1. Nursery raising and management
Dr. Rahul Dev
Scientist (Senior Scale)
E mail: rahul2iari@gmail.com
09426548740
ICAR-VIVEKANANDA PARVATIYA KRISHI ANUSANDHAN SANSTHAN
ALMORA, UTTARAKHAND
2. किसी भी उत्पादन प्रणाली िी सफलता इस बात पर कनभभर िरती है कि हम
किस प्रिार ि
े बीज बो रहे हैं
अच्छी तरह
से प्रबंधित
नससरी
स्वस्थ पौि
अधिक
उपज
अधिक
लाभ
3. Status of Vegetable in NW Himalayan
Source: National Horticulture Board, 2018
States Area (000ha) Production (000t) Productivity (MT/ha)
NWH 245.67 4027.21 16.39
National 10259.12 184394.28 17.97
100.06,
41%
89.32,
36%
56.29,
23%
Area (000ha)
UK
HP
J&K
989.41,
25%
1811.78,
45%
1226.02,
30%
Production (000t)
UK
HP
J&K
9.89,
19%
20.28,
39%
21.78,
42%
Productivity (MT/ha)
UK
HP
J&K
5. What is Nursery
Nursery is a place where seedlings, cuttings and grafts are
raised with care before transplanting
6. Why we need nursery
Some vegetables require special cares during their early
growth period. There are some vegetables with very
small sized seeds. These are first sown in the
nursery for better care and to combat with the
time for field preparation and after about one
month of seed sowing, transplanted in the main
field.
Tomato, Brinjal, Onion, Chillis, Capsicum, Cauliflower, Cabbage, Knol-khol (kohl
rabi), Chinese cabbage, Cabbage, Brussels sprouts, Sprouting broccoli, Endive,
Chicory (red and green), Celery, Kale
7. Advantages of Nursery Management:
1. It is possible to provide favourable growth conditions i.e.
germination as well as growth.
2. Better care of younger plants as it is easy to look after
nursery in small area against pathogenic infection, pests and
weeds.
3. Crop grown by nursery raising is quite early and fetch higher
price in the market, so economically more profitable.
4. There is saving of land and labour as main fields will be
occupied by the crops after 1 month. More intensive crop
rotations can be followed.
5. More time is available for the preparation of main field
because nursery is grown separately.
6. As vegetable seeds are very expensive particularly hybrids,
so we can economize the seed by sowing them in the
nursery.
8. सब्जियोों िी नसभरी ि
े प्रिार
1- ऊपर उठी हुई क्याररयाों (रेज्ड बेड):- वर्ाभ ि
े मौसम में पौधे तैयार िरने हेतु समतल
क्याररयाों बनाते हैं।
2- समतल क्याररयाों (फ्लैट बेड):- गमी एवों ठों ड ि
े मौसम में पौधे तैयार िरने हेतु
समतल क्याररयाों बनाते हैं।
3. क्याररयाों (Sunken Bed): This type of nursery bed is prepared in dry and
windy areas.
9. Saline
Alkaline
Loam: 40–40–20% (Sand: Silt: Clay)
सब्जियोों िी पौध नसभरी में लगभग एि मीटर चैड़ी क्याररयोों में उगाई जाती
है। इस हेतु मृदा िा अच्छी भौकति दशा वाला होना आवश्यि है। कमट्टी
हल्की भुरभुरी व पानी िो सोखने वाली होनी चाकहये। सतह पर जल्दी सूखने
वाली होनी चाकहयें, पर वैसे एिदम सूख जाने वाली भी होनी चाकहये। उसमें
पयाभप्त मात्रा में पोर्ि तत्व होने चाकहये।
नसभरी ि
े कलये मृदा तैयार िरना
मृदााः
10. नसभरी ि
े कलये मृदा तैयार िरना
एि समान और अच्छे अोंि
ु रण ि
े कलये कमट्टी िा महीन नम और भली-भाोंकत बैठा
हुआ होना आवश्यि है।
कमट्टी में अच्छी िाबभकनि खाद जैसे-पिी हुई िम्पोस्ट या गोबर िी खाद कमलाई
जानी चाकहये। गमलोों, बक्ोों आकद में भरने ि
े कलये उपयुक्त एि अच्छे कमश्रण में 2
भाग कमट्टी, 1 भाग बालू तथा 1 भाग पकियोों िी खाद होनी चाकहये। नसभरी क्याररयोों
िी कमट्टी िो किनारे से दाब िर अच्छी तरह बैठा देना चाकहये अन्यथा वह कसोंचाई
या भारी वर्ाभ ि
े िारण िटने लगती है। खुले में बनी क्याररयोों िी चौड़ाई इतनी
होनी चाकहये कि नसभरी से घुसे बगैर कनोंदाई िरने तथा पानी देने में िकठनाई न होों।
13. मृदा सौरकरण
यह कनयोंकत्रत िरने ि
े कलए एि पयाभवरण ि
े अनुि
ू ल तरीिा है कमट्टी से पैदा होने वाले
पौधोों ि
े रोगजनिोों, कजनमें बैक्टीररया, िवि, नेमाटोड, िीट-िीट और मातम। सौर
ऊजाभ कमट्टी ि
े तापमान िो बढाता है, जो कवकभन्न मृदा जकनत रोगजनिोों िो कनयोंकत्रत
िरने में मदद िरता है। सबसे उपयुक्त समय
कमट्टी ि
े सौरिरण ि
े कलए मई-जून है जब तापमान 47 कडग्री सेब्जियस या उससे अकधि
ति पहुोंच जाता है।
1. साइट िो अच्छी तरह से सीोंचें और इसे 5-6 सप्ताह ि
े कलए 200 गेज िी िाली
पॉकलथीन कफल्म से ढि दें
2. हाकशये िो ढँििर िवररोंग िो एयरटाइट बना लें
3. उपचाररत होने पर नसभरी बेड तैयार किया जा सिता है
14. 1. सवभप्रथम उपरोक्तानुसार क्याररयाों तैयार िरने ि
े बाद 10 कम.ली फॉमेकलन एि लीटर
पानी में कमला िर घोल बना लें।
2. इस घोल िो नसभरी िी क्याररयोों पर लगातार किड़िते रहें ताकि क्याररयोों िी ऊपरी
15 सें.मी. तह िी कमट्टी दवा ि
े घोल से सोंतृप्त हो जाए।
3. किड़िाव ि
े तुरन्त बाद क्याररयोों िो पॉकलथीन शीट पर अनुपयोगी बोरोों से ढोंि दें
ताकि फॉमेकलन व्यथभ न जािर मृदा में ही समा जाए।
4. किड़िाव ि
े सात कदन बाद ढोंि
े हुए बोरोों या पॉकलथीन शीट िो हटा लें।
5. क्याररयोों िो फावड़े से गुड़ाई िर सात कदनोों ति खुला िोड़ दें, तदुपरान्त क्याररयोों िो
समतल िरने ि
े बाद ही बीजोों िी बुवाई िी जा सिती है।
6. बुवाई ि
े बाद हाथ से या लिड़ी िी िोटी पकटया से क्यारी िो समतल िर ताकि बोया
हुआ बीज अच्छी तरह से ढि जाय।
7. इसि
े पश्चात क्यारी पर सूखी घास फ
ै ला दे ताकि क्यारी िो सीोंचते समय बीज और
कमट्टी बह न जाए। बोने ि
े तुरन्त बाद हजारे ि
े फव्वारे ि
े रूप में सीोंच दें।
फॉमेधलन उपचार
15. ि
ै प्टन या कथरम @ 5 g/m2 जैसे िविनाशी हैं कमट्टी जकनत रोगजनिोों िो कनयोंकत्रत िरने
ि
े कलए उपयोग किया जाता है।
इन िविनाशी िा उपयोग कमट्टी िी खाई ि
े रूप में भी किया जा सिता है
2.5−3 प्रकतशत िा घोल तैयार िरि
े और 4−5 लीटर/एम2 िी दर से भीगना।
फफ
ं दनाशी उपचार
16. टराइिोडमाभ जैसे ि
ु ि जैकवि एजेंटोों िा उपयोग किया जाता है मृदा जकनत रोगजनिोों िो
कनयोंकत्रत िरने ि
े कलए।
बायो-एजेंट @ 10-25 ग्राम/एम2 कमट्टी में कमकश्रत होते हैं, और 2-3 कदनोों ि
े बाद, बीज बोया
जाता है।
जैधिक उपचार
17. 1. नसभरी ि
े बीज बोने से पहले बीज िा उपचार थाइरम नामि
फफ
ूों दनाशि दवा से किया जाये। बीजोपचार ि
े कलये 25 ग्राम दवा प्रकत
किलो बीज ि
े कहसाब से िरना अकतआवश्यि है।
बीजोपचारः
18. 1. बीज बुवाई से पहले बीज िा फफ
ूँ द्नाश्क रसायनोों से सूखा उपचार िर
लेना चाकहये (2-3 ग्राम ि
ै प्टान/थीरम/ बाकवस्टीन इत्याकद फफ
ूँ दनाशि
या टराईिोडमाभ हकजभएनम प्रकत कि.ग्राम बीज िी दर से) कजससे डैकपोंग
आफ नामि बीमारी िा प्रिोप िम होगा
2. बीज िी बुवाई 5 सें.मी. दू र पोंब्जक्तोंयोों में 1 सें.मी गहराई पर िरें।
तत्पश्चात बीज िो कमट्टी या गोबर िी खाद िी पतली परत सेढिदें।
बीजाई ि
े तुरोंत बादक्याररयोों िो सुखी घास से ढिदें कजससेकमट्टी में
नमी बनी रहेगी व बीज अोंि
ु रण शीघ्र होगा। इस घास िो बीज अोंि
ु रण
शुरु होते ही हटाना बहुत आवश्यि होता है।
बीज िी बुवाई:
19. 1. नसभरी ि
े बीज बोने से पहले बीज िा उपचार थाइरम नामि
फफ
ूों दनाशि दवा से किया जाये। बीजोपचार ि
े कलये 25 ग्राम दवा प्रकत
किलो बीज ि
े कहसाब से िरना अकतआवश्यि है।
बीजोपचारः
20. 1. नसभरी ि
े बीज बोने से पहले बीज िा उपचार थाइरम नामि
फफ
ूों दनाशि दवा से किया जाये। बीजोपचार ि
े कलये 25 ग्राम दवा प्रकत
किलो बीज ि
े कहसाब से िरना अकतआवश्यि है।
बीजोपचारः
21. पौधशाला में कसोंचाई िी व्यवस्था अत्योंत आवश्यि होती है। शुरु िी अवस्था
में पौधशालािी फव्वारे से हल्की कसोंचाई िरें।
पौधशाला में कसोंचाई मौसम िी ब्जस्थकत पर कनभभर िरती है‚ ग्रीष्म ऋतु में
प्रात: व साोंय:िाल क्याररयोों िी कसोंचाई िरें। शीत ऋतु में एि ही बार
कसोंचाई पयाभप्त होती है। बरसात ि
े कदनोों में कसोंचाई िी आवश्यिता िम
रहती है।
पौधशाला से अकतररक्त वर्ाभ या कसोंचाई ि
े जल िा कनिास अत्योंत आवश्यि
है अन्यथा पौधे पानी िी अकधिता िी वजह से मर सिते हैं।पौधशाला िी
क्याररयाों नम होनी चाकहये। अकधि नमी होने से िमर-तोड़ रोग होने िा
खतरा बढ जाता है।
अोंि
ु रण होने पर घास हटा दें तथा कनयकमत हल्की कसोंचाई से नमी बनाए
रखें।
कसोंचाई
22. खरपतवार िा कनयोंत्रण हल्की कनराई-गुड़ाई से प्रकत सप्ताह िरें तथा
अवाोंिनीय पोधे भी कनिाल दें
अोंि
ु रण ि
े बाद पौधोों ि
े बीच लगभग 0.5-1.0 सेमी िी दू री रखते हुए
नसभरी बेड से िमजोर, अस्वस्थ, िीटग्रस्त पौधोों िो कनिालना और घने
पौधोों में उकचत दू रीरखना महत्वपूणभ है। ऐसा िरने से प्रत्येि पौधे िो
सोंतुकलत प्रिाश व हवा िा प्रवाहकमलता है व रोगग्रस्त और िीट प्रभाकवत
पौधोों ि
े कनरीक्षण में मदद कमलती है।
खरपतवार कनयोंत्रण
23. बीजोपकवकभन्न फसलोों िी बीज मात्रा व क्याररयोों िी सोंख्या
फसल क्याररय ं की संख्या बीज की मात्रा प्रधत क्यारी (ग्रा.)
टमाटर 10 40-50
बैगन 15 35-40
धशमला धमचस 10 70-80
धमचस 10 100-150
फ
ु ल ग भी
(अगेती, मध्यम ि पछेती)
10, 10, 10 60-70, 40-50, 35-40
ब्र कली 10 50-60
बंदग भी 10 40-50
चाइनीज बंद ग भी 10 60-75
गााँठ ग भी 20 50-60
सलाद (लैटयस) 10 40-50
प्याज 50 175-200
24. • िीटो व िमरतोड़ रोग से बचाव ि
े कलए 0.2 प्रकतशत इोंडोकफल एम 45
या 2 ग्राम टराईिोडमाभ हकजभएनम प्रकत लीटर पानी में कमला िर किड़िाव
िरे तथा 2कम.कल.प्रकत लीटर पानी ि
े कहसाब से मेलाथीयोोंन या
एन्डोसल्फान िा किड़िाव समय-समय पर िरते रहें।
• जब पोध 8-10 सें.मी. ऊ
ँ ची हो जाए तो 0.3 प्रकतशत यूररया िा
किड़िाविरेंताकि बढवार अच्छी हो।
• रोपाई से 3-4 कदन पहले कसोंचाई रोि दें तथा उखाड़ने से एि घोंटा पहले
हल्की कसोंचाई िरें ऐसा िरने से जड़ें नहीों टू टेगी।
• स्वस्थ पौध िा रोपण साोंयिाल में ही िरें तथा हल्की कसोंचाई िरें।
पौिशाला प्रबन्धन
25. 1. उिर भारत ि
े क्षेत्रोों में सदी ि
े मौसम में पौध बनाने में प्राय: परेशानी होती
है।पॉलीहाउसि
े अन्दर तापमान िो बढा िर और पाले से बचािर पौध िोशीघ्र व
अच्छी तरह से तैयार किया जा सिता है।
2. अन्य फसलोों जैसे िी टमाटर,बैगन, कशमला कमचभ आकद िी पौध भी पॉलीहाउस में
तैयार िरि
े बसोंत ऋतू (फरवरी-माचभ) में रोपाई ि
े कलए तैयार िी जा सिती है।इन
फसलोों िी सीधे नसभरी बेड में बुवाई िी जा सिती है।
3. खुले में पौध तैयार होने में लगभग दो माह िा समय लग जाता है क्योोंकि कदसम्बर–
जनवरी में तापमान बहुत िम होता है। जबकि पॉलीहाउस में ये पौध तीन साप्ताह में
ही तैयार हो जाती है।
4. पॉलीहाउस में बीज अोंि
ु रण अच्छा होने ि
े िारण पौध िी सोंख्या भी अकधि बनती
है।पॉलीहाउस में तैयार पौध अकधि िोमल होती है‚इसकलए िठोरीिरण िरना
आवश्यि रहता है।
पॉलीहाउस क
े अन्दर बेमौसमी पौि तैयार करना:
26. 2. Nursery raising
Operations Tomato Capsicum
200 g/ha 500 g/ha
Seed treatment Thiaram @ 3g/kg / Drenching or bio fungicide
Streptomycin @ 0.015%
Azotobacter & Azospirilum
Sowing time Jan-Feb (Spring -Summer)
June- July (Rainy- Autumn)
Sowing depth 1-2 cm 1-2 cm
Line × Line 5-7 cm 5 cm
Fertilizers and manure
per Sqm
100 g Urea (46 g N)
100 g DAP (46 P2O5+ 18 N)
70 g MOP (42 g K2 O)
FYM: 3-4 kg
Urea: 46% N
DAP: 46% P2O5+18% N
MOP: 60% K2O
27. Temporary structure to protect
seedlings from hails and rain
• Planting should be
done is raised bed
• Path 0.6 m
1 m width
Path 0.6 m
28. 3. Bed preparation
• Sandy loam soil, well drained and leveled
• Soil should be free from stones and crop residues
• Raised bed 15 -20 cm above ground
• 10 days Soil treatment
1. Soil drenching with 4 %
formaldehyde @ 4 litre /
m2
2. Followed by covering bed
with 400 gauge polyethene
sheet for 5 days
3. Open the door for next 5
days
29. 1. टमाटर, बैंगन, कशमला कमचभ, खीरे, चप्प्न िद् दू आकद िी पौध पॉलीहाउस में प्लग टरे में
आसानी से तैयार िी जा सिती है। जब इन सब्जियोों िी पौध क्याररयोों में तैयार िी
जाती है तो पौध िो उखाड़ते समय जड़ें टू टने से खेत में प्रत्यारोपण उपराोंत लगभग 10
से 15 प्रकतशत मर जाते है।
2. प्लग टरे में पौध तैयार िरने पर प्रत्यारोपण उपराोंत पौध ि
े मरने िी गुोंजाईश नहीों
रहती है। इस कवकध द्वारा पौध िी जड़ें अकधि कविकसत व लम्बी होती है, कजसि
े
िारण मुख्य खेत में प्रत्यारोपण पर पौधे आसनी से बहुत िम समय में स्थाकपत हो जाते
हैं।
3. नसभरी बेड िी अपेक्षा प्लग टरे में सब्जियोों ि
े बीज िी मात्रा िो िाफी िम किया जा
सिता है क्योोंकि प्लग टरे में प्रत्येि बीज िो अलग-अलग िे द में बोया जाता हैकजससे
प्रत्येि बीज अोंि
ु ररत होिर स्वस्थ पौध देता है।
4. अत: यह तिनीि सब्जियोों ि
े सोंिर किस्म ि
े बीजोों िो,जो कि बहुत मोंहगे होते हैं िो
प्राि
ृ कति आपदा से बचाने में सक्षम है।इस तिनीि द्वारा तैयार पौध अकधि गुणवता
वाली होती है, कजससे अकधि उत्पादन कलया जा सिता है। प्लग टरे में तैयार पौध िो
िाफी दू र ति आसानी से भेजा जा सिता है जहाँ इसे उस मौसम में तैयार िरना
सोंभव नही होता है।
प्लग टरे में पौि तैयार करना:
30. प्रधतर पण कब करें:
पौध 10.15 सें.मी. ऊ
ों ची हो जाए और उसमें तीन-चार वास्तकवि पकियाों
आ जाएों उन्हें प्रकतरोकपत िर देना चाकहए।
प्रकतरोपण हमेशा सायोंिाल िो िरना चाकहए ताकि राकत्र ि
े ठों डे
वातावरण में पौध भली-भाोंकत स्थाकपत हो जायें ।
यकद बादल िाये होों और बूोंदाबाोंदी हो रही हो तो प्रकतरोपण किसी भी
समय किया जा सिता है।
प्रकतरोपण ि
े कलए पौध कनिालने से 24 घोंटे पूवभ क्याररयोों िो अवश्यि
सीोंच लेना चाकहए ताकि पौध ि
े उििोों िा शुष्कीिरण न हो।
31. Damping off
यह नसभरी िा बहुत ही गोंभीर रोग है।
िारण जीव पाइकथयम, फाइटोप्प्थोरा, राइजोक्टोकनया और फ
ु सैररयम िवि हैं।
नसभरी क्यारी िा उपचार या तो मृदा सौरीिरण, फॉमेकलन घोल या फॉमेकलन धूल या
िविनाशी जैसे थीरम या ि
ै प्टन द्वारा िरें जैसा कि पहले चचाभ िी गई है।
बीज उपचार में चचाभ ि
े अनुसार बीजोों िा उपचार िरें। यकद रोग बीज कनिलने ि
े बाद
कदखाई देता है तो नसभरी क्याररयोों िो अोंि
ु रण ि
े बाद 0.1% ब्राकसिोल या 0.7% ि
ै प्टन
या थीरम ि
े घोल से कभगो दें। बेहतर होगा कि प्रभाकवत पौधोों िो क्याररयोों से हटािर
दफना कदया जाए अन्यथा प्रसार अकधि होगा।
उपचाररत बालू, कमट्टी और गोबर िी खाद ि
े कमश्रण िो उस स्तर ति लगािर रोग िो
ि
ु ि हद ति कनयोंकत्रत किया जा सिता है जहाों से पौधे कगर रहे हैं।
34. Nematode
• सामान्य खेती िी तुलना मे पॉलीहाउस खेती में नेमाटोड िी प्रसार दर
10 से 30 गुना ति, अकधि होती है ।
• नेमाटोड सोंक्रमण पौधोों िो िवि और बैक्टीररया ि
े हमले ि
े कलए
अकतसोंवेदनशील बनाता है
• िभी िभी फसलोों में भारी नुिसान (80% ति) होता है
Meloidogyne incognita, M. javanica (root-knot nematodes)
35. नेमाट ड प्रबंिन
इन िाबभकनि पदाथों ि
े उकचत अपघटन ि
े कलए 7-10 कदनोों ि
े कलए बेड िो पानी दें ।
Post-plant: carbofuran 10g/ m + Chloropyrifos @ 0.03% /m2 + जैव िीटनाशिोों से समृद्ध वमीिम्पोस्ट
@ 500g / sq.m बेड मे कमलाए ।
Pre-plant: dazomet @ 40g / sq.m + 200g नीम / पोोंगाकमया / महुआ ि
े ि िो जैव-िीटनाशि प्रकत वगभ मीटर
से समृद्ध िरें ।
यह हमेशा सोंक्रमण िो रोिने िी तुलना में बेहतर है ।
(The continuous tomato-capsicum sequence and two cropping period per year led to high nematode population level and crop losses)
Pre-plant: पॉली-हाउस में बेड तैयार िरने से पहले, कमट्टी में जैव िीटनाशिोों ि
े साथ समृद्ध 20 टन खाद िो शाकमल िरें । (2
kg each of Pseudomonas fluorescense + Tricoderma harzianum + Paecilomyces lilacinus/ 1 ton fym )
36. Cost of Development of vegetable Nursery (0.5 acre)
Sl. No. Items Year I Year II Year III Onwards
1 Work shed 6750 350 450
2 Polyhouse 12800 - 1300
3 Store-cum-office 9450 - 950
4 Mother plants 28550 8010 8880
5
Pot nursery
28550 33230 32620
6 Seedbed nursery 7420 9500 11470
7
Equipments, Furniture, etc.
12000 - 4000
8
Pumpset & dugwell
27000 1000 1000
9
Supervisor-cum-Salesman
36000 38400 40800
10
Skilled labour (Hired)
- 2000 2500
11
Goat proof fencing
16250 - -
Total
184770 92490 103970
Approximately
184770 92500 104000
37. Equipments, Implements & Furniture (Figs. in Rs.)
Sl. No. Items Year I Year II Year II
1 Sprayers (2 nos.) 4000 - 2000
2
Spades, forks, knives, Khurpis,
secateurs etc.
3000 - 1000
3
Water pipes, water canes,
buckets, etc.
3000 - 1000
4 Furniture 2000 --
Total 12000 - 4000
Salary for Supervisor-cum-Salesman
Salary Year I Year II Year III
Rs/month 3,000 3,200 3,400
Wages for skilled labourer for budding, grafting, etc. @ Rs.100/- per
manday
Wages Year I Year II Year III
Rs/month - 2000 2500
38. Year-wise Income: (Figs. in Rs.)
Sl. No. Items Year I Year II Year III Year IV onwards
1 Pot Plants - 28000 44800 56000
2 Bouquets - 5000 6000 7500
3 Seedlings
a) Polybag
b) Ball
72000
24000
86400
28800
100800
33600
100800
33600
4 Seeds - 5000 5000 5000
Total` 96000 153200 190200 202900
Net