1. चलिए, हर मानलिक बीमारी िे पीड़ित व्यक्तत को िहारा
दें।
उनकी भावनाओं एवं
स्वभाव को िमझें तथा
उनके िाथ प्रभावी ढ़ंग
िे िंवाद करने का
प्रयाि करें।
उन्हें रचनात्मक एवं
मनोरंजक गतिववधियों
जैसे कक पढ़ने, खेलने,
घूमने, योग व ध्यान
एवं यात्रा में भाग लेने
के ललए प्रोत्साहहि करें।
उनके िाथ धैययपूवयक
व्यवहार करें तथा उनके
आत्मववश्वाि को बढ़ावा
देने में िहयोग करें
उन्हें भावनात्मक एवं
सामाजजक सहयोग
दें।
उनमें जीवन के प्रति
सकारात्मक सोच एवं
रवैया पैदा करें।
अपने दैननक
कामकाजों िे क्षण
ननकािकर उनकी
िहायता करें।
M.Sc. Psychiatric
Nursing 2nd year
2. शास्रों में कहा गया है - '' चचंता, चचता के िमान है''
व्याकु िता( Anxiety)
के िक्षण
• मनोववज्ञाननक िक्षण
• 1.ननरन्तर चचंता करना
2 स्वस्थ के ववषय में चचंता करना
3 नकारात्मक ववचार आना
4 भ्रामक ववचार
5 काम में मन ना िगना
6 स्वभाव चचिचचिा होना
7 छोटो छोटी बातो पर गुस्िा आना
8 भ्रम करना
9 मनःक्स्थनत में बदिाव
10 पागिो जैिा बतायव करना
11 अके िा रहना
12 बुरे िपने आना
13 खुश न रहना
14 स्रेि िेना
15 कम बोिना
16 डर िगना
• शारीररक िक्षण
• 1 िर ददय होना
2 ददि का कााँपना
3 खाना ननगिने में
मुक्श्कि
4 उल्टी आने को होना
5 बार बार बाथरूम
जाना
6 पीिा पिना
7 श्वाि छोटा होना
8 चतकर आना
9 मािपेलशयों में ददय
10 ददि की धिकन
तेज होना
11 शारीर का कााँपना
12 पिीना आना
13 ब्िड प्रेशर कम
ज्यादा होना
14 थकावट होना
एक मनोचचककत्िक िे परामशय करें यदद आप उपरोतत िक्षणों
वािे है
M.Sc. Psychiatric
Nursing 2nd year
3. “मानलिक प्राथलमक चचककत्िा"
तत्परता :
• संकट की घटनाओ के बारे में जाने
•उपलभ्ि सेवाओं और और समर्थन के बारे में जाने
•सुरक्षा एवं बचाव के बारे में जाने
मानलिक प्राथलमक चचककत्िा: गंभीर तनाव ग्रलित िोगों को िहयोग
एवं उपयोगी िहायता देना।
देखें
• सुरक्षा के ललए तनरीक्षण
• बुतनयादी जरूरि का तनरीक्षण करे
• गंभीर अस्वाभाववक प्रतिकियओं का तनरीक्षण करें
िुने
• जरूरिमंद लोगों से संपकथ करें
•लोगों कक जरूरिों और धचंिाओं के बारे में पूछे
•लोगों को सुने और शांि करने में मदि करें
जुिें
• लोगों कक मुसीबिों का सामना करने में मदि करें
• सूचना दें
• लोगों को उनके वप्रयजनों और सामाजजक सहायिा से जोड़ें
के . जी. एम. यू. इंस्टीट्यूट ऑफ नलििंग
मानलसक स्वस््य नलसिंग
डेबललना रॉय मोतनका ठाकु र पुजा ग्लोरीया प्रभु वप्रयंका उपाध्याय सवविा वमाथ
एम. एस. सी. नलसिंग द्वविीय वर्थ ।