SlideShare a Scribd company logo
1 of 12
महात्मा गाांधी अांतरराष्ट्रीय हहांदी हश्ववहश्ायय, शधाा
सांगोष्ठी - पत्र
सत्र – 2015-16
प्रश्न पत्र – C/102/ अनुवाद अनुशासन एवं शोध प्रवववध
ववषय : अनुवाद के क्षेत्र
प्रस्तुतकताा
आशुतोष कुमार हश्ववकमाा
एम. हिय. अनुशाद अध्ययन
(प्रथम छमाही)
मागादशाक
डॉ॰ अन्नपूर्ाा सी.
एसोहसएट प्रोिेसर
अनुशाद अध्ययन हशभाग
अनुशाद अध्ययन हशभाग
महात्मा गाांधी अांतरराष्ट्रीय हहांदी हश्ववहश्ायय, शधाा - 442005
अनुवाद का शावददक अर्थ
* अनुवाद शदद दो शददों ‘अनु’ उपसर्थ तर्ा ‘वाद’ प्रत्यय के संयोर् से बना है जो संस्कृ त के ‘वद’ धातु से
बना है | वजसका अर्थ ‘बोलना’ होता है |
अनु (पीछे या अनुर्मन करना) + वाद (बोलना या कहना)
इस प्रकार से अनुवाद का शावददक अर्थ होर्ा कहने या बोलने के बाद बोलना |
* अनुवाद को अँग्रेजी में TRANSLATION कहतें हैं |
अनुवाद में एक ‘स्रोत भाषा’ और एक ‘लक्ष्य भाषा’ होती है |
* अनुवाद वह प्रविया है वजसके द्वारा हम एक भाषा के ववचारों को दूसरी भाषा में व्यक्त करतें है | वजस भाषा
से अनुवाद वकया जाता है उसे ‘स्रोत भाषा’ तर्ा वजस भाषा में अनुवाद वकया जाता हैं उसे ‘लक्ष्य भाषा’
कहतें है |
अनुवाद की पररभाषा
 कै टफोर्थ के अनुसार- “एक भाषा की पाठ्य सामग्री को दूसरी
भाषा की समानाथाक पाठ्य सामग्री से प्रहतस्थाहपत करना ही
अनुशाद है |”
 न्यूमाकथ के अनुसार- “अनुशाद एक ऐसा हशल्प है हिसमें एक
भाषा में व्यक्त सांदेश के स्थान पर दूसरी भाषा के उसी सांदेश को
प्रस्तुत करने का प्रयास हकया िाता है |”
अनुवाद के क्षेत्र
अनुशाद के क्षेत्र को मुख्यतः दो भागों मे बााँटा िा
सकता है |
(1)- साहहहत्यक क्षेत्र |
(2)- गैर-साहहहत्यक क्षेत्र |
अनुवाद के सावहवत्यक क्षेत्र
अनुशाद के साहहहत्यक क्षेत्र के अांतगात अनुशाद को दो
भागों में बाांटा िा सकता है |
 (1) पद्य क्षेत्र- कहशताओां, सानेट, दोहा, आहद का अनुशाद
हकया िाता है |
 (2) र्द्य क्षेत्र - कहाहनयों, उपन्यासों, िीशनी, आत्मकथा,
नाटकों, आहद का अनुशाद हकया िाता है |
अनुवाद के र्ैर-सावहवत्यक क्षेत्र
• अनुवाद के र्ैर-सावहवत्यक क्षेत्र के अंतर्थत वनम्नवलवित क्षेत्र आते हैं |
• (1)- दैहनक िीशन व्यशहार |
• (2)- व्यापार और शाहर्ज्य |
• (3)- हशज्ञापन |
• (4)- हशक्षा |
• (5)- प्रशासन |
• (6)- पयाटन |
• (7)- साांस्कृहतक कायाकयाप |
• (8)- ज्ञान-हशज्ञान का क्षेत्र |
• (9)- िनसांचार माध्यम |
 (1)-दैवनक जीवन व्यवहार- हमारे दैहनक िीशन में स्कूय और कॉयेि और दफ्तरों में
अनुशाद की िरूरत होती है | दैहनक िीशन व्यशहार में सहि अनुशाद होता है हिसके बारे में
व्यहक्त सचेत नहीं होता है|
 (2)-व्यापार एवं वाविज्य- आयात-हनयाात, नोहटस, हनहशदा, येखा-िोखा आहद के हयए
अनुशाद की आशश्यकता होती है |
 (3)-ववज्ञापन- हशज्ञापन हितनी अहधक भाषा में होगा तो उतने ही अहधक योगों तक पहाँच
सके गा | ये हशज्ञापन कई तरह के होते हैं, िैसे – रोिगारपरक, सामाहिक, प्रचारपरक,
प्रशासहनक कायों सांबांधी आहद|
 ववज्ञापन दो तरह से वदये जाते हैं –
मुवित माध्यम- अखबार, होहडिंग, पोस्टर आहद |
इलेक्ट्रावनक माध्यम –रेहडयो, टेयीहशज़न आहद |
इन दोनों माध्यमों में अनुशाद की िरूरत पड़ती है |
 (4)-वशक्षा- हशक्षा में अनुशाद की प्रधान भूहमका है | पाठ्य सामहग्रयों का
अनुशाद, शोधग्रन्थों और हशक्षर् आहद में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है|
 (5)-प्रशासन- भारत एक बहभाषी देश है और यहााँ पर सांघात्मक शासन व्यशस्था
है | यहााँ राज्यों में भी अयग-अयग भाषाएाँ बोयी िाती है, अतः यहााँ पर प्रशासन
के कुशय सांचायन के हयए अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है | िैसे – सांसद,
के न्रीय और राज्य प्रशासन के अांग |
 (6)-पयथटन- हशदेशी पयाटकों के साथ शाताायाप करने के हयए होटयों, पयाटक
स्थयों, आहद िगहों पर अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है |
 (7)-सांस्कृ वतक कायथकलापों में - तीि-त्योहारों, धाहमाक उत्सशों,
मेयों, प्रशचनों आहद का अनुशाद करके उसके शास्तहशक अथा को
हभन्न-हभन्न भाषाई क्षेत्र के क्षेत्रीय भाषाओांमें पहांचाया िाता है |
 (8)- ज्ञान-ववज्ञान का क्षेत्र – इसके अांतगात हचांतन-मनन, आहशष्ट्कार,
प्रौद्ध्योहगकी हशकास की िानकारी, दशान, अथाशास्त्र, समािशास्त्र,
इहतहास आहद के क्षेत्र में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है |
 (9)-जनसंचार माध्यम- अखबार, समाचार, हिल्मों, रेहडयो,
टेयीहशज़न, पत्र–पहत्रकाओां आहद में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती
है |
वनष्कषथ
शतामान समय शै्ववीकरर् का है और एक देश दूसरे देश से आहथाक, रािनीहतक,
शैहक्षक श तकनीकी रूप से िुड़ें हए हैं | इन समस्त माध्यमों को िोड़ने के हयए भाषा
एक आशश्यक इकाई है | हश्वव के अनेक देशों में हभन्न-2 भाषाएाँ बोयी िाती हैं, ये
हभन्नता अांतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय श क्षेत्रीय स्तर पर भी पायी िाती है और एक देश दूसरे
देशों से रािनीहतक, शैहक्षक, तकनीकी श आहथाक सूचनाओां का आदान-प्रदान अपने
राष्ट्र को सम्पन्न बनाने के हयए करतें हैं | िहााँ अनुशाद की आशश्यकता होती है |
अनुशाद के हबना हम हश्वव के समस्त देशों से आहत्मक, व्याशहाररक श
भाशनात्मक रूप से नहीं िुड़ पाएांगे | अतः इस िुड़ाश के हयए अनुशाद आशश्यक हो
िाता है, हिससे भाषाई हशहभन्नताएाँ समस्या नहीं बन पाये और हम शसुदैश कुटुांबकां के
आदशा को स्थाहपत कर सकते हैं |
संदभथग्रंर् -सूची
(1) अनुवाद समीक्षा-कामायनी ,र्ॉ.सी .अन्नपूिाथ, संस्करि 1998, चलथ प्रकाशन: हैदराबाद |
धन्यशाद

More Related Content

What's hot

समास
समाससमास
समास
vivekvsr
 

What's hot (20)

हिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरणहिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरण
 
हिंदी व्याकरण- क्रिया
हिंदी व्याकरण- क्रियाहिंदी व्याकरण- क्रिया
हिंदी व्याकरण- क्रिया
 
importance of hindi and difficulties in its use and their solution
importance of hindi and difficulties in  its use and their solution importance of hindi and difficulties in  its use and their solution
importance of hindi and difficulties in its use and their solution
 
Alankar
AlankarAlankar
Alankar
 
समास(samas)
समास(samas)समास(samas)
समास(samas)
 
समास
समाससमास
समास
 
Sandhi ppt
Sandhi pptSandhi ppt
Sandhi ppt
 
सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी
सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदीसूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी
सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी
 
मुगल सम्राज्य पी पी टी Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt ...
मुगल सम्राज्य पी पी टी Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt ...मुगल सम्राज्य पी पी टी Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt ...
मुगल सम्राज्य पी पी टी Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt Mughal Empire ppt ...
 
presentation on hindi literature
presentation on hindi literaturepresentation on hindi literature
presentation on hindi literature
 
Viram chinh 13
Viram chinh 13Viram chinh 13
Viram chinh 13
 
हिंदी भाषा का स्वरुप। (कालखंड की दृष्टीसे )आदिकाल,मध्यकाल, आधुनिककाल ।
हिंदी भाषा का स्वरुप।  (कालखंड की दृष्टीसे )आदिकाल,मध्यकाल, आधुनिककाल । हिंदी भाषा का स्वरुप।  (कालखंड की दृष्टीसे )आदिकाल,मध्यकाल, आधुनिककाल ।
हिंदी भाषा का स्वरुप। (कालखंड की दृष्टीसे )आदिकाल,मध्यकाल, आधुनिककाल ।
 
Social science ppt by usha
Social science ppt by ushaSocial science ppt by usha
Social science ppt by usha
 
Sangyaa ppt, संज्ञा की परिभाषा एवंं परिचय
Sangyaa ppt, संज्ञा की परिभाषा एवंं परिचय Sangyaa ppt, संज्ञा की परिभाषा एवंं परिचय
Sangyaa ppt, संज्ञा की परिभाषा एवंं परिचय
 
सूरदास Ke pad
सूरदास Ke padसूरदास Ke pad
सूरदास Ke pad
 
Kriya
KriyaKriya
Kriya
 
HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOPHINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
HINDI BHASHA KA VIBHINNU ROOP
 
Surdas ke pad by sazad
Surdas ke pad  by sazadSurdas ke pad  by sazad
Surdas ke pad by sazad
 
हिन्दी व्याकरण Class 10
हिन्दी व्याकरण Class 10हिन्दी व्याकरण Class 10
हिन्दी व्याकरण Class 10
 
Vaaky rachna ppt
Vaaky rachna pptVaaky rachna ppt
Vaaky rachna ppt
 

Viewers also liked

प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx currentप्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
Prof Ram Lakhan meena
 
5 S "An effective tool to achieve Growth"
5 S "An effective tool to achieve Growth" 5 S "An effective tool to achieve Growth"
5 S "An effective tool to achieve Growth"
Mohit nandi
 

Viewers also liked (13)

संप्रेषण की चुनौतियाँ
संप्रेषण की चुनौतियाँ संप्रेषण की चुनौतियाँ
संप्रेषण की चुनौतियाँ
 
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx currentप्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
प्रयोजनमूलक हिन्दी के विकास में अनुवाद की भूमिका.FINAL.pptx current
 
सरकारी पत्राचार में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रारूप
सरकारी पत्राचार में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रारूप सरकारी पत्राचार में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रारूप
सरकारी पत्राचार में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रारूप
 
Translation and ict
Translation and ictTranslation and ict
Translation and ict
 
Types Of Communication
Types Of CommunicationTypes Of Communication
Types Of Communication
 
राजभाषा हिंदी-सूचना और प्रौद्योगि‍की विषय पर हिंदी कार्यशाला
राजभाषा हिंदी-सूचना और प्रौद्योगि‍की विषय पर हिंदी कार्यशालाराजभाषा हिंदी-सूचना और प्रौद्योगि‍की विषय पर हिंदी कार्यशाला
राजभाषा हिंदी-सूचना और प्रौद्योगि‍की विषय पर हिंदी कार्यशाला
 
Hindi blog (हिंदी में ब्लॉगिंग : इंटरनेट पर हिंदी की नई संभावना)
Hindi blog (हिंदी में ब्लॉगिंग : इंटरनेट पर  हिंदी की नई संभावना) Hindi blog (हिंदी में ब्लॉगिंग : इंटरनेट पर  हिंदी की नई संभावना)
Hindi blog (हिंदी में ब्लॉगिंग : इंटरनेट पर हिंदी की नई संभावना)
 
सम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता
सम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकतासम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता
सम्प्रेषण ,प्रभावी सम्प्रेषण की आवश्यकता
 
Ecosistemas en el Uruguay
Ecosistemas en el UruguayEcosistemas en el Uruguay
Ecosistemas en el Uruguay
 
Tumour marker
Tumour markerTumour marker
Tumour marker
 
Hindi Workshop हिंदी कार्यशाला
 Hindi Workshop हिंदी कार्यशाला Hindi Workshop हिंदी कार्यशाला
Hindi Workshop हिंदी कार्यशाला
 
5 S "An effective tool to achieve Growth"
5 S "An effective tool to achieve Growth" 5 S "An effective tool to achieve Growth"
5 S "An effective tool to achieve Growth"
 
Hindi presentation
Hindi presentationHindi presentation
Hindi presentation
 

Similar to अनुवाद के क्षेत्र

Hindi_B_Sec_2022-23.pdf
Hindi_B_Sec_2022-23.pdfHindi_B_Sec_2022-23.pdf
Hindi_B_Sec_2022-23.pdf
KomilYadav
 
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdfप्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
ShaliniChouhan4
 
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
Maharishi Sansthan
 
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
Koteswaran Chandra Mohan
 

Similar to अनुवाद के क्षेत्र (20)

Hindi_B_Sec_2022-23.pdf
Hindi_B_Sec_2022-23.pdfHindi_B_Sec_2022-23.pdf
Hindi_B_Sec_2022-23.pdf
 
Class v hindi- btb
Class v  hindi- btbClass v  hindi- btb
Class v hindi- btb
 
Anthropology syllanus in hindi
Anthropology syllanus in hindiAnthropology syllanus in hindi
Anthropology syllanus in hindi
 
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
ppt पद परिचय (1).pptx.............mmmmm..
 
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATYDSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
DSG- HIN- I - Generiv I . SRTMUN BATY
 
भारतीय भाषाओं के लिए डिजिटल भाषिक मानचित्र
भारतीय भाषाओं के लिए डिजिटल भाषिक मानचित्रभारतीय भाषाओं के लिए डिजिटल भाषिक मानचित्र
भारतीय भाषाओं के लिए डिजिटल भाषिक मानचित्र
 
Indian Numeral and Number System
Indian Numeral and Number SystemIndian Numeral and Number System
Indian Numeral and Number System
 
Chikitsa siddhnt and management of mans evam medo vaha strotas
Chikitsa siddhnt and management of mans evam medo vaha strotasChikitsa siddhnt and management of mans evam medo vaha strotas
Chikitsa siddhnt and management of mans evam medo vaha strotas
 
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdfप्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
प्रतिवेदन, कार्यसूची, परिपत्र लेखन-कार्यालयी लेखन प्रक्रिया.pdf
 
हिन्दी हैं हम
हिन्दी हैं हमहिन्दी हैं हम
हिन्दी हैं हम
 
SK Mishra, SRG, AP 9059037899
SK Mishra, SRG, AP 9059037899SK Mishra, SRG, AP 9059037899
SK Mishra, SRG, AP 9059037899
 
Hindi_Core_SrSec_2023-24 (1).pdf for 12th
Hindi_Core_SrSec_2023-24 (1).pdf for 12thHindi_Core_SrSec_2023-24 (1).pdf for 12th
Hindi_Core_SrSec_2023-24 (1).pdf for 12th
 
स्मरक या स्मृति सहायक (निमोनिक्स)
स्मरक या स्मृति सहायक (निमोनिक्स)  स्मरक या स्मृति सहायक (निमोनिक्स)
स्मरक या स्मृति सहायक (निमोनिक्स)
 
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
Bharat Se Hi Vishwa Shanti Sambhav
 
वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दों की व्युत्पत्ति और विकास
वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दों की व्युत्पत्ति और विकासवैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दों की व्युत्पत्ति और विकास
वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दों की व्युत्पत्ति और विकास
 
कृष्ण की गीता
कृष्ण की गीता कृष्ण की गीता
कृष्ण की गीता
 
Class iv hindi-btb
Class iv hindi-btbClass iv hindi-btb
Class iv hindi-btb
 
ab-kahan-doosare.doc
ab-kahan-doosare.docab-kahan-doosare.doc
ab-kahan-doosare.doc
 
Indriya Margna
Indriya MargnaIndriya Margna
Indriya Margna
 
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question  answer)
एक एक (कविता) प्रशोत्तर कार्य (Question answer)
 

अनुवाद के क्षेत्र

  • 1. महात्मा गाांधी अांतरराष्ट्रीय हहांदी हश्ववहश्ायय, शधाा सांगोष्ठी - पत्र सत्र – 2015-16 प्रश्न पत्र – C/102/ अनुवाद अनुशासन एवं शोध प्रवववध ववषय : अनुवाद के क्षेत्र प्रस्तुतकताा आशुतोष कुमार हश्ववकमाा एम. हिय. अनुशाद अध्ययन (प्रथम छमाही) मागादशाक डॉ॰ अन्नपूर्ाा सी. एसोहसएट प्रोिेसर अनुशाद अध्ययन हशभाग अनुशाद अध्ययन हशभाग महात्मा गाांधी अांतरराष्ट्रीय हहांदी हश्ववहश्ायय, शधाा - 442005
  • 2. अनुवाद का शावददक अर्थ * अनुवाद शदद दो शददों ‘अनु’ उपसर्थ तर्ा ‘वाद’ प्रत्यय के संयोर् से बना है जो संस्कृ त के ‘वद’ धातु से बना है | वजसका अर्थ ‘बोलना’ होता है | अनु (पीछे या अनुर्मन करना) + वाद (बोलना या कहना) इस प्रकार से अनुवाद का शावददक अर्थ होर्ा कहने या बोलने के बाद बोलना | * अनुवाद को अँग्रेजी में TRANSLATION कहतें हैं | अनुवाद में एक ‘स्रोत भाषा’ और एक ‘लक्ष्य भाषा’ होती है | * अनुवाद वह प्रविया है वजसके द्वारा हम एक भाषा के ववचारों को दूसरी भाषा में व्यक्त करतें है | वजस भाषा से अनुवाद वकया जाता है उसे ‘स्रोत भाषा’ तर्ा वजस भाषा में अनुवाद वकया जाता हैं उसे ‘लक्ष्य भाषा’ कहतें है |
  • 3. अनुवाद की पररभाषा  कै टफोर्थ के अनुसार- “एक भाषा की पाठ्य सामग्री को दूसरी भाषा की समानाथाक पाठ्य सामग्री से प्रहतस्थाहपत करना ही अनुशाद है |”  न्यूमाकथ के अनुसार- “अनुशाद एक ऐसा हशल्प है हिसमें एक भाषा में व्यक्त सांदेश के स्थान पर दूसरी भाषा के उसी सांदेश को प्रस्तुत करने का प्रयास हकया िाता है |”
  • 4. अनुवाद के क्षेत्र अनुशाद के क्षेत्र को मुख्यतः दो भागों मे बााँटा िा सकता है | (1)- साहहहत्यक क्षेत्र | (2)- गैर-साहहहत्यक क्षेत्र |
  • 5. अनुवाद के सावहवत्यक क्षेत्र अनुशाद के साहहहत्यक क्षेत्र के अांतगात अनुशाद को दो भागों में बाांटा िा सकता है |  (1) पद्य क्षेत्र- कहशताओां, सानेट, दोहा, आहद का अनुशाद हकया िाता है |  (2) र्द्य क्षेत्र - कहाहनयों, उपन्यासों, िीशनी, आत्मकथा, नाटकों, आहद का अनुशाद हकया िाता है |
  • 6. अनुवाद के र्ैर-सावहवत्यक क्षेत्र • अनुवाद के र्ैर-सावहवत्यक क्षेत्र के अंतर्थत वनम्नवलवित क्षेत्र आते हैं | • (1)- दैहनक िीशन व्यशहार | • (2)- व्यापार और शाहर्ज्य | • (3)- हशज्ञापन | • (4)- हशक्षा | • (5)- प्रशासन | • (6)- पयाटन | • (7)- साांस्कृहतक कायाकयाप | • (8)- ज्ञान-हशज्ञान का क्षेत्र | • (9)- िनसांचार माध्यम |
  • 7.  (1)-दैवनक जीवन व्यवहार- हमारे दैहनक िीशन में स्कूय और कॉयेि और दफ्तरों में अनुशाद की िरूरत होती है | दैहनक िीशन व्यशहार में सहि अनुशाद होता है हिसके बारे में व्यहक्त सचेत नहीं होता है|  (2)-व्यापार एवं वाविज्य- आयात-हनयाात, नोहटस, हनहशदा, येखा-िोखा आहद के हयए अनुशाद की आशश्यकता होती है |  (3)-ववज्ञापन- हशज्ञापन हितनी अहधक भाषा में होगा तो उतने ही अहधक योगों तक पहाँच सके गा | ये हशज्ञापन कई तरह के होते हैं, िैसे – रोिगारपरक, सामाहिक, प्रचारपरक, प्रशासहनक कायों सांबांधी आहद|  ववज्ञापन दो तरह से वदये जाते हैं – मुवित माध्यम- अखबार, होहडिंग, पोस्टर आहद | इलेक्ट्रावनक माध्यम –रेहडयो, टेयीहशज़न आहद | इन दोनों माध्यमों में अनुशाद की िरूरत पड़ती है |
  • 8.  (4)-वशक्षा- हशक्षा में अनुशाद की प्रधान भूहमका है | पाठ्य सामहग्रयों का अनुशाद, शोधग्रन्थों और हशक्षर् आहद में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है|  (5)-प्रशासन- भारत एक बहभाषी देश है और यहााँ पर सांघात्मक शासन व्यशस्था है | यहााँ राज्यों में भी अयग-अयग भाषाएाँ बोयी िाती है, अतः यहााँ पर प्रशासन के कुशय सांचायन के हयए अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है | िैसे – सांसद, के न्रीय और राज्य प्रशासन के अांग |  (6)-पयथटन- हशदेशी पयाटकों के साथ शाताायाप करने के हयए होटयों, पयाटक स्थयों, आहद िगहों पर अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है |
  • 9.  (7)-सांस्कृ वतक कायथकलापों में - तीि-त्योहारों, धाहमाक उत्सशों, मेयों, प्रशचनों आहद का अनुशाद करके उसके शास्तहशक अथा को हभन्न-हभन्न भाषाई क्षेत्र के क्षेत्रीय भाषाओांमें पहांचाया िाता है |  (8)- ज्ञान-ववज्ञान का क्षेत्र – इसके अांतगात हचांतन-मनन, आहशष्ट्कार, प्रौद्ध्योहगकी हशकास की िानकारी, दशान, अथाशास्त्र, समािशास्त्र, इहतहास आहद के क्षेत्र में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है |  (9)-जनसंचार माध्यम- अखबार, समाचार, हिल्मों, रेहडयो, टेयीहशज़न, पत्र–पहत्रकाओां आहद में अनुशाद की आशश्यकता पड़ती है |
  • 10. वनष्कषथ शतामान समय शै्ववीकरर् का है और एक देश दूसरे देश से आहथाक, रािनीहतक, शैहक्षक श तकनीकी रूप से िुड़ें हए हैं | इन समस्त माध्यमों को िोड़ने के हयए भाषा एक आशश्यक इकाई है | हश्वव के अनेक देशों में हभन्न-2 भाषाएाँ बोयी िाती हैं, ये हभन्नता अांतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय श क्षेत्रीय स्तर पर भी पायी िाती है और एक देश दूसरे देशों से रािनीहतक, शैहक्षक, तकनीकी श आहथाक सूचनाओां का आदान-प्रदान अपने राष्ट्र को सम्पन्न बनाने के हयए करतें हैं | िहााँ अनुशाद की आशश्यकता होती है | अनुशाद के हबना हम हश्वव के समस्त देशों से आहत्मक, व्याशहाररक श भाशनात्मक रूप से नहीं िुड़ पाएांगे | अतः इस िुड़ाश के हयए अनुशाद आशश्यक हो िाता है, हिससे भाषाई हशहभन्नताएाँ समस्या नहीं बन पाये और हम शसुदैश कुटुांबकां के आदशा को स्थाहपत कर सकते हैं |
  • 11. संदभथग्रंर् -सूची (1) अनुवाद समीक्षा-कामायनी ,र्ॉ.सी .अन्नपूिाथ, संस्करि 1998, चलथ प्रकाशन: हैदराबाद |