पुष्प Flowers
पुष्पीय पौधों में पुष्प एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अंग है। आकारकीय (Morphological) रूप से पुष्प एक रूपान्तरित प्ररोह (स्तम्भ) है जिस पर गाँठे तथा रूपान्तरित पुष्पी पत्तियाँ लगी रहती हैं। पुष्प प्रायः तने या शाखाओं के शीर्ष अथवा पत्ती के अक्ष (Axil) में उत्पन्न होकर प्रजनन (Reproduction) का कार्य करती है तथा फल एवं बीज उत्पन्न करता है।
पुष्प की रचना: पुष्प एक डंठल द्वारा तने से सम्बद्ध होता है। इस डंठल को वृन्त या पेडिसेल (Pedicel) कहते हैं। वृन्त के सिरे पर स्थित चपटे भाग को पुष्पासन या थेलामस (Thalamus) कहते हैं। इसी पुष्पासन पर पुष्प के विविध पुष्पीय भाग (Floral Parts) एक विशेष प्रकार के चक्र (Cycle) में व्यवस्थित होते हैं।
पुष्प के चार मुख्य भाग होते हैं-
बाह्य दलपुंज (Calyx),
दलपुंज (Corolla),
पुमंग (Androecium)
जायांग (Gynoecium)
Flower \ morphology of plant \flower structure and functions
1.
2. पुष्प / Flower
पुष्प के चार मुख्य भाग होते हं-
बाह्य दलपुुंज (Calyx)
दलपुुंज (Corolla)
पुमुंग (Androecium)
जायाुंग (Gynoecium)
3. पुष्प / Flower
*प्रजनन (Reproduction) का कार्य करती है तथा फल एवं
बीज उत्पन्न करता है।
* पुष्प एक डंठल द्वारा तने से सम्बद्ध होता है। इस
डंठल को वृन्त र्ा पेडडसेल (Pedicel) कहते हैं। वृन्त के
ससरे पर स्थथत चपटे भाग को पुष्पासन र्ा थेलामस
(Thalamus) कहते हैं। इसी पुष्पासन पर पुष्प के ववववध
पुष्पीर् भाग (Floral Parts) एक ववशेष प्रकार के चक्र
(Cycle) में व्र्वस्थथत होते हैं।
*पुष्पों का अध्र्र्न एन्थोलॉजी (Anthology) कहलाता है।
4. पुष्प / Flower
बाह्र् दलपुंज एवं दलपुंज को पुष्प
का सहायक अुंग र्ा अनावश्यक
भाग तथा पुमंग एवं जार्ांग को पुष्प
का आवश्यक भाग कहा जाता है।
पुमंग एवं जार्ांग पुष्प के वाथतववक
जनन भाग हैं। पुमंग पुष्प का नर
जनन भाग तथा जार्ांग मादा जनन
भाग है।
5. पुष्प / Flower
बाह्य दलपुुंज (Calyx): र्ह पुष्प के सबसे बाहर का चक्र
है। र्ह हरे छोटी पत्तीनुमा संरचनाओं का बना होता है
स्जन्हें बाह्र् दल (sepals) कहते हैं। जब र्े थवतंत्र होते हैं
तो इन्हें पृथक बाह्र्दलीर् (Polysepalous) कहते हैं और
जब जुडे होते हैं तो इन्हें संर्ुक्त बाह्र्दलीर्
(Gamosepalous) कहते हैं। र्े कली (Buds) को तथा उसके
अन्र् आन्तररक भागों की सुरक्षा प्रदान करते हैं।
6. पुष्प / Flower
दलपुुंज (Corolla): र्ह पुष्प का दूसरा चक्र होता है जो बाह्र् दलपुंज के
अन्दर स्थथत होता है। र्ह प्रार्ः 2-6 दलों (Petals) का बना होता है। र्े
प्रार्ः रंगीन होते हैं। इसका मुख्र् कार्य परागण हेतु कीटों को आकवषयत
करना है। जब दल (Petals) थवतंत्र होते हैं, तो उन्हें पृथक दलीर्
(Polypetalous) तथा जब वे जुडे होते हैं तो उन्हें संर्ुक्त दलीर्
(Gamopetalous) कहते हैं।
7. पुष्प / Flower
पुमुंग (Androecium): र्ह पुष्प का तीसरा चक्र है जो नर अंगों का
बना होता है। प्रत्र्ेक नर अंग पुंके सर (stamen) कहलाता है। पुंके सर
ही पुष्प का वाथतववक नर भाग है। प्रत्र्ेक पुंके सर के तीन भाग होते
हैं- तन्तु र्ा फफलामेंट (Filament), परागकोष र्ा ऐन्थर (Anther) तथा
र्ोजी र्ा कनेस्क्टव (Connective)।
पुंके सर में एक द्ववपासलक (bilobed) रचना - परागकोष (Anthers)
परागकोष में चार कोष्ठ होते हैं, स्जन्हें परागपुट (Pollen sacs) कहते
हैं । परागपुट में ही परागकण (Pollen grains) की उत्पवत्त होती है।
परागकण ही वाथतववक नर र्ुग्मक (Male gamete) होता है। जब
परागकोष पक जाते हैं तब वे फट जाते हैं और परागकण प्रकीणयन के
सलए तैर्ार होते हैं। र्ोजी (Connective) पुतन्तु तथा परागकोष को
जोडने का काम करता है।
8. पुष्प / Flower
जायाुंग (Gynoecium): जार्ांग पुष्प का वाथतववक
मादा भाग है। र्ह पुष्प का चौथा और सबसे भीतरी
चक्र है। र्ह अण्डपों (Carpels) से ननसमयत होता है।
आकारकीर् दृस्ष्ट से अण्डप एक वटीकली मुडी हुई
पणय है स्जसके जुडे हुए फकनारों पर बीजाण्ड
(Ovules) उत्पन्न होते हैं। इन्हीं बीजाण्डों में मादा
र्ुग्मक अण्डाणु होते हैं। ववसभन्न पादपों में बीजाण्डों
की संख्र्ा ननसशचत होती है। वनतयका अंडाशर् के
ऊपर का लम्बा एवं पतला भाग होता है जबफक
वनतयकाग्र (stigma) वनतयका (style) का सबसे ऊपर का
भाग होता है जो चचपचचपा होता है।
9. पुष्प / Flower
बीजाण्ड की रचना (Structure of ovule): बीजाण्ड साधारणतः
अण्डाकार होता है। र्ह एक बीजाण्ड वृन्त (Funiculus) द्वारा
बीजाण्डसन से सम्बद्ध रहता है। स्जस थथान पर बीजाण्ड
बीजाण्ड-वृन्त द्वारा लगा रहता है उस हहथसे को हाइलम
(Hilum) कहते हैं। बीजाण्ड वृन्त आगे बढ़कर बीजाण्ड से
समलकर एक थथान बनाता है, स्जसे रैफे (Raphe) कहते हैं।
बीजाण्ड के मुख्र् भाग का बीजीण्डकार् (nucellus) कहते हैं,
जो दो आवरणों से ढका रहता है- बाहरी अध्र्ावरण (Outer
integument) एवं भीतरी अध्र्ावरण (Inner integument)l
बीजाण्ड का जो भाग अध्र्ावरण से ढका नहीं रहता है, उस
थथान को बीजाण्ड द्वार (Micropyle) कहते हैं। बीजाण्ड द्वार
के ठीक ववपरीत हहथसे को Chalaza कहते हैं।
बीजाण्ड के भीतर भ्रूणकोष (Embryosac) होता है। इस भ्रूणकोष
के भीतर मादा र्ुग्मक (अंडाणु) उपस्थथत होता है। भ्रूणकोष
पररपक्व होकर ननषेचन (Fertilization) के सलए तैर्ार होता है।