Ram Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSEOne Time Forever
This is a PPT Based on the Poem of Class 10 CBSE Ram-Lakshman-Parshuram Samvad Including It's Summary, Word Meaning, Question-Answers, Each Paragraph Explanation Along With Some Pictures. Hopefully It Helps You. Thank You.
The Vedas are a large body of knowledge texts originating in the ancient Indian subcontinent. Composed in Vedic Sanskrit, the texts constitute the oldest layer of Sanskrit literature and the oldest scriptures of Hinduism.
Hindus consider the Vedas to be apauruṣeya, which means "not of a man, superhuman" and "impersonal, authorless".
Brief History of Yoga,
Contribution of Patanjali and Yoga Sutras, Four Periods of Yoga,
Four Paths of Yoga, Meaning of yoga, Types of Yoga, Ashtanga Yoga, Fundamentals of Yoga sadhana, Seven laws of Yoga sadhana, Concluding remarks, References, Translators and Contributors in field of Yoga, 8 limbs of yoga, Pranayama, Surya Namaskar.
"Rag Darbari ‘राग दरबारी’ एक ऐसा उपन्यास है जो गाँव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत्त करता है। शुरू से आख़िर तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिन्दी का शायद यह पहला बृहत् उपन्यास है।
ताजमहल का इतिहास
ताजमहल एक लुभावनी सफेद संगमरमर का मकबरा है जिसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज़ महल के लिए बनवाया था। भारत में आगरा के पास यमुना नदी के दक्षिणी तट पर स्थित, ताजमहल को बनने में 22 साल लगे और अंत में 1653 में पूरा हुआ।
विश्व के नए अजूबों में से एक माना जाने वाला यह उत्कृष्ट स्मारक आगंतुकों को अपनी समरूपता, संरचनात्मक सुंदरता, जटिल सुलेख, जड़े हुए रत्न और शानदार बगीचे से चकित करता है। में सिर्फ एक स्मारक से ज्यादा
Ram Lakshman Parshuram Samvad PPT Poem Class 10 CBSEOne Time Forever
This is a PPT Based on the Poem of Class 10 CBSE Ram-Lakshman-Parshuram Samvad Including It's Summary, Word Meaning, Question-Answers, Each Paragraph Explanation Along With Some Pictures. Hopefully It Helps You. Thank You.
The Vedas are a large body of knowledge texts originating in the ancient Indian subcontinent. Composed in Vedic Sanskrit, the texts constitute the oldest layer of Sanskrit literature and the oldest scriptures of Hinduism.
Hindus consider the Vedas to be apauruṣeya, which means "not of a man, superhuman" and "impersonal, authorless".
Brief History of Yoga,
Contribution of Patanjali and Yoga Sutras, Four Periods of Yoga,
Four Paths of Yoga, Meaning of yoga, Types of Yoga, Ashtanga Yoga, Fundamentals of Yoga sadhana, Seven laws of Yoga sadhana, Concluding remarks, References, Translators and Contributors in field of Yoga, 8 limbs of yoga, Pranayama, Surya Namaskar.
"Rag Darbari ‘राग दरबारी’ एक ऐसा उपन्यास है जो गाँव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत्त करता है। शुरू से आख़िर तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिन्दी का शायद यह पहला बृहत् उपन्यास है।
ताजमहल का इतिहास
ताजमहल एक लुभावनी सफेद संगमरमर का मकबरा है जिसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज़ महल के लिए बनवाया था। भारत में आगरा के पास यमुना नदी के दक्षिणी तट पर स्थित, ताजमहल को बनने में 22 साल लगे और अंत में 1653 में पूरा हुआ।
विश्व के नए अजूबों में से एक माना जाने वाला यह उत्कृष्ट स्मारक आगंतुकों को अपनी समरूपता, संरचनात्मक सुंदरता, जटिल सुलेख, जड़े हुए रत्न और शानदार बगीचे से चकित करता है। में सिर्फ एक स्मारक से ज्यादा
2. शहीद बकरी
क
ु छ कायर यह मानते हैं कक अपने से अधिक बलवानों से नह ीं भिड़ना चाहहए
लेककन इस खयाल क
े खखलाफ़ खड़़ी होत़ी है एक युवा बकर । अपऩी साधिनों
की अकममण्यता और असहयोग क
े बावजूद वह अक
े ल अत्याचार का ववरोि
करने क
े भलए सामने आई और अत्याचार को मारकर शह द हो गई। आइए,
इस शहादत की चश्मद द गवाह मैना की बात सुनें और देखें बकर का
कररश्मा...
3. हरे-िरे पहाड़ पर बकररयााँ चरने जात़ीीं तो दूसरे-त़ीसरे रोज़ एक-
न-एक बकर कम हो जात़ी। िेडिये की इस िूतमता से तींग आकर
चरवाहे ने वहााँ बकररयााँ चराना बींद कर हदया और बकररयों ने ि़ी
नाहक मौत से बचने क
े भलए बाड़े में क
े द रहकर जुगाल करते
रहना ह श्रेष्ठ समझा ,लेककन न जाने क्यों एक युवा नई बकर
को यह बींिन पसींद नह ीं आया।
4. अत्याचार से यूाँ कब तक प्राणों की रक्षा की
जा सक
े ग़ी? वह पहाड़ से उतरकर ककस़ी रोज़
बाड़े में ि़ी क
ू द सकता है। भशकार क
े िय
से मूखम शुतुरमुगम रेत में गरदन छछपा लेता
है। तब क्या भशकार उसे बख्श देता है?'
इनह ीं ववचारों से ओतप्रोत वह हसरतिर
नज़रों से पवमत की ओर देखत़ी रहत़ी।
साधियों ने उसे आाँखों से समझाने का प्रयत्न
ककया कक वह ऐसे मूखमतापूणम ववचारों को
मन में न लाए।- ' िोग्य सदैव से िोगने क
े
भलए ह उत्पन होते रहे हैं। िेडिये क
े मुाँह
हमारा खून लग चुका है, वह अपऩी आदत
से कि़ी बाज़ नह ीं आएगा।'
5. लेककन वह नई युवा बकरी तो भेकिये के मुुँह में लगे खून को ही देखना चाहती थी।
वह ककस तरह झपटता है, यह करतब देखने की उसकी लालसा बलवती होती गई।
आकखर एक रोज़ मौका पाकर बाडे से वह कनकल भागी और पववत पर चढ़कर स्वच्छंद
कवचरती, कू दती, फलाुँगती कदनभर पहाड पर चरती रही। मनमानी कु लेलें करती रही।
भेकिये को देखने की उत्सुकता बनी रही, परन्तु उसके दशवन न हुए। झुटपुटा होने पर
लाचार जब वह नीचे उतरने को बाध्य हुई, तो रास्ते में दबे पाुँव भेकिया आता हुआ
कदखाई कदया। उसकी रक्तरंकजत आुँखें, लपलपाती जीभ और आक्रमाकारी चाल से
वह सब कु छ SAMAJ गई।
6. भेडिये मुसकराकर बोला, “तुम बहुत सुुंदर और
प्यारी मालूम होती हो। मुझे तुम्हारी जैसी
साधिन की आवश्यकता थी। मैं कई रोज़ से
अक
े लापन महसूस कर रहा था आओ तछनक
साथ-साथ पवमतराज की सैर करें। बकरी को
भेडिये की बकवास सुनने का अवसर न था।
उसने तछनक पीछे हटकर इतने ज़ोर से टक्कर
मारी कक प्रसाविान भेडिया सँभल न सका।
यदद बीच का भारी पत्थर उसे सहारा न देता तो
आिे मुाँह नीचे खाई में गिर िया होता!
7. िेडिये की जज़ींदग़ी में यह पहला अवसर िा।
वह ककीं कतमव्यववमूढ्-सा हो गया। टक्कर
खाकर अि़ी वह साँिल ि़ी न पाया िा कक
बकर क
े पैने स़ीींग उसक
े स़ीने में इतने ज़ोर
से लगे कक वह च़ीख उठा। क्षत-ववक्षत स़ीने
से लहू की बहत़ी िार को देखकर िेडिये क
े
पााँव उखड् गए मगर एक छनर ह बकर क
े
आगे िाग खड़ा होना उसे क
ु छ जाँचा नह ीं।
वह ि़ी साहस बटोरकर पूरे वेग से झपटा।
बकर तो पहले से ह साविान ि़ी ,वह
कतराकर एक ओर हट गई और िेडिये का
भसर दरख्त से टकराकर लहूलुहान हो गया।
8. लहू को देखकर अब उसक
े लहू में ि़ी उबाल आ गया। वह ज़ी जान से
बकर क
े ऊपर टूट पड़ा। अक
े ल बकर उसका कब तक मुकाबला
करत़ी वह उसक
े दााँव-पेंच देखने की लालसा और अपने अरमान पूरे
कर चुकी ि़ी। साधियों की अकममण्यता पर तरस खात़ी हुई बेचार ढेर
हो गई। पेि पर बैठे हुए तोते ने मुसकराकर मैना से पूछा “ िेडिये से
भिड़कर िला बकर को क्या भमला” मैना ने सगवम उत्तर हदया “वह
जो अत्याचार का सामना करने पर प़ीडड़तों को भमलता है। बकर मर
ज़रूर गई है परींतु िेडिये को घायल करक
े मर है। वह ि़ी अब दूसरों
पर अत्याचार करने क
े भलए ज़ीववत नह ीं रह सक
े गा। स़ीने और
मस्तक क
े घाव उसे सड्-सड़कर मरने को बाध्य करेंगे।
9. काश! उसकी अनय साधिनों ने उसकी िावनाओीं को
समझा होता। छछपने क
े बजाय एक साि वार ककया
होता तो वे आज बाड़े में क
े द ज़ीवन व्यत़ीत करने क
े
बजाय पहाड़ पर छन:ः शींक और स्वच्छींद ववचरत़ी
होत़ीीं! ”तोता अपना-सा मुाँह लेकर चुपचाप शह द
बकर की ओर देखने लगा।
-अयोध्या प्रसाद गोयल य