भारतीय संविधान की छठी अनुसूची क्या है? | Sixth Schedule of the Indian Constitution | Hindi | Kya Hai | भारतीय संविधान की छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय | Visit: https://govtvacancy.net/
1. भारतीय संविधान की अनुसूची 6
–
भारतीय राजव्यिस्था नोट्स
Written By – Om Prakash
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2. • जनजातीय लोगों क
े अधिकारों की रक्षा क
े
ललए छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा
और लमजोरम में स्िायत्त जजला पररषदों क
े
गठन की अनुमतत देती है । यह
प्राविान भारतीय संवविान क
े अनुच्छेद
244(2) और 275(1) में पाया जाता है।
3. महत्िपूर्ण प्रािधान
• इसे 1949 में संविधान सभा द्वारा पाररत
ककया गया था और इसका उद्देश्य स्िायत्त
जजला पररषदों (ADC) क
े गठन क
े माध्यम से
स्वदेशी लोगों क
े अधिकारों की रक्षा करना है ।
• एडीसी ऐसे तनकाय हैं जो एक जजले का
प्रतततनधित्व करते हैं और संवविान क
े अनुसार
राज्य वविातयका क
े भीतर स्वायत्तता की
अलग-अलग डडग्री रखते हैं।
4. • इन राज्यों क
े राज्यपालों को जनजातीय क्षेिों
की सीमाओं को पुनर्वययवजस्थत करने का
अधिकार है।
• वह ककसी भी क्षेि को शालमल या बहहष्कृ त कर
सकता है, सीमाओं को बढा या घटा सकता है,
और दो या अधिक स्वायत्त जजलों को एक में
लमला सकता है।
• राज्यपाल त्रबना ककसी अलग कानून क
े स्िायत्त
क्षेत्रों क
े नाम बदल/बदल सकते हैं ।
5. • छठी अनुसूची, एडीसी क
े अलावा, एक स्वायत्त
क्षेि क
े रूप में नालमत प्रत्येक क्षेि क
े ललए
अलग क्षेत्रीय पररषदों का प्रािधान करती है।
• पूवोत्तर में दस स्िायत्त जजले हैं, असम,
मेघालय और लमजोरम में तीन-तीन और त्रिपुरा
में एक।
• इन क्षेिों को जजला पररषद (जजले का नाम)
और क्षेिीय पररषद (क्षेि का नाम) क
े रूप में
जाना जाता है।
6. • प्रत्येक स्वायत्त जजले और क्षेिीय पररषद में
अधिकतम 30 सदस्य होते हैं, जजनमें से चार
राज्यपाल द्वारा तनयुक्त ककए जाते हैं और
बाकी तनवायधचत होते हैं। वे सभी पांच साल क
े
काययकाल क
े ललए सत्ता में हैं।
• हालााँकक , बोडोलैंड प्रादेशिक पररषद एक
अपवाद है क्योंकक इसमें अधिकतम 46 सदस्य
हो सकते हैं, जजनमें से 40 तनवायधचत होते हैं।
7. • 40 सीटों में से पैंतीस सीटें अनुसूचचत जनजाततयों
और गैर-आददिासी समुदायों क
े शलए आरक्षक्षत हैं,
पांच अनारक्षक्षत हैं, और िेष छह को बोडोलैंड
प्रादेशिक क्षेत्र जजले (बीटीएडी) में कम प्रतततनचधत्ि
िाले समुदायों से राज्यपाल द्िारा नाशमत ककया
गया है।
• एडीसी क
े पास नागररक और न्यातयक शजक्तयां हैं
और वे जनजाततयों से जुडे मामलों की सुनवाई क
े
ललए अपने अधिकार क्षेि में ग्राम अदालतें
स्थावपत कर सकते हैं।
8. • छठी अनुसूची में शालमल राज्यों
क
े राज्यपाल इनमें से प्रत्येक मामले में उच्च
न्यायालयों क
े अधिकार क्षेि को तनहदयष्ट करते
हैं।
• राज्यपाल क
े अनुमोदन से पररषदें भूलम, वन,
मत्स्य पालन, सामाजजक सुरक्षा, मनोरंजन,
जन स्वास््य आहद जैसे मुद्दों पर वविायी
कानून भी बना सकती हैं।
9. • क
ें द्र और राज्य सरकारों की भूलमका इन
स्वायत्त क्षेिों क
े क्षेिीय अधिकार क्षेि द्वारा
सीलमत है।
• संसद और राज्य वविानसभाओं द्वारा पाररत
अधितनयम इन क्षेिों में अधितनयलमत हो सकते
हैं या नह ं भी हो सकते हैं जब तक कक
राष्रपतत और राज्यपाल द्वारा अनुमोहदत नह ं
ककया जाता है, स्वायत्त क्षेिों क
े ललए कानूनों
में बदलाव क
े साथ या त्रबना।
10. तनष्कषण
• हालशए पर पडे समूहों को यह सुतनजश्चत करने क
े ललए
संवविान क
े ववशेष संरक्षण की आवश्यकता है कक उनक
े
खखलाफ ऐततहालसक गलततयााँ ठीक की जाएाँ और उनकी
पुनरावृवत्त न हो।
• इस सब में गैर-आददिाशसयों को न्याय से वंधचत ककया
गया है जो पीहढयों से एडीसी में रह रहे हैं लेककन ककसी
तरह हालशए पर हैं।
• इसशलए, सरकार और अन्य एजेंशसयों को इस
संिेदनिील मुद्दे को संबोचधत करते हुए क्षेत्र क
े
आददिाशसयों और गैर-आददिाशसयों दोनों का ववश्वास
और ववश्वास हालसल करने और उन्हें सुरक्षक्षत और
सुरक्षक्षत महसूस कराने की आवश्यकता है।
11. संविधान की अनुसूची 6 क्या है?
छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और
लमजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेिों क
े प्रशासन
क
े प्राविान हैं।
12. कौन सा राज्य भारतीय संविधान की
छठी अनुसूची में िाशमल है?
छठी अनुसूची में भारतीय संवविान क
े अनुच्छेद
244 क
े अनुसार असम, मेघालय, त्रिपुरा और
लमजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेिों क
े प्रशासन
क
े प्राविान शालमल हैं।