी मन मोह लेंगे • कडुगु येरा • ये एक तिह की किी है जो प्रॉन्स क े साथ बनाई जाती है. भजसे टमाटि सॉस, पोटैटो, भवनेगि, फ े नुग्रीक, मस्टडा पेस्ट औि क्रीमी कोकोनट भमल्क क े साथ तैयाि भकया जाता है. जो की लोकली पसांद भकए जाने वाले व्यांजनोां में से एक है. • क्विचॅ े • ये सबसे ज्यादा प्रभसद्ध फ् ें च व्यांजन है जो पुडुचेिी में पकाया जाता है. ये भडश ओपन बेकड टाटा है भजसमें सवॉिी एग कस्टडा का भफभलांग होता है. भजसमें चीज़, मीट, सी फ ू ड औि सस्ियाां होती हैं. Quiche खाने क े भलए बेहतिीन मील है भजसे गमा या ठां डा दोनोां तिीकोां से खाया जा सकता है. • पाल पायिम • ये काफी क्लाभसक डेजटा है. भजसे दू ध, चीनी औि चावल क े साथ बनाया जाता है. जो भक काफी िीच औि क्रीमी होता है. औि इसे खास मौकोां क े दौिान क े िल औि देश क े अन्य िागोां में तैयाि भकया जाता है.
  • 16. • िोयाबीन डोिई • ये िाित क े दभिणी भहस्ोां में खाया जाने वाला काफी प्रभसद्ध व्यांजन है. जहाां डोसे क े बटि में सोयाबीन का पेस्ट भमलाया जाता है बाकी इसे बनाने का तिीका भबलक ु ल डोसे की तिह ही होता है. इसमें काफी िीच प्रोटीन होते हैं भजसे आप पुडुचेिी में खा सकते हैं. • वेगन चॉकलेट • पुडुचेिी में वैगन चॉकलेट को खाना भबलक ु ल न िूले. यहाां से क ु छ चॉकलेट आप अपने घि िी ले जा सकते हैं. पुडुचेिी में खाना काफी कम तेल का इस्तावेमाल किक े बनाया जाता है. जो पचाने में काफी आसान होता हैं.