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Chapter · August 2015
DOI: 10.13140/RG.2.1.2692.2727
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Dr. Akhilesh Kumar
Vardhaman Mahaveer Open University
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इकाई 6
परामर्श के विविध उपागम: व्यिहार विवकत्सा एिं संज्ञानात्मक व्यिहार
विवकत्सा
(Behaviour Therapy & Cognitive Behaviour Therapy)
Dr.Akhilesh Kumar
(A Unit Written for BA in Psychology Program of VMOU, Kota)
इकाईकी रूपरेखा
6.1 उद्देश्य
6.2 प्रस्तावना ा
6.3 व्यवनाहारचिचित्सा
6.4 व्यवनाहारचिचित्सािीपूवनाविल्प ाएँ(Assumptions of Behaviour Therapy)
6.5 व्यवनाहारचिचित्सािीप्रचवनाचियाँ
6.5.1 क्रमबद्धअसंवनाेदीिरण(Systematic Desensitization)
6.5.2 चवनारुिीचिचित्सा(Aversion Therapy)
6.5.3 संभाव्यताप्रबंि (Contingency Management)
6.5.4 मॉडच ंग(Modelling)
6.6 संज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सा
6.7 संज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािीमान्यताएं
6.8 संज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािे क्ष्य
6.9 संज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािीचवनाचियाँ
6.9.1 संज्ञा ात्मिपु गवठ
6.9.2 एपररप्रेक्ष्यिाचवनािास
6.9.3 चवनागत–वनातवमा सम्बंिरि ा
6.9.4 सिारात्मिसंसाि अन्वनाेषण
6.9.5 क्ष्यिाच िावरण
6.9.6 शचिक्षेत्रचवनाश्लेषण
6.9.7 च णवयरि ा
6.10 इिाईसारांश
6.11 सन्दभवग्रन्थ/अन्यअध्यय
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6.12 अभ्यासप्रश्न
6.1 उद्देश्य:
इसइिाईिेअध्यय िेबाद
व्यवनाहारचिचित्सािासंचक्षप्तपररियबतासिें गे
व्यवनाहारचिचित्साति ीिोंिीमान्यताएंएवनांआिारबतासिें गे
क् ाचसि अ ुबंि परआिाररतचवनाचभन् व्यवनाहारचिचित्सािीति ीिोंपरििाविरसिेंगे
क् ाचसि अ ुबंि सेव्युत्पन् चसद्धांतोंिाव्यवनाहारचिचित्सामेंउपयोगबतासिें गे
ऑपरेंटअ ुबंि सेव्युत्पन् चसद्धांतोंिाव्यवनाहारचिचित्सामेंउपयोगबतासिेंगे
सामाचििअचिगमपरआिाररतव्यवनाहारचिचित्सािीति ीिोंिीव्याख्यािरसिेंगे
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपिाअथवबतासिें गेएवनांपररभाचषतिरसिें गे।
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपिे उद्देश्योंिोबतासिेंगे।
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपिे िायवक्षेत्रिोबतासिें गे।
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपिेचसद्धान्तोंिोबतासिेंगे।
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपिे आवनाश्यितांंिोबतासिें गे।
संज्ञा ात्मिहस्तक्षेपसेहो ेवनाा े ाभोंिोबतासिें गे।
6.2 प्रस्तािना (Introduction)
परामशविीति ीिें म ोचवनाज्ञा िे चसद्धांतोंपरआिाररतहैं ।म ोचवनाज्ञा िे इचतहासपरगौरिरेंतोयहपह े
दशव शास्त्रिाएिअंगथािो१९वनाींसदीिे उत्तरािवमेंदशव शास्त्रसेअ गएिस्वनातंत्रचवनाषयिे रूपमें
चवनािचसतहुआ। म ोचवनाज्ञा िेचवनािासिेक्रममेंम ोचवनाज्ञा िेअध्यय क्षेत्रिेबारेमेंिईचवनािारिाराएँसाम े
आईचि मेप्रमुखहैं:
संरि ावनााद(Structuralism)
प्रिायववनााद(Functionalism)
म ोचवनाश्लेषणवनााद(Psychoanalysis)
व्यवनाहारवनााद(Behaviourism)
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गेस्टाल्टवनााद(Gestalt Psychology)
संज्ञा वनााद(Cognitivism)
मा वनातावनाादीदृचििोण (Humanistic Psychology)
सभी े अप े अप े अ ुसार म ोचवनाज्ञा िे अध्यय क्षेत्र िो पररभाचषत चिया और तद ुसार चवनाचभन्
ति ीिचवनािचसतहुए।परामशवमेंहमचवनाचभन् म ोवनाैज्ञाच िति ीिोंिाप्रयोगिरतेहैं, अतःपरामशवहेतु
प्रयुिति ीिें भीम ोचवनाज्ञा िे चवनाचभन् दृचििोणोंिे आिारपरचवनाचभन् श्रेचणयोंमेंबांटीगयीहै:िैसे
संज्ञा ात्मिति ीिें , व्यवनाहारवनाादीति ीिें , म ोचवनाश्लेषणवनाादीति ीिें , आचदपरन्तुएिपरामशवदाता
चिसीएिउपागमपरआिाररतति ीििाप्रयोगिरिेप्रभावनाीपररणाम हींप्राप्तिरसिता, इसच ए
अक्सरपरामशविेदौरा उसेएिाचििउपागमोंपरआिाररतचवनाचभन् ति ीिोंिाचमचश्रतप्रयोगिर ा
िाचहये।वनातवमा इिाईमेंहमव्यवनाहारवनाादीदृचििोणपरआिाररतपरामशविीव्यावनाहाररिचिचित्साएवनां
संज्ञा ात्मि म ोचवनाज्ञा पर आिाररत संज्ञा ात्मि – व्यवनाहार चिचित्सा (Cognitive Behaviour
Therapy CBT) िेबारेमेंपढेंगे।
6.3 व्यिहार विवकत्सा
व्यवनाहारचिचित्सा ैदाच िम ोचवनाज्ञा मेंिाफी ोिचप्रयहै।आिि इसिाउपयोग ैदाच िम ोचवनाज्ञा में
िाफीअचििचियािाताहै।‘व्यवनाहारचिचित्सा’ िेबद ेमेंिभी-िभीव्यवनाहारपररमािव पदिाभीउपयोग
चियािाताहै।आिव्यवनाहारचिचित्सापूरेसंसारमें ैदाच िम ोवनाैज्ञाच िोिे च एएिमहत्वनापूणवचिचित्सा
पद्धचतब गयीहै।व्यवनाहारचिचित्सािास्त्रोतप्रचसद्धअमेररि म ोवनाैज्ञाच िएवनांम ोचवनाज्ञा मेंव्यवनाहारवनाादी
दृचििोणिेिे.बी.वनााटस िोमा तेहैं।वनााटस तथारे र े‘च ट् अ बटव’ ामिबच्िेपरमशहूरप्रयोग
चियािोव्यवनाहारवनाादी ैदाच िम ोवनाैज्ञाच िोिेच एप्रेरणास्त्रोतभीहैऔरइसीप्रयोग ेव्यवनाहारवनाादिी ींवना
भीरखी।अ बटव मििे चशशुिे साम ेएिउि ािूहारखागयाताचिवनाहउसिे साथखे सिे ।आरम्भमे
अल्बटविूहेसेडरता हींथाबल्िीउसिे साथखे ताथा।बादमेंिैसेहीवनाहिूहेिे साथखे ाप्रारंभिरता
था, एितीव्रआवनाािउत्पन् िरचदयािाताथाचिससेवनाहडरिाताथा।िुछप्रयासोंिे बादवनाहदेखागयािी
अ बटवउि ाउसिूहेिोमात्रदेखिरहीडर े गाऔरइत ाही ही, अन्यसभीउि ेरोयेंदारिीिोंसे
भीवनाहडर े गा।वनााटस तथािोन्सिाउिअध्यय 30सा बादंल्पद्वाराप्रचतपाचदतव्यवनाहारचिचित्सा
िे चवनािास िा एि महत्वनापूणव िारि था। व्यवनाहार चिचित्सा म चिचित्सा िी एि ीसी प्रचवनाचि है चिसमें
मा चसिरोगोंिाउपिारिुछीसीचवनाचियोंसेचियािाताहैचिसिाआिारअ ुबंि िे क्षेत्रमेंचवनाशेषिर
पैवना वनातथास्िी रद्वाराअचिगमिे क्षेत्रमेंचियेगएप्रमुखचसद्धांतएवनांच यमहोतेहै।ंल्पिोव्यवनाहार
चिचित्सािेिा े-मा ेसमथविहै, ेव्यवनाहारचिचित्सािोइसप्रिारपररभाचषतचियाहै, ‘व्यवनाहारचिचित्सा
अपअ ुिूच तव्यवनाहारिोपररवनाचतवतिर ेिे ख्या सेप्रयोगात्मिरूपसेस्थाचपतअचिगमयासीख ेिे
च यमों िा उपयोग है। अप ुिूच त आदतों िो िमिोर चिया िाता है तथा उ िा त्याग चिया िाता है,
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अ ुिूच तआदतोंिीशुरूआतिीिातीहैतथामिबूतचियािाताहै’।व्यवनाहारचिचित्साउपागममुख्यतः
इसमान्यतापरआिाररतहैचिवनाातावनारणमा वनाव्यवनाहारिाच िावरिहोताहै।एिव्यचिएिपररचस्थचतचवनाशेष
मेंक्याअ ुचक्रया /
व्यवनाहारिरताहैयहइसपरच भवरहैचिचपछ े
सामा पररचस्थचतयोंमेंउसिेव्यवनाहारिा
पररणामक्यारहाहै
? व्यवनाहारवनााचदंंिामतहैचिमा वनाव्यवनाहारच ररक्षणयोग्यएवनांमाप ीयहो ािाचहए
साथहीउ िायहभीमतहैचिव्यावनाहाररिचक्रयायेंउद्दीपि, अ ुचक्रयाऔरपु बव िीक्रचमिपु रावनाृचत
द्वारासीख ेिापररणामहोतीहैंव्यवनाहारवनाादीमा तेहैंचिहरव्यवनाहारअ ुबंिा ात्मिअचिगमिापररणामहै
अतःइसअ ुबंि िोसमाप्तिरिे उसव्यावनाहारचवनाशेषिोचवना ोचपतभीचियािासिताहैऔर एव्यवनाहार
चसखाएभीिासितेहैं।व्यवनाहारवनााचदयोंिीप्रमुखमान्यताएंच म् ंचितहैं:
मा वनाव्यवनाहारप्रायःसीखेगएहोतेहैं।
अ ुबंि िीचिसप्रचक्रयािाप्रयोगिरिेव्यवनाहारसीखािाताहैउसीप्रचक्रयािाप्रयोगिरिे उस
व्यवनाहारिोचवना ोचपतभीचियािासिताहै।
मा वनाव्यवनाहारप्रायःपररचस्थचतयोंएवनांवनाातावनारणीयिारिोंपरच भवरिरताहै।
अदृश्यव्यवनाहारोंयथाभावना ांं ,चवनािारोंआचदिोभी अचिगमचसद्धांतोंिाप्रयोगिरिे पररवनाचतवत
चियेिासिताहै ।
प्रत्येिव्यचिअचद्वतीयहोताहैऔरतद ुसारसबिीवनाातावनारणिे प्रचतअ ुचक्रयाभीअचद्वतीयहोतीहै।
6.4 व्यिहार विवकत्सा की पूिशकल्पनाएँ (Assumptions of Behaviour Therapy)
व्यवनाहारचिचित्सािीिुछपूवनाविल्प ाएँच म् ांचितहैं:
a. सामान्यव्यवनाहारतथाअसामान्यव्यवनाहारमेंच रंतरताहोतीहै।
b. सीख े िे िो मौच ि च यम है, वनाे दो ो तरह िे व्यवनाहार पर ागू होते हैं । अचिितर
असामान्य व्यवनाहार व्यचि सामान्य व्यवनाहारों िे समा ही सीखता है अथावत व्यचि
अपअ ुिूच तव्यवनाहारिोउन्हींम ोवनाैज्ञाच िोप्रचक्रयांंिे माध्यमसेसीखताहैचि िे
माध्यमसेवनाहअ ुिूच तव्यवनाहारिोसीखताहै।
c. सामाचिि अचिगम िे चसद्धान्तों िा उपयोग िरिे अचिितर असामान्य व्यवनाहारों िो
पररमाचिवतचियािासिताहै।
d. चवनाचशिपररचस्थचतव्यचििे व्यवनाहारिेआिारपरउसिे व्यचित्वनािापूवनााव ुमा गायािा
सिताहै।
e. व्यावनाहाररिचिचित्सािे पूवनावव्यवनाहारिे वनातवमा च िावरिोिावनास्तुच ष्ठमूल्यािं चिया
िा ािाचहए।
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f. व्यवनाहारचिचित्सामेंमाता-चपता, चशक्षिआचदिासहयोगभीच यािा ािाचहएताचि
समस्या-व्यवनाहारचिसपररचस्थचतमेंहोताहै, उसीमेंपयावप्तपररमािव चियासिे।
g. व्यवनाहारचिचित्सामेंअपअ ुिूच तव्यवनाहारिोपररवनाचतवतिरउसिीिगहपरअ ुिूच त
व्यवनाहारचसख ा ेिाप्रयत् चियािाताहै।
h. व्यवनाहारचिचित्सामेंरोगीिे वनातवमा समस्यांंपर चिबाल्यावनास्थािीअ ुभूचतयोंया
ीचतहाचसिपृष्ठभूचमपरब डा ािाताहै।
6.5 व्यिहार विवकत्सा की प्रविवधयाँ
व्यिहार विवकत्सा की प्रविवधयाँ
व्यवनाहारचिचित्सािीिइवप्रचवनाचियाँहैचि मेंच म् ांचितप्रमुखहै-
1. व्यवनाचस्थत/क्रमबद्धचवनासंवनाेदीिरण(Systematic Desensitization)
2. चवनारूचिचिचित्सा (Aversion Therapy)
3. संभाव्यताप्रबंि (Contingency Management)
4. मॉडच ंग (Modelling)
6.5.1 व्यिवस्ित / क्रमबद्ध विसंिेदीकरण (Systematic Desensitization)
व्यवनाचस्थतचवनासंवनाेदीिरण(Systematic Desensitization)क् ाचसि िं डीशच ंग परआिाररत
एियुचिहैचिसमेचिसीउद्दीपििे प्रचतव्यचििीसंवनाेद ािोिीरेिीरेिमिरतेहुएउसेसमाप्तिरदेतेहै,
फ स्वनारूपव्यचििीउसउद्दीपििे प्रचतअसामान्यप्रचतचक्रयासमाप्तहोिातीहै।चवनासंवनाेदीिरणिाप्रयोगभय
िोदूरिर ेहेतुसवनावप्रथमिोसेफवनाोल्पे(Joseph Wolpe) िोचिएिदचक्षणअफ़्रीिीम ोवनाैज्ञाच िथे, िे
द्वारा१९५०िे दशिमेंचियागयाथा।चवनासंवनाेदीिरणमुख्यतःइसमान्यतापरआिाररतहैचियचदिोईव्यचि
चिसीउद्दीपििे प्रचतचिंतायाभयिाअ ुभवनािर ासीखसिताहैतोउसेउसउद्दीपििे प्रचतचिंतायाभय
िाअ ुभवना िर ाभीचसखायािासिताहै।चवनासंवनाेदीिरणमुख्यतःभय(Phobia), चिंताचवनािार(Anxiety
Disorders) आचदिोदूरिर ेमेंअत्यंतप्रभावनाीहै।चवनासंवनाेदीिरणिीप्रचक्रयामेंपरामशीिोगहरीचवनाश्राम
ति ीिेंचसखाईिातीहै।चिसपररचस्थचतयाउद्दीपििेप्रचतव्यचिचिंतायाभयअ ुभवनािरताहैउसचस्थचत
मेंवनाहसामान्य हींरहपाताहै।ीसेमेंवनाहचवनाश्रांचतिाअ ुभवना हींिरपाताहै।भयअथवनााचिंतािी
पररचस्थचतमेंचवनाश्रांचत(Deep Relaxation) एिचवनापरीतव्यवनाहारहैिोचवनासंवनाेदीिरणमेंव्यचििीमददिरता
हैव्यवनाहारचिचित्सािीयहचवनाचिसबसे ोिचप्रयएवनांमहत्वनापूणवचवनाचिहै।इसचवनाचििाउपयोगतबचिया
िाताहैिबरोगीमेंपररचस्थचतिे प्रचतउपयुिअ ुचक्रयािर ेिीक्षमताहोतीहै,परन्तुवनाहीसा िरिे उससे
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डरिरअ ुचक्रयािरताहै।ंल्पिे अ ुसारक्रमबद्धअसंवनाेदीिरणिीप्रचवनाचििे ती िरणहोतेहैिो
च म् ांचितहै-
विसंिेदीकरण के िरण :
चवनासंवनाेदीिरणिे प्रचक्रयािे मुख्यतः तीन िरणहैं:
1. विंता पदानुक्रम का वनमाशण (Creating an Anxiety Hierarchy):चिंतापदा ुक्रमचिसी
उद्दीपिचवनाशेषिे प्रचतउ पररचस्थचतयोंिाच चखतचवनावनारणहोताहैचि िे प्रचतव्यचिमेंचिंतािी
तीव्रसंवनाेद ाहोतीहै।इसअवनास्थामेंचिचित्सिउ उद्दीपिोिीएिसूिीतैयारिरताहैचि से
रोगीमेंचिंताउत्पन् होतीहै।इससूिीिीचवनाशेषतायहहोतीहैचिीसेउद्दीपिोंिोएिआरोही
क्रममेंसुव्यचस्थतिररखािाताहैअथावत्सबसेिमचिंताउत्पन् िर ेवनाा ेउद्दीपििोसबसे
ीिे, उससेअचििचिंताउत्पन् िर ेवनाा ेउद्दीपियापररचस्थचतिोउसिेऊपरऔरइसीतरह
क्रचमि रूप से एि िे बाद ि िरते हुए सबसे अचिि चिंता उत्पन् िर े वनाा े उद्दीपि या
पररचस्थचतिोसबसेऊपरमेंरखािाताहैअथावतिोपररचस्थचतसबसेज्यादापरेशा िर ेवनाा ी
होतीहैउसेइसपदा ुक्रममेंसबसे ीिेरखतेहैंऔरिोसबसेिमपरेशा ीपैदािरतीहैउसे
सबसेऊपरिींररखािाताहै।िबचवनासंवनाेदीिरणिीप्रचक्रयाशुरूिीिातीहैतोसवनावप्रथम
सबसेऊपरिींरच खीगयीपररचस्थचतसेआरम्भिरिेसबसे ीिेअथावतसबसेज्यादाभय
अथवनाा चिंता पैदा िर े वनाा ी पाररचस्थचत िी ंर िरणबद्ध तरीिे से आगे बढते हैं । चिंता
पदा ुक्रमिाच मावण, व्यचििोउसिीसमस्यािोर्ावददक रूप में विखने एिं समस्या के
विश्लेषणमेंमददिरताहै,साथहीयहचवनासंवनाेदीिरणिीप्रचक्रयािाएिबुच यादीढाँिा
(Framework) भीप्रदा िरताहै।उदहारणिेच एिईबारबा िोंमेंिक्षामेंबो ेिेप्रचत
चिंता(Anxietyof Public Speaking) पाईिातीहै।इस क्ष्यव्यवनाहारिोचवनासंवनाेदीिरणिे
द्वारासामान्यिर ेहेतुएिचिंतापदा ुक्रमिाउदहारणच म् ांचितहै:
क्ष्यव्यवनाहार:परामर्ी को कक्षा में बोिने में परेर्ानी
I. िक्षामेबो ेसेपूवनावरातिोघरमें
II. स्िू िातेसमयरास्तेमें
III. िक्षामेंिातेहुए
IV. िक्षािे अंदरउपचस्थतव्यचियोंिोदेखिर
V. िक्षामेंिा ेिेबादचिसीिोहल् ोबो ेमें
VI. अचग्रमपंचिमेंबैठ ेमें
VII. वनािायाश्रोतासेआँखचम ा ेमें
VIII. बो ेिीबारीआ ेसेतुरंतपह े
IX. बो ेिेच एखड़ाहो ेपर
8. Page 7 of 20
X. बो तेसमय
चवनासंवनाेदीिरणिीप्रचक्रयािोआरम्भिीिायेगीवनाहपह ेस्था िे व्यवनाहारसेशुरूिरिे िरणबद्धतरीिे से
अंचतमव्यवनाहारतििािरपूणवहोगी।
2. गहरी विश्ांवत का प्रवर्क्षण (Training in Deep Muscle Relaxation): चवनासंवनाेदीिरण
िीप्रचक्रयामेंपपरामशीिोगहरीचवनाश्रांचतिाप्रचशक्षणअत्यंतआवनाश्यिहैक्योंचिचिंताउत्पन्
िर ेवनाा ीपररचस्थचतंंिे प्रचतव्यचििाचवनासंवनाेदीिरणतभीचियािासिताहैिबचिंता
पदा ुक्रमिे हरिरणपरउत्पन् हो ेवनाा ी‘चिंता(Anxiety) ’ िो‘चवनाश्रांचत (Relaxation)’ से
रोिचदयािाये।इसिे च एसवनावप्रथमव्यचििोपूणवचवनाश्रांचतिाप्रचशक्षणचदयािा ािाचहए
तत्पिातउसेजब आिश्यकता हो तब विश्ांवत िासंचक्षप्तप्रचशक्षणचदयािा ािाचहए।इसे
गहरी मांसपेर्ीय विश्ांवत (Deep Muscle Relaxation) िी संज्ञा दी िाती है चिसिे
अंतगवतअप ेस्था परमांसपेचशंंिोढी ाछोडिरबैठ ाएवनांिीमीपरन्तुगहरीसाँस े ा
शाचम है।यहिायवचिचित्सािे पह े5-6 सत्रोंमेंपूराचियािाताहै।इ संत्रोमेंरोगीिोअप ी
मांशपेचशयांिोसंिुचितिर ेिाअिा िउन्हेढी ािर ेिाप्रचशक्षणतबतिचदयािाताहै
िबतिचिरोगीपूणवरूपचवनाश्रामिीअवनास्थाप्राप्तिर ेमेंसफ हीहोिाताहै।
3. िरणबद्ध तरीके से विंता पदानुक्रम के पहिे िरण से विसंिेदीकरण की वक्रया
(Desensitizing the person beginning from the first step): असंवनाेदीिरण िी
प्रचक्रयाउपयुविदो ोंअवनास्थांंिे बादहीप्रारंभिीिातीहै।इसअवनास्थामेंरोगीऑखबंदिर
िे आरामिुसीपरबैठिाताहैऔरचिचित्सिसबसेपह ेएितटस्थपररचस्थचतिावनाणव िरता
हैऔररोगीच देशचदयािाताहैचिवनाहइ पररचस्थचतयोंिीिल्प ािरेऔरअप ेिोपूणव
चवनाश्रामिीचस्थचतमेंभीरखे।रोगीयचदइसतटस्थउद्दीपििे बादभीशांतरहताहैतोउसिे साम े
रोगीद्वाराबत ायेगएचिन्तोत्पादिउद्दीपिपररचस्थचतिीसूिीमेंसबसेिमचिन्ताउत्पन् िर े
वनाा ीपररचस्थचतयाउद्दीपििावनाणव चियािाताहै।इसिे बादसूिीमेंउससेअचििचिंताउत्पन्
िर ेवनाा ी पररचस्थचत िा वनाणव चिया िाता है और इसी तरह क्रमश: बढ़ते हुए मूल्य िी
चिन्तोपादिपररचस्थचतयोंिाएििेबादएििरिेवनाणव चियािाताहै।इसीक्रममेंचिस
चिन्तोपादिपररचस्थचतिीिल्प ािर ेपररोगीिीचवनारामवनास्थाभंगहोिातीहै, सत्रवनाहीरोि
चदयािाताहै।इसतरह सेिइवचद ोंतिसत्रदेिररोगीिोचिन्तोत्पादिपररचस्थचतयोंिीिल्प ा
िर ेऔरउसिीउपचस्थचतमेंशांतरह ेिाप्रचशक्षणचदयािाताहै।चिचित्सातबतििारीरहता
हैिबतिचिरोगीपूणवरूपेणउसपररचस्थचतमेंभीशांतरह ेमेंसफ हीहोिाताहैचिससे
अचिितमचिंता(सूिीिे अ ुसार) उसमेंउत्पन् होतीथी।उदहारणिे च एिोईबच्िाअगरिुत्ते
सेडरताहैतोउसिोसवनावप्रथमिुत्तेिीतस्वनाीरचदखाईिासितीहै।तत्पिातउसेदूरसेिुत्ता
चदखायािासिताहै,चफरिीरेिीरेउसेिुतेिे पास ेिायािासिताहैऔरतबिैसेिैसे
उसिीिुतेिे प्रचतसंवनाेद ािमहोतीिातीहैउसेिुतेिोछूिरदेख ेिे च एप्रेररतचियािा
9. Page 8 of 20
सिताहै।चवनासंवनाेदीिरणप्रायःचवनाचभन् प्रिारिे भयिोदूरिर ेिे च एअत्यंतप्रभावनाीहै।
परामशवमेंचवनासंवनाेदीिरणिाप्रयोगिरिे बच्िोंमेंव्याप्तचवनाचभन् चवनाषयोंिे प्रचतभयिोदूरचिया
िासिताहै।िैसेबच्िेिोगचणतसेभय, बच्िेिोचशक्षिोंसेभय, बच्िेिोचवनाद्या यिा ेसे
दर, बच्िेमेंव्याप्तपरीक्षािाभय, बच्िेिोचिसीवनास्तुयास्था चवनाशेषयाव्यचिचवनाशेषसेभय
िोदूरिर ेहेतुचवनासंवनाेदीिरणएिप्रभावनाीयुचिहै।
व्यिवस्ित विसंिेदीकरण की विर्ेषताएं:
दुवभशवतयों के इिाज में (Treatment of Phobias) क्रमबद्धचवनासंवनाेदीिरणिाउपयोगचवनाचभन् तरह
िे समान्यदुचभवतीिे उपिारमेंसफ तापूवनाविचियागयाहै।िुछ ोगो ेइसप्रचवनाचििाउपयोगिुछ
असािारणदुचभवचतयोंिैसेबै ू सेडर ा, हवनाािे झोंिासेडर ा, िोइवचवनाशेषअंिसेडर ा, ाटे ोगो
सेडर ाआचदिे उपिारमेंभीसफ तापूवनाविचियाहै।
छुपी हुई विंताओं की विवकत्सा में (Treatment of Hidden anxieties):क्रमबद्धचवनासंवनाेदीिरण
िाउपयोगउसपररचस्थचतमेंभीचियािाताहैिहाँव्यचियोंमेंचिन्तास्पि होिरचछपीहोतीहै।ीसी
अवनास्थामेंव्यचििोध्या िेचन्ितिर ेमेंिचठ ाइवहो ा, खराबस्मृचत,बो ेमेंप्रवनााहिीिमी,
ैचगिअच च्छा,पेशीयिायोिीअसंगतताआचदपायीिातीहै।इ क्षणोंिे उपिारमेंक्रमबद्ध
असंवनाेदीिरणउत्तममा ागयाहै।व्यामोह, चहस्रीि पक्षाघातमद्यपा ता, औषिदुरूपयोगआचदिे
उपिारमेंभीयहउपयोगीचसद्धहुआहै।
व्यिवस्ित विसंिेदीकरण की सीमायें:
परामर्ी की प्रकृ वत पर आधाररत:इसप्रचवनाचिद्वारासभीतरहिे रोचगयोंिीचिन्तांंतथाडरिा
उपिार हीचियािासिताहै।चवनाशेषिरीसेरोगीचिन्हेंचवनाश्रामिीअवनास्थामेआ ेमेंिाफी
िचठ ाइवमहसूसहोतीहै,ीसेरोगीिोचिन्ताउत्पन् िर ेवनाा ीपररचस्थचतयोंिे बारेमेंवनाास्तचवनाि
सूि ा देिरभ्रामिसूि ादेतेहैंअथवनााीसेरोगीचि िीिल्प ाशचििमिोरहोतीहैउ परयह
चवनाचि ाभप्रदसाचबत हीहुइवहै।
उन विंताओं जो कई उद्दीपकों के कारण उत्पन्न होतेहैं पर प्रभािी नहीं :चि चिन्ताआिाररत
समस्यांंिीउत्पचत्तएिउद्दीपिसे होिरिईउद्दीपिोंसेहोतीहै, उ िेउपिारमेंभीक्रमबद्ध
असंवनाेदीिरणप्रभावनाी हींहै।
6.5.2 विरूवि विवकत्सा (Aversion Therapy)
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चवनारूचिचिचित्साव्यवनाहारचिचित्सािीएिीसीचवनाचिहैचिसमेंचिचित्सिरोगी िोअवनाांचछत
व्यवनाहार िर ेिाप्रचशक्षणिुछअरुचििर/ििप्रद /असुखदउद्दीपिोंिाप्रयोगिरिेिरताहै।इसतरह
िीप्रचवनाचिमेंचिन्ताउत्पन् िर ेवनाा ीपररचस्थचतयाउद्दीपििे प्रचतरोगीमेंएितरहिीचवनारूचिपैदािरदी
िातीहैचिससेउससेउत्पन् हो ेवनाा ाअंवनााचछतयािुसमायोचितव्यवनाहारअप ेआपिीरे-िीरेबंदहोिाता
है।रोगीमेंचवनारूचिउत्पन् िर ेिे च एिईबारदंड, चबि ीिाआघाततथािुछचवनाशेषदवनााआचदिा
उपयोगचियािाताहै।चवनारूचिचिचित्सामेंक् ाचसिीअ ुबंि िे च यमोंपरआिाररतहै। िुछचवनारूचिचवनाचि
मेंदंडिाभीउपयोगचियािाताहैचिसमेंरोगीद्वाराअवनाांचछतव्यवनाहारचियेिा ेिे तुरंतबादउसेदंडदेिर
उसमेंीसेव्यवनाहारिे प्रचतचवनारूचिउत्पन् िरदीिातीहै।ीसीपररचस्थचतमेंचवनारूचिचिचित्सामेंतबचक्रयाप्रसूत
अ ुबंि िे च यमोंिापा चियािाताहै।
विरूवि विवकत्सा की प्रविवध एिं उपयोग:चवनारूचिचिचित्सामेंिैसाचि ामसेहीस्पिहै, रोगीमें
अवनाांचछतव्यवनाहारिे प्रचतएितरहिीचवनारूचिउत्पन् िीिातीहै।आिि चवनारुिीचिचित्सामेंचवनाभेदी
पु बव िाउपयोगिर ाप्रारंभचियािा े गाहै। चवनाभेदीपु बव मेंउसव्यवनाहारिोपु बवच तचियािाता
हैिोअवनाांचछतव्यवनाहारयािुसमायोचितव्यवनाहारिे चवनारूद्धहों,उससेअ गहोंयाउसिाचवनािल्पहों।िैसे-
िोबा िसमािचवनारोिीव्यवनाहारिरताहै, उसेरि ात्मििायविर ेपरि ात्मिपु बव दे ेसेिीरेिीरे
अप े आप ही उसमें समाि चवनारोिी िायव िे प्रचत चवनारूचि उत्पन् हो िाएगी। चवनाभेदी पु बव िा प्रयोग
आिुच ि ैदाच िम ोवनाैज्ञाच िोद्वारासफ तापूवनावििइवतरहिीचवनािृचतयोंिैसेिूम्रपा िर ा, औषचि,
व्यस ,िुआखे ा, ैचगिचवनासमा तांंआचदिे उपिार मेंचियािाताहै। चवनारूचिचिचित्सािाएि
चवनाशेषप्रिारचिसेअस्पिसंवनाेदीिरणिहािाताहै, िाप्रयोगव्यापिरूपसेचियािा े गाहै।इसप्रचवनाचिमें
रोगीिोअवनाांचछतव्यवनाहारिर ेिे बादचम ेवनाा ेअरूचििरपररणामोंिे बारेमेंिल्प ािर ेिे च एिहा
िाताहै।ीसाबार-बारिर ेसेउसअवनाांचछतव्यवनाहारिे प्रचतएितरहिीचवनारूचिरोगीमेंउत्पन् होिातीहै।
अस्पिसंवनाेदीिरणद्वाराउत्पन् चवनारूचििइवदृचििोणोंसेअन्यििप्रदउद्देपिोंद्वाराउत्पन् चवनारूचिसेअचिि
ाभप्रद होता है क्योंचि अस्पि संवनाेदीिरण िे िोइव परोक्ष प्रभावना रोगी पर ही पड़ता है साथ ही अस्पि
संवनाेदीिरणिीप्रचवनाचििोआसा ीसेचवनाचभन् तरहिीपररचस्थचतयोंमें ागूचियािासिताहै। इ ाभोंिे
बावनािूदअस्पिसंवनाेदीिरणिैसेचवनारूचिचिचित्साति ीििाप्रमुखदोषयहहैचिइससेउ रोचगयोंिोिोइव
खास ाभ हीहोताहैचि मेंस्पिरूपसेिल्प ािर ेिीक्षमता हीहोतीहैयाचफरीसीक्षमतासीचमतहोती
है।
विरूवि विवकत्सा की विर्ेषताएं (Merits of Aversion Therapy):
चवनारूचिचिचित्सािुछखासतरहिे रोचगयोंचवनाशेषिरमद्यपा तािे रोचगयोंिे िुसमायोिीव्यवनाहारिे
उपिारमें ाभप्रदहै।
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चवनारूचिचिचित्सािारोगीिे व्यवनाहारपरबहुतहीतीव्रप्रभावनापड़ताहैचिसिे िारणवनाहशीघ्रही
िुसमायोिीव्यवनाहारिीबिायसमायोिीव्यवनाहारिर ासीख ेताहै।
विरूवि विवकत्सा की सीमायें (Limitations of Aversive Therapy):
चवनारूचिचिचित्साद्वारारोगीिे व्यवनाहारमेंपररवनातव तेिीसेअवनाश्यहोताहैपरन्तुवनाहपररवनातव स्थायी
हींहोताहै।
िईचवनारूचिप्रचवनाचियांअ ैचतिसमझीिातीहै।
चवनारूचिचिचित्सािापार्श्वप्रभावनाभीपड़तादेखागयाहैक्योंचिइससेरोगीमेंसामान्यीिृतडरतथा
आक्रमितामेंपह ेहीतु ामेंिाफीवनाृचद्धहोिातीहै।
6.5.3 संभाव्यता प्रबंधन (Contingency Management)
संभाव्यताप्रबंि एिीसासामान्यपदहैचिसिे अन्तगवतउ सभीचिचित्सीय / परामशवप्रचवनाचियोंिो
रखािाताहै िोचक्रयात्मिअ ुबंि (Operant Conditioning)िे च यमोंिाउपयोगिरतेहुएव्यचििे
व्यवनाहारमेंपररवनातव ातेहैं।‘संभाव्यता’ शब्दसेइंचगतिरताहैचिचवनाशेषपररणामिैसेपुरस्िारयादंडव्यचि
िे साम ेतभीउपचस्थतचियािाताहैिबव्यचिउसवनाांछ ीयव्यवनाहारिोिरेचिसेमिबूतब ाहैयािमिोर
िर ाहै।दुसरेशब्दोंमेंचिसीअ ुचक्रयािीआवनाृचत्तिोपररवनाचतवतिर ेिे च एउ अ ुचक्रयािे पररणाममें
चियािा ेवनाा ापररवनातव संभाव्यताप्रबंि िहािाताहै।
संभाव्यिाप्रबंि िे तहतिइवचिचित्साप्रचवनाचियोंिोरखागयाहैचि मेंच म् ांचितप्रमुखहैं:
1. संभाव्यताअ ुबंि(Contingency Contracting)
2. अ ुचक्रया ागत (Response Cost)
3. सांिे चतिव्यवनास्था(Token Economy)
1. संभाव्यता अनुबंध (Contingency Contracting) - इस चिचित्सीय प्रचवनाचि में परामशी तथा
चिचित्सििे बीिएिऔपिाररिसहमचतयाअ ुबंिहोताहै।इसमेंदो ोंिेच एिुछचवनाचशितरहिे
व्यवनाहारिे पररणामोंिास्पिउल् ेखहोतासंभाव्यताअ ुबंििे मुख्यपांितत्वनाहोतेहैं:
अ ुबंि िे प्रचतरोगीएवनांचिचित्सिदो ोंिीिवनााबदेचहयोंिाउल् ेख।
अ ुबंि िीशतोिोपूराचियेिा ेपरचम ेवनाा ापुरस्िारउल् ेख।
अ ुबंििे प्रावनािा ोंिे अ ुसारउ िीअ ुपा ािर ेिे च एचवनाशेषतंत्रिाच मावण।
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असािारणिायोिे च एिुछचवनाशेष ाभदे ेिाउल् ेख।
अ ुबंि िे शतोिीअसफ ताहो ेपरदंडिाउल् ेख।
संभाव्यताअ ुबंििे शतविे मुताचबिबहुतसारेपररवनातव िीप्रचवनाचियोंिासंगचठतचिया िाताहै।इसिा
उपयोगिइवतरहिीपररचस्थचतयोंमेंचियागयाहै।संभाव्यताअ ुबंििीप्रचवनाचिशैचक्षिपररचस्थयोंमेंचवनाशेषिर
ध्या अिें िणएवनांअचतसचक्रयताचवनािारयुिबा िों,अचिगमअक्षमतायुिबा िोंिे च एअत्यंतप्रभावनाी
ति ीिसाचबतहुईहैसाथहीइसिाउपयोगवनाैवनााचहित ावनािोदूरिर ेमें, औषिव्यस िोिमिर ेमें,
मोटापािमिर ेमेंतथापाररवनााचहिि हआचदिोिमिर ेमेंसफ तापूवनाविचियागयाहै।
2. अनुवक्रया िागत (Response Cost): अ ुचक्रया ागतिीप्रचवनाचिएितरहसेदंडसंभाव्यताहै
चिसमेंव्यचििोअवनाांचछतव्यवनाहारिर ेपरचम ेवनाा ेपुरस्िारसेहाथिो ापड़ताहैयादेयसुचवनािािोहटा
च यािाताहै।यातायातएवनांपाचििंगच यमिोतोड़ ेपरचियािा ेवनाा ाआचथविदंडअ ुचक्रया ागतिा
उत्तमउदाहरणहै।उसीतरहसेशरारतीव्यवनाहारिर ेपरचिसीबच्िेिोदूरदशव िायवक्रमदेख ेसेवनांचित
िर ाभीअ ुचक्रया ागतिाएिउदाहरणहोगा।अ ुचक्रया ागतप्रचवनाचििासफ तापूवनाविउपयोगिइवतरह
िी ैदाच िसमस्यांंिैसेआक्रमिव्यवनाहार, शैचक्षिसमस्याएँ, िूम्रपा िीसमस्या, अत्यचििखा ाखा े
िीसमस्या, आत्मदोषीठहरा ेिीबुरीआदतिोदूरिर ेमेंचियागयाहै।
3. सांके वतक व्यिस्िा (Token Economy): सांिे चति व्यवनास्था एि ीसी प्रचवनाचि है चिसमें
िुसमायोचितव्यवनाहारिोदूरिर ेिे च एरोगीिोउपयुिव्यवनाहारिर ािुछसंिे तिेरूपमेंठोसपु ब व
देिरसीख ायािाताहै।बादमेंरोगीअप ीइच्छा ुसारउससंिे तिोदेिरवनाांचछतवनास्तुयासुचवनािाया ाभ
प्राप्तिरसिताहै।इसतरहसेसंिे तयहाँएितरहसेमुिािे रूपमेंिायविरताहै।सांिेचतिव्यवनास्थािे मुख्य
िारतत्वनाहोतेहैिोच म् ांचितहै-
िक्ष्य व्यिहार (Desirable Behaviour) यह तत्वना इस ंर इशारा िरता हे चि रोगी,
चिचित्सितथाअन्यसंबंचितिमविारीआपसमेंचम िरइसबातिाच िावरणिरतेहैंचिचिस
व्यवनाहारिोपररवनाचतवतिर ाहै।ीसेव्यवनाहारिो क्ष्यव्यवनाहारिहािाताहै।िैसे:चिसीपरामशी
िेसामाचििअन्त: चक्रयातथास्वना-सहायता(Self Help)सेसंबंचितव्यवनाहारिो क्ष्यव्यवनाहार
ब ायािाताहै।
विवनमय के रूप में संके त (Token Exchange) सांिे चतिव्यवनास्थामेंिुछसंिे तिैसेिागि
यािूटिे ब ेरंगी गो ािारयाआयतािारटुिड़े,चसक्िािे समा ,सो ेिापा ीिढ़ािातुिे
िुछवनास्तुएंआचदहोतेहैचिन्हेव्यचििोवनाांचछतव्यवनाहारिर ेपरचदयािाताहै।इसिाउदहारण
िईबारदुिा ोंमेंदेख ेिोचम ताहैिहाँआपपैसादेिरएिटोि प्राप्तिरतेहैं
प्रोत्सावहत करने िािा पुनबशिक (Reinforcer) सांिे चति व्यवनास्था में संिे त िे बद े में
चम ेवनाा ािोइवचवनाशेषसामा यासेवनााएंहोतीहै।भोि , म ोरंि िीसुचवनािाएं, अस्पता से
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िुछसमयिे च एछुट्टीतथाअन्यआरामदेहसुचवनािाएंिुछप्रमुखप्रोत्साह प्रदा िर ेवनाा ा
पु बव िे रूपमेंउपयोगचियेिा ेवनाा ेिीिेहै।
विवनमय का वनयम (Law of Exchange) सांिे चतिव्यवनास्थामेंचवनाच मयिे स्पिच यमहोतेहै
चिसमेंइसबातिास्पिउल् ेखहोताहैचि क्ष्यव्यवनाहारिर ेिे बादउसेचित ासंिे तचम ेगा
तथाचिसीचवनाशेषप्रोत्साह प्रदा िर ेवनाा ेपु बव ििोप्राप्तिर ेिेच एउसेचित ासंिे त
प्राप्तिर ाहोगा।पररचस्थचतिे अ ुसारचवनाच मयिे च यमोंमेंपररवनातव ायािाताहैताचिचिसी
प्रिारिीगड़बड़ी होसिे।
संभाव्यता प्रबंधन की विर्ेषताएं
संभाव्यताप्रबंि शैचक्षिपररचस्थचतयोंमेंअत्यंतप्रभावनाीहै
संभाव्यताप्रबंि म ोचवनािारोंिीआरंचभिअवनास्थामेंप्रभावनाीपायागयाहै
चवनािासात्मिचवनािृचतयोयथाऑचटज्म,अचिगमअक्षमता,मा चसिमंदता,श्रवनाणबाचिताआचदिे
चशक्षणप्रचशक्षणमेंसंभाव्यताप्रबंि एिअत्यंतप्रभावनाीयुचिहै।
6.5.4 मॉडविंग (Modelling)
मॉडच गएिीसीप्रचवनाचिहैिोप्रेक्षणात्मिअचिगम(Observational Learning)परआिाररतहै।इस
प्रचवनाचिमेंदूसरेव्यचििैसेमाता-चपतायाचिचित्सििोपरामशीएिखासव्यवनाहारिरतेदेखताहैतथासाथ-
ही-साथउसव्यवनाहारसेचम ेवनाा ेपररणामोंसेभीअवनागतहोताहै।इसतरहिे प्रेक्षणिे आिारपररोगीस्वनायं
भीवनाैसाहीव्यवनाहारिर ािीरे-िीरेसीख ेताहै।मॉडच गिीिीचवनाचिसुप्रचसद्धसमािमच चवनाज्ञा ीअल्बटव
बंडूरा िे सामाचिि आचिगम िे चसद्धांत पर आिाररत है चिसमें उन्हों े प्रचतपाचदत चिया है चि बच्िे
अचििांशव्यवनाहारएिदूसरेिी क़ (Imitation) सेएिदूसरेिे प्रेक्षणसेसीखतेहैं।
मॉडविंग के िाभ एिं सीमायें:
िाभ
मॉडच ंगमेंचिसीप्रिारिाप्रत्यक्षि ात्मिपु बव िाउपयोग हीहोताहै।इसमेंपरामशीमॉड
िे व्यवनाहारिामात्रप्रेक्षणिरिे अप ेसंज्ञा मेंउचितपररवनातव िरताहैऔरचफरव्यवनाहारमें
पररवनातव िरताहै,फ त: इससेव्यवनाहारमेंहुआपररवनातव तु ात्मिरूपसेअचििस्थायीहोताहै।
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मॉडच ंग िुछ चवनाशेष पररचस्थचत में खासिर वनाैसी पररचस्थचत में िहाँ रोगी में च ियात्मिता िैसे
महत्वनापूणवसामाचििव्यवनाहारिीिमीहोतीहै, िाफी ाभप्रदसाचबतहुआहै।
मॉडच ंग मा चसिमंदतायुिबा िोंिोचवनाचभन् िीवना िौश चसखा ेिीएिमहत्त्वनापूणवति ीि
है।
मॉडच ंगचवनाचभन् प्रिारिीदुभीचतयोंमेंअत्यंतप्रभावनाीहै।
मॉडच ंगचवनािासात्मिचवनािृचतयोंसेग्रस्तबा िोंिे चशक्षणप्रचशक्षणिे च एअत्य प्रभावनाीहै।
मॉडच ंगसामाचििअसमायोि वनाा ेव्यचियोंिेपरामशवमेंभीप्रभावनाीहै।
सीमायें:
मॉडच ंगिीसफ ताइसबातपरच भवरहोतीहैचिपरामशीमॉड तथाउसिे व्यवनाहारपरचित ा
अचििध्या देखताहैिुछपररचस्थयोंमेंयहदेखागयाहैचिपरामशीमॉड िे व्यवनाहारिोमात्रएि
ाटिसमझिरउसिीउपेक्षािरताहै।ीसीपररचस्थचतमेंमॉडच गबहुतप्रभावनािारीचसद्ध हींहोताहै।
मॉडच ंगिीप्रचवनाचििोसफ हो ेिे च एयहआवनाश्यिहैचिचिचित्सिमेंसामाचिििौश हो।
चि चिचित्सिो/परामशवदातांंमेंसामाचिििौश ोंिीिमीपायीिातीहै, वनाेमॉडच ंगिा
प्रभावनाीप्रयोग हींिरसिते।
6.6 संज्ञानात्मक व्यिहार विवकत्सा Cognitive Behaviour Therapy)
चिसप्रिारम ोचवनाज्ञा िेव्यौव्हारवनाादीदृचििोण ेव्यवनाहारचिचित्सािेचवनािासमेंयोगदा चदयाउसीप्रिार
म ोचवनाज्ञा िीसंज्ञा ात्मिचवनािारिारा ेसंज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािीप्रचवनाचिंंिोिन्मदेिरपरामशव
एवनांम ोचिचित्सािे क्षेत्रमेंक्रांचत ादीहैव्यवनाहारवनाादीचवनािारिारािाबीसवनाींसदीिे उत्तरािवमेंपत हो े
गाथाऔरिीरेिीरेम ोवनाैज्ञाच िमा वनाव्यवनाहारिे च िावरिोंमेंसंज्ञा ात्मिपक्षिामहत्वनास्वनाीिारिर े गे
थेसंज्ञा ात्मिम ोचवनाज्ञा िे चवनािासिे साथहीपरामशविीव्यवनाहारवनाादीचवनाचियोंिोसंज्ञा ात्मिपक्षोंिे साथ
िोड़िरउन् तब ायागयाचिसेसंज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािा ामचदयागया।
6.7 संज्ञानात्मक व्यिहार विवकत्सा की प्रमुख मान्यताएं:
पररवनाेशिेसाथव्यचििासमायोि स्थाचपतहो ेिेच एपररवनाेश, स्वनायंअप ेबारेमेंएवनांअन्य ोगों
िे बारेमेंयथाथवपूणवसूि ािीआवनाश्यिताहोतीहै।
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हमारीज्ञा ेचन्ियाँ(आँख, िा , ाि, त्वनािाएवनांिीभ )पररवनाेशिेसाथमध्यस्थतास्थाचपतिरिे
मौच िसूि ाएँअचिवतिरतीहैं।इ प्राप्तसूि ांंिेसाथचिन्त , तिव , िल्प ािीप्रणाच याँ
सचम्मच तहोिरहमारेअन्दरव्यचियों ,घट ांंएवनांपररवनाेशिे बारेमेंबोिचिसस्वनारूपमेंचवनािास
िरताहै, उसमेंघट ािावनास्तुच ष्ठवनाणव ही हींअचपतुहमारीव्याख्या, मूल्यांि औरच ष्िषविा
समावनाेशहोताहै।
संज्ञा िाहमारीअ ुभूचतयों, व्यवनाहारऔरदैचहिअवनास्थािेसाथसम्बन्ििेबारेमेंचवनार्श्ासइस
चसद्धान्तिामू भूतअचभग्रहहै।यचदसाम ेउपचस्थतव्यचििासंज्ञा आतंिवनााचदयोंिे िृत्यिो
देख ेमेंहोरहाहैतोव्यचििीदैचहिअवनास्थाप्रभाचवनातहोगी, उसिीर्श्स चक्रयाऔरहृदयगचततीव्र
होिायेगी, व्यचििोभययाक्रोििीअ ुभूचतहोगीतथाउसिाव्यवनाहारप ाय याआक्रमणिे रूप
मेंहोगा।
बेि(Beck) ेव्यचििीअ ुभूचतयोंऔरव्यवनाहारिोप्रभाचवनातिर ेवनाा ेती प्रिारिेसंज्ञा िावनाणव चिया
है-
व्यचििोच रन्तरबाहरीपररवनाेशऔरआन्तररिसंरि ासेसूि ाएँप्राप्तहोतीरहतीहैंचिसिोआिार
ब ािरहमारामचस्तष्िउसेसंज्ञा ात्मिअथवपूणवतािे रूपमेंप्रस्तुतिरताहै।
व्यचििे अ ेिसंज्ञा स्वनातःस्फूतवहोतेहैं, उ िीउत्पचत्तआन्तररिसंवनाादद्वाराहोतीहै।व्यचििे च ए
ीसेसंज्ञा ोंिािेत बोिप्राप्तहो ाआवनाश्यि हींहोताहै।
स्िीमा (Schema) ीसी िाल्पच ि संज्ञा ात्मि संरि ाएँ होती हैं िो वनातवमा प्रसंग में आवनाश्यि
सूि ांंपरध्या िे चन्ितिर ेऔरअ ावनाश्यिसूि ांंिीउपेक्षािर ेिे च एअवनाछ प्रणा ी
िीभाँचतहमारीसहायतािरतीहैं।स्िीमाअ िहाच यमयाअन्तच वचहतचवनार्श्ासहोताहैचिसिाचवनािास
आरचम्भिअ ुभवनाोंिे माध्यमसेहोताहै।
बेि(Beck) िे संज्ञा ात्मिप्रचतरूपिीअवनािारणायहहैचिव्यचििीम ोवनाैज्ञाच ियासंवनाेगात्मि
समस्यांंिािारणपररचस्थचतयोंऔरअ ुभवनाोंमें हींबचल्िव्यचििे चवनािृतचिन्त िीप्रणा ीमें
च चहतहोताहै।िबअवनास्थायािुसमायोचितस्िीमाचवनािचसतऔरसचक्रयहोिाताहैतबसूि ा
संसाि (Information Processing) मेंचवनािृचतआिातीहै।सूि ािोव्यचििे अन्तच वचहतचवनार्श्ासों
िे अ ुरूपपररवनाचतवतिरच यािाताहैयाप्रचतिू सूि ांंिीउपेक्षािरदीिातीहै।बेि ेचवनािृत
सूि ासंसाि िे ती रूपोंिावनाणव चियाहै-
a. ीसासंज्ञा ात्मिच ष्िषवचिसिािोईआिारयासमथव िर ेवनाा ासाक्ष्य हींहै।
b. चिन्त िीीसीशै ीचिसमेंव्यचिसदैवनाचद्वध्रुवनाीयमूल्यांि मेंचिसीएिछोरपरपायािाताहै,
मध्यवनातीमूल्यांि िास्वनारूप हींपायािाताहै।
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c. अचििीिरणयाअल्पीिरणिाचवनािारआ ेपरसंज्ञा ात्मिप्रचक्रयायाघट ांंिामूल्यांि
यातोबढ़ािढ़ािरयाअत्यन्तघटािरप्रस्तुतिरतीहै।
िुसमायोि ात्मिसंज्ञा ात्मिस्िीमा, संज्ञा ात्मिचवनािृचतऔरस्वनातःस्फूतवस्िीमा(िोचिव्यचििो
संवनाेगात्मिचवनािारिीचदशामे ेिातेहैं )िोबेि ेअचिवतप्रक्रममा ाहै।उ िेबहुिारिचसद्धान्त
(Multifactor theory) मेंम ोवनाैज्ञाच िसमस्यांंिोि ेचटि, बाल्यिा ी अ ुभवनाोंऔरसामाचिि
अचिगम िी अ ुचक्रया िे माध्यम से उत्पन् रोग उन्मुखता (vulnerability) िाप्रचतफ मा तेहैं।
तात्िाच िपररवनाेशिे िारिअस्वनास्थसंज्ञा ात्मिप्रचक्रयािे च एसचक्रयिरणिािायविरतेहैं।
संज्ञा ात्मि चवनािृचत िे माध्यम से म ोवनाैज्ञाच ि समस्यांं िा रूप यथावनात ब ा रहता है। एि बार
अस्वनास्थस्िीमासचक्रयहोिातीहैतोव्यचिसूि ांंिाअवनाछ िरिे उसेउसरूपमेंहीसंसाचित
िरताहैचिप्राप्तसूि ाव्यचििीस्वनायंअप ेबारेमें, अन्य ोगों, पररवनाेशएवनांघट ांंिे बारेमेंचवनार्श्ास
याव्याख्यािे अ ुरूपहो।
पूवनाावग्रहपूणव सूि ा संसाि िा प्रभावना स्वनािाच त चवनािार पर भी पड़ता है। अन्ततः व्यचि िा
अस्वनास्थसंज्ञा पु वबच तहोताहैऔरसंवनाेगात्मिसमस्यांंिीच रन्तरताब ीरहतीहै।
6.8 संज्ञानात्मक व्यिहार विवकत्सा के िक्ष्य (Goals of cognitive intervention)
संज्ञा ात्मिउपागमिा क्ष्यव्यवनाचस्थतप्रचक्रयािे माध्यमसेसंवनाेगात्मिसमस्यांंिाउपिारऔरव्यवनाहार
मेंपररवनातव स्थाचपतिर ाहोताहै।संज्ञा मेंपररवनातव स्थाचपतिर ाहीइसउपागमिाप्रिा एवनांप्रथम क्ष्यहै,
चिन्तुइसिायविे च एपरामशीिीसचक्रयसहभाचगताभीअच वनाायवहोतीहै।संज्ञा ात्मिव्यवनाहारचिचित्सािे
क्ष्योंमेंप्रमुखहैं:
परामशीिोसंज्ञा ात्मिप्रचतरूपऔरसंवनाेगएवनांव्यवनाहारमेंचवनािारिीभूचमिािे बारेमेंचशचक्षतिर ा
परामशीमेंसमस्यािासंप्रत्यय चवनािचसतिर ा।
परामशवदाता परामशी िो संज्ञा ात्मि त्रुचटयां, स्वनातः स्फूतव चवनािार और स्िीमा िो िु ौती दे े एवनां
व्यवनाहारमेंपररवनातव िीयोि ाब ा ेतथा क्ष्यच िावररतिर ेिेच एसहायतादे ा।
परामशीिेचवनािृतचवनािारोंमेंदीघविाच ि ाभिे च एपररमािव उत्पन् िर ा।
परामशीमेंउसिीसमस्यांंिीउत्पचत्तऔरअ ुरक्षणिे चवनाषयमेंअन्तररमपररिल्प ांंिे रूपमें
चवनाश्लेषणिाप्रचतपाद िर ािोचिसंज्ञा ात्मिचवनािृचत, पूवनावच चहतिारिोंऔरतात्िाच ििारिों
िेपदोंिेरूपमेंतैयारचियािाताहै।
6.9 परामर्शन हेतु संज्ञानात्मक व्यिहार विवकत्सा की विविध तकनीक:
परामर्शन हेतु संज्ञानात्मक व्यिहार विवकत्सा की विविध तकनीकों में प्रमुख है:
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1. संज्ञानात्मक पुनगशठन (Cognitive restructuring)-
2. नये पररप्रेक्ष्य का विकास (Development of new perspectives)
3. विगत्-ितशमान-संबंध की रिना (Making past-present connection)
4. सकारात्मक संसाधन अन्िेषण (Search of positive assets)
5. िक्ष्य का वनधाशरण (Setting the goal)
6. र्वि क्षेत्र विश्लेषण (Force Field Analysis)
7. वनणशय रिना (Decision Making)
6.9.1 संज्ञानात्मक पुनगशठन (Cognitive restructuring)
संज्ञानात्मक पुनगशठन (Cognitive restructuring)-संज्ञा ात्मिपु गवठ ति ीिव्यचििे चवनार्श्ासिो
बढ़ािरउसिे संवनाेगात्मिऔरव्यवनाहरात्मिप्रचतचक्रयामेंपररवनातव िे च एसहायतािरतीहै।यचदव्यचििा
चवनार्श्ासअचिितिव संगतरूपिारणिर ेतोव्यचिघट ांंिे प्रचतअचििउपयुिढंगसेअ ुचक्रयािरेगा।
हस्तक्षेपिेच एव्यचििोA-B-C-मॉड िेआिारपरपरामशव दीिातीहै।इसमॉड मेंAिातात्पयव
परामशव िीपूवनावअवनास्थािोिा ेसेहैअथावतपूवनाविारण(Antecedent causes)याघट ाहै, Bिातात्पयव
चवनार्श्ास(Belief/Behaviour) सेहैचिसिासंबंिस्वनायंव्यचिसेहै, अन्य ोगोंिेचवनार्श्ाससेहोताहैतथाC
िातात्पयवसंवनाेगात्मिएवनांव्यवनाहारात्मिपररणाम(emotional and behavioural consequences )सेहै।
इसप्रिारयचदचिसीघट ािे घचटतहो ेिे पिात्उत्पन् हुएव्यचि िेघट ाऔरउसिोप्रभाचवनातिर ेवनाा े
िारिोंिे बारेमेंव्यचििे संज्ञा मेंचवनार्श्ासतथातिव संगतरूपमेंरखािायेतथाउसेअचििव्यवनाहारोपयोगी
आिृतवनाास्तचवनाितािे रूपमेंढा िरपेशचियािायेतोउ ऋणात्मिसंवनाेगोंऔरप्रचतचक्रयांंिोदूरचिया
िासिताहैिोचिऋणात्मिचवनार्श्ासअथवनाासंज्ञा िे िारणव्यचििे अंदरउत्पन् होगयीथी।संज्ञा ात्मि
पु गवठ िीअन्यति ीिें (Beck 1989; Meichenbaum 1977)व्यचििे स्वनातःस्फूतवचवनािारोंतथास्वना-
वनाातावपरध्या िेचन्ितिरतीहै।व्यचििोसमस्यात्मि घट ांंऔरउससेसंबंचितवनााताविे च एप्रोत्साचहत
चियािाताहै।परामशवदाताव्यचििोअचििस्वनास्थअ ुचक्रयाअप ा ेिे च एप्रेररतिरताहै।परामशवदाता
स्वनािाच तअ ुचक्रयािीआदत(habit of automatic response)िोरोि े, िल्प ांंमेंअचििस्वनास्थ
प्रचतचक्रयािाअभ्यासिर ेिेच एसहायतादेताहै।
6.9.2 नये पररप्रेक्ष्य का विकास (Development of new perspectives)
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इसति ीिद्वाराउ व्यचियोंिोचिन्हों ेअप ासंप्रत्यय सदैवनाअसमथवव्यचििे रूपमेंचियाहै, प्रोत्साचहत
चियािाताहैऔरयहपु चवनाविारिर ेिेच एिहािाताहैचिउ िे अप ेच यंत्रणमेंक्याहै।उ िे समक्षएि
सिारात्मििु ौतीपेशिीिातीहैऔरघट ांंिोदूसरेढंगसेदेख ेिे च एप्रोत्साचहतचियािाताहै।इस
प्रिारव्यचिअप ीिचमयोंिेस्था परअच्छाइयोंपरध्या िेचन्ितिरताहै।
6.9.3 विगत्-ितशमान-संबंध की रिना (Making past-present connection)
परामशीिीसंवनाेगात्मिप्रचतचक्रयांंिीव्याख्यापूणवतयावनातवमा पररचस्थचतयोंिे संदभवमें हींिीिासिती
है।अतःपरामशवदातापरामशीिोउसिीसंवनाेगात्मिअ ुभूचतयोंिोचवनागतअ ुभवनाोंिे पररप्रेक्ष्यमेंदेख ेहेतु
सहायतादेताहै।वनातवमा औरचवनागतिोिोड़ ेिे च एररििुसीवनाातावचवनाचिभीप्रयुििीिातीहै।
6.9.4 सकारात्मक संसाधन अन्िेषण (Search of positive assets)
इसति ीिमेंपरामशीिोउसिे पुरा ेअ ुभवनाोंिे पु मूवल्यांि िे च एसहायतादीिातीहै।व्यचििहाँ
ऋणात्मिमूल्यांि चवनािचसतिर ेताहै, वनाहाँ येसिारात्मिअथविीखोििीिातीहै, उसिेअन्दर ये
संसाि ोंिाअन्वनाेषणचियािाताहै।
6.9.5 िक्ष्य का वनधाशरण (Setting the goal)
संभवनाहोचिपरामशीिीसमस्यांंिािे न्िचबन्दुउपयुि क्ष्यिाअभावनाहो।शैचक्षिएवनांव्यावनासाचयि
परामशव िेक्षेत्रमेंउपयुि क्ष्योंिाच िावरणमहत्त्वनापूणवपड़ावनाहोताहै। क्ष्यिाच िावरणव्यचििे वनातवमा
एवनांभचवनाष्यिीसमस्यांंिे समािा िे च एउपयोगीहोताहै। क्ष्योंिे च िावरणमेंSMARTचसद्धान्तिा
उपयोग चिया िाता है - क्ष्य चवनाचशि रूप में वनाचणवत (Specified-S) हो ा िाचहए, मापे िा े योग्य
(Measurable-M), उपयुि (Appropriate-A) यथाथव पूणव (Realistic-R) और च िावररत समय सीमा
(Time-T)वनाा ाहो ािाचहए।
6.9.6 र्वि क्षेत्र विश्लेषण (Force Field Analysis)
िुटव ेचवना (Kurt Lewin, 1969)िीयहति ीिपरामशीिोउ िारिोंिे अन्वनाेषणमेंसहायतादेतीहैिो
क्ष्योंिीप्राचप्तमेंयायोि ांंिोिायवरूपदे ेमेंसहायियाबाििचसद्धहोतेहैं।परामशीिोिरणबद्धढंग
सेपररवनाेशसेसंबंचितिारिोंिीपहिा िर े, उ िारिोंिीशचििामाप िर ेऔरअन्तमेंसहायि
िारिोंिीशचिबढ़ा ेऔरबािििारिोंिीशचिक्षीणिर ेिेच एप्रोत्साचहतचियािाताहै।इसिेच ए
चवनाशेषिायवयोि ांंिाचवनािासचियािाताहै।
6.9.7 वनणशय रिना (Decision Making)