2. ओडिसा का खाना
ओड़िशा राज्य इतनी डिडिधतापूर्य और जीिंत है डक इसक
े प्रत्येक ड़िले
में एक अनूठी परंपरा, संस्क
ृ डत और र्हां तक डक एक डिडशष्ट् खाद्य
डिशेषता भी डिखाई िेती है। ऐसा उनका स्वाडिष्ट् स्वाि है, डक इन व्यंजन ं
क भारत क
े िांछनीर् खाद्य मानडित्र में सही स्थान डमलना िाडहए।
ओड़िशा एक ऐसी अिस्था है जहां ब्रह्ांि क
े भगिान भ जन करने और
डिडभन्न डकस् ं और डिशाल मात्रा क
े खाद्य पिाथों की सेिा करने क
े डलए
रहते थे, ताडक ल ग भी प्रक
ृ डत और मात्रा क
े द्वारा भी बहुत भ जन कर
सक
ें ।
3. ……….
• इसे शाकाहारी या गैर शाकाहारी बनाओ, हर खाद्य प्रेमी ओड़िया व्यंजन ं क
े स्वाडिष्ट व्यंजन ं
क पसंि कर सकता है, ज डिडिधता और स्वाि से भरा है।
• छे ना प ़ि
• छे ना प ़ि ओड़िशा, भारत की एक डमठाई व्यंजन है चेना पॉडा का शाब्दिक अर्थ पनीर बन
गया है; चेना क
ु टीर पनीर है और प ़ि जलने का मतलब है।
• रसबली
• रसबाली क
े न्द्राप़िा ओड़िशा से उत्पन्न हुई है रसबली क भगिान बलिेिजे क पेश डकया
जाता है, और उ़िीसा क
े क
े न्द्रप़िा डजले क
े बालिेिजे मंडिर में इसका जन्म हुआ। यह पुरी
जगन्नार् मंडिर में भगिान जगन्नार् क
े छप्पन भ ग में से एक है |
4. …………….
• िडह बरा आलु िम
• 'िडह बरा-घुगुडन-आलु िम' ओड़िशा का सबसे ल कडप्रर् स़िक खाना है।
र्ह ओडिशा क
े तीन अलग-अलग व्यंजन ं का एक ब़िा संर् जन है।
• मीठी लस्सी
• लस्सी एक बहुत ही सामान्य शब्द है ज भारत क
े उत्तरी भाग में डिशेष
रूप से डिल्ली, पंजाब और हररर्ार्ा में है। और र्ह पूरे भारत में एक
स्वस्थ पेर् क
े रूप में माना जाता है। डिडभन्न प्रकार क
े लस्सी हैं जैसे
डिमान लस्सी, नमकीन लस्सी, टकसाल लस्सी, भांग लस्सी, आम लस्सी,
स्ट्रॉबेरी लस्सी।
6. मराठी खाना
• महाराष्ट्र राज्य ि मराठी व्यंजन ि मराठी खाना भारतीर् राज्य महाराष्ट्र क
े मराठी ल ग ं क
े व्यञ्जन हैं।
र्हााँ पर भ जन में कई प्रकार क
े डिडशष्ट् व्यञ्जन बनार्े जाते हैं। परम्परागत रूप से, महाराडष्ट्रर् ं ने अपने
भ जन क िू सर ं की तुलना में अडधक दृढ़ माना है।[1]
• महाराष्ट्र क
े व्यंजन में हल्क
े और सम्बाररर्ा व्यञ्जन सम्मिडलत हैं। गेहाँ , िािल , ज्वार , बाजरी , शाक-
फडलर्ााँ , मसूर और फल आहार सम्मिडलत हैं । मूाँगफली और काजू बहुत बार शाक-फडलर्ााँ क
े साथ
पर से जाते हैं। आडथयक पररम्मस्थडतर् ं और संस्क
ृ डत क
े कारर् से मााँस का पारम्पररक रूप से उपर् ग
डकर्ा जाता है।[2]
• डिडशष्ट् रूप से महाराष्ट्र क
े खान ं में उ़िि क
े म िक, आलू पत्त ं की भाजी और थाली पीठ सम्मिडलत हैं ।
7. िस्त्राभूषर्
• पुरुष ं क
े डलए महाराष्ट्र की पारंपररक प शाक
महाराष्टर क
े ल ग ध ती क अपनी सांस्क
ृ डतक डिरासत क
े रूप में िेखते हैं। इसे शटथ या क
ु ते क
े सार् पहना जा
सकता है। िे शटथ और पग़िी क
े ऊपर ‘बांधी’ और ‘पग़िी’ और ‘पग़िी’ भी पहनते हैं। उत्सि क
े िौरान
अडधकांश पुरुष ‘चू़िीिार’, ‘पायजामा’, ‘अचकन’ या ‘सुरिर’ पहनते हैं।
• मडहलाओं क
े डलए महाराष्ट्र की पारंपररक प शाक
मडहलाओं क
े डलए महाराष्टर की पारंपररक प शाक क ि प्रकार ं में िगीक
ृ त डकया जा सकता है- नौिारी सा़िी
और पैठणी सा़िी। नौिारी सा़िी ध ती से डमलती है और पैठणी सा़िी क लंबे ‘पल्लू’ क
े सार् पहना जाता है।
ि न ं साड़िय ं क नीचे डिस्तृत डकया गया है:
8. खेती
• महाराष्टर क
े लगभग 65 प्रडतशत श्रडमक क
ृ डष तर्ा संबंडधत गडतडिडधय ं पर डनभथर है। र्हााँ की प्रमुख
फ़सलें हैं- धान, ज्वार, बाजरा, गेहाँ, तूर (अरहर), उिि, िना और िलहन। यह राज्य डतलहन ं
का प्रमुख उत्पािक है और मूूँगफली, सूरजमुखी, स याबीन प्रमुख डतलहनी फ़सलें है। महत्िपूणथ
नकिी फ़सलें है कपास, गन्ना, हल्दी और सब्दियाूँ।