2. कमया
कमया :- जब किसी वस्तु पर िोई बल लगाने से वह वस्तु बल िी किशा में िुछ कवस्थाकपत हो , तो उसे िार्य िहते हैं ।
कार्य की परिभाषा :- जब िोई बल (F) लगाने से बल िी किशा में वस्तु िा कवस्थापन (d) होता है, तो उसे िार्य
िहते हैं ।
िार्य भौकतिी िी सबसे महत्वपूर्य राकशर्ों में से एि है। िार्य िरने िी िर िो शकि िहते हैं। िार्य िरने र्ा
िराने से वस्तुओं िी ऊजाय में पररवतयन होता है।
1. िार्य एि अकिश राकश है।
2. िार्य िा मात्रि 'जूल' है। इसे संक्षेप में J से कनरूकपत किर्ा जाता है।
3. 1 जूल (J) = 1 न्र्ूटन मीटर
किसी वस्तु पर F बल लगाने पर वह वस्तु बल िी किशा में d िूरी कवस्थाकपत हो जार् तो किर्ा गर्ा िार्य
W = F d
र्ा
W = f s
जहा f = बल
d = िूरी
S = कवस्थापन है, होगा।
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3. उदाहिण
1. 10 न्र्ूटन (F = 10 N) िा बल किसी वस्तु पर िकक्षर् किशा में लगता है और वह वस्तु िकक्षर् किशा में 2 मीटर
(d = 2 m) कवस्थाकपत हो जाती है तो बल द्वारा किर्ा गर्ा िार्य ?
W = Fd
W = (10 N) (2 m)
W = (20 Nm)
W = (20 J)
2. किसी वस्तु पर 5 न्र्ूटन (F = 10 N) िा बल लगािर उसे 4 मीटर (d = 4 m) कवस्थाकपत िरने पर िार्र् होगा?
W = Fd
W = (5 N) (4 m)
W = (20 Nm)
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4. ऊर्ाय
ऊर्ाय :- किसी भी िार्यिताय िे िार्य िरने िी क्षमतािो ऊजाय िहते हैं। ऊ
ँ चाईसे कगरते हुए जल में ऊजाय है, क्र्ोंकि उससे
एि पकहर्े िो घुमार्ा जा सिता है, कजससे कबजली पैिा िी जा सिती है।
ऊर्ाय की परिभाषा:- िार्य िर सिने िी क्षमता िो ऊजाय िहते हैं। जब धनुष से कशिार िरने वाला िोई कशिारी डोरी
िो खींचता है, तो धनुष में ऊजाय आ जाती है, कजसिा उपर्ोग बार् िो कशिार ति चलाने में किर्ा जाता है।
ऊर्ाय के विवभन्न रूप
1. िसार्न ऊर्ाय :- रासार्कनि ऊजाय रासार्कनि र्ौकगिों (परमार्ुओं और अर्ुओं) िे बंधनों में संग्रहीत ऊजाय है।
रासार्कनि ऊजाय रासार्कनि प्रकतकिर्ामें अक्सर गमी िे रूप में जारी िी जाती है। उिाहरर् िे कलए, हम लिडी, िोर्ले
जैसे ई ंधनों में रासार्कनि ऊजाय िो जलािर उपर्ोग िरते हैं।
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5. 2. विद्युतीर् ऊर्ाय :- कवद्युत ऊजाय एि कवद्युत चालि में इलेक्रॉनों िो स्थानांतररत िरने वाली ऊजाय है। र्ह ऊजाय िे
सबसे सामान्र् और उपर्ोगी रूपों में से एि है। उिाहरर् - कबजली। ऊजाय िे अन्र् रूपों िो भी कवद्युत ऊजाय में पररवकतयत
किर्ा जाता है। उिाहरर् िे कलए, कबजली संर्ंत्र अपने रूप में कवकभन्न पररवतयनों िे माध्र्म से िोर्ले जैसे ई ंधन में संग्रहीत
रासार्कनि ऊजाय िो कबजली में पररवकतयत िरते हैं।
3. र्ाांविक ऊर्ाय :- र्ांकत्रि ऊजाय वह ऊजाय है जो किसी पिाथय र्ा प्रर्ाली िी गकत िे िारर् होती है। उिाहरर् िे कलए
मशीनें िाम िरने िे कलए र्ांकत्रि ऊजाय िा उपर्ोग िरती हैं।
4. ऊष्मीर् ऊर्ाय :- ऊष्मीर् ऊजाय वह ऊजाय है जो एि पिाथय र्ा प्रर्ाली अपने तापमान से संबंकधत होती है, अथायत
अर्ुओंिो गकतमान र्ा िं पन िरने िी ऊजाय।उिाहरर् िे कलए, हम भोजन पिाने िे कलए सौर कवकिरर् िा उपर्ोग िरते
हैं।
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6. 5. पिमाणु ऊर्ाय :- परमार्ु ऊजाय वह ऊजाय है जो प्रत्र्ेि परमार्ु िे अंिर फं सी होती है। परमार्ु ऊजाय िा उत्पािन र्ा तो
संलर्न (परमार्ुओं िे संर्ोजन) र्ा कवखंडन (परमार्ुओं िे कवभाजन) प्रकिर्ा द्वारा किर्ा जा सिता है। कवखंडन प्रकिर्ा
व्र्ापि रूप से उपर्ोग िी जाने वाली कवकध है।
6. गुरुत्िाकषयणऊर्ाय :- गुरुत्वािषयर् ऊजाय वहऊजाय है जोकिसी वस्तु द्वारा गुरुत्वािषयर् क्षेत्र में रखी जातीहै। उिाहरर्ों
में एि झरने से बहता पानी शाकमल है।
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