http://spiritualworld.co.in खारा कूआँ मीठा करना: श्री गुरु तेग बहादर जी जब गाँव मूलोवाल पहुँचे तो मईया व गोदे ने आपकी खूब सेवा की| गुरु जी को बहुत प्यास लगी| उन्होंने पीने के लिए पानी मंगवाया| परन्तु पानी बहुत खारा था| गुरु जी ने उनसे पूछा कि यहाँ कोई मीठे पानी का कूआँ नहीं है? तब मईया ने कहा कि महाराज! मीठे पानी का कूआँ गाँव से बहुत दूर है| यदि आप हुक्म करो तो वहाँ से मीठा पानी ले आऊँ| गुरु जी ने वचन किया जाओ वाहि गुरु कहकर यहाँ से ही हमारे पीने के लिए जल ले आओ| येही मीठा हो जायेगा| गुरु जी का वचन मानकर गोंदा ने वैसा ही किया जैसा गुरु जी ने कहा था| गोंदा जब पानी लाया तो गुरु जी ने पी कर बताया कि यह जल बहुत ठंडा और मीठा है| आज से यह कूआँ गुरु का कहावेगा| more on http://spiritualworld.co.in