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1
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
2
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
3
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
परिचय
किताब िा नाम-------------------------------------इस्लाम
लेखि िा नाम : क़ाज़ी उल क़
ु ज़्ज़ात मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम
वाकलद िा नाम :----------------------- मुहम्मद अब्बास आलम
किलाफत :------------------------------------ सलाकसले अर्बा
रर्हाइश :------------------- मीर्ा र्ोड मुुंबई ठाणे महार्ाष्ट्र भार्त
मुक्कमल कडज़ाइन :-अल्लामा शमशाद आलम (जानशीने हुज़ूर् मसीहे कमल्लत)
कहुंदी टाइक ुंग :----------------सूफी अली अिबर् (सुल्तान ुर्ी )
प्रिाशि :----दारुल उलूम फ
ै ज़ाने मुस्तफा एजूि
े श्नल टरस्ट ,मीर्ा र्ोड मुुंबई
तबाअत : फ
ै ज़ाने मुस्तफा अि
े डमी,मि
र ज़ुल )मर्ािीज़ बाबुल इल्म जनर्ल लाइब्रेर्ी
छ ाई :------------------------ 25/12/2023
4
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
मुक़द्दमा
َ‫ن‬ِ‫م‬ ِ‫هلل‬‫ا‬ِ‫ب‬ُ‫ذ‬‫و‬ُ‫ع‬َ‫أ‬
َ‫الش‬
َ‫الر‬ ِ‫ان‬ َ‫ط‬ْ‫ي‬
ْ‫ي‬ِ‫ج‬
ِ‫م‬
o
ِ‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫الر‬ ِ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ِ ‫ه‬
‫اّلل‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬
o
َ‫ا‬
ِ ‫ه‬ِ
‫ّلل‬ ُ‫د‬ْ‫م‬َ‫ْح‬‫ل‬
َ ْ
‫ن‬ِ‫م‬َ‫م‬‫ه‬‫ْل‬‫ل‬ْ ِِ َ‫ب‬
o
َ‫لص‬َ‫ا‬
َ‫الس‬َ‫و‬ُ‫ة‬‫و‬‫ه‬‫م‬
َ‫م‬َ‫ح‬ُ‫م‬ َ
‫ََل‬‫ع‬ ُ‫م‬ َ
‫َل‬
َ ْ
‫ن‬ِ‫م‬َ‫م‬‫ه‬‫ْل‬‫م‬ِ‫ل‬ ً‫ة‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ب‬ ٍ‫د‬
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ِ‫ہ‬ِ‫ل‬‫آ‬ ‫ه‬
‫ََل‬‫ع‬ َ‫و‬
َ‫الط‬
ِ‫ي‬
ِ‫ب‬
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‫ن‬
َ‫و‬
َ‫الط‬
‫ا‬
ِ‫ھ‬
ِ‫ر‬
ْ‫ی‬
َ‫ن‬
َ‫ل‬‫ا‬
ْ‫ج‬
ِ‫ل‬‫ه‬‫م‬
َ ْ
‫ن‬
o
अल्हम्दु कलल्लाकह र्ब्बब्बल आलमीन वस्सलातु वस्सलामु अला
र्हमतुल-कलल-आलमीनवआकलकहत्तैय्यबीनवत्ताकहर्ीनअम्मा
बादफअऊज़ु कबल्लाकह कमनश्शैताकनर्रजीम०
बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम०
इस्लाम िा माना है अल्लाह ि
े अहिामात ि
े सामने सर्े
तस्लीम िम िर् देना और् कजससे वह र्ोि
े कबला एतर्ाज़
रुि जाना |
5
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
इस्लाम िा मक़सद है :- सलामती, अमन व अमान |
इस्लाम एि आलमगीर् शर्ीयत है कजसिा मक़सद ूर्ी
इुंसाकनयत िी इस्लाह और् फलाह है ।
िायनात िा ालनहार् र्ब ताला है और् उसि
े महबूब
इमामुल अुंकबया हज़र्त मोहम्मद र्हमतुल-कलल-आलमीन
हैं और् वजहे तिलीक़
े िायनात हैं। बे-कमसाल व बे-साया
हैं मगर् िायनात र् वह साया कफगन हैं ।
अल्लाह ताला ि
े बाद उनसे िोई अफ़ज़ल नहीुं।
ُ‫م‬ َ
‫َل‬ْ‫س‬ِ ْ
‫ال‬ِ ‫ه‬
‫اّلل‬ َ‫د‬ْ‫ن‬ِ‫ع‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫الد‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬
o
तजुरमा :- बेशि अल्लाह ि
े नज़दीि दीन कसफ
र इस्लाम है।
बावजूद इसि
े इस्लाम र् ही ऐतर्ाज़ क्ोुं ?
आ सुंजीदगी से बैठिर् सोचें !
तमाम वसाएल इस्लाम ि
े किलाफ़ ही क्ोुं इस्तेमाल किए
जा र्हे हैं ?
कप्रुंट मीकडया, इलेक्ट्रॉकनि मीकडया, मज़हबी, गै
ै़ र्-मज़हबी
हज़र्ात सब मुत्तकहद होिर् इस्लाम िो ही कदन-र्ात क्ोुं
िोस र्हे हैं ?
6
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
क्ा इस्लाम में खर्ाबी है ? या अ नी खर्ाबी कछ ाने और्
गैर्ोुं से अ नी किताबोुं और् िर्तूतोुं िा कछ ाना मक़सद
है?
दर्-अस्ल दुकनया कसमट चुिी है |
एि बडा तबक़ा ख़्वाह वह किसी भी धमर िा मानने वाला
हो या ना हो, वह मज़ाकहब ि
े मुताब्बल्लक़ रर्सचर िर् र्हा है |
वह जानना चाहता है कि िौन सा धमर उसूले कफतर्त ि
े
मुताकबक़ है ?
किस धमर ि
े क़वानीन इुंसाकनयत िो बुलुंदी र् हुुंचा
सिते हैं ?
िौन सा धमर इस बे-र्ाह र्वी ि
े दौर् में इतकमनाने िल्ब दे
सिता है ?
मुिाकलफीने इस्लाम अ नी ूर्ी तवानाई इस्लाम ि
े
किलाफ़ इसीकलए लगा र्हे हैं ताकि यह बडा तबक़ा इस्लाम
िो ना ढे |
यानी र्ौशनी िी तर्फ ना जाए।
इन्हें मालूम है कि इस्लामी अहिाम में जज़्ब व िकशश है |
7
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
इन्हें अच्छी तर्ह मालूम है कि सुि
ू ने क़ल्ब इस्लाम में ही
है।
इसि
े बावजूद वह गैर्ोुं िो इस्लाम से इसी तर्ह र्ोि र्हे हैं
जैसे मुशरर्िीने मक्का र्ोि र्हे थे।
मोकजज़े िा मुतालबा किया |
कदखाया गया :-
ि
ुं िर् ने हाथ में िलमा ढा, शजर् व हजर् से आवाज़
आई। मुिाकलफीन ने सुना |
दजरनोुं मोकजज़ात उनिी कनगाहोुं ि
े सामने हुए । क़
ु र्आन
िा जवाब ना दे सि
े ।
यानी आकजज़ आए तो दजरनोुं इलज़ामात लगाए ताकि किसी
भी तर्ह हमार्ी झूठी शान व शौक़त बाक़ी र्हे।
जैसे यहूद व नसार्ा सैय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम िा र्सूल होना, ि
ु र्आन िर्ीम िा
आब्बखर्ी किताब होना अच्छी तर्ह जानते थे |
मगर् प्रो ेगुंडा किया ताकि हक़ से लोगोुं िो दू र् र्खिर् दो
वक़्त िी र्ोटी खा सि
ें ।
8
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
यह बीज मुनाकफक़ीन ने आज से तक़र्ीबन 1400 साल
हले ही बो कदया था |
र्वायात ि
े ज़रर्ए, रुसुमात ि
े ज़रर्ए, मन-गढत वाकक़यात
ि
े ज़रर्ए, कफक़ह ि
े नाम र्, फतवा ि
े नाम र्, र्वायाते
इस्लाम, तवार्ीिे इस्लाम, तालीमाते नबवी ि
े नाम र्,
मगर् आज वह बीज तनावर् दर्ख़्त बन गया है ।
यही वजह है कि आज दुकनया में इस्लाम िो जो कनशाना
बनाया जा र्हा है वह 1400 साल हले िी तार्ीि से ि
ु छ
मुख़्तकलफ नहीुं !
हाुं ! अब अहले इस्लाम िी कज़म्मेदार्ी बनती है कि वह
इस्लाम िा हक़ीक़ी चेहर्ा, अद् ल व मुसावात, मोहब्बत वह
र्वादार्ी, एिलाक़
े हसना ेश िर्ें, इस्लाम िा बे-गुबार्
चेहर्ा लोगोुं ि
े सामने लाएुं !
ज़रूर्ी नहीुं कि आ किसी िो टार्गेट िर्ें या किसी िा
नाम लेिर् बोलें या किसी मिसूस धमर िा नाम बनाम र्द्
िर्ें ।
नहीुं ! नहीुं !
9
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
बस आ र्ोज़-आना दीने इस्लाम िी हक़्काकनयत से लोगोुं
िो आगाह िर्ते र्हें |
मब्बिद, मदर्सा, िानक़ाह, महकफल हर् जगह
हक़्काकनयते इस्लाम बताएुं । इस्लामी बर्िात से आगाह
िर्ें ।
उन्हें बताएुं कि यह प्यार्ा मज़हब ि
ै सा है ?
असली व नक़ली दलायल से लोगोुं िो मुतमइन िर्ें ।
कफ़र्दौसे इब्लीस से बचाएुं ।
लेकिन आ बचाएुं गे ि
ै से ! क्ा आ इब्लीस िो जानते हैं
?
इन तमाम हालात ि
े मद्दे नज़र् मैंने सोचा ! किसी िो
िोसने या किसी र् सवाल उठाने से अच्छा है कि आगे
बढिर् िुद ही जो गलत है उसे ठीि िर्ें।
बस मैंने तहक़ीक़ाती िाम शुरू किया।
कफर् क्ा था कि र्ब्बुल आलमीन ने हुज़ूर् र्हमतुल-कलल-
आलमीन ि
े सदक़
े इनायात िी बारर्श िर् दी और् गैबी
मख़्लूक़ात ि
े ज़रर्या मेर्ी र्हनुमाई िी और् मैं बेकमसाल
र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी बेकमसाली
10
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
िो जाना और् इस्लाम िी हक़्काकनयत िो िूब अच्छी तर्ह
हचाना और् तहर्ीर्ी शक्ल देिर् इस किताब िा नाम
"इस्लाम" र्खा ।
ताकि िलमा ढने वाले हज़र्ात अनजाने में हो र्ही
गलकतयोुं िी इस्लाह िर् सि
ें ।
खुद िो और् आने वाली नस्लोुं िो इस्लाम और् ैगुंबर्े
इस्लाम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी
बेकमसाली बढिर् और् उनिी तालीमात र् अमल िर्ि
े
खुद िो और् आने वाली नस्लोुं िो तबाही से बचाएुं ।
इुंसान उस वक़्त ति इस्लाम और् बानी-ए-इस्लाम िी
हक़्काकनयत िो ा नहीुं सिता !
|| जब ति वह अ ना मज़हब इस्लाम ||
|| खुद िो मुसलमान ||
|| इश्क
े र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो
जान ||
|| मोवद्दते अहलेबैते र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही िो
उजर्ते ईमान तस्लीम ना िर् लें ||
11
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
अल्लाह र्ब्बुल आलमीन हम सबिो अ नी नाह में
िलमा-ए-तैय्यबा र् िाकतमा कबल िैर् िर्े ।
आमीन या र्ब्बुल आलमीन बजाहे सैय्यदुल मुर्सलीन
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम व आकलकहत्तैय्यबीन
वत्ताकहर्ीन ।।
अज़-क़लम :- ीर्े तर्ीक़त, र्हबर्े शर्ीयत, क़ाज़ी-उल-
क़
ु ज़ात, हुज़ूर् मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम इब्ने
अब्बास मद्दा-कज़ल्लहुल-आली ।।
बानी :- दारुल उलूम फ
ै ज़ाने मुस्तफा एजुि
े शनल एुं ड
चैरर्टेबल टर स्ट मीर्ा र्ोड मुुंबई महार्ाष्ट्र इुंकडया ।।
12
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
6 – बिजिी
6 कहजर्ी कहजर्त से शुरू होने वाले ि
ै लेंडर् िा छठा साल
है। इस साल िा हला कदन 1 मोहर्रमुल हर्ाम, 6 कहजर्ी,
बा-मुताकबक़ 23 मई, 627 ई०, बर्ोज़ सनीचर् और् आकिर्ी
कदन 29 कज़ल-हज्जा 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 10 मई, 628
ई०, बर्ोज़ मुंगल है।
मोििरम
सलाते मगरर्ब ि
े बाद 6 कहजर्ी मोहर्रम शर्ीफ़ िा चाुंद
नज़र् आ गया। हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम ने अ नी प्यार्ी बेटी हज़र्त सैय्यदा ि
े
घर् तशर्ीफ़ लाए और् मामूल ि
े मुताकबक़ अ ने दोनोुं
नवासोुं िो अ नी आगोश में कलया और् बहुत प्यार्
फर्माया, चश्माने मुबार्ि अश्क बार् हुईुं, हज़र्त सैय्यदा
और् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल सब कमल-जुलिर्
देर् ति बैठे हसनैन िर्ीमैन से प्यार् फर्माते र्हे। और्
आ (स.) दोनोुं ि
े फ़ज़ाएल बयान फर्माते र्हे।
13
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
6 बिजिी का पिला जुमा
उस ज़माने में और्त वा मदर सभी मब्बिदे नबवी में इबादत
िर्ने ि
े कलए शर्ीि होते थे। आज 7 मोहर्रमुल हर्ाम, 6
कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 29 मई, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा िुतबा-
ए-जुमा इर्शाद फर्माया। और् खवातीन र् खास्सुल िास
खुतबा इर्शाद फर्माया |
खुतिा-ए-जुमा
ْ
‫ت‬ُ‫ن‬ْ‫ق‬َ‫ی‬ ‫ن‬َ‫م‬َ‫و‬
‫ا‬َ‫َه‬‫ل‬ ‫َا‬‫ن‬ ْ‫د‬َ‫ت‬ْ‫ع‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ ْ
‫َن‬‫ت‬َ‫ر‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ھ‬َ‫ر‬ْ‫ج‬َ‫أ‬ ‫ا‬َ‫ه‬ِ‫ت‬ْ‫ؤ‬ُ‫ن‬ ‫ا‬ً‫ح‬ِ‫ل‬‫ا‬ َ‫ص‬ ْ‫ل‬َ‫م‬ْ‫َل‬‫ت‬َ‫و‬ ِ‫ه‬ِ‫ل‬‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬َ‫و‬ ِ َِ
‫ّلل‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬‫ن‬ِ‫م‬
( ‫ا‬ً‫یم‬ِ‫َر‬‫ك‬ ‫ًا‬‫ق‬ْ‫ز‬ِ‫ب‬
31
َ
‫َل‬َ‫ف‬ َ ُ
‫ت‬ْ‫َي‬‫ق‬َ‫ات‬ ِ‫ن‬ِ‫إ‬ ِۚ‫ء‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫الن‬ َ‫ِن‬‫م‬ ٍ‫د‬َ‫ح‬َ‫َأ‬‫ك‬ َ ُ
‫ت‬ ْ‫َس‬‫ل‬ ِ ِ
‫ب‬َ‫لن‬‫ا‬ َ‫ء‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ن‬ ‫ا‬َ‫ی‬ )
ِ
‫ِف‬‫ي‬ِ‫ذ‬َ‫ال‬ َ‫ع‬َ‫م‬ ْ‫ط‬َ‫ي‬َ‫ف‬ ِ‫ل‬ْ‫َو‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ض‬ْ‫خ‬َ‫ت‬
(‫ا‬ً‫ف‬‫و‬ُ‫ر‬ْ‫ل‬َ‫م‬ ً
‫ل‬ْ‫َو‬‫ق‬ َ ْ
‫ْل‬ُ‫ق‬َ‫و‬ ٌ
‫ض‬َ‫ر‬َ‫م‬ ِ‫ه‬ِ‫ْب‬‫م‬َ‫ق‬
32
ِ
‫ِف‬ َ‫ن‬ْ‫ر‬َ‫ق‬َ‫و‬)
َ‫ن‬ْ‫ل‬ِ‫ط‬َ‫أ‬َ‫و‬ َ‫ة‬‫َا‬‫ك‬َ‫الز‬ َ‫ن‬ِ‫ت‬‫آ‬َ‫و‬ َ‫ة‬ َ
‫َل‬ َ‫الص‬ َ‫ن‬ْ‫م‬ِ‫ق‬َ‫أ‬َ‫و‬ ۖ‫ه‬ َ
‫وَل‬ُ ْ
‫اْل‬ ِ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫م‬ِ‫ھ‬‫ا‬َ‫ْج‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ج‬ُ َ
‫َب‬‫ت‬ َ‫ن‬ْ‫ج‬َ َ
‫َب‬‫ت‬ َ
‫ل‬َ‫و‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬ِ‫ت‬‫و‬ُ‫ي‬ُ‫ب‬
ِ‫الر‬ ُ‫م‬ُ‫ك‬‫ن‬َ‫ع‬ َ‫ب‬ِ‫ھ‬ْ‫ذ‬ُ‫ي‬ِ‫ل‬ ُ َ
‫اّلل‬ ُ‫ید‬ِ‫ر‬ُ‫ی‬ ‫ا‬َ‫م‬َ‫ن‬ِ‫إ‬ ُۚ‫ه‬َ‫ل‬‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬َ‫و‬ َ َ
‫اّلل‬
ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫ر‬ِ‫ه‬ َ‫ط‬ُ‫ی‬َ‫و‬ ِ‫ت‬ْ‫ي‬َ‫ْب‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ْل‬‫ھ‬َ‫أ‬ َ
‫س‬ْ‫ج‬
(‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ه‬ ْ‫َط‬‫ت‬
33
)
14
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ب‬َ‫خ‬ ‫ًا‬‫ف‬‫ي‬ِ‫ط‬َ‫ل‬ َ‫َان‬‫ك‬ َ َ
‫اّلل‬ َ‫ن‬ِ‫إ‬ ِۚ‫ة‬َ‫ْم‬‫ك‬ِ‫ح‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ َ
‫اّلل‬ ِ‫ات‬َ‫ی‬‫آ‬ ْ‫ِن‬‫م‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬ِ‫ت‬‫و‬ُ‫ي‬ُ‫ب‬ ِ
‫ِف‬ ‫ه‬ َ
‫َل‬ْ‫ت‬ُ‫ی‬ ‫ا‬َ‫م‬ َ‫ن‬ْ‫ُر‬‫ك‬ْ‫ذ‬‫ا‬َ‫و‬
(
34
َ‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫م‬ِ‫م‬ ْ
‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ِ‫م‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ِ‫إ‬ )
ِ‫ات‬َ‫ت‬ِ‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ت‬ِ‫ن‬‫ا‬
ِ‫ات‬َ‫ل‬ِ‫اش‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ل‬ِ‫اش‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ر‬ِ‫اب‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬‫ی‬ِ‫ر‬ِ‫اب‬ َ‫الص‬َ‫و‬ ِ‫َات‬‫ق‬ِ‫د‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ق‬ِ‫د‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬
ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫وج‬ُ‫ر‬ُ‫ف‬ َ‫ن‬ِ‫ظ‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫م‬ِ‫ئ‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ِ‫ئ‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ ِ‫َات‬‫ق‬ِ‫د‬ َ‫ص‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ق‬ِ‫د‬ َ‫ص‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬
َ َ
‫اّلل‬ َ‫ن‬‫ی‬ِ‫ِر‬‫ك‬‫ا‬َ‫الذ‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ظ‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬
‫ا‬ً‫ر‬ْ‫ج‬َ‫أ‬َ‫و‬ ً‫ة‬َ‫ر‬ِ‫ف‬ََْ‫م‬ ‫م‬ُ‫َه‬‫ل‬ ُ َ
‫اّلل‬ َ‫د‬َ‫ع‬َ‫أ‬ ِ‫ات‬َ‫ِر‬‫ك‬‫ا‬َ‫الذ‬َ‫و‬ ‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ا‬َ‫ك‬
‫ا‬ً‫يم‬ِ‫ظ‬َ‫ع‬
(
35
)
तजुरमा :- बेशि मुसलमान मदर और् मुसलमान और्तें और्
ईमान वाले और् इनाम वाकलयाुं और् फर्माबर्दार् और्
फर्माबर्दार्ें और् सच्चे और् सब्बच्चयाुं और् सब्र वाले और्
सब्र वाकलयाुं और् आजज़ी िर्ने वाले और् आजज़ी िर्ने
वाकलयाुं और् िैर्ात िर्ने वाले और् िैर्ात िर्ने वाकलयाुं
और् र्ोज़े वाले और् र्ोज़े वाकलयाुं और् अ नी ार्साई
कनगाह र्खने वाले और् कनगाह र्खने वाकलयाुं और् अल्लाह
िो बहुत याद िर्ने वाले और् याद िर्ने वाकलयाुं सबि
े
कलए अल्लाह ने बब्बिश और् बडा सवाब तैय्यार् िर् र्खा
है।
15
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
िोज़े आबखित पि खुतिा
15 मोहर्रमुल हर्ाम, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 6 जून, 627
ई०, बर्ोज़ सनीचर् बाद सलाते इशा, ि
ु छ मुनाकफक़ीन
मोकमनीन ि
े साथ मब्बिदे नबवी में बैठे हुए थे। कि हज़र्त
अब्बास कबन अब्दुल मुत्तकलब से र्ोज़े आकिर्त ि
े बार्े में
तर्ह-तर्ह ि
े सवालात ूछने लगे । हज़र्त अब्बास कबन
अब्दुल अ ने कहसाब से समझा र्हे थे कि वहाुं हज़र्त अली
िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम आ गए । इतने में अब्दुल्लाह
कबन उबैय ने तुंकज़या हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल
िर्ीम र् उनि
े अबू-तोर्ाब होने र् मुस्क
ु र्ाया कि
अचानि हज़र्त मोहम्मद (स.) तशर्ीफ लाए और् सीधे
मेंबर् र् जलवा अफ़र्ोज़ हुए और् खुतबा इर्शाद
फर्माया:-
( َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ل‬َ‫ء‬‫آ‬ َ‫س‬َ‫ت‬َ‫ی‬ َ‫م‬َ‫ع‬
1
)
( ِ‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ظ‬َ‫ْل‬‫ل‬‫ا‬ِ‫ا‬َ‫ب‬َ‫الن‬ ِ‫ن‬َ‫ع‬
2
)
َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ف‬ِ‫م‬َ‫ت‬ْ‫خ‬ُ‫م‬ِ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ ْ‫م‬ُ‫ھ‬ ْ‫ی‬ِ‫ذ‬َ‫ال‬
‫ﭤ‬
(
3
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- लोग आ स में किस चीज़ ि
े बार्े में सवाल िर्
र्हें हैं, बडी खबर् ि
े मुतब्बल्लक़ कजसमें उन्हें इब्बिलाफ है |
16
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ْ‫ل‬َ‫ي‬َ‫س‬ َ
‫ََل‬‫ك‬
4
( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ْ‫ل‬َ‫ي‬َ‫س‬ َ
‫ََل‬‫ك‬ َ‫م‬ُ‫ث‬)
5
)
तजुरमा :- िबर्दार् ! वह जल्द जान जाएुं गे कफर् िबर्दार् !
वह जल्द जान जाएुं गे।
(‫ا‬ً‫د‬‫ه‬‫ه‬ِ‫م‬ َ
‫ض‬ْ‫َب‬ ْ
‫ال‬ ِ‫ل‬َ‫ل‬ْ‫ج‬َ‫ن‬ ْ‫َم‬‫ل‬َ‫ا‬
6
(‫ا‬ً‫د‬‫َا‬‫ت‬ْ‫و‬َ‫ا‬ َ‫ال‬َ‫ب‬ِ‫ج‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫و‬)
7
َ‫و‬)
(‫ا‬ً‫اج‬َ‫و‬ْ‫ز‬َ‫ا‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ق‬َ‫م‬َ‫خ‬
8
‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬)
(‫ًا‬‫ت‬‫ا‬َ‫ب‬ُ‫س‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫م‬ْ‫َو‬‫ن‬
9
(‫ا‬ً‫اس‬َ‫ب‬ِ‫ل‬ َ‫ل‬ْ‫ي‬َ‫ل‬‫ا‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬)
10
(‫ا‬ً‫اش‬َ‫ل‬َ‫م‬ َ‫اب‬َ‫ه‬َ‫الن‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬)
11
‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ی‬َ‫ن‬َ‫ب‬ َ‫و‬)
(‫ا‬ً‫د‬‫ا‬ َ‫د‬ِ‫ش‬‫ا‬ً‫ل‬ْ‫ب‬َ‫س‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫ق‬ْ‫و‬َ‫ف‬
12
(‫ا‬ً‫اج‬َ‫ھ‬َ‫و‬‫ا‬ً‫اج‬َ‫ر‬ِ‫س‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬)
13
ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬ )
ِ‫ت‬‫ه‬‫ر‬ ِ‫ص‬ْ‫ل‬
(‫ا‬ً‫اج‬ َ‫ج‬َ‫ث‬ً‫ء‬‫آ‬َ‫م‬
14
(‫ًا‬‫ت‬‫ا‬َ‫ب‬َ‫ن‬ َ‫و‬‫ًا‬‫ب‬َ‫ح‬ ٖ‫ه‬ِ‫ب‬ َ‫ج‬ِ‫ر‬ْ‫خ‬ُ‫ن‬ِ‫ل‬)
15
‫ا‬ً‫ف‬‫َا‬‫ف‬ْ‫ل‬َ‫ا‬ ٍ‫ت‬‫ه‬‫ن‬َ‫ج‬ َ‫و‬)
‫ﭤ‬
(
16
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- क्ा हमने ज़मीन िो कबछौना ना बनाया ? और्
हाडोुं िो मेिें (िील) और् हमने तुम्हें जोडे ैदा किया ।
और् तुम्हार्ी नीुंद िो आर्ाम िा ज़रर्या बनाया । और् र्ात
िो ढाुं देने वाली बनाया। और् कदन िो र्ोज़ी िमाने िा
वक़्त बनाया । और् तुम्हार्े ऊ र् सात मज़बूत आसमान
बनाए । और् एि कनहायत चमिता कचर्ाग (सूर्ज) बनाया ।
और् बदकलयोुं से ज़ोर्दार् ानी उतार्ा ताकि उसि
े ज़रर्ए
अनाज और् सब्जा कनिालें और् घने बागात।
17
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
(‫ًا‬‫ت‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ي‬ِ‫م‬ َ‫َان‬‫ك‬ ِ‫ل‬ ْ‫َص‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬
17
(‫ا‬ً‫اج‬َ‫و‬ْ‫ف‬َ‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ت‬ْ‫ا‬َ‫ت‬َ‫ف‬ِ‫ب‬ْ‫و‬ ُ‫الص‬ ِ
‫ِف‬ ُ‫خ‬َ‫ف‬ْ‫ن‬ُ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬)
18
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- बेशि फ
ै सले िा कदन एि मुक़र्रर् वक़्त है। कजस
कदन सूर् में फ
ूुं ि मार्ी जाएगी तो तुम फौज दर् फौज चले
आओगे ।
َ‫و‬
(‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫و‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ ْ
‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬َ‫ف‬ُ‫ء‬‫آ‬َ‫م‬ َ‫الس‬ ِ‫ت‬َ‫ح‬ِ‫ت‬ُ‫ف‬
19
(‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ر‬َ‫س‬ ْ
‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬َ‫ف‬ ُ‫ال‬َ‫ب‬ِ‫ج‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ت‬َ ِ
‫ري‬ُ‫س‬ َ‫و‬)
20
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- और् आसमान खोल कदया जाएगा तो वह दर्वाज़े
बन जाएुं गे और् हाड चलाए जाएुं गे। तो वह ऐसे हो जाएुं गे
जैसे बार्ीि चमिती हुई र्ेत जो दू र् से ानी िा धोिा देती
है।
18
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
‫ا‬
( ‫ا‬ً‫د‬‫ا‬ َ‫ص‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ ْ
‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬ َ‫م‬َ‫ن‬َ‫ه‬َ‫ج‬ َ‫ن‬ِِ
21
( ‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ا‬َ‫م‬ َ ْ
‫ن‬ِ‫غ‬‫ا‬ َ‫مط‬ِ‫ل‬ )
22
( ‫ا‬ً‫ب‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ح‬َ‫ا‬ ۤ‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ ْ
‫ن‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬‫ه‬‫ل‬ )
23
َ
‫ل‬ )
(‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ر‬َ‫ش‬ َ
‫ل‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫د‬ْ‫ر‬َ‫ب‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ق‬ْ‫و‬ُ‫ذ‬َ‫ی‬
24
(‫ًا‬‫ق‬‫ا‬ َ
‫َس‬‫غ‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫م‬ْ‫ي‬ِ‫م‬َ‫ح‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬)
25
‫ًا‬‫ق‬‫ا‬َ‫ف‬ِ‫و‬ً‫ء‬‫آ‬َ‫ز‬َ‫ج‬)
‫ﭤ‬
(
26
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- बेशि जहन्नुम ताि में है सि
र शोुं ि
े कलए कठिाना
है उसमें मुद्दतोुं र्हेंगे । उसमें किसी तर्ह िी ठुं डि िा
मज़ा ना चखेंगे और् ना ि
ु छ ीने िो मगर् खौलता ानी
और् दोज़ब्बखयोुं िी ी । बर्ाबर् बदला होगा।
‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ح‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ج‬ْ‫ر‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬ِ‫ا‬
(
27
‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ِذ‬‫ك‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ت‬‫ه‬‫ی‬‫ه‬‫ا‬ِ‫ب‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ب‬َ‫َذ‬‫ك‬ َ‫و‬)
‫ﭤ‬
(
28
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- बेशि वह कहसाब िा िौफ ना र्खते थे और्
उन्होुंने हमार्ी आयतोुं िो बहुत ज़्यादा झुठलाया।
(‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ت‬ِ‫ك‬ُ‫ه‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ی‬ َ‫ص‬ْ‫ح‬َ‫ا‬ ٍ‫ء‬ْ َ
‫َش‬ َ‫ل‬ُ‫ك‬َ‫و‬
29
‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫د‬ْ‫ی‬ِ‫ز‬َ‫ن‬ ْ َ
‫ْل‬َ‫ف‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫ق‬ْ‫و‬ُ‫ذ‬َ‫ف‬)
(
30
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- और् हमने हर् चीज़ कलखिर् शुमार् िर् र्खी है।
तो अब चखो तो हम तुम्हार्े अज़ाब ही िो बढाएुं गे।
19
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
( ‫ا‬ً‫ز‬‫َا‬‫ف‬َ‫م‬ َ ْ
‫ن‬ِ‫ق‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫م‬ِ‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬
31
( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ع‬َ‫ا‬ َ‫و‬ َ‫ٕق‬‫ى‬‫آ‬َ‫د‬َ‫ح‬ )
32
( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ْر‬‫ت‬َ‫ا‬ َ‫ب‬ِ‫ع‬‫ا‬َ‫َو‬‫ك‬ َ‫و‬ )
33
‫ا‬ً‫س‬ْ‫َا‬‫ك‬ َ‫و‬ )
‫ًا‬‫ق‬‫ا‬َ‫ھ‬ِ‫د‬
‫ﭤ‬
(
34
(‫ا‬ً‫ب‬ ‫ه‬‫ِذ‬‫ك‬ َ
‫ل‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫و‬ََْ‫ل‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ل‬َ‫م‬ ْ‫س‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬)
35
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- बेशि र्हेज़ गार्ोुं ि
े कलए िामयाबी िी जगह है
। बागात और् अुंगूर् हैं और् उठते जो बन वाकलयाुं जो एि
उम्र िी हैं । और् छलिता जाम है। वह जन्नत में ना िोई
बेहूदा बात सुनेंगे और् ना एि दू सर्े िो छु ठलाना ।
( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ح‬ ً‫ء‬‫آ‬ َ‫ط‬َ‫ع‬ َ
‫ك‬ِ‫ب‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ً‫ء‬‫آ‬َ‫ز‬َ‫ج‬
36
ِ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ ‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬ْ‫ی‬َ‫ب‬ ‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬ ِ
‫ض‬ْ‫َب‬ ْ
‫ال‬ َ‫و‬ ِ‫ت‬‫ه‬‫و‬‫ه‬‫م‬ َ‫الس‬ ِِ َ‫ب‬)
(‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫ط‬ِ‫خ‬ ُ‫ه‬ْ‫ن‬ِ‫م‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ك‬ِ‫م‬ْ‫م‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬
37
‫ا‬ً‫ف‬ َ‫ص‬ ُ‫ة‬َ‫ك‬ٕ‫ى‬ٰٓ‫ه‬‫م‬َ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫و‬ ُ‫ح‬ْ‫و‬ُ‫الر‬ ُ‫م‬ْ‫ُو‬‫ق‬َ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬)
‫ﯼ‬
َ
‫ل‬ِ‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫م‬َ‫َم‬‫َك‬‫ت‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬
ْ‫ن‬َ‫م‬
( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ص‬ َ‫َال‬‫ق‬ َ‫و‬ ُ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ ُ‫ه‬َ‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫ذ‬َ‫ا‬
38
ۚ ُ‫ق‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ْ‫و‬َ‫ْي‬‫ل‬‫ا‬ َ
‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ )
-
َ‫ء‬‫آ‬َ‫ش‬ ْ‫ن‬َ‫م‬َ‫ف‬
ٖ‫ه‬ِ‫ب‬َ‫ب‬ ‫ه‬
‫َل‬ِ‫ا‬ َ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫ت‬‫ا‬
‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ا‬َ‫م‬
(
39
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- (यह) बदला है तुम्हार्े र्ब िी तर्फ से कनहायत
िाफी अता। वह जो आसमानोुं और् ज़मीन और् जो ि
ु छ
उनि
े दर्कमयान है सब िा र्ब है। कनहायत र्हम फर्माने
वाला है। लोग उससे बात िर्ने िा एब्बख़्तयार् ना र्खेंगे।
20
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कजस कदन रूह और् सब मलाइिा सफ
ें बनाए खडे होुंगे
िोई ना बोल सि
े गा मगर् वही कजसे र्हमान ने इजाज़त दी
हो और् उसने ठीि बात िही हो । वह सच्चा कदन है अब
जो चाहे अ ने र्ब िी तर्फ र्ाह बना ले।
‫ا‬ً‫ب‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ق‬‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ب‬َ‫ْذ‬‫ن‬َ‫ا‬ۤ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ا‬
‫ﭺ‬
ْ ِ
‫َِن‬‫ت‬ْ‫َي‬‫م‬‫ه‬‫ی‬ ُ‫ر‬ِ‫ف‬‫ه‬‫ك‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫ل‬ْ‫ُو‬‫ق‬َ‫ی‬ َ‫و‬ ُ‫ه‬ ‫ه‬‫د‬َ‫ی‬ ْ
‫ت‬َ‫م‬ َ‫َد‬‫ق‬‫ا‬َ‫م‬ ُ‫ء‬ْ‫ر‬َ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫ر‬ ُ‫ظ‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬
(‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ُر‬‫ت‬ ُ
‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ك‬
40
)
तजुरमा अनवारुल ईमान
तजुरमा :- बेशि हम तुम्हें एि क़र्ीब आए हुए अज़ाब से
डर्ा चुि
े | कजस कदन आदमी िो देखेगा जो उसि
े हाथोुं ने
आगे भेजा और् मुनकिर् िहेगा ऐ िाश ! कि मैं किसी तर्ह
तोर्ब हो जाता।
21
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
जि अपिी जािोों पि जुल्म कि लो
5 सफर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 26 जून, 627 ई०, बर्ोज़
जुमा इस महीना िा हला जुमा है। हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने िुतबा ि
े ज़रर्या
र्ब्बुल आलमीन िा ैगाम उनि
े बुंदोुं ति हुुंचाया आज
गुनहगार्ोुं िो र्ब्बुल आलमीन ने एि दर् िा ता कदया ।
खुतिा-ए-जुमा
‫ه‬ِ ‫ه‬
‫اّلل‬ ِ‫ن‬ْ‫ذ‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬ َ‫ع‬‫ا‬ َ‫ط‬ُ‫ي‬ِ‫ل‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬ ٍ‫ل‬ْ‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫س‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ ۤ‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬
-
‫ا‬ْۤ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ َ‫ظ‬ ْ‫ذ‬ِ‫ا‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬َ‫ا‬ ْ‫َو‬‫ل‬ َ‫و‬
َ‫ك‬ْ‫و‬ُ‫ء‬‫آ‬َ‫ج‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬ َ‫ُس‬‫ف‬ْ‫ن‬َ‫ا‬
(‫ا‬ً‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫ب‬‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫َو‬‫ت‬ َ ‫ه‬
‫اّلل‬‫وا‬ُ‫د‬َ‫ج‬َ‫َو‬‫ل‬ ُ‫ل‬ْ‫و‬ُ‫س‬َ‫الر‬ ُ‫م‬ُ‫َه‬‫ل‬ َ‫َر‬‫ف‬ََْ‫ت‬ْ‫اس‬ َ‫و‬ َ ‫ه‬
‫اّلل‬‫وا‬ُ‫َر‬‫ف‬ََْ‫ت‬ْ‫َاس‬‫ف‬
64
)
तजुरमा :- और् हमने िोई र्सूल ना भेजा मगर् इसकलए कि
अल्लाह ि
े हुक्म से उसिी इताअै़त िी जाए और् अगर्
जब वह अ नी जानोुं र् ज़ुल्म िर्ें तो ऐ महबूब तुम्हार्े
हुज़ूर् हाकज़र् होुं और् कफर् माफी चाहें और् र्सूल उनिो
माफ फर्माएुं तो ज़रूर् अल्लाह िो बहुत तौबा क़
ु बूल
िर्ने वाला महेर्बान ाएुं गे।
22
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
सुतूि़े िन्नािा
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम
जुमा ि
े कदन िुतबा ि
े वक़्त एि ऊ
ुं ची लिडी र् खडे
होिर् खुतबा कदया िर्ते थे । एि अुंसार्ी और्त ने मन्नत
माुंगी थी कि अगर् मेर्ा बेटा कशफा ाएगा तो मैं मब्बिदे
नबवी सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम में एि मेंबर्
बनवा िर् दूुंगी। अल्लाह ताला ि
े फ़ज़ल से उसिी मन्नत
ूर्ी हुई तो उस और्त ने अ ने शौहर् ि
े ज़रर्या ेश-िश
िी :- कि ऐ अल्लाह ि
े र्सूल ! क्ा हम आ सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े कलए एि मेंबर् ना बना दें ?
आ (स.) ने फ़र्माया जैसे आ िी मज़़ी। अुंसार्ी और्त ने
आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े कलए एि
मेंबर् बनवा कदया ।
12 सफर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 3 जुलाई, 627 ई०, बर्ोज़
जुमा, माहे सफर् ि
े दू सर्े जुमा िा कदन आया | तो आ
(स.) मेंबर् र् तशर्ीफ़ फ़र्मा हुए तो वह लिडी बच्चे िी
तर्ह चीि चीि िर् र्ोने लगी ।
23
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम
मेंबर् से उतर्े और् उस लिडी िो आगोश में ले कलया । तो
वह उसे बच्चोुं िी तर्ह कहचकियाुं लेने लगी । कजसे बहला
िर् चु िर् आया जा र्हा हो। लिडी िा र्ोना कफ़र्ाक़
े
र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम और्
कज़िरुल्लाह से महरूमी िी कबना र् था । कजसे वह हले
क़र्ीब से सुना िर्ती थी । यह लिडी र्सूलल्लाह
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम से जुदाई ि
े गम में
इस तर्ह र्ोई जैसे ऊ
ुं ट िा बच्चा अ नी माुं ि
े खो जाने र्
र्ोता है। ऊ
ुं ट ि
े बच्चे ि
े इस तर्ह र्ोने िो अर्बी में हन्नाना
िहते हैं ।
इस र्ोने िी आवाज़ िो सभी मुसलमानोुं ने भी सुनी मगर्
वह हैर्ान थे कि यह आवाज़ िहाुं से आ र्ही है ?
र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने जब
उस लिडी र् शफक़त से हाथ र्खा और् वादा फ़र्माया
कि वह जन्नत में उनि
े साथ होगी तो उसे क़र्ार् आया ।
मुहीन इब्नुल इब्र फर्माते हैं कि एि मज़े िी बात सुकनए :
मैंने अज़र िी कि बयान िीकजए।
24
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उन्होुंने िहा कि जब कहजर्त िर्ि
े हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम तशर्ीफ लाए तो
असा-ए-मूसवी ने बा-शक्ले साुं गार्े सोर् में मुलाक़ात िी
और् सलाम ेश किया । जब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने उसे अ ने दस्ते अक़दस में
कलया तो वह अ नी आदत ि
े मुताकबक़ लिडी िा डुंडा
असा, लाठी बन गई। और् दौर्ाने सफर् एि ऊ
ुं टनी बन गई
कजसिो क़
ु स्वा िहिर् ुिार्ा गया और् कफर् मदीना
मुनव्वर्ा हुुंचे । हुचने र् जब सब ने अ ने-अ ने घर्ोुं में
मेहमान होने िी दावत ेश िी तो आ सल्लल्लाहु अलैकह
व आकलही वसल्लम ने अ नी सवार्ी ऊ
ुं टनी र् फ
ै सला
छोडा कि जहाुं ऊ
ुं टनी बैठे गी वहीुं क़याम िरू
ुं गा। अलबत्ता
ऊ
ुं टनी जहाुं बैठी वहीुं मब्बिदे नबवी और् हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े क़यामगाह
तामीर् िी गई। मगर् उस ऊ
ुं टनी िो वहाुं से ना उठाई गई
। मब्बिदे नबवी िी तिमील र् कफर् लिडी बन गई तो
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
उसी लिडी िो अ ना मेंबर् बना कलया था ।
25
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
जब दू सर्ा मेंबर् ेश िी गई तो वह र्ोने लगी । अब उसिा
नाम सुतूने हन्नाना हुआ । यानी ऐ ऊ
ुं टनी िी बच्ची िी तर्ह
र्ोने वाली और् किन-किन शक्लोुं में िरर्श्मा हुआ ।
उसिी तफसीलत आगे ेश िरू
ुं गा।
छड़ी िौशि िो गई
9 र्बी-उल-अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 29 जुलाई, 627
ई०, बर्ोज़ बुध हज़र्त उसैद कबन हुज़ैर् और् ओबादा कबन
बशीर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम ि
े साथ इशा िी सलात में शाकमल हुए | र्ात
सि अँधेर्ी थी और् आसमान र् घुंघोर् घटा छाई हुई थी |
उसी अँधेर्ी र्ात में बहुत देर् ति हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम से बात िर्ते र्हे |
जब यह दोनोुं बार्गाहे रर्सालत सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम से रुखसत होने िी इजाज़त चाहते हुए
उठे और् अज़र िी कि ऐ अल्लाह ि
े हबीब सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम अँधेर्ा बहुत है |
26
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उन दोनोुं ि
े ास असा था | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ ने दस्ते मुबार्ि से
उनिी असा िो छु आ और् फर्माया जब तुम घर् हुुंचोगे
तो एि िाली चीज़ िो देखोगे उसिो मार् िर् घर् से
कनिाल देना | तो वह लोग अ ने घर्ोुं ि
े कलए र्वाना हुए तो
एि िी छडी नाकगहाँ खुद बा-खुद र्ौशन हो गई और् वह
दोनोुं उसी छडी िी र्ौशनी में चलते र्हे | जब ि
ु छ दू र् चल
िर् दोनोुं ि
े घर्ोुं िा र्ास्ता अलग अलग हो गया तो दू सर्े
िी छडी हली छडी से टच किया तो वह दू सर्ी छडी भी
र्ौशन हो गई | और् दोनोुं अ नी अ नी छकडयोुं िी र्ौशनी
ि
े सहार्े सि अँधेर्ी र्ात में अ ने अ ने घर्ोुं ति हुँच
गए | चुनाुंचे ऐसा ही हुआ कि जूुं ही हज़र्त क़तादा
िाशाना-ए-रर्सालत से कनिले वह असा र्ौशन हो गई और्
वह उसी िी र्ौशनी में चलिर् अ ने घर् हुँच गए और्
देखा कि वहाुं एि िाली चीज़ मौजूद है |
आ ने फर्माने रर्सालत ि
े मुताकबक़ उसिो मार्िर् घर्
से बाहर् कनिाल कदया |
27
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
गजवा-ए-जी क़र्र
6 र्बी-उल-आकिर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 25 अगस्त,
627 ईस्वी बर्ोज़ मुंगल हज़र्त हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ ने ऊ
ँ ट ओहद ि
े एतर्ाफ
में गाबा ि
े अुंदर् चर्ने ि
े कलए भेज र्खे थे | साथ में
आ िा गुलाम र्ेबाह ऊ
ुं टोुं िा चर्वाहा और् सलमा कबन
अिवा थे | हज़र्त सलमा ि
े साथ अबू-तल्हा भी थे |
अचानि अब्दुल र्हमान कबन ऐना फज़ार्ी ने ऊ
ुं टोुं र्
छा ा मार्ा और् तुम ऊ
ँ ट हाुंि िर् ले गया | सलमा ने
अ ना घोडा र्ेबाह िो दे कदया | कि वह जल्दी जािर्
मदीना में हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम िो आगाह िर्े और् हज़र्त सलमा खुद एि टीले
र् खडे हो गए और् तीन बार् बुलुंद आवाज़ से ुिार्ा “या
सबाहा” (हाए सुबह िा हमला) कफर् हज़र्त सलमा
हमलावर्ोुं ि
े ीछे चल कनिले वह तीर् बर्सा र्हे थे | और्
सलमा कबन अक़वा यह रर्ज्ज़ ढ र्हे थे :-
28
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
ِ‫ع‬َ‫ض‬ُ‫الر‬ ُ‫وم‬َ‫الي‬َ‫و‬ ِ‫ع‬ُ‫ُو‬‫ک‬َ‫ا‬ ُ‫ن‬‫ب‬‫ا‬‫َا‬‫ن‬‫أ‬،‫ا‬َ‫ھ‬ُ‫ذ‬ُ‫خ‬
तजुरमा :- यानी यह ले ! मैं अक़वा िा बेटा हूँ और् आज िा
कदन दू ध ीने वाले िा कदन है |
इसि
े बाद जनाबे सलमा कबन अक़वा दुश्मन िा ीछा
िर्ते गए | और् तीर् बर्साते र्हे | आब्बखर्िार् जब दुश्मन
यानी अब्दुल र्हमान कबन ऐना फज़ार्ी र् त्थर् लुढिाने
लगे | यूुं उसने तमाम वह ऊ
ँ ट छोड कदए जो उसने हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी
चार्ागाह से हिा लाया था| उसि
े बावजूद भी सलमा कबन
अक़वा उसिा ीछा िर्ते र्हे हत्ता कि उसने बोझ िम
िर्ने ि
े कलए तीस चादर्ें और् तीस नेज़े फ
ें ि कदए | हज़र्त
सलमा उन र् बतौर्े कनशानी थोडे थोडे त्थर् डालते गए
ताकि उनिो हचान कलया जाए |
कफर् वह लोग घाटी ि
े एि तुंग मोड र् बैठ गए | सलमा
ने देखा कि हज़र्त मोहम्मद (स.) ि
े शहसवार् दर्िोुं ि
े
दर्कमयान आ र्हे हैं |
29
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
आगे जनाब अखर्म कफर् अबू-क़तादा कफर् कमक़दाद कफर्
अखर्म और् अब्दुल र्हमान में तिर्ार् हुई | अखर्म ने
अब्दुल र्हमान ि
े घोडे िो ज़ख़्मी किया मगर् अब्दुल
र्हमान ने वा स उन्हें नेज़ा मार्िर् शहीद िर् कदया और्
उनि
े घोडे र् लट आया | लेकिन इतने में अबू क़तादा
अब्दुल र्हमान ि
े सर् र् जा हुुंचें और् उसे नेज़ा मार् िर्
क़त्ल िर् कदया | दुश्मन ि
े बाक़ी आदमी भाग खडे हुए |
हज़र्त सलमा भी उनि
े साथ ैदल दौड र्हे थे | सूर्ज
ड
ू बने से ि
ु छ देर् हले दुश्मन एि घाटी में जा हुुंचा
कजसमें कज़ल-क़दर नाम िा चश्मा था | दुश्मन प्यासा था और्
ानी ीना चाहता था | लेकिन सलमा ने उसे तीर् मार् िर्
र्े (ज़ख़्मी) िर् कदया | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह
व आकलही वसल्लम और् कस ाही कदन ड
ू बने से हले
सलमा ि
े ास हुुंचे | सलमा ने फ़र्माया कि या
र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ! यह
सब प्यासे थे | अगर् आ हमें सौ आदमी दें दें तो मैं उनि
े
जानवर्ोुं समेत उनिी गदरनें िडवाऊ
ुं |
30
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने फ़र्माया :-
अक़वा ि
े साहबज़ादे (सलमा) तुम क़ाबू ा गए और् अब
नर्मी िर्ो | उस वक़्त बनू गतफान में उनिी मेहमान
नवाज़ी िी जा र्ही है | इस गज़वे में सलमा कबन अक़वा िो
र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने ैदल और्
सवार् दोनोुं िा कहस्सा कदया और् अज़बा ऊ
ुं टनी र् साथ
ीछे बैठाया और् फ़र्माया :- आज हमार्े बेहतर्ीन सवार्
अबू क़तादा और् बेहतर्ीन प्यादा सलमा हैं | इस गज़वे ि
े
दौर्ान मदीना िा इुंतज़ाम आ सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम ने इब्ने उम्मे मितूम िो सौुं ा और्
र्चम (झुंडा) हज़र्त कमक़दाद िो कदया |
5 जमाकदल अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 22 कसतुंबर्
627 ई०, बर्ोज़ मुंगल हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह
व आकलही वसल्लम ि
ु छ मुसलामानोुं िो लेिर् मदीना
मुनव्वर्ा वा सी ि
े कलए र्वाना हुए |
31
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
जित जैिि (स.) की बवलार्त
हज़र्त ज़ैनब (स.) िी कवलादत 5 जमाकदल अव्वल, 6
कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 22 कसतुंबर्, 627 ई०, बर्ोज़ मुंगल
हुई| जनाबे सैय्यदा (स.) िी ैदाइश र् ूर्े मदीना में
सुरूर् व शादमानी िी लहर् दौड गई | यूुं जैसे र्सूल
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े घर् में उनिी
अज़ीज़ बेटी हज़र्त फाकतमा ज़हर्ा (स.) उसिी आगोश में
एि चाँद िा टुिडा उतर् आया था | खुद हुज़ूर् र्सूले
अिर्म सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम सफ़र् में थे|
हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ने बेटी िो आगोश
में कलया और् देर् ति सीने से लगाए टहलते र्हे |
हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम सबसे ज़्यादा
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी
आमद ि
े मुुंतकज़र् थे कि देखें हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम अ नी नवासी ि
े कलए क्ा नाम
मुुंतिब िर्ते हैं ?
32
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्त मोहम्मद (स.) कजनिा हमेशा से यह मामूल था कि
जब भी िहीुं जाते तो अ नी बेटी फाकतमा ि
े दर्वाज़ा र्
सलाम िर्ि
े रुखसत होते थे |
और् जब भी िहीुं से वा स होते तो सबसे हले मब्बिदे
नबवी में कफर् हले दर्े सैय्यदा र् आिर् सलाम िर्ते
और् बेटी से मुलाक़ात ि
े बाद िहीुं और् जाते थे | आज
सब जैसे ही सफ़र् से लटे सबसे हले फाकतमा ि
े घर् में
दाब्बखल हुए| अहले खाना िो सलाम और् नौ मौलूद िी
मुबार्िबाद ेश िी |
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो
देख िर् सब ताज़ीम ि
े कलए खडे हो गए और् हज़र्त अली
िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ने बेटी िो माँ िी आगोश से
लेिर् नाना िी आगोश में दे कदया | बच्ची िो देखिर्
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
कगरर्या िर्ना शुरू िर् कदया | किसी ि
े दरर्याफ्त िर्ने
र् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम
ने इर्शाद फ़र्माया कि कजब्राईल अमीन ने मुझे बाताया है
कि मेर्ी यह बेटी िबरला ि
े रूह फर्सा मसाएब में मेर्े
हुसैन ि
े साथ बर्ाबर् िी शर्ीि होगी |
33
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उसि
े बाद आ ने वहाँ मौजूद लोगोुं से मुिाकतब होिर्
इर्शाद फ़र्माया यह मेर्ी बच्ची खादीजतुल ि
ु बर्ा िी कमन
व अन (हू बहू) तस्वीर् है |
र्वायत में है कि र्सूले अिर्म सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम ने प्यार् किया और् ि
ु छ देर् ि
े बाद
फ़र्माया अल्लाह ने इस बच्ची िा नाम “ज़ैनब” मुुंतिब
किया है | इसकलए कि ज़ैनब ि
े माना हैं बा िी ज़ीनत
कजस तर्ह अर्बी ज़बान में “ज़ैन” माना ज़ीनत और् “अब”
माना बा ि
े हैं यानी बा िी ज़ीनत हैं |
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
जनाबे सैय्यदा ज़ैनब (स.) िो अ ने सीना-ए-अक़दस से
लगाया और् अ ना रुखसार् मुबार्ि ज़ैनब कबन्ते अली
िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ि
े रुखसार् मुबार्ि र् र्ख
िर् इतना कगरर्या किया कि आ ि
े आुंसू चेहर्ा-ए-मुबार्ि
र् जार्ी हो गए | क्ोुंकि वह जनाबा सैय्यदा ज़ैनब र् आने
वाले मसाएब से आगाह थे | फ़क़त ज़ैनब अस्ल में वही
“ज़ैन” “अब” हैं कि कजसिा माना अ ने बा िी ज़ीनत है |
34
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
गजवा-ए-ििी-लैिाि
7 जमाकदउल अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 24 कसतुंबर्,
627 ई०, बर्ोज़ जुमा बाद सलाते जुमा बनू लैहान ि
े कलए
र्वाना हुए | बनू लैहान वह क़बीला है कजसने हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े
जाकनसार्ोुं िो र्जीअ में क़त्ल किया था | यह कहजाज़ ि
े
बहुत अुंदर् अस्फान ि
े मक़ाम र् आबाद थे |
इसकलए हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम ने उनिो जवाब देने में कहिमते अमली से िाम
कलया | जब ि
ु फ्फार् ि
े मुिकलफ कगर्ोहोुं में फ
ू ट ड गई |
और् आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े दुश्मन
किसी क़द्र मुतमईन हुए तो हज़र्त मोहम्मद (स.) ने मदीना
िा इुंतज़ाम इब्ने मितूम िो सौुं ा और् 200 कस ाही और्
20 घोडोुं िो लेिर् बनू-लैहान र् यलगार् िर्ते हुए बतने
कगर्ान ि
े मक़ाम ति जा हुुंचे | यह बतने कगर्ान और्
अस्फान ि
े दर्कमयान वादी है जहाँ र् मुसलमान शहीद
किए गए थे |
35
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
मुसलमान फ़ौज दो कदन यहाँ क़याम िर्ि
े कफर् हमला ि
े
कलए कनिले | मगर् वहाँ बनू लैहान िो खबर् हुई और् वह
हाड ि
े बुलुंकदयोुं िी तर्फ भाग कनिले और् उनिा िोई
आदमी मुसलामानोुं ि
े हाथ ना लग सिा |
कफर् आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
अस्फान िा क़सद किया और् वहाुं दस सवार्ोुं िा दस्ता
आगे भेजा ताकि क़
ु र्ैश िो खबर् हो जाए और् मर्ऊब हो
जाएुं | इस वक़्त दस्ता ने िर्ा-उल-गनीम ति चक्कर्
लगाया | उसि
े बाद आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम 2 जमाकदउस्सानी, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 19
अक्ट्ू बर्, 627 ई०, बर्ोज़ जुमेर्ात वा स मदीना हुुंचें |
36
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
पैर्ाइश़े र्ज्जाल औि उसका खुरूज
दज्जाल दज्ल से मुश्तक़ है | कजसि
े माना फर्ेब ि
े हैं
उसिा अस्ल नाम साएफ, बा िा नाम साएद, माँ िा नाम
िाकहस्ता उफ़
र क़तामा है | यह अहदे रर्सालते माब (स.) में
बा-मक़ामे तीह जो मदीना से 3 मील ि
े फासले र् वाक़
े है
6 जमाकदल अव्वल, 6 कहजर्ी, चहार् शुंबा बुद्ध ि
े कदन बा-
वक़्त गुरूबे आफताब ैदा हुआ है | ैदाइश ि
े बाद आनन
फानन बढ र्हा था | उसिी दाहनी आँख फ
ू टी थी और् बाईुं
आँख ेशानी र् चमि र्ही थी | वह चुंद कदनोुं मे िाफी
बढिर् अल्लाह होने िा दावा िर्ने लागा |
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम जो
हालात से बर्ाबर् मुत्तला हो र्हे थे |
6 जमाकदउस्सानी, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 23 अक्ट्ू बर्,
627 ई०, बर्ोज़ जुमा, बादे इशा हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने सलमान फ़ार्सी
िो कलया और् बा-मक़ाम तीह जािर् उसिो तबलीग
िर्नी चाही |
37
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उसने बहुत बुर्ा िहा और् चाहा कि हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम र् हमला िर् दे |
हज़र्त सलमान फ़ार्सी ने मुदाकफअत िी | आ ने उससे
यह फ़र्माया था कि अल्लाह होने िा दावा छोड दे और्
मेर्ी रर्सालत िो मान ले मगर् वह ना माना |
हज़र्त सलमान फ़ार्सी िहते हैं कि दज्जाल िी ेशानी र्
अल-िाकफ़र् कबल्लाह कलखा हुआ था और् आँख ि
े ढेले र्
भी (“िाफ” “फ
े ” “र्े”) मर्ि
ू म था | गज़र कि आ
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने वहाँ से मदीना
मुनव्वर्ा वा स तशर्ीफ़ लाने िा इर्ादा किया | दज्जाल ने
एि सुंग कगर्ाुं जो हाड िी माकनुंद था |
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी
र्ाह में र्ख कदया यह देख िर् हज़र्त कजब्राईल अमीन
अलैकहस्सलाम आसमान से आए और् उसे हटा कदया | अभी
आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मदीना हुुंचें
ही थी कि दज्जाल लश्कर्े अज़ीम लेिर् मदीना ि
े क़र्ीब
जा हुुंचा |
38
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
बार्गाहे अहकदयत में अज़र िी ऐ अल्लाह इसे उस वक़्त ि
े
कलए महबूस (क़
ै द) िर् दे जब ति उसे कजुंदा र्खना
मक़सूद है |
उसी दौर्ान में हज़र्त कजब्राईल अमीन आए उन्होुंने दज्जाल
िी गदरन िो ुश्त िी तर्फ से िड िर् उठा कलया और्
उसे ले जािर् कजकज़या-ए-तकब्रस्तान में महबूस (क़
ै द) िर्
कदया है | लातीफा यह है कि हज़र्त कजब्राईल
अलैकहस्सलाम उसे लेिर् जाने लगे तो उसने ज़मीन र्
दोनोुं हाथ मार्िर् तः तुस्सर्ा ति िी दो मुठ्ठी िाि ले ली
और् उसे तकब्रस्तान में दाल कदया | कजब्राईल ने सर्वर्े
िायनात सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े सवाल
ि
े जवाब में िहा कि आ (स.) िी वफात से 970 साल
बाद यह िाि आलम में फ
ै लेगी और् उसी वक़्त से आसार्े
क़यामत शुरू हो जाएुं गे |
39
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तालीमात़े िसूल (स.)
5 र्जाबुल मुर्ज्जब, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 20 नवुंबर्, 627
ई०, बर्ोज़ जुमा खुतबा-ए-जुमा में हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने यह तालीमात
इर्शाद फ़र्माया :-
(1) र्ब्बुल आलमीन ि
े महबूब र्हमतुल-कलल-आलमीन
सैय्यदना हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम ने इर्शाद फ़र्माया और् तुम अ ने वाकलदैन ि
े
साथ अच्छा सुलूि िर्ो तो तुम्हार्ी औलाद तुम्हार्े साथ
अच्छा सुलूि िर्ेगी |
(2) उसिी नाि िाि आलूद हो | यह बात हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने तीन
बार् दोहर्ाई | कफर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम ने फ़र्माया वह शख्स कजसने वाकलदैन
िो बुढा े िी हालत में ाया और् उन दोनोुं में से एि िी
या दोनोुं िी ब्बखदमत िर्ि
े जन्नत में दाब्बखल ना हुआ |
40
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
(3) ऐ लोगोुं तुम्हार्ी और्तोुं र् तुम्हार्े ि
ु छ हुक़
ू क़ हैं और्
इसी तर्ह तुम र् तुम्हार्ी और्तोुं िा हुक़
ू क़ हैं | और्तोुं ि
े
साथ अच्छा बतारव िर्ने ि
े हमेशा या बुंदर् हो क्ोुंकि वह
तुम्हार्ी ज़ेर्े कनगर्ानी हैं और् इस हैकसयत में नहीुं कि अ ने
मामलात खुद चला सि
ें | और्तोुं ि
े मामलें में अल्लाह
ताला से डर्ते र्हो | तुमने उनिो अल्लाह ताला िी
अमानत ि
े तौर् र् हाकसल किया और् अल्लाह ताला ि
े
िलमात ि
े ज़रर्ए जाएज़ और् हलाल किया है |
(4) हज़र्त मोहम्मद (स.) ने इर्शाद फ़र्माया कजस शख्स
िो उसिी बब्बच्चयोुं ि
े ज़रर्ए आज़माइश में डाला गया |
कफर् उसने उन बब्बच्चयोुं ि
े साथ अच्छा सुलूि किया तो यह
बब्बच्चयाुं उसि
े कलए जहन्नम से दार बन जाएुं गी |
(5) कमस्कीन वह नहीुं जो लोगोुं ि
े दर्वाज़े र् चक्कर्
लगाता है | और् एि लुिमा दो लुिमे और् एि खजूर्, दो
खजूर् ले िर् लौटता है | बब्बि कमस्कीन वह है जो इतना
माल नहीुं र्खता कि अ नी ज़रूर्त ूर्ी िर् सि
े और्
उसिी गुर्बत िो लोग समझ नहीुं ाते कि उसे सदक़ा दें
और् ना ही वह लोगोुं ि
े सामने खडा होिर् हाथ फ
ै लाता है|
41
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
(6) हर् नेि िाम सदिा है और् यह भी नेि िाम है कि तू
अ ने भाई से हँसते खेलते चेहर्े ि
े साथ मुलाक़ात िर्े |
अख्खड ण कजस चीज़ में होगा उसे बदनुमा िर् देगा ,
कबला शुबहा अल्लाह ताला नर्मी वाला है और् नर्मी सुंद
िर्ता है |
(7) मुसलमान िी सआदत और् िुशी बिी िी अलामत
तीन चीज़ें हैं :-
1_ ि
ु शादा मिान 2_ अच्छा डोसी 3_ मुनाकसब
और् अच्छी सवार्ी
मोकमन सर्ा ा मोहब्बत व उल्फत है | उस शख्स में िो
खैर् नहीुं जो ना किसी से उल्फत र्खता है और् ना िोई
उससे मानूस है |
8_ र्ास्तबाज़, अमानतदार्, ताकजर्, र्ोज़े हश्र, नकबयोुं ,
कसद्दीिोुं और् शोहदा ि
े साथ होगा |
9_ इुंसान अ ने दोस्त ि
े दीुं र् होता है | दोस्ती िाएम
िर्ने से हले देख लेना चाकहए कि तुम किससे दोस्ती िर्
र्हे हो ?
10_ अ ने भाई िी र्हनुमाई िर्ो |
42
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
11_ अच्छे अमल िर्ते र्हो जो शख्स कजस िाम ि
े कलए
ैदा किया गया है उसि
े कलए वह आसमान है |
12_ कजसिो अक्ल दी गई उसने फलाह ाई |
13_ अ नी औलाद िी इज़्ज़त िर्ो और् उनिो अच्छे
आदाब कसखाओ |
14_ सच्चा वादा ईमान िी अलामत है |
15_ सलात, सुि
ू न, आजज़ी और् तवाज़े इब्बियार् िर्ने
िा नाम है |
16_ मयाना र्वी आधी कज़ुंदगी है और् हुस्ने खल्क़ आधा दीन
है |
गजवा-ए-मुिीसीअ
4 शाबान, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 19 कदसुंबर्, 627 ई०,
बर्ोज़ सनीचर् यह जुंग लडी गई | गज़वा-ए-मुर्ीसीअ
(गज़वा-ए-बनी मुस्तलक़) बनी मुस्तलक़ क़बीला बनी
खज़ाअ िी एि शाख थी | जो साकहल बहर्े अहमर् र्
जद्दा और् र्ाबेअ ि
े दर्कमयान क़दीद ि
े इलाक़
े में र्हती
थी| उसि
े चश्मे िा नाम मुर्ीसीअ था |
43
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कजसि
े आस- ास उस क़बीले ि
े लोग आबाद थे | इस
मुनाकसबत से अहादीस में इस मुकहम िा नामा गज़वा-ए-
मुर्ीसीअ भी आया है | मुर्ीसीअ एि मक़ाम िा नाम है |
जो मदीना से आठ मुंकजल दू र् है | शाबान 6 कहजर्ी में हुज़ूर्
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो इकत्तला कमली
कि यह लोग मुसलामानोुं ि
े ब्बखलाफ जुंग िी तैय्यारर्याँ िर्
र्हे हैं | और् दू सर्े क़बाएल िो भी जमा िर्ने िी िोकशश
में लगे हुए हैं | यह इत्तला ाते ही आ एि लश्कर् लेिर्
उनिी तर्फ र्वाना हो गए | ताकि कफतना ि
े सर् उठाने से
हले ही उसे ि
ु चल कदया जाए | इस मुकहम में अब्दुल्लाह
कबन उबैय भी मुनाकफिोुं िी एि बडी तादाद लेिर्
आ ि
े साथ हो गया | इब्ने साद िा बयान है कि इससे
हले किसी जुंग में मुनाकफक़ीन इस िसर्त से शाकमल ना
हुए थे | मुर्ीसीअ ि
े मक़ाम र् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने अचानि दुश्मन िो जा
कलया | और् थोडी सी िोकशश ि
े बाद ूर्े क़बीले िो मालो
असबाब समेत कगर्फ्तार् िर् कलया |
44
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
गज़वा-ए-बनी मुस्तलक़ 18 शाबानुल मोअज़्ज़म, 6 कहजर्ी,
बा-मुताकबक़ 2 जनवर्ी, 628 ई०, बर्ोज़ सनीचर्, गज़वा-ए-
बनी मुस्तलक़ से जब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम वा स मदीना आने लगे तो एि मक़ाम
र् डाव किया |
इस गज़वा में आ ि
े साथ हज़र्त आयशा कबन्ते अबू बिर्
कबन हज़म भी थी | वहाँ से आर्ाम ि
े बाद ूर्ा क़ाकफला
इस मुंकज़ल से र्वाना हो गया | उस ज़माने में ि
ु छ लोग
क़ाकफ़ले ि
े ीछे चलते ताकि ीछे आने वाले लुटेर्ोुं और्
हमलावर् दुश्मनोुं से क़ाकफला वालोुं िो आगाह िर् सि
े
या लश्कर् िा कगर्ा हुआ सामान उठाते चलें | उधर् हज़र्त
किसी हाजत ि
े गज़र से ीछे र्ह गईुं |
तो हज़र्त सफवान जब उस मक़ाम र् हुुंचे तो हज़र्त
आयशा िो देखा चूुंकि आ आयते दार से हले हज़र्त
आयशा िो देख चुि
े थे इसकलए हचान गए |
45
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तो हज़र्ते सफवान ने अ ने ऊ
ँ ट िो उनि
े ास बैठा कदया
कजस र् आ बगैर् िोई बात ि
े सवार् हो गईुं और् हज़र्त
सफवान ने ऊ
ँ ट िी महार् िड िर् ैदल चलते हुए
अगली मुंकज़ल र् हुज़ूर् सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम ि
े क़ाकफला से जा कमले | इस तर्ह हज़र्त
आयशा बाक़ी खवातीन ि
े ास हुँच गई | और् कफर्
मदीना मुनव्वर्ा हुँचने र् मुनाकफिीन ने खूब अफवाहें
फ
ै लाने िा िाम किया |
मुिाबिक़ोों की शिाित
मुनाकफक़ोुं ि
े सर्दार् अब्दुल्लाह कबन उबैय ने इस वाकक़या
िो हज़र्त आयशा र् तोहमत लगाने िा ज़रर्या बना कलया
और् खूब खूब इस तोहमत िा चचार किया और् मदीना में
उस मुनाकफ़क़ ने इस शमरनाि तोहमत िो इस क़दर्
उछाला और् इतना शोर्ो गुल मचाया कि मदीना में हर्
तर्फ इस एफतर्ा और् तोहमत िा चचार होने लगा |
46
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
और् बाज़ मुसलमान मसलन हस्सान कबन साकबत, मुस्तह
कबन असासा और् हमना कबन्ते जहेश ने भी इस तोहमत िो
फ
ै लाने में ि
ु छ कहस्सा कलया।
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो
इस शर् अुंगेज़ तोहमत से बेहद र्ुंज व सदमा हुुंचा। इस
मौि
े र् अब्दुल्ला कबन उबैय कबन मैं िई मक़ाकसद हाकसल
िर्ने िी िोकशश िी । उसने इस्लामी तहर्ीि ि
े बुलुंद
एखलाि िो कगर्ाने िी िोकशश िी उसने एि कचुंगार्ी
फ
ें िी ि
े अगर् इस्लाम अ ने ैर्ो िार्ोुं कि िाया लट ना
िर् चुिा होता तो अुंसार् ि
े दो क़बीले आ स में लड डते
। क्ोुंकि हज़र्त आयशा ि
े हवाले से कजस शख़्स र्
इलज़ाम लग र्हा था यानी सफ़वान कबन मोअत्तल िा
ताल्लुक़ क़बीला-ए-िज़र्ज से था और् हज़र्त आयशा िा
ताल्लुक़ क़बीला-ए-बनी िल्ब से था। 24 शाबानुल
मोअज़्ज़म, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 8 जनवर्ी, 628 ई०,
बर्ोज़ जुमा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम ने िुतबा-ए-जुमा इर्शाद फर्माया :-
47
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
खुतिा
ِ‫ـم‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫الر‬ ِ‫ن‬‫ه‬‫ـم‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬
( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ر‬َ‫ك‬َ‫َذ‬‫ت‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬َ‫م‬َ‫ل‬َ‫ل‬ ٍ‫ات‬َ‫ن‬ِ‫ی‬َ‫ب‬ ٍ‫ات‬َ‫ی‬‫ه‬‫ا‬‫آ‬َ‫ـه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ھ‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ض‬َ‫ر‬َ‫ف‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ھ‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬ٌ‫ة‬َ‫ب‬ْ‫و‬ُ‫س‬
1
)
तजुरमा :- यह एि सूर्त है कजसे हमने नाकज़ल किया है और्
उसि
े अहिाम हमने ही फ़ज़र किये हैं और् हमने इसमें
र्ौशन आयतें नाकज़ल िी हैं ताकि तुम समझो |
ٌ‫ة‬‫ـ‬َ‫ف‬ْ‫ا‬َ‫ب‬ ‫ا‬َ‫م‬ِ‫ه‬ِ‫ب‬ ْ‫ُم‬‫ك‬ْ‫ذ‬ُ‫خ‬ْ‫َا‬‫ت‬ َ
‫ل‬َ‫و‬ ٍۖ‫ة‬َ‫ْـد‬‫م‬َ‫ج‬ َ‫ة‬َ‫ئ‬‫ا‬ِ‫م‬ ‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬ْ‫ن‬ِ‫م‬ ٍ‫د‬ِ‫ح‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ل‬ُ‫ك‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ـد‬ِ‫م‬ْ‫اج‬َ‫ف‬ْ ِ
‫اِن‬َ‫الز‬َ‫و‬ ُ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫لز‬َ‫ا‬
ٌ‫ة‬َ‫ف‬ِ‫ئ‬‫ـآ‬ َ‫ط‬‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ ْ‫د‬َ‫ه‬ ْ‫ش‬َ‫ْي‬‫ل‬َ‫و‬ ِۖ‫ر‬ِ‫خ‬‫ه‬ ْ
‫ال‬ ِ‫م‬ْ‫و‬َ‫ْي‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ِ‫ب‬ َ‫ن‬ْ‫ـو‬ُ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ت‬ ْ‫ـم‬ُ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ك‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬ ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ ِ‫ْن‬‫ی‬ِ‫د‬ْ ِ
‫ِف‬
ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬
( َ ْ
‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬
2
)
तजुरमा :- बदिार् और्त और् बदिार् मदर ास दोनोुं में से
हर् एि िो सौ सौ दुर्े मार्ो | और् तुम्हें अल्लाह ि
े मामला
में उन र् ज़र्ा र्हम ना आना चाकहए अगर् तुम अल्लाह र्
और् क़यामत ि
े कदन र् ईमान र्खते हो | और् उनिी
सज़ा ि
े वक़्त मुसलामानोुं िी एि जमात िो हाकज़र् र्हना
चाकहए |
48
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
ٌۚ‫ك‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬ُ‫م‬ ْ‫و‬َ‫ا‬ ٍ‫ان‬َ‫ز‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬ ‫آ‬َ‫ه‬ُ‫ح‬ِ‫ك‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬ ُ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫الز‬َِ‫و‬ ً‫ة‬َ‫ك‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬ُ‫م‬ ْ‫و‬َ‫ا‬ ً‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ز‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬ ُ‫ِح‬‫ك‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ
‫ل‬ ْ ِ
‫اِن‬َ‫لز‬َ‫ا‬
( َ ْ
‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ
‫ََل‬‫ع‬ َ
‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ َ‫م‬ِ‫ر‬ُ‫ح‬َ‫و‬
3
)
तजुरमा :- बदिार् मदर कसवाए बदिार् और्त या मुशरर्िा
ि
े कनिाह नहीुं िर्ेगा और् बदिार् और्त से कसवाए
बदिार् मदर या मुशरर्ि ि
े और् िोई कनिाह नहीुं िर्ेगा
और् ईमान वालोुं र् यह हर्ाम किया गया है |
َ ْ
‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬َ‫ث‬ ْ‫ـم‬ُ‫ھ‬ْ‫و‬ُ‫ـد‬ِ‫م‬ْ‫اج‬َ‫ف‬ َ‫ء‬‫آ‬َ‫د‬َ‫ه‬ُ‫ش‬ ِ‫ة‬َ‫ل‬َ‫ب‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ِ‫ب‬ ‫ا‬ْ‫ُو‬‫ت‬ْ‫ا‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫ـم‬ُ‫ث‬ ِ‫ات‬َ‫ن‬ َ‫ص‬ْ‫ح‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫م‬ْ‫ر‬َ‫ی‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫ذ‬‫ـ‬َ‫ال‬َ‫و‬
ُ‫َـه‬‫ل‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫م‬َ‫ب‬ْ‫ق‬َ‫ت‬ َ
‫ل‬َِ‫و‬ً‫ة‬َ‫ْـد‬‫م‬َ‫ج‬
( َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ق‬ِ‫َاس‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫ـم‬ُ‫ھ‬ َ
‫ك‬ِ‫ئ‬ٰٓ‫ه‬‫ول‬ُ‫ا‬َ‫و‬ ۚ‫ا‬ً‫د‬َ‫ب‬َ‫ا‬ً‫ة‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬َ‫ش‬ ْ‫ـم‬
4
)
तजुरमा :- और् जो लोग ाि दामन और्तोुं र् तोहमत
लगाते हैं और् कफर् चार् गवाह नहीुं लाते तो उन्हें अस्सी दुर्े
मार्ो और् िभी उनिी गवाही क़
ु बूल ना िर्ो और् वही
लोग ना फर्मान हैं |
ْ‫و‬ُ‫ب‬‫َا‬‫ت‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫ذ‬‫ـ‬َ‫ال‬ َ
‫ل‬ِ‫ا‬
( ٌ‫ـم‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫ب‬ ٌ‫ب‬ْ‫ُو‬‫ف‬َ‫غ‬َ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬َ‫ف‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ح‬َ‫م‬ ْ‫ص‬َ‫ا‬َ‫و‬ َ
‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ ِ‫د‬ْ‫ل‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬‫ا‬
5
)
तजुरमा :- मगर् कजन्होुंने उसि
े बाद तौबा िर् ली और्
इस्लाह िर् ली तो बेशि अल्लाह भी बिने वाला
कनहायत र्हम वाला है |
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  • 1. 1 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
  • 2. 2 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
  • 3. 3 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह परिचय किताब िा नाम-------------------------------------इस्लाम लेखि िा नाम : क़ाज़ी उल क़ ु ज़्ज़ात मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम वाकलद िा नाम :----------------------- मुहम्मद अब्बास आलम किलाफत :------------------------------------ सलाकसले अर्बा रर्हाइश :------------------- मीर्ा र्ोड मुुंबई ठाणे महार्ाष्ट्र भार्त मुक्कमल कडज़ाइन :-अल्लामा शमशाद आलम (जानशीने हुज़ूर् मसीहे कमल्लत) कहुंदी टाइक ुंग :----------------सूफी अली अिबर् (सुल्तान ुर्ी ) प्रिाशि :----दारुल उलूम फ ै ज़ाने मुस्तफा एजूि े श्नल टरस्ट ,मीर्ा र्ोड मुुंबई तबाअत : फ ै ज़ाने मुस्तफा अि े डमी,मि र ज़ुल )मर्ािीज़ बाबुल इल्म जनर्ल लाइब्रेर्ी छ ाई :------------------------ 25/12/2023
  • 4. 4 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह मुक़द्दमा َ‫ن‬ِ‫م‬ ِ‫هلل‬‫ا‬ِ‫ب‬ُ‫ذ‬‫و‬ُ‫ع‬َ‫أ‬ َ‫الش‬ َ‫الر‬ ِ‫ان‬ َ‫ط‬ْ‫ي‬ ْ‫ي‬ِ‫ج‬ ِ‫م‬ o ِ‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫الر‬ ِ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ِ ‫ه‬ ‫اّلل‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬ o َ‫ا‬ ِ ‫ه‬ِ ‫ّلل‬ ُ‫د‬ْ‫م‬َ‫ْح‬‫ل‬ َ ْ ‫ن‬ِ‫م‬َ‫م‬‫ه‬‫ْل‬‫ل‬ْ ِِ َ‫ب‬ o َ‫لص‬َ‫ا‬ َ‫الس‬َ‫و‬ُ‫ة‬‫و‬‫ه‬‫م‬ َ‫م‬َ‫ح‬ُ‫م‬ َ ‫ََل‬‫ع‬ ُ‫م‬ َ ‫َل‬ َ ْ ‫ن‬ِ‫م‬َ‫م‬‫ه‬‫ْل‬‫م‬ِ‫ل‬ ً‫ة‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ب‬ ٍ‫د‬ o ِ‫ہ‬ِ‫ل‬‫آ‬ ‫ه‬ ‫ََل‬‫ع‬ َ‫و‬ َ‫الط‬ ِ‫ي‬ ِ‫ب‬ َ ْ ‫ن‬ َ‫و‬ َ‫الط‬ ‫ا‬ ِ‫ھ‬ ِ‫ر‬ ْ‫ی‬ َ‫ن‬ َ‫ل‬‫ا‬ ْ‫ج‬ ِ‫ل‬‫ه‬‫م‬ َ ْ ‫ن‬ o अल्हम्दु कलल्लाकह र्ब्बब्बल आलमीन वस्सलातु वस्सलामु अला र्हमतुल-कलल-आलमीनवआकलकहत्तैय्यबीनवत्ताकहर्ीनअम्मा बादफअऊज़ु कबल्लाकह कमनश्शैताकनर्रजीम० बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम० इस्लाम िा माना है अल्लाह ि े अहिामात ि े सामने सर्े तस्लीम िम िर् देना और् कजससे वह र्ोि े कबला एतर्ाज़ रुि जाना |
  • 5. 5 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह इस्लाम िा मक़सद है :- सलामती, अमन व अमान | इस्लाम एि आलमगीर् शर्ीयत है कजसिा मक़सद ूर्ी इुंसाकनयत िी इस्लाह और् फलाह है । िायनात िा ालनहार् र्ब ताला है और् उसि े महबूब इमामुल अुंकबया हज़र्त मोहम्मद र्हमतुल-कलल-आलमीन हैं और् वजहे तिलीक़ े िायनात हैं। बे-कमसाल व बे-साया हैं मगर् िायनात र् वह साया कफगन हैं । अल्लाह ताला ि े बाद उनसे िोई अफ़ज़ल नहीुं। ُ‫م‬ َ ‫َل‬ْ‫س‬ِ ْ ‫ال‬ِ ‫ه‬ ‫اّلل‬ َ‫د‬ْ‫ن‬ِ‫ع‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫الد‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬ o तजुरमा :- बेशि अल्लाह ि े नज़दीि दीन कसफ र इस्लाम है। बावजूद इसि े इस्लाम र् ही ऐतर्ाज़ क्ोुं ? आ सुंजीदगी से बैठिर् सोचें ! तमाम वसाएल इस्लाम ि े किलाफ़ ही क्ोुं इस्तेमाल किए जा र्हे हैं ? कप्रुंट मीकडया, इलेक्ट्रॉकनि मीकडया, मज़हबी, गै ै़ र्-मज़हबी हज़र्ात सब मुत्तकहद होिर् इस्लाम िो ही कदन-र्ात क्ोुं िोस र्हे हैं ?
  • 6. 6 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह क्ा इस्लाम में खर्ाबी है ? या अ नी खर्ाबी कछ ाने और् गैर्ोुं से अ नी किताबोुं और् िर्तूतोुं िा कछ ाना मक़सद है? दर्-अस्ल दुकनया कसमट चुिी है | एि बडा तबक़ा ख़्वाह वह किसी भी धमर िा मानने वाला हो या ना हो, वह मज़ाकहब ि े मुताब्बल्लक़ रर्सचर िर् र्हा है | वह जानना चाहता है कि िौन सा धमर उसूले कफतर्त ि े मुताकबक़ है ? किस धमर ि े क़वानीन इुंसाकनयत िो बुलुंदी र् हुुंचा सिते हैं ? िौन सा धमर इस बे-र्ाह र्वी ि े दौर् में इतकमनाने िल्ब दे सिता है ? मुिाकलफीने इस्लाम अ नी ूर्ी तवानाई इस्लाम ि े किलाफ़ इसीकलए लगा र्हे हैं ताकि यह बडा तबक़ा इस्लाम िो ना ढे | यानी र्ौशनी िी तर्फ ना जाए। इन्हें मालूम है कि इस्लामी अहिाम में जज़्ब व िकशश है |
  • 7. 7 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह इन्हें अच्छी तर्ह मालूम है कि सुि ू ने क़ल्ब इस्लाम में ही है। इसि े बावजूद वह गैर्ोुं िो इस्लाम से इसी तर्ह र्ोि र्हे हैं जैसे मुशरर्िीने मक्का र्ोि र्हे थे। मोकजज़े िा मुतालबा किया | कदखाया गया :- ि ुं िर् ने हाथ में िलमा ढा, शजर् व हजर् से आवाज़ आई। मुिाकलफीन ने सुना | दजरनोुं मोकजज़ात उनिी कनगाहोुं ि े सामने हुए । क़ ु र्आन िा जवाब ना दे सि े । यानी आकजज़ आए तो दजरनोुं इलज़ामात लगाए ताकि किसी भी तर्ह हमार्ी झूठी शान व शौक़त बाक़ी र्हे। जैसे यहूद व नसार्ा सैय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा र्सूल होना, ि ु र्आन िर्ीम िा आब्बखर्ी किताब होना अच्छी तर्ह जानते थे | मगर् प्रो ेगुंडा किया ताकि हक़ से लोगोुं िो दू र् र्खिर् दो वक़्त िी र्ोटी खा सि ें ।
  • 8. 8 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह यह बीज मुनाकफक़ीन ने आज से तक़र्ीबन 1400 साल हले ही बो कदया था | र्वायात ि े ज़रर्ए, रुसुमात ि े ज़रर्ए, मन-गढत वाकक़यात ि े ज़रर्ए, कफक़ह ि े नाम र्, फतवा ि े नाम र्, र्वायाते इस्लाम, तवार्ीिे इस्लाम, तालीमाते नबवी ि े नाम र्, मगर् आज वह बीज तनावर् दर्ख़्त बन गया है । यही वजह है कि आज दुकनया में इस्लाम िो जो कनशाना बनाया जा र्हा है वह 1400 साल हले िी तार्ीि से ि ु छ मुख़्तकलफ नहीुं ! हाुं ! अब अहले इस्लाम िी कज़म्मेदार्ी बनती है कि वह इस्लाम िा हक़ीक़ी चेहर्ा, अद् ल व मुसावात, मोहब्बत वह र्वादार्ी, एिलाक़ े हसना ेश िर्ें, इस्लाम िा बे-गुबार् चेहर्ा लोगोुं ि े सामने लाएुं ! ज़रूर्ी नहीुं कि आ किसी िो टार्गेट िर्ें या किसी िा नाम लेिर् बोलें या किसी मिसूस धमर िा नाम बनाम र्द् िर्ें । नहीुं ! नहीुं !
  • 9. 9 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह बस आ र्ोज़-आना दीने इस्लाम िी हक़्काकनयत से लोगोुं िो आगाह िर्ते र्हें | मब्बिद, मदर्सा, िानक़ाह, महकफल हर् जगह हक़्काकनयते इस्लाम बताएुं । इस्लामी बर्िात से आगाह िर्ें । उन्हें बताएुं कि यह प्यार्ा मज़हब ि ै सा है ? असली व नक़ली दलायल से लोगोुं िो मुतमइन िर्ें । कफ़र्दौसे इब्लीस से बचाएुं । लेकिन आ बचाएुं गे ि ै से ! क्ा आ इब्लीस िो जानते हैं ? इन तमाम हालात ि े मद्दे नज़र् मैंने सोचा ! किसी िो िोसने या किसी र् सवाल उठाने से अच्छा है कि आगे बढिर् िुद ही जो गलत है उसे ठीि िर्ें। बस मैंने तहक़ीक़ाती िाम शुरू किया। कफर् क्ा था कि र्ब्बुल आलमीन ने हुज़ूर् र्हमतुल-कलल- आलमीन ि े सदक़ े इनायात िी बारर्श िर् दी और् गैबी मख़्लूक़ात ि े ज़रर्या मेर्ी र्हनुमाई िी और् मैं बेकमसाल र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी बेकमसाली
  • 10. 10 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह िो जाना और् इस्लाम िी हक़्काकनयत िो िूब अच्छी तर्ह हचाना और् तहर्ीर्ी शक्ल देिर् इस किताब िा नाम "इस्लाम" र्खा । ताकि िलमा ढने वाले हज़र्ात अनजाने में हो र्ही गलकतयोुं िी इस्लाह िर् सि ें । खुद िो और् आने वाली नस्लोुं िो इस्लाम और् ैगुंबर्े इस्लाम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी बेकमसाली बढिर् और् उनिी तालीमात र् अमल िर्ि े खुद िो और् आने वाली नस्लोुं िो तबाही से बचाएुं । इुंसान उस वक़्त ति इस्लाम और् बानी-ए-इस्लाम िी हक़्काकनयत िो ा नहीुं सिता ! || जब ति वह अ ना मज़हब इस्लाम || || खुद िो मुसलमान || || इश्क े र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो जान || || मोवद्दते अहलेबैते र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही िो उजर्ते ईमान तस्लीम ना िर् लें ||
  • 11. 11 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह अल्लाह र्ब्बुल आलमीन हम सबिो अ नी नाह में िलमा-ए-तैय्यबा र् िाकतमा कबल िैर् िर्े । आमीन या र्ब्बुल आलमीन बजाहे सैय्यदुल मुर्सलीन सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम व आकलकहत्तैय्यबीन वत्ताकहर्ीन ।। अज़-क़लम :- ीर्े तर्ीक़त, र्हबर्े शर्ीयत, क़ाज़ी-उल- क़ ु ज़ात, हुज़ूर् मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम इब्ने अब्बास मद्दा-कज़ल्लहुल-आली ।। बानी :- दारुल उलूम फ ै ज़ाने मुस्तफा एजुि े शनल एुं ड चैरर्टेबल टर स्ट मीर्ा र्ोड मुुंबई महार्ाष्ट्र इुंकडया ।।
  • 12. 12 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह 6 – बिजिी 6 कहजर्ी कहजर्त से शुरू होने वाले ि ै लेंडर् िा छठा साल है। इस साल िा हला कदन 1 मोहर्रमुल हर्ाम, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 23 मई, 627 ई०, बर्ोज़ सनीचर् और् आकिर्ी कदन 29 कज़ल-हज्जा 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 10 मई, 628 ई०, बर्ोज़ मुंगल है। मोििरम सलाते मगरर्ब ि े बाद 6 कहजर्ी मोहर्रम शर्ीफ़ िा चाुंद नज़र् आ गया। हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ नी प्यार्ी बेटी हज़र्त सैय्यदा ि े घर् तशर्ीफ़ लाए और् मामूल ि े मुताकबक़ अ ने दोनोुं नवासोुं िो अ नी आगोश में कलया और् बहुत प्यार् फर्माया, चश्माने मुबार्ि अश्क बार् हुईुं, हज़र्त सैय्यदा और् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल सब कमल-जुलिर् देर् ति बैठे हसनैन िर्ीमैन से प्यार् फर्माते र्हे। और् आ (स.) दोनोुं ि े फ़ज़ाएल बयान फर्माते र्हे।
  • 13. 13 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह 6 बिजिी का पिला जुमा उस ज़माने में और्त वा मदर सभी मब्बिदे नबवी में इबादत िर्ने ि े कलए शर्ीि होते थे। आज 7 मोहर्रमुल हर्ाम, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 29 मई, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा िुतबा- ए-जुमा इर्शाद फर्माया। और् खवातीन र् खास्सुल िास खुतबा इर्शाद फर्माया | खुतिा-ए-जुमा ْ ‫ت‬ُ‫ن‬ْ‫ق‬َ‫ی‬ ‫ن‬َ‫م‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫َه‬‫ل‬ ‫َا‬‫ن‬ ْ‫د‬َ‫ت‬ْ‫ع‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ ْ ‫َن‬‫ت‬َ‫ر‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ھ‬َ‫ر‬ْ‫ج‬َ‫أ‬ ‫ا‬َ‫ه‬ِ‫ت‬ْ‫ؤ‬ُ‫ن‬ ‫ا‬ً‫ح‬ِ‫ل‬‫ا‬ َ‫ص‬ ْ‫ل‬َ‫م‬ْ‫َل‬‫ت‬َ‫و‬ ِ‫ه‬ِ‫ل‬‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬َ‫و‬ ِ َِ ‫ّلل‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬‫ن‬ِ‫م‬ ( ‫ا‬ً‫یم‬ِ‫َر‬‫ك‬ ‫ًا‬‫ق‬ْ‫ز‬ِ‫ب‬ 31 َ ‫َل‬َ‫ف‬ َ ُ ‫ت‬ْ‫َي‬‫ق‬َ‫ات‬ ِ‫ن‬ِ‫إ‬ ِۚ‫ء‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫الن‬ َ‫ِن‬‫م‬ ٍ‫د‬َ‫ح‬َ‫َأ‬‫ك‬ َ ُ ‫ت‬ ْ‫َس‬‫ل‬ ِ ِ ‫ب‬َ‫لن‬‫ا‬ َ‫ء‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ن‬ ‫ا‬َ‫ی‬ ) ِ ‫ِف‬‫ي‬ِ‫ذ‬َ‫ال‬ َ‫ع‬َ‫م‬ ْ‫ط‬َ‫ي‬َ‫ف‬ ِ‫ل‬ْ‫َو‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ض‬ْ‫خ‬َ‫ت‬ (‫ا‬ً‫ف‬‫و‬ُ‫ر‬ْ‫ل‬َ‫م‬ ً ‫ل‬ْ‫َو‬‫ق‬ َ ْ ‫ْل‬ُ‫ق‬َ‫و‬ ٌ ‫ض‬َ‫ر‬َ‫م‬ ِ‫ه‬ِ‫ْب‬‫م‬َ‫ق‬ 32 ِ ‫ِف‬ َ‫ن‬ْ‫ر‬َ‫ق‬َ‫و‬) َ‫ن‬ْ‫ل‬ِ‫ط‬َ‫أ‬َ‫و‬ َ‫ة‬‫َا‬‫ك‬َ‫الز‬ َ‫ن‬ِ‫ت‬‫آ‬َ‫و‬ َ‫ة‬ َ ‫َل‬ َ‫الص‬ َ‫ن‬ْ‫م‬ِ‫ق‬َ‫أ‬َ‫و‬ ۖ‫ه‬ َ ‫وَل‬ُ ْ ‫اْل‬ ِ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫م‬ِ‫ھ‬‫ا‬َ‫ْج‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ج‬ُ َ ‫َب‬‫ت‬ َ‫ن‬ْ‫ج‬َ َ ‫َب‬‫ت‬ َ ‫ل‬َ‫و‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬ِ‫ت‬‫و‬ُ‫ي‬ُ‫ب‬ ِ‫الر‬ ُ‫م‬ُ‫ك‬‫ن‬َ‫ع‬ َ‫ب‬ِ‫ھ‬ْ‫ذ‬ُ‫ي‬ِ‫ل‬ ُ َ ‫اّلل‬ ُ‫ید‬ِ‫ر‬ُ‫ی‬ ‫ا‬َ‫م‬َ‫ن‬ِ‫إ‬ ُۚ‫ه‬َ‫ل‬‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬َ‫و‬ َ َ ‫اّلل‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫ر‬ِ‫ه‬ َ‫ط‬ُ‫ی‬َ‫و‬ ِ‫ت‬ْ‫ي‬َ‫ْب‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ْل‬‫ھ‬َ‫أ‬ َ ‫س‬ْ‫ج‬ (‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ه‬ ْ‫َط‬‫ت‬ 33 )
  • 14. 14 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ب‬َ‫خ‬ ‫ًا‬‫ف‬‫ي‬ِ‫ط‬َ‫ل‬ َ‫َان‬‫ك‬ َ َ ‫اّلل‬ َ‫ن‬ِ‫إ‬ ِۚ‫ة‬َ‫ْم‬‫ك‬ِ‫ح‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ َ ‫اّلل‬ ِ‫ات‬َ‫ی‬‫آ‬ ْ‫ِن‬‫م‬ َ‫ن‬ُ‫ك‬ِ‫ت‬‫و‬ُ‫ي‬ُ‫ب‬ ِ ‫ِف‬ ‫ه‬ َ ‫َل‬ْ‫ت‬ُ‫ی‬ ‫ا‬َ‫م‬ َ‫ن‬ْ‫ُر‬‫ك‬ْ‫ذ‬‫ا‬َ‫و‬ ( 34 َ‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫م‬ِ‫م‬ ْ ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ِ‫م‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ِ‫إ‬ ) ِ‫ات‬َ‫ت‬ِ‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ت‬ِ‫ن‬‫ا‬ ِ‫ات‬َ‫ل‬ِ‫اش‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ل‬ِ‫اش‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ر‬ِ‫اب‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬‫ی‬ِ‫ر‬ِ‫اب‬ َ‫الص‬َ‫و‬ ِ‫َات‬‫ق‬ِ‫د‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ق‬ِ‫د‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫وج‬ُ‫ر‬ُ‫ف‬ َ‫ن‬ِ‫ظ‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫م‬ِ‫ئ‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ِ‫ئ‬‫ا‬ َ‫الص‬َ‫و‬ ِ‫َات‬‫ق‬ِ‫د‬ َ‫ص‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ن‬ِ‫ق‬ِ‫د‬ َ‫ص‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ َ َ ‫اّلل‬ َ‫ن‬‫ی‬ِ‫ِر‬‫ك‬‫ا‬َ‫الذ‬َ‫و‬ ِ‫ات‬َ‫ظ‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬ً‫ر‬ْ‫ج‬َ‫أ‬َ‫و‬ ً‫ة‬َ‫ر‬ِ‫ف‬ََْ‫م‬ ‫م‬ُ‫َه‬‫ل‬ ُ َ ‫اّلل‬ َ‫د‬َ‫ع‬َ‫أ‬ ِ‫ات‬َ‫ِر‬‫ك‬‫ا‬َ‫الذ‬َ‫و‬ ‫ا‬ً‫ري‬ِ‫ا‬َ‫ك‬ ‫ا‬ً‫يم‬ِ‫ظ‬َ‫ع‬ ( 35 ) तजुरमा :- बेशि मुसलमान मदर और् मुसलमान और्तें और् ईमान वाले और् इनाम वाकलयाुं और् फर्माबर्दार् और् फर्माबर्दार्ें और् सच्चे और् सब्बच्चयाुं और् सब्र वाले और् सब्र वाकलयाुं और् आजज़ी िर्ने वाले और् आजज़ी िर्ने वाकलयाुं और् िैर्ात िर्ने वाले और् िैर्ात िर्ने वाकलयाुं और् र्ोज़े वाले और् र्ोज़े वाकलयाुं और् अ नी ार्साई कनगाह र्खने वाले और् कनगाह र्खने वाकलयाुं और् अल्लाह िो बहुत याद िर्ने वाले और् याद िर्ने वाकलयाुं सबि े कलए अल्लाह ने बब्बिश और् बडा सवाब तैय्यार् िर् र्खा है।
  • 15. 15 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह िोज़े आबखित पि खुतिा 15 मोहर्रमुल हर्ाम, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 6 जून, 627 ई०, बर्ोज़ सनीचर् बाद सलाते इशा, ि ु छ मुनाकफक़ीन मोकमनीन ि े साथ मब्बिदे नबवी में बैठे हुए थे। कि हज़र्त अब्बास कबन अब्दुल मुत्तकलब से र्ोज़े आकिर्त ि े बार्े में तर्ह-तर्ह ि े सवालात ूछने लगे । हज़र्त अब्बास कबन अब्दुल अ ने कहसाब से समझा र्हे थे कि वहाुं हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम आ गए । इतने में अब्दुल्लाह कबन उबैय ने तुंकज़या हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम र् उनि े अबू-तोर्ाब होने र् मुस्क ु र्ाया कि अचानि हज़र्त मोहम्मद (स.) तशर्ीफ लाए और् सीधे मेंबर् र् जलवा अफ़र्ोज़ हुए और् खुतबा इर्शाद फर्माया:- ( َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ل‬َ‫ء‬‫آ‬ َ‫س‬َ‫ت‬َ‫ی‬ َ‫م‬َ‫ع‬ 1 ) ( ِ‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ظ‬َ‫ْل‬‫ل‬‫ا‬ِ‫ا‬َ‫ب‬َ‫الن‬ ِ‫ن‬َ‫ع‬ 2 ) َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ف‬ِ‫م‬َ‫ت‬ْ‫خ‬ُ‫م‬ِ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ ْ‫م‬ُ‫ھ‬ ْ‫ی‬ِ‫ذ‬َ‫ال‬ ‫ﭤ‬ ( 3 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- लोग आ स में किस चीज़ ि े बार्े में सवाल िर् र्हें हैं, बडी खबर् ि े मुतब्बल्लक़ कजसमें उन्हें इब्बिलाफ है |
  • 16. 16 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ْ‫ل‬َ‫ي‬َ‫س‬ َ ‫ََل‬‫ك‬ 4 ( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ْ‫ل‬َ‫ي‬َ‫س‬ َ ‫ََل‬‫ك‬ َ‫م‬ُ‫ث‬) 5 ) तजुरमा :- िबर्दार् ! वह जल्द जान जाएुं गे कफर् िबर्दार् ! वह जल्द जान जाएुं गे। (‫ا‬ً‫د‬‫ه‬‫ه‬ِ‫م‬ َ ‫ض‬ْ‫َب‬ ْ ‫ال‬ ِ‫ل‬َ‫ل‬ْ‫ج‬َ‫ن‬ ْ‫َم‬‫ل‬َ‫ا‬ 6 (‫ا‬ً‫د‬‫َا‬‫ت‬ْ‫و‬َ‫ا‬ َ‫ال‬َ‫ب‬ِ‫ج‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫و‬) 7 َ‫و‬) (‫ا‬ً‫اج‬َ‫و‬ْ‫ز‬َ‫ا‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ق‬َ‫م‬َ‫خ‬ 8 ‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬) (‫ًا‬‫ت‬‫ا‬َ‫ب‬ُ‫س‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫م‬ْ‫َو‬‫ن‬ 9 (‫ا‬ً‫اس‬َ‫ب‬ِ‫ل‬ َ‫ل‬ْ‫ي‬َ‫ل‬‫ا‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬) 10 (‫ا‬ً‫اش‬َ‫ل‬َ‫م‬ َ‫اب‬َ‫ه‬َ‫الن‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬) 11 ‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ی‬َ‫ن‬َ‫ب‬ َ‫و‬) (‫ا‬ً‫د‬‫ا‬ َ‫د‬ِ‫ش‬‫ا‬ً‫ل‬ْ‫ب‬َ‫س‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫ق‬ْ‫و‬َ‫ف‬ 12 (‫ا‬ً‫اج‬َ‫ھ‬َ‫و‬‫ا‬ً‫اج‬َ‫ر‬ِ‫س‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫ل‬َ‫ج‬ َ‫و‬) 13 ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬ ) ِ‫ت‬‫ه‬‫ر‬ ِ‫ص‬ْ‫ل‬ (‫ا‬ً‫اج‬ َ‫ج‬َ‫ث‬ً‫ء‬‫آ‬َ‫م‬ 14 (‫ًا‬‫ت‬‫ا‬َ‫ب‬َ‫ن‬ َ‫و‬‫ًا‬‫ب‬َ‫ح‬ ٖ‫ه‬ِ‫ب‬ َ‫ج‬ِ‫ر‬ْ‫خ‬ُ‫ن‬ِ‫ل‬) 15 ‫ا‬ً‫ف‬‫َا‬‫ف‬ْ‫ل‬َ‫ا‬ ٍ‫ت‬‫ه‬‫ن‬َ‫ج‬ َ‫و‬) ‫ﭤ‬ ( 16 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- क्ा हमने ज़मीन िो कबछौना ना बनाया ? और् हाडोुं िो मेिें (िील) और् हमने तुम्हें जोडे ैदा किया । और् तुम्हार्ी नीुंद िो आर्ाम िा ज़रर्या बनाया । और् र्ात िो ढाुं देने वाली बनाया। और् कदन िो र्ोज़ी िमाने िा वक़्त बनाया । और् तुम्हार्े ऊ र् सात मज़बूत आसमान बनाए । और् एि कनहायत चमिता कचर्ाग (सूर्ज) बनाया । और् बदकलयोुं से ज़ोर्दार् ानी उतार्ा ताकि उसि े ज़रर्ए अनाज और् सब्जा कनिालें और् घने बागात।
  • 17. 17 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह (‫ًا‬‫ت‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ي‬ِ‫م‬ َ‫َان‬‫ك‬ ِ‫ل‬ ْ‫َص‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬ 17 (‫ا‬ً‫اج‬َ‫و‬ْ‫ف‬َ‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ت‬ْ‫ا‬َ‫ت‬َ‫ف‬ِ‫ب‬ْ‫و‬ ُ‫الص‬ ِ ‫ِف‬ ُ‫خ‬َ‫ف‬ْ‫ن‬ُ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬) 18 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- बेशि फ ै सले िा कदन एि मुक़र्रर् वक़्त है। कजस कदन सूर् में फ ूुं ि मार्ी जाएगी तो तुम फौज दर् फौज चले आओगे । َ‫و‬ (‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫و‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ ْ ‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬َ‫ف‬ُ‫ء‬‫آ‬َ‫م‬ َ‫الس‬ ِ‫ت‬َ‫ح‬ِ‫ت‬ُ‫ف‬ 19 (‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ر‬َ‫س‬ ْ ‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬َ‫ف‬ ُ‫ال‬َ‫ب‬ِ‫ج‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ت‬َ ِ ‫ري‬ُ‫س‬ َ‫و‬) 20 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- और् आसमान खोल कदया जाएगा तो वह दर्वाज़े बन जाएुं गे और् हाड चलाए जाएुं गे। तो वह ऐसे हो जाएुं गे जैसे बार्ीि चमिती हुई र्ेत जो दू र् से ानी िा धोिा देती है।
  • 18. 18 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ‫ا‬ ( ‫ا‬ً‫د‬‫ا‬ َ‫ص‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ ْ ‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬ َ‫م‬َ‫ن‬َ‫ه‬َ‫ج‬ َ‫ن‬ِِ 21 ( ‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ا‬َ‫م‬ َ ْ ‫ن‬ِ‫غ‬‫ا‬ َ‫مط‬ِ‫ل‬ ) 22 ( ‫ا‬ً‫ب‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ح‬َ‫ا‬ ۤ‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ ْ ‫ن‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬‫ه‬‫ل‬ ) 23 َ ‫ل‬ ) (‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ر‬َ‫ش‬ َ ‫ل‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫د‬ْ‫ر‬َ‫ب‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ق‬ْ‫و‬ُ‫ذ‬َ‫ی‬ 24 (‫ًا‬‫ق‬‫ا‬ َ ‫َس‬‫غ‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫م‬ْ‫ي‬ِ‫م‬َ‫ح‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬) 25 ‫ًا‬‫ق‬‫ا‬َ‫ف‬ِ‫و‬ً‫ء‬‫آ‬َ‫ز‬َ‫ج‬) ‫ﭤ‬ ( 26 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- बेशि जहन्नुम ताि में है सि र शोुं ि े कलए कठिाना है उसमें मुद्दतोुं र्हेंगे । उसमें किसी तर्ह िी ठुं डि िा मज़ा ना चखेंगे और् ना ि ु छ ीने िो मगर् खौलता ानी और् दोज़ब्बखयोुं िी ी । बर्ाबर् बदला होगा। ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ح‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ج‬ْ‫ر‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫ن‬‫َا‬‫ك‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬ِ‫ا‬ ( 27 ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ِذ‬‫ك‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ت‬‫ه‬‫ی‬‫ه‬‫ا‬ِ‫ب‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ب‬َ‫َذ‬‫ك‬ َ‫و‬) ‫ﭤ‬ ( 28 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- बेशि वह कहसाब िा िौफ ना र्खते थे और् उन्होुंने हमार्ी आयतोुं िो बहुत ज़्यादा झुठलाया। (‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ت‬ِ‫ك‬ُ‫ه‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ی‬ َ‫ص‬ْ‫ح‬َ‫ا‬ ٍ‫ء‬ْ َ ‫َش‬ َ‫ل‬ُ‫ك‬َ‫و‬ 29 ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ ْ‫ُم‬‫ك‬َ‫د‬ْ‫ی‬ِ‫ز‬َ‫ن‬ ْ َ ‫ْل‬َ‫ف‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫ق‬ْ‫و‬ُ‫ذ‬َ‫ف‬) ( 30 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- और् हमने हर् चीज़ कलखिर् शुमार् िर् र्खी है। तो अब चखो तो हम तुम्हार्े अज़ाब ही िो बढाएुं गे।
  • 19. 19 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ( ‫ا‬ً‫ز‬‫َا‬‫ف‬َ‫م‬ َ ْ ‫ن‬ِ‫ق‬َ‫ت‬ُ‫ْم‬‫م‬ِ‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬ 31 ( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ع‬َ‫ا‬ َ‫و‬ َ‫ٕق‬‫ى‬‫آ‬َ‫د‬َ‫ح‬ ) 32 ( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ْر‬‫ت‬َ‫ا‬ َ‫ب‬ِ‫ع‬‫ا‬َ‫َو‬‫ك‬ َ‫و‬ ) 33 ‫ا‬ً‫س‬ْ‫َا‬‫ك‬ َ‫و‬ ) ‫ًا‬‫ق‬‫ا‬َ‫ھ‬ِ‫د‬ ‫ﭤ‬ ( 34 (‫ا‬ً‫ب‬ ‫ه‬‫ِذ‬‫ك‬ َ ‫ل‬ َ‫و‬‫ا‬ً‫و‬ََْ‫ل‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ل‬َ‫م‬ ْ‫س‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬) 35 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- बेशि र्हेज़ गार्ोुं ि े कलए िामयाबी िी जगह है । बागात और् अुंगूर् हैं और् उठते जो बन वाकलयाुं जो एि उम्र िी हैं । और् छलिता जाम है। वह जन्नत में ना िोई बेहूदा बात सुनेंगे और् ना एि दू सर्े िो छु ठलाना । ( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫س‬ِ‫ح‬ ً‫ء‬‫آ‬ َ‫ط‬َ‫ع‬ َ ‫ك‬ِ‫ب‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ً‫ء‬‫آ‬َ‫ز‬َ‫ج‬ 36 ِ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ ‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬ْ‫ی‬َ‫ب‬ ‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬ ِ ‫ض‬ْ‫َب‬ ْ ‫ال‬ َ‫و‬ ِ‫ت‬‫ه‬‫و‬‫ه‬‫م‬ َ‫الس‬ ِِ َ‫ب‬) (‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬ َ‫ط‬ِ‫خ‬ ُ‫ه‬ْ‫ن‬ِ‫م‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ك‬ِ‫م‬ْ‫م‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬ 37 ‫ا‬ً‫ف‬ َ‫ص‬ ُ‫ة‬َ‫ك‬ٕ‫ى‬ٰٓ‫ه‬‫م‬َ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫و‬ ُ‫ح‬ْ‫و‬ُ‫الر‬ ُ‫م‬ْ‫ُو‬‫ق‬َ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬) ‫ﯼ‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫م‬َ‫َم‬‫َك‬‫ت‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬ ْ‫ن‬َ‫م‬ ( ‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ص‬ َ‫َال‬‫ق‬ َ‫و‬ ُ‫ن‬‫ه‬‫م‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ ُ‫ه‬َ‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫ذ‬َ‫ا‬ 38 ۚ ُ‫ق‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ْ‫و‬َ‫ْي‬‫ل‬‫ا‬ َ ‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ ) - َ‫ء‬‫آ‬َ‫ش‬ ْ‫ن‬َ‫م‬َ‫ف‬ ٖ‫ه‬ِ‫ب‬َ‫ب‬ ‫ه‬ ‫َل‬ِ‫ا‬ َ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫ت‬‫ا‬ ‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ا‬َ‫م‬ ( 39 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- (यह) बदला है तुम्हार्े र्ब िी तर्फ से कनहायत िाफी अता। वह जो आसमानोुं और् ज़मीन और् जो ि ु छ उनि े दर्कमयान है सब िा र्ब है। कनहायत र्हम फर्माने वाला है। लोग उससे बात िर्ने िा एब्बख़्तयार् ना र्खेंगे।
  • 20. 20 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कजस कदन रूह और् सब मलाइिा सफ ें बनाए खडे होुंगे िोई ना बोल सि े गा मगर् वही कजसे र्हमान ने इजाज़त दी हो और् उसने ठीि बात िही हो । वह सच्चा कदन है अब जो चाहे अ ने र्ब िी तर्फ र्ाह बना ले। ‫ا‬ً‫ب‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ق‬‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬‫ه‬‫ن‬ْ‫ب‬َ‫ْذ‬‫ن‬َ‫ا‬ۤ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ا‬ ‫ﭺ‬ ْ ِ ‫َِن‬‫ت‬ْ‫َي‬‫م‬‫ه‬‫ی‬ ُ‫ر‬ِ‫ف‬‫ه‬‫ك‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫ل‬ْ‫ُو‬‫ق‬َ‫ی‬ َ‫و‬ ُ‫ه‬ ‫ه‬‫د‬َ‫ی‬ ْ ‫ت‬َ‫م‬ َ‫َد‬‫ق‬‫ا‬َ‫م‬ ُ‫ء‬ْ‫ر‬َ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫ر‬ ُ‫ظ‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ‫م‬ْ‫و‬َ‫ی‬ (‫ا‬ً‫ب‬‫ه‬‫ُر‬‫ت‬ ُ ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ك‬ 40 ) तजुरमा अनवारुल ईमान तजुरमा :- बेशि हम तुम्हें एि क़र्ीब आए हुए अज़ाब से डर्ा चुि े | कजस कदन आदमी िो देखेगा जो उसि े हाथोुं ने आगे भेजा और् मुनकिर् िहेगा ऐ िाश ! कि मैं किसी तर्ह तोर्ब हो जाता।
  • 21. 21 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह जि अपिी जािोों पि जुल्म कि लो 5 सफर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 26 जून, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा इस महीना िा हला जुमा है। हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने िुतबा ि े ज़रर्या र्ब्बुल आलमीन िा ैगाम उनि े बुंदोुं ति हुुंचाया आज गुनहगार्ोुं िो र्ब्बुल आलमीन ने एि दर् िा ता कदया । खुतिा-ए-जुमा ‫ه‬ِ ‫ه‬ ‫اّلل‬ ِ‫ن‬ْ‫ذ‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬ َ‫ع‬‫ا‬ َ‫ط‬ُ‫ي‬ِ‫ل‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ ٍ‫ل‬ْ‫و‬ُ‫س‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬ْ‫م‬َ‫س‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ ۤ‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬ - ‫ا‬ْۤ‫و‬ُ‫َم‬‫م‬ َ‫ظ‬ ْ‫ذ‬ِ‫ا‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ن‬َ‫ا‬ ْ‫َو‬‫ل‬ َ‫و‬ َ‫ك‬ْ‫و‬ُ‫ء‬‫آ‬َ‫ج‬ ْ‫م‬ُ‫ه‬ َ‫ُس‬‫ف‬ْ‫ن‬َ‫ا‬ (‫ا‬ً‫م‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫ب‬‫ا‬ً‫ب‬‫ا‬َ‫َو‬‫ت‬ َ ‫ه‬ ‫اّلل‬‫وا‬ُ‫د‬َ‫ج‬َ‫َو‬‫ل‬ ُ‫ل‬ْ‫و‬ُ‫س‬َ‫الر‬ ُ‫م‬ُ‫َه‬‫ل‬ َ‫َر‬‫ف‬ََْ‫ت‬ْ‫اس‬ َ‫و‬ َ ‫ه‬ ‫اّلل‬‫وا‬ُ‫َر‬‫ف‬ََْ‫ت‬ْ‫َاس‬‫ف‬ 64 ) तजुरमा :- और् हमने िोई र्सूल ना भेजा मगर् इसकलए कि अल्लाह ि े हुक्म से उसिी इताअै़त िी जाए और् अगर् जब वह अ नी जानोुं र् ज़ुल्म िर्ें तो ऐ महबूब तुम्हार्े हुज़ूर् हाकज़र् होुं और् कफर् माफी चाहें और् र्सूल उनिो माफ फर्माएुं तो ज़रूर् अल्लाह िो बहुत तौबा क़ ु बूल िर्ने वाला महेर्बान ाएुं गे।
  • 22. 22 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह सुतूि़े िन्नािा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम जुमा ि े कदन िुतबा ि े वक़्त एि ऊ ुं ची लिडी र् खडे होिर् खुतबा कदया िर्ते थे । एि अुंसार्ी और्त ने मन्नत माुंगी थी कि अगर् मेर्ा बेटा कशफा ाएगा तो मैं मब्बिदे नबवी सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम में एि मेंबर् बनवा िर् दूुंगी। अल्लाह ताला ि े फ़ज़ल से उसिी मन्नत ूर्ी हुई तो उस और्त ने अ ने शौहर् ि े ज़रर्या ेश-िश िी :- कि ऐ अल्लाह ि े र्सूल ! क्ा हम आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े कलए एि मेंबर् ना बना दें ? आ (स.) ने फ़र्माया जैसे आ िी मज़़ी। अुंसार्ी और्त ने आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े कलए एि मेंबर् बनवा कदया । 12 सफर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 3 जुलाई, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा, माहे सफर् ि े दू सर्े जुमा िा कदन आया | तो आ (स.) मेंबर् र् तशर्ीफ़ फ़र्मा हुए तो वह लिडी बच्चे िी तर्ह चीि चीि िर् र्ोने लगी ।
  • 23. 23 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मेंबर् से उतर्े और् उस लिडी िो आगोश में ले कलया । तो वह उसे बच्चोुं िी तर्ह कहचकियाुं लेने लगी । कजसे बहला िर् चु िर् आया जा र्हा हो। लिडी िा र्ोना कफ़र्ाक़ े र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम और् कज़िरुल्लाह से महरूमी िी कबना र् था । कजसे वह हले क़र्ीब से सुना िर्ती थी । यह लिडी र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम से जुदाई ि े गम में इस तर्ह र्ोई जैसे ऊ ुं ट िा बच्चा अ नी माुं ि े खो जाने र् र्ोता है। ऊ ुं ट ि े बच्चे ि े इस तर्ह र्ोने िो अर्बी में हन्नाना िहते हैं । इस र्ोने िी आवाज़ िो सभी मुसलमानोुं ने भी सुनी मगर् वह हैर्ान थे कि यह आवाज़ िहाुं से आ र्ही है ? र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने जब उस लिडी र् शफक़त से हाथ र्खा और् वादा फ़र्माया कि वह जन्नत में उनि े साथ होगी तो उसे क़र्ार् आया । मुहीन इब्नुल इब्र फर्माते हैं कि एि मज़े िी बात सुकनए : मैंने अज़र िी कि बयान िीकजए।
  • 24. 24 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उन्होुंने िहा कि जब कहजर्त िर्ि े हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम तशर्ीफ लाए तो असा-ए-मूसवी ने बा-शक्ले साुं गार्े सोर् में मुलाक़ात िी और् सलाम ेश किया । जब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने उसे अ ने दस्ते अक़दस में कलया तो वह अ नी आदत ि े मुताकबक़ लिडी िा डुंडा असा, लाठी बन गई। और् दौर्ाने सफर् एि ऊ ुं टनी बन गई कजसिो क़ ु स्वा िहिर् ुिार्ा गया और् कफर् मदीना मुनव्वर्ा हुुंचे । हुचने र् जब सब ने अ ने-अ ने घर्ोुं में मेहमान होने िी दावत ेश िी तो आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ नी सवार्ी ऊ ुं टनी र् फ ै सला छोडा कि जहाुं ऊ ुं टनी बैठे गी वहीुं क़याम िरू ुं गा। अलबत्ता ऊ ुं टनी जहाुं बैठी वहीुं मब्बिदे नबवी और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े क़यामगाह तामीर् िी गई। मगर् उस ऊ ुं टनी िो वहाुं से ना उठाई गई । मब्बिदे नबवी िी तिमील र् कफर् लिडी बन गई तो हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने उसी लिडी िो अ ना मेंबर् बना कलया था ।
  • 25. 25 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह जब दू सर्ा मेंबर् ेश िी गई तो वह र्ोने लगी । अब उसिा नाम सुतूने हन्नाना हुआ । यानी ऐ ऊ ुं टनी िी बच्ची िी तर्ह र्ोने वाली और् किन-किन शक्लोुं में िरर्श्मा हुआ । उसिी तफसीलत आगे ेश िरू ुं गा। छड़ी िौशि िो गई 9 र्बी-उल-अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 29 जुलाई, 627 ई०, बर्ोज़ बुध हज़र्त उसैद कबन हुज़ैर् और् ओबादा कबन बशीर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े साथ इशा िी सलात में शाकमल हुए | र्ात सि अँधेर्ी थी और् आसमान र् घुंघोर् घटा छाई हुई थी | उसी अँधेर्ी र्ात में बहुत देर् ति हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम से बात िर्ते र्हे | जब यह दोनोुं बार्गाहे रर्सालत सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम से रुखसत होने िी इजाज़त चाहते हुए उठे और् अज़र िी कि ऐ अल्लाह ि े हबीब सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम अँधेर्ा बहुत है |
  • 26. 26 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उन दोनोुं ि े ास असा था | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ ने दस्ते मुबार्ि से उनिी असा िो छु आ और् फर्माया जब तुम घर् हुुंचोगे तो एि िाली चीज़ िो देखोगे उसिो मार् िर् घर् से कनिाल देना | तो वह लोग अ ने घर्ोुं ि े कलए र्वाना हुए तो एि िी छडी नाकगहाँ खुद बा-खुद र्ौशन हो गई और् वह दोनोुं उसी छडी िी र्ौशनी में चलते र्हे | जब ि ु छ दू र् चल िर् दोनोुं ि े घर्ोुं िा र्ास्ता अलग अलग हो गया तो दू सर्े िी छडी हली छडी से टच किया तो वह दू सर्ी छडी भी र्ौशन हो गई | और् दोनोुं अ नी अ नी छकडयोुं िी र्ौशनी ि े सहार्े सि अँधेर्ी र्ात में अ ने अ ने घर्ोुं ति हुँच गए | चुनाुंचे ऐसा ही हुआ कि जूुं ही हज़र्त क़तादा िाशाना-ए-रर्सालत से कनिले वह असा र्ौशन हो गई और् वह उसी िी र्ौशनी में चलिर् अ ने घर् हुँच गए और् देखा कि वहाुं एि िाली चीज़ मौजूद है | आ ने फर्माने रर्सालत ि े मुताकबक़ उसिो मार्िर् घर् से बाहर् कनिाल कदया |
  • 27. 27 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह गजवा-ए-जी क़र्र 6 र्बी-उल-आकिर्, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 25 अगस्त, 627 ईस्वी बर्ोज़ मुंगल हज़र्त हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अ ने ऊ ँ ट ओहद ि े एतर्ाफ में गाबा ि े अुंदर् चर्ने ि े कलए भेज र्खे थे | साथ में आ िा गुलाम र्ेबाह ऊ ुं टोुं िा चर्वाहा और् सलमा कबन अिवा थे | हज़र्त सलमा ि े साथ अबू-तल्हा भी थे | अचानि अब्दुल र्हमान कबन ऐना फज़ार्ी ने ऊ ुं टोुं र् छा ा मार्ा और् तुम ऊ ँ ट हाुंि िर् ले गया | सलमा ने अ ना घोडा र्ेबाह िो दे कदया | कि वह जल्दी जािर् मदीना में हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो आगाह िर्े और् हज़र्त सलमा खुद एि टीले र् खडे हो गए और् तीन बार् बुलुंद आवाज़ से ुिार्ा “या सबाहा” (हाए सुबह िा हमला) कफर् हज़र्त सलमा हमलावर्ोुं ि े ीछे चल कनिले वह तीर् बर्सा र्हे थे | और् सलमा कबन अक़वा यह रर्ज्ज़ ढ र्हे थे :-
  • 28. 28 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ِ‫ع‬َ‫ض‬ُ‫الر‬ ُ‫وم‬َ‫الي‬َ‫و‬ ِ‫ع‬ُ‫ُو‬‫ک‬َ‫ا‬ ُ‫ن‬‫ب‬‫ا‬‫َا‬‫ن‬‫أ‬،‫ا‬َ‫ھ‬ُ‫ذ‬ُ‫خ‬ तजुरमा :- यानी यह ले ! मैं अक़वा िा बेटा हूँ और् आज िा कदन दू ध ीने वाले िा कदन है | इसि े बाद जनाबे सलमा कबन अक़वा दुश्मन िा ीछा िर्ते गए | और् तीर् बर्साते र्हे | आब्बखर्िार् जब दुश्मन यानी अब्दुल र्हमान कबन ऐना फज़ार्ी र् त्थर् लुढिाने लगे | यूुं उसने तमाम वह ऊ ँ ट छोड कदए जो उसने हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी चार्ागाह से हिा लाया था| उसि े बावजूद भी सलमा कबन अक़वा उसिा ीछा िर्ते र्हे हत्ता कि उसने बोझ िम िर्ने ि े कलए तीस चादर्ें और् तीस नेज़े फ ें ि कदए | हज़र्त सलमा उन र् बतौर्े कनशानी थोडे थोडे त्थर् डालते गए ताकि उनिो हचान कलया जाए | कफर् वह लोग घाटी ि े एि तुंग मोड र् बैठ गए | सलमा ने देखा कि हज़र्त मोहम्मद (स.) ि े शहसवार् दर्िोुं ि े दर्कमयान आ र्हे हैं |
  • 29. 29 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह आगे जनाब अखर्म कफर् अबू-क़तादा कफर् कमक़दाद कफर् अखर्म और् अब्दुल र्हमान में तिर्ार् हुई | अखर्म ने अब्दुल र्हमान ि े घोडे िो ज़ख़्मी किया मगर् अब्दुल र्हमान ने वा स उन्हें नेज़ा मार्िर् शहीद िर् कदया और् उनि े घोडे र् लट आया | लेकिन इतने में अबू क़तादा अब्दुल र्हमान ि े सर् र् जा हुुंचें और् उसे नेज़ा मार् िर् क़त्ल िर् कदया | दुश्मन ि े बाक़ी आदमी भाग खडे हुए | हज़र्त सलमा भी उनि े साथ ैदल दौड र्हे थे | सूर्ज ड ू बने से ि ु छ देर् हले दुश्मन एि घाटी में जा हुुंचा कजसमें कज़ल-क़दर नाम िा चश्मा था | दुश्मन प्यासा था और् ानी ीना चाहता था | लेकिन सलमा ने उसे तीर् मार् िर् र्े (ज़ख़्मी) िर् कदया | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम और् कस ाही कदन ड ू बने से हले सलमा ि े ास हुुंचे | सलमा ने फ़र्माया कि या र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ! यह सब प्यासे थे | अगर् आ हमें सौ आदमी दें दें तो मैं उनि े जानवर्ोुं समेत उनिी गदरनें िडवाऊ ुं |
  • 30. 30 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने फ़र्माया :- अक़वा ि े साहबज़ादे (सलमा) तुम क़ाबू ा गए और् अब नर्मी िर्ो | उस वक़्त बनू गतफान में उनिी मेहमान नवाज़ी िी जा र्ही है | इस गज़वे में सलमा कबन अक़वा िो र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने ैदल और् सवार् दोनोुं िा कहस्सा कदया और् अज़बा ऊ ुं टनी र् साथ ीछे बैठाया और् फ़र्माया :- आज हमार्े बेहतर्ीन सवार् अबू क़तादा और् बेहतर्ीन प्यादा सलमा हैं | इस गज़वे ि े दौर्ान मदीना िा इुंतज़ाम आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इब्ने उम्मे मितूम िो सौुं ा और् र्चम (झुंडा) हज़र्त कमक़दाद िो कदया | 5 जमाकदल अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 22 कसतुंबर् 627 ई०, बर्ोज़ मुंगल हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि ु छ मुसलामानोुं िो लेिर् मदीना मुनव्वर्ा वा सी ि े कलए र्वाना हुए |
  • 31. 31 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह जित जैिि (स.) की बवलार्त हज़र्त ज़ैनब (स.) िी कवलादत 5 जमाकदल अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 22 कसतुंबर्, 627 ई०, बर्ोज़ मुंगल हुई| जनाबे सैय्यदा (स.) िी ैदाइश र् ूर्े मदीना में सुरूर् व शादमानी िी लहर् दौड गई | यूुं जैसे र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े घर् में उनिी अज़ीज़ बेटी हज़र्त फाकतमा ज़हर्ा (स.) उसिी आगोश में एि चाँद िा टुिडा उतर् आया था | खुद हुज़ूर् र्सूले अिर्म सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम सफ़र् में थे| हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ने बेटी िो आगोश में कलया और् देर् ति सीने से लगाए टहलते र्हे | हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम सबसे ज़्यादा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी आमद ि े मुुंतकज़र् थे कि देखें हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम अ नी नवासी ि े कलए क्ा नाम मुुंतिब िर्ते हैं ?
  • 32. 32 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्त मोहम्मद (स.) कजनिा हमेशा से यह मामूल था कि जब भी िहीुं जाते तो अ नी बेटी फाकतमा ि े दर्वाज़ा र् सलाम िर्ि े रुखसत होते थे | और् जब भी िहीुं से वा स होते तो सबसे हले मब्बिदे नबवी में कफर् हले दर्े सैय्यदा र् आिर् सलाम िर्ते और् बेटी से मुलाक़ात ि े बाद िहीुं और् जाते थे | आज सब जैसे ही सफ़र् से लटे सबसे हले फाकतमा ि े घर् में दाब्बखल हुए| अहले खाना िो सलाम और् नौ मौलूद िी मुबार्िबाद ेश िी | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो देख िर् सब ताज़ीम ि े कलए खडे हो गए और् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ने बेटी िो माँ िी आगोश से लेिर् नाना िी आगोश में दे कदया | बच्ची िो देखिर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने कगरर्या िर्ना शुरू िर् कदया | किसी ि े दरर्याफ्त िर्ने र् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इर्शाद फ़र्माया कि कजब्राईल अमीन ने मुझे बाताया है कि मेर्ी यह बेटी िबरला ि े रूह फर्सा मसाएब में मेर्े हुसैन ि े साथ बर्ाबर् िी शर्ीि होगी |
  • 33. 33 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उसि े बाद आ ने वहाँ मौजूद लोगोुं से मुिाकतब होिर् इर्शाद फ़र्माया यह मेर्ी बच्ची खादीजतुल ि ु बर्ा िी कमन व अन (हू बहू) तस्वीर् है | र्वायत में है कि र्सूले अिर्म सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने प्यार् किया और् ि ु छ देर् ि े बाद फ़र्माया अल्लाह ने इस बच्ची िा नाम “ज़ैनब” मुुंतिब किया है | इसकलए कि ज़ैनब ि े माना हैं बा िी ज़ीनत कजस तर्ह अर्बी ज़बान में “ज़ैन” माना ज़ीनत और् “अब” माना बा ि े हैं यानी बा िी ज़ीनत हैं | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने जनाबे सैय्यदा ज़ैनब (स.) िो अ ने सीना-ए-अक़दस से लगाया और् अ ना रुखसार् मुबार्ि ज़ैनब कबन्ते अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ि े रुखसार् मुबार्ि र् र्ख िर् इतना कगरर्या किया कि आ ि े आुंसू चेहर्ा-ए-मुबार्ि र् जार्ी हो गए | क्ोुंकि वह जनाबा सैय्यदा ज़ैनब र् आने वाले मसाएब से आगाह थे | फ़क़त ज़ैनब अस्ल में वही “ज़ैन” “अब” हैं कि कजसिा माना अ ने बा िी ज़ीनत है |
  • 34. 34 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह गजवा-ए-ििी-लैिाि 7 जमाकदउल अव्वल, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 24 कसतुंबर्, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा बाद सलाते जुमा बनू लैहान ि े कलए र्वाना हुए | बनू लैहान वह क़बीला है कजसने हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े जाकनसार्ोुं िो र्जीअ में क़त्ल किया था | यह कहजाज़ ि े बहुत अुंदर् अस्फान ि े मक़ाम र् आबाद थे | इसकलए हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने उनिो जवाब देने में कहिमते अमली से िाम कलया | जब ि ु फ्फार् ि े मुिकलफ कगर्ोहोुं में फ ू ट ड गई | और् आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े दुश्मन किसी क़द्र मुतमईन हुए तो हज़र्त मोहम्मद (स.) ने मदीना िा इुंतज़ाम इब्ने मितूम िो सौुं ा और् 200 कस ाही और् 20 घोडोुं िो लेिर् बनू-लैहान र् यलगार् िर्ते हुए बतने कगर्ान ि े मक़ाम ति जा हुुंचे | यह बतने कगर्ान और् अस्फान ि े दर्कमयान वादी है जहाँ र् मुसलमान शहीद किए गए थे |
  • 35. 35 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह मुसलमान फ़ौज दो कदन यहाँ क़याम िर्ि े कफर् हमला ि े कलए कनिले | मगर् वहाँ बनू लैहान िो खबर् हुई और् वह हाड ि े बुलुंकदयोुं िी तर्फ भाग कनिले और् उनिा िोई आदमी मुसलामानोुं ि े हाथ ना लग सिा | कफर् आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अस्फान िा क़सद किया और् वहाुं दस सवार्ोुं िा दस्ता आगे भेजा ताकि क़ ु र्ैश िो खबर् हो जाए और् मर्ऊब हो जाएुं | इस वक़्त दस्ता ने िर्ा-उल-गनीम ति चक्कर् लगाया | उसि े बाद आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम 2 जमाकदउस्सानी, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 19 अक्ट्ू बर्, 627 ई०, बर्ोज़ जुमेर्ात वा स मदीना हुुंचें |
  • 36. 36 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह पैर्ाइश़े र्ज्जाल औि उसका खुरूज दज्जाल दज्ल से मुश्तक़ है | कजसि े माना फर्ेब ि े हैं उसिा अस्ल नाम साएफ, बा िा नाम साएद, माँ िा नाम िाकहस्ता उफ़ र क़तामा है | यह अहदे रर्सालते माब (स.) में बा-मक़ामे तीह जो मदीना से 3 मील ि े फासले र् वाक़ े है 6 जमाकदल अव्वल, 6 कहजर्ी, चहार् शुंबा बुद्ध ि े कदन बा- वक़्त गुरूबे आफताब ैदा हुआ है | ैदाइश ि े बाद आनन फानन बढ र्हा था | उसिी दाहनी आँख फ ू टी थी और् बाईुं आँख ेशानी र् चमि र्ही थी | वह चुंद कदनोुं मे िाफी बढिर् अल्लाह होने िा दावा िर्ने लागा | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम जो हालात से बर्ाबर् मुत्तला हो र्हे थे | 6 जमाकदउस्सानी, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 23 अक्ट्ू बर्, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा, बादे इशा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने सलमान फ़ार्सी िो कलया और् बा-मक़ाम तीह जािर् उसिो तबलीग िर्नी चाही |
  • 37. 37 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उसने बहुत बुर्ा िहा और् चाहा कि हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम र् हमला िर् दे | हज़र्त सलमान फ़ार्सी ने मुदाकफअत िी | आ ने उससे यह फ़र्माया था कि अल्लाह होने िा दावा छोड दे और् मेर्ी रर्सालत िो मान ले मगर् वह ना माना | हज़र्त सलमान फ़ार्सी िहते हैं कि दज्जाल िी ेशानी र् अल-िाकफ़र् कबल्लाह कलखा हुआ था और् आँख ि े ढेले र् भी (“िाफ” “फ े ” “र्े”) मर्ि ू म था | गज़र कि आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने वहाँ से मदीना मुनव्वर्ा वा स तशर्ीफ़ लाने िा इर्ादा किया | दज्जाल ने एि सुंग कगर्ाुं जो हाड िी माकनुंद था | हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी र्ाह में र्ख कदया यह देख िर् हज़र्त कजब्राईल अमीन अलैकहस्सलाम आसमान से आए और् उसे हटा कदया | अभी आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मदीना हुुंचें ही थी कि दज्जाल लश्कर्े अज़ीम लेिर् मदीना ि े क़र्ीब जा हुुंचा |
  • 38. 38 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने बार्गाहे अहकदयत में अज़र िी ऐ अल्लाह इसे उस वक़्त ि े कलए महबूस (क़ ै द) िर् दे जब ति उसे कजुंदा र्खना मक़सूद है | उसी दौर्ान में हज़र्त कजब्राईल अमीन आए उन्होुंने दज्जाल िी गदरन िो ुश्त िी तर्फ से िड िर् उठा कलया और् उसे ले जािर् कजकज़या-ए-तकब्रस्तान में महबूस (क़ ै द) िर् कदया है | लातीफा यह है कि हज़र्त कजब्राईल अलैकहस्सलाम उसे लेिर् जाने लगे तो उसने ज़मीन र् दोनोुं हाथ मार्िर् तः तुस्सर्ा ति िी दो मुठ्ठी िाि ले ली और् उसे तकब्रस्तान में दाल कदया | कजब्राईल ने सर्वर्े िायनात सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े सवाल ि े जवाब में िहा कि आ (स.) िी वफात से 970 साल बाद यह िाि आलम में फ ै लेगी और् उसी वक़्त से आसार्े क़यामत शुरू हो जाएुं गे |
  • 39. 39 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तालीमात़े िसूल (स.) 5 र्जाबुल मुर्ज्जब, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 20 नवुंबर्, 627 ई०, बर्ोज़ जुमा खुतबा-ए-जुमा में हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने यह तालीमात इर्शाद फ़र्माया :- (1) र्ब्बुल आलमीन ि े महबूब र्हमतुल-कलल-आलमीन सैय्यदना हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इर्शाद फ़र्माया और् तुम अ ने वाकलदैन ि े साथ अच्छा सुलूि िर्ो तो तुम्हार्ी औलाद तुम्हार्े साथ अच्छा सुलूि िर्ेगी | (2) उसिी नाि िाि आलूद हो | यह बात हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने तीन बार् दोहर्ाई | कफर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने फ़र्माया वह शख्स कजसने वाकलदैन िो बुढा े िी हालत में ाया और् उन दोनोुं में से एि िी या दोनोुं िी ब्बखदमत िर्ि े जन्नत में दाब्बखल ना हुआ |
  • 40. 40 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह (3) ऐ लोगोुं तुम्हार्ी और्तोुं र् तुम्हार्े ि ु छ हुक़ ू क़ हैं और् इसी तर्ह तुम र् तुम्हार्ी और्तोुं िा हुक़ ू क़ हैं | और्तोुं ि े साथ अच्छा बतारव िर्ने ि े हमेशा या बुंदर् हो क्ोुंकि वह तुम्हार्ी ज़ेर्े कनगर्ानी हैं और् इस हैकसयत में नहीुं कि अ ने मामलात खुद चला सि ें | और्तोुं ि े मामलें में अल्लाह ताला से डर्ते र्हो | तुमने उनिो अल्लाह ताला िी अमानत ि े तौर् र् हाकसल किया और् अल्लाह ताला ि े िलमात ि े ज़रर्ए जाएज़ और् हलाल किया है | (4) हज़र्त मोहम्मद (स.) ने इर्शाद फ़र्माया कजस शख्स िो उसिी बब्बच्चयोुं ि े ज़रर्ए आज़माइश में डाला गया | कफर् उसने उन बब्बच्चयोुं ि े साथ अच्छा सुलूि किया तो यह बब्बच्चयाुं उसि े कलए जहन्नम से दार बन जाएुं गी | (5) कमस्कीन वह नहीुं जो लोगोुं ि े दर्वाज़े र् चक्कर् लगाता है | और् एि लुिमा दो लुिमे और् एि खजूर्, दो खजूर् ले िर् लौटता है | बब्बि कमस्कीन वह है जो इतना माल नहीुं र्खता कि अ नी ज़रूर्त ूर्ी िर् सि े और् उसिी गुर्बत िो लोग समझ नहीुं ाते कि उसे सदक़ा दें और् ना ही वह लोगोुं ि े सामने खडा होिर् हाथ फ ै लाता है|
  • 41. 41 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह (6) हर् नेि िाम सदिा है और् यह भी नेि िाम है कि तू अ ने भाई से हँसते खेलते चेहर्े ि े साथ मुलाक़ात िर्े | अख्खड ण कजस चीज़ में होगा उसे बदनुमा िर् देगा , कबला शुबहा अल्लाह ताला नर्मी वाला है और् नर्मी सुंद िर्ता है | (7) मुसलमान िी सआदत और् िुशी बिी िी अलामत तीन चीज़ें हैं :- 1_ ि ु शादा मिान 2_ अच्छा डोसी 3_ मुनाकसब और् अच्छी सवार्ी मोकमन सर्ा ा मोहब्बत व उल्फत है | उस शख्स में िो खैर् नहीुं जो ना किसी से उल्फत र्खता है और् ना िोई उससे मानूस है | 8_ र्ास्तबाज़, अमानतदार्, ताकजर्, र्ोज़े हश्र, नकबयोुं , कसद्दीिोुं और् शोहदा ि े साथ होगा | 9_ इुंसान अ ने दोस्त ि े दीुं र् होता है | दोस्ती िाएम िर्ने से हले देख लेना चाकहए कि तुम किससे दोस्ती िर् र्हे हो ? 10_ अ ने भाई िी र्हनुमाई िर्ो |
  • 42. 42 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह 11_ अच्छे अमल िर्ते र्हो जो शख्स कजस िाम ि े कलए ैदा किया गया है उसि े कलए वह आसमान है | 12_ कजसिो अक्ल दी गई उसने फलाह ाई | 13_ अ नी औलाद िी इज़्ज़त िर्ो और् उनिो अच्छे आदाब कसखाओ | 14_ सच्चा वादा ईमान िी अलामत है | 15_ सलात, सुि ू न, आजज़ी और् तवाज़े इब्बियार् िर्ने िा नाम है | 16_ मयाना र्वी आधी कज़ुंदगी है और् हुस्ने खल्क़ आधा दीन है | गजवा-ए-मुिीसीअ 4 शाबान, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 19 कदसुंबर्, 627 ई०, बर्ोज़ सनीचर् यह जुंग लडी गई | गज़वा-ए-मुर्ीसीअ (गज़वा-ए-बनी मुस्तलक़) बनी मुस्तलक़ क़बीला बनी खज़ाअ िी एि शाख थी | जो साकहल बहर्े अहमर् र् जद्दा और् र्ाबेअ ि े दर्कमयान क़दीद ि े इलाक़ े में र्हती थी| उसि े चश्मे िा नाम मुर्ीसीअ था |
  • 43. 43 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कजसि े आस- ास उस क़बीले ि े लोग आबाद थे | इस मुनाकसबत से अहादीस में इस मुकहम िा नामा गज़वा-ए- मुर्ीसीअ भी आया है | मुर्ीसीअ एि मक़ाम िा नाम है | जो मदीना से आठ मुंकजल दू र् है | शाबान 6 कहजर्ी में हुज़ूर् सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो इकत्तला कमली कि यह लोग मुसलामानोुं ि े ब्बखलाफ जुंग िी तैय्यारर्याँ िर् र्हे हैं | और् दू सर्े क़बाएल िो भी जमा िर्ने िी िोकशश में लगे हुए हैं | यह इत्तला ाते ही आ एि लश्कर् लेिर् उनिी तर्फ र्वाना हो गए | ताकि कफतना ि े सर् उठाने से हले ही उसे ि ु चल कदया जाए | इस मुकहम में अब्दुल्लाह कबन उबैय भी मुनाकफिोुं िी एि बडी तादाद लेिर् आ ि े साथ हो गया | इब्ने साद िा बयान है कि इससे हले किसी जुंग में मुनाकफक़ीन इस िसर्त से शाकमल ना हुए थे | मुर्ीसीअ ि े मक़ाम र् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने अचानि दुश्मन िो जा कलया | और् थोडी सी िोकशश ि े बाद ूर्े क़बीले िो मालो असबाब समेत कगर्फ्तार् िर् कलया |
  • 44. 44 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह गज़वा-ए-बनी मुस्तलक़ 18 शाबानुल मोअज़्ज़म, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 2 जनवर्ी, 628 ई०, बर्ोज़ सनीचर्, गज़वा-ए- बनी मुस्तलक़ से जब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम वा स मदीना आने लगे तो एि मक़ाम र् डाव किया | इस गज़वा में आ ि े साथ हज़र्त आयशा कबन्ते अबू बिर् कबन हज़म भी थी | वहाँ से आर्ाम ि े बाद ूर्ा क़ाकफला इस मुंकज़ल से र्वाना हो गया | उस ज़माने में ि ु छ लोग क़ाकफ़ले ि े ीछे चलते ताकि ीछे आने वाले लुटेर्ोुं और् हमलावर् दुश्मनोुं से क़ाकफला वालोुं िो आगाह िर् सि े या लश्कर् िा कगर्ा हुआ सामान उठाते चलें | उधर् हज़र्त किसी हाजत ि े गज़र से ीछे र्ह गईुं | तो हज़र्त सफवान जब उस मक़ाम र् हुुंचे तो हज़र्त आयशा िो देखा चूुंकि आ आयते दार से हले हज़र्त आयशा िो देख चुि े थे इसकलए हचान गए |
  • 45. 45 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तो हज़र्ते सफवान ने अ ने ऊ ँ ट िो उनि े ास बैठा कदया कजस र् आ बगैर् िोई बात ि े सवार् हो गईुं और् हज़र्त सफवान ने ऊ ँ ट िी महार् िड िर् ैदल चलते हुए अगली मुंकज़ल र् हुज़ूर् सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े क़ाकफला से जा कमले | इस तर्ह हज़र्त आयशा बाक़ी खवातीन ि े ास हुँच गई | और् कफर् मदीना मुनव्वर्ा हुँचने र् मुनाकफिीन ने खूब अफवाहें फ ै लाने िा िाम किया | मुिाबिक़ोों की शिाित मुनाकफक़ोुं ि े सर्दार् अब्दुल्लाह कबन उबैय ने इस वाकक़या िो हज़र्त आयशा र् तोहमत लगाने िा ज़रर्या बना कलया और् खूब खूब इस तोहमत िा चचार किया और् मदीना में उस मुनाकफ़क़ ने इस शमरनाि तोहमत िो इस क़दर् उछाला और् इतना शोर्ो गुल मचाया कि मदीना में हर् तर्फ इस एफतर्ा और् तोहमत िा चचार होने लगा |
  • 46. 46 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह और् बाज़ मुसलमान मसलन हस्सान कबन साकबत, मुस्तह कबन असासा और् हमना कबन्ते जहेश ने भी इस तोहमत िो फ ै लाने में ि ु छ कहस्सा कलया। हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो इस शर् अुंगेज़ तोहमत से बेहद र्ुंज व सदमा हुुंचा। इस मौि े र् अब्दुल्ला कबन उबैय कबन मैं िई मक़ाकसद हाकसल िर्ने िी िोकशश िी । उसने इस्लामी तहर्ीि ि े बुलुंद एखलाि िो कगर्ाने िी िोकशश िी उसने एि कचुंगार्ी फ ें िी ि े अगर् इस्लाम अ ने ैर्ो िार्ोुं कि िाया लट ना िर् चुिा होता तो अुंसार् ि े दो क़बीले आ स में लड डते । क्ोुंकि हज़र्त आयशा ि े हवाले से कजस शख़्स र् इलज़ाम लग र्हा था यानी सफ़वान कबन मोअत्तल िा ताल्लुक़ क़बीला-ए-िज़र्ज से था और् हज़र्त आयशा िा ताल्लुक़ क़बीला-ए-बनी िल्ब से था। 24 शाबानुल मोअज़्ज़म, 6 कहजर्ी, बा-मुताकबक़ 8 जनवर्ी, 628 ई०, बर्ोज़ जुमा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने िुतबा-ए-जुमा इर्शाद फर्माया :-
  • 47. 47 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह खुतिा ِ‫ـم‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫الر‬ ِ‫ن‬‫ه‬‫ـم‬ْ‫ح‬َ‫الر‬ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬ ( َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ر‬َ‫ك‬َ‫َذ‬‫ت‬ ْ‫م‬ُ‫ك‬َ‫م‬َ‫ل‬َ‫ل‬ ٍ‫ات‬َ‫ن‬ِ‫ی‬َ‫ب‬ ٍ‫ات‬َ‫ی‬‫ه‬‫ا‬‫آ‬َ‫ـه‬ْ‫ي‬ِ‫ف‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ھ‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ض‬َ‫ر‬َ‫ف‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ھ‬‫ا‬َ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫ز‬ْ‫ن‬َ‫ا‬ٌ‫ة‬َ‫ب‬ْ‫و‬ُ‫س‬ 1 ) तजुरमा :- यह एि सूर्त है कजसे हमने नाकज़ल किया है और् उसि े अहिाम हमने ही फ़ज़र किये हैं और् हमने इसमें र्ौशन आयतें नाकज़ल िी हैं ताकि तुम समझो | ٌ‫ة‬‫ـ‬َ‫ف‬ْ‫ا‬َ‫ب‬ ‫ا‬َ‫م‬ِ‫ه‬ِ‫ب‬ ْ‫ُم‬‫ك‬ْ‫ذ‬ُ‫خ‬ْ‫َا‬‫ت‬ َ ‫ل‬َ‫و‬ ٍۖ‫ة‬َ‫ْـد‬‫م‬َ‫ج‬ َ‫ة‬َ‫ئ‬‫ا‬ِ‫م‬ ‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬ْ‫ن‬ِ‫م‬ ٍ‫د‬ِ‫ح‬‫ا‬َ‫و‬ َ‫ل‬ُ‫ك‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ـد‬ِ‫م‬ْ‫اج‬َ‫ف‬ْ ِ ‫اِن‬َ‫الز‬َ‫و‬ ُ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫لز‬َ‫ا‬ ٌ‫ة‬َ‫ف‬ِ‫ئ‬‫ـآ‬ َ‫ط‬‫ا‬َ‫م‬ُ‫ه‬َ‫ب‬‫ا‬َ‫ذ‬َ‫ع‬ ْ‫د‬َ‫ه‬ ْ‫ش‬َ‫ْي‬‫ل‬َ‫و‬ ِۖ‫ر‬ِ‫خ‬‫ه‬ ْ ‫ال‬ ِ‫م‬ْ‫و‬َ‫ْي‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ِ‫ب‬ َ‫ن‬ْ‫ـو‬ُ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ت‬ ْ‫ـم‬ُ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ك‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬ ِ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ ِ‫ْن‬‫ی‬ِ‫د‬ْ ِ ‫ِف‬ ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬ ( َ ْ ‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ 2 ) तजुरमा :- बदिार् और्त और् बदिार् मदर ास दोनोुं में से हर् एि िो सौ सौ दुर्े मार्ो | और् तुम्हें अल्लाह ि े मामला में उन र् ज़र्ा र्हम ना आना चाकहए अगर् तुम अल्लाह र् और् क़यामत ि े कदन र् ईमान र्खते हो | और् उनिी सज़ा ि े वक़्त मुसलामानोुं िी एि जमात िो हाकज़र् र्हना चाकहए |
  • 48. 48 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ٌۚ‫ك‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬ُ‫م‬ ْ‫و‬َ‫ا‬ ٍ‫ان‬َ‫ز‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ ‫آ‬َ‫ه‬ُ‫ح‬ِ‫ك‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬ ُ‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫الز‬َِ‫و‬ ً‫ة‬َ‫ك‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬ُ‫م‬ ْ‫و‬َ‫ا‬ ً‫ة‬َ‫ي‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ز‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ ُ‫ِح‬‫ك‬ْ‫ن‬َ‫ی‬ َ ‫ل‬ ْ ِ ‫اِن‬َ‫لز‬َ‫ا‬ ( َ ْ ‫ن‬ِ‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ ‫ََل‬‫ع‬ َ ‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ َ‫م‬ِ‫ر‬ُ‫ح‬َ‫و‬ 3 ) तजुरमा :- बदिार् मदर कसवाए बदिार् और्त या मुशरर्िा ि े कनिाह नहीुं िर्ेगा और् बदिार् और्त से कसवाए बदिार् मदर या मुशरर्ि ि े और् िोई कनिाह नहीुं िर्ेगा और् ईमान वालोुं र् यह हर्ाम किया गया है | َ ْ ‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬َ‫ث‬ ْ‫ـم‬ُ‫ھ‬ْ‫و‬ُ‫ـد‬ِ‫م‬ْ‫اج‬َ‫ف‬ َ‫ء‬‫آ‬َ‫د‬َ‫ه‬ُ‫ش‬ ِ‫ة‬َ‫ل‬َ‫ب‬ْ‫ب‬َ‫ا‬ِ‫ب‬ ‫ا‬ْ‫ُو‬‫ت‬ْ‫ا‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫ـم‬ُ‫ث‬ ِ‫ات‬َ‫ن‬ َ‫ص‬ْ‫ح‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫م‬ْ‫ر‬َ‫ی‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫ذ‬‫ـ‬َ‫ال‬َ‫و‬ ُ‫َـه‬‫ل‬‫ا‬ْ‫ُو‬‫م‬َ‫ب‬ْ‫ق‬َ‫ت‬ َ ‫ل‬َِ‫و‬ً‫ة‬َ‫ْـد‬‫م‬َ‫ج‬ ( َ‫ن‬ْ‫ُو‬‫ق‬ِ‫َاس‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫ـم‬ُ‫ھ‬ َ ‫ك‬ِ‫ئ‬ٰٓ‫ه‬‫ول‬ُ‫ا‬َ‫و‬ ۚ‫ا‬ً‫د‬َ‫ب‬َ‫ا‬ً‫ة‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬َ‫ش‬ ْ‫ـم‬ 4 ) तजुरमा :- और् जो लोग ाि दामन और्तोुं र् तोहमत लगाते हैं और् कफर् चार् गवाह नहीुं लाते तो उन्हें अस्सी दुर्े मार्ो और् िभी उनिी गवाही क़ ु बूल ना िर्ो और् वही लोग ना फर्मान हैं | ْ‫و‬ُ‫ب‬‫َا‬‫ت‬ َ‫ْن‬‫ی‬ِ‫ذ‬‫ـ‬َ‫ال‬ َ ‫ل‬ِ‫ا‬ ( ٌ‫ـم‬ْ‫ي‬ِ‫ح‬َ‫ب‬ ٌ‫ب‬ْ‫ُو‬‫ف‬َ‫غ‬َ‫ه‬‫ه‬‫ـ‬‫الم‬ َ‫ن‬ِ‫ا‬َ‫ف‬‫ا‬ْ‫و‬ُ‫ح‬َ‫م‬ ْ‫ص‬َ‫ا‬َ‫و‬ َ ‫ك‬ِ‫ل‬‫ه‬‫ذ‬ ِ‫د‬ْ‫ل‬َ‫ب‬ ْ‫ِن‬‫م‬‫ا‬ 5 ) तजुरमा :- मगर् कजन्होुंने उसि े बाद तौबा िर् ली और् इस्लाह िर् ली तो बेशि अल्लाह भी बिने वाला कनहायत र्हम वाला है |