Maat Pitah Temple is a World's first and only Maat Pitah Temple in which no religious deities are kept, instead parent . Maat Pitah Gowdham (MPGD) is a unique kind of NGO Based in india at punjab in Banur - Ambala Road , Village Khallour , Distt. Mohali ( Punjab ) India . It has establish in year 2011.
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3. परम�पता परमेश्वर ने इस भौ�तक जगत म� सुखमय मानव जीवन क� कल्पना करते ह� इसका आधार
बनाया माता-�पता को, शायद इसक
े �बना मानव जन्म संभव न था
और मानव जीवन को शुरू से अंत तक स्वस्थ व समृद्�ध रखने क
े �लए बनाया गौमाता को । ऐसे हुई
शुरुआत मानव-जीवन क�, िजसका आधार बने माता-�पता और सुपोषण करने वाल� गौमाता । अतीत म�
संपूणर् मानव जा�त क
े �नरोगी रहने का कारण “गाय” और खुश रहने का कारण “मां-बाप” का आशीवार्द ह�
मुख्य थे । क्य��क पहले गोवंश क� संख्या, मानव जनसंख्या से बहुत अ�धक थी, िजस कारण ज्यादा मात्रा
म� गोवंश का गोबर, गोमूत्र धरती को खाद ( फ़�टर्लाइज़र ) क
े रूप म� �मलता था िजससे हम यू�रया व
क
े �मकल मुक्त अन्य ग्रहण करक
े �नरोग जीवन जी पाते थे । शास्त्र मत है �क जैसा खाओगे अन्न, वैसा
होगा मन क्य��क हमार� जीवनशैल� मन से ह� चलती है पहले हम शुद्ध अन्न खाकर ह� संयुक्त प�रवार
म� सद्भावनाओं वाला जीवन जीते थे
WELCOME TO MAAT PITAH TEMPLE
4. उपरोक्त शब्द� क� गहराई को हृदय म� उतार कर जीवन जीने वाले बहुत से महापुरुष हमारे गौरवमई इ�तहास म� मौजूद
है, जैसे �पता क� आ�ा मानकर भगवान श्री रामचंद्र का बनवास जाना और श्रवण क
ु मार का अंधे माता �पता को क
ं धे
पर बैठाकर तीथर् करवाना आ�द । ले�कन आज हम अपनी संस्कृ �त को भूलते जा रहे ह� प�रणामस्वरूप माता-�पता और
गौमाता जो हमारे �लए सवार्�धक पूजनीय होने चा�हए उन्ह�ं क� अ�धक दुदर्शा हो रह� है इसी �वषय क� गंभीरता क
े
कारण प�रणाम स्वरूप व अपने माता-�पता क
े प्र�त अत्या�धक आदरभाव तथा गौमाता क
े प्र�त अटूट प्रेम क
े चलते श्री
�ान चंद वा�लया क
े �दमाग म� बार-बार यह� �वचार आता था, �क जब परमात्मा क� इतनी सुंदर प�रकल्पना का
प�रणाम है मां-बाप और गौमाता, तो यह असहाय क
ै से हो सकते ह� और इनक
े बेसहाय होते मानव-जीवन सुखी क
ै से हो
सकता है ? बस इसी एक �वचार से इन्ह�ने अपना समस्त जीवन माता-�पता और गौ माता क� सेवा म� सम�पर्त करने
का मन बना �लया । मां-बाप का सत्कार और गौमाता से प्रयाग क� लहर को जन-जन तक पहुंचाने म� इतने मग्न हो
गए �क �ान चंद वा�लया कब गौचर दास �ान बन गए पता ह� नह�ं चला
।। मात-�पता ह� भगवान मेरे, इनसे बड़ा न कोए ।।
।। जो आशीष ये �दल से दे दे, अवश्य ह� पूणर् होये ।।
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6. मां-बाप का सत्कार ना करक
े उनको Old Age Home जाने क
े �लए और गौवंश से प्यार ना करक
े उनक
े गव्य पदाथ� का
इस्तेमाल न करक
े उनको Slaughter House जाने को मजबूर करने पर हम अपना व अपने देश का कभी ना पूरा होने
वाला जो नुकसान कर रहे ह� इस बात को जन-जन तक पहुंचाना ।
आज क� Well Educated युवा पीढ़� को इस बात क
े �लए जागरूक करना �क गाय क
े वल धा�मर्क मान्यताओं का �वषय
नह�ं बिल्क Scientifically Proved हो चुका है �क भारतीय गाय क
े गोमूत्र म� ह� बहुत सी बीमा�रय� का इलाज है गाय
प्राण वायु का भंडार और एक पूणर् औषधालय है िजसक
े पंचगव्य म� मानव शर�र को स्वस्थ रखने क� पूर� �मता है
शास्त्रानुसार गाय एक चलता �फरता मं�दर है िजसम� सभी देवी देवता �वराजमान है
आज क
े आधु�नक युग म� इतने संसाधन व High-Tech होने क
े बावजूद भी घर-घर म� तनाव ( Depression ) का माहौल
है िजसका सबसे बड़ा कारण आपसी मतभेद है य�द हम अपने मां-बाप का सत्कार कर�गे क
ु छ समय उनक
े साथ बैठकर
अपना दुख सुख सांझा कर�गे तो �निश्चत ह� हमारे बच्चे भी वैसा ह� कर�गे क्य��क बच्चे हमारे व्यवहार से ह� सीखते ह� ऐसे
हम संयुक्त प�रवार म� तनाव मुक्त जीवन जी पाएंगे ।
माता-�पता व गौवंश िजन्ह� आ�दकाल से ऋ�ष-मु�नय� तथा शास्त्र� ने सवार्�धक पूजनीय माना, जो हमारे �लए भी हमेशा
पूजनीय होने चा�हए, इनक
े महत्व को जन-जन तक पहुंचाना और इन को उ�चत आदर सम्मान पुनः �दलवाना ।
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