अनूठा फल निराला स्वाद
केला सर्वसुलभ, सदाबहार, सस्ता, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट फल है। केले का वानस्पतिक नाम मूसा सेपियेंटा है जिसका मतलब बुद्धिमान व्यक्ति का फल होता है। केला दुनिया के सबसे पुराने और लोकप्रिय फलों में से एक है। केले की गिनती हमारे देश के उत्तम फलों में होती है और हमारे मांगलिक कार्यों में भी विशेष स्थान दिया गया है। केले को असमिया में कोल, बंगला में काला, गुजराती में केला, कनन्ड़ में बाले गिड़ाया बालेहन्नु, कोंकणी में केल, मलयालम में वझा, मराठी में कदलीद्व या केल, उड़िया में कोडोली या रोम्भा, तमिल में वझाई, तेलुगु में आसी, अंग्रेजी में बनाना (Banana) नाम से पुकारा जाता है। प्लेण्टेन(Plantain) प्रजाति का केला मीठा नहीं होता है और सब्जी के रूप में खाया जाता है।
निसंदेह सेब बहुत अच्छा और स्वास्थ्यप्रद फल माना जाता है इसीलिए “An apple a day keeps doctor away”कहावत बड़ी मशहूर रही है। लेकिन ताजा शोध यह बताती है कि आपको डॉक्टर से दूर रखने में केला सेब से भी आगे निकल गया है। क्योंकि केले में सेब से दुगुने कार्बोहाइड्रेटव खनिज तत्व, तिगुना फोस्फोरस, चार गुना प्रोटीन और पांच गुना विटामिन-ए व आयरन होता है। इसलिए सोच बदलिए, डॉक्टर को अकेला छोड़िये, रोज केला खाकर स्वस्थ बने रहिये।
नीबू हर रसोईघर की शान है। विटामिन-सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। नीबू हर व्यंजन का स्वाद बढ़ाता है। फिर चाहे वो आलू का शोरबा हो या मटन का कोरमा, पनीर की तरी हो या चिकन की करी, साहब की जिन हो या मेडम की चाओमिन नीबू के बिना सब बेसुरे और बेस्वाद लगते ही हैं। पूरे विश्व में नीबू शौक से खाया जाता है। यह हर देश और धर्म के लोगों का चहीता फल है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, बच्चा हो या बूढ़ा, अमीर हो या गरीब, नॉनवेज हो या वेज, स्ट्रगलर हो या स्मगलर, ड्राइवर हो या डाक्टर सभी नीबू के दीवाने हैं। अकेले निबुड़ा गीत ने ऐश्वर्य राय को रातों रात स्टार बना दिया था। नीबू के आचार की तो बात ही क्या है। जितनी किस्म के आचार नीबू के बनते हैं, शायद ही किसी और के बनते हों। नीबू के आचार को देखते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। गर्भवती स्त्रियां तो नीबू का आचार चटकारे लेकर खाती हैं।
नीबू बहुत उपयोगी फल है और ईश्वर का वरदान है। इसके बिना जीवन ही रसहीन और फीका लगता है। इसका वानस्पतिक नाम साइट्रस लिमोनम है। इसे संस्कृत में लिम्बुका, अरेबिक में लेमुन और अंग्रेजी में लेमन कहते हैं। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। विश्व में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। भारत विश्व के कुल नीबू उत्पादन का 16 प्रतिशत भाग उत्पन्न करता है। मलेशिया, मैक्सिको, अर्जन्टीना, ब्राजील एवं स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं। इसकी कई किस्में होती हैं, लेकिन कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है।
This article about the best vegetables of the summer season. These vegetables make you healthy and fit in the summer season, So add these vegetables in your daily diets.
Credence Herbal is established in 2014 with his registered office at 306 Third Floor, Diamond Tower, Purani Chungi, Ajmer Road, Jaipur (Rajasthan), company is certified by ISO 9001:2008 has commenced the commercial operations in Dec 2014, it has been started as a direct sales company, the company has provided income generating opportunity to the people, who want to associate with Credence Herbal.
नीबू हर रसोईघर की शान है। विटामिन-सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। नीबू हर व्यंजन का स्वाद बढ़ाता है। फिर चाहे वो आलू का शोरबा हो या मटन का कोरमा, पनीर की तरी हो या चिकन की करी, साहब की जिन हो या मेडम की चाओमिन नीबू के बिना सब बेसुरे और बेस्वाद लगते ही हैं। पूरे विश्व में नीबू शौक से खाया जाता है। यह हर देश और धर्म के लोगों का चहीता फल है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, बच्चा हो या बूढ़ा, अमीर हो या गरीब, नॉनवेज हो या वेज, स्ट्रगलर हो या स्मगलर, ड्राइवर हो या डाक्टर सभी नीबू के दीवाने हैं। अकेले निबुड़ा गीत ने ऐश्वर्य राय को रातों रात स्टार बना दिया था। नीबू के आचार की तो बात ही क्या है। जितनी किस्म के आचार नीबू के बनते हैं, शायद ही किसी और के बनते हों। नीबू के आचार को देखते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। गर्भवती स्त्रियां तो नीबू का आचार चटकारे लेकर खाती हैं।
नीबू बहुत उपयोगी फल है और ईश्वर का वरदान है। इसके बिना जीवन ही रसहीन और फीका लगता है। इसका वानस्पतिक नाम साइट्रस लिमोनम है। इसे संस्कृत में लिम्बुका, अरेबिक में लेमुन और अंग्रेजी में लेमन कहते हैं। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। विश्व में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। भारत विश्व के कुल नीबू उत्पादन का 16 प्रतिशत भाग उत्पन्न करता है। मलेशिया, मैक्सिको, अर्जन्टीना, ब्राजील एवं स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं। इसकी कई किस्में होती हैं, लेकिन कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है।
This article about the best vegetables of the summer season. These vegetables make you healthy and fit in the summer season, So add these vegetables in your daily diets.
Credence Herbal is established in 2014 with his registered office at 306 Third Floor, Diamond Tower, Purani Chungi, Ajmer Road, Jaipur (Rajasthan), company is certified by ISO 9001:2008 has commenced the commercial operations in Dec 2014, it has been started as a direct sales company, the company has provided income generating opportunity to the people, who want to associate with Credence Herbal.
अलसी - एक चमत्कारी आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक दैविक भोजन
“पहला सुख निरोगी काया, सदियों रहे यौवन की माया।” आज हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने अपनी शोध से ऐसे आहार-विहार, आयुवर्धक औषधियों, वनस्पतियों आदि की खोज कर ली है जिनके नियमित सेवन से हमारी उम्र 200-250 वर्ष या ज्यादा बढ़ सकती है और यौवन भी बना रहे। यह कोरी कल्पना नहीं बल्कि यथार्थ है। आपको याद होगा प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि योग, तप, दैविक आहार व औषधियों के सेवन से सैकड़ों वर्ष जीवित रहते थे। इसीलिए ऊपर मैंने पुरानी कहावत को नया रुप दिया है। ऐसा ही एक दैविक आयुवर्धक भोजन है “अलसी” जिसकी आज हम चर्चा करेंगें।
पिछले कुछ समय से अलसी के बारे में पत्रिकाओं, अखबारों, इन्टरनेट, टी.वी. आदि पर बहुत कुछ प्रकाशित होता रहा है। बड़े शहरों में अलसी के व्यंजन जैसे बिस्कुट, ब्रेड आदि बेचे जा रहे हैं। भारत के विख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान अपने रोगियों को नियमित अलसी खाने की सलाह देते हैं ताकि वह उच्च रक्तचाप व हृदय रोग से मुक्त रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) अलसी को सुपर स्टार फूड का दर्जा देता है। आयुर्वेद में अलसी को दैविक भोजन माना गया है। मैंने यह भी पढ़ा है कि सचिन के बल्ले को अलसी का तेल पिलाकर मजबूत बनाया जाता है तभी वो चौके-छक्के लगाता है और मास्टर ब्लास्टर कहलाता है। आठवीं शताब्दी में फ्रांस के सम्राट चार्ल मेगने अलसी के चमत्कारी गुणों से बहुत प्रभावित थे और चाहते थे कि उनकी प्रजा रोजाना अलसी खाये और निरोगी व दीर्घायु रहे इसलिए उन्होंने इसके लिए कड़े कानून बना दिए थे।
Health Benefits of Eating Amla - Indian GooseberryPlanet Ayurveda
Amla contains calcium, phosphorus, iron, Protein, carbohydrate which keeps the body fresh and healthy. Here, We Are Going To Discuss The Health Benefits of Eating Amla Daily
चुकंदर - सेहत का सिकंदर
चुकंदर या बीटा वल्गेरिस (Family Chenopodiaceae) अनेक विटामिन, खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट से भर पूर एक सुपर फूड है। यह पीले, लाल, बैंगनी या जामुनी कई रंगों में मिलता है। चुकंदर हर सलाद, व्यंजन और सब्जियों में एक नया रंग भर देता है। यह सेहत के लिए बहुत उपयागी है, हम इसे सेहत का सिकंदर कहते है। कैंसर समेत कई बीमारियों में इसका उपयोग होता है। इसे कच्चा, उबाल कर या सब्जी बना कर खाया जाता है। इसकी पत्तियां और जड़ दोनों ही खाये जाते हैं। आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी होता है। इसका ज्यूस एक उत्कृष्ठ टॉनिक है।
चुकंदर का पौष्टिकता और स्वाद बनाये रखने के लिए इसको बिना छिलका निकाले डेढ़ दो इंच टहनी के साथ ही 15 मिनट तक भाप में पकाना चाहिये। पकने से इसकी ऊपरी परत आसानी से निकल आती है और यह अन्य व्यंजन बनाने के लिए तैयार हो जाता है।
Your body, like your skin and especially your face, is on the receiving end of a stressful lifestyle. If you are not eating properly or engaging in some stressful diet, expect hormonal fluctuations which can manifest as breakouts and other skin problems. However, the science of yoga based on ancient Indian wisdom may offer some relief. People who practice yoga regularly make a lot of noise about the tremendous effects it has on their body and mind. Of these, healthy skin are some of the visible benefits of yoga.
If you're a passionate yoga practitioner, you've probably noticed some yoga benefits—perhaps you're getting a good night's sleep or getting fewer colds, or you're feeling more relaxed and relaxed. But if you've ever tried to tell a beginner about the benefits of yoga, you might find that "it creates growth of life" or "it carries energy to your back" on deaf or skeptical ears. is falling
Yoga is one such incredible workout that has the solution to almost all health related problems. While most of the world is crazy about losing weight, there are certain people who have the problem of gaining weight. They can eat and sit idly on the couch, but they never seem fat. People who want to lose weight may say "Oh! How lucky!" However, in reality, underweight people have their own dangers for those who are overweight.
"औषधि"
"नीम" घनवटी नामक आयुर्वेद में औषधि हैं, जो की पेड़ से निकाली जाती हैं, इसका मुख्य घटन नीमघन सत होता हैं, यह मधुमेह (diabetes) में भी अत्यधिक लाभकारी हैं, तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी इसका उपयोग किया जाता हैं, यह हमारे आयुर्वेद की एक औषधि हैं, जो बहोत लाभदायक, कारक हैं। https://www.vkashu.in
दिमाग को तेज करने वाली जड़ी-बूटियाँ: संतोष कुमार झा (हिन्दी)Santosh Kumar Jha
लेखक द्िारा, भारत़ीय परम्पराओां द्िारा शाटियों से स्ि़ीकृत ‘उपयोग़ी जड़ी-बूटियों’ की खान से ननकाला गया यह लेख, एक सांकलन है। समाज के सभ़ी लोगों के मलए समान प प से उपयोग़ी मसद्द होग़ी, यह अपेक्षा है।(हिन्दी)
अ
नन्नास एक उष्णकटिबन्धीय पौधे एवं उसके फल का सामान्य नाम है। ब्रोमेलियासीइ परिवार का यह फल आज सर्वव्याप्त, रसीला, जोशीला और स्वादिष्ट फल है। इस फल का वानस्पतिक नाम अनानास कोमोसस है। इसका अनोखा मीठा और खट्टा स्वाद सबको अच्छा लगता है। वैसे तो इसका मौसम मार्च से जून तक रहता है, लेकिन बाजारों में यह पूरे साल उपलब्ध हो जाता है। । अनन्नास का ज्यूस शौक से पीया जाता है। साथ ही इसको ताजा काट कर खाया जाता है और खाने के बाद सलाद के रूप में या फ्रूट-कॉकटेल के रूप में प्रयोग भी किया जाता है।
अनन्नास पाचक तत्वों से भरपूर, शरीर को ताजगी देने वाला, हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देने वाला, कृमि नाशक और स्फूर्तिदायक फल है| ये त्वचा में निखार लाता है| गर्मी में यह ताजगी व ठंडक देता है| अनन्नास के रस में प्रोटीन को पचाने की अपार क्षमता है| यह आँतों को सशक्त बनाता है|
Linomel Muesli
“Muesli" should be eaten regularly, prepared as follows:
Put 2 tablespoons of LINOMEL in a glass bowl. Cover this with a layer of fresh fruit in season, (i.e.: berries, cherries, apricots, peaches, grated apples). Now prepare a mixture made with Quark and Flax Seed Oil.
Add 3 tablespoons Flax Seed Oil to 100 - 125 g Quark, a little milk (2 Tblsp) and mix thoroughly until the oil has been totally absorbed. Lastly, add 1 tablespoon honey. In order to give it a new flavor every day, rosehip pulp, buckthorn juice, other fruit juices or ground nuts may be added. Butter is not recommended. Only herb teas should be served, but a cup of black tea is permitted on occasion.
अभी तक हुए 1500 से अधिक शोधों से यह साबित होता है कि नारियल तेल (कोकोस न्युसिफेरा) हमारी धरा पर विद्यमान एक स्वास्थ्यप्रद और उत्कृष्ट तेल है। सेहत से लेकर सुंदरता तक नारियल तेल प्रकृति का नायाब और अनमोल उपहार है। इसके करिश्माई फायदे आपको चौंका देंगे। गर्म करने पर यह खराब नहीं होता। इसकी शैल्फ लाइफ दो वर्ष से अधिक है। हमें अनरिफाइंड, अनहीटेड, ऑर्गेनिक, कॉल्ड-प्रेस्ड और एक्स्ट्रावर्जिन तेल प्रयोग में लेना चाहिए।
विश्वविख्यात फैट और ऑयल्स एक्सपर्ट और जर्मनी के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ फैट्स रिसर्च की चीफ एक्सपर्ट डॉ जॉहाना बडविग ने साबित किया है कि नारियल तेल फ्राइंग और डीप फ्राइंग के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। गर्म करने पर इसमें ट्रांसफैट नहीं बनते। कैंसर के रोगी भी इस तेल को प्रयोग कर सकते हैं।
पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म में नारियल एक शुद्ध, सात्विक, पवित्र, फलदायी एवं लक्ष्मी माता से मनुष्य को जोड़ने वाला फल है, इसीलिए इसे संस्कृत में श्रीफल कहते हैं, श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी। किसी भी धार्मिक एवं शुभ कार्य में हुई पूजा में नारियल रखने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। घर में नारियल रखने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं। मंदिरों में आमतौर पर इसे पूजा के दौरान भगवान की मूर्ति के सामने फोड़ा जाता है। फोड़ने के बाद यह नारियल प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।
अलसी - एक चमत्कारी आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक दैविक भोजन
“पहला सुख निरोगी काया, सदियों रहे यौवन की माया।” आज हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने अपनी शोध से ऐसे आहार-विहार, आयुवर्धक औषधियों, वनस्पतियों आदि की खोज कर ली है जिनके नियमित सेवन से हमारी उम्र 200-250 वर्ष या ज्यादा बढ़ सकती है और यौवन भी बना रहे। यह कोरी कल्पना नहीं बल्कि यथार्थ है। आपको याद होगा प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि योग, तप, दैविक आहार व औषधियों के सेवन से सैकड़ों वर्ष जीवित रहते थे। इसीलिए ऊपर मैंने पुरानी कहावत को नया रुप दिया है। ऐसा ही एक दैविक आयुवर्धक भोजन है “अलसी” जिसकी आज हम चर्चा करेंगें।
पिछले कुछ समय से अलसी के बारे में पत्रिकाओं, अखबारों, इन्टरनेट, टी.वी. आदि पर बहुत कुछ प्रकाशित होता रहा है। बड़े शहरों में अलसी के व्यंजन जैसे बिस्कुट, ब्रेड आदि बेचे जा रहे हैं। भारत के विख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान अपने रोगियों को नियमित अलसी खाने की सलाह देते हैं ताकि वह उच्च रक्तचाप व हृदय रोग से मुक्त रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) अलसी को सुपर स्टार फूड का दर्जा देता है। आयुर्वेद में अलसी को दैविक भोजन माना गया है। मैंने यह भी पढ़ा है कि सचिन के बल्ले को अलसी का तेल पिलाकर मजबूत बनाया जाता है तभी वो चौके-छक्के लगाता है और मास्टर ब्लास्टर कहलाता है। आठवीं शताब्दी में फ्रांस के सम्राट चार्ल मेगने अलसी के चमत्कारी गुणों से बहुत प्रभावित थे और चाहते थे कि उनकी प्रजा रोजाना अलसी खाये और निरोगी व दीर्घायु रहे इसलिए उन्होंने इसके लिए कड़े कानून बना दिए थे।
Health Benefits of Eating Amla - Indian GooseberryPlanet Ayurveda
Amla contains calcium, phosphorus, iron, Protein, carbohydrate which keeps the body fresh and healthy. Here, We Are Going To Discuss The Health Benefits of Eating Amla Daily
चुकंदर - सेहत का सिकंदर
चुकंदर या बीटा वल्गेरिस (Family Chenopodiaceae) अनेक विटामिन, खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट से भर पूर एक सुपर फूड है। यह पीले, लाल, बैंगनी या जामुनी कई रंगों में मिलता है। चुकंदर हर सलाद, व्यंजन और सब्जियों में एक नया रंग भर देता है। यह सेहत के लिए बहुत उपयागी है, हम इसे सेहत का सिकंदर कहते है। कैंसर समेत कई बीमारियों में इसका उपयोग होता है। इसे कच्चा, उबाल कर या सब्जी बना कर खाया जाता है। इसकी पत्तियां और जड़ दोनों ही खाये जाते हैं। आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी होता है। इसका ज्यूस एक उत्कृष्ठ टॉनिक है।
चुकंदर का पौष्टिकता और स्वाद बनाये रखने के लिए इसको बिना छिलका निकाले डेढ़ दो इंच टहनी के साथ ही 15 मिनट तक भाप में पकाना चाहिये। पकने से इसकी ऊपरी परत आसानी से निकल आती है और यह अन्य व्यंजन बनाने के लिए तैयार हो जाता है।
Your body, like your skin and especially your face, is on the receiving end of a stressful lifestyle. If you are not eating properly or engaging in some stressful diet, expect hormonal fluctuations which can manifest as breakouts and other skin problems. However, the science of yoga based on ancient Indian wisdom may offer some relief. People who practice yoga regularly make a lot of noise about the tremendous effects it has on their body and mind. Of these, healthy skin are some of the visible benefits of yoga.
If you're a passionate yoga practitioner, you've probably noticed some yoga benefits—perhaps you're getting a good night's sleep or getting fewer colds, or you're feeling more relaxed and relaxed. But if you've ever tried to tell a beginner about the benefits of yoga, you might find that "it creates growth of life" or "it carries energy to your back" on deaf or skeptical ears. is falling
Yoga is one such incredible workout that has the solution to almost all health related problems. While most of the world is crazy about losing weight, there are certain people who have the problem of gaining weight. They can eat and sit idly on the couch, but they never seem fat. People who want to lose weight may say "Oh! How lucky!" However, in reality, underweight people have their own dangers for those who are overweight.
"औषधि"
"नीम" घनवटी नामक आयुर्वेद में औषधि हैं, जो की पेड़ से निकाली जाती हैं, इसका मुख्य घटन नीमघन सत होता हैं, यह मधुमेह (diabetes) में भी अत्यधिक लाभकारी हैं, तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी इसका उपयोग किया जाता हैं, यह हमारे आयुर्वेद की एक औषधि हैं, जो बहोत लाभदायक, कारक हैं। https://www.vkashu.in
दिमाग को तेज करने वाली जड़ी-बूटियाँ: संतोष कुमार झा (हिन्दी)Santosh Kumar Jha
लेखक द्िारा, भारत़ीय परम्पराओां द्िारा शाटियों से स्ि़ीकृत ‘उपयोग़ी जड़ी-बूटियों’ की खान से ननकाला गया यह लेख, एक सांकलन है। समाज के सभ़ी लोगों के मलए समान प प से उपयोग़ी मसद्द होग़ी, यह अपेक्षा है।(हिन्दी)
अ
नन्नास एक उष्णकटिबन्धीय पौधे एवं उसके फल का सामान्य नाम है। ब्रोमेलियासीइ परिवार का यह फल आज सर्वव्याप्त, रसीला, जोशीला और स्वादिष्ट फल है। इस फल का वानस्पतिक नाम अनानास कोमोसस है। इसका अनोखा मीठा और खट्टा स्वाद सबको अच्छा लगता है। वैसे तो इसका मौसम मार्च से जून तक रहता है, लेकिन बाजारों में यह पूरे साल उपलब्ध हो जाता है। । अनन्नास का ज्यूस शौक से पीया जाता है। साथ ही इसको ताजा काट कर खाया जाता है और खाने के बाद सलाद के रूप में या फ्रूट-कॉकटेल के रूप में प्रयोग भी किया जाता है।
अनन्नास पाचक तत्वों से भरपूर, शरीर को ताजगी देने वाला, हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देने वाला, कृमि नाशक और स्फूर्तिदायक फल है| ये त्वचा में निखार लाता है| गर्मी में यह ताजगी व ठंडक देता है| अनन्नास के रस में प्रोटीन को पचाने की अपार क्षमता है| यह आँतों को सशक्त बनाता है|
Linomel Muesli
“Muesli" should be eaten regularly, prepared as follows:
Put 2 tablespoons of LINOMEL in a glass bowl. Cover this with a layer of fresh fruit in season, (i.e.: berries, cherries, apricots, peaches, grated apples). Now prepare a mixture made with Quark and Flax Seed Oil.
Add 3 tablespoons Flax Seed Oil to 100 - 125 g Quark, a little milk (2 Tblsp) and mix thoroughly until the oil has been totally absorbed. Lastly, add 1 tablespoon honey. In order to give it a new flavor every day, rosehip pulp, buckthorn juice, other fruit juices or ground nuts may be added. Butter is not recommended. Only herb teas should be served, but a cup of black tea is permitted on occasion.
अभी तक हुए 1500 से अधिक शोधों से यह साबित होता है कि नारियल तेल (कोकोस न्युसिफेरा) हमारी धरा पर विद्यमान एक स्वास्थ्यप्रद और उत्कृष्ट तेल है। सेहत से लेकर सुंदरता तक नारियल तेल प्रकृति का नायाब और अनमोल उपहार है। इसके करिश्माई फायदे आपको चौंका देंगे। गर्म करने पर यह खराब नहीं होता। इसकी शैल्फ लाइफ दो वर्ष से अधिक है। हमें अनरिफाइंड, अनहीटेड, ऑर्गेनिक, कॉल्ड-प्रेस्ड और एक्स्ट्रावर्जिन तेल प्रयोग में लेना चाहिए।
विश्वविख्यात फैट और ऑयल्स एक्सपर्ट और जर्मनी के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ फैट्स रिसर्च की चीफ एक्सपर्ट डॉ जॉहाना बडविग ने साबित किया है कि नारियल तेल फ्राइंग और डीप फ्राइंग के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। गर्म करने पर इसमें ट्रांसफैट नहीं बनते। कैंसर के रोगी भी इस तेल को प्रयोग कर सकते हैं।
पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म में नारियल एक शुद्ध, सात्विक, पवित्र, फलदायी एवं लक्ष्मी माता से मनुष्य को जोड़ने वाला फल है, इसीलिए इसे संस्कृत में श्रीफल कहते हैं, श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी। किसी भी धार्मिक एवं शुभ कार्य में हुई पूजा में नारियल रखने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। घर में नारियल रखने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं। मंदिरों में आमतौर पर इसे पूजा के दौरान भगवान की मूर्ति के सामने फोड़ा जाता है। फोड़ने के बाद यह नारियल प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।
What is the Black Seed?
Its botanical name is Nigella sativa. It is believed to be indigenous to the Mediterranean region but has been cultivated into other parts of the world including the Arabian peninsula, northern Africa and parts of Asia.
The Black seeds originate from the common fennel flower plant (Nigella sativa) of the buttercup (Ranunculaceae) family. It is sometimes mistakenly confused with the fennel herb plant (Foeniculum vulgare).
The plant has finely divided foliage and pale bluish purple or white flowers. The stalk of the plant reaches a height of twelve to eighteen inches as its fruit, the black seed, matures.
The Black Seed forms a fruit capsule which consists of many white trigonal seeds. Once the fruit capsule has matured, it opens up and the seeds contained within are exposed to the air, becoming black in color.
The Black seeds are small black grains with a rough surface and an oily white interior, similar to onion seeds. The seeds have little bouquet, though when rubbed, their aroma resembles oregano. They have a slightly bitter, peppery flavor and a crunchy texture.
The Black Seed is also known by other names, varying between places. Some call it black caraway, others call it black cumin, onion seeds or even coriander seeds. The plant has no relation to the common kitchen herb, cumin.
Muslims’ use of the Black Seed:
Muslims have been using and promoting the use of the Black Seed for hundreds of years, and hundreds of articles have been written about it. The Black Seed has also been in use worldwide for over 3000 years. It is not only a prophetic herb, but it also holds a unique place in the medicine of the Prophet .
It is unique in that it was not used profusely before the Prophet Muhammad made its use popular. Although there were more than 400 herbs in use before the Prophet Muhammad and recorded in the herbals of Galen and Hippocrates, the Black Seed was not one of the most popular remedies of the time. Because of the way Islam has spread, the usage and popularity of the Black Seed is widely known as a "remedy of the Prophet ." In fact, a large part of this herbal preparation's popularity is based on the teachings of the Prophet .
The Black Seed has become very popular in recent years and is marketed and sold by many Muslim and non-Muslim
Sauerkraut Health Benefits
Professor of Probiotics including rare Lactobacillus Plantarum
Digests everything
High in Vitamin B group and C
Vanishes GERD and IBS
Immunity booster
High in Fabulous Fiber
Fights Cancer
benefits of Cottage Cheese
sulfur containing protein
bonds and carries flax oil into the cells
Makes healthy and electron rich cell wall
Detoxify the body
dextro rotating lactic acid
alkalize the body
Neutralize the killer levo rotating lactic acid
lactoferrin and lactoferricin
anti-bacterial and anti-viral
builds lymphocytes, monocytes & macrophage
boosts immunity
FOCC is mixture of Flax oil and cottage or quark. It is full of electron rich omega-3 fats, has power to attract healing photons from sun and other celestial bodies through resonance. These fats are full of high energy pi-electrons, which attract oxygen into the cells and are capable of healing cell membranes.
As “Om” is divine word and synonym of God in India. According to Hindu mythology, the whole universe is located inside “Om”, so the name Omkhand has been given to this wonderful recipe.
Black Seed – Cures every disease except death Om Verma
Nigella sativa or Black Seed is an annual flowering plant, native to southwest Asia, eastern coastal countries of Mediterranean region and North Africa. Nigella is a derived from Latin word Niger (black). It grows to 20–30 cm tall, with finely divided, linear leaves. The flowers are delicate and usually coloured pale blue and white, with five to ten petals. The fruit is a large and inflated capsule composed of three to seven united follicles, each containing numerous seeds.
The Black seeds are small black grains with a rough surface and an oily white interior, similar to onion seeds. Black seed has a peculiar aromatic and pungent smell, while onion seeds don’t have this smell. Black seeds have a slightly bitter, peppery flavor and a crunchy texture. The seed is used as a spice, medicine, cosmetic and flavoring agent.
Sour cabbage – Professor of Probiotics
The first and most overlooked reason that our digestive tract is crucial to our
health is because 80 percent of our entire immune system is located in your
digestive tract. In addition, our digestive system is the second largest part of our
neurological system, called enteric nervous system or the second brain.
Probiotics are live beneficial bacteria, which hold the master key for healing
digestive issues, better health, stronger immune system, mental and neurological
disorders. Sour cabbage is the best probiotic food (Germans call it Sauerkraut), It
is produced by lacto-fermentation of the cabbage.
Wild Oregano (Origanum Vulgare ) is a perennial herb that has purple flowers and spade-shaped, olive-green leaves. The whole plant has a strong, peculiar, fragrant, balsamic odour and a warm, bitterish, aromatic taste, both of which properties are preserved when the herb is dry. The oregano sold as a spice is either Sweet Marjoram (Origanum majorana) or Mexican Sage.
There are over 40 oregano species, but the most therapeutically beneficial is the wild oregano or Origanum vulgare that's native to Mediterranean mountains. To obtain oregano oil, the dried flowers and leaves of the plant are harvested when the oil content of the plant is at its highest, and then distilled.
Mayo Dressing
This is part of Budwig Protocol proposed to cure cancer developed by Dr. Budwig.
Delicious mayo salad dressing can be prepared by mixing together 2 Tbsp (30 ml) Flax Oil, 2 Tbsp (30 ml) milk, and 2 Tbsp (30 ml) cottage cheese. Then add 2 tablespoons (30 ml) of Lemon juice (or Apple Cider Vinegar) and add some herbs of your choice.
Health Benefits
Ocean of Probiotics including rare
Lactobacillus Plantarum
Digests everything
Very high in B Vitamins and Vitamin C
Vanishes GERD and IBS
Immunity booster
High in Fabulous Fiber
Fights Cancer
Biography of Dr. Johanna Budwig in Health of India (Covery Story)Om Verma
Definitively Budwig Protocol is a miracle cure for cancer with documented 90% success if you follow this treatment perfectly and religiously. This treatment targets on prime cause of cancer. Prime cause of Cancer is oxygen deficiency in the cells. Two factors are essential to attract oxygen in the cells: 1- Sulfur containing protein (found in cottage cheese) and 2- some unknown fat which nobody could identify until 1949 when Dr. Budwig developed paperchromatography technique to identify fats. These fats were Alpha-linolenic acid and linoleic acid found abundantly in FLAX OIL. Thus she developed Cancer therapy based on Flax oil and cottage cheese.
पिछले महीने हमें बॉक्सर प्रजाति का एक श्वेत “पप” प्राप्त हुआ, जिसे हम मिनी बुलाने लगे थे। हम सब बहुत खुश थे। पूरे परिवार में खुशी की लहर थी।
परंतु 4 मई की रात को अचानक मुई बिजली गुल हो गई। मिनी अंधेरे में नीचे उतर गई और नीचे किसी लड़के ने गलती से अपना पैर मिनी के पैर पर रख दिया। बस बेचारी असहाय मिनी की जोर से चीख निकली। हम सब उसकी चीख सुन कर नीचे भागे। वह दर्द के मारे चीखती ही जा रही थी। हमारी समझ में आ चुका था कि मामला अत्यंत गंभीर है और जरूर इसकी फीमर का फ्रेक्चर हुआ है। हमारी सारी श्वेत और उज्वल खुशियों पर यह काली रात कालिख पोत चुकी थी। पूरी रात हम सो भी न सके। कभी मैं, तो कभी मेरी पत्नि उसे गोद में लेकर रात भर बैठे रहे।
सुबह कोटा के कई वेट चिकित्सकों से परामर्श ले लिया गया। कोई ठीक से बता नहीं पा रहा था कि मिनी के पैर का उपचार किस प्रकार होगा, रोड डलेगी, सर्जरी होगी या प्लेटिंग करनी होगी। हमें लगा कि कोटा में समय बर्बाद नहीं करना व्यर्थ है और तुरंत मिनी को जयपुर या दिल्ली के किसी बड़े वेट सर्जन को दिखाना चाहिये।
मैंने मेरे एक मित्र अनिल, जो जयपुर में रहते हैं, से बात की। उन्होंने मुझे पूरा आश्वासन दिया व कहा कि उनके ब्रदर-इन-लॉ विख्यात वेट चिकित्सक हैं और वे सब व्यवस्था करवा देंगे। तब जाकर मन को थोड़ा सकून मिला। 10 मिनट बाद ही उनके ब्रदर-इन-लॉ ड
After the advent of "lipid hypothesis", which linked the consumption of dietary fat with increased risk of heart disease and other health problems, fat was highly defamed by the medical establishment that many people started thinking that the best answer to the "fat problem" is to stay away from it as far as possible. Food processing companies quickly took advantage of this era of “fat phobia”, and soon flooded the market with "low fat" and "no fat" products, promising to put an end to heart disease and obesity, but the incidence of these diseases is still skyrocketing.
The truth is that not all fats are equal. While the consumption of some bad fats (trans-fats) are, really, a risk factor for many health problems, some other fats, including alpha-linolenic acid ALA and linoleic acid LA, are so important for health that they have been termed "essential fatty acids" (EFAs). Our body needs them to perform vitally important functions, but our body is unable to produce them. Therefore, we must get them from our food. That's why any attempt to indiscriminately reduce or eliminate all fats from our diet inevitably leads to an EFA deficiency, which may be very dangerous to health.
For all the good it does, fat is often blamed to cause obesity, because it contains 9 calories per gram, in contrast to carbohydrate and protein which contain only 4 calories. Yet, it's a mistake to relate dietary fat with body fat. You can get fat by eating carbs and protein, even if you eat little dietary fat.
In 1956, Hugh Sinclair, one of the world's greatest researchers in the field of nutrition, suggested that an upsurge in the so-called "diseases of civilization" e.g. coronary heart disease, strokes, type-2 diabetes, arthritis and cancer - was caused by modern diets being extremely poor in essential fatty acids (EFA) and full of processed foods rich in trans-fatty acids. Although Sinclair's opinion was not supported by his pears, and he was even criticized by some of them for his bold hypothesis; later research convincingly showed that he was, indeed, correct. In fact, he is now praised for insights that were far ahead of his time.
Fat gives us beauty, shape and protection. A thin fat layer located under the skin helps to insulate and maintain the proper body temperature. Fat is used as a source of backup energy when carbohydrates are not available. Vitamin A, D, E and K are known as fat-soluble vitamins, need fat in order to be absorbed and stored. Fats are also responsible for making sex hormones, cell membranes and prostaglandins.
आपने पोर्नोग्राफिक वेब साइट्स और सेक्स पत्रिकाओं में जी-स्पॉट के बारे में अक्सर पढ़ा होगा। जहाँ कुछ लोग इसको लेकर बहुत उत्सुक हैं और इसका आनंद भी उठा रहे हैं, वहीं कुछ नकारात्मक विचारधारा वाले लोग इसे महज़ किसी सिरफिरे व्यक्ति के दिमाग की उपज मानते हैं। वे मानते हैं कि जी-स्पॉट नाम की कोई चीज है ही नहीं। जी-स्पॉट पर इतना हल्ला होने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसलिए मैं आज रहस्य के सारे परदे उठा कर सच्चाई को उजागर कर देना चाहता हूँ। तो चलिए सबसे पहले हम इतिहास के पन्नों को पलटने की कौशिश करते हैं।
1950 के दशक में विख्यात गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग ने इंटरनेशनल जरनल ऑफ सेक्सोलोजी में The Role of Urethra in Female Orgasm नाम से एक प्रपत्र प्रकाशित किया था। इन्होंने स्त्रियों की यूरेथ्रा के चारो तरफ कोर्पोरा केवर्नोजा की तरह एक स्पंजी और इरेक्टाइल टिश्यू को चिन्हित किया, जिसे यूरीथ्रल स्पंज कहा जाता है। इसके बाद 1980 के दशक में सेक्स एजूकेटर और काउंसलर बेवर्ली व्हिपल और सायकोलोजिस्ट और सेक्सोलोजिस्ट जॉन पेरी ने डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग की शोध को आगे बढ़ाया और अंततः डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग के नाम पर इस इस रहस्यमय स्पॉट का नाम जी-स्पॉट रखा।
आज हम सभी के लिए खुशी और उल्हास का अवसर है, हमारे कुंवर निशिपाल का परिणय बंधन सौ.कां. निधि के साथ होने जा रहा है। हम सब इनके सुखी और आनंदमय वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं। इस अवसर पर मैंने यह सत्यपाल गीता तैयार की है। अलसी के नीले फूलों से सजी यह गीता में हमारे आदरणीय पिताजी ठाकुर सत्यपाल सिंह जी के चरणों में समर्पित करता हूँ।
डाॅ. ओ.पी.वर्मा श्रीमती उषा वर्मा
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अनूठा फल ननराला स्वाद
के ला सर्वसुलभ, सदाबहार, सस्ता, स्र्ास््यर्र्वक और स्र्ाददष्ट फल है।
के ले का र्ानस्पदतक नाम मूसा सेदपयेंटा है दिसका मतलब बुदिमान
व्यदि का फल होता है। के ला दुदनया के सबसे पुराने और लोकदिय फलों
में से एक है। के ले की दिनती हमारे देश के उत्तम फलों में होती है और
हमारे माांिदलक कायों में भी दर्शेष स्थान ददया िया है। के ले को असदमया
में कोल, बांिला में काला, िुिराती में के ला, कनन्ड़ में बाले दि़ा या
बालेहन्डनु, कोंकणी में के ल, मलयालम में र्झा, मराठी में कदलीद्व या के ल,
उद़या में कोडोली या रोम्भा, तदमल में र्झाई, तेलुिु में आसी, अांग्रेिी में
बनाना (Banana) नाम से पुकारा िाता है। प्लेण्टेन (Plantain)
ििादत का के ला मीठा नहीं होता है और सब्िी के रूप में खाया िाता है।
दनसांदेह सेब बहुत अच्छा और स्र्ास््यिद फल माना िाता है इसीदलए
“An apple a day keeps doctor away” कहार्त ब़ी मशहूर रही है। लेदकन तािा शोर् यह बताती है दक
आपको डॉक्टर से दूर रखने में के ला सेब से भी आिे दनकल िया है। क्योंदक के ले में सेब से दुिुने काबोहाइड्रेट र्
खदनि तत्र्, दतिुना फोस्फोरस, चार िुना िोटीन और पाांच िुना दर्टादमन-ए र् आयरन होता है। इसदलए सोच
बददलए, डॉक्टर को अके ला छोद़ये, रोि के ला खाकर स्र्स्थ बने रदहये।
के ला बुदिमान एर्ां दर्र्ेकी व्यदियों का दिय आहार है। के ले का सांबांर् दर्द्या एर्ां बुदि से है, क्योंदक हमारे शास्त्रीय
मतों के अनुसार दर्द्या बुदि के स्र्ामी भिर्ान बृहस्पदत िी का र्ास के ले पर होता है, इसीदलए दहन्डदू र्मावर्लदम्बयो
के अनुसार के ले के पे़ की पूिा बृहस्पदत र्ार के ददन करने का दर्र्ान है। दहन्डदू पूिा पाठ में भी के ले, उसके पत्ते
एर्ां र्ृक्ष को भी अदत पार्न स्थान िाप्त है।
के ले का इनिहास
के ले की उत्पदत्त लिभि 4000 र्षव पूर्व मलेदशया में हुई। यहााँ से के ला दफदलपीन्डस और भारत पहुाँचा। क्राइस्ट से
327 र्षव पहले दसकां दर दहन्डदुस्तान के के लों को यूरोप लेकर िया। दफर अरब के सौदािरों ने के लों को अफ्रीका में
बेचना शुरू दकया। सन् 1482 में पुतविादलयों ने अमेररकी महाद्वीप को दनयावत करना शुरू दकया। लेदकन यू.एस.ए. के
लोि के ले का स्र्ाद 19 र्ीं शताब्दी के आदखरी सालों में ही चख पाये। उसके बाद तो के ला पूरी दुदनया का चहीता
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फल बन िया। आि सभी उष्णकदटबांर्ीय और उपोष्णकदटबांर्ीय देशों िैसे भारत, चीन, दफदलपीन्डस, इक्र्ाडोर,
ब्रािील, इांडोनेदशया, तांिादनया, िोटामाला, एांिोला और मेदक्सको में खूब के ला पैदा होता है। भारत दुदनया का
सबसे ब़ा के ला उत्पादक देश है और अब दुदनया भर के बािारों में अपनी दहस्सेदारी बढाने के दलए तैयार है।
इसदलए दनकट भदर्ष्य में के ला मांहिा हो सकता है। हमारे यहााँ के ले का सालाना उत्पादन 29.6 दबदलयन दकलो
(220,000,000,000 के ला) होता है।
पोषक ित्व
के ले में पोटेदशयम, कै दशशयम, मैग्नेदशयम, मैिनीि, कापर, आयरन, फास्फोरस, सशफर, आयोडीन,
अशयुमीदनयम, दिांक, कोबाशट, साइदिक एदसड, मैदलक एदसड, आक्िेदलक एदसड आदद तत्र् होते हैं।
Energy 90 Kcal Vitamin B-12 0 mg
Carbohydrates 22.84 g Electrolytes
Protein 1.09g Sodium 1 mg
Total Fat 0.33 g Potassium 358 mg
Cholesterol 0 mg Minerals
Dietary Fiber 2.60 g Calcium 5 mg
Vitamins Copper 0.078 mg
Folates 20 µg Iron 0.26 mg
Niacin B-3 0.665 mg Magnesium 27 mg
Pantothenic acid B-5 0.334 mg Manganese 0.270 mg
Pyridoxine B-6 0.367 mg Phosphorus 22 mg
Riboflavin B-2 0.073 mg Selenium 1.0 µg
Thiamin B-1 0.031 mg Zinc 0.15 mg
Vitamin A 64 IU Phyto-nutrients
Vitamin C 8.7 mg Carotene-α 25 µg
Vitamin E 0.10 mg Carotene-ß 26 µg
Vitamin K 0.5 µg Lutein-zeaxanthin 22 µg
के ले के बारे में कु छ रोचक और ननराले िथ्य
के ले को कभी भी रेदफ्रिरेटर में नहीं रखना चादहये।
मच्छर काटने पर के ले का दछलका रि़ने से आराम दमलता है।
के ला मन और शरीर को ठांडक िदान करता है। इसदलए थाईलैंड में िभवर्ती नाररयाां के ला खाना पसांद
करती हैं तादक उनका दशशु शाांत िकृ दत का पैदा हो।
के ले की 500 ििादतयाां होती हैं। आस्िेदलया की एक ििादत के के ले लाल होते हैं और पकने पर स्र्ाद में
स्िॉबेरी की तरह लिते हैं।
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के ला क्षारीय माना िाता है।
के ला थो़ा सा रेदडयोएदक्टर् होता है क्योंदक इसमें आइसोटोप पोटेदशयम-40 का थो़ा सा अांश होता है।
लेदकन नुकसान नहीं करता है।
पूर्ी अफ्रीका में के ले से दबयर भी बनाई िाती है।
अमेररकन साल भर औसतन 27 पौंड के ला खा लेता है।
एक बार भारत में एक व्यदि ने आर्े घांटे में 81 के ले खाये थे।
सन् 2001 में के ले के कारण 300 हादसे दिव दकये िये, दिनमें से अदर्काांश इसके दछलके पर लोिों का
पैर दफसलने के कारण हुए। इसदलए कभी भी के ले का दछलका स़क पर नहीं फैं के ।
अदर्काश फलों के दर्परीत के ला पे़ पर नहीं बदशक एक सदाबहार पौर्े पर पैदा होता है। इसका तना कई
पदत्तयों के िु़ने और दचपकने से बनता है। के ले के िुच्छे को हैंड और एक के ले को दफां िर कहते हैं।
के ले का दछलका भी बहुत उपयोिी है। इसके अांदर के दहस्से को मुहाांसे या मस्से पर रि़ने से र्े सूख िाते
हैं। इसे चम़े के िूतों पर रि़ने से र्े चमक उठते हैं। के ले का दछलका िुलाब के दलए बदढया खाद का
काम करता है।
स्फू निि और शनिदायक के ला
के ले में सुक्रोि, फ्रु क्टोि और ग्लुकोि नाम की तीन
िाकृ दतक शकव राएां होती हैं। इसदलए के ला तुरांत शदि
देता है। शोर्कताव बतलाते हैं दक दसफव दो के ले खाने
से 90 दमनट तक र्कव आउट करने की ऊिाव दमल
िाती है। इसदलए के ला अदर्काांश दखला़ी और
पहलर्ानों का पसांदीदा फल है। लेदकन पयावप्त
फाइबर होने की र्िह से कच्चे के ले का
ग्लायसीदमक इांडेक्स 30 और पके के ले का 60 होता
है। इसका मतलब इसका सेर्न करने से ब्लड शुिर
झटके से उछाल नहीं मारती बदशक आदहस्ता से
बढती है, अतः इसे डायदबटीि में खाया िा सकता
है। के ले में आयरन भी पयावप्त होता है, इसदलए यह
खून की कमी भी दूर करता है।
बुनिमान और खुशहाल बनाये के ला
बच्चों के बुदिमान बनाना है, तो उन्डहें के ला िरूर दखलाइये। के ला दखलाने से दर्द्याथी ऊिावर्ान, सदक्रय और
सतकव हो िाते हैं। के ले में दिप्टोफे न, सीरोटोदनन और इदपनेफ्रीन होते हैं िो हमें खुश और तनार्मुि रखते हैं और
दडिेशन दूर करते हैं। के ले में कॉपर, मेग्नीदशयम और मेंिनीि भी होता है। साथ ही इसमें भरपूर दर्टादमन बी-6
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होता है िो िो मदस्तष्क और नाद़यों के दलए बहुत िरूरी माना िाता है और यह अदनद्रा, व्याकु लता दूर करता है
तथा मूड सही रखता है।
हृदयरोग
के ला पोटेदशयम का बहुत ब़ा स्त्रोत है। िी हाां, एक के ले में
भरपूर 467 दमदलग्राम पोटेदशयम होता है िबदक सोदडयम मात्र
1 दमदलग्राम होता है। इसदलए रोि एक या दो के ला खाने से
आपको रिचाप और ऐथेरोदस्क्लरोदसस होने का खतरा नहीं
होिा। पोटेदशयम हृदय िदत को दनयांदत्रत रखता है और शरीर में
िल के स्तर को सामान्डय बनाये रखता है। शोर्कतावओांने दसि
दकया है दक िो लोि अपने आहार में पोटेदशयम, मेग्नीदशयम
और फाइबर अदर्क लेते हैं उन्डहें स्िोक होने का िोदखम भी
बहुत कम रहता है।
आहार िंत्र
के ला आमाशय में होने र्ाले िेस्िाइदटस और अशसर से सुरक्षा िदान करता है। के ला दो तरह से आमाशय की रक्षा
करता है। एक तो के ला आमाशय की आांतररक सतह की कोदशकाओां को िोत्सादहत करता है दिससे र्े श्लेष्मा
(म्युकस) की मोटी सुरक्षात्मक परत बनाती हैं िो अम्ल से होने र्ाली क्षदत से आमाशय की रक्षा करती है। दूसरा
के ले में िोदटएि इदन्डहबीटसव नाम के तत्र् होते हैं िो अशसर बनाने र्ाले एच. पाइलोराई और अन्डय िीर्ाणुओां का
सफाया करते हैं। के ला बहुत िशदी पचता है इसदलए छोटे बच्चों के दलए यह अच्छा भोिन है।
के ला आहार पथ को िदतशील और स्र्स्थ रखता है। दस्त लिने पर इलेक्िोलाइट्स की एकदम कमी हो िाती है।
ऐसे में के ला खाने से हमें तुरांत पोटेदशयम दमल िाता है िो हृदय की कायव-िणाली को दनयदमत करता है और तरल
की दस्थदत सांतुदलत करता है।
के ले में पेदक्टन नामक घुलनशील फाइबर (दिसे हाइड्रोकोलॉयड भी कहते हैं) होता है िो आहार पथ को िदतशील
रखता है और कब्ि में राहत देता है। के ले में कु छ िदटल स्टाचव भी होते हैं िो आांतो का शोर्न करते हैं और सुकू न
देते हैं।
आँख की ज्योनि बढािा है
आहारशास्त्री कहते हैं दक एांटीऑक्सीडेंट दर्टादमन ए, सी और ई और के रोदटनॉयड्स से भरपूर के ला और अन्डय
फलों का सेर्न करने से ऐि ररलेटेड मेक्यूलर दडिनरेशन (ARMD) का िोदखम कम होता है। यह रोि र्ृिार्स्था
में दृदष्ट दोष का ब़ा कारण माना िाता है।
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हड्नडयों को मजबूि बनािा है के ला
के ला खाने से हड्दडयाां मिबूत होती हैं। के ला कै दशशयम के अर्शोषण और चयापचय को कई तरह से उत्सादहत
करता है। पहले तो के ला फ्रु क्टोऑदलिोसेके रॉयड नामक दिबायोदटक का बहुत अच्छा स्रोत है िो हमारी ब़ी आांत
में दहतकारी िीर्ाणुओां का पोषण करते हैं। ये दहतकारी िीर्ाणु दर्टादमन्डस और पाचक एांिाइम्स बनाते हैं िो
कै दशशयम समेत कई पोषक तत्र्ों का अर्शोषण और हादनकारक िीर्ाणुओांसे रक्षा करने र्ाले यौदिकों का दनमावण
बढाते हैं। िब आांत के दहतैषी िीर्ाणु फ्रु क्टोऑदलिोसेके रॉयड को फमेंट करते हैं तो िोबायोदटक्स की सेना बढती
है, कै दशशयम का अर्शोषण
िोत्सादहत होता है और
आांते िदतशील रहती हैं।
नकडनी कैं सर में
कारगर है के ला
इांटरनेशनल िरनल ऑफ
कैं सर में िकादशत शोर् के
अनुसार रोिाना सदब्ियों
और फलों की औसत 2.5
सदर्िंि लेने र्ाली दस्त्रयों में
दकडनी के कैं सर की दर में
40% कमी देखी िई। इनमें
के ला सबसे कारिर सादबत
हुआ।
एच.आइ.वी.
के ले में बेनलेक नाम का
लेदक्टन िोटीन होता है िो
शकव रा से दमल कर
एच.आइ.र्ी. सांक्रदमत
कोदशका के चारो तरफ एक चक्रव्यूह की रचना कर डालता है, दिससे एच.आइ.र्ी. र्ायरस का दर्कास और िसार
बुरी तरह िभादर्त होता है। इसदलए एच.आई.र्ी. रोि में के ला कशयाणकारी माना िया है।
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आयुवेद में के ले के प्रयोग
के ला खाए िाकिवर हो जाये - के ला रोचक, मर्ुर, शदिशाली, र्ीयवर्र्वक, शुक्रर्र्वक, माांस बढाने
र्ाला और नेत्रदोष में दहतकारी है। पके के ले के दनयदमत सेर्न से शरीर पुष्ट होता है। यह कफ, रिदपत, र्ात और
िदर के दर्कारों को नष्ट करता है।
पेनचश रोग - में थो़े-से दही में के ला दमलाकर सेर्न से फायदा होता है। पेट में िलन होने पर दही में चीनी
और पका के ला दमलाकर खाएां । इससे पेट सांबांर्ी अन्डय रोि भी दूर होते हैं। अशसर के रोदियों के दलए कच्चे के ले
का सेर्न रामबाण औषदर् है।
खाँसी - एक पके के ले में आठ साबुत काली दमचव भर दें, र्ापस दछलका लिाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच
िाने के पूर्व िातः काली दमचव दनकालकर खा िाएाँ, दफर ऊपर से के ला भी खा िाएाँ। इस िकार कु छ ददन करने से
हर तरह की खााँसी ठीक हो िाती है। अिर दकसी को काली खाांसी हो ियी है तो के ले के तने को सुखाकर दफर
िला कर िो राख बचती है र्ह दो-तीन चुटकी लीदिये और शहद दमला कर चटा दीदिये। काली खाांसी ि़ से
ख़त्म हो िाएिी।
जलने के घाव - आि से शरीर का कोई दहस्सा िल िया हो तो र्हााँ के ले को मसल कर रख दीदिये और
ऊपर से पट्टी बााँर् दीदिये। िलन भी कम होिी और घार् भी ठीक होिा।
मूत्राशय की पथरी -के ले के तने की भस्म को पानी में घोल कर पीने से मूत्राशय की पथरी िल कर दनकल
िाती है। के ले का रस पीने से खुल कर पेशाब आता है और मूत्राशय साफ़ हो िाता है। दिससे देह में सांदचत रोि के
कीटाणु नष्ट हो िाते हैं। के ला अिर एक दनदित मात्रा में रोि खाया िाए तो ये दकडनी को मिबूत बनाता है।
संग्रहणी - दकसी को सांग्रहणी की दशकायत हो तो र्ह पके के ले के साथ इमली और नमक खाए, यह दमश्रण
सांग्रहणी दूर कर देता है। हैिे से ग्रदसत रोिी को सुबह शाम एक एक पका के ला िरूर दखलाना चादहए।
सांस की बीमारी -साांस से सम्बांदर्त कोई भी बीमारी हो तो एक के ला लीदिये, उसमे बीच में चीरा लिाकर
काली दमचव का 3-4 ग्राम पार्डर भर के रात भर रख दीदिये। सर्ेरे इस के ले को तर्े पर ज़रा सा देशी घी डाल कर
सेंक कर खा लीदिये। ३ ददन लिातार इस्तेमाल करे। साांस की बीमारी ख़त्म हो िायेिी।
बबासीर - एक के ले को बीच से चीरा लिाकर चना बराबर कपूर बीच में रख दे दफर इसे खाए इससे बबासीर
एकदम ठीक हो िाती है।
मधुमेह - के ले के फू लों का सत दमल िाए तो इसे ब्लड सुिर को कां िोल करने के दलए रोिाना एक चुटकी खा
लीदिये। यह बहुत अचूक दर्ा है।
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उपसंहार
दोस्तों, एक बुरी खबर है आि पूरे दर्श्व में के ले की
दितनी भी ििादतयाां उपलब्र् हैं र्े सभी पीले रांि
की के र्ेंदडश ििादत से ही दर्कदसत की िई हैं। हो
सकता है बीमारी के कारण दनकट भदर्ष्य में यह
ििादत पूरी तरह लुप्त हो िाये। अनुसांर्ानकताव यह
मानते हैं दक अिले 20 र्षों में ऐसा हो सकता है।
पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। पुराने िमाने में
ग्रोस दमशेल ििादत का के ला िचदलत था िो बहुत
स्र्ाददष्ट था, शैशफ लाइफ भी ज्यादा थी और ब़ा
भी होता था। दपछली सदी के आरांभ में यह ििादत
एक बीमारी के कारण एकदम लुप्त हो िई। इसीदलए कृ दष र्ैज्ञादनक के ले की ऐसी ििादत दर्कदसत करने कौदशश कर
रहे हैं दिसे बीमारी नष्ट नहीं कर सके । इसदलए मिे ले लेकर खूब के ले खाइये, तादक आप अपनी औलादों को
बतला तो सकें दक के र्ेंदडश के ला दकतना स्र्ाददष्ट लिता था।