Hallo! Guyzz यार, ऐसा कोई इन्सान नहीं होगा, जिसने निंदमे कोई सपना ना देखा हो, हर इन्सान को सपने आते है। कुछ अच्छे, कुछ बुरे, कुछ प्यारे तो कुछ भयानक सपने। मुझै भी सपने आते हे, लेकिन पता नही क्यु मुझै हरएक सपने मे हुवी सारी बातें सारी घटनाए अच्छी तरह से याद रह जाती है। मेरे सपनो कि दुनियॉं मे सबकुछ अलग, अजब ओर अनौखा होता है। अब सपनो पे तो किसीका जोर चलता नहीं, बहोत सी बातें अंनहोनी ओर काल्पनिक होती हे, तो कुछ वास्तविक भी होता है ओर हर सपने मे एक कहानी जरुर छुपी होती है। मैं वही कहानियॉ आपके साथ सेंर-Share करना चाहता हुं। मुझै पुरा यकिन हे, मेरी छोटी-बडीं हिंन्दी कहानियॉ आपको जरुर पसंद आएगी।
1. NewNadhik [NRM] (1)
Hallo! Guyzz माय, ऐसा कोई इन्सान नह ॊ होगा, जजसने ननॊदभे कोई सऩना ना देखा
हो, हय इन्सान को सऩने आते है। कु छ अच्छे, कु छ फुये, कु छ प्माये तो कु छ बमानक सऩने।
भुझै बी सऩने आते हे, रेककन ऩता नह क्मु भुझै हयएक सऩने भे हुवी साय फातें साय
घटनाए अच्छी तयह से माद यह जाती है। भेये सऩनो कक दुननम ॊ भे सफकु छ अरग, अजफ
ओय अनौखा होता है। अफ सऩनो ऩे तो ककसीका जोय चरता नह ॊ, फहोत सी फातें अॊनहोनी
ओय काल्ऩननक होती हे, तो कु छ वास्तववक बी होता है ओय हय सऩने भे एक कहानी जरुय
छु ऩी होती है। भैं वह कहाननम आऩके साथ सेंय-Share कयना चाहता हुॊ। भुझै ऩुया मककन
हे, भेय छोट -फडीॊ हहॊन्द कहाननम आऩको जरुय ऩसॊद आएगी।
2. NewNadhik Rajkumar Nivar Daivik ----> https://www.scribd.com/mobile/doc/250353134
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क्मा फात हे, भुझै तो ऩता ह नह था कक सुबहाॉ ईतनी खुफसुयत
होती है। हययोज़ सुमोदम होने के फाद ह भेय आॉख खुरती थी, जल्द
जागना भतरफ दुश्भन ने सुनाई हुवी फडी सज़ा। रेककन ऩता नह क्मु
आज़ सवैये- सवैये अॊधेये भे हह भेय नीॊद टुट गई ओय भैं जाग गमा।
कपय सौने कक कोशिस कक ऩय नीॊद नह आई। अऩने घय कक छतऩे
गमा, साय दुननमाॉ सौई ऩडी थी। आकाि भे सुनेहये यॊग कक योिनी
सुयज के साभने आने का ईिाया कय यह थी। एक अजजफ-सी िाॊनत
कक अनुबूती हो यह थी, साथ भे भनको बी सुकू न शभर यहा था।
तफ हह अचानक उडता हुवा कह से एक कफुतय भेये साभने
आमा ओय भेय नज़ये उसऩे जस्थय हो गई। भैं वह दुय खडा था ओय
अफ ऩास भे हह ऩडी एक कु सी ऩे फेठ़ गमा। हभ हययोज़ छतऩें कफुतयो
को खानेके शरए दाने दारते थे ओय वऩनेका ऩानी यखते थे। वह
कफुतय वह दाने खा यहाॉ था। वह एक-एक कदभ कु दते हुवै, महाॉ से
वहाॉ धुभते हुवै, कबी ऩानी वऩता तो कबी दाने खाता। कय फ दस
शभननट तक भैं उसे देखता यहाॉ ओय साथभें सुबहें कक ठॊडी हवा ओय
स्वच्छ वातावयण के साथ कु दयत के भनभोहक दश्मो को ननहायता
यहाॉ।
सचभें भैने सोच शरमा था कक अफसे भैं सुबहाॉ जल्द हह
जागुगा, कसयत करुगाॉ ओय खुदको इस अदुबूत अहेसास से योज़ रूफरू
कयवावुगाॉ। अजजफ था, अफ तो जैसे वह कफुतय बी भेया शभत्र फन
गमा था। वह बफना भुझसे डये भेये ऩैयो के ऩास ऩडे दाने बी खाने
रगा। एक फाय तो वह कफुतय भेये एक ऩैय ऩे अऩने ऩैय यखकय, दुसये
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हह ऩर उडकय दुय ऩानी वऩने चरा गमा, मह कु छ अनूठ़ा ओय अजजफ
रगा भुझै। अफ तो सुयज ननकर आमा था, चायोओय प्रकाि पै र चुका
था, सवैया हो गमा था। धीये-धीये योज़-फयोज़ कक आवाज़े सुनाई देने
रगी, सफ जागने रगे।
अफ भैं बी कु सी से खडा हुवा, तफ हह अचानक एक बफल्र ने
भेये ऩीछे से छराॊग रगाई ओय उस कफुतय को अऩने भुॉह औय ऩॊजो
के फीच डफोच शरमा। भुझै सभझभे ह नह आमा कक भैं क्मा
करू...एक ऩर के शरए तो भैं फुय तयह से डय ओय चौक़ गमा। भैं
कु छ कय ऩाता, उससे ऩहरे तो वह बफल्र उस कफुतय को अऩने भुॉह
भें शरए, बत्रन-चाय छराॊगे रगाके वहा से चर गई। मह खौफ़नाक
दश्म देखकय, भैं तो वह का वह खडा येह गमा ओय भेय आॉखो से
अऩने आऩ हह आॉसु ननकर आए।
औय भैं गहय नीॊद से जाग गमा। फहूत ह अजजफ सऩना था।
भैंने सौने कक कोशिस कक ऩय नीॊद नह आ यह थी। कपय सोचा कक
घय के छतऩे जाता हू ओय भैंने वैसा हह ककमा। छत ऩे जाके भैं ईधय-
उधय धुभा ओय कपय भुझै उस सऩने के फाये भे ख्मार आमा। भैंने
ठोडी देय उसके फाये भे सोचा ओय कपय भन ह भन मह सोचके
भुश्कु या गमा कक वह शसफ़़ एक सऩना हह तो था। तफ हह अचानक
वऩछे से एक कफुतय भेये काॊन्धे ऩे आके फेठ़ गमा।
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