चुकंदर - सेहत का सिकंदर
चुकंदर या बीटा वल्गेरिस (Family Chenopodiaceae) अनेक विटामिन, खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट से भर पूर एक सुपर फूड है। यह पीले, लाल, बैंगनी या जामुनी कई रंगों में मिलता है। चुकंदर हर सलाद, व्यंजन और सब्जियों में एक नया रंग भर देता है। यह सेहत के लिए बहुत उपयागी है, हम इसे सेहत का सिकंदर कहते है। कैंसर समेत कई बीमारियों में इसका उपयोग होता है। इसे कच्चा, उबाल कर या सब्जी बना कर खाया जाता है। इसकी पत्तियां और जड़ दोनों ही खाये जाते हैं। आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी होता है। इसका ज्यूस एक उत्कृष्ठ टॉनिक है।
चुकंदर का पौष्टिकता और स्वाद बनाये रखने के लिए इसको बिना छिलका निकाले डेढ़ दो इंच टहनी के साथ ही 15 मिनट तक भाप में पकाना चाहिये। पकने से इसकी ऊपरी परत आसानी से निकल आती है और यह अन्य व्यंजन बनाने के लिए तैयार हो जाता है।
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चुकं दर - सेहत का िसकं दर
चुकं दर या बीटा वल्गे�र (Family Chenopodiaceae) अनेक िवटािमन, खिनज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट
भर पूर एक सुपर फू ड है। यह पीले, लाल, बैंगनी या जामुनी कई रंगों में िमलता है। चुकंदर हर स , व्यंजनऔर
सिब्जयों में एक नया रंग भर देता है। यह सेहत के िलएबह�त उपयागी, हम इसे सेहत का िसकं दर कहते है। कै ंसर
समेत कई बीमा�रयों में इसका उपयोग होता है। इसे कच, उबाल कर या सब्जी बना कर खाया जाता है। इसक�
पि�यां और जड़ दोनों ही खाये जाते हैं। आयुव�द में इसका प्रयोग औषिध के �प में भी होत इसका ज्यूस एक
उत्क ृ� टॉिनक है।
चुकं दर का पौि�कता और स्वाद बनाये रखने के िलए इ को िबना िछलका िनकाले डेढ़ दो इंच टहनी के साथ ही
15 िमनट तक भाप में पकाना चािहये। पकन से इसक� ऊपरी परत आसानी से िनकल आती है और यह अन्य
व्यंजन बनाने के िलए तैयार हो जाता है
इितहास
चुकं दर क� खेती 4000 वष� से क� जा रही है। आयुव�द के कई ग्रंथों में चुकंदर के औषधीय गुणों का वणर्न िमलत
सबसे पहले बेबीलोन साम्राज्य में इसे खाना शु� िकया गया। ग्रीक और रोम ने इसक� जड़ को औषधी के
और पि�यों को सब्जी के �प में प्रयोग िकया। िहपोक्रेट्स चुकंदर क� पि�यों से घाव क� ड्रेिसंग करता थ
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में इसका ज्यूस बू, कमजोर और �ग्ण लोगों को िपलाया जाता था। अफ्र�का में इसे सायनाइड पॉइज के
उपचार में प्रयोग िकया जाता थ
पोषक तत्वों कागुलदस्
चुकं दर में लगभग10 % जिटल शकर्रा होती ह, जो
शरीर को ताकत देती है। इसमें िवटािम-ए,
िवटािमन बी-6, िवटािमन बी-12, िवटािमन-सी,
िवटािमन-के , फोिलक एिसड आिद और पोटेिशयम,
कै िल्शय, मेगनीिशयम, मेंगनी, फोसफोरस,
कॉपर, लोह, बोरोन आिद खिनज होते हैं। िविदत रहे
इसमें केले से भी ज्यादा पोटेिशयम होता है। यह
घुलनशील फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। इसमें
फाइटोन्यूिट्रएंट्स जैसे बीटाकोरो, ल्यूिट,
िजयाजेंिथ, बेटेन, िट्रप्टो आिद होते हैं।
चुकं दर में कुछ गहरे रं िबरंगे के स्वास्थ्यवधर्क
होते हैं िजन्हें बीटाल( betalains) कहते हैं।
बीटालेन दो तरह के होते हैं।1- बीटासायिनन
(betacyanins) और 2- बीटाजेंिथन
(betaxanthin)। बीटासायिनन लाल-बैंगनी रंग का
तत्व ह, जबिक बीटाजेंिथन पील या नारंगी रंग का
तत्व है। बीटािनन बीट�ट में प्रचुर मात्रा में हो
और इसका नाम भी बीट�ट से ही िनकला है। यह
एक ग्लूकोसाइड ह, जो िनजर्लीक ृत( hydrolyze)
होकर ग्लूकोज और बीटािनिडन बनाता है।
Raw beetroot (100g) provides:
Per 100g GDA*
Energy
162 kJ / 38
kcal
2%
Carbohydrate
of which sugar
of which starch
g
g
g
7.6
7.0
0.6
3%
8%
Fibre g 1.9 8%
Sodium
Equivalent as
salt
g
g
0.1
0.17 3%
Vitamin C 8%
Folic Acid (Folate) 75%
Potassium (K) 11%
Iron (fe) 7%
Zinc (Zn) 3%
Magnesium (Mg) 4%
बीटािनन नाम के बीटासायिनन तत्व पर बह�त शोध ह�ई है। यह खाद्य पदाथ� को रंग देने के काम में आता ह हल्के
या गहरे लाल, बैंगनी या जामुनी रंग के चुकंदर में मुख्यतः बीटासायिनन तत्व होता पीले चुकं दर में मुख्य तत
बीटाजेंिथन होता है। सभी बीटालेन में मुख्य अणु बीटालेिमक एिसड होता, िजससे अमाइनो एिसड डेरीवेिटव जुड़
कर बीटालेन तत्व बनता है। अमाइनो एिसडडेरीवेिटव के आधार पर बीटालेन क� पहचान होती है। बीटालेन पानी में
धुलनशील होते हैं। चुकं दर में बीटािनन के अलावा वल्गाजेंि, आइसोबीटािनन, प्रोबीटािनन और िनयोबीटािन
अन्य बीटालेन होते हैं।
बीटालेन एरोमेिटक इंडोल डेरीवेिटव है, जो टायरोसीन से बनते हैं। बीटालेन क� रासायिनक संरचना एंथोसायिनन
से िबलकु ल िभन्न होती ह, ये तो फ्लोवानॉयड भी नहीं हैं। बीटालेन में नाइट्रोजन ह, जबिक एंथोसायिनन में
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नाइट्रोजन होती है। हर बीटाप्वलेन एक ग्लूकोसाइ, िजसमें एक शुगर और रंग तत्व होता है। इनका िनमार
प्रकाश क� उपिस्थित में प्रोत्सािहत होत इसके साथ ही ये बह�त जल्दी ऑक्सीडाइज हो जाते हैं। चुकंदर
अलावा �बाबर, कॉडर, एमरें, िप्रकली िपयर केक, नोपल केक्ट आिद भी इनके अच्छे स्रोत
एंटीइन्फ्लेमेट- अिधकांश बीटालेन एंटीऑक्सीडेंट और एं-इन्फ्लेमेट्री होते बीटािनन, आइसोबीटािनन
और वल्गाजेंिथन साइक्लोऑक्सीजनेज एंजा( COX-1 and COX-2) को बािधक करते हैं। ये एंजाम्
प्रोइन्फ्लेमेट्री यौिगक बनाते हैं। इस तरह ये शरीर में अवांिछत और क्रॉिनक इन्फ्लेमेशन या प्रदाह का श
चुकं दर में एक िवशेष तत्व बीटेन होता है। यह -कॉम्प्लेक्स िवटािमन कोलीन से बनता है। कोलीन के अणु में
िमथाइल ग्रुप जुड़ने पर बीटेन बनता है। बीटेन प्रोइन्फ्लेमेट्री तत्-�रयेिक्टव प्रो, इन्टरल्यूि-6 और
ट्यूमर नेक्रोिसस फेक्टर अल्फा का स्तर कम करता है और प्र-इन्फ्लेमेट्री माना गया है। यह �द,
कै ंसर और डायिबटीज में बह�त उपयागी है। िविदत रहे िक इन रोगों में एक महत्वपूणर् िवकृित अवांिछत और
इन्फ्लेमेशन मानी गई है
चुकं दर के औषधीय गुण
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�दयरोग में उपयोगी- चुकं दर र�चाप कम करता है। हाटर्अटेक और स्ट्रोक के जािखम का कम करता
चुकं दर में नाइट्रेट्स होते, जो शरीर में नाइिट्रक ऑक्साइड में प�रवितर्त हो जाते हैं और र�वािहक
डायलेट करते हैं और र�चाप कम करते है। चुकंदर में मौजूद पोटेिशयम स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है। च
के बीटासायिनन एल.डी.एल. कॉलेस्टेरोल को ऑक्सीडाइज होने के रोकते , िजससे धमिनयों क� िभि�यों म
फै ट्स जमा नहीं हो पाते हैं और हटर् अटेक और स्ट्रोक का जोिखम कम होत होमोिसस्ट्रीन र�वािहकाओं
�ितग्रस्त करता है और बीटेन शरीर में होमोिसस्ट्रीन के स्तर को कम क
डायिबटीज में सहयोगी- चुकं दर में फैट्स िबलकुल नहीं होते और कैलोरी भी कम होती है। इसक
ग्लायसीिमक इंडेक्64 (जो मीिडयम माना जाता है) और ग्लायसीिमक लोड बह�त कम2 .9 होता है, िजसका
मतलब है िक इसके कोब�हाइड्रेट बह�त धीरे ग्लूकोज में प�रवितर्त होते हैं और इस तरह यह िसकंदर र�शकर
स्तर को िस्थर रखता है।
यकृ त का र�क - चुकं दर में िवद्यमान बीटासायिनन िनिवर्षीकरण या शरीर के टॉिक्सन्स का उ
(detox) करने में यक ृत क� बह�त सहायता करते है बीटासायिनन रंग तत्व( Pigments) शरीर क� फे ज-2
िडटॉक्सीिफकेशन प्रिक्रया को प्रोत्सािहत करते-2 एक चयापचय िक्रया है िजसमें ग्लूटाथ-एस-
ट्रांसफरेज एंजाइम तंत्र टॉिक्सन्स को िनिष्क्रय और घुलनशील बना कर शरीर से िवसिजर्त करने में स
है। इसिलए चुकं दर सव��म िडटॉक्स भोजन है।
कै ंसर का भ�क - चुकं दर ल्यूक�िमया और कैंसर के उपचार मेंबह�त प्रभावशाली पाया गया है। यह,
गुदार, िप�ाशय, र� और िलम्फ का शोधन करता है। चुकंदर में बीटालेन प्रजाित के एंटीऑक्सीडेंट औ-
इन्फ्लेमेट्री तत्व हो, जो कै ंसर कोिशकाओं का भ�ण करते हैं बीटासायिनन डी.एन.ए. म्यूटेशन को बािधत
करते हैं।इसमें एक बीटेन नाम का कैंसररोधी एमाइनो एिसड होता ह
िवस्कोिस-मािडसन िव�िवद्यालय के अनुसंधानकतार्ओं ने अपने शोध में यह पाया है िक चुकंदर में िवद्यम
रंग का तत्व शरीर में िवशेष तरह के प्रोटीन्स का स्तर बढ़, िजन्हें फे II एंजाइम कहते हैं। ये एंजाइम्स कैं
पैदा करने वाले टॉिक्सन्स को िनिष्क्रय करके िवसजर्न करत(जरनल ऑफ एग्रीकल्चरल एण्ड फूड कैि)
सन् 1950 से सोमा हॉस्पीट, हंगरी के डॉ. फे रेंजी िसफर् चुकंदर से कैंसर का उपचार करते आ रहे हैं। वे चुकंदर
अलावा कु छ भी प्रयोग नहीं करते ह
बीटेन लाये खुिशयों क� बयार- चुकं दर में बेटेन और िट्रप्टोनामक फ�ल गुड तत्व होते हैं जशरीर में
िसरोटोिनन तत्व का स्राव भी बढ़ाते हैं मन को शांत और प्रसन करते है, िडप्रेशन दूर करते हैं और म
एलीवेटर का काम करते हैं।
बोरोन लाये यौवन क� बहार - चुकं दर में बोरोन नामक तत्व पयार्� मात्रा में ह, जो सीधा लैंिगक
हाम�न्स का िनमार्ण बढ़ाता है। इसिलए इसे प्राकृितक कामोद्दीपक कहा जाता है। कई लोग इसे प्राकृितक
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मानते हैं। रोमन साम्राज्य में इसका ज्यूस कामोद्दीपक द्रव्य माना जाता था। पोम्पेई में िस्थत
िवख्यात वैश्यालय ल्यूपनारे क� दीवारों पर लगे िचत्रों में चुकंदर को कामोद्दीपक के �प में िदख
अन्य प्रय- इसमें िवद्यमान िवटा-सी अस्थमा से बचाव करता है। बीटाके रोटीन मोितयािबंद और
मेक्यूलर डीजनरेशनसे बचा कर रखता है। चुकं दर में मौजूद फाइबरकब्ज में लाभ पह�ंचाते है स्वास्थ्य के स
ही यह त्वचा के िलए भी बह�त उपयोगी है चुकं दर के रस को थोड़े से िसरके में िमलाकर िसर में लगाने से य �सी
को दूर करता है। चुकं दर का प्रयोग टमाटर के पे, सॉस, डेजट्र्, जैम, जेली, आइसक्र�और िमठाई में रंग द्र
के �प में प्रयोग िकया जाता ह
चुकं दर में िसिलका नामक खिनज होता है जो शरीर में कैिल्शयम क� उपयोिगता को बढ़ाता, िजससे हड्िडयां
स्वस्थ और मजबत बनती हैं। ऑिस्टयोपोरोिस से बचाता है। चुकं दर में फोिलक एिसड होता ह, जो भ्रूण क
स्पाइनल कोडर् के िवकास के िलए बह�त आवश्यक होता है। जन्मजात िवकार स्पाइना बाइिफ से बचाता
है।
सावधािनयां
• इसका ज्यूस हमेशा िकसी अन्य सब्जी या फल जैसे गा, सेब, अजमोद आिद के ज्यूस में िमलाकर पीन
चािहये। खाली चुकं दर का ज्यूस पीने से वोकल कोडर् में �िणक तकलीफ हो सकती है
• कई बार चुकं दर खाने से लाल रंग का पेशाब आ सकता है। इसे िबटू�रया कहते हैं। लेिकन यह िहमेचू�रया
नहीं है और िचंता का िवषय भी नहीं है। यह सामान्य घटना है और थोड़ी देर बाद स्वतः नारमल यूरीन
लगता है। यह र�स्राव नहीं ह
• इसके प�ों में ऑग्जेलेट होता, यिद शरीर में इसक� मात्रा अिधक होने पर यह िक्रस्टलाइज हो सकत
इसिलए पथरी के रोिगयों को इसक� पि�यां नहीं खाना चािहये