SlideShare a Scribd company logo
1 of 24
Download to read offline
छ द करण
डॉ. नीलम शमा
अ स टट ोफे सर , सं कृ त वभाग
कु मारी मायावती राजक य म हला नातको र महा व ालय बादलपुर,
गौतम बु नगर
उ े य
● सं कृ त वा मय म छ द के व प एवं भेद का सामा य
अवबोध।
● ल ण एवं उदाहरण पूवक छ द का व श ान ।
● छ द रचना एवं नधारण क ता कक यो यता का वकास ।
● छ द गायन कौशल का वकास।
छ द का मह व
● छः वेदा म छ द का मह वपूण थान है - “छ दःपादौ तु वेद य”
छ द वेदा को वेद का पाद कहा गया है। जस कार पैर के बना मनु य चलने म असमथ
होता है उसी कार छ दो ान के बना वेद पंगु के समान है अथात छंद के स यक ान के
बना वै दक मं का शु उ चारण नह हो सकता है।
● ना छ द स वागु चर त- छ द के बना वाणी उ च रत नह होती है ।
● छ दहीनो न श दोs त न छ दःश द- व जतम् - भरतमु न ना शा म छंद से
वर हत श द वीकार नह करते ह।
● “छ दोब पदं प ं”- आचाय व नाथ ने प का म छंद क अ नवायता को स
कया है। छ दोब रचना ही प का कह जाती है, अ यथा वह ग का क ेणी
म आ जाती है।
छ द
छ द “च द आ ादे द तौ च” से असुन यय करने पर न प होता है जसका अथ है
आनं दत करना एवं का शत करना। ‘बृहदधातु कु सुमाकर’
या क के अनुसार - छ द श द क ु प ‘छ द संवरणे’ धातु से ई है । छ दां स
छादनात्” जसका अथ है - आ छा दत करना। छंद वेद को आ छा दत करते ह।
का यायन ारा सवानु मणी म- “यद रप रमाणं त छ द:”
जो अ र का प रमाण है वह छंद है ।
अथववेद क बृह सवानु मणी म अ र सं या के अव छेदक को छंद कहा गया है-
छ दोS रसं याव छेदकमु यते।
जस वा य म मा ा, वण, रचना, वराम एवं य त संबंधी नयम हो एवं जो स दय को
आनं दत कर उसे छंद कहते ह।
छ द का ाचीनतम उ लेख ऋ वेद म ा त होता है ।
छंद शा के वतक - आचाय प ल (छ दः सू )
आचाय पगल ने अपने छ दः सू म छ द को दो भाग म वभा जत
कया है - वै दक छंद एवं लौ कक छंद।
आचाय वा मी क के मुख से नसृत सव थम लौ कक छंद अनु ुप-
छ द के कार
छ द सामा यतः दो कार के होते ह - 1. मा क छ द 2. वा णक छ द
1. मा क छ द- जन छंद के येक चरण म मा ा क सं या एवं म
नधा रत होता है जैसे क आया छंद।l
2. वा णक छ द- जन छंद के येक चरण म वण क सं या तथा म
नधा रत होता है, उ ह वा णक छंद कहा जाता है।
वा णक छ द तीन कार के होते ह-
1. समवृ 2. अ समवृ 3. वषमवृ
1. समवृ - जनके चार चरण म वण क सं या एवं म समान होता
है जैसे इं व ा, उप व ा, वंश थ, वसंत तलका इ या द।
2. अ समवृ - जनके थम एवं तृतीय और तीय एवं चतुथ चरण
म वण क सं या एवं म समान होता है जैसे क पु पता ा, वयो गनी
आ द।
3. वषमवृ - जनके चार चरण म वण क सं या एवं म भ -
भ होता है जैसे क गाथा, उद् गाथा आ द।
य त -य त का अथ है वराम या व ाम । ोक को पढ़ते समय एक चरण म जतने
वण के बाद अ प वराम या थोड़ा कना होता है , उसे य त कहते ह।
मा ा - एक वर का उ चारण करने म लगने वाला समय मा ा कहलाता है इस कार
लघु या द घ वण के अनुसार मा ा भी लघु या द घ होती है। सं कृ त वां मय म अ, इ,
उ, ऋ, लृ- यह 5 वण व है। शेष सभी मा ाएं आ , ई, ऊ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ -
सब द घ है।
लघु मा ा का मान 1 होता है। लघु या व वण को कट करने के लए ‘I’ का च ह
लगाया जाता है ।
द घ मा ा का मान 2 होता है । द घ या गु वण को कट करने के लए ‘S’ का च ह
लगाया जाता है ।
गण- तीन वण के समूह को गण कहते है । छंद शा म कु ल 8 गण होते है ।
आठ गण को एक अ यंत सरल सू के ारा समझा जा सकता है-
I । ऽ ऽ ऽ I ऽ I I I ऽ
यमाताराजभानसलगम्
मा ा लगाते समय यान देने यो य ब
आया छ द
ल ण- य याः थमे पादे ादश मा ा तथा तृतीयेऽ प।
अ ादश तीये चतुथके प चदश साया।।
आया एक मा क छंद है अथात् इसम मा ा क गणना होती है । इसके थम चरण म 12 मा ाएं ,
तीय चरण म 18 मा ाएं , तृतीय चरण म 12 मा ाएं एवं चतुथ चरण म 15 मा ाएं होती है ।
अनु ुप छ द
ल ण- ोके ष ं गु यं,
सव लघु प चमम् |
चतु पादयोः वं,
स तमं द घम ययोः।
अनु ुप या ोक एक वा णक छंद है । जसके येक चरण म 8 वण होते ह । इसके चार चरण म
छटा अ र गु तथा पांचवा लघु होता है । सरे और चौथे चरण म सातवां अ र लघु होता है तथा
पहले और तीसरे चरण म सातवां अ र गु होता है।
उदाहरण-
इ व ा द
ल ण- “ या द व ा य द तौ जगौ गः।”
इ व ा छंद के येक चरण म 11 वण होते ह । येक चरण म मशः तगण,तगण,जगण
तथा दो गु वण होते ह । य त पांच वण के बाद होती है।
उदाहरण-
उप व ा
ल ण- उपे व ा जतजा ततोगौ ।
उप व ा छंद के येक चरण म जगण, तगण, जगण तथा दो गु वण के म से 11 वण
होते ह । य त 5 वण के बाद होती है।
उदाहरण-
उपजा त
ल ण-,
उपजा त छ द के येक चरण म 11 वण होते ह। यह छंद इं व ा एवं उप व ा दोन का म ण है । चार चरण म से दो
चरण म इं व ा और दो चरण म उप व ा हो सकता है अथवा एक चरण म इं व ा और 3 म उप व ा हो सकता है या
तीन चरण म इ व ा तथा एक चरण म उप व ा छंद हो सकता है।
उदाहरण -
वंश थ
ल ण- -“जतौ तु वंश थमुद रतमं जरौ”
वंश थ छंद म चार चरण म मशः जगण, तगण, जगण तथा रगण के म से 12 वण होते ह
। य त 5 वण के बाद होती है ।
उदाहरण-
!
_
त वल बत
ल ण- “ त वल बतमाह नभौ भरौ”
त वलं बत छंद म येक चरण म मशः नगण, भगण, भगण तथा रगण के म से 12 वण होते
ह । य त चार चार वण के बाद होती है।
उदाहरण-
वसंत तलका
ल ण - “उ ा वसंत तलका तभजा जगौ गः।
वसंत तलका छंद म चार चरण म मशः तगण, भगण, जगण, जगण तथा दो गु वण के म से
14 वण होते ह । य त 8 और 6 वण पर होती है।
उदाहरण-
म दा ा ता
ल ण- “म दा ा ताऽ बु धरसनगैम भनौ तौ गयु मम्।”
मंदा ांता छंद म चार चरण म मगण,भगण, नगण, तगण, तगण तथा दो गु वण के म से 17
वण होते ह । य त 4,6 एवं 7 वण पर होती है।
उदाहरण-
शख रणी
ल ण- “रसै ै छ ा यमनसभलागः शख रणी।”
शख रणी छंद म चार चरण म मशः यगण, मगण, नगण, सगण, भगण तथा अंत म एक लघु तथा एक गु
वण होता है इस कार इसके येक चरण म 17 वण होते ह । य त छठे और 17 वण पर होती है।
उदाहरण-
शा ल व डतम्
ल ण- “ सूया ैय द मः सजौ सततगाः शा ल व डतम्।
शा ल व डतम् छंद के चार चरण म मशः मगण, सगण, जगण, सगण, तगण, तगण तथा अंत म गु वण
के म से 19 वण होते ह । य त 12 और 7 वण पर होती है।
उदाहरण-
धरा
ल ण- “ नैयानां येण मु नय तयुता धरा क ततेयम्।”
धरा छंद म चार चरण म मशः मगण, रगण, भगण, नगण, यगण, यगण, यगण के म से 21
वण होते ह । य त 7 - 7 वण पर होती है।
उदाहरण -
अ यास
न न ल खत ोक म गण च ह लगाते ए छंद का नधारण क जए।
संदभ ंथ
वृ र नाकरः, ी के दारभ , ( ा.) ब देव उपा याय , चौखंबा सुरभारती काशन ,
वाराणसी , 2011
अ य ोत
छ दोऽलंकारसौरभम्, डॉ. सा व ी गु ता, व ा न ध काशन, द ली , 2009
भारतीय छ दशा

More Related Content

What's hot

व्याकरण विशेषण
व्याकरण विशेषण व्याकरण विशेषण
व्याकरण विशेषण Divyansh Khare
 
Sanskrit presention
Sanskrit presention Sanskrit presention
Sanskrit presention Vaibhav Cruza
 
समास - hindi
समास - hindiसमास - hindi
समास - hindiAparna
 
Hindi पत्र लेखन
Hindi पत्र लेखनHindi पत्र लेखन
Hindi पत्र लेखनBISHMAY SAHOO
 
Shabd vichar
Shabd vicharShabd vichar
Shabd vicharamrit1489
 
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)ASHUTOSH NATH JHA
 
PPt on Ras Hindi grammer
PPt on Ras Hindi grammer PPt on Ras Hindi grammer
PPt on Ras Hindi grammer amarpraveen400
 
हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला Mr. Yogesh Mhaske
 
Visheshan in Hindi PPT
 Visheshan in Hindi PPT Visheshan in Hindi PPT
Visheshan in Hindi PPTRashmi Patel
 
विशेषण
विशेषणविशेषण
विशेषणsindhuvj89
 
सर्वनाम
सर्वनामसर्वनाम
सर्वनामKanishk Singh
 

What's hot (20)

व्याकरण विशेषण
व्याकरण विशेषण व्याकरण विशेषण
व्याकरण विशेषण
 
samas
samassamas
samas
 
समास(samas)
समास(samas)समास(samas)
समास(samas)
 
Sanskrit presention
Sanskrit presention Sanskrit presention
Sanskrit presention
 
समास
समाससमास
समास
 
Kriya
KriyaKriya
Kriya
 
समास - hindi
समास - hindiसमास - hindi
समास - hindi
 
Hindi पत्र लेखन
Hindi पत्र लेखनHindi पत्र लेखन
Hindi पत्र लेखन
 
Shabd vichar
Shabd vicharShabd vichar
Shabd vichar
 
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)
सर्वनाम एवं उनके भेद (भाग -1)
 
PPt on Ras Hindi grammer
PPt on Ras Hindi grammer PPt on Ras Hindi grammer
PPt on Ras Hindi grammer
 
Sound ppt
Sound pptSound ppt
Sound ppt
 
Sangya
SangyaSangya
Sangya
 
रस
रसरस
रस
 
ppt on visheshan
ppt on visheshanppt on visheshan
ppt on visheshan
 
हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला
 
Visheshan in Hindi PPT
 Visheshan in Hindi PPT Visheshan in Hindi PPT
Visheshan in Hindi PPT
 
विशेषण
विशेषणविशेषण
विशेषण
 
Ras in hindi PPT
Ras in hindi PPTRas in hindi PPT
Ras in hindi PPT
 
सर्वनाम
सर्वनामसर्वनाम
सर्वनाम
 

Similar to Sanskrit chhand

Siri bhoovalaya workshop-session-3
Siri bhoovalaya workshop-session-3Siri bhoovalaya workshop-session-3
Siri bhoovalaya workshop-session-3Anil Jain
 
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptx
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptxFINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptx
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptxsarthak937441
 
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..arjunachu4338
 
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्द
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्दG 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्द
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्दIshaniBhagat6C
 
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)Neelam Sharma
 
हिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरणहिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरणAdvetya Pillai
 
समास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptxसमास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptxkrissh304
 
Gunsthan 1 - 2
Gunsthan 1 - 2Gunsthan 1 - 2
Gunsthan 1 - 2Jainkosh
 
Pitra Paksh Pitra Dosh
Pitra Paksh Pitra DoshPitra Paksh Pitra Dosh
Pitra Paksh Pitra Doshjyotishniketan
 
Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1shabanappt
 
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunity
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunityojas pptx ayurvedic part . english meaning immunity
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunityKattyNain
 
Gunsthan 3 - 6
Gunsthan 3 - 6Gunsthan 3 - 6
Gunsthan 3 - 6Jainkosh
 

Similar to Sanskrit chhand (20)

Savernaam.pdf
Savernaam.pdfSavernaam.pdf
Savernaam.pdf
 
Siri bhoovalaya workshop-session-3
Siri bhoovalaya workshop-session-3Siri bhoovalaya workshop-session-3
Siri bhoovalaya workshop-session-3
 
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptx
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptxFINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptx
FINAL PPT SAMAS.pptx 2021-2022.pptx
 
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
 
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्द
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्दG 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्द
G 7-hin-v14-अव्यय (अविकारी) शब्द
 
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)
Kavya gun ( kavyapraksh 8 ullas)
 
Devi stotra
Devi stotraDevi stotra
Devi stotra
 
Syadwad-Anekantwad
Syadwad-AnekantwadSyadwad-Anekantwad
Syadwad-Anekantwad
 
हिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरणहिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरण
 
Gajazal.pdf
Gajazal.pdfGajazal.pdf
Gajazal.pdf
 
समास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptxसमास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptx
 
Gunsthan 1 - 2
Gunsthan 1 - 2Gunsthan 1 - 2
Gunsthan 1 - 2
 
Navratra and Jyotish
Navratra and JyotishNavratra and Jyotish
Navratra and Jyotish
 
Mimansa philosophy
Mimansa philosophyMimansa philosophy
Mimansa philosophy
 
Pitra Paksh Pitra Dosh
Pitra Paksh Pitra DoshPitra Paksh Pitra Dosh
Pitra Paksh Pitra Dosh
 
Days of the Week.pptx
Days of the Week.pptxDays of the Week.pptx
Days of the Week.pptx
 
समास
समाससमास
समास
 
Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1
 
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunity
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunityojas pptx ayurvedic part . english meaning immunity
ojas pptx ayurvedic part . english meaning immunity
 
Gunsthan 3 - 6
Gunsthan 3 - 6Gunsthan 3 - 6
Gunsthan 3 - 6
 

More from Neelam Sharma

Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayen
Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayenBhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayen
Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayenNeelam Sharma
 
Kavyashastra sampraday
Kavyashastra sampradayKavyashastra sampraday
Kavyashastra sampradayNeelam Sharma
 
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroop
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroopYoga darshan mai chittavritti ka swaroop
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroopNeelam Sharma
 
Bhartiya darshan chart
Bhartiya darshan chartBhartiya darshan chart
Bhartiya darshan chartNeelam Sharma
 

More from Neelam Sharma (7)

Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayen
Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayenBhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayen
Bhasha vigyan mai arth parivartan ki dishayen
 
Veda
VedaVeda
Veda
 
Kavyashastra sampraday
Kavyashastra sampradayKavyashastra sampraday
Kavyashastra sampraday
 
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroop
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroopYoga darshan mai chittavritti ka swaroop
Yoga darshan mai chittavritti ka swaroop
 
Sankhya mind map
Sankhya mind mapSankhya mind map
Sankhya mind map
 
Arth parivartan
Arth parivartanArth parivartan
Arth parivartan
 
Bhartiya darshan chart
Bhartiya darshan chartBhartiya darshan chart
Bhartiya darshan chart
 

Sanskrit chhand

  • 1. छ द करण डॉ. नीलम शमा अ स टट ोफे सर , सं कृ त वभाग कु मारी मायावती राजक य म हला नातको र महा व ालय बादलपुर, गौतम बु नगर
  • 2. उ े य ● सं कृ त वा मय म छ द के व प एवं भेद का सामा य अवबोध। ● ल ण एवं उदाहरण पूवक छ द का व श ान । ● छ द रचना एवं नधारण क ता कक यो यता का वकास । ● छ द गायन कौशल का वकास।
  • 3. छ द का मह व ● छः वेदा म छ द का मह वपूण थान है - “छ दःपादौ तु वेद य” छ द वेदा को वेद का पाद कहा गया है। जस कार पैर के बना मनु य चलने म असमथ होता है उसी कार छ दो ान के बना वेद पंगु के समान है अथात छंद के स यक ान के बना वै दक मं का शु उ चारण नह हो सकता है। ● ना छ द स वागु चर त- छ द के बना वाणी उ च रत नह होती है । ● छ दहीनो न श दोs त न छ दःश द- व जतम् - भरतमु न ना शा म छंद से वर हत श द वीकार नह करते ह। ● “छ दोब पदं प ं”- आचाय व नाथ ने प का म छंद क अ नवायता को स कया है। छ दोब रचना ही प का कह जाती है, अ यथा वह ग का क ेणी म आ जाती है।
  • 4. छ द छ द “च द आ ादे द तौ च” से असुन यय करने पर न प होता है जसका अथ है आनं दत करना एवं का शत करना। ‘बृहदधातु कु सुमाकर’ या क के अनुसार - छ द श द क ु प ‘छ द संवरणे’ धातु से ई है । छ दां स छादनात्” जसका अथ है - आ छा दत करना। छंद वेद को आ छा दत करते ह। का यायन ारा सवानु मणी म- “यद रप रमाणं त छ द:” जो अ र का प रमाण है वह छंद है । अथववेद क बृह सवानु मणी म अ र सं या के अव छेदक को छंद कहा गया है- छ दोS रसं याव छेदकमु यते। जस वा य म मा ा, वण, रचना, वराम एवं य त संबंधी नयम हो एवं जो स दय को आनं दत कर उसे छंद कहते ह।
  • 5. छ द का ाचीनतम उ लेख ऋ वेद म ा त होता है । छंद शा के वतक - आचाय प ल (छ दः सू ) आचाय पगल ने अपने छ दः सू म छ द को दो भाग म वभा जत कया है - वै दक छंद एवं लौ कक छंद। आचाय वा मी क के मुख से नसृत सव थम लौ कक छंद अनु ुप-
  • 6. छ द के कार छ द सामा यतः दो कार के होते ह - 1. मा क छ द 2. वा णक छ द 1. मा क छ द- जन छंद के येक चरण म मा ा क सं या एवं म नधा रत होता है जैसे क आया छंद।l 2. वा णक छ द- जन छंद के येक चरण म वण क सं या तथा म नधा रत होता है, उ ह वा णक छंद कहा जाता है। वा णक छ द तीन कार के होते ह- 1. समवृ 2. अ समवृ 3. वषमवृ
  • 7. 1. समवृ - जनके चार चरण म वण क सं या एवं म समान होता है जैसे इं व ा, उप व ा, वंश थ, वसंत तलका इ या द। 2. अ समवृ - जनके थम एवं तृतीय और तीय एवं चतुथ चरण म वण क सं या एवं म समान होता है जैसे क पु पता ा, वयो गनी आ द। 3. वषमवृ - जनके चार चरण म वण क सं या एवं म भ - भ होता है जैसे क गाथा, उद् गाथा आ द।
  • 8. य त -य त का अथ है वराम या व ाम । ोक को पढ़ते समय एक चरण म जतने वण के बाद अ प वराम या थोड़ा कना होता है , उसे य त कहते ह। मा ा - एक वर का उ चारण करने म लगने वाला समय मा ा कहलाता है इस कार लघु या द घ वण के अनुसार मा ा भी लघु या द घ होती है। सं कृ त वां मय म अ, इ, उ, ऋ, लृ- यह 5 वण व है। शेष सभी मा ाएं आ , ई, ऊ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ - सब द घ है। लघु मा ा का मान 1 होता है। लघु या व वण को कट करने के लए ‘I’ का च ह लगाया जाता है । द घ मा ा का मान 2 होता है । द घ या गु वण को कट करने के लए ‘S’ का च ह लगाया जाता है । गण- तीन वण के समूह को गण कहते है । छंद शा म कु ल 8 गण होते है ।
  • 9. आठ गण को एक अ यंत सरल सू के ारा समझा जा सकता है- I । ऽ ऽ ऽ I ऽ I I I ऽ यमाताराजभानसलगम्
  • 10. मा ा लगाते समय यान देने यो य ब
  • 11. आया छ द ल ण- य याः थमे पादे ादश मा ा तथा तृतीयेऽ प। अ ादश तीये चतुथके प चदश साया।। आया एक मा क छंद है अथात् इसम मा ा क गणना होती है । इसके थम चरण म 12 मा ाएं , तीय चरण म 18 मा ाएं , तृतीय चरण म 12 मा ाएं एवं चतुथ चरण म 15 मा ाएं होती है ।
  • 12. अनु ुप छ द ल ण- ोके ष ं गु यं, सव लघु प चमम् | चतु पादयोः वं, स तमं द घम ययोः। अनु ुप या ोक एक वा णक छंद है । जसके येक चरण म 8 वण होते ह । इसके चार चरण म छटा अ र गु तथा पांचवा लघु होता है । सरे और चौथे चरण म सातवां अ र लघु होता है तथा पहले और तीसरे चरण म सातवां अ र गु होता है। उदाहरण-
  • 13. इ व ा द ल ण- “ या द व ा य द तौ जगौ गः।” इ व ा छंद के येक चरण म 11 वण होते ह । येक चरण म मशः तगण,तगण,जगण तथा दो गु वण होते ह । य त पांच वण के बाद होती है। उदाहरण-
  • 14. उप व ा ल ण- उपे व ा जतजा ततोगौ । उप व ा छंद के येक चरण म जगण, तगण, जगण तथा दो गु वण के म से 11 वण होते ह । य त 5 वण के बाद होती है। उदाहरण-
  • 15. उपजा त ल ण-, उपजा त छ द के येक चरण म 11 वण होते ह। यह छंद इं व ा एवं उप व ा दोन का म ण है । चार चरण म से दो चरण म इं व ा और दो चरण म उप व ा हो सकता है अथवा एक चरण म इं व ा और 3 म उप व ा हो सकता है या तीन चरण म इ व ा तथा एक चरण म उप व ा छंद हो सकता है। उदाहरण -
  • 16. वंश थ ल ण- -“जतौ तु वंश थमुद रतमं जरौ” वंश थ छंद म चार चरण म मशः जगण, तगण, जगण तथा रगण के म से 12 वण होते ह । य त 5 वण के बाद होती है । उदाहरण-
  • 17. ! _ त वल बत ल ण- “ त वल बतमाह नभौ भरौ” त वलं बत छंद म येक चरण म मशः नगण, भगण, भगण तथा रगण के म से 12 वण होते ह । य त चार चार वण के बाद होती है। उदाहरण-
  • 18. वसंत तलका ल ण - “उ ा वसंत तलका तभजा जगौ गः। वसंत तलका छंद म चार चरण म मशः तगण, भगण, जगण, जगण तथा दो गु वण के म से 14 वण होते ह । य त 8 और 6 वण पर होती है। उदाहरण-
  • 19. म दा ा ता ल ण- “म दा ा ताऽ बु धरसनगैम भनौ तौ गयु मम्।” मंदा ांता छंद म चार चरण म मगण,भगण, नगण, तगण, तगण तथा दो गु वण के म से 17 वण होते ह । य त 4,6 एवं 7 वण पर होती है। उदाहरण-
  • 20. शख रणी ल ण- “रसै ै छ ा यमनसभलागः शख रणी।” शख रणी छंद म चार चरण म मशः यगण, मगण, नगण, सगण, भगण तथा अंत म एक लघु तथा एक गु वण होता है इस कार इसके येक चरण म 17 वण होते ह । य त छठे और 17 वण पर होती है। उदाहरण-
  • 21. शा ल व डतम् ल ण- “ सूया ैय द मः सजौ सततगाः शा ल व डतम्। शा ल व डतम् छंद के चार चरण म मशः मगण, सगण, जगण, सगण, तगण, तगण तथा अंत म गु वण के म से 19 वण होते ह । य त 12 और 7 वण पर होती है। उदाहरण-
  • 22. धरा ल ण- “ नैयानां येण मु नय तयुता धरा क ततेयम्।” धरा छंद म चार चरण म मशः मगण, रगण, भगण, नगण, यगण, यगण, यगण के म से 21 वण होते ह । य त 7 - 7 वण पर होती है। उदाहरण -
  • 23. अ यास न न ल खत ोक म गण च ह लगाते ए छंद का नधारण क जए।
  • 24. संदभ ंथ वृ र नाकरः, ी के दारभ , ( ा.) ब देव उपा याय , चौखंबा सुरभारती काशन , वाराणसी , 2011 अ य ोत छ दोऽलंकारसौरभम्, डॉ. सा व ी गु ता, व ा न ध काशन, द ली , 2009 भारतीय छ दशा