1. Food and Nutrition for Students
By
Dr. Chandrajiit Singh
Scientist
Food Science and Technology / Home Science
E:mail: chandar30 @ gmail.com
Mobile and Whats App: 098930 64376
Date:27th of January,2020
Venue:IndiraAuditorium,COA,Rewa(MP)
Jawaharlal Nehru Krishi Vishwa Vidyalaya, Jabalpur (MP)
Krishi Vigyan Kendra- Rewa (MP) 1
2. Protein
By
Dr. Chandrajiit Singh
Scientist
Food Science and Technology / Home Science
E:mail: chandar30 @ gmail.com
Mobile and Whats App: 098930 64376
Date:12th of January,2020
OnlineClasses,COA,Rewa(MP)
Jawaharlal Nehru Krishi Vishwa Vidyalaya, Jabalpur (MP)
Krishi Vigyan Kendra- Rewa (MP) 2
3. 3
प्रोटीन
प्रोटीन क
े प्रमुख कार्य:
1.प्रोटीन क
े प्रमुख कार्य ननम्ननिखखत है:
2.शरीर क
े ऊतक तथा मााँसपेनशर्ोों का ननमायण प्रोटीन करते है ।
3.शरीर में दैननक रूप से खुछ न क
ु छ टू ट-फ
ू ट होती ही रहती है, इस टू ट-फ
ू ट की
मरम्मत का कार्य प्रोटीन ही करता है ।
4.रक्त का एक महत्वपूणय भाग प्रोटीन होता है ।
5.बाि नाखून तथा त्वचा प्रोटीन द्वारा ही बनी होती है ।
6.बीमाररर्ोों से शरीर की सुरक्षा करने वािे ऐोंटीबॉडीज़ का ननमायण प्रोटीन द्वारा ही होता
है ।
7.शरीर में होने वािी जैव रासार्ननक निर्ाओों में सहार्क जैव उत्प्रेरक (इन्जाईम) एवों
हामोन्स् प्रोटीन द्वारा ही नननमयत होते है ।
4. 4
प्रोटीन
प्रोटीन क
े कमी क
े लक्षण :
1.क्वाशिर्ोरकर :
6 माह से िे कर 3 वर्य क
े बच्ोों को होता है, पेट का ननकिना, शरीर में पानी
जमा हो जाने से सूजन नदखना, ऊ
ाँ चाई और वजन का न बढ़ना, शरीर में िाि चकत्ते
पड़ना, घाव जल्दी न भरना, फ
ै टी िीवर होना, कम खाना खाना, थकावट होना, त्वचा क
े
नीचे वसा की पतय जमा होती है
पोर्क तत्व की कमी जो कारण बनता है :
प्रोटीन
6. 6
क
ै लोरी
क
ै लोरी की कमी क
े लक्षण :
1.मरासमस :
हाथ पााँव सूखना, पेट बाहर ननकिना, सीन की अतनड़र्ााँ स्पष्ट नदखना, 1 वर्य
आर्ु से छोटे बच्ोों को होता है, मााँसपेनशर्ोों का कमज़ोर होना, मााँसपेनशर्ोों में मात्रात्मक
रूप से कमी होना, अनिक खाना चाना, नचड़नचड़ा होना एवों सजग होना, त्वचा क
े नीचे
वसा की पतय जमा नहीों होती है
पोर्क तत्व की कमी जो कारण बनता है :
क
ै िोरी, िौह तत्व, आर्ोडी न, नज़ोंक, नवटानमन –ए
9. 9
प्रोटीन
प्रोटीन क
े कमी क
े अन्य लक्षण :
1. बािोों का पीिा होना.
2. बाि झड़ना और टू टना
3. नाखून का टू टना
4. जल्दी जल्दी बीमार होना
5. जल्दी जल्दी थकना
6. शरीर में खून की कमी होना.
10. 10
प्रोटीन
प्रोटीन की आवश्यकता :
चूाँनक बच्ोों का शारीररक नवकास होता है इसनिर्े इन्हें 2 ग्राम प्रोटीन प्रनत नकिोग्राम
शारीररक वजन प्रनत नदन की आवश्यकता होती है ।
गभयवती माताओों क
े गभय में भ्रूण का नवकास होता है तथा िात्री माता 1.5 से 2 ग्राम
प्रोटीन प्रनत नकिोग्राम शारीररक वजन प्रनतनदन की आवश्यकता होती है ।
अन्य वर्स्को को 1 ग्राम प्रोटीन प्रनत नकिोग्राम शारीररक वजन प्रनत नदन की
आवश्यकता होती है ।
11. 11
प्रोटीन
प्रोटीन क
े प्रमुख स्त्रोत:
1.मेवे (काजू, बादाम, एवों मूाँहफिी इत्यानद) सभी दािें, दू घ अोंडा एवों मााँसाहार (मछिी
छोड़कर ) प्रोटीन क
े बहुत अच्छे स्त्रोत हैं ।
2.सोर्ाबीन, प्रोटीन का सबसे सस्ता स्त्रोत है नजसमें अन्य दािोों की तुिना में िगभग
दुगनी मात्रा में प्रोटीन होता है (43.2 %) एवों इसका मूल्य अन्य दािोों की तुिना में आिे
से भी कम है ।
3.अनाज में भी प्रोटीन उपखथथत होता है दािोों की तुिना में, अन्त में िगभग आिी मात्रा
में (10-14 %) प्रोटीन उपखथथत होता है ।
अन्य महत्वपूणय तथ्य:
1 ग्राम काबोह्यर्डरेट, 4 क
ै िोरीज़, 1ग्राम प्रोटीन 4 क
ै िोरीज़ और 1 ग्राम वसा
9 क
ै िोरीज़ ऊजाय उपिब्ध कराती है.
13. 13
शवटाशमन
र्ह जैनवक अणुओों (Organic Molecule) का समूह है नजसका ननमायण शरीर द्वारा
नहीों नकर्ा जा सकता नक
ों तु र्ह शरीर क
े निर्े अत्योंत उपर्ोगी माईिोन्युटर ीोंट है. शरीर
को नवटानमन की आवश्यकता कम मात्रा में होती है.
चूाँनक र्ह शरीर क
े द्वारा नननमिंत नहीों नकर्े जा सकते अतः इनकी पूनतय आहार क
े द्वारा
की जाती है. र्ह आवश्यक पोर्क तत्व मुख्यत: फिोों एवों सखिर्ोों में उपखथथत होते हैं.
नवटानमन डी एक अपवाद है क्ोोंनक र्ह शरीर द्वारा नननमिंत नकर्ा जा सकता है. क
ु छ
पररखथततर्ोों में र्ह
नवटानमन क
े मुख्य कार्य हैं:
1.शरीर को सुरक्षा प्रदान करना.
2.र्ह शरीर में होने वािे उपापचर् (Metabolism) की निर्ा में भाग िेते हैं.
3.र्ह शरीर की महत्वपूणय जैव रसार्ाननक अनभनिर्ार्ोों में भाग िेते है जैसे- वसा,
काबोज़ एवों प्रोटीन को शरीर द्वारा उपर्ोग की निर्ा में.
14. 14
शवटाशमन
शवटाशमन क
े मुख्य कार्य हैं:
1. शरीर को सुरक्षा प्रदान करना.
2. र्ह शरीर में होने वािे उपापचर् (Metabolism) की निर्ा में भाग िेते हैं.
3. र्ह शरीर की महत्वपूणय जैव रसार्ाननक अनभनिर्ार्ोों में भाग िेते है जैसे- वसा,
काबोज़ एवों प्रोटीन को शरीर द्वारा उपर्ोग की निर्ा में
4. हड्डीर्ोों को स्वस्थ्य रखने हेतु आवश्यक.
5. बाोंझ्पन को दू र करने में सहार्क.
6. रोग प्रनतरोिक क्षमता बढ़ाने में सहार्क.
15. 15
शवटाशमन
घुलनिीलता क
े आधार पर शवटाशमन को दो भाग में शवभक्त शकर्ा
गर्ा है:
1. वसा में घुिनशीि नवटानमन: नवटानमन ए, नवटानमन डी, नवटानमन ई एवों नवटानमन
क
े
2. जि में घुिनशीि नवटानमन: नवटानमन बी कॉम्प्लैक्स समूह एवों नवटानमन सी.
18. 18
शवटाशमन –ए
र्ह एक अल्पमात्रा में अत्योंत आवश्यक वसा में घुिनशीि पोर्क तत्व, नवटानमन है जो
नक नेत्रोों, नेत्रोों की ज्योनत और शरीर की ऊपरी पतय (ऐपीथीनिर्ा) क
े स्वास्थ्य हेतु अत्योंत
आवश्यक है.
र्ह मााँसाहार में नवतानमन –ए क
े रूप में नकनु शाकाहार में क
ै रोटीन क
े रूप में
उपखथथत होता है.
क
ै रोटीन ही पररवनतयत हो कर नवटानमन –ए का ननमायण करता है अतः क
ै रोटीन को
नवटानमन –ए का नप्रकसयर कहते हैं. र्ह शरीर में निवर में एकनत्रत होता है.
19. 19
क
ै रोटीन क
े प्रकार
क
ै रोटीन (नवटानमन –ए का ननमायता अथवा नप्रकसयर) क
े प्रकार :
चूाँनक क
ै रोटीन से नवटानमन-ए का ननमायण होता है इसनिर्े क
ै रोटीन को प्रो-नवटानमन - ए
भी कहते हैं । क
ै रोटीन तीन प्रकार क
े होते है :
1)अल्फा क
ै रोटीन 2) बीटा क
ै रोटीन 3) गामा क
ै रोटीन
वानस्पनतक स्त्रोतोों से प्राप्त क
ै रोटीन की क
ु ि मात्रा से क
े वि 50 % (आिा) ही शरीर
ग्रहण (अवशोनर्त ) कर पाता है ।
जबनक मााँसाहार स्त्रोतोों से सीिे नवटानमन - ए की प्राखप्त होती है एवों इसकी पूरी मात्रा
शरीर द्वारा अवशोनर्त कर िी जाती है ।
अल्फा एवों गामा क
ै रोटीन की तुिना में बीटा क
ै रोटीन सवायनिक मात्रा में शरीर क
े द्वारा
नवटानमन - ए क
े रूप में पररवनतयत होती है ।
20. 20
क
ै रोटीन से शवटाशमन –ए की उपलब्धता
भोजन में वसा की उपखथथनत क
े अनुसार क
ै रोटीन की क
ु ि मात्रा का 25 से 50 % ही
शरीर तक पहुाँच पाता है ।
व्यवहाररक तौर पर र्ह मात्रा 25% ही मानी जाती है । इसनिर्े नवटानमन - ए की
आवश्यक मात्रा पाने क
े निर्े चार गुना अनिक मात्रा में क
ै रोटीन पाने क
े निर्े उनचत
मात्रा में फि अथवा सिी का सेवन करना चानहर्े ।
21. 21
क
ै रोटीन क
े िाकाहारी स्त्रोत
हरे पत्तेदार सिी जैसे पािक, चैिाई, हरा िननर्ा, मीठी नीम की पत्ती पुदीना की पत्ती
एवों मूिी की
िाि, हरा, पीिा, नारोंगी रेंज क
े फि
पत्ती, मुगने की पत्ती,
पीिे फिोों में जैसे, पपीता, पक
े आम
पीिा कद् दू , शकरक
ों द, टमाटर एवों गाजर
पत्तेदार सखिर्ोों में रोंग नजतना गहरा हरा होगा इसमें क
ै रोटीन की मात्रा उतनी ही
अनिक होगी
अतः पत्ता गोभी क
े बाहरी हरे पत्तो में भीतर क
े सफ
े द पत्तोों क
े तुिना में अनिक मात्रा में
क
ै रोटीन पार्ा जाता है ।
22. 22
शवटाशमन -ए क
े मााँसाहारी स्त्रोत
शाक
य (मछिी) निवर (र्क
ृ त) आईि (तेि), कॉड (मछिी) निवर आईि एवों सॉ
(मछिी) निवर आईि नवटानमन - ए क
े अच्छे स्त्रोत है । इन स्त्रोतोों से सीिे नवटानमन -
ए प्राप्त होता है ।
सप्लीमैंट क
े द्वारा:
शासकीर् कार्यिमोों क
े द्वारा नवटानमन - ए की खुराक नशशुओों और बच्ोों को
दवाई क
े रूप में नपिाई जाती है ।
23. 23
शवटाशमन -ए की कमी शकन लोगोों में सवायशधक पाई
र्ाती है
नवटानमन – ए की सवायनिक कमी देखी जा सकती है :
• नशशुओों में
• बच्ोों में
• गभयवती माताओों में
• िात्री माता
अनवकनसत और नवकासशीि राष्टर ोों की तुिना में नवकनसत राष्टर ोों क
े ननवानसर्ोों मे
नवटानमन – ए की कमी कम पाई जाती है चूाँनक इन राष्टर ोों में पौनष्टक आहार उपिब्ध
होता है
24. 24
शवटाशमन -ए की कमी क
े लक्षण
1. त्वचा में सूखापन, खुजिी और सूजन आना, ऐखज़ज़मा (त्वचा का रोग) होना.
2. आाँखोों का सूखना, आाँसू का न बनना, कॉननयर्ा का ननखिर्ा होना, अन्धापन होना.
इस खथथनत को बार्ोटॉट स्पॉट भी कहते हैं.
3. रतौन्धी होना र्ा रात को न नदखना.
4. गभयिारण न कर पाना अथवा गभायपत होना.
5. शरीर का नवकास न होना अथवा देर से होना .
6. गिे अथवा सीने में श्वाँसन सबन्धी सोंिमण होना.
7. चूाँनक नवटानमन-ए शरीर में कोिैनजन ननमायण में सहार्क होता है अतः शरीर में
नवटानमन –ए की कमी क
े कारण घाव जल्दी नहीों भर पाता है.
8. चहरे पर मुहााँसा होना.
25. 25
शवटाशमन -ए की अशधकता की हाशन
चूाँनक नवटानमन –ए वसा में घुिनशीि नवटानमन है अतः र्नद अनिक मात्रा में र्नद
नवटानमन –ए का सेवन नकर्ा गर्ा तो र्ह निवर में सोंग्रनहत हो जाता है और हानन
पहुाँचाता है जैसे :
1. हनड्डओों मे सूजन आ जाना.
2. त्वचा सूख जाती है तथा खुरदरी हो जाती है.
3. मुाँह में छािे होना, भ्रनमत होना (क
ों फ्यूज़ होना)
4. नेत्र ज्योनत में पररवतयन होना
26. 26
शवटाशमन -ए की दैशनक आवश्यकता
• सामान्य वर्स्कोों को 700 से 900 एम.सी.जी प्रनत नदन देना चानहर्े
• सामान्य व्यस्कोों की तुिना में प्रनतनदन गभयवती तथा िात्री माताओों को क
ु छ अनिक
मात्रा में दी जानी चानहर्े.
• सामान्य व्यस्कोों की तुिना में छोटे बच्ोों को नवटानमन –ए क
ु छ कम मात्रा में दी जानी
चानहर्े
30. 30
शवटाशमन –डी
वसा में घुिनशीि र्ह एक और नवटानमन है नजसे कोिेक
ै ल्सीनफरॉि भी कहते है ।
नवटानमन-डी शरीर को सीिे िाभ नहीों पहुाँचा पाता है बखि र्ह अपने सनिर् स्वरूप
में पररवनतयत होने क
े उपरान्त शरीर को िाभ पहुाँचाता है ।
31. 31
शवटाशमन – डी क
े स्त्रोत
सूर्य की रौशनी से नमिने वािी अल्ट्रावार्िेट नकरण शरीर की त्वचा पर पड़ने से शरीर
में ही नवटानमन-डी का ननमायण होता है ।
नवटानमन-डी का अन्य स्त्रोत दवाई क
े रूप में है
शवटाशमन –डी की अशधकता की हाशन:
नक
ों तु खुराक की अनिकता शरीर को हानन पहुाँचा सकती है नजसक
े कारण
नचडनचड़ापन, उल्ट्ी एवों मि त्याग की परेशानी महसूस होती है । आम तौर पर
भारतीर्ोों को दवाई क
े रूप में नवटानमन-डी की खुराक देना अनुशोंनसत नहीों है ।
नक
ों तु आवश्यकता होने पर इसे दवाई क
े रूप में नदर्ा जा सकता है ।
32. 32
शवटाशमन –डी की अशधकता की हाशन
शवटाशमन –डी की अशधकता की हाशन:
•नचडनचड़ापन,
•उल्ट्ी
•मि त्याग में परेशानी
नोट :
आम तौर पर भारतीर्ोों को दवाई क
े रूप में नवटानमन-डी की खुराक देना
अनुशोंनसत नहीों है । नक
ों तु आवश्यकता होने पर इसे दवाई क
े रूप में नदर्ा जा सकता
है ।
33. 33
शवटाशमन-डी क
े लाभ से वोंशचत होना
शरीर, ननम्ननिखखत दो प्रकार से नवटानमन-डी क
े िाभ से वोंनचत रह सकता है:
•नवटानमन-डी की कम मात्रा शरीर को नमिने से ।
•नवटानमन-डी का अपने सनिर् रूप में कम मात्रा में पररवनतयत होने से ।
34. 34
शवटाशमन-डी क
े प्रमुख लाभ
• नवटानमन-डी शरीर में क
ै खशशर्म क
े अवर्ोर्ण क
े निर्े आवश्यक है ।
क
ै खशशर्म क
े अवशोर्ण से हनड्डर्ााँ मज़बूत होती है । इस प्रकार से
नवटानमन –डी हनड्डर्ोों क
े स्वास्थ्य क
े निर्े उपर्ोगी होता है.
• नवटानमन – डी शरीर को रोगप्रनतरोिक क्षमता प्रदान करता है.
• नवटानमन – डी शरीर द्वारा क
ै खशशर्म क
े अवशोर्ण में सहार्क होता है
और क
ै खशशर्म उपापचर् में सहार्क होता है. इस प्रकार नवटानमन – डी
क
ै खशशर्म क
े माध्यम से पाचन की प्रनिर्ा मे सहार्क होता है.
35. 35
शवटाशमन -डी की कमी क
े लक्षण
1. नशशुओों और बच्ोों में नवटानमन-डी की कमी से ररनकट्स
2. हनड्डर्ााँ कमजोर होना , पैर नतरछे होकर िनुर्ाकार होना खड़े होने में
तकिीफ.
3. मनहिाओों की हनड्डर्ोों में जोड़ोों में ददय होना
4. नवशेर्कर गभायवथथा क
े दौरान भ्रूण क
े नवकास में क
ै खशशर्म क
े उपर्ोग
क
े कारण हनड्डर्ोों में ददय होना र्ह ददय होना (ऑस्टीर्ोमिेनशर्ा)
5. बार - बार गभयिारण करने से मनहिा की हड्डी नतरछी होना एवों सीिे खड़े
होने में असमथय होना
36. 36
शवटाशमन -डी की कमी क
े लक्षण
6. गभयिारण करने में मुखिि होना
7. हाथ पााँव का फटना भी नवटानमन –डी की कमी क
े ही िक्षण है तथा
वात की शुरुआत.
नोट :
1. ऐसी खथथनत में गभयवती मााँ को नवटानमन-डी की खुराक सलीमैंट क
े
रूप में दी जाती है नजससे गभयवती मनहिा एवों बच्े की रक्षा होती है ।
2. नवटानमन-डी की कमी पुरुर्ोों में भी हो सकती है ।
37. 37
शवटाशमन –ई
शवटाशमन-ई क
े की पररभाषा :
र्ह एक जैवरासार्ननक अणु है जो वसा में घुिनशीि अशमात्रा में
आवश्यक नवटानमन होता है जो नक मुख्यत: शरीर की सुरक्षा क
े निर्े
आवश्यक है । वसा र्ुक्त भोजन ग्रहण करने से र्ह शरीर को प्राप्त होता है
।
38. 38
शवटाशमन-ई क
े लाभ
नवटानमन-ई क
े प्रमुख िाभ ननम्ननिखखत है:
1. नवटानमन-ई, ऐन्टीऑक्सीडैंट क
े रूप में कार्य करता है तथा कोनशका क
े
ऑक्सीकरण को रोकता है नजससे कोनशका का क्षरण रुकता है तथा शरीर
को सुरक्षा नमिती है ।
2. र्ह वसा एवों नवटानमन- ए क
े ऑक्सीकरण को रोककर इनका परररक्षण
करते है (खराब होने से बचाते हैं) ।
39. 39
शवटाशमन –ई क
े प्रमुख स्रोत
शवटाशमन-ई क
े प्रमुख स्त्रोत इस प्रकार हैं :
1.नवटानमन-ई सोर्ाबीन, मुाँहफिी , कपास क
े बीज एवों करड़ी क
े तेि में
प्रचुर मात्रा में उपखथथत होता है ।
2.साबुत, अनाज, गहरे हरे रोंग क
े पत्तेदार सखिर्ोों, दािो, मेवोों तथा दहिन
में भी प्रचुर मात्रा में उपखथथत होता है ।
3.मााँसाहार में, र्ह अोंडोों क
े पीिे भाग में तथा मक्खन एवों र्क
ृ त में पार्ा
जाता है ।
41. 41
शवटाशमन –क
े
शवटाशमन-क
े की पररभाषा :
र्ह एक जैवरासार्ननक अणु है जो वसा में घुिनशीि अल्पमात्रा में आवश्यक
नवटानमन होता है जो नक मुख्यत: शरीर की सुरक्षा क
े निर्े आवश्यक है । वसा र्ुक्त भोजन
ग्रहण करने से र्ह शरीर को प्राप्त होता है । इसे रक्त थक्का बनाने वािा नवटानमन भी
कहते हैं.
42. 42
शवटाशमन –क
े
शवटाशमन-क
े क
े लाभ :
चोट िगने पर बहते हुर्े रक्त को रोकने क
े निर्े रक्त का थक्का, नवटानमन-क
े की
सहार्ता से जमता है ।
ध्यान रहे :
उन िोगोों को जो नक खून को पतिा करने कर ही खार्ें ।वािी दवाई खा रहे हैं को
नवटानमन –क
े क
े सलीमैंट सदैव नचनकत्सक से पूछ
43. 43
शवटाशमन-क
े क
े प्रमुख स्त्रोत
शवटाशमन-क
े क
े प्रमुख स्त्रोत :
1.शाकाहार : हरे पत्तेदार सखिर्ोों जैसे पािक, पत्ता गोभी तथा सिाद पत्ता इत्यानद में
नवटानमन-क
े क
े प्रचुर मात्रा में उपखथथत रहता है ।
2.मााँसाहार : इस श्रेणी में, नवटानमन – क
े ,अोंडे क
े पीिा भाग, दू ि तथा िीवर (र्क
ृ त)
आनद में पार्ा जाता है ।
45. 45
र्ल में घुलिील शवटाशमन
दो प्रकार क
े नवटानमन जि में घुिनशीि हैं । र्ह हैं
1.नवटानमन-बी कॉम्प्लैक्स (नवटानमन-बी का समूह) एवों
2.नवटानमन-सी ।
जि में घुिनशीि होने क
े कारण क
े कारण आवश्यक मात्रा शरीर अवशोनर्त
कर शेर् मात्रा त्याग देता है । अतः जि में घुिनशीि नवटानमनोों को आवश्यकता से
अनिक मात्रा में सेवन क
े बाद भी र्ह शरीर को हानन नहीों पहुाँचा पाते ।
46. 46
र्ल में घुलिील शवटाशमन
इस श्रेणी में जो नवटानमन आते हैं वे इस प्रकार हैं:
1.नवटानमन-बी - 1
2.नवटानमन-बी (रार्बोफ्लेनबन)
3.फोनिक अम्ल,
4.ननर्ानसन तथा
5.नवटानमन-बी- 12
47. 47
र्ल में घुलिील शवटाशमन क
े लाभ
र्ल में घुलनिील शवटाशमन क
े लाभ इस प्रकार हैं :
भोजन क
े पाचन में ऊजाय, काबोज़, प्रोटीन तथा वसा का शरीर में उनचत
उपर्ोग हेतु नवटानमन-बी काम्प्लैक्स सहार्क होता है ।
48. 48
र्ल में घुलिील शवटाशमन
शवटाशमन-बी- 1 क
े स्त्रोत एवों लाभ
नवटानमन-बी -1 वसा में घुिनशीि नवटानमन-बी कॉम्प्लैक्स (समूह) में से
एक है ।
इस नवटानमन को थार्ानमन क
े नाम से भी जाना जाता है ।
50. 50
शवटाशमन-बी- 1 क
े स्त्रोत
शवटाशमन-बी- 1 क
े स्त्रोत एवों लाभ :
1.नवटानमन-बी-1 काबोज़ से ग्लूकोज़ बनाने में सहार्क होता है जो नक शरीर को ऊजाय
देता है ।
2.र्ह वसा एवों प्रोटीन क
े पाचन (उपापचर्) में सहार्क होते है ।
3.रवस नसस्टम क
े स्वास्थ्य हेतु आवश्यक होता है ।
4.नवटानमन बी-1 शरीर को तनाव झेिने की शखक्त प्रदान करता है, इसनिर्े र्ह
नवटानमन,
ऐोंटी स्ट्रैस शवटाशमन
भी कहिाता है ।
51. 51
शवटाशमन शवटाशमन बी-1 क
े अच्छे स्त्रोत
1. बाजरा, ज्वार साबुत अनाज (गेहाँ , चावि, रागी, सााँवा, कोदो, एवों क
ु टकी) क
े बाहरी
आवरण (नछि
े अथवा चोकर) में प्रचुर मात्रा में पार्ा जाता है ।
2. नबना पॉनिश अथवा कम पॉनिश का चावि, भुनजर्ा चावि (पारबाऑईल्ड चावि)
3. अोंक
ु ररत अनाज एवों दािोों
4. खमीर र्ुक्त भोजन जैसे ढोकिा, इडिी एवों जैसे आहार
5. दािोों नवशेर्कर नछि
े वािी दाि, नवशेर्कर मुाँहफिी
6. सखिर्ोों एवों मााँसाहार में मीट, मछिी, अोंडे तथा दू ि में नवटानमन-बी-1 क
े अच्छे
स्त्रोत नहीों है ।
52. 52
शवटाशमन बी- 1 की आवश्यकता
1. चूाँनक काबोज़ को पचाने क
े निर्े नवटानमन-बी- 1 की आवश्यकता होती है
इसनिर्े नजस खाद्य पदाथय में काबोज़ की मात्रा अनिक पाई जाती है ऐसे खाद्य
पदाथय में नवटानमन-बी-1 की मात्रा भी प्रचुर होती है ।
2. ग्रहण की गई नवटानमन-बी -1 की मात्रा ग्रहण की गई ऊजाय क
े समानुपाती है ।
प्रत्येक 1000 क
ै िोरी ऊजाय क
े निर्े 0.5 नम.ग्रा. नवटानमन-बी-1 की आवश्यकता
होती है ।
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शवटाशमन-बी - 1 की कमी क
े लक्षण
1. काबोज़ , शक
य रा एवों स्टाचय क
े समुनचत उपर्ोग न हो पाने क
े कारण शरीर में ऊजाय की
कमी होती है ।
2. िोंबे समर् तक नवटानमन-बी -1 की शरीर में कमी से बैरी-बैरी नामक रोग हो सकता है
। जो नक दो प्रकार का होता है :
• सूखी बैरी- इसमें ड
र ॉप्सी (जिोदर) जैसे िक्षण प्रकट होते हैं, भूख कम िगती है । हाथ
पााँव में झुनझुनी आती है तथा र्ह सुन्न होने िगते है ।
• गीिी बैरी-बैरी (वैट बैरी-बैरी ) में हृदर् जोर- जोर से िड़कता है एवों श्वााँस कम आती
है । हृदर् की मााँसपेनशर्ााँ कमजोर हो जाती हैं एवों र्ह कार्य करना बोंद कर सकता है
।
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शवटाशमन-बी- 1 की कमी से बचने क
े शलर्े
आवश्यक बातें
1. फिोों िो नछि
े सनहत खार्ें ।
2. चावि तथा दाि को अनिक पॉनिश नहीों करें । भुनजर्ा चावि, कम पॉनिश हुआ
चावि अथवा चावि क
े थथान पर 100 ग्राम प्रनतनदन की दर से गेह
ू ों अथवा मोटे
अनाज (ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, सााँवा, कोदो और क
ु टकी) को भोजन में
शनमि करें।
3. पॉनिश नकर्े गर्े चावि की साथ 60 से 70 ग्राम दाि नमिा कर खाने से भी
नवटानमन-बी -1 की कमी को दू र नकर्ा जा सकता है ।
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शवटाशमन –डी
4. अनाज को पीसने क
े बाद छान कर न खार्ें। जैसे गेह
ू ों को चोकर सनहत खार्ें ।
5. नजन फि एवों सखिर्ोों को नछि
े सनहत खा सकते हैं उन्हें नछि
े सनहत ही खार्ें ।
6. िात्री मााँ क
े शरीर में र्नद नवटानमन-बी -1 की कमी हो तो स्तनपान करने वािे नशशु
क
े शरीर में भी नवटानमन-बी- 1 की कमी हो जाती है । अतः नशशु को नवटानमन-
बी-1 की पूनतय क
े निर् िात्री मााँ को नवटानमन-बी- 1 क
े अच्छे स्त्रोतो का सेवन
करना चानहर्े तानक दू ि द्वारा नशशु की आवश्यक मात्रा में नवटानमन-बी- 1 नमि
सक
े ।