WASH( Water Sanitation and Hygiene) by Dr Sushma Singh
Chapter 3, politics of planned development
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स्वतंत्र भारत में राजनीतत
अध्याय – 3 तनयोजजत ववकास की राजनीतत
by
Dr Sushma Singh
(Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi)
पाठ के अंत में हम जान पाएंगे
भूममका
नियोजित का आशय हैं उपलब्ध संसाधिों के श्रेष्ठतम प्रयोग के ललए भविष्य की योििा
बिािा । नियोिि के मध्यम से उत्पादि में िृद्धध, रोिगार एक अिसरों में िृद्धध और
आधथिक जथथरता आदद लक्ष्यों को प्राप्त ककया िाता हैं ।
I. आिादी के बाद लगभग सभी इस बात पर सहमत थे कक भारत के विकास का
अथि आधथिक संिृद्धध और आधथिक सामाजिक न्याय दोिों ही हैं ।
II. इस बात पर भी सहमनत थी कक आधथिक विकास और सामाजिक- आधथिक न्याय
को के िल व्यिसायी , उद्योगपनत ि ककसािों के भरोसे िहीं छोड़ा िा सकता
। सरकार को प्रमुख भूलमका निभािी होगी ।
III. आिादी के िक्त विकास का पैमािा पजचिमी देशों को मािा िाता था ।
आधुनिक होिे का अथि था पजचिमी औद्योधगक देशों की तरह होिा ।
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भूममका
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प्रथम पंचवर्षीय योजना
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द्ववतीय पंचवर्षीय
योजना
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ववकास का के रल
माडल
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हररत क्ांतत
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श्वेत क्ांतत
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प्रमुख कृ वर्ष क्ांतत व
उनके उद्देश्य
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पंचवर्षीय योजनाएँ
तथा उनके उद्देश्य
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IV. विकास के दो माडल थे पहला – उदार िादी- पूंिीिादी माडल तथा दूसरा -समाि
िादी माडल । भारत िे लमधश्रत अथि व्यिथथा का माडल , जिसमें सािििनिक
ि नििी क्षेत्र गुणों का समािेश था , अपिाया ।
V. आिादी के आंदोलि के दौराि िेताओं में सहमनत बि गई थी कक गरीबी लमटािे
और सामाजिक -आधथिक पुि वितरण के काम का मुख्य जिम्मा आिाद भारत
की सरकार का होगा ।
VI. कृ वि अथिा उद्योग ककसे प्राथलमकता लमले , इस पर मतभेद थे ।
VII. 1944 में उद्योगपनतयों के एक समूह िे देश में नियोजित अथिव्यिथथा िलािे
का एक प्रथताि तैयार ककया । इसे बाम्बे प्लाि कहा िाता हैं । बाम्बे प्लाि
की मंशा थी कक सरकार औद्योधगक तथा अन्य आधथिक नििेश के क्षेत्र में बड़े
कदम उठाए ।
VIII. योििा आयोग की थथापिा मािि 1950 में भारत सरकार के एक प्रथताइि
द्िारा की गई । प्रधाि मंत्री इसके अध्यक्ष बिे ।
IX. 01 िििरी 2015 से योििा आयोग के थथाि पर िीनत आयोग अजथतत्ि में
आया हैं । जिसके अध्यक्ष श्री िरेंद्र मोदी हैं एिं ितिमाि उपाध्यक्ष रािीि कु मार
हैं । िीनत शब्द का विथतार हैं National institute for Tranforming India
।
X. सोवियत संघ की तरफ से भारत के योििा आयोग िे भी पंिििीय योििाओं
का राथता िुिा ।
XI. पंिििीय योििा से तात्पयि था कक अगले पााँि ििों के ललए सरकार की आमदिी
और खिि की योििा होगी ।
1. प्रथम पंचवर्षीय योजना
1951 - 56 में ज्यादा ज़ोर कृ वि क्षेत्र पर था । इसी योििा के अंतगित बांध और
लसंिाई के क्षेत्र में नििेश ककया गया । भाखड़ा – िागल पररयोििा इिमें से एक थी ।
2. द्ववतीय पंचवर्षीय योजना
1956 -61 में उद्योगों के विकास पर ज़ोर ददया गया । सरकार िे देसी उद्योगों को
संरक्षण देिे के ललए आयात पर भारी शुल्क लगाया । इस योििा के योििाकार पी सी
महालिोिीस थे ।
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3. ववकास का के रल माडल
I. के रल में विकास और नियोिि के ललए अपिाए गए इस माडल में लशक्षा, थिाथ्य
, भूलम सुधार , कारगर खाद्य -वितरण और गरीबी उन्मूलि पर ज़ोर ददया िाता
रहा हैं ।
II. िे सी कु मारप्पा िैसे गांधीिादी अथिशाजथत्रयों िे विकास की िैकजल्पक योििा प्रथतुत
की, जिसमें ग्रामीण औद्योगीकरण पर ज्यादा ज़ोर था ।
III. िौधरी िरण लसंह िे भारतीय अथिव्यिथथा के नियोिि में कृ वि को कें द्र में रखिे
की बात प्रभािशाली तरीके से उठाई ।
IV. भूलम सुधार के अंतगित िमींदारी प्रथा की समाजप्त, िमीि के छोटे छोटे टुकड़ों
को एक साथ करिा (िकबंदी ) और िो काचतकार ककसी दूसरे की िमीि बटाई
पर िोत -बो रहे थे , उन्हें कािूिी सुरक्षा प्रदाि करिे ि भूलम थिालमत्ि सीमा
कािूि का निमािण िैसे कदम उठाए गए ।
V. 1960 के दशक में सूखा ि अकाल के कारण कृ वि की दशा बद से बदतर हो गयी
। खड़ी संकट के कारण गेहूं का आयात करिा पड़ा ।
4. हररत क्ांतत
I. सरकार िे खड़ी सुरक्षा को सुनिजचित करिे के ललए एक िई रणिीनत अपिाई , िो
कक हररत क्ांनत के िाम से िािी िाती हैं । िब उि इलाकों पर ज्यादा संसाधि
लगािे का निणिय ललया गया जििमें लसंिाई की व्यिथथा मौिूद थी तथा ककसाि
समृद्ध थे । सरकार िे उच्ि गुणित्ता के बीि , उििरक , कीटिाशक और बेहतर
लसंिाई सुविधा बड़े अिुदानित मूल्य पर मुहैया करािा शुरू ककया उपि को एक
निधािररत मूल्य पर खरीदिे की गारंटी दी । इि संयुक्त प्रयासों को ही हररत क्ांनत
कहा गया । भारत में हररत क्ांनत के ििक एम एस थिामीिाथि को कहा िाता
हैं ।
II. इसके कारण गेहूं की पैदािार में बढ़ौतरी हुई ि पंिाब हररयाणा ि पजचिमी उत्तरप्रदेश
िैसे इलाके समृद्ध हुए ।
III. इसका िकारात्मक प्रभाि यह हुआ कक क्षेत्रीय ि सामाजिक असमािता बढ़ी ।
IV. हररत क्ांनत के कारण गरीब ककसाि ि बड़े भूथिामी के बीि अंतर बढ़ा जिससे
िामपंथी संगठिों का उभर हुआ । मध्यम क्षेणी के भू – थिालमत्ि िाले ककसािों का
उभर हुआ ।
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5. श्वेत क्ांतत
लमल्क मैंि ऑफ इंडडया िाम से मशहूर िगीज़ कु ररयि िे गुिरात सहकारी दुग्ध एिं
विपरण पररसंघ में महत्िपूणि भूलमका निभाई और अमूल की शुरुआत की । इसमें गुिरात
के 25 लाख दूध उत्पादक िुड़े । इस माडल के विथतार को ही चिेत क्ांनत कहा गया ।
6. प्रमुख कृ वर्ष क्ांतत व उनके उद्देश्य
हररत क्ांनत खाद्यान्ि उत्पादि बढ़ािा
चिेत क्ांनत दुग्ध उत्पादि बढ़ािा
पीली क्ांनत नतलहि उत्पादि बढ़ािा
िील क्ांनत मत्थय उत्पादि बढ़ािा
7. पंचवर्षीय योजनाएँ तथा उनके उद्देश्य
पंचवर्षीय योजनाएँ अवधि उद्देश्य
प्रथम 1951 - 56 कृ वर्ष ववकास
द्ववतीय 1956 – 61 औद्योधगक ववकास
तृतीय 1961- 66 खाद्यान्न आत्मतनभभरता, बेरोजगारी उन्मूलन
चौथी 1969 – 74 उत्पादन वृद्धि, आधथभक जस्थरता
पाँचवीं 1974 - 79 आत्मतनभभरता, तनिभनता दूर करना
छठी 1980 – 85 ऊजाभ संसािन ववकास , कमजोर वगभ की हहत पूततभ
सातवीं 1985 - 90 खाद्य उत्पादन, आिुतनकरण, ग्रामीण ववकास
आठवीं 1992 - 97 रोजगार, स्वास््य, सक्षरता
नौवीं 1997 – 2002 सामाजजक ववकास, 6 प्रततशत आधथभक ववकास
दसवीं 2002 - 2007 सामाजजक -औद्योधगक ववकास तथा 7 प्रततशत
आधथभक ववकास
ग्यारहवीं 2007 – 2012 ऊजाभ, रोजगार 9 प्रततशत ववकास
बारहवीं 2012 – 2017 8 प्रततशत आधथभक ववकास