2. रव ींद्रनाथठाक
ु र(ब ींगाल :रींजनाचार्य) रा र ींदनाथठाक
ु आर )
( 9मई,1861-9अगस्त,1971 )कोगुरुदेव क
े नाम से भ जाना
जाता है। औरजाने माने कबव,सलाहकार,पत्रकारऔर भारत र्साबह्
का एकमात्र नो ेल पुरस्कारऔर जेटा।ब ींगला साबह् क
े
माध्यम से भारत र् साींस्क
ृ बतक चेत ना में एक नई दृबि एबिर्ा क
े
पहले नो ेल पुरस्कारथे सम्माबनतव्यक्ति।मैं अक
े लाकबवहूँ बजसक दो
रचनाएूँ दोदेिोींकारािरगान न – भारत जनगणमनकारािरगानऔर
ोींगलाडरकारािर गान गान मैं रचनाएूँ हूँ।
3.
4.
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6. टैगोर ने लगभग 2,230 ग तोीं क रचना क ।
रबवररन बसींग त ींगला सींस्क
ृ त का एक
उपहार है।
टैगोरई क
े सींग त को उसक
े साबह् से अलग
नह ीं बकर्ा जा सकता है। उनक अबिकाींि
रचनाएूँ
इसबलए अ उनक
े गानोीं को कवर कर बदर्ा
गर्ा है
भारत र् िास्त्र र् सींग त क
े बहींद िास्त्र र् सींग त से
प्रभाबवत, र्े ग त मानव र् भावनाओीं क
े बवबभन्न रींगोीं
क पेिकि करते हैं।
अलग-अलग रागोीं में गुरुदेव क
े ग तोीं से ऐसा लगता
है जैसे उनक रचना वह राग है
क
े वल द प से प्रक
ृ बत क
े बलए बकर्ा गर्ा था
इस तरह का प्यार
एकमात्र व्यक्ति बजसने दो देिोीं क
े बलए रािरगान
बलखा।