2. क्रमांक विषय सूची स्लाइड संख्या
१) पररभधषध ३.
२)
भधरत में अनेकतध में एकतध की
ज़रूरत ४.
३) त्योहधर ५.
४) भधषधएां ६.
५) खधनपधन ७.
६) रधज्य ८.
७) ्मम ९.
८) पोशधक १०.
९) अनेकतध में एकतध कध लधभ ११.
3. िररभाषा(अनेकता में एकता)
हमधरध देश एक विशधल रधष्र है। इिक
े
नधगररक नधनध प्रकधर की जधतत और उप
जधततयों में हैं और विसभन्न िम्प्प्रदधयों और
्मो को मधनने िधले हैं। अनेकतध में एकतध
भधरतीय िांस्कृ तत की महधन विशेषतध है। यही
िदभधिनध एक भधिनधत्मक एकतध की
आ्धरसशलध है। विसभन्न जधततयों, िमुदधयों
और ्मो क
े बधिजूद हमधरध जनमधनि एक
ऐिी िांस्कृ तत और एकतध क
े िूत्र में बां्ध है जो
अपने आप में बेजोड़ है।
4. भारत में “अनेकता में एकता” की ज़रूरत
यह एक बहु्धसममक, बहुनस्लीय, बहुिधांस्कृ ततक देश है। हहांदु,
मुस्स्लम, सिख, ईिधई, जैन, बौ्, पधरिी आहद ्मम क
े लोग यहधाँ
रहते है जो बोली, भधषध, खधनपधन, त्योहधरों में अलग है, पर फिर
भी िब एक है। एक देश क
े नधगररक है।
इि तरह भधरत में अनेकतध में एकतध देखने को समलती है। िभी
्मों क
े लोग आपिी भधईचधरे, प्रेम और िदभधि िे रहते है।
इिसलए भधरत में शधांतत एिां खुशहधली बनी हुई है। िभी ्मो क
े
लोग अपने-अपने पूजध स्थल-मस्न्दर, मस्स्जद, चचम, गुरुदिधरध में
पूजध करते हैं।
5. त्या ार
भारत में र धमय क
े लाग अिना-अिना त्यौ ार मनाते ै। ह ंदू- ाली, हदिाली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी,
गणेश चतुर्थी, शशिरात्रि, बसंत िंचमी, चार धाम यािा, क
ुं भ जैसे त्यौ ार मनाते ै। जबकक मुस्स्लम धमय
क
े लाग- ईद, बकरीद, मा रयम, रमजान जैसे त्यौ ार मनाते ै।
बौध धमय क
े लाग- बुद्ध िूर्णयमा, िररननिायण हदिस, मधा हदिस, डॉ भीमराि अम्बेडकर हदिस, अशाक
विजय दशमी (धम्म विजय एिं दीक्षा हदिस), माघीिूर्णयमा, अस्विन िूर्णयमा, अषॉढी िूर्णयमा
(म ाशभननष्क्रमण) जैसे त्यौ ार मनाते ै। शसख धमय क
े लाग- गुरु नानक जयंती, ला ड़ी, बैसाखी, गुरु
गाविन्द शसं जयंती जैसे त्यौ ार मनाते ै।
सभी देशिासी 15 अगस्त, 26 जनिरी, 2 अक्टूबर जैसे राष्रीय ििय एक सार्थ मनाते ै। देश में र
राज्य का अिना मुख्य त्यौ ार ाता ै। असम में “त्रब ू” का धूमधाम से मनाया जाता ै। आंध्रप्रदेश का
क
ु चचिुड़ी नृत्य ब ुत प्रशसद्ध ै। गुजरात का “गरबा” नृत्य ब ुत प्रशसद्ध ै। तशमलनाडु में “िोंगल” ििय
का लाग बड़े उत्सा से मनाते ै।
6. भाषाएं
भधरत में अनेक भधषधये बोली जधती हैं। जम्प्मू कश्मीर क
े लोग
कश्मीरी और डोगरी भधषध बोली जधती है, उतरधखांड रधज्य में गढ़िधली,
क
ु मधांउनी, और नेपधली भधषध लोग बोलते है। पांजधब क
े लोग पांजधबी
बोलते है, तो गुजरधत क
े तनिधिी गुजरधती।
उतर प्रदेश रधज्य में हहांदी और उदूम भधषध बोली जधती है। महधरधष्र क
े
लोग मरधठी में बधत करते है, तो कनधमटक क
े लोग कन्नड़ भधषध में।
करेल रधज्य में मलयधलम भधषध बोली जधती है जबफक तसमलनधडु में
तसमल।
इिी तरह आन््प्रदेश में तेलुगु भधषध लोग बोलते है, उड़ीिध में
उड़ड़यध, िांबलपुरी, पस्श्चम बांगधल में बांगधली में बधत करते है। देश में
हहांदी भधषध को रधष्र भधषध कध दजधम समलध है। यह िम्प्पूणम देश में
बोली जधती है। अनेक भधषध होते हुए भी देश में एकतध है ।
7. खानिान
देश में हर रधज्य कध अपनध अलग खधनपधन है। हहमधचल और
जम्प्मू कश्मीर क
े रधज्यों में िदी पड़ने की िजह िे मधांिधहधरी
भोजन को लोग अध्क पिांद करते है। जबफक पांजधब क
े लोग
भोजन में दही, पनीर, घी की अध्क मधत्रध कध िेिन करते है।
उत्तर प्रदेश क
े लोग अपने खधने में मधांिधहधर एिां शधकधहधर दोनों कध
िेिन करते है। गुजरधती खधनध अक्िर मीठध होतध है और खधांडिी,
ढोकलध, खमन, थेपलध, िधिड़ध जैिे पकिधन खधते है।
जबफक तसमलनधडु रधज्य क
े लोग अपने भोजन में चधिल, नधररयल,
नधररयल तेल कध बहुत इस्तेमधल करते है। िहधां उत्तपम, डोिध,
िधांभर, इडली, पेरुगु, पोंगल जैिे पकिधन पिांद करते है। अनेक
प्रकधर क
े भोजन होते हुए भी एकतध है।
8. राज्य
भधरत में क
ु ल 29 रधज्य है पर िभी एक देश में आते
है।
उत्तर भधरत में जम्प्मू कश्मीर, उतरधखांड, पांजधब, हदल्ली
जैिे रधज्य है तो पस्श्चमी भधरत में रधजस्थधन और
गुजरधत है।
पूिी भधरत में अिम, मणणपुर, पस्श्चम बांगधल, नधगधलैंड,
त्रत्रपुरध जैिे रधज्य है तो दक्षिण भधरत में तसमलनधडु,
क
े रलध, कनधमटक, आांध्रप्रदेश, तेलांगधनध जैिे रधज्य है।
िभी रधज्यों की िांस्कृ तत एक दूिरे िे अलग है। इतने
रधज्य होते हुए भी देश में एकतध है।
9. धमय
देश में हहांदू, मुस्स्लम, सिख, ईिधई, पधरिी, जैन, बौ्
्मम क
े लोग एक िधथ समल जुलकर रहते हैं। िभी
अपने अपने ्मो कध पधलन करते है।
भधरत एक ्मम तनरपेि रधज्य है। यहधाँ पर फकिी पर
कोई पधबांदी नही है। िभी ्मो क
े लोगो को अपनध ्मम
रखने की छ
ू ट है।
िभी अपने ्मो कध पधलन कर िकते हैं। देश में फकिी
भी ्मम क
े िधथ कोई भेदभधि नही फकयध जधतध है। यहधाँ
पर िभी ्मो कध िम्प्मधन फकयध जधतध है। िभी ्मो
को एक िमधन िमझध जधतध है। एकतध बनी हुई है।
10. िाशाक
देश क
े हर रधज्य की अपनी पधरम्प्पररक पोशधक
े है। जम्प्मू कश्मीर
रधज्य में बहुत िदी पड़ती है इिसलए िहधाँ क
े लोग पेहरन, पठधनी िूट
पहने है। हहमधचल प्रदेश क
े लोग पश्मीनध शधल पहननध अध्क पिांद
करते है।
पांजधब की औरतें शरधरध, िलिधर कमीज, पांजधबी िूट पहननध पिांद
करती है। पांजधबी पुरुष शटम पेंट, पठधनी िूट, क
ु तधम पजधमध और िर
पर पगड़ी बधां्ते है। हररयधणध की महहलधयें दधमन क
ु ती और चुनर
पहनती है।
हदल्ली जैिे रधज्य में लोग िभी तरह क
े कपड़े पहनते है। उत्तर प्रदेश
रधज्य की महहलधयें िधड़ी और िलिधर कमीज पहननध पिांद करती है,
जबफक पुरुष ्ोती क
ु तधम, शटम पेंट पहनते है। लुांगी भी पुरुषो क
े बीच
प्रसिद् है। पस्श्चम बांगधल में भी महहलधयें िधड़ी पहननध पिांद करती
है। अनेक तरह की िेशभूषध और पहनधिध होने क
े बधद भी देश में
एकतध है।
11. अनेकता में एकता से लाभ
हमधरे देश पर अनेक रधजधओ, मुगलों, विदेशी आक्रमणकधररयों, अांग्रेजो
ने िमय-िमय पर आक्रमण फकयध पर कोई भी जधदध िमय तक देश
पर रधज नही कर िकध।
जब देश पर कोई िांकट आयध तो िभी ्मो, रधज्यों, जधततयों क
े
लोगो ने समलकर मुिीबत कध िधमनध फकयध। देशभस्क्त की भधिनध
िभी ने समलकर हदखधई।
विसभन्न रधज्यों, िांस्कृ ततयों, ्मो, जधततयों, भधषधओां, खधन-पधन, रहन-
िहन िधलध देश है। यहधाँ पर हर रधज्य में सभन्नतध देखने को समलती
है। पर सभन्नतध क
े होते हुए भी एकतध है। िभी रधज्य एक देश
“भधरत” क
े अांतगमत आते है।