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विषय - ओविशा
● ओडिशा क
े संस्क
ृ डि की जानकारी
● ओडिशा का संगीि
● ओडिशा का नृत्य
● ओडिशा की पोशाख
● ओडिशा की भाषा
● ओडिशा का क्षेत्र
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
● ओडिशा जो की प्रडसद्ध कड ंग युद्ध क
े युद्ध का मैदान
था, डिडभन्न का खंिों में कड ंग, उत्क और कोश क
े
नाम से जाना जािा था। ओडिशा ऐडिहाडसक स्मारकों,
पुरािात्विक स्थ ों, पारंपररक क ाओं, मूडििक ा, नृत्य
और संगीि क
े समृद्ध सांस्क
ृ डिक डिरासि का गढ़ है।
● उड़िया संस्क
ृ डि जािीयिा और परंपरा का एक समृद्ध
डमश्रण है। प्रडसद्ध मंडदरों और धाडमिक िीथिस्थ ों का घर
होने क
े नािे, पडित्र और आध्यात्विक रीडि-ररिाज उड़िया
क
े सामाडजक संबंधों में अंिरडिरोध हैं। संगीि और नृत्य
धाडमिक संस्कारों और अनुष्ठानों की प्रशंसा करिे हैं।
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
● डभडिडित्रों, पत्थर ि क़िी पर नक़्काशी देि डित्र और
िा़िपत्रों पर डित्रकारी क
े माध्यम से ओडिशा की
क ािक परंपराएं आज भी कायम हैं।
सूयि देि
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
● ओडिशा क
े प्रमुख त्यौहार इस प्रकार है :-
● रथ यात्रा - उ़िीसा का मुख्य त्योहार रथ यात्रा है जो डक
आषाढ़ में आयोडजि डकया जािा है। इस डदन, भक्ों
द्वारा भगिान जगन्नाथ की मूडिि, भगिान ब राम और
सुभद्रा क
े साथ रथों में पुरी क
े जगन्नाथ मंडदर से नौ डदन
क
े ड ए गुंडििा मंडदर में ाई जािी हैं।
● प्रथमाष्टमी - प्रथमाष्टमी सबसे ब़िे बच्चे क
े जीिन और
समृत्वद्ध क
े ड ए मनाया जािा है। इस अनुष्ठान में मािा
और ररश्तेदारों द्वारा सबसे ब़िे बच्चे की आरिी की जािी
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
● रजो - रजो िीन डदिसीय त्यौहार है डजसमे पृथ्वी मािा
और भूडम की पूजा की जािी हैं ।
● महाडशिराडत्र - व्रि करक
े , डशि मंडदर में जाकर
महाडशिराडत्र मनाई जािी है। मडह ाएं अपने पडि की
भ ाई क
े ड ए प्राथिना करिी हैं ।
● दुगाि पूजा - दुगाि पूजा क
े दौरान मंडदरों में दुगाि मािा की
भव्य रूप से सजाई गई मूडिियों को स्थाडपि डकया जािा
है, डजससे पडित्रिा की भािना आिी है।
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
दुगाि
पूजा
रथ
यात्रा
●ओविशा क
े संस्क
ृ वि की
जानकारी
● ओडिशा में िीन मुख्य धाडमिक धमि डहंदू धमि, बौद्ध धमि
और जैन धमि है। अशोक की कड ंग की डिजय ने राज्य
में बौद्ध धमि को एक प्रमुख धमि बना डदया। खारिे (जो
की कड ंग क
े राजा थे) क
े शासनका क
े दौरान जैन धमि
को प्रमुखिा डम ी । ९िीं शिाब्दी में डहंदू धमि का
पुनरुद्धार हुआ।
●ओविशा का संगीि
● महान कडि जयदेि और उनकी गीिािक कडििा, गीिा गोडिंदा
ओडिसी संगीि क
े ड ए बहुि क
ु छ है। गीिा गोडिंदा को डिशेष
राग, िा क
े द्वारा मंडदरों में गाया जाने गा, डजसे अभ हम
ओडिसी संगीि क
े रूप में जानिे हैं । ओडिसी संगीि मू रूप
से भगिान जगन्नाथ क
े ड ये गाया जािा था । जयदेि, उपेंद्र
भांजा, दीनाक
ृ ष्ण दास, बनमा ी दास, कबीसूयि ब देबा रथ,
गोपा क
ृ ष्ण पटनायक ओडिसा क
े महान संगीिकारों थे ।
● ओडिसी संगीिा क
े िार प्रकार होिे हैं :-
● ध्रुिपद (बार-बार गाई जाने िा ी पंत्वक्यााँ)
● डित्रपद (एक अनुप्रास शै ी में शब्दों की व्यिस्था)
● डित्रक ा (संगीि में क ा का उपयोग)
●ओविशा का संगीि
● कडििा और संगीि का घडनष्ठ संबंध ओडिसी संगीि की
नींि है। इसक
े बो डबना डिक
ृ डि क
े गाए जािे हैं।
ओडिसी संगीि डक अडद्विीय राग और िा , उसे अपनी
डिडशष्ट पहिान देिी हैं ।
● मृदंग, िीना और बांसुरी ओडिसी संगीि में आम िोर पर
इस्तमा डकये जाने िा े िाद्य हैं ।
मृदं
िी
●ओविशा का नृत्य
● ओडिसी नृत्य डिशेष रूप से अपने आप में इडिहास में
कई शैड यों क
े डि य को प्रदडशिि करिा है। ओडिसी
शास्त्रीय नृत्य ज्यादािर क
ृ ष्णा और राधा क
े डदव्य प्रेम क
े
बारे में है । पुराणकथा संबंधी अडभनय ,मुद्राएाँ ,भाि-
भंडगमाएं ओडिसी नृत्य में ज़्यादािर देखने डम िे है।
● ओडिशा क
े क
ु छ प्रडसद्ध नृत्य इस प्रकार हैं :-
● महरी - देिदाडसयों (ओडिशा में महरी) द्वारा भगिान को
समडपिि नृत्य को महारी नृत्य क
े रूप में जाना जािा है।
●ओविशा का नृत्य
● छऊ - छऊ नृत्य में नििकों/नििडकयों क
े दो समूह संगीि
पर ि िारों और ढा ों से एक-दू सरों पर फ
ु िी े गडि से
हम ा करिे हैं ।
● गोटीपूअ - इस डनत्य में ़िक
े नििडकयों क
े रूप में िैयार
होिे हैं। ़िक
े आकषिक िा उस गायन पर करिे हैं जो
िे स्वयं गािे हैं ।
● गोटीपू
● छ
●ओविशा की पोशाख
● पुरुष त्योहारों और अन्य
अिसरों क
े दौरान
पारंपररक धोिी-क
ु िाि को
गामूसा (एक पि ा, सूिी
िौड या) क
े साथ पहनिे हैं
िही दू सरी और मडह ा
सामान्य रूप से सा़िी
(संब ूपूरी सा़िी, बोमकाई
सा़िी, कटकी सा़िी) या
स िार कमीज पहनना
पसंद करिी हैं । ओडिशा
●ओविशा की भाषा
● ओडिशा क
े ज़्यादािर ोगों द्वारा बो ी जाने िा ी,
ओडिशा की आडधकाररक भाषा उड़िया है । भाषाई
पररिार में ओड़िआ एक आयि भाषा है और बंगा ी और
असडमया से इसका डनकट संबंध है। द्रडि़ि और मुंिा
भाषा से संबंडधि क
ु छ जनजािीय भाषाएाँ भी ओडिशा क
े
आडदिाडसयों द्वारा बो ी जािी हैं । उड़िया भाषा की
ड डप ओड़िआ ड डप है, डजसका डिकास ब्राह्मी ड डप से
हुआ है।
●ओविशा की भाषा
उड़िया िणिमा ा
:-
●ओविशा क
े क्षेत्र
● ओड़िशा, डजसे पह े उ़िीसा क
े नाम से जाना जािा था,
भारि क
े पूिी िट पर त्वस्थि एक राज्य है। ओड़िशा उिर
में झारखंि, उिर पूिि में पडिम बंगा , दडक्षण में आंध्र
प्रदेश और पडिम में छिीसगढ़ से डघरा है िथा पूिि में
बंगा की खा़िी है। क्षेत्रफ क
े अनुसार ओड़िशा भारि
का नौिां और जनसंख्या क
े डहसाब से ग्यारहिां सबसे
ब़िा राज्य है।
● ओडिशा की अपेक्षाक
ृ ि सपाट िटरेखा गभग ४८०
डकमी हैं। समि िटीय पट्टी डजसमें महानदी का िेल्टा
क्षेत्र शाडम है, राज्य की अडधकांश जनसंख्या का घर है।
यह िटििी इ ाका महानदी, ब्राह्मणी, बैिरणी आडद
●ओविशा क
े क्षेत्र
●ओविशा क
े क्षेत्र
●ओविशा क
े क्षेत्र
● ओड़िशा में कई ोकडप्रय पयिटक स्थ त्वस्थि हैं डजनमें, पुरी,
कोणाक
ि और भुिनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और इन्हें पूिी भारि का
सुनहरा डत्रकोण भी कहा जािा है। पुरी क
े जगन्नाथ मंडदर
डजसकी रथयात्रा डिश्व प्रडसद्ध है, कोणाक
ि क
े सूयि मंडदर और
ओडिशा की राजधानी, भुिनेश्वर क
े ड ंगराज मंडदर को देखने
प्रडििषि ाखों पयिटक आिे हैं। ओड़िशा में त्वस्थि, अशोक क
े
प्रडसद्ध डश ा ेख और कटक का बारबाटी डक ा भारि क
े
पुरािात्विक इडिहास में महिपूणि हैं।
●ओविशा क
े क्षेत्र
●ओविशा क
े क्षेत्र
●ओविशा क
े क्षेत्र
अशोक क
े
डश ा ेख
बारबाटी
डक ा कोणाक
ि
●ओविशा क
े क्षेत्र
जगन्नाथ
मंडदर
ड ंगराज
मंडदर
कोणाक
ि

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  • 1. विषय - ओविशा ● ओडिशा क े संस्क ृ डि की जानकारी ● ओडिशा का संगीि ● ओडिशा का नृत्य ● ओडिशा की पोशाख ● ओडिशा की भाषा ● ओडिशा का क्षेत्र
  • 2. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी ● ओडिशा जो की प्रडसद्ध कड ंग युद्ध क े युद्ध का मैदान था, डिडभन्न का खंिों में कड ंग, उत्क और कोश क े नाम से जाना जािा था। ओडिशा ऐडिहाडसक स्मारकों, पुरािात्विक स्थ ों, पारंपररक क ाओं, मूडििक ा, नृत्य और संगीि क े समृद्ध सांस्क ृ डिक डिरासि का गढ़ है। ● उड़िया संस्क ृ डि जािीयिा और परंपरा का एक समृद्ध डमश्रण है। प्रडसद्ध मंडदरों और धाडमिक िीथिस्थ ों का घर होने क े नािे, पडित्र और आध्यात्विक रीडि-ररिाज उड़िया क े सामाडजक संबंधों में अंिरडिरोध हैं। संगीि और नृत्य धाडमिक संस्कारों और अनुष्ठानों की प्रशंसा करिे हैं।
  • 3. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी ● डभडिडित्रों, पत्थर ि क़िी पर नक़्काशी देि डित्र और िा़िपत्रों पर डित्रकारी क े माध्यम से ओडिशा की क ािक परंपराएं आज भी कायम हैं। सूयि देि
  • 4. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी ● ओडिशा क े प्रमुख त्यौहार इस प्रकार है :- ● रथ यात्रा - उ़िीसा का मुख्य त्योहार रथ यात्रा है जो डक आषाढ़ में आयोडजि डकया जािा है। इस डदन, भक्ों द्वारा भगिान जगन्नाथ की मूडिि, भगिान ब राम और सुभद्रा क े साथ रथों में पुरी क े जगन्नाथ मंडदर से नौ डदन क े ड ए गुंडििा मंडदर में ाई जािी हैं। ● प्रथमाष्टमी - प्रथमाष्टमी सबसे ब़िे बच्चे क े जीिन और समृत्वद्ध क े ड ए मनाया जािा है। इस अनुष्ठान में मािा और ररश्तेदारों द्वारा सबसे ब़िे बच्चे की आरिी की जािी
  • 5. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी ● रजो - रजो िीन डदिसीय त्यौहार है डजसमे पृथ्वी मािा और भूडम की पूजा की जािी हैं । ● महाडशिराडत्र - व्रि करक े , डशि मंडदर में जाकर महाडशिराडत्र मनाई जािी है। मडह ाएं अपने पडि की भ ाई क े ड ए प्राथिना करिी हैं । ● दुगाि पूजा - दुगाि पूजा क े दौरान मंडदरों में दुगाि मािा की भव्य रूप से सजाई गई मूडिियों को स्थाडपि डकया जािा है, डजससे पडित्रिा की भािना आिी है।
  • 6. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी दुगाि पूजा रथ यात्रा
  • 7. ●ओविशा क े संस्क ृ वि की जानकारी ● ओडिशा में िीन मुख्य धाडमिक धमि डहंदू धमि, बौद्ध धमि और जैन धमि है। अशोक की कड ंग की डिजय ने राज्य में बौद्ध धमि को एक प्रमुख धमि बना डदया। खारिे (जो की कड ंग क े राजा थे) क े शासनका क े दौरान जैन धमि को प्रमुखिा डम ी । ९िीं शिाब्दी में डहंदू धमि का पुनरुद्धार हुआ।
  • 8. ●ओविशा का संगीि ● महान कडि जयदेि और उनकी गीिािक कडििा, गीिा गोडिंदा ओडिसी संगीि क े ड ए बहुि क ु छ है। गीिा गोडिंदा को डिशेष राग, िा क े द्वारा मंडदरों में गाया जाने गा, डजसे अभ हम ओडिसी संगीि क े रूप में जानिे हैं । ओडिसी संगीि मू रूप से भगिान जगन्नाथ क े ड ये गाया जािा था । जयदेि, उपेंद्र भांजा, दीनाक ृ ष्ण दास, बनमा ी दास, कबीसूयि ब देबा रथ, गोपा क ृ ष्ण पटनायक ओडिसा क े महान संगीिकारों थे । ● ओडिसी संगीिा क े िार प्रकार होिे हैं :- ● ध्रुिपद (बार-बार गाई जाने िा ी पंत्वक्यााँ) ● डित्रपद (एक अनुप्रास शै ी में शब्दों की व्यिस्था) ● डित्रक ा (संगीि में क ा का उपयोग)
  • 9. ●ओविशा का संगीि ● कडििा और संगीि का घडनष्ठ संबंध ओडिसी संगीि की नींि है। इसक े बो डबना डिक ृ डि क े गाए जािे हैं। ओडिसी संगीि डक अडद्विीय राग और िा , उसे अपनी डिडशष्ट पहिान देिी हैं । ● मृदंग, िीना और बांसुरी ओडिसी संगीि में आम िोर पर इस्तमा डकये जाने िा े िाद्य हैं । मृदं िी
  • 10. ●ओविशा का नृत्य ● ओडिसी नृत्य डिशेष रूप से अपने आप में इडिहास में कई शैड यों क े डि य को प्रदडशिि करिा है। ओडिसी शास्त्रीय नृत्य ज्यादािर क ृ ष्णा और राधा क े डदव्य प्रेम क े बारे में है । पुराणकथा संबंधी अडभनय ,मुद्राएाँ ,भाि- भंडगमाएं ओडिसी नृत्य में ज़्यादािर देखने डम िे है। ● ओडिशा क े क ु छ प्रडसद्ध नृत्य इस प्रकार हैं :- ● महरी - देिदाडसयों (ओडिशा में महरी) द्वारा भगिान को समडपिि नृत्य को महारी नृत्य क े रूप में जाना जािा है।
  • 11. ●ओविशा का नृत्य ● छऊ - छऊ नृत्य में नििकों/नििडकयों क े दो समूह संगीि पर ि िारों और ढा ों से एक-दू सरों पर फ ु िी े गडि से हम ा करिे हैं । ● गोटीपूअ - इस डनत्य में ़िक े नििडकयों क े रूप में िैयार होिे हैं। ़िक े आकषिक िा उस गायन पर करिे हैं जो िे स्वयं गािे हैं । ● गोटीपू ● छ
  • 12. ●ओविशा की पोशाख ● पुरुष त्योहारों और अन्य अिसरों क े दौरान पारंपररक धोिी-क ु िाि को गामूसा (एक पि ा, सूिी िौड या) क े साथ पहनिे हैं िही दू सरी और मडह ा सामान्य रूप से सा़िी (संब ूपूरी सा़िी, बोमकाई सा़िी, कटकी सा़िी) या स िार कमीज पहनना पसंद करिी हैं । ओडिशा
  • 13. ●ओविशा की भाषा ● ओडिशा क े ज़्यादािर ोगों द्वारा बो ी जाने िा ी, ओडिशा की आडधकाररक भाषा उड़िया है । भाषाई पररिार में ओड़िआ एक आयि भाषा है और बंगा ी और असडमया से इसका डनकट संबंध है। द्रडि़ि और मुंिा भाषा से संबंडधि क ु छ जनजािीय भाषाएाँ भी ओडिशा क े आडदिाडसयों द्वारा बो ी जािी हैं । उड़िया भाषा की ड डप ओड़िआ ड डप है, डजसका डिकास ब्राह्मी ड डप से हुआ है।
  • 15. ●ओविशा क े क्षेत्र ● ओड़िशा, डजसे पह े उ़िीसा क े नाम से जाना जािा था, भारि क े पूिी िट पर त्वस्थि एक राज्य है। ओड़िशा उिर में झारखंि, उिर पूिि में पडिम बंगा , दडक्षण में आंध्र प्रदेश और पडिम में छिीसगढ़ से डघरा है िथा पूिि में बंगा की खा़िी है। क्षेत्रफ क े अनुसार ओड़िशा भारि का नौिां और जनसंख्या क े डहसाब से ग्यारहिां सबसे ब़िा राज्य है। ● ओडिशा की अपेक्षाक ृ ि सपाट िटरेखा गभग ४८० डकमी हैं। समि िटीय पट्टी डजसमें महानदी का िेल्टा क्षेत्र शाडम है, राज्य की अडधकांश जनसंख्या का घर है। यह िटििी इ ाका महानदी, ब्राह्मणी, बैिरणी आडद ●ओविशा क े क्षेत्र ●ओविशा क े क्षेत्र
  • 16.
  • 17. ●ओविशा क े क्षेत्र ● ओड़िशा में कई ोकडप्रय पयिटक स्थ त्वस्थि हैं डजनमें, पुरी, कोणाक ि और भुिनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और इन्हें पूिी भारि का सुनहरा डत्रकोण भी कहा जािा है। पुरी क े जगन्नाथ मंडदर डजसकी रथयात्रा डिश्व प्रडसद्ध है, कोणाक ि क े सूयि मंडदर और ओडिशा की राजधानी, भुिनेश्वर क े ड ंगराज मंडदर को देखने प्रडििषि ाखों पयिटक आिे हैं। ओड़िशा में त्वस्थि, अशोक क े प्रडसद्ध डश ा ेख और कटक का बारबाटी डक ा भारि क े पुरािात्विक इडिहास में महिपूणि हैं। ●ओविशा क े क्षेत्र ●ओविशा क े क्षेत्र
  • 18. ●ओविशा क े क्षेत्र अशोक क े डश ा ेख बारबाटी डक ा कोणाक ि