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ि व जरलड क संघीय संसद- फे डरल पा लयामट
http://www.acting-man.com/blog/media/2015/05/Curia-Confederationis-Helveticae.
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यह साम ी वशेष प से श ण और सीखने को बढ़ाने के शै णक उ दे य ​के लए है। ​आ थक / ​वा णि यक अथवा कसी अ य उ दे य के लए इसका
उपयोग ​पूणत: ​ तबंध है। ​साम ी के उपयोगकता इसे कसी और के साथ वत रत, ​ सा रत या ​साझा नह ं करगे और इसका उपयोग यि तगत ान क
उ न त के लए ह करगे। ​इस ई - ​कं टट म जो जानकार क गई है वह ामा णक है और मेरे ान के अनुसार सव म है।
वारा - डॉ. ममता उपा याय
एसो. ो. , राजनी त व ान
कु . मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय
बादलपुर ,गौतमबु ध नगर ,उ र देश
उ दे य -
तुत ई -साम ी से न नां कत उ दे य क ाि त संभा वत है-
● ि व जरलड के संघीय वधानमंडल के गठन क जानकार
● संघीय संसद क शि तय का ान
● ि व जरलड के य लोकतं के अंतगत वधानमंडल क शि तय क सीमाओं का ान
● संसद य एवं अ य ा मक शासन यव था वाले देश के संदभ म ि वस संघीय संसद क
शि तय के तुलना मक व लेषण क मता का वकास
● कानून नमाण क या म आम नाग रक क सहभा गता के तर क क जानकार
य लोकतं के साधन से संप न ि व जरलड क राजनी तक यव था म संघीय तर पर संघीय
संसद क थापना जन नयं ण के अधीन सी मत अ धकार वाले वधानमंडल के प म क गई है।
य य प शासन के अ य दो अंगो कायपा लका और यायपा लका क तुलना म उसक शि तयां नि चत
प से अ धक है य क टेन के समान ह वहां भी यायपा लका को यह अ धकार नह ं दया गया है
क वह संघीय संसद वारा बनाए गए कानून क समी ा करते हुए सं वधान व ध होने पर उ ह अवैध
घो षत कर सक और न ह कायपा लका को यह अ धकार ा त है क वह वधानमंडल को समय से पहले
भंग कर सके , कं तु संसद वारा बनाए गए कानून पर अं तम मुहर ि व जरलड के नाग रक वारा
कसी सामा य एवं सं वधान संशोधन संबंधी वधेयक पर लोक नणय क मांग कर लगाई जा सकती है ।
व तुतः संघीय संसद का व प और उसका अ धकार े इस त य से भी नि चत होता है क वहां के
सं वधान म अ य ा मक और संसद य शासन दोन के गुण समि वत ह। संघा मक शासन यव था के
अनु प वहां संघीय तर पर वसदनीय संसद क थापना क गई है। 1848 के सं वधान के अनुसार
संघीय संसद फे डरल असबल के प म जानी जाती थी िजसके दो सदन- रा य प रषद और रा य
प रषद थे। 1999 म लागू नवीन सं वधान के अनुसार संघीय संसद के दो सदन का नामकरण अमे रका
क कां ेस के अनु प कया गया है। अथात ि वस संघीय संसद के दो सदन- त न ध सभा और सीनेट
है। सं वधान के अनु छेद 148 म कहा गया है, “ जहां तक जनता के तथा कटन के अ धकार का
अ त मण नह ं होता है, रा य मंडल क सव च स ा का योग संघीय संसद करेगी िजसके दो सदन
त न ध सभा और सीनेट ह गे तथा इन दोन सदन को समान शि तयां ा त होगी।’’
​ त न ध सभा
गठन-
त न ध सभा संघीय संसद का थम सदन है, संपूण रा क जनता का त न ध व करती है।
सं वधान वारा इसके सद य सं या 200 नि चत क गई है और इसके सद य का चुनाव सीधे जनता
वारा कया जाता है। शु म कट स क जनसं या के अनुसार त न ध सभा म त न ध व दान
कया जाता था, अब जनसं या के आधार को समा त कर दया गया है और सद य क सं या 200 तक
सी मत है। सबसे बड़े कटन बन से 32 सद य चुनकर जाते ह तथा उर , अपजेल इनर रोड और
अंडरवा डेन से के वल 1-1 सद य चुनकर जाते है।
● नवाचन या-
त न ध सभा के सद य का चुनाव 18 वष क उ ा त येक वय क नाग रक वारा
मता धकार का योग करके कया जाता है। 1970 तक म हलाओं को मता धकार ा त नह ं था,
क तु अब वे भी मत अ धकार ह । कु छ कट स को छोड़कर यादातर कट स वारा
त न ध सभा के सद य के लए चुनाव ‘ अनुपा तक त न ध व णाल ’ के अनुसार कया
जाता है।सद य के नवाचन के लए मतदान अ टूबर मह ने के अं तम र ववार को होता है।
चुनाव क यह नि चत यव था अमे रक चुनाव काय म के समान ह है । यह यव था
टेन, अमे रका और भारत के चुनाव या से नतांत भ न है जहां त न धय का चुनाव ‘
सामा य बहुमत णाल ’ के आधार पर जाता है तथा मतदान हर बार एक ह नि चत त थ पर
नह ं होता। आनुपा तक त न ध व क यव था के अंतगत उ मीदवार को चुनाव जीतने के
लए मतदाताओं का एक नि चत सं या म मत ा त करना आव यक होता है, नवाचन े
बहुसद यीय होते हऔर येक मतदाता को उतने ह मत देने का अ धकार होता है, िजतने
त न ध नवाचन े से चुने जाने होते ह।
मतदाता अपना मत राजनी तक दल वारा का शत उ मीदवार क सूची को दया जाता है।
मतदाता को इस बात क छू ट भी रहती है क वह अलग -अलग सूची के उ मीदवार को अपना
मत दे सकता है। व भ न राजनी तक दल को ा त मत के अनुपात म उ ह त न ध सभा म
थान ा त होता है । इस यव था से त न ध सभा यादा त न ध व पूण हो जाती है।
भारत, टेन जैसे देश म सामा य बहुमत णाल के अंतगत ायः देखा जाता है क कसी
राजनी तक को कम वोट तशत ा त होने पर भी सदन म यादा सीट ा त हो जाती ह,
िजससे बहुसं या का वा तव म सदन म त न ध व नह ं हो पाता। ि व जरलड म चुनाव क
आनुपा तक णाल से यह दोष दूर हो जाता है।
य द त न ध सभा का कोई सद य अपना कायकाल पूरा नह ं कर पाता है और बीच म यह
यागप दे देता है या उसक मृ यु हो जाती है, ऐसी ि थ त म ि व जरलड म उपचुनाव क कोई
यव था नह ं है,बि क शेष अव ध के लए उसी पाट के असफल उ मीदवार म थम
उ मीदवार को सद यता दान क जाती है।
● कायकाल-
सं वधान वारा त न ध सभा का कायकाल 4 वष घो षत कया गया है और आमतौर पर 4 वष से
पहले इसे भंग नह ं कया जा सकता और न ह इसका कायकाल बढ़ाया जा सकता है। सं वधान के
ता वत संशोधन पर दोन सदन म मतभेद होने या मतदाताओं वारा संशोधन ताव को लोक
नणय के मा यम से अ वीकृ त कर दए जाने क ि थ त म ह इसे 4 वष से पहले भंग कया जा सकता
है। अभी तक ऐसा कभी नह ं हुआ है क त न ध सभा को 4 वष से पहले भंग कया गया हो।
● अ धवेशन एवं पदा धकार -
दसंबर मह ने के ारंभ म नव नवा चत त न ध सभा का थम अ धवेशन होता है।
सं वधान के अनुसार संघीय संसद के दोन सदन क बैठक वष म के वल एक बार उनके संचालन
क या के नयम वारा नि चत कए गए दन होती है । संघीय कायपा लका अपनी पहल
पर या पांच कटन क ाथना पर त न ध सभा का वशेष स बुला सकती है। वयं त न ध
सभा भी अपना असाधारण स बुला सकती है। यवहार म दोन सदन के अ धवेशन वष म
चार बार- माच, जून, सतंबर और दसंबर मे होते ह। आमतौर पर एक स दो से 3 स ताह तक
चलता है।
त न ध सभा अपने येक स के लए एक अ य और एक थम उपा य तथा दूसरा
उपा य सुनती है अ य का कायकाल 1 वष का होता है और कोई भी यि त लगातार दूसर
बार पुनः नह ं चुना जा सकता। परंपरा के अनुसार 1 वष उपा य रहने वाले यि त को अगले
वष अ य चुन लया जाता है। अ य को सदन क कायवाह के संचालन का अ धकार ा त
है, क तु उसक ि थ त अमे रक और टश पीकर के समान मह वपूण नह ं है और न ह
दलगत ि ट से न प है। हालां क कसी वषय पर प और वप म बराबर बराबर मत
पड़ने क ि थ त म उसके वारा नणायक मत का योग कया जाता है। अ य क
अनुपि थ त म उपा य सदन क कायवाह का संचालन करता है।
​सीनेट
सीनेट संघीय संसद का दूसरा सदन है जो ि व जरलड क संघीय यव था म संघ क इकाइय अथात
कट स का त न ध व करता है। अमे रक संघ के समान यहां भी संघ क इकाइय को समानता के
आधार पर त न ध व दया गया है । येक पूण कटन को 2 त न ध और अध कटन को एक
त न ध सीनेट के लए चुनने का अ धकार ा त है।
● सद य क यो यताएं और नवाचन-
अमे रक सीनेट से भ न ि व जरलड क सीनेट के सद य क यो यताओं का नधारण सं वधान के
वारा नह ं कया गया है, बि क कट स क भुस ा का स मान करते हुए सद य क यो यताएं
नधा रत करने और उनके चुनाव क या नि चत करने का अ धकार कट स क सरकार को दया
गया है। सं वधान लागू होने के तुरंत बाद सीनेट के सभी सद य या तो कट स के वधान मंडल वारा
अथवा जन सभाओं वारा चुने जाते थे, कं तु अब 16 कटनो और तीन अध कटन के मतदाताओं वारा
सीधे सीनेट के सद य का चुनाव कया जाता है। संघीय सरकार के सद य तथा संघीय लोक सेवक
सीनेट क सद यता के लए पा नह ं है।
● कायकाल-
सीनेट एक थाई सदन है िजसे कभी भंग नह ं कया जा सकता । हालां क येक 4 वष के बाद इसके
अ धकतर सद य का फर से चुनाव कर दया जाता है। सद य का कायकाल भी कट स वारा
नि चत कया जाता है। इसी लए कु छ सद य 4 वष के लए चुने जाते ह कु छ 3 वष के लए। अपने
त न धय को कसी भी समय वापस बुलाने और उनके थान पर नए सद य भेजने का अ धकार
कट स के पास सुर त रहता है। सीनेट के सद य के वेतन का भुगतान संघीय राजकोष से नह ं कया
जाता ,बि क उ ह कटन वारा भ ा दया जाता है।
● अ धवेशन एवं पदा धकार -
सीनेट का अ धवेशन त न ध सभा के साथ ह ारंभ होता है और साथ ह समा त होता है। त न ध
सभा म स ताह म 5 दन सोमवार से शु वार तक काय होता है और सीनेट क बैठक सोमवार को
छोड़कर शेष 4 दन के लए होती है। बैठक क अ य ता एक अ य के वारा क जाती है िजसका
चुनाव सदन के सद य अपने मे से ह 1 वष के लए करते ह। सीनेट अपना एक उपा य भी चुनती है
जो अ य क अनुपि थ त म काय करता है।
● संयु त बैठक-
सं वधान का अनु छेद 157 दोन सदन क संयु त बैठक का ावधान करता है। न नां कत काय के
लए दोन सदन क संयु त बैठक बुलाई जाती है िजसक अ य ता त न ध सभा का अ य करता
है।
1. मादान के ाथना प पर नणय करने हेतु
2. संघीय कायपा लका के सद य तथा अ य पदा धका रय के चुनाव हेतु
3. उ च संघीय सं थाओं के म य े अ धकार को लेकर उपजे ववाद के समाधान हेतु
4. संघीय शासन क घोषणाएं सुनने हेतु
● गणपू त एवं नणय या-
सदन क कायवाह के संचालन के लए सद य के बहुमत क उपि थ त आव यक है। दोन सदन म
सभी नणय बहुमत के आधार पर लए जाते ह, संयु त बैठक म न नां कत वषय पर नणय लेने के
लए दोन सदन का अलग-अलग बहुमत होना आव यक है-
1. अनु छेद 126[ 3 ]के अधीन वशेष भुगतान क आव यकता को यान म रखते हुए सारे यय म
वृ ध हेतु।
2. क ह ं संघीय कानून को अ याव यक घो षत करने हेतु
3. 20 म लयन क क एकमु त धनरा श के यय क वीकृ त हेतु
​ संघीय संसद क शि तयां और काय
ि व जरलड म संघीय वधानमंडल के दोन सदन को समान शि तयां ा त ह। ोफे सर ांग ने लखा
है क “ संघीय संसद संघीय सरकार क भां त व च है य क इसम दोन सदन क अ धकार एक से ह
और उ च सदन क शि तयां कसी भी ि ट से न न सदन से कम या अलग नह ं है ।’’ इस संबंध म
सं वधान के अनु छेद 173 क धारा 2 म कहा गया है क ‘’ त न ध सदन एवं सीनेट दोन उन सभी
काय को संप न करगे जो क वतमान सं वधान वारा संघ सरकार के अ धकार े म रखे गए ह और
जो अ य कसी अ धकार को नह ं स पे गए ह।’’ संघीय संसद के अ धकार वधायी , शास नक,
या यक और व ीय े तक व तृत है। इसक शि तय क ववेचना न नां कत शीषक के अंतगत
क जा सकती है-
● वधाई शि तयां-
एक वधाई सं था के प म संघीय संसद को कानून बनाने और सामा य ड जार करने का अ धकार
ा त है। संघ सरकार के अ धकार े म आने वाले सभी वषय पर उसे कानून बनाने का अ धकार
ा त है। सं वधान के अनु छेद 164 के अनुसार संघीय संसद न नां कत वषय पर नयम बना सकती
है-
● त न ध के प म नवा चत होने, मत डालने, सरकार क आलोचना करने, जनमत सं ह म
भाग लेने या पहल क शि त का योग करने जैसे राजनी तक अ धकार के योग के वषय म
● सं वधान वारा द अ धकार पर सीमाएं आरो पत करने के संबंध म
● नाग रक के अ धकार और दा य व के संबंध म
● कर नधारण और उसके उ दे य के संबंध म
● प रसंघ के काय और उसके वारा क जाने वाल सेवाओं के संबंध म
● संघ सरकार वारा बनाए गए कानून को याि वत करने क ि ट से कट स के दा य व
नधारण के संबंध म
● संघ सरकार क स ा का योग करने वाल सं थाओं के गठन और उनक काय या के संबंध
म
कानून नमाण क शि त पर तबंध- संघीय संसद वारा बनाए गए कानून न नां कत
तबंध लागू होते ह-
1. संसद वारा बनाया गया कोई भी कानून 90 दन के बाद ह लागू कया जा सकता है।
2. आठ कं टस क ाथना या 50000 नाग रक के ह ता र के साथ संघीय संसद वारा पा रत
कानून पर जनमत सं ह क मांग क जा सकती है।
3. अंतरा य सं धय के ावधान के या वयन संबंधी कानून पर अ नवाय प से जनमत
सं ह कराया जाता है। इस संबंध म संघीय संसद वारा बनाए गए कानून अं तम नह ं होते है।
उन पर जनता और कट स के अ धकार का नयं ण होता है।
● अ याव यक कानून का नमाण- संघीय संसद क वधाई शि त के वषय म वशेष बात यह है
क इसे कु छ कानून को अ याव यक घो षत करने का अ धकार ा त है। य द कसी कानून को
त काल भाव म लाने क ज रत महसूस क जाती है तो संघीय संसद उसे अ याव यक घो षत
कर तुरंत लागू कर सकती है। कं तु य द कसी अ याव यक घो षत संघीय कानून पर 50000
नाग रक वारा लोक नणय क मांग क जाती है तथा य द 1 वष क अव ध म जनता वारा
इसे वीकार नह ं कया जाता है तो संघीय संसद वारा लागू कए जाने के 1 वष के बाद यह
कानून समा त हो जाता है । इस कार संसद क यह शि त सी मत समय के लए ह है।
● सं वधान संशोधन का अ धकार-
सं वधान संघीय संसद को सं वधान म आं शक और पूण संशोधन का अ धकार दान करता है। ऐसे
कसी भी संशोधन ताव का संसद के दोन सदन से पा रत होना आव यक होता है। त प चात यह
आव यक प से नाग रक के स मुख लोक नणय के लए रखा जाता है। लोक नणय म नाग रक
वारा वीकार कर लए जाने के बाद सं वधान म संशोधन संभव होता है। संघीय सभा के सं वधान
संशोधन क शि त पर जनता के आरंभक के अ धकार का तबंध भी है। एक लाख मतदाता अपने
ह ता र के साथ संशोधन का ताव तैयार कर संघीय संसद म भेज सकते ह िजस पर वचार करना
संघीय संसद के लए अ नवाय हो जाता है। य द संघीय संसद वारा पा रत कसी पूण संशोधन के
ताव को लोक नणय म जनता के वारा अ वीकार कर दया जाता है, तो त न ध सभा भंग हो
जाती है और नव नवा चत त न ध सभा के वारा संशोधन ताव को आगे बढ़ाया जाता है।
● ​ नवाचन संबंधी अ धकार-
संघीय संसद को संघ सरकार क स ा का योग करने वाल सं थाओं के सद य क नयुि त और
उनके नवाचन का अ धकार ा त है। आम तौर पर अ य देश म यह अ धकार कायपा लका को ा त
होता है, कं तु ि व जरलड म यह अ धकार संसद को स पा गया है। वह संघीय कायपा लका और
यायपा लका के सद य , संघ के चांसलर और संकट काल म मु य सेना य को चुनने का अ धकार
रखती है। संसद वारा यह काय अपने दोन सदन के संयु त अ धवेशन म संप न कया जाता है। थम
एवं वतीय महायु ध के समय सेनाप तय का चुनाव संसद के वारा ह कया गया था, हालां क
ि व जरलड क तट थता भंग न होने के कारण सेना के योग क आव यकता नह ं पड़ी थी।
● कायपा लका संबंधी शि तयां -
टेन क संसद य यव था के ावधान के अनु प ह ि व जरलड म वधा यका और कायपा लका को
एक दूसरे से संब ध बनाया गया है। कायपा लका के सद य का चुनाव संघीय संसद के वारा कया
जाता है और संघीय कायपा लका संसद के त उ रदाई भी होती है। यादातर कानूनी ताव संसद म
कायपा लका के वारा ह तुत कए जाते ह, कायपा लका के सद य संसद- सद य वारा पूछे गए
न का उ र देते ह, क तु ि वस संसद को संघीय कायपा लका को उसके पद से हटाने का अ धकार
ा त नह ं है, जैसा क संसद य शासन म होता है। इस कार संसद का कायपा लका पर सी मत नयं ण
ह था पत कया गया है।
अमे रक कां ेस के समान ि वस संसद को भी यु ध क घोषणा करने और शां त का ताव लाने का
अ धकार ा त है। सं वधान के अनु छेद 166 के अनुसार संघीय संसद को वदेश नी त के नधारण और
बैदे शक संबंध के नर ण का अ धकार ा त है.।
● व ीय शि त-
​संघीय संसद सरकार वारा बनाए गए बजट को वीकार करती है और इस संबंध म उसक वीकृ त
अं तम होती है य क बजट ताव पर लोक नणय क मांग नह ं क जा सकती। सरकार क ओर से
दए जाने वाले ऋण के वषय म भी नणय संघीय संसद ह करती है । संघ सरकार के पदा धका रय के
वेतन तथा भ े नधा रत करने, संघ सरकार के थाई पद का सृजन करने तथा उनके वेतन आ द का
नधारण करने का अ धकार भी संघीय संसद का अ धकार े है।
● या यक शि त-
पुराने सं वधान के अंतगत संघीय वधानमंडल क या यक शि तयां यापक थी। नवीन सं वधान के
अनुसार संघीय े म सव च यायालय क थापना के साथ संसद क या यक शि तयां सी मत हुई
है। फर भी उसे कु छ मह वपूण या यक अ धकार ा त है। जैसे- वह संघ सरकार के व भ न सं थाओं
के म य अ धकार े को लेकर उठने वाले ववाद का समाधान करती है। वयं वारा नयु त
अ धका रय के व ध अनुशासना मक कायवाह का अ धकार भी रखती है। साथ ह यायालय वारा
दं डत अपरा धय क मादान संबंधी ाथना पर वचार कर नणय करती है और सामू हक मादान
क घोषणा कर सकती है। अ य देश म यह अ धकार कायपा लका को दान कया जाता है।
● ​कटन से संबं धत शि तयां-
ि व जरलड क संघीय यव था के अंतगत संघीय संसद को संघ क इकाइय अथात कट स के संबंध
म भी कु छ अ धकार ा त है। कट स क सरकार को अपना सं वधान न मत करने एवं वदेश से
सं धयाँ करने का अ धकार ा त है, कं तु उनके सं वधान क जांच कर उ ह वीकार करने का अ धकार
संसद के पास है। इसी कार कट स वारा क जाने वाल सं धय पर संसद का अनुमोदन आव यक है।
आंत रक शां त बनाए रखने हेतु संसद सेना के योग का अ धकार भी रखती है, हालां क यवहार म इस
अ धकार का योग कायपा लका के वारा कया जाता है।
● ​अ य शि तयां-
​उपयु त शि तय के अ त र त संघीय संसद के वारा कु छ अ य अ धकार का योग भी कया
जाता है जो इस कार है-
1. ि व जरलड क बा य सुर ा, वतं ता और तट थता क र ा के लए आव यक कदम
उठाना
2. आंत रक सुर ा के लए आव यक कदम उठाना
3. स य सै नक सेवा का आदेश देना
● मू यांकन-
य य प ि वस सं वधान नमाताओं ने संघीय संसद को अ धकार दान करते समय शि त
पृथ करण क यव था का यान नह ं रखा और इसी लए उसे यापक वधाई, कायकार
, या यक एवं व ीय अ धकार दान कए। कं तु यवहार म संघीय संसद उतनी शि तशाल
नह ं है िजतना शि तशाल सं वधान नमाता उसे बनाना चाहते थे। वधायी े म उसक
शि त ऐि छक लोक नणय के कारण सी मत हो गई है। इसके अ त र त वतमान समय म
कानून - नमाण का काय ज टल होने के कारण इस े म कायपा लका ह पहल करने लगी है।
अ य देश के समान संकटकाल न प रि थ तय का सामना करने और जन क याणकार काय
को ो सा हत करने क ि ट से वहां भी कायपा लका क शि तय म वृ ध हुई है और
वधा यका क शि तय म ास हुआ है। जुरचर ने इस संबंध म कहा है क ‘’ यह पया त प ट
है क संघीय सरकार का वधाई मह व थाई प से बढ़ गया है और अ य पि चमी जातं के
समान ह ि व जरलड म भी कम से कम वा त वकता क ि ट से संघीय सरकार शासन का सव
मुख अंग बन गई है।‘’
क तु इसका यह ता पय नह ं है क संघीय संसद का कोई मह व नह ं है। लॉड ाइस ने उसका
उ चत मू यांकन करते हुए लखा है क ‘’ ि व जरलड क संघीय सभा बड़ी ईमानदार से काय
करने वाल सं था है जो शां त तथा देश- ेम से भा वत होकर अपने काय संप न करती है।
वहां के सद य यथ म ओज वी भाषण नह ं देते, न उन भाषण क शंसा क जाती है। वह तो
यवहार म अपना काय कु शलता पूवक ढंग से संप न करने से ह संबंध रखते ह। ‘’ पुरानी
सं वधान के अंतगत था पत संघीय सभा के वषय म ाइस का यह कथन संघीय संसद के
वषय म भी सच है।
REFERENCES AND SUGGESTED READING
1. C. F. Strong,Modern Political Constitutions
2. Munro, The Government Of Europe
3. M. g. Gupta, The Government Of Switzerland
4. www.parlament.ch
5. www.senat.fr
न-
नबंधा मक-
1. नवीन सं वधान के अनुसार ि व जरलड क संघीय संसद के दोन सदन का गठन कस
कार होता है, प ट कर।
2. संघीय संसद क शि तय एवं काय का मू यांकन क िजए।
3. वधायी,कायकार , या यक और व ीय शि तय क ि ट से ि व जरलड क संघीय संसद
अमे रक कां ेस से कन प म भ न एवं समान है, ववेचना क िजए।
4. ि व जरलड क संसद के दोन सदन शि तय क ि ट से समान है, ववेचना क िजए।
व तु न ठ न-
5. ि व जरलड क त न ध सभा के सद य का नवाचन कस प ध त के आधार पर होता है।
[ अ ] सामा य बहुमत णाल [ ब ] आनुपा तक त न ध व णाल [ स ] जनता वारा
अ य प से [ द ] उपयु त सभी णा लय के मा यम से
6. त न ध सभा म सवा धक थान कस कटन को ा त है।
[ अ ] बन [ ब ] लेरस [ स ] यू रच [ द ] ऑबवालद
7. ि व जरलड क सीनेट म एक पूण के टन को कतने त न ध भेजने का अ धकार है।
[ अ ] 2 [ ब ] 3 [ स ] 1 [ द ] 4
8. सीनेट के सद य के नवाचन क व ध कसके वारा नि चत क जाती है।
[ अ ] संघीय संसद वारा [ ब ] कट स क सरकार वारा [ स ] जनता वारा
[ द ] सं वधान वारा
9. संघीय संसद वारा पा रत कन ताव पर लोक नणय क मांग नह ं क जा सकती है।
[ अ ] सं वधान संशोधन [ ब ] अंतरा य सं धय का अनुपालन [ स ] बजट ताव [ द ]
अ याव यक घो षत कानून
10. संघीय संसद वारा पा रत कसी कानून को कतने समय बाद लागू कया जा सकता है।
[ अ ] 90 दन [ ब ] 100 दन [ स ] 60 दन [ द ] त काल लागू कर दया जाता है।
11. यायालय वारा दं डत अपरा धय को मादान करने का अ धकार कसे ा त है।
[ अ ] संघीय संसद [ ब ] संघीय सरकार [ स ] यायपा लका [ द ] रा प त
12. कट स वारा न मत सं वधान के नर ण का अ धकार कसे ा त है।
[ अ ] संघीय संसद [ ब ] संघीय सरकार [ स ] यायपा लका [ द ] कसी को नह ं
13. संघीय संसद के दोन सदन का नामकरण कस देश के वधान मंडल क तज पर है।
[ अ ] ेट टेन [ ब ] ांस [ स ] संयु त रा य अमे रका [ द ] भारत
14. ि वस सीनेट क सद य सं या कतनी है।
15. संघीय संसद के दोन सदन क संयु त बैठक क अ य ता कौन करता है।
[ अ ] सीनेट का अ य [ ब ] त न ध सभा का अ य [ स ] रा प त [ द ] उपरा प त
[ अ ] 40 [ ब ] 46 [ स ] 50 [ द ] 100
उ र-5. ब 6. अ 7. अ 8. ब 9. स 10. अ अ 11. अ 12. अ 13. स 14. ब 15. ब

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  • 1. ि व जरलड क संघीय संसद- फे डरल पा लयामट http://www.acting-man.com/blog/media/2015/05/Curia-Confederationis-Helveticae. jpg यह साम ी वशेष प से श ण और सीखने को बढ़ाने के शै णक उ दे य ​के लए है। ​आ थक / ​वा णि यक अथवा कसी अ य उ दे य के लए इसका उपयोग ​पूणत: ​ तबंध है। ​साम ी के उपयोगकता इसे कसी और के साथ वत रत, ​ सा रत या ​साझा नह ं करगे और इसका उपयोग यि तगत ान क उ न त के लए ह करगे। ​इस ई - ​कं टट म जो जानकार क गई है वह ामा णक है और मेरे ान के अनुसार सव म है। वारा - डॉ. ममता उपा याय एसो. ो. , राजनी त व ान कु . मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय बादलपुर ,गौतमबु ध नगर ,उ र देश उ दे य - तुत ई -साम ी से न नां कत उ दे य क ाि त संभा वत है-
  • 2. ● ि व जरलड के संघीय वधानमंडल के गठन क जानकार ● संघीय संसद क शि तय का ान ● ि व जरलड के य लोकतं के अंतगत वधानमंडल क शि तय क सीमाओं का ान ● संसद य एवं अ य ा मक शासन यव था वाले देश के संदभ म ि वस संघीय संसद क शि तय के तुलना मक व लेषण क मता का वकास ● कानून नमाण क या म आम नाग रक क सहभा गता के तर क क जानकार य लोकतं के साधन से संप न ि व जरलड क राजनी तक यव था म संघीय तर पर संघीय संसद क थापना जन नयं ण के अधीन सी मत अ धकार वाले वधानमंडल के प म क गई है। य य प शासन के अ य दो अंगो कायपा लका और यायपा लका क तुलना म उसक शि तयां नि चत प से अ धक है य क टेन के समान ह वहां भी यायपा लका को यह अ धकार नह ं दया गया है क वह संघीय संसद वारा बनाए गए कानून क समी ा करते हुए सं वधान व ध होने पर उ ह अवैध घो षत कर सक और न ह कायपा लका को यह अ धकार ा त है क वह वधानमंडल को समय से पहले भंग कर सके , कं तु संसद वारा बनाए गए कानून पर अं तम मुहर ि व जरलड के नाग रक वारा कसी सामा य एवं सं वधान संशोधन संबंधी वधेयक पर लोक नणय क मांग कर लगाई जा सकती है । व तुतः संघीय संसद का व प और उसका अ धकार े इस त य से भी नि चत होता है क वहां के सं वधान म अ य ा मक और संसद य शासन दोन के गुण समि वत ह। संघा मक शासन यव था के अनु प वहां संघीय तर पर वसदनीय संसद क थापना क गई है। 1848 के सं वधान के अनुसार संघीय संसद फे डरल असबल के प म जानी जाती थी िजसके दो सदन- रा य प रषद और रा य प रषद थे। 1999 म लागू नवीन सं वधान के अनुसार संघीय संसद के दो सदन का नामकरण अमे रका क कां ेस के अनु प कया गया है। अथात ि वस संघीय संसद के दो सदन- त न ध सभा और सीनेट है। सं वधान के अनु छेद 148 म कहा गया है, “ जहां तक जनता के तथा कटन के अ धकार का अ त मण नह ं होता है, रा य मंडल क सव च स ा का योग संघीय संसद करेगी िजसके दो सदन त न ध सभा और सीनेट ह गे तथा इन दोन सदन को समान शि तयां ा त होगी।’’ ​ त न ध सभा
  • 3. गठन- त न ध सभा संघीय संसद का थम सदन है, संपूण रा क जनता का त न ध व करती है। सं वधान वारा इसके सद य सं या 200 नि चत क गई है और इसके सद य का चुनाव सीधे जनता वारा कया जाता है। शु म कट स क जनसं या के अनुसार त न ध सभा म त न ध व दान कया जाता था, अब जनसं या के आधार को समा त कर दया गया है और सद य क सं या 200 तक सी मत है। सबसे बड़े कटन बन से 32 सद य चुनकर जाते ह तथा उर , अपजेल इनर रोड और अंडरवा डेन से के वल 1-1 सद य चुनकर जाते है। ● नवाचन या- त न ध सभा के सद य का चुनाव 18 वष क उ ा त येक वय क नाग रक वारा मता धकार का योग करके कया जाता है। 1970 तक म हलाओं को मता धकार ा त नह ं था, क तु अब वे भी मत अ धकार ह । कु छ कट स को छोड़कर यादातर कट स वारा त न ध सभा के सद य के लए चुनाव ‘ अनुपा तक त न ध व णाल ’ के अनुसार कया जाता है।सद य के नवाचन के लए मतदान अ टूबर मह ने के अं तम र ववार को होता है। चुनाव क यह नि चत यव था अमे रक चुनाव काय म के समान ह है । यह यव था टेन, अमे रका और भारत के चुनाव या से नतांत भ न है जहां त न धय का चुनाव ‘ सामा य बहुमत णाल ’ के आधार पर जाता है तथा मतदान हर बार एक ह नि चत त थ पर नह ं होता। आनुपा तक त न ध व क यव था के अंतगत उ मीदवार को चुनाव जीतने के लए मतदाताओं का एक नि चत सं या म मत ा त करना आव यक होता है, नवाचन े बहुसद यीय होते हऔर येक मतदाता को उतने ह मत देने का अ धकार होता है, िजतने त न ध नवाचन े से चुने जाने होते ह। मतदाता अपना मत राजनी तक दल वारा का शत उ मीदवार क सूची को दया जाता है। मतदाता को इस बात क छू ट भी रहती है क वह अलग -अलग सूची के उ मीदवार को अपना मत दे सकता है। व भ न राजनी तक दल को ा त मत के अनुपात म उ ह त न ध सभा म थान ा त होता है । इस यव था से त न ध सभा यादा त न ध व पूण हो जाती है। भारत, टेन जैसे देश म सामा य बहुमत णाल के अंतगत ायः देखा जाता है क कसी राजनी तक को कम वोट तशत ा त होने पर भी सदन म यादा सीट ा त हो जाती ह, िजससे बहुसं या का वा तव म सदन म त न ध व नह ं हो पाता। ि व जरलड म चुनाव क आनुपा तक णाल से यह दोष दूर हो जाता है।
  • 4. य द त न ध सभा का कोई सद य अपना कायकाल पूरा नह ं कर पाता है और बीच म यह यागप दे देता है या उसक मृ यु हो जाती है, ऐसी ि थ त म ि व जरलड म उपचुनाव क कोई यव था नह ं है,बि क शेष अव ध के लए उसी पाट के असफल उ मीदवार म थम उ मीदवार को सद यता दान क जाती है। ● कायकाल- सं वधान वारा त न ध सभा का कायकाल 4 वष घो षत कया गया है और आमतौर पर 4 वष से पहले इसे भंग नह ं कया जा सकता और न ह इसका कायकाल बढ़ाया जा सकता है। सं वधान के ता वत संशोधन पर दोन सदन म मतभेद होने या मतदाताओं वारा संशोधन ताव को लोक नणय के मा यम से अ वीकृ त कर दए जाने क ि थ त म ह इसे 4 वष से पहले भंग कया जा सकता है। अभी तक ऐसा कभी नह ं हुआ है क त न ध सभा को 4 वष से पहले भंग कया गया हो। ● अ धवेशन एवं पदा धकार - दसंबर मह ने के ारंभ म नव नवा चत त न ध सभा का थम अ धवेशन होता है। सं वधान के अनुसार संघीय संसद के दोन सदन क बैठक वष म के वल एक बार उनके संचालन क या के नयम वारा नि चत कए गए दन होती है । संघीय कायपा लका अपनी पहल पर या पांच कटन क ाथना पर त न ध सभा का वशेष स बुला सकती है। वयं त न ध सभा भी अपना असाधारण स बुला सकती है। यवहार म दोन सदन के अ धवेशन वष म चार बार- माच, जून, सतंबर और दसंबर मे होते ह। आमतौर पर एक स दो से 3 स ताह तक चलता है। त न ध सभा अपने येक स के लए एक अ य और एक थम उपा य तथा दूसरा उपा य सुनती है अ य का कायकाल 1 वष का होता है और कोई भी यि त लगातार दूसर बार पुनः नह ं चुना जा सकता। परंपरा के अनुसार 1 वष उपा य रहने वाले यि त को अगले वष अ य चुन लया जाता है। अ य को सदन क कायवाह के संचालन का अ धकार ा त है, क तु उसक ि थ त अमे रक और टश पीकर के समान मह वपूण नह ं है और न ह दलगत ि ट से न प है। हालां क कसी वषय पर प और वप म बराबर बराबर मत पड़ने क ि थ त म उसके वारा नणायक मत का योग कया जाता है। अ य क अनुपि थ त म उपा य सदन क कायवाह का संचालन करता है। ​सीनेट
  • 5. सीनेट संघीय संसद का दूसरा सदन है जो ि व जरलड क संघीय यव था म संघ क इकाइय अथात कट स का त न ध व करता है। अमे रक संघ के समान यहां भी संघ क इकाइय को समानता के आधार पर त न ध व दया गया है । येक पूण कटन को 2 त न ध और अध कटन को एक त न ध सीनेट के लए चुनने का अ धकार ा त है। ● सद य क यो यताएं और नवाचन- अमे रक सीनेट से भ न ि व जरलड क सीनेट के सद य क यो यताओं का नधारण सं वधान के वारा नह ं कया गया है, बि क कट स क भुस ा का स मान करते हुए सद य क यो यताएं नधा रत करने और उनके चुनाव क या नि चत करने का अ धकार कट स क सरकार को दया गया है। सं वधान लागू होने के तुरंत बाद सीनेट के सभी सद य या तो कट स के वधान मंडल वारा अथवा जन सभाओं वारा चुने जाते थे, कं तु अब 16 कटनो और तीन अध कटन के मतदाताओं वारा सीधे सीनेट के सद य का चुनाव कया जाता है। संघीय सरकार के सद य तथा संघीय लोक सेवक सीनेट क सद यता के लए पा नह ं है। ● कायकाल- सीनेट एक थाई सदन है िजसे कभी भंग नह ं कया जा सकता । हालां क येक 4 वष के बाद इसके अ धकतर सद य का फर से चुनाव कर दया जाता है। सद य का कायकाल भी कट स वारा नि चत कया जाता है। इसी लए कु छ सद य 4 वष के लए चुने जाते ह कु छ 3 वष के लए। अपने त न धय को कसी भी समय वापस बुलाने और उनके थान पर नए सद य भेजने का अ धकार कट स के पास सुर त रहता है। सीनेट के सद य के वेतन का भुगतान संघीय राजकोष से नह ं कया जाता ,बि क उ ह कटन वारा भ ा दया जाता है। ● अ धवेशन एवं पदा धकार - सीनेट का अ धवेशन त न ध सभा के साथ ह ारंभ होता है और साथ ह समा त होता है। त न ध सभा म स ताह म 5 दन सोमवार से शु वार तक काय होता है और सीनेट क बैठक सोमवार को छोड़कर शेष 4 दन के लए होती है। बैठक क अ य ता एक अ य के वारा क जाती है िजसका चुनाव सदन के सद य अपने मे से ह 1 वष के लए करते ह। सीनेट अपना एक उपा य भी चुनती है जो अ य क अनुपि थ त म काय करता है। ● संयु त बैठक-
  • 6. सं वधान का अनु छेद 157 दोन सदन क संयु त बैठक का ावधान करता है। न नां कत काय के लए दोन सदन क संयु त बैठक बुलाई जाती है िजसक अ य ता त न ध सभा का अ य करता है। 1. मादान के ाथना प पर नणय करने हेतु 2. संघीय कायपा लका के सद य तथा अ य पदा धका रय के चुनाव हेतु 3. उ च संघीय सं थाओं के म य े अ धकार को लेकर उपजे ववाद के समाधान हेतु 4. संघीय शासन क घोषणाएं सुनने हेतु ● गणपू त एवं नणय या- सदन क कायवाह के संचालन के लए सद य के बहुमत क उपि थ त आव यक है। दोन सदन म सभी नणय बहुमत के आधार पर लए जाते ह, संयु त बैठक म न नां कत वषय पर नणय लेने के लए दोन सदन का अलग-अलग बहुमत होना आव यक है- 1. अनु छेद 126[ 3 ]के अधीन वशेष भुगतान क आव यकता को यान म रखते हुए सारे यय म वृ ध हेतु। 2. क ह ं संघीय कानून को अ याव यक घो षत करने हेतु 3. 20 म लयन क क एकमु त धनरा श के यय क वीकृ त हेतु ​ संघीय संसद क शि तयां और काय ि व जरलड म संघीय वधानमंडल के दोन सदन को समान शि तयां ा त ह। ोफे सर ांग ने लखा है क “ संघीय संसद संघीय सरकार क भां त व च है य क इसम दोन सदन क अ धकार एक से ह और उ च सदन क शि तयां कसी भी ि ट से न न सदन से कम या अलग नह ं है ।’’ इस संबंध म सं वधान के अनु छेद 173 क धारा 2 म कहा गया है क ‘’ त न ध सदन एवं सीनेट दोन उन सभी काय को संप न करगे जो क वतमान सं वधान वारा संघ सरकार के अ धकार े म रखे गए ह और जो अ य कसी अ धकार को नह ं स पे गए ह।’’ संघीय संसद के अ धकार वधायी , शास नक, या यक और व ीय े तक व तृत है। इसक शि तय क ववेचना न नां कत शीषक के अंतगत क जा सकती है- ● वधाई शि तयां-
  • 7. एक वधाई सं था के प म संघीय संसद को कानून बनाने और सामा य ड जार करने का अ धकार ा त है। संघ सरकार के अ धकार े म आने वाले सभी वषय पर उसे कानून बनाने का अ धकार ा त है। सं वधान के अनु छेद 164 के अनुसार संघीय संसद न नां कत वषय पर नयम बना सकती है- ● त न ध के प म नवा चत होने, मत डालने, सरकार क आलोचना करने, जनमत सं ह म भाग लेने या पहल क शि त का योग करने जैसे राजनी तक अ धकार के योग के वषय म ● सं वधान वारा द अ धकार पर सीमाएं आरो पत करने के संबंध म ● नाग रक के अ धकार और दा य व के संबंध म ● कर नधारण और उसके उ दे य के संबंध म ● प रसंघ के काय और उसके वारा क जाने वाल सेवाओं के संबंध म ● संघ सरकार वारा बनाए गए कानून को याि वत करने क ि ट से कट स के दा य व नधारण के संबंध म ● संघ सरकार क स ा का योग करने वाल सं थाओं के गठन और उनक काय या के संबंध म कानून नमाण क शि त पर तबंध- संघीय संसद वारा बनाए गए कानून न नां कत तबंध लागू होते ह- 1. संसद वारा बनाया गया कोई भी कानून 90 दन के बाद ह लागू कया जा सकता है। 2. आठ कं टस क ाथना या 50000 नाग रक के ह ता र के साथ संघीय संसद वारा पा रत कानून पर जनमत सं ह क मांग क जा सकती है। 3. अंतरा य सं धय के ावधान के या वयन संबंधी कानून पर अ नवाय प से जनमत सं ह कराया जाता है। इस संबंध म संघीय संसद वारा बनाए गए कानून अं तम नह ं होते है। उन पर जनता और कट स के अ धकार का नयं ण होता है। ● अ याव यक कानून का नमाण- संघीय संसद क वधाई शि त के वषय म वशेष बात यह है क इसे कु छ कानून को अ याव यक घो षत करने का अ धकार ा त है। य द कसी कानून को त काल भाव म लाने क ज रत महसूस क जाती है तो संघीय संसद उसे अ याव यक घो षत कर तुरंत लागू कर सकती है। कं तु य द कसी अ याव यक घो षत संघीय कानून पर 50000 नाग रक वारा लोक नणय क मांग क जाती है तथा य द 1 वष क अव ध म जनता वारा इसे वीकार नह ं कया जाता है तो संघीय संसद वारा लागू कए जाने के 1 वष के बाद यह कानून समा त हो जाता है । इस कार संसद क यह शि त सी मत समय के लए ह है। ● सं वधान संशोधन का अ धकार-
  • 8. सं वधान संघीय संसद को सं वधान म आं शक और पूण संशोधन का अ धकार दान करता है। ऐसे कसी भी संशोधन ताव का संसद के दोन सदन से पा रत होना आव यक होता है। त प चात यह आव यक प से नाग रक के स मुख लोक नणय के लए रखा जाता है। लोक नणय म नाग रक वारा वीकार कर लए जाने के बाद सं वधान म संशोधन संभव होता है। संघीय सभा के सं वधान संशोधन क शि त पर जनता के आरंभक के अ धकार का तबंध भी है। एक लाख मतदाता अपने ह ता र के साथ संशोधन का ताव तैयार कर संघीय संसद म भेज सकते ह िजस पर वचार करना संघीय संसद के लए अ नवाय हो जाता है। य द संघीय संसद वारा पा रत कसी पूण संशोधन के ताव को लोक नणय म जनता के वारा अ वीकार कर दया जाता है, तो त न ध सभा भंग हो जाती है और नव नवा चत त न ध सभा के वारा संशोधन ताव को आगे बढ़ाया जाता है। ● ​ नवाचन संबंधी अ धकार- संघीय संसद को संघ सरकार क स ा का योग करने वाल सं थाओं के सद य क नयुि त और उनके नवाचन का अ धकार ा त है। आम तौर पर अ य देश म यह अ धकार कायपा लका को ा त होता है, कं तु ि व जरलड म यह अ धकार संसद को स पा गया है। वह संघीय कायपा लका और यायपा लका के सद य , संघ के चांसलर और संकट काल म मु य सेना य को चुनने का अ धकार रखती है। संसद वारा यह काय अपने दोन सदन के संयु त अ धवेशन म संप न कया जाता है। थम एवं वतीय महायु ध के समय सेनाप तय का चुनाव संसद के वारा ह कया गया था, हालां क ि व जरलड क तट थता भंग न होने के कारण सेना के योग क आव यकता नह ं पड़ी थी। ● कायपा लका संबंधी शि तयां - टेन क संसद य यव था के ावधान के अनु प ह ि व जरलड म वधा यका और कायपा लका को एक दूसरे से संब ध बनाया गया है। कायपा लका के सद य का चुनाव संघीय संसद के वारा कया जाता है और संघीय कायपा लका संसद के त उ रदाई भी होती है। यादातर कानूनी ताव संसद म कायपा लका के वारा ह तुत कए जाते ह, कायपा लका के सद य संसद- सद य वारा पूछे गए न का उ र देते ह, क तु ि वस संसद को संघीय कायपा लका को उसके पद से हटाने का अ धकार ा त नह ं है, जैसा क संसद य शासन म होता है। इस कार संसद का कायपा लका पर सी मत नयं ण ह था पत कया गया है। अमे रक कां ेस के समान ि वस संसद को भी यु ध क घोषणा करने और शां त का ताव लाने का अ धकार ा त है। सं वधान के अनु छेद 166 के अनुसार संघीय संसद को वदेश नी त के नधारण और बैदे शक संबंध के नर ण का अ धकार ा त है.। ● व ीय शि त-
  • 9. ​संघीय संसद सरकार वारा बनाए गए बजट को वीकार करती है और इस संबंध म उसक वीकृ त अं तम होती है य क बजट ताव पर लोक नणय क मांग नह ं क जा सकती। सरकार क ओर से दए जाने वाले ऋण के वषय म भी नणय संघीय संसद ह करती है । संघ सरकार के पदा धका रय के वेतन तथा भ े नधा रत करने, संघ सरकार के थाई पद का सृजन करने तथा उनके वेतन आ द का नधारण करने का अ धकार भी संघीय संसद का अ धकार े है। ● या यक शि त- पुराने सं वधान के अंतगत संघीय वधानमंडल क या यक शि तयां यापक थी। नवीन सं वधान के अनुसार संघीय े म सव च यायालय क थापना के साथ संसद क या यक शि तयां सी मत हुई है। फर भी उसे कु छ मह वपूण या यक अ धकार ा त है। जैसे- वह संघ सरकार के व भ न सं थाओं के म य अ धकार े को लेकर उठने वाले ववाद का समाधान करती है। वयं वारा नयु त अ धका रय के व ध अनुशासना मक कायवाह का अ धकार भी रखती है। साथ ह यायालय वारा दं डत अपरा धय क मादान संबंधी ाथना पर वचार कर नणय करती है और सामू हक मादान क घोषणा कर सकती है। अ य देश म यह अ धकार कायपा लका को दान कया जाता है। ● ​कटन से संबं धत शि तयां- ि व जरलड क संघीय यव था के अंतगत संघीय संसद को संघ क इकाइय अथात कट स के संबंध म भी कु छ अ धकार ा त है। कट स क सरकार को अपना सं वधान न मत करने एवं वदेश से सं धयाँ करने का अ धकार ा त है, कं तु उनके सं वधान क जांच कर उ ह वीकार करने का अ धकार संसद के पास है। इसी कार कट स वारा क जाने वाल सं धय पर संसद का अनुमोदन आव यक है। आंत रक शां त बनाए रखने हेतु संसद सेना के योग का अ धकार भी रखती है, हालां क यवहार म इस अ धकार का योग कायपा लका के वारा कया जाता है। ● ​अ य शि तयां- ​उपयु त शि तय के अ त र त संघीय संसद के वारा कु छ अ य अ धकार का योग भी कया जाता है जो इस कार है- 1. ि व जरलड क बा य सुर ा, वतं ता और तट थता क र ा के लए आव यक कदम उठाना 2. आंत रक सुर ा के लए आव यक कदम उठाना 3. स य सै नक सेवा का आदेश देना ● मू यांकन- य य प ि वस सं वधान नमाताओं ने संघीय संसद को अ धकार दान करते समय शि त पृथ करण क यव था का यान नह ं रखा और इसी लए उसे यापक वधाई, कायकार , या यक एवं व ीय अ धकार दान कए। कं तु यवहार म संघीय संसद उतनी शि तशाल
  • 10. नह ं है िजतना शि तशाल सं वधान नमाता उसे बनाना चाहते थे। वधायी े म उसक शि त ऐि छक लोक नणय के कारण सी मत हो गई है। इसके अ त र त वतमान समय म कानून - नमाण का काय ज टल होने के कारण इस े म कायपा लका ह पहल करने लगी है। अ य देश के समान संकटकाल न प रि थ तय का सामना करने और जन क याणकार काय को ो सा हत करने क ि ट से वहां भी कायपा लका क शि तय म वृ ध हुई है और वधा यका क शि तय म ास हुआ है। जुरचर ने इस संबंध म कहा है क ‘’ यह पया त प ट है क संघीय सरकार का वधाई मह व थाई प से बढ़ गया है और अ य पि चमी जातं के समान ह ि व जरलड म भी कम से कम वा त वकता क ि ट से संघीय सरकार शासन का सव मुख अंग बन गई है।‘’ क तु इसका यह ता पय नह ं है क संघीय संसद का कोई मह व नह ं है। लॉड ाइस ने उसका उ चत मू यांकन करते हुए लखा है क ‘’ ि व जरलड क संघीय सभा बड़ी ईमानदार से काय करने वाल सं था है जो शां त तथा देश- ेम से भा वत होकर अपने काय संप न करती है। वहां के सद य यथ म ओज वी भाषण नह ं देते, न उन भाषण क शंसा क जाती है। वह तो यवहार म अपना काय कु शलता पूवक ढंग से संप न करने से ह संबंध रखते ह। ‘’ पुरानी सं वधान के अंतगत था पत संघीय सभा के वषय म ाइस का यह कथन संघीय संसद के वषय म भी सच है। REFERENCES AND SUGGESTED READING 1. C. F. Strong,Modern Political Constitutions 2. Munro, The Government Of Europe 3. M. g. Gupta, The Government Of Switzerland 4. www.parlament.ch 5. www.senat.fr न- नबंधा मक- 1. नवीन सं वधान के अनुसार ि व जरलड क संघीय संसद के दोन सदन का गठन कस कार होता है, प ट कर। 2. संघीय संसद क शि तय एवं काय का मू यांकन क िजए।
  • 11. 3. वधायी,कायकार , या यक और व ीय शि तय क ि ट से ि व जरलड क संघीय संसद अमे रक कां ेस से कन प म भ न एवं समान है, ववेचना क िजए। 4. ि व जरलड क संसद के दोन सदन शि तय क ि ट से समान है, ववेचना क िजए। व तु न ठ न- 5. ि व जरलड क त न ध सभा के सद य का नवाचन कस प ध त के आधार पर होता है। [ अ ] सामा य बहुमत णाल [ ब ] आनुपा तक त न ध व णाल [ स ] जनता वारा अ य प से [ द ] उपयु त सभी णा लय के मा यम से 6. त न ध सभा म सवा धक थान कस कटन को ा त है। [ अ ] बन [ ब ] लेरस [ स ] यू रच [ द ] ऑबवालद 7. ि व जरलड क सीनेट म एक पूण के टन को कतने त न ध भेजने का अ धकार है। [ अ ] 2 [ ब ] 3 [ स ] 1 [ द ] 4 8. सीनेट के सद य के नवाचन क व ध कसके वारा नि चत क जाती है। [ अ ] संघीय संसद वारा [ ब ] कट स क सरकार वारा [ स ] जनता वारा [ द ] सं वधान वारा 9. संघीय संसद वारा पा रत कन ताव पर लोक नणय क मांग नह ं क जा सकती है। [ अ ] सं वधान संशोधन [ ब ] अंतरा य सं धय का अनुपालन [ स ] बजट ताव [ द ] अ याव यक घो षत कानून 10. संघीय संसद वारा पा रत कसी कानून को कतने समय बाद लागू कया जा सकता है। [ अ ] 90 दन [ ब ] 100 दन [ स ] 60 दन [ द ] त काल लागू कर दया जाता है। 11. यायालय वारा दं डत अपरा धय को मादान करने का अ धकार कसे ा त है। [ अ ] संघीय संसद [ ब ] संघीय सरकार [ स ] यायपा लका [ द ] रा प त 12. कट स वारा न मत सं वधान के नर ण का अ धकार कसे ा त है। [ अ ] संघीय संसद [ ब ] संघीय सरकार [ स ] यायपा लका [ द ] कसी को नह ं 13. संघीय संसद के दोन सदन का नामकरण कस देश के वधान मंडल क तज पर है। [ अ ] ेट टेन [ ब ] ांस [ स ] संयु त रा य अमे रका [ द ] भारत 14. ि वस सीनेट क सद य सं या कतनी है। 15. संघीय संसद के दोन सदन क संयु त बैठक क अ य ता कौन करता है। [ अ ] सीनेट का अ य [ ब ] त न ध सभा का अ य [ स ] रा प त [ द ] उपरा प त [ अ ] 40 [ ब ] 46 [ स ] 50 [ द ] 100 उ र-5. ब 6. अ 7. अ 8. ब 9. स 10. अ अ 11. अ 12. अ 13. स 14. ब 15. ब