मांसपेशियों की समस्या थोड़े समय के लिए होती हैं मगर ये बढ़ काफ़ी हद तक सकती हैं,जानिए विटामिन और प्रोटीन युक्त भोजन करने से कैसे होगा फ़ायदा। क्या है नॉन न्यूरो मस्क्युलर फटीग ?
जाने कमजोरी या थकान के प्रकार। शारीरिक व मानसिक थकावट के लक्षण। दिमागी थकान के कारण, शारीरिक थकावट से बचाव। Fatigue or tiredness: types, causes, symptoms & precautions
एंग्जायटी (Anxiety) लक्षण प्रकार कारण परिणाम इलाज Symptoms Types Cuases C...Dr Shahnawaz Alam
एंग्जायटी (Anxiety) लक्षण प्रकार कारण परिणाम इलाज Symptoms Types Cuases Complications Treatmentएंग्जायटी (Anxiety) आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान को अपने लिए भी समय नहीं मिलता रिश्तो को मधुरता से नहीं निभा पाता रिश्तो के विश्वास में कमी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लड़ाई झगड़े समाज से दूर रहना अपने में ही व्यस्त रहना अपने भविष्य और अपने वर्तमान के बारे में हर समय चिंतित रहना बेचैनी घबराहट महसूस करना एंग्जायटी कहलाता है यह इंसान के लिए बहुत घातक है यह इंसान के मस्तिष्क को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती है विचारों को प्रभावित करता है और असुरक्षा की भावना मस्तिष्क में पैदा होती है नकारात्मक विचार पैदा होते हैं एंग्जायटी जितना नुकसान और चोट मस्तिष्क को पहुंचाती है उससे कहीं ज्यादा नुकसान शरीर को भी पहुंचाती है जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में रहता है निराश रहता है उदास रहता है अपनी भावनाओं को अनदेखा करता है अपनी इच्छाओं को दबाता है वास्तव में भावनाओं को अनदेखा करना इच्छाओं को दबाना इस प्रकार से ही अवसाद वह डिप्रेशन उत्पन्न होता है जिससे एंग्जायटी का रूप ले सकता है एंग्जायटी से पीड़ित व्यक्ति को हर समय डर लगा रहता है कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है घबराहट होती है उल्टी का मन करता है घबराहट के दौरे पड़ते हैं दिल की धड़कन तेज हो जाती है मतलब यह कहा जा सकता है कि उस व्यक्ति को अपने जीवन में सुकून नहीं मिलता इस तरह के लोग ओवरथिंकिंग होते हैं जो बहुत अधिक सोचते हैं उन्हें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल पाते अजीब अजीब से सवाल मन के अंदर उठते हैं और खुद उनका जवाब तलाश करते हैं जब वह जवाब नहीं मिल पाते तो वह विचलित हो जाते हैं इसे एंग्जायटी कहा जाता है तनावपूर्ण घटनाएं :
कार्यस्थल पर तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन, प्रेमिका से ब्रेकअप आदि से भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण उभर सकते हैं।
थायरॉयड की समस्या, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग से एंग्जाइटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती। डिप्रेशन से पीड़ित लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है पर्सनैलिटी से जुड़े डिसऑर्डर :
आपने गौर किया होगा कि कुछ लोगों को बहुत ज्यादा परफेक्शन के साथ काम करने की आदत होती है। लेकिन जब ये परफेक्शन की जिद सनक बन जाए तो ये डिसऑर्डर है। वो अपने आप पर शक वहम करने लगते हैं कई बार यही जिद ऐसे लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है।उत्तेजित हो जाना .
. बेवजह की चिंता करना
3. घबराहट हो जाना ...
4. हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना
5. थकान हो जाना ...
. लोगों के सामने जाने से डरना
7. ध्यान देने में मुश्किल होना ...
8. चिड़चिड़ापन
9. मांसपेशियों में तनाव ...
10. छाती में खिंचाव महसूस होना
11. सोने में समस्या होना ...
12. सांस फूलना
13. घबराहट का दौरा पड़ना
14. लोगों से बातचीत करने से डरना
फील ग्रेट प्रोग्राम
स्वास्थ्य और खुशी प्राप्त करने में आने वाली सामान्य चुनौतियों से निपटता है, जैसे:
अनुरूप शारीरिक गतिविधियों के साथ गतिहीन जीवनशैली का मुकाबला करना।
तनाव को प्रबंधित करने और मानसिक आरोग्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण टूल है।
स्वस्थ खान-पान की आदतें और संतुलित पोषण विकसित करने पर मार्गदर्शन प्रदान करना।
आपको आरामदायक नींद और कायाकल्प पाने में मदद करता है।
इन्सुलिन प्रतिरोध
प्रमुख जीवनशैली रोगों का मूल कारण।
इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जिससे रक्तप्रवाह से ग्लूकोज को ग्रहण करने में बाधा आती है। इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अग्न्याशय अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित होता है
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कार्यस्थल पर तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन, प्रेमिका से ब्रेकअप आदि से भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण उभर सकते हैं।
थायरॉयड की समस्या, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग से एंग्जाइटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती। डिप्रेशन से पीड़ित लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है पर्सनैलिटी से जुड़े डिसऑर्डर :
आपने गौर किया होगा कि कुछ लोगों को बहुत ज्यादा परफेक्शन के साथ काम करने की आदत होती है। लेकिन जब ये परफेक्शन की जिद सनक बन जाए तो ये डिसऑर्डर है। वो अपने आप पर शक वहम करने लगते हैं कई बार यही जिद ऐसे लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है।उत्तेजित हो जाना .
. बेवजह की चिंता करना
3. घबराहट हो जाना ...
4. हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना
5. थकान हो जाना ...
. लोगों के सामने जाने से डरना
7. ध्यान देने में मुश्किल होना ...
8. चिड़चिड़ापन
9. मांसपेशियों में तनाव ...
10. छाती में खिंचाव महसूस होना
11. सोने में समस्या होना ...
12. सांस फूलना
13. घबराहट का दौरा पड़ना
14. लोगों से बातचीत करने से डरना
फील ग्रेट प्रोग्राम
स्वास्थ्य और खुशी प्राप्त करने में आने वाली सामान्य चुनौतियों से निपटता है, जैसे:
अनुरूप शारीरिक गतिविधियों के साथ गतिहीन जीवनशैली का मुकाबला करना।
तनाव को प्रबंधित करने और मानसिक आरोग्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण टूल है।
स्वस्थ खान-पान की आदतें और संतुलित पोषण विकसित करने पर मार्गदर्शन प्रदान करना।
आपको आरामदायक नींद और कायाकल्प पाने में मदद करता है।
इन्सुलिन प्रतिरोध
प्रमुख जीवनशैली रोगों का मूल कारण।
इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जिससे रक्तप्रवाह से ग्लूकोज को ग्रहण करने में बाधा आती है। इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अग्न्याशय अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित होता है
दिमाग को तेज करने वाली जड़ी-बूटियाँ: संतोष कुमार झा (हिन्दी)Santosh Kumar Jha
लेखक द्िारा, भारत़ीय परम्पराओां द्िारा शाटियों से स्ि़ीकृत ‘उपयोग़ी जड़ी-बूटियों’ की खान से ननकाला गया यह लेख, एक सांकलन है। समाज के सभ़ी लोगों के मलए समान प प से उपयोग़ी मसद्द होग़ी, यह अपेक्षा है।(हिन्दी)
जिम क्यों करना चाहिए?
जिम करने के कई फायदे है , उनमे से कुछ नीचे दिए गए है;
>जिम जाने से हम स्वस्थ रहते है,
>हमारा शारीरिक (Physical) और मानसिक (Mental) स्वस्थ बेहतर होता है,
>जिम जाने से एंडोर्फिन्स का स्त्राव होता है जिससे हमे अच्छा महसूस होता है, और हीलिंग तेज़ी से होती है,
>व्यक्तिगत लक्ष्यों के पाने में भी जिम से मदद मिलती है,
>जिम करने से सोशल सर्किल बनता है,
>जिम जाने से तनाव कम होता है ,
>नियमित जिम करने से हम कई बीमारियों जैसे ; हृदय रोग, रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा इत्यादि से दूर रहते है,
> जिम करने से सेक्सुअल जीवन भी बेहतर होता है।
Benefits of gym
Table of Contents
जिम जाने की सही उम्र क्या है?
जिम कब जाना चाहिए सुबह या शाम?
जिम कितने घंटे करना चाहिए?
जिम का साइड इफेक्ट क्या है?
क्या जिम चिंता को कम कर सकता है?
जिम जाने से बेहतर क्या है?
बॉडी बनाने में कितना समय लगता है?
1 दिन में कितनी बार जिम जाना चाहिए?
क्या 4 घंटे वर्कआउट करना बुरा है?
क्या दौड़ने से चिंता बढ़ सकती है?
जिम में मसल्स बनाने में कितना समय लगता है?
जिम करने के बाद कितने घंटे सोना चाहिए?
शेप में आने के लिए कैसे खाएं?
दुनिया का नंबर वन प्रोटीन कौन सा है?
जिम करने वाले को 1 दिन में कितना प्रोटीन लेना चाहिए?
जिम जाने की सही उम्र क्या है?
17-18 साल की उम्र जिम जाने के लिए सबसे अच्छी होती है जहां बिना किसी परेशानी के जिम में कसरत करने के फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं। यह पुरुषों में मजबूत, मांसल, और स्वस्थ काया और महिलाओं में पतली और स्वस्थ रूपरेखा का कारण बन सकता है।
जिम कब जाना चाहिए सुबह या शाम?
जिम जाने के लिए दोपहर 2 बजे से शाम के 6 बजे, आपके शरीर का तापमान अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसका मतलब यह है कि आप उस समय के दौरान व्यायाम करेंगे जब आपका शरीर सबसे अधिक तैयार होगा, संभावित रूप से यह दिन का सबसे प्रभावी समय होगा।
जिम कितने घंटे करना चाहिए?
शुरुआत में आप 30 मिनट या उससे कम के छोटे वर्कआउट करें। जैसे-जैसे आप महसूस करें कि आपकी क्षमता बढ़ती जा रही है, हर हफ्ते कुछ और मिनट बढ़ाये। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन प्रति सप्ताह 75-150 मिनट की एरोबिक गतिविधि के साथ-साथ दो शक्ति-प्रशिक्षण (strength training) सत्रों की सलाह देता है।
Gym timing
जिम का साइड इफेक्ट क्या है?
नियमित अत्यधिक व्यायाम से थकान हो सकती है, जिससे आपके शरीर की समग्र कार्यक्षमता बाधित हो सकती है। इस तरह के वर्कआउट से आराम की अवधि भी लंबी हो जाती है जो आपकी दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। बार-बार व्यायाम करने से चोट भी लग सकती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रेरणा की कमी या बर्न आउट हो सकता है। यह सलाह दी जाती है कि अपनी शारीरिक गतिविधि के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
Gym disadvantages
क्या जिम चिंता को कम कर सकता है?
व्यायाम तनाव निवारक के रूप में कार्य करता है। सक्रिय रहना आपके फील-गुड एंडोर्फिन को बढ़ा सकता है और आपको दैनिक चिंताओं से दूर रखता है। नियमित व्यायाम से हमारा आत्म- विश्वास बढ़ता है और तनाव और चिंता कम होती है। यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकास को रोकने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
Stress free
जिम जाने से बेहतर क्या है?
घर पर व्यायाम करना उतना ही प्रभावी हो सकता है। जबकि जिम समर्पित स्थान प्रदान करते हैं, होम वर्कआउट अधिक लचीलापन प्रदान करते हैं। दक्षता को अधिकतम करने के लिए अपने समय और उपकरणों का उपयोग करना एक बेहतरीन कसरत की कुंजी है।
घर
Holistic Approach for Weight Loss - Dr. Kamaljit SinghDr Kamaljit Singh
Holistic Weight Loss Means
समग्र वजन घटाने का मतलब प्रोत्साहन की वह विधि या तकनीक है जो लोगों को उनके मन, उनके शरीर, विचारों और भावनाओं के बारे में सोचने में मदद करती है।"
मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है।
Holistic Approach for Weight Loss - Dr. Kamaljit SinghDr Kamaljit Singh
Holistic Weight Loss Means समग्र वजन घटाने का मतलब प्रोत्साहन की वह विधि या तकनीक है जो लोगों को उनके मन, उनके शरीर, विचारों और भावनाओं के बारे में सोचने में मदद करती है।" मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है।
चक्कर आना आम तौर पर कुछ लोगों द्वारा ‘सिर घूमना’ के रूप में जाना जाता है।अक्सर चक्कर आना कुछ हफ्तों के बाद खुद सही हो जाता है और यदि नहीं होता है, तो गंभीर चक्कर आने पर चिकित्सक की सलाह लेना ज़रूरी है। यदि चक्कर आने के लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर आपको उपचार का सुझाव देंगे जिसमें लक्षणों के आधार पर दवाएँ, चिकित्सा, जीवनशैली में बदलाव, यहां तक कि सर्जरी भी शामिल हैं।
स्वप्नदोष के लिए योग, आसान आयुर्वेदिक तरीके से छुटकारा पाएं
दोस्तों इस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में स्वप्नदोष से मुक्ति पाने के आसान योग और तरीके बताए गए हैं। आप अचूक आयुर्वेदिक दवा एन एफ क्योर कैप्सूल की मदद से नाईटफाल, शुक्रमेह, हस्तमैथुन के दुष्परिणाम व कमजोरी से छुटकारा पा सकते हैं।
स्वप्नदोष को कैसे दूर करें पुरुषों द्वारा सामान्यतः पूछा जाने वाला प्रश्न है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित NF Cure Capsules स्वप्नदोष को रोकने का असरदारक घरेलू उपाय है।
स्वप्नदोष से बचने के कई आसान तरीके हैं, जिन्हे अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकता है। इस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को देखने के पश्चात आप स्वप्नदोष से छुटकारा कैसे पाएं का सही उत्तर प्राप्त कर सकेंगे।
Mental Health Matters : Foundations of Mental WellnessBimal Raturi
Bimal Raturi, founder of Himalayan Education Initiatives, presents a insightful session on mental health in Hindi. This SlideShare delves into 10 crucial ways to nurture your mental well-being. Discover practical strategies to promote mental health, including mindfulness exercises, stress management techniques, and the importance of social connections. Learn about the significance of a balanced diet, exercise, and quality sleep. Explore the benefits of seeking professional help when needed and understanding the power of gratitude. Bimal Raturi's session emphasizes the importance of self-care, offering a holistic approach to maintaining mental wellness and fostering resilience in today's challenging world.
Fitness class hindi
Health and fitness, these are primarily the words used to portray people’s physiological condition. Medicine, recreation and sports are essential aspects of the health and fitness industry, but you will find it also overlaps into other fields like tourism, education, etc…. Get all the info you need here.
The industry offers all kinds of products and services, all designed to sustain or enhance physical health. There are medical and sports facilities devoted entirely for health and fitness, and diet regimens for weight loss programs are usually accompanied by workout routines that not only are meant for addressing weight but also for promoting general fitness and healthy lifestyles.
#fitness #gym #health
fitness,fitness gym,fitness goals
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जिम क्यों करना चाहिए?
जिम करने के कई फायदे है , उनमे से कुछ नीचे दिए गए है;
>जिम जाने से हम स्वस्थ रहते है,
>हमारा शारीरिक (Physical) और मानसिक (Mental) स्वस्थ बेहतर होता है,
>जिम जाने से एंडोर्फिन्स का स्त्राव होता है जिससे हमे अच्छा महसूस होता है, और हीलिंग तेज़ी से होती है,
>व्यक्तिगत लक्ष्यों के पाने में भी जिम से मदद मिलती है,
>जिम करने से सोशल सर्किल बनता है,
>जिम जाने से तनाव कम होता है ,
>नियमित जिम करने से हम कई बीमारियों जैसे ; हृदय रोग, रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा इत्यादि से दूर रहते है,
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जिम जाने की सही उम्र क्या है?
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जिम जाने के लिए दोपहर 2 बजे से शाम के 6 बजे, आपके शरीर का तापमान अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसका मतलब यह है कि आप उस समय के दौरान व्यायाम करेंगे जब आपका शरीर सबसे अधिक तैयार होगा, संभावित रूप से यह दिन का सबसे प्रभावी समय होगा।
जिम कितने घंटे करना चाहिए?
शुरुआत में आप 30 मिनट या उससे कम के छोटे वर्कआउट करें। जैसे-जैसे आप महसूस करें कि आपकी क्षमता बढ़ती जा रही है, हर हफ्ते कुछ और मिनट बढ़ाये। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन प्रति सप्ताह 75-150 मिनट की एरोबिक गतिविधि के साथ-साथ दो शक्ति-प्रशिक्षण (strength training) सत्रों की सलाह देता है।
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नियमित अत्यधिक व्यायाम से थकान हो सकती है, जिससे आपके शरीर की समग्र कार्यक्षमता बाधित हो सकती है। इस तरह के वर्कआउट से आराम की अवधि भी लंबी हो जाती है जो आपकी दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। बार-बार व्यायाम करने से चोट भी लग सकती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रेरणा की कमी या बर्न आउट हो सकता है। यह सलाह दी जाती है कि अपनी शारीरिक गतिविधि के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
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#fitness #gym #health
fitness,fitness gym,fitness goals
Similar to Muscle fatigue causes symptoms and treatment (20)
1. माांसपेशियों की थकान : कारण, लक्षण और उपचार
Muscle fatigue : causes, symptoms and treatment
माांसपेशियों की थकान अशिक काम के कारण होने वाली एक आम समस्या है लेशकन कई बार ये बहुत ही
गांभीर हो जाती है।
अगर हमारी माांसपेशियों की थकान नहीं दूर होती है तो कोई भी िारीररक काम करने में हमें शदक्कत होती है।
ऐसे में हमें अपने माांसपेशियों का भी ध्यान रखना चाशहए और थकान को दूर करने के उपाय करने चाशहए।
2. 1. क्या होती है माांसपेशियों की थकान
What is muscle fatigue
जब भी हमारी माांसपेशियों को काम करने में शदक्कत हो और उनमें ददद हो तो समझ जाएां शक ये
मसल फटीग है।
अक्सर ज्यादा देर तक काम करते रहने से हमारी एनजी कम हो जाती है, शजस वजह से हमारी
माांसपेशियाां थक जाती है।
माांसपेशियों की थकान दो प्रकार की होती हैं :
न्यूरो मस्कक्युलर फटीग (Neuro muscular fatigue)
इसमें आपकी माांसपेशियाां कमजोर हो जाती हैं और हमें थकान हो जाती है।
नॉन न्यूरो मस्कक्युलर फटीग (non-neuro muscular fatigue)
इसमें हमें वास्तव में शकसी भी प्रकार की मासपेशियों की थकान नहीं होती हैं मगर हमें महसूस ऐसा
होता है शक हमें थकान है।
3. 2. क्या हैं माांसपेिी शक थकान के मुख्य कारण
What are the main causes of muscle fatigue
माांसपेशियों की थकान के कई कारण हो सकते हैं, जैसे शक कोई बीमारी होना, िराब आशद का सेवन।
इससे हमारी माांसपेशियों कमजोर हो जाती है और जल्दी थक जाती हैं।
इसके अलावा
• डायशबटीज (diabetes) की समस्या,
• थायरॉइड (thyroid), शचांता (anxiety),
• अवसाद (depression), शवटाशमन की कमीं, खून की कमी,
• वजन का कम होना,
• बढ़ती उम्र,
• सही खानपान में कमी,
• िारीररक गशतशवशियों में कमी आशद
ऐसे कई कारण हैं शजनकी वजह से आपकी माांसपेशियों में थकान हो जाती है और आपको
थकान और कमजोरी महसूस होती है।
4. 3. क्या है माांसपेिी की थकान के लक्षण
Symptoms of muscle fatigue
मसल फटीग का पता लगाना भी बेहद महत्वपूणद है।
ऐसे कई लक्षण हैं शजन्हें देखकर या महसूस करके हम अपनी माांसपेशियों की थकान का पता लगा
सकते हैं।
जब भी हमारी माांसपेशियों में थकान होती है तो हमे नीचे शदए गए लक्षण शदखाई देते हैं:
• नज़र कमजोर होना
• माांसपेशियों में अक्सर ददद रहना
• चलने शफरने में शदक्कत होना
• माांसपेशियों में अचानक झटका महसूस होना
• बोलने या शनगलने में शदक्कत होना
• िरीर में ऐांठन होना
• बुखार होना
अगर आपको भी इनमें से कोई भी लक्षण शदखाई देते हैं तो आप भी माांसपेशियों की थकान के
शिकार हो सकते हैं।
5. कै से दूर करें माांिपेशियों की थकान
How to reduce muscle fatigue
माांसपेिी की थकान को दूर रहने के कई उपाय हैं।
1. अत्यशिक कैफीन युक्त यदाथद जैसे शक चाय, कॉफ़ी आशद के सेवन से बचें।
2. शनयशमत रूप से योग और व्यायाम करें लेशकन ज्यादा व्यायाम भी न करें वरना आप थकान
कम होने की बजाए और बढ़ जाएगी।
3. मासपेशियों की मसाज करने से भी थकान से राहत शमलती है।
4. शवटाशमन और शमनरल, प्रोटीन आशद युक्त सन्तुशलत आहार लेना चाशहए।
5. शजतना हो सके अल्कोहल का सेवन करने और िूम्रपान करने से बचें।
6. पानी भरपूर शपएां।
7. शचांता ना करें।
8. इन सब के साथ अच्छी नींद भी बहुत ही महत्वपूणद है। पूरी नींद लेने से ही हमारे िरीर को
जरूरी आराम शमलता है, शजससे सारी थकान दूर हो जाती है।
6. 5. शनष्कर्ष
Conclusion
अक्सर अशिक थकान की वजह से हमारा स्वास््य बुरी तरह प्रभाशवत होता है।
हमें अपने िरीर का सही ढांग से ख्याल रखना चाशहए शजससे हमें सस्वस्थ जीवन व्यतीत करने में मदद
शमलती है।
माांसपेिी की थकान को अगर नहीं दूर की जाए तो ये हमारे कायदक्षमता पर तो बुरा असर डालती ही है।
इसके साथ ही हमारा मानशसक स्वास््य भी बुरी तरह प्रभाशवत होता है।