3. पाठ परिचय
प्रस्तुत पाठ एक उपन्यास का अंि है जजसमे तीस के
दिक की ग्रामीण संस्कृ तत का चचत्रण ककया है I इसमें
लेखक ने अपने बचपन के संस्मिणों की चचाा की है I
लेखक परिचय
शिवपूजन सहाय का जनम सं 1893 में बबहाि का
उन्वााँस गााँव में हुआ ल इनके बचपन का नाम
भोलानाथ था । इन्होंने अनेक पबत्रकाओं
का संपादन ककया । सं 1963 में इनका
देहांत हो गया । देहाती दुतनया , ग्राम
सुधाि ,समृतत िेस , आदद इनको प्रमुख
हैं।
4. पाठ का साि
लेखक बचपन में अपने पपता के साथ पूजा में
बेठता,उनके साथ बहाि बैठक में सोता औि उसके
पपता उसके मस्तक पि भाबुत लगा देते थे I लेखक
का असली नाम तािके श्वि नाथ था पि उनके पपता
उन्हें भोलानाथ कहकि पुकािते थे I वे पूजा पाठ
किने के बाद एक हजाि बाि िाम नाम शलखते I पाच
सौ बाि कागज़ के छोटे छोटे टुकड़ों पि िाम नाम
शलखके आटेकी गोशलयों पि लपेटकि मछशलयों को
खखलाते थे I पपता उसे पेड़ो की डालों पि झुलाते थे
औि कभी कभी तो कु श्ती भी लड़ते थे
लेखक के पपता उसे अपने हाथो से खाना भी खखलाते
5. थे मााँ शसि में तेल लगा के चोटी किती ,काजल की
बबंदी लगाती औि िंगीन कु ताा टोपी पहना देती थी I
लेखक अपने शमत्रों के साथ खेला किता था I
आंधी आने पि बच्चे बाग की ओि दौड़ते औि चुन
चुन कि आम खाते I एक बाि बच्चो ने मुसन ततवािी
को चचढ़ाया I उन्होंने बच्चो को पकड़ने के शलए चाि
लड़के भेजे I गुरु जी ने किि लेखक की खूब खबि ली
तब पपता जी ने आकि उसे बचाया I एक बाि एक
टीले पि जाकि बच्चो ने चूहे के बबल में पानी भि
ददया लेककन बबल में से चूहे की जगह सााँप तनकल
आया बच्चे डि के मािे भाग गए I इस भागम भाग
में बच्चो को चोटे भी लगी I घि आकि लेखक मााँ की
गोद में बैठ गया औि औि उसी के आाँचल में छु प
6. गया I बेटे को डि से कााँपते हुए देख कि मााँ भी िो
पड़ी गया I झटपट हल्दी पीसकि घाव पि लगवाई
गयी I मााँ ने बड़े लाड़ से लेखक को गले लगाया I
तब बाबू जी भी दौड़े चले आये औि मैय्या की गोद से
उसे अपनी गोद में लेने लगे I
भोलानाथ अपनी मााँ के साथ
8. प्रश्न :- आपके पवचाि से भोलनाथ अपने साचथयों को देखकि
शससकना क्यों भूल जाता है?
प्रश्न :- भोलनाथ औि उसके साचथयों के खेल औि खेलने की
सामग्री आपके खेल औि खेलने की सामग्री से ककस प्रकाि
शभन्न है?
प्रश्न :- पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वणान कीजजए जो आपके
ददल को छू गए हों?
प्रश्न :- इस उपन्यास अंि में तीस के दिक की ग्राम्य
संस्कृ तत का चचत्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृ तत में आपको
ककस तिह के परिवतान ददखाई देते हैं।
प्रश्न आभ्यास
9. प्रश्न :- पाठ पढ़ते−पढ़ते आपको भी अपने माता−पपता का
लाड़−प्याि याद आ िहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायिी
में अंककत कीजजए।
प्रश्न :- माता का अाँचल िीर्ाक की उपयुक्तता बताते हुए कोई
अन्य िीर्ाक सुझाइए।
प्रश्न :- बच्चे माता−पपता के प्रतत अपने प्रेम को कै से
अशभव्यक्त किते हैं?
प्रश्न :- इस पाठ में बच्चों की जो दुतनया िची गई है वह
आपके बचपन की दुतनया से ककस तिह शभन्न है
10. गृहकाया
प्रश्न :- आज की ग्रामीण संस्कृ तत पाठ में वखणात संस्कृ तत से
के से शभन्न है ?
प्रश्न :- लेखक औि उसका साथी ज्योनाि का स्वांग ककस
प्रकाि िचते थे ?
कियाकलाप
प्रश्न :- भोलानाथ का पपता से कु श्ती लड़ने से, पपता औि पुत्र
के ककस प्रकाि के संबंधो का पता चलता है ? क्या इस
प्रकाि का सम्बन्ध आज भी कायम है ? अपने सब्दो में शलखे
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