3. पोका-योके ककसे कहतें हैं
• Poka-Yoke ककसी भी Process में
एक Mechanism है जो एक उपकरण ऑपरेटर
(YOKE) को गलतियों (POKA) से बच े में मदद
करता है। इसका उद्देश्य Products
defects को रोकना, सुधारना या समाप्ि
करना है।
4. कब से यह प्रचलित है
गिती प्रूक िं ग या पोका-योक के तरीके
उद्योग के लिए ए हीिं हैं। 1960 के
दशक में, श्री लशगगयो लशिंगो े पहिी बार
पोका-योक शब्द का उपयोग मा व त्रुटियों
को रोक े के लिए डिजाइ की गई
औद्योगगक प्रकियाओिं का वणण कर े के
लिए ककया था।
5. दोष(Defect)क्या है ?
लशिंगो े कहा, "दोष तब होते हैं जब
गिनतयों को ग्राहक तक पहुिंच े की
अ ुमनत दी जाती है"। दूसरे शब्दों में,
उत्पाद के दौरा ऑपरेिरों द्वारा की
गई गिनतयााँ ग्राहक की जर में
उत्पाद दोष ब जाती हैं।
6. पोका योके के ती िेवि होते हैं
1) िूि ऐसा ब ाया जाय जजसमे गिती से
भी गिती की सिंभाव ा ही हीिं हो
2) गित पािण या प्रोसेस हो े पर कोई
सायर बजे, िाि बत्ती जि जाय
3) सभी पार्टणस को अगिे प्रोसेस या ग्राहक
के पास जा े से पहिे 100 % चेक
ककया जाय
7. पोका योके क्यों जरुरी है ?
एक मशी ऑपरेिर या कायाणिय
कायणकताण ववचलित हो सकता है या
ककसी कायण को पूरा कर े के लिए भूि
सकता है या मशी ककसी उपकरण को
तोड़ सकती है और त्रुटि का कारण ब
सकती है।