4. बहुत- िी ऐिी चीज़ें ैं हिनक
े बारे में न ीिंिानता | -इि कथन िे
अकबर का कौन –िा मनोभाव प्रकट ोता ै ?
बादशाह होने पर भी ज्ञान प्राप्त करने की उनकी इच्छा और सादगी इस कथन से
प्रकट होता है | वे मानते है की उनको कई चीजोों में ज्ञान नहीों है |वे हर चीज को
सीखना चाहते हैं |
5. बीरबल िमाि क
े हवहभन्न प्रकार क
े लोगोिं को दरबार में बुला
लाया | कारण क्या ोगा ?
दरबार में मौजूद हर एक व्यक्ति क
ु छ न क
ु छ जानता था जो दू सरोों को नहीों
पता | हर एक में हुनर हैं | शाहोंशाह को यह समझाना चाहते थे कक सभी
व्यक्ति से हमें क
ु छ सीख कमलती हैं |सीखने की प्रकिया कभी पूरी नहीों होती |
6. “ मेशा ी िीखता हूँ |? ”
– इिका क्या मतलब ैं ?
पढ़ने की प्रकिया कभी पूरी नहीों होती
|हमें हर कदन एक नयी सीख कमलती हैं
|ज्ञानाजजन कनरोंतर होना हैं |
य बूढ़ी मह ला हकन –हकन
की प्रहतहनहि ो िकती ैं ?
बूढ़ी औरत एक अच्छे इोंसान की प्रकतकनकि
हैं |सोंसार क
े सभी मातावोों की प्रकतकनकि है
|मााँ सब की पहली गुरु है |
बीरबल उन्हें अपने गुरु कहते हैं और इस
तरह से एक गुरु का भी प्रकतकनकि है |
7. oक ानी पढ़ी |
इिमें मुख्य पात्र कौन – कौन ैं और उनकी वेश –भूषा क
ै िी ैं
? इि क ानी क
े हकतने प्रििंग ैं ?वे कौन –कौन िे ैं ?
इि क ानी में मुख्य पात्र शा िंशा अकबर , बीरबल और बूढ़ी औरत
ैं |
8. अब इन ताहलकाओिं की पूहति करें |
पात्र वेश – भूषा स्थान िमय
शा िंशा अकबर
रािकीय वेशभूषा और
आभूषण ैं , रे क
ु ते में पीले
फ
ू ल ैं ,पैिामा, राििी पगड़ी
,िूते और कमर में तलवार भी
ैं |
रािम ल
िुब 10 बिे
बीरबल
हवद्वानोिं की तर उनक
े वेश
भूषा ैं |नीला क
ु ताि और
पैिामा प ने ैं |उनक
े िर में
पगड़ी ै|
राि दरबार िुब 10 बिे
बूढ़ी औरत
िािारण वस्त्र िारण हकया ैं
,िलवार और पैिामा प नते ैं
,हिर पर चुनरी ैं | राि दरबार िुब 11 बिे
9. प्रत्येक प्रििंग में इि क ानी क
े पत्रोिं क
े बीच का ििंवाद क्या ोगा ?
हकिी एक प्रििंग का ििंवाद तैयार करें |
प्रििंग : अगले हदन शा िंशा दरबार में प्रवेश करते ैं | दरबार िमाि क
े
हवहभन्न लोगोिं िे भरा देखते ैं |
बीरबल : प्रणाम म ाराि
अकबर : प्रणाम , मारे दरबार में इतनी भीड़ क्योिं ैं ?
बीरबल : माफ़ी चा ता हूँ ि ािंपना
रािा : इन िब का क्या मतलब ै ?
बीरबल : मैंने ी बि आपक
े आदेशोिं का पालन हकया ैं |
रािा : क्या मैंने तुमको इन िबको बुलाने क
े हलए क ा ?
बीरबल : गुस्ताखी माफ़ ो , ये िभी व्यक्ति आपको क
ु छ ना क
ु छ हिखा
िकता
ै |
10. बीरबल : र एक में कोई ना कोई हुनर ैं | र एक क
े पर कोई ना कोई हवद्या ैं िो दू िरा
न ीिंिानता |
अकबर : अब मुझे बातें िमझ आ र ा ैं | तब तुम भी एक हवद्याथी ो बीरबल |
बीरबल : ज़रूर शा िंशा , में तो अब भी पढ़ र ा हूँ |
11. क ानी को एकािंकी रूप में बदलकर हलखें |
एकािंकी
एक अिंक वाले नाटकोिं को एकािंकी क ते ैं |अिंग्रेिी क
े ‘ वन एक्ट प्ले ‘ शब्द क
े हलए ह िंदी में
‘एकािंकी नाटक ‘ और ‘ एकािंकी’ दोनोिं ी शदोिं का िामान रूप िे व्यव ार ोता ै |
एकािंकी का नाम : शा िंशा अकबर को कौन हिखाएगा
पात्र
एकािंकी
श िंशा अकबर आयु 45 िाल राििी वेशभूषा
बीरबल आयु 45 िाल िोती ,क
ु ताि ,पगड़ी
तीन – चार हवद्वान आयु लगभग 50 -60 िोती ,क
ु ताि ,पगड़ी
हलहपक आयु 40 वषि िोती और क
ु ताि
बूढ़ी मह ला 80 िाल की आयु िलवार और पैिामा
12. ( शा िंशा अकबर का राि दरबार | शा िंशा चचाि में मग्न हवद्वानोिं को देखकर अपने हििं ािन
पर बैटता ैं |)
शा िंशा : (बीरबल िे ) बीरबल मैं बहुत चतुर न ीिं हूँ | बहुत िी ऐिे चीज़ें ैं हिनक
े बारे में न ीिं
िानता |मैं र चीि को िीखना चा ता हूँ | कल िे मेरी पढ़ाई शुरू ो , इिका
इिंतिाम करो |
बीरबल : िी शा िंशा |
(अगले हदन िुब अकबर क
े दरबार में बच्चे , बुिुगि ,गृह हणयोिं , हकिान , कचरा बीननेवाले ,
दुकानदार , हलहपक ,और ज्ञानी आहद लोगोिं िे भरा हुआ ैं | य दृश्य देख कर शा िंशा
दरबार में प्रवेश करते ैं और वे क्रोहित ोकर बीरबल िे क ते ैं )
अकबर : बीरबल य िब क्या ैं ? मैंने तुमिे ऐिे लोगोिं को लाने क
े हलए क ा था िो मुझे क
ु छ
हिखा िक
ें और तुमने मेरा म ल , राज्य की आिी िनता िे भर हदया |
बीरबल : ( शािंत भाव िे ) माफ़ की हिए शा िंशा |मैंने तो आपक
े आदेशोिं का पालन हकया ैं |
गुस्ताखी माफ़ ो, पर शा िंशा क्या आप रेत में घिंटोिं खेलकर अपना मनोरिंिन करना
िानते ै ?
13. शा िंशा : (बौखलाए हुए ) न ीिं , पर उििे क्या ?
बीरबल : क्या आप हकिी गरीब आदमी की आमदनी में घर चला िकते ैं ? या आप िानते ैं की
कपड़ोिं िे दाग क
ै िे टाया िाता ै ?
शा िंशा : न ीिं , हबलक
ु ल न ीिं |
बीरबल : क्या आप य िानते ैं की बुवाई कब करनी ैं और फिल को पानी कब देना ैं ? या
कचरोिं में िे उपयोगी चीिोिं को क
ै िे छािंटना ै |
शा िंशा : ( गुस्सा ोकर ) न ीिं न ीिं िार बार न ीिं |
बीरबल : ( शािंत भाव िे ) तब तो इि दरबार में मौिूद र शख्ि आपको क
ु छ ना क
ु छ हिखा
िकता
ै | र एक ऐिा क
ु छ िानता ै िो दू िरोिं को न ीिं पता ै | प्रत्येक क
े पाि क
ु छ हुनर ैं
क
ु छ ज्ञान ै , हदल या हदमाग की क
ु छ खाहियत ै | तो िभी हशक्षक भी ैं और
हवद्याहथि
भी |
14. शा िंशा : (बीरबल क
े बातोिं को िमझकर ) तब तो तुम भी एक हवद्याहथि ो , बीरबल ? में तो
िोचता था की तुम्हें कोई न ीिं िीख िकता !
बीरबल : बात इििे उल्टा ै शा िंशा , मैं तो मेशा ी िीखता हूँ |
( बीरबल भीड़ क
े बीच िे एक बूढ़ी मह ला का ाथ थामकर उन्हें शा िंशा क
े िामने लेकर आते
ैं |)
बीरबल : शा िंशा इनिे हमहलए ये मेरे प ले और श्रेष्ट गुरूओिं में िे एक ैं
बूढ़ी मह ला : (शा िंशा को िलाम करते हुए )हुिूर बुक्तिमान व्यक्ति िानते ैं हक िब क
ु छ
िीख
िाना ििंभव न ीिं ै | लेहकन िब को य िीखना चाह ए की अच्छा इिंिान क
ै िा
बन
िा िकता ै |
(बूढ़ी मह ला क
े शब्दोिं िे प्रभाहवत ोकर उनक
े आगे अदब िे झुकते हुए बीरबल िे क ते ैं |)
15. इन वाक्ोों पर ध्यान दें –
1 . हर शख्ि आपको क
ु छ न क
ु छ कसखा सकता ै |
2 . रेक ऐसा क
ु छ जानता ै |
3 . क्ा आप जानते ैं ?
4 . मैं हर चीज़ को सीखना चाहता हूँ |
5 . मैं माफ़ी चाहता हूँ |
ऊपर क
े वाक्योिं का हवश्लेषण करें और रेखािंहकत अिंशोिं क
े आपिी िम्बन्ध पर चचाि
करें |
1 .( शख्ि ) कताि पुक्तलिंग एकवचन ैं |इि हलए हक्रया में ता ै आगया |
2 . ( रेक ) कताि पुक्तलिंग एकवचन ैं |इि हलए हक्रया में ता ै आगया |
3 . (आप ) िविनाम ै ,पुक्तलिंग बहुवचन ै |इि हलए ता ैं आगया |
4 . (मैं ) पुक्तलिंग एकवचन ै |
5 . (मैं ) पुक्तलिंग एकवचन ै |
16. मैं – हाँ
I AM
तुम –हो
YOU ARE
(informal)
आप – हैं
YOU ARE
(formal)
18. र रािक
ु मार अपने को बड़ा ज्ञानी मानता
ै | अिल में बड़ा ज्ञानी कौन ै ?
िच्चे ज्ञानी क
े मन में अ िंकार न ीिं ोता
| व मेशा ज्ञान पाने की कोहशश
करता र ता ै | व अपने ज्ञान को
िदा अपूणि िमझता ै |
19. “ गुरूिी म लोग ििंकट में पड़ गए ैं |”
– रािक
ु मार क्योिं ििंकट में पड़े ?
रािक
ु मार अपने ज्ञान पर मदािंि ो गए |
उन्होिंने अपने ज्ञान का िदुपयोग न ीिं हकया |
य उनक
े ििंकड में पड़ने का कारण बन गया |
21. वाक्य पढ़े , रखािंहकत शब्दोिं पर ध्यान दें |
1 . मैं मिंत्र पढ़ता हूँ |
2 . क्या ,तुम इिमें प्राणी भी डाल िकते ो ?
चचाि करें |
प्रतेक वाक्य क
े रेखािंहकत शब्दोिं का आपिी ििंबिंद क्या ै ?
पाठ भागोिं िे ऐिे वाक्य चुनें और हलखें |
1 . मैं िविनाम क
े िाथ हूँ|
2 . तुम िविनाम क
े िाथ ो |
मैं - हूँ
तुम - ो
एकवचन - ै
बहुवचन - ैं
22. ज्ञान िे िम्बिंहित उक्तियोिं का ििंकलन करें
“ बाटने िे ज्ञान कभी ख़तम न ीिं ोता बक्ति और बढ़ िाता ैं | “
“ ज्ञान िे हवनम्रता आती ै , और हवनाम्म्म्रता िे पात्रता |”
“ िैिे प्रेम में पररपूणि देता ै वैिे ी ज्ञान में शक्ति देता ैं | “
“ हििे म न ीिं िमझ िकते उिे िमझना ी ज्ञान ैं | “
23. मैं इिर हूँ
पी.मिुिूदनन
चचाि करें :
“मैं इिर हूँ “ िाहबत करने में ज्ञान की
भूहमका ै ?
अगर एक व्यक्ति को ज्ञान ै और व ज्ञान
िमाि की भलाई क
े हलए उपयोग करते ै
तो व ज़रूर ज़ोर िे क िकते ै मैं इिर
हूँ |
ककवता
कहवता