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पंचायती राज महत्वपूर्ण तथ्य
➢ स्थानीय शासन 'महात्मा गााँधी' की संकल्पना राम राज्य या ग्राम स्वराज्य का
पररष्कृ त रूप है। गााँधीजी की इस संकल्पना को फलीभूत करने क
े ललए
भारतीय संववधान क
े अनुच्छेद 40 में राज्य सरकार को ननदेश ददए गए थे, जो
1993 में 73वें संववधान संशोधन क
े पररणामस्वरूप सम्भव हुआ।
➢ 73वें एवं 74वें संववधान संशोधन 1993 क
े तहत स्थानीय शासन, भारतीय
पररसंघीय व्यवस्था में तीसरे स्तर की सरकार को सामने ला खडा ककया।
➢ वर्ष 1957 में गदित बलवन्त राय मेहता सममतत ने सवषप्रथम पंचायती राज
को स्थावपत करने की लसफाररश की जजसे स्वीकार कर ललया गया। साथ ही
सभी राज्यों को इसे कियाजववत करने क
े ललए कहा गया।
➢ सवषप्रथम राजस्थान क
े नागौर जजले में 2 अक्टूबर 1959 को पजडित
जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज की नींव रखी और उसी ददन इसे सम्पूणष
राज्य (राजस्थान) में लागू कर ददया गया।
73वााँ संववधान संशोधन अधधतनयम, 1993
➢ ववलभवन सलमनतयों की लसफाररशों पर मनन-चचवतन क
े पश्चात् 73वााँ संववधान संशोधन
अचधननयम (1993) अवततः ववववध ववशेर्ताओं क
े साथ पाररत ककया गया और 24 अप्रैल,
1993 से सम्पूणष भारत में लागू कर ददया गया।
➢ वतषमान में इस अचधननयम क
े तहत ज्यादातर राज्यों ने त्रिस्तरीय पंचायती राज
व्यवस्था को अपनाया गया है, पजश्चम बंगाल में चार स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को
अपनाया गया है।
➢ पंचायती राज क
े सम्बवध में भारतीय संववधान का अनुच्छेद 243 से 243 (ण) ववशेर्
उल्लेख करता है।
➢ पंचायती राज व्यवस्था की संरचना त्रिस्तरीय है।
➢ 'जजला पररर्द्' स्थानीय ग्रामीण स्वशासन में शीर्ष पर जस्थत है। शीर्ष स्तर पर जजला
पररर्द्, मध्य स्तर पर पंचायत सलमनत, ननम्न स्तर पर ग्राम पंचायत
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जजला-पररषद्
➢ जजला पररर्द् स्थानीय स्वशासन की शीर्ष संस्था है, जो मध्य स्तर पर तथा ग्रामीण
स्तर पर पंचायतों और प्रखडि सलमनत क
े मध्य समववयन स्थावपत करता है।
गठन
➢ सामावय तौर पर जजले की सभी पंचायत सलमनतयों क
े प्रधान
➢ उस जजले क
े ननवाषचचत संसद तथा ववधानसभा सदस्य
➢ जजला ववकास अचधकारी
➢ जजला पररर्द् क
े सदस्यों में से एक को जजला पररर्द् का अध्यक्ष चुना जाता है
कायण एवं अधधकार
➢ जजला पररर्द् एक समववय तथा पयषवेक्षण करने वाला ननकाय है जो ननम्नललखखत कायों
को सम्पाददत करता है।
पंचायत सममतत सम्बजन्धत कायण
➢ पंचायत सलमनतयों क
े ववकास कायषिमों एवं योजनाओं में समववय स्थावपत करना।
➢ पंचायत सलमनतयों में राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान ववतररत करना। पंचायत सलमनत
को बजट योजना क
े अनुसार ननरीक्षण तथा ननदेश देना।
ग्राम पंचायत सम्बजन्धत कायण
➢ जजला-पररर्द् राज्य सरकार तथा पंचायतों क
े मध्य सम्पक
ष -सूि का कायष करना ।
➢ पंचायतों क
े कायों की प्रगनत की सूचनाएाँ राज्य सरकार तक पहुाँचाना तथा ददशा-ननदेश
जारी करना।
➢ जजले से सम्बजवधत कृ वर् तथा उत्पादन क
े कायों को योजनाबद्ध ढंग से पूरा कराना।
➢ प्रमुख तथा प्रधानों क
े सम्मेलन आयोजजत करना।
➢ राज्य सरकार या क
े वर सरकार द्वारा सौंपे गए कायों की प्रगनत क
े ललए प्रभावी कायष
करना। ववकास कायों क
े सम्बवध में राज्य सरकार को सलाह देना
आय क
े साधन
➢ जजला पररर्द् को अपने दानयत्वों क
े ननवाषह क
े ललए छोटे-छोटे कर लगाने का अचधकार
है। उसकी आय का प्रमुख साधन राज्य सरकार से प्राप्त धनरालश है।
पंचायत सममतत
➢ पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना में मध्य स्तर पर पंचायत सलमनत है। इसे पंचायत
सलमनत, 'क्षेि सलमनत' तथा 'आंचललक पररर्द्' भी कहते हैं।
पंचायत सममतत का गठन
➢ पंचायत सलमनत का गिन, सम्बजवधत ग्राम पंचायतों क
े प्रमुख, क
ु छ मदहला प्रनतननचध,
अनुसूचचत जानत तथा अनुसूचचत जनजानत क
े प्रनतननचध से लमलकर होता है।
➢ क
ु छ राज्यों में क
ु छ सदस्य ग्राम सभा द्वारा चुने जाते हैं।
➢ पंचायत सलमनत की अध्यक्षता क
े ललए 'प्रमुख' का चुनाव ककया जाता है। प्रमुख को
'प्रधान' तथा 'चेयरमैन' क
े नाम से भी जाना जाता है।
कायण एवं अधधकार
➢ प्रखडि ववकास पदाचधकारी, प्रखडि सलमनत का मुख्य कायषपाललका अचधकारी होता है।
बीिीओ क
े अधीन सहायक अचधकारी तथा ग्राम ववकास कमषचारी होता है, जो पंचायत
सलमनत द्वारा ननयोजजत कायों को कियाजववत करता है।
➢ पंचायत सलमनत, क्षेिीय ववकास क
े ललए योजना और कायषिम बनाती है तथा राज्य
सरकार की सहमनत से उसे लागू करती हैं।
➢ सामुदानयक ववकास कायषिम को प्रभावी रूप से कियाजववत करती है।
➢ क्षेि में स्वास््य, प्राथलमक लशक्षा, स्वच्छता तथा संचार क
े ववकास क
े ललए कायष करती
है।
➢ सलमनत ग्राम पंचायतों क
े कायों का ननरीक्षण करती है, ग्राम पंचायत क
े बजट पर ववचार
करती है तथा आवश्यकता पडने पर महत्त्वपूणष सुझाव भी देती है।
आय क
े साधन
➢ पंचायत सलमनत, अपने दानयत्वों क
े ननवाषह क
े ललए राज्य सरकार द्वारा प्राप्त धनरालश
पर ननभषर है।
पंचायती राज से सम्बजन्धत सममततयााँ
पंचायती सलमनत का नाम कायषकाल प्रमुख लसफाररशें
बलववत राय मेहता सलमनत
(अध्यक्ष- बलववत राय मेहता)
1957-58 - स्थानीय स्तर पर लोकताजविक ववक
े वरीकरण
- त्रिस्तरीय पंचायती राज की स्थापना
(जजला-पररर्द् प्रखडि सलमनत ग्राम पंचायत)
अशोक मेहता सलमनत (अध्यक्ष-
अशोक मेहता)
1977-78 द्ववस्तरीय पंचायती राज की स्थापना(मडिल
पंचायत एवं जजला पररर्द्)
राजनीनतक दलों का प्रनतननचधत्व
चार वर्ीय कायषकाल
एल एम लसंघवी सलमनत
(अध्यक्ष- लक्ष्मीमल लसंघवी)
1986-87 पंचायती राज को संवैधाननक दजाष ददया जाए
वयायपंचायतों का गिन ककया जाए एवं
ववत्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएाँ
पी क
े थुंगन सलमनत (अध्यक्ष-पी
क
े थुमन)
1989 जजला ननयोजन में राजनीनतक एवं प्रशासननक
संरचना
पंचायती राज को संवैधाननक दजाष
ग्राम पंचायत
➢ त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सतही स्तर पर तीन प्रकार की संस्थाएाँ होती हैं
ग्राम सभा
➢ ग्राम सभा एक या अनेक छोटे-छोटे ग्रामों से लमलकर बनी सभा है। गााँव की यह सभा
'व्यवस्थावपका' का कायष करती है।
➢ यह एक स्थायी संस्था है। गााँव का वह प्रत्येक व्यजतत जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर
चुका है तथा उसका नाम वहााँ की मतदाता सूची में शालमल है, आम सभा का सदस्य
होता है।
ग्राम सभा क
े कायण
➢ ग्रामीण स्तर पर ग्राम सभा ग्रामों क
े ललए नीनत बनाती है। गााँव क
े ववकास क
े ललए
योजनाओं का ननमाषण करती है।
➢ ग्राम सभा क
े प्रत्यक्ष मतदान से ग्राम पंचायत का गिन ककया जाता है। ग्राम पंचायत
में एक 'मुखखया' तथा अवय क
ु छ पंच होते हैं।
पंचायत
➢ पंचायत का गिन 'ग्राम सभा' क
े सदस्यों द्वारा होता है। 'पंचायत' क
े प्रमुख का चुनाव
ग्राम की जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है।
➢ ग्राम प्रमुख को मुखखया, सरपंच तथा प्रधान क
े नाम से भी सम्बोचधत ककया जाता है।
➢ पंचायत में एक मुखखया या सरपंच तथा क
ु छ पंच होते हैं। इन पंचों की संख्या ववलभवन
राज्यों में अलग-अलग है। पंचायत क
े शेर् पंचों का चुनाव ग्राम सभा करती है।
ई-पंचायत
➢ सरकार ने सभी पंचायतों को सक्षम बनाने क
े ललए ई-पंचायत लमशन मोि पररयोजना का
शुभारम्भ ककया. जजससे पंचायतों में पारदलशषता, सूचनाओं का आदान प्रदान, सेवाओं का
क
ु शल ववतरण तथा पंचायतों क
े प्रबवधन में गुणवत्ता तथा पारदलशषता को सुननजश्चत
ककया जा सक
े ।
पंचायत क
े कायण
➢ 'पंचायत' ग्राम सभा की कायषकारी संस्था है, जो ग्यारहवी अनुसूची में वखणषत 29 ववर्यों
पर ननम्नललखखत कायों को सम्पाददत करती है।
1. नागररक सम्बन्धी कायण:-
➢ पंचायत, नागररकों न क
े उत्तम स्वास््य, जीवन क
े ललए स्वच्छ पेयजल, आवागमन क
े
साधन, संचार व्यवस्था, लशक्षा इत्यादद क
े सम्बवध में प्रावधान करती है। प्रकाश की
व्यवस्था, स्क
ू ल की व्यवस्था करती है।
2. जन कल्यार् कायण:-
➢ पंचायत, कल्याण क
े कायों को प्रभावी बनाने क
े ललए पररवार ननयोजन, जवम पंजीकरण,
मृत्यु पंजीकरण, प्रौढ़ लशक्षा क
े वर, आाँगनबाडी योजनाएाँ, कृवर् तथा पशुपालन को प्रोत्सादहत
करने का कायष करती है।
3. ववकास कायण:-
➢ पंचायत ग्रामीण ववकास क
े ललए सडक, क
ु आाँ, हैडिपम्प, नाललयों, पुललया आदद तथा
इजवदरा आवास योजनाओं का कियाववयन करती है।
आय क
े साधन
➢ पंचायतें अपने दानयत्वों क
े ननवाषह क
े ललए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करारोपण कर सकती
हैं। वह गृहकर, चुंगी कर, वाहन कर, हाट कर, पशु क
े िय-वविय पर कर लगाती है।
➢ पंचायतें, पंचायत भवन, तालाब आदद को पट्टे पर देकर धन प्राप्त कर सकती हैं।
➢ पंचायतों को ववलभवन कायों व योजनाओं क
े संचालन क
े ललए राज्य सरकार तथा क
े वर
सरकार द्वारा अनुदान रालश प्राप्त होती है।
न्याय पंचायत
➢ ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय अपराधों की या समस्याओं क
े ननपटारे क
े ललए वयाय
पंचायत की व्यवस्था की गई है।
➢ इसका गिन ग्राम पंचायत द्वारा चुने गए सदस्यों से लमलकर होता है।
कायण एवं अधधकार
➢ स्थानीय स्तर पर समस्याओं को ननपटाने का यह प्रमुख वयानयक मंच है।
➢ वयाय पंचायत को गााँव क
े छोटे-छोटे दीवानी तथा फौजदारी मामले में ननणषय देने का
अचधकार है।
➢ वयाय पंचायत ₹ 500 तक का जुमाषना भी कर सकती है, ककवतु वह कारावास की सजा
नहीं सुना सकती है।
➢ इसक
े ननणषय क
े ववरुद्ध साधारणतया अपील नहीं होती, ककवतु अधीनस्थ वयायालयों में
इसे अपील क
े ललए पेश ककया जा सकता है।
➢ वयाय पंचायत में ककसी अचधवतता की जरूरत नहीं होती है।
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नगरपामलकाएाँ
➢ स्थानीय नगरीय शासन में नगरपाललका प्रणाली का प्रावधान है, जजसे संवैधाननक वैधता
प्राप्त है।
➢ 74वें संववधान संशोधन अचधननयम, (1993) क
े तहत भारतीय संववधान क
े अनुच्छेद 243
(त) से 243 (य, छ) क
े तहत इसका ववशेर् उल्लेख ककया गया है।
➢ भारतीय संववधान क
े अनुच्छेद 243 (थ) क
े अनुसार तीन प्रकार की नगरीय व्यवस्था का
उल्लेख ककया गया है
1. नगर पंचायत:-
➢ संिमणशील क्षेि क
े ललए वह क्षेि, जो ग्रामीण व शहरी दोनों का सजम्मललत रूप है।
(10000 - 20000) की जनसंख्या वाले क्षेि में)
2. नगरपामलका पररषद्:-
➢ छोटे-छोटे नगरों क
े ललए 20000 से 3 लाख की जनसंख्या वाले क्षेि में।
3. नगर तनगम:-
➢ वृहत नगरों क
े ललए जहााँ की जनसंख्या 3 लाख से अचधक है।
➢ ककसी नगर को ककस प्रारूप में रखा जाएगा यह ननणषय लेने का अचधकार सम्बजवधत
राज्य क
े राज्यपाल को है।
गठन
➢ प्रथम नगरपाललका का गिन 1687 में मरास में हुआ था। प्रत्येक नगरपाललका को
प्रावतीय ननवाषचन क्षेिों में ववभाजजत ककया जाता है, जजवहें 'वािष' कहते हैं।
➢ नगरपाललका क
े सदस्य इन 'वािो' से जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। राज्य
ववधानमडिल क
े ववचध अनुसार
➢ राज्य की लोकसभा तथा ववधानसभा क
े सदस्य जो नगरपाललका क्षेि में मतदाता हैं।
➢ राज्य की राज्यसभा तथा ववधानपररर्द् क
े सदस्य नगरपाललका क
े मतदाता हैं।
➢ नगरपाललका प्रशासन का ववशेर् ज्ञान रखने वाले व्यजतत तथा क
ु छ सलमनतयों क
े अध्यक्ष
को नगर पाललका में प्रनतननचधत्व सदस्यता प्रदान की गई है।
कायणकाल
➢ नगरपाललका अपने पहले अचधवेशन की तारीख से 5 वर्ष तक अपने अजस्तत्व में बना
रहता है।
➢ ककवतु, समय से पूवष भी इसका ववघटन ककया जा सकता है। यदद इसका ववघटन हो
जाता है तो ववघटन की तारीख से 6 माह क
े अवदर उसका पुनगषिन हो जाना चादहए।
पुनगषदित नगरपाललका, ववघदटत नगरपाललका क
े शेर् कायषकाल तक कायष करेगी।
सदस्यों की योग्यताएाँ
नगरपामलका का सदस्य होने क
े मलए अतनवायण योग्यताएं हैं :-
➢वह भारतीय नागररक हो।
➢वह 21 वषण की आयु पूरी कर चुका हो।
➢वह पागल, ददवामलया न हो
➢वह सरकारी लाभ क
े पद पर आसीन न हो।
कायण क्षेत्र
➢ भारतीय संववधान की अनुसूची 12 में वखणषत 18 ववषयों पर कायष करने का अचधकार प्राप्त
है।
➢ यह इन ववववध कायों को ववववध सलमनतयों क
े माध्यम से नगरपाललका संचाललत करती
है।
➢ वह आचथषक एवं सामाजजक ववकास क
े ललए योजनाएाँ बनाती है तथा उवहें कियाजववत
करती है।
➢ वह समाज क
े वपछडे वगष क
े ववकास क
े ललए कायष करती है। ववकलांग तथा मानलसक
रूप से ववक्षक्षप्त लोगों क
े दहतों की रक्षा करती है।
➢ वह नगरीय सुख-सुववधाओं-सडक, प्रकाश, पेयजल, सीवरेज इत्यादद की व्यवस्था करती है।
➢ जवम एवं मृत्यु का पंजीकरण करती है।
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े मलए फटाफट
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  • 1. पंचायती राज महत्वपूर्ण तथ्य ➢ स्थानीय शासन 'महात्मा गााँधी' की संकल्पना राम राज्य या ग्राम स्वराज्य का पररष्कृ त रूप है। गााँधीजी की इस संकल्पना को फलीभूत करने क े ललए भारतीय संववधान क े अनुच्छेद 40 में राज्य सरकार को ननदेश ददए गए थे, जो 1993 में 73वें संववधान संशोधन क े पररणामस्वरूप सम्भव हुआ। ➢ 73वें एवं 74वें संववधान संशोधन 1993 क े तहत स्थानीय शासन, भारतीय पररसंघीय व्यवस्था में तीसरे स्तर की सरकार को सामने ला खडा ककया। ➢ वर्ष 1957 में गदित बलवन्त राय मेहता सममतत ने सवषप्रथम पंचायती राज को स्थावपत करने की लसफाररश की जजसे स्वीकार कर ललया गया। साथ ही सभी राज्यों को इसे कियाजववत करने क े ललए कहा गया। ➢ सवषप्रथम राजस्थान क े नागौर जजले में 2 अक्टूबर 1959 को पजडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज की नींव रखी और उसी ददन इसे सम्पूणष राज्य (राजस्थान) में लागू कर ददया गया। 73वााँ संववधान संशोधन अधधतनयम, 1993 ➢ ववलभवन सलमनतयों की लसफाररशों पर मनन-चचवतन क े पश्चात् 73वााँ संववधान संशोधन अचधननयम (1993) अवततः ववववध ववशेर्ताओं क े साथ पाररत ककया गया और 24 अप्रैल, 1993 से सम्पूणष भारत में लागू कर ददया गया। ➢ वतषमान में इस अचधननयम क े तहत ज्यादातर राज्यों ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को अपनाया गया है, पजश्चम बंगाल में चार स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को अपनाया गया है। ➢ पंचायती राज क े सम्बवध में भारतीय संववधान का अनुच्छेद 243 से 243 (ण) ववशेर् उल्लेख करता है। ➢ पंचायती राज व्यवस्था की संरचना त्रिस्तरीय है।
  • 2. ➢ 'जजला पररर्द्' स्थानीय ग्रामीण स्वशासन में शीर्ष पर जस्थत है। शीर्ष स्तर पर जजला पररर्द्, मध्य स्तर पर पंचायत सलमनत, ननम्न स्तर पर ग्राम पंचायत Success Planet YouTube Channel जजला-पररषद् ➢ जजला पररर्द् स्थानीय स्वशासन की शीर्ष संस्था है, जो मध्य स्तर पर तथा ग्रामीण स्तर पर पंचायतों और प्रखडि सलमनत क े मध्य समववयन स्थावपत करता है। गठन ➢ सामावय तौर पर जजले की सभी पंचायत सलमनतयों क े प्रधान ➢ उस जजले क े ननवाषचचत संसद तथा ववधानसभा सदस्य ➢ जजला ववकास अचधकारी ➢ जजला पररर्द् क े सदस्यों में से एक को जजला पररर्द् का अध्यक्ष चुना जाता है कायण एवं अधधकार ➢ जजला पररर्द् एक समववय तथा पयषवेक्षण करने वाला ननकाय है जो ननम्नललखखत कायों को सम्पाददत करता है। पंचायत सममतत सम्बजन्धत कायण ➢ पंचायत सलमनतयों क े ववकास कायषिमों एवं योजनाओं में समववय स्थावपत करना। ➢ पंचायत सलमनतयों में राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान ववतररत करना। पंचायत सलमनत को बजट योजना क े अनुसार ननरीक्षण तथा ननदेश देना। ग्राम पंचायत सम्बजन्धत कायण
  • 3. ➢ जजला-पररर्द् राज्य सरकार तथा पंचायतों क े मध्य सम्पक ष -सूि का कायष करना । ➢ पंचायतों क े कायों की प्रगनत की सूचनाएाँ राज्य सरकार तक पहुाँचाना तथा ददशा-ननदेश जारी करना। ➢ जजले से सम्बजवधत कृ वर् तथा उत्पादन क े कायों को योजनाबद्ध ढंग से पूरा कराना। ➢ प्रमुख तथा प्रधानों क े सम्मेलन आयोजजत करना। ➢ राज्य सरकार या क े वर सरकार द्वारा सौंपे गए कायों की प्रगनत क े ललए प्रभावी कायष करना। ववकास कायों क े सम्बवध में राज्य सरकार को सलाह देना आय क े साधन ➢ जजला पररर्द् को अपने दानयत्वों क े ननवाषह क े ललए छोटे-छोटे कर लगाने का अचधकार है। उसकी आय का प्रमुख साधन राज्य सरकार से प्राप्त धनरालश है। पंचायत सममतत ➢ पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना में मध्य स्तर पर पंचायत सलमनत है। इसे पंचायत सलमनत, 'क्षेि सलमनत' तथा 'आंचललक पररर्द्' भी कहते हैं। पंचायत सममतत का गठन ➢ पंचायत सलमनत का गिन, सम्बजवधत ग्राम पंचायतों क े प्रमुख, क ु छ मदहला प्रनतननचध, अनुसूचचत जानत तथा अनुसूचचत जनजानत क े प्रनतननचध से लमलकर होता है। ➢ क ु छ राज्यों में क ु छ सदस्य ग्राम सभा द्वारा चुने जाते हैं। ➢ पंचायत सलमनत की अध्यक्षता क े ललए 'प्रमुख' का चुनाव ककया जाता है। प्रमुख को 'प्रधान' तथा 'चेयरमैन' क े नाम से भी जाना जाता है। कायण एवं अधधकार ➢ प्रखडि ववकास पदाचधकारी, प्रखडि सलमनत का मुख्य कायषपाललका अचधकारी होता है। बीिीओ क े अधीन सहायक अचधकारी तथा ग्राम ववकास कमषचारी होता है, जो पंचायत सलमनत द्वारा ननयोजजत कायों को कियाजववत करता है।
  • 4. ➢ पंचायत सलमनत, क्षेिीय ववकास क े ललए योजना और कायषिम बनाती है तथा राज्य सरकार की सहमनत से उसे लागू करती हैं। ➢ सामुदानयक ववकास कायषिम को प्रभावी रूप से कियाजववत करती है। ➢ क्षेि में स्वास््य, प्राथलमक लशक्षा, स्वच्छता तथा संचार क े ववकास क े ललए कायष करती है। ➢ सलमनत ग्राम पंचायतों क े कायों का ननरीक्षण करती है, ग्राम पंचायत क े बजट पर ववचार करती है तथा आवश्यकता पडने पर महत्त्वपूणष सुझाव भी देती है। आय क े साधन ➢ पंचायत सलमनत, अपने दानयत्वों क े ननवाषह क े ललए राज्य सरकार द्वारा प्राप्त धनरालश पर ननभषर है। पंचायती राज से सम्बजन्धत सममततयााँ पंचायती सलमनत का नाम कायषकाल प्रमुख लसफाररशें बलववत राय मेहता सलमनत (अध्यक्ष- बलववत राय मेहता) 1957-58 - स्थानीय स्तर पर लोकताजविक ववक े वरीकरण - त्रिस्तरीय पंचायती राज की स्थापना (जजला-पररर्द् प्रखडि सलमनत ग्राम पंचायत) अशोक मेहता सलमनत (अध्यक्ष- अशोक मेहता) 1977-78 द्ववस्तरीय पंचायती राज की स्थापना(मडिल पंचायत एवं जजला पररर्द्) राजनीनतक दलों का प्रनतननचधत्व चार वर्ीय कायषकाल एल एम लसंघवी सलमनत (अध्यक्ष- लक्ष्मीमल लसंघवी) 1986-87 पंचायती राज को संवैधाननक दजाष ददया जाए वयायपंचायतों का गिन ककया जाए एवं ववत्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएाँ पी क े थुंगन सलमनत (अध्यक्ष-पी क े थुमन) 1989 जजला ननयोजन में राजनीनतक एवं प्रशासननक संरचना पंचायती राज को संवैधाननक दजाष ग्राम पंचायत ➢ त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सतही स्तर पर तीन प्रकार की संस्थाएाँ होती हैं
  • 5. ग्राम सभा ➢ ग्राम सभा एक या अनेक छोटे-छोटे ग्रामों से लमलकर बनी सभा है। गााँव की यह सभा 'व्यवस्थावपका' का कायष करती है। ➢ यह एक स्थायी संस्था है। गााँव का वह प्रत्येक व्यजतत जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है तथा उसका नाम वहााँ की मतदाता सूची में शालमल है, आम सभा का सदस्य होता है। ग्राम सभा क े कायण ➢ ग्रामीण स्तर पर ग्राम सभा ग्रामों क े ललए नीनत बनाती है। गााँव क े ववकास क े ललए योजनाओं का ननमाषण करती है। ➢ ग्राम सभा क े प्रत्यक्ष मतदान से ग्राम पंचायत का गिन ककया जाता है। ग्राम पंचायत में एक 'मुखखया' तथा अवय क ु छ पंच होते हैं। पंचायत ➢ पंचायत का गिन 'ग्राम सभा' क े सदस्यों द्वारा होता है। 'पंचायत' क े प्रमुख का चुनाव ग्राम की जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है। ➢ ग्राम प्रमुख को मुखखया, सरपंच तथा प्रधान क े नाम से भी सम्बोचधत ककया जाता है। ➢ पंचायत में एक मुखखया या सरपंच तथा क ु छ पंच होते हैं। इन पंचों की संख्या ववलभवन राज्यों में अलग-अलग है। पंचायत क े शेर् पंचों का चुनाव ग्राम सभा करती है। ई-पंचायत ➢ सरकार ने सभी पंचायतों को सक्षम बनाने क े ललए ई-पंचायत लमशन मोि पररयोजना का शुभारम्भ ककया. जजससे पंचायतों में पारदलशषता, सूचनाओं का आदान प्रदान, सेवाओं का क ु शल ववतरण तथा पंचायतों क े प्रबवधन में गुणवत्ता तथा पारदलशषता को सुननजश्चत ककया जा सक े । पंचायत क े कायण ➢ 'पंचायत' ग्राम सभा की कायषकारी संस्था है, जो ग्यारहवी अनुसूची में वखणषत 29 ववर्यों पर ननम्नललखखत कायों को सम्पाददत करती है।
  • 6. 1. नागररक सम्बन्धी कायण:- ➢ पंचायत, नागररकों न क े उत्तम स्वास््य, जीवन क े ललए स्वच्छ पेयजल, आवागमन क े साधन, संचार व्यवस्था, लशक्षा इत्यादद क े सम्बवध में प्रावधान करती है। प्रकाश की व्यवस्था, स्क ू ल की व्यवस्था करती है। 2. जन कल्यार् कायण:- ➢ पंचायत, कल्याण क े कायों को प्रभावी बनाने क े ललए पररवार ननयोजन, जवम पंजीकरण, मृत्यु पंजीकरण, प्रौढ़ लशक्षा क े वर, आाँगनबाडी योजनाएाँ, कृवर् तथा पशुपालन को प्रोत्सादहत करने का कायष करती है। 3. ववकास कायण:- ➢ पंचायत ग्रामीण ववकास क े ललए सडक, क ु आाँ, हैडिपम्प, नाललयों, पुललया आदद तथा इजवदरा आवास योजनाओं का कियाववयन करती है। आय क े साधन ➢ पंचायतें अपने दानयत्वों क े ननवाषह क े ललए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करारोपण कर सकती हैं। वह गृहकर, चुंगी कर, वाहन कर, हाट कर, पशु क े िय-वविय पर कर लगाती है। ➢ पंचायतें, पंचायत भवन, तालाब आदद को पट्टे पर देकर धन प्राप्त कर सकती हैं। ➢ पंचायतों को ववलभवन कायों व योजनाओं क े संचालन क े ललए राज्य सरकार तथा क े वर सरकार द्वारा अनुदान रालश प्राप्त होती है। न्याय पंचायत ➢ ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय अपराधों की या समस्याओं क े ननपटारे क े ललए वयाय पंचायत की व्यवस्था की गई है। ➢ इसका गिन ग्राम पंचायत द्वारा चुने गए सदस्यों से लमलकर होता है। कायण एवं अधधकार ➢ स्थानीय स्तर पर समस्याओं को ननपटाने का यह प्रमुख वयानयक मंच है।
  • 7. ➢ वयाय पंचायत को गााँव क े छोटे-छोटे दीवानी तथा फौजदारी मामले में ननणषय देने का अचधकार है। ➢ वयाय पंचायत ₹ 500 तक का जुमाषना भी कर सकती है, ककवतु वह कारावास की सजा नहीं सुना सकती है। ➢ इसक े ननणषय क े ववरुद्ध साधारणतया अपील नहीं होती, ककवतु अधीनस्थ वयायालयों में इसे अपील क े ललए पेश ककया जा सकता है। ➢ वयाय पंचायत में ककसी अचधवतता की जरूरत नहीं होती है। Success Planet YouTube Channel नगरपामलकाएाँ ➢ स्थानीय नगरीय शासन में नगरपाललका प्रणाली का प्रावधान है, जजसे संवैधाननक वैधता प्राप्त है। ➢ 74वें संववधान संशोधन अचधननयम, (1993) क े तहत भारतीय संववधान क े अनुच्छेद 243 (त) से 243 (य, छ) क े तहत इसका ववशेर् उल्लेख ककया गया है। ➢ भारतीय संववधान क े अनुच्छेद 243 (थ) क े अनुसार तीन प्रकार की नगरीय व्यवस्था का उल्लेख ककया गया है 1. नगर पंचायत:- ➢ संिमणशील क्षेि क े ललए वह क्षेि, जो ग्रामीण व शहरी दोनों का सजम्मललत रूप है। (10000 - 20000) की जनसंख्या वाले क्षेि में) 2. नगरपामलका पररषद्:- ➢ छोटे-छोटे नगरों क े ललए 20000 से 3 लाख की जनसंख्या वाले क्षेि में। 3. नगर तनगम:- ➢ वृहत नगरों क े ललए जहााँ की जनसंख्या 3 लाख से अचधक है।
  • 8. ➢ ककसी नगर को ककस प्रारूप में रखा जाएगा यह ननणषय लेने का अचधकार सम्बजवधत राज्य क े राज्यपाल को है। गठन ➢ प्रथम नगरपाललका का गिन 1687 में मरास में हुआ था। प्रत्येक नगरपाललका को प्रावतीय ननवाषचन क्षेिों में ववभाजजत ककया जाता है, जजवहें 'वािष' कहते हैं। ➢ नगरपाललका क े सदस्य इन 'वािो' से जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। राज्य ववधानमडिल क े ववचध अनुसार ➢ राज्य की लोकसभा तथा ववधानसभा क े सदस्य जो नगरपाललका क्षेि में मतदाता हैं। ➢ राज्य की राज्यसभा तथा ववधानपररर्द् क े सदस्य नगरपाललका क े मतदाता हैं। ➢ नगरपाललका प्रशासन का ववशेर् ज्ञान रखने वाले व्यजतत तथा क ु छ सलमनतयों क े अध्यक्ष को नगर पाललका में प्रनतननचधत्व सदस्यता प्रदान की गई है। कायणकाल ➢ नगरपाललका अपने पहले अचधवेशन की तारीख से 5 वर्ष तक अपने अजस्तत्व में बना रहता है। ➢ ककवतु, समय से पूवष भी इसका ववघटन ककया जा सकता है। यदद इसका ववघटन हो जाता है तो ववघटन की तारीख से 6 माह क े अवदर उसका पुनगषिन हो जाना चादहए। पुनगषदित नगरपाललका, ववघदटत नगरपाललका क े शेर् कायषकाल तक कायष करेगी। सदस्यों की योग्यताएाँ नगरपामलका का सदस्य होने क े मलए अतनवायण योग्यताएं हैं :- ➢वह भारतीय नागररक हो। ➢वह 21 वषण की आयु पूरी कर चुका हो। ➢वह पागल, ददवामलया न हो ➢वह सरकारी लाभ क े पद पर आसीन न हो।
  • 9. कायण क्षेत्र ➢ भारतीय संववधान की अनुसूची 12 में वखणषत 18 ववषयों पर कायष करने का अचधकार प्राप्त है। ➢ यह इन ववववध कायों को ववववध सलमनतयों क े माध्यम से नगरपाललका संचाललत करती है। ➢ वह आचथषक एवं सामाजजक ववकास क े ललए योजनाएाँ बनाती है तथा उवहें कियाजववत करती है। ➢ वह समाज क े वपछडे वगष क े ववकास क े ललए कायष करती है। ववकलांग तथा मानलसक रूप से ववक्षक्षप्त लोगों क े दहतों की रक्षा करती है। ➢ वह नगरीय सुख-सुववधाओं-सडक, प्रकाश, पेयजल, सीवरेज इत्यादद की व्यवस्था करती है। ➢ जवम एवं मृत्यु का पंजीकरण करती है। Success Planet YouTube Channel बबहार सधचवालय की संपूर्ण तैयारी क े मलए फटाफट ‘Success Planet' एप्लीक े शन से जुड़िए. 👉 सभी महत्वपूर्ण टॉवपक का pdf ‘Success Planet' टेलीग्राम से डाउनलोड कीजजए. Telegram Name – ‘Success Planet’