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1. D A I L Y N E X T
C A P S U L E W I L L
H E L P Y O U T O
P R O V I D E
2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow
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द ली के व ड ेड सटर म लोकपाल का थायी कायालय
संदभ:
‘लोकपाल’ (Lokpal) के िलए ‘दि ण द ली’ म ि थत ‘व ड ेड सटर’ म अपना नया कायालय दया गया है।
पृ भूिम:
वष 2013 म ‘लोकपाल एवं लोकायु अिधिनयम’ पा रत होने के पांच साल बाद, यायमू त िपनाक चं घोष (सेवािनवृ ) को माच
2019 म आठ अ य सद य के साथ भारत का पहला लोकपाल िनयु कया गया था।
लोकपाल अिधिनयम 2013 के बारे म मुख त य:
लोकपाल अिधिनयम 2013 (Lokpal Act of 2013), म क - तर पर लोकपाल और रा य तर पर लोकायु नामक ाचार रोधी
लोकपाल क थापना कए जाने का ावधान कया गया है।
संरचना: लोकपाल म एक अ य और अिधकतम आठ सद य ह गे।
अिधिनयम म, अिभयोजन के लंिबत होने के बावजूद, तरीक से अ जत संपि क कु क और ज ती के ावधान कए गए
ह।
रा य के िलए, अिधिनयम के व तत होने के एक वष के भीतर ‘लोकायु ’ क थापना करना अिनवाय होगा।
अिधिनयम म ‘ि हसल लोअर’ (Whistleblowers) के प म काय करने वाले लोक सेवक क र ा सुिनि त क गयी है।
लोकपाल के अिधकार े और शि यां:
लोकपाल कसी भी ि के िखलाफ ाचार के आरोप क जांच कर सकता है। धान मं ी या क सरकार म मं ी, या
संसद सद य सिहत समूह ए, बी, सी और डी के तहत क सरकार के अिधकारी, लोकपाल के अिधकार- े के अंतगत शािमल
ह गे। कं तु सश बल लोकपाल के दायरे से बाहर रहगे।
लोकपाल िनकाय, कसी भी बोड, िनगम, सोसाइटी, ट या वाय िनकाय के अ य , सद य , अिधका रय और िनदेशक
तथा संसद के कसी अिधिनयम ारा थािपत या क ारा पूण या आंिशक प से िव पोिषत और कसी भी समाज या ट
या िनकाय, जो ₹10 लाख से ऊपर का िवदेशी योगदान ा करता हो, के िखलाफ िशकायत क जांच कर सकता है।
लोकपाल क शि यां:
1. लोकपाल के पास ‘ शासिनक िशकायत जाँच अिधकारी’ (Ombudsman) ारा भेजे गए मामल म सीबीआई सिहत कसी
भी जांच एजसी का अधी ण करने और िनदश देने क शि होगी।
2. अिधिनयम के अनुसार- लोकपाल, कसी लोक सेवक के िखलाफ थम दृ या ाचार का मामला सामने आने पर, कसी जांच
एजसी (जैसे सतकता या सीबीआई) ारा जांच शु कए जाने से पहले ही, उस ि को अपने सम हािजर होने आदेश दे
सकता है तथा पूछताछ कर सकता है।
3. लोकपाल ारा िन द मामले क जांच कर रहे सीबीआई के कसी भी अिधकारी को लोकपाल क मंजूरी के िबना थानांत रत
नह कया जाएगा।
4. अिधिनयम म कसी भी जांच को छह महीने के भीतर पूरा कए जाने को अिनवाय कया गया है। हालाँ क, लोकपाल या
लोकायु ारा जांच के संदभ म, एक बार म छह महीने के िव तार क अनुमित दी जा सकती है, बशत ऐसे िव तार क
आव यकता के कारण िलिखत प म दए गए ह ।
5. लोकपाल ारा भेजे गए मामल क सुनवाई के िलए िवशेष अदालत ग ठत क जाएंगी।
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सीलबंद िलफाफा याय- णाली
(Sealed cover jurisprudence)
संदभ:
‘मीिडया वन’ (Media One) पर ितबंध संबंधी मामले म, सु ीम कोट ने सरकार ारा आरोपी/अ य प के साथ जानकारी साझा
कए िबना ‘सीलबंद िलफाफे’ (Sealed Covers) म ‘अपराध-संके ती द तावेज’ / साम ी (Incriminating Material) पेश कए जाने
क वैधता क जांच करने संबंधी अपने इरादे को फर से दोहराया है।
‘सीलबंद िलफाफा याय- णाली’ (Sealed cover jurisprudence) का मु ा शीष अदालत म जारी सुनवाई के दौरान, 15 माच क
सरकार ारा ‘मीिडया वन’ पर ितबंध लगाए जाने के संबंध म आंत रक फाइल को ‘सीलबंद िलफाफे’ म दए जाने क कोिशश कए
जाने पर उठा था।
‘सीलबंद िलफाफा याय- णाली’ या है?
यह सव यायालय और कभी-कभी िनचली अदालत ारा इ तेमाल क जाने वाली एक व था है, िजसमे अदालत ारा सरकारी
एजिसय से सीलबंद िलफाफ म जानकारी क मांग जाती है अथवा वीकार क जाती है, िजसे के वल यायाधीश ही देख सकते ह।
य िप कसी िविश कानून म ‘सीलबंद िलफ़ाफ़े’ के िस ांत को प रभािषत नह कया गया है, तथािप सु ीम कोट को, उ तम
यायालय िनयमावली के अनु म XIII के िनयम 7 (Rule 7 of order XIII of the Supreme Court Rules) और 1872
के ‘भारतीय सा य अिधिनयम’ (Indian Evidence Act of 1872) क धारा 123 से इसका उपयोग करने क शि ा
होती है।
उ तम यायालय िनयमावली के अनु म XIII का िनयम 7:
उ िनयम के तहत यह कहा गया है, क य द मु य यायाधीश या अदालत ारा कसी जानकारी को सीलबंद िलफाफे म रखने का
िनदश दया जाता है अथवा इसे गोपनीय कृ ित का माना जाता है, तो कसी भी प को ऐसी जानकारी क साम ी तक प ंच क
अनुमित नह दी जाएगी।
अपवाद:
य द मु य यायाधीश वयं आदेश देते ह, क िवरोधी प को इस जानकारी को देखने या ए सेस करने क अनुमित दी जाए।
उ तम यायालय िनयमावली के अनुसार, य द ऐसा माना जाता है क कसी जानकारी के खुलासा जनता के िहत म नह है,
तो ऐसी जानकारी को गोपनीय रखा जा सकता है।
भारतीय सा य अिधिनयम, 1872 क धारा 123:
इस क़ानून के तहत, रा य के मामल से संबंिधत आिधका रक अ कािशत द तावेज संरि त कए जाएंगे और कसी ‘लोक अिधकारी’ को
ऐसे द तावेज का खुलासा करने के िलए मजबूर नह कया जा सकता है।
‘गोपनीय’ या ‘िव ासनीय’ तरीके से मांगे जाने के अ य उदाहरण: जब कसी जानकारी- जैसे क पुिलस के स डायरी म दज िववरण
आ द- का खुलासा चल रही जांच म बाधा डालता है, तो ऐसी जानकारी को ‘सीलबंद िलफाफे’ म तुत कए जाने क मांग क जा
सकती है।
‘सीलबंद िलफाफ ’ के प म तक:
जब मामला ‘सरकारी गोपनीयता अिधिनयम’ (Official Secrets Act) से संबंिधत होता है।
सरकारी एजसी म जनता का िव ास बनाए रखना।
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जानकारी का संबंध, संवेदनशील अंतररा ीय वाता या सुर ा के संवेदनशील पहलु से संबंिधत मामल से होने पर।
यौन उ पीड़न या बाल शोषण के िशकार लोग के बारे म िववरण, जो उनके भिव य के जीवन को भािवत कर सकते ह और
‘ग रमा के साथ जीने के अिधकार’ को भािवत करने वाली अनाव यक श मदगी ला सकते ह।
जानकारी का खुलासा, कभी-कभी चल रही जांच को भी भािवत करता है।
‘सीलबंद िलफाफा याय- णाली’ के साथ सम याएं:
यह ‘पारद शता और जवाबदेही’ के िस ांत के िखलाफ है।
तक िवतक के दायरे को कम करता है।
िन प सुनावी और यायिनणयन म बाधा उ प करता है।
कृ ित म मनमानी / इ छाधीन है।
ह रयाणा पंचायत राज अिधिनयम
संदभ:
ह रयाणा म ाम पंचायत का कायकाल फरवरी, 2021 म समा हो गया था। ले कन, ‘ह रयाणा पंचायत राज (ि तीय
संशोधन) अिधिनयम’, 2020 (Haryana Panchayat Raj (Second Amendment) Act, 2020) के मा यम से रा य
सरकार ारा कए गए कु छ संशोधन को चुनौती देते ए ‘पंजाब एवं ह रयाणा उ यायालय’ म दायर कई यािचका के
कारण अगले चुनाव म देरी हो रही है।
अिधिनयम म कए गए िजन संशोधन पर सवाल उठाया गया है, वे पंचायत म िपछड़ी जाितय और मिहला के िलए
आर ण से संबंिधत ह।
संबंिधत करण:
‘ह रयाणा पंचायत राज (ि तीय संशोधन) अिधिनयम’, 2020 के िखलाफ दायर यािचका म ‘संशोधन ’ को “मनमाना,
अनुिचत और अवैध” बताया गया है।
यािचका म कहा गया है क ‘ह रयाणा पंचायती राज अिधिनयम’, 1994 (Haryana Panchyati Raj Act, 1994) के
अनुसार, य द गांव क कु ल जनसं या म आधी आबादी अनुसूिचत जाित क है, तो पंचायत े म 50 ितशत सीट को
अनुसूिचत जाित ारा भरा जाना आव यक है और इन सीट को िवशेष प से अनुसूिचत जाित के िलए आरि त कया
जाएगा।
ह रयाणा पंचायती राज (ि तीय संशोधन) अिधिनयम, 2020 के मुख बंदु:
इस अिधिनयम म, िनवाचक जनता के िलए ‘पंचायती राज सं था के सद य ’ को ‘वापस बुलाने का अिधकार’ (Right to
Recall) दान कया गया है।
अिधिनयम के तहत, इन ामीण िनकाय म मिहला को 50% आर ण दान कया गया है।
िपछड़े वग म “अिधक वंिचत ” को 8% आर ण दए जाने का ावधान कया गया है।
दशन करने म िवफल रहने पर, ाम सरपंच और लॉक- तरीय पंचायत सिमितय और िजला- तरीय िजला प रषद के
सद य को वापस बुलाने क अनुमित देती गयी है।
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अनुपालन या:
कसी सरपंच और िनकाय के सद य को वापस बुलाने के िलए, एक वाड या ाम सभा के 50% सद य को िलिखत म देना होगा क वे
उ ितिनिधय को वापस बुलाने क कायवाही शु करना चाहते ह।
इसके बाद एक गु मतदान होगा, िजसम ितिनिधय को वापस बुलाने के िलए ‘दो-ितहाई सद य ’ ारा उनके िखलाफ मतदान कया
जाना अिनवाय होगा।
73व और 74व संशोधन के मुख अिधदेशा मक ावधान:
सभी थानीय िनकाय के िलए िनयिमत य चुनाव।
रा य तरीय चुनाव आयोग और िव आयोग क थापना।
येक थानीय िनकाय म दिलत और आ दवािसय के िलए- कुल जनसं या म उनके िह से के अनुपात म- सीट का अिनवाय
आर ण।
मिहला के िलए 33 ितशत आर ण।
ामीण और शहरी िनकाय क योजना को समे कत करने हेतु ‘िजला योजना सिमितय ’ क थापना।
ेस वतं ता सूचकांक
(Press Freedom Index)
संदभ:
हाल ही म, ‘ रपोटस िवदाउट बॉडस’ (Reporters Without Borders) ारा ‘व ड ेस डम इंडे स’, 2022 / ‘िव ेस वतं ता
सूचकांक’, 2022 (20 वां सं करण) ारा कािशत कया गया है।
यह ‘सूचकांक’ 3 मई को ‘िव ेस वतं ता दवस’ के अवसर पर जारी कया गया।
इस रपोट म, ‘मीिडया ुवीकरण’ (Media Polarisation) – िजससे देश के भीतर और अंतररा ीय तर पर देश के बीच
िवभाजन पैदा होता है – म कु ल िमलाकर दो गुना वृि होने क ओर इशारा कया गया है।
‘िव ेस वतं ता सूचकांक’ के बारे म:
वष 2002 से ितवष, ‘ रपोटस सै स ं टयर’ (Reporters Sans Frontieres – RSF) या ‘ रपोटस िवदाउट बॉडस’
(Reporters Without Borders) ारा ‘िव ेस वतं ता सूचकांक’ का काशन कया जाता है।
पे रस ि थत, ‘ रपोटस सै स ं टयर’ (RSF) एक वतं गैर सरकारी संगठन है, और इसे संयु रा , यूने को, यूरोपीय
प रषद और अंतरा ीय कोफोनी संगठन (International Organization of the Francophonie – OIF) म सलाहकार
का दजा ा है।
यह सूचकांक, प कार के िलए उपल ध वतं ता के तर के अनुसार देश और े को रक दान करता है। हालां क, यह
‘प का रता क गुणव ा’ का संके तक नह होता है।
येक देश या े के अंक का आंकलन, पांच ासंिगक संके तक – राजनीितक संदभ, कानूनी ढांचा, आ थक संदभ,
सामािजक-सां कृ ितक संदभ और सुर ा- का उपयोग करके कया जाता है।
सूचकांक म भारत का दशन:
वष 2022 म भारत, 180 देश क सूची म, आठ थान नीचे फसलकर 142व थान से 150व थान पर आ गया है।
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रपोट के अनुसार, भारत क र कं ग “प कार के िखलाफ हंसा” और “राजनीितक प से प पातपूण मीिडया” के कारण नीचे
िगरी है। इसक वजह से, ेस क वतं ता िव के सबसे बड़े लोकतं म “संकट” क ि थित म प ँच गयी है।
अिधक लोकतांि क होने वाले रा के बीच, भारत क मीिडया को “उ रो र स ावादी और/या रा वादी सरकार ” के दबाव
का सामना करना पड़ता है।
रपोट म, भारत के नीितगत ढांचे को दोष दया गया है, जो क सै ांितक प म सुर ा दान करने वाला है, ले कन और
सरकार क आलोचना करने वाले प कार को “रा -िवरोधी” बताते ए इनके िखलाफ मानहािन, देश ोह, अदालत क
अवमानना का उपयोग करने और ‘रा ीय सुर ा को खतरा’ जैसे आरोप का सहारा लेता है।
सूचकांक म अ य देश का दशन:
‘िव ेस वतं ता सूचकांक’, 2022 म, नॉव (पहला) डेनमाक (दूसरा), वीडन (तीसरा) ए टोिनया (चौथा) और फ़नलड (5
वां) ने शीष थान हािसल कया है।
180 देश क सूची म, ‘उ र को रया’ सबसे िनचले थान पर है।
‘सूचकांक’ म स को 155व थान पर रखा गया है।
भारत के पड़ोसी देश का दशन:
नेपाल, वैि क र कं ग म 30 अंक क बढ़त के साथ 76व थान पर प ंच गया है।
सूचकांक म पा क तान को 157व, ीलंका को 146व, बां लादेश को 162व और यांमार को 176व थान पर रखा गया है।
चीन को सूचकांक म 175व थान पर रखा गया है।
‘िव ेस वतं ता दवस’ के बारे म:
वष 1991 म ‘यूने को’ क महासभा ारा िसफा रश कए जाने के बाद 1993 म ‘संयु रा महासभा’ ारा ‘िव ेस वतं ता
दवस’ (World Press Freedom Day – WPFD) क घोषणा क गई थी।
यह दवस, यूने को ारा ‘ वंडहोक घोषणा’, 1991 (Windhoek Declaration) अपनाए जाने को भी िचि नत करता है।
इसका उ े य, ‘ वतं , वतं और ब लवादी ेस का िवकास’ करना है।
शु ह के िलए इसरो का िमशन
(ISRO mission to Venus)
संदभ:
चं मा और मंगल पर ‘िमशन’ भेजने के बाद, इसरो (ISRO) ारा सौर मंडल के सबसे गम ह – शु क सतह के िनचले भाग का
अ ययन करने तथा इसको चार ओर से घेरे ए ‘स यू रक एिसड’ के बादल के रह य को उजागर करने हेतु ‘शु ह’ क क ा म
भेजने के िलए एक ‘अंत र यान’ तैयार कया जा रहा है।
इसरो ारा इस िमशन को दसंबर 2024 म लॉ च करने क योजना बनाई जा रही है।
शु ह के बारे म:
शु (Venus), सूय से दूसरा ह है और सौरमंडल का सबसे गम ह है, िजसक सतह का तापमान 500C है – जो सीसा को
िपघलाने के िलए पया है।
ग्रह का वातावरण काफ सघन है, जो मु यतः काबन डाइऑ साइड और स यू रक एिसड के समूहन से बना है।
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शु ह के प रघूणन म पृ वी के 0226 दन के बराबर समय लगता है। अथात शु ह पर एक दन क अविध, ह के एक
वष से अिधक होती है, य क शु को सूय के चार ओर एक प र मा लगाने म पृ वी के 225 दन के बराबर समय लगता
है।
पृ वी क तुलना म शु ह के कोर का ास लगभग 4,360 मील (7,000 कमी) है।
शु ह, पूव से पि म क ओर घूणन करने वाले मा दो ह म से एक है। के वल शु और यूरेनस “िवपरीत दशा म” घूणन
करते है।
शु ह के िलए भेजे गए ऐितहािसक िमशन:
1. मैगलन (Magellan) – नासा िमशन. जो 1994 म समा हो गया।
2. वीनस ए स ेस (Venus Express) – यूरोपीय िमशन- वायुमंडलीय िव ान पर क त है।
3. अका सुक (Akatsuki) – जापानी अंत रक्ष यान- वायुमंडलीय िव ान पर क त।
शु ह के नासा के दो नए िमशन:
1. डा वंसी लस (Davinci+)
डा वंसी लस’ ‘डीप एटमॉि फयर वीनस इ वेि टगेशन ऑफ नोबल गैस, के िम ी, एंड इमे जंग’ (Deep Atmosphere Venus
Investigation of Noble gases, Chemistry, and Imaging : Davinci+) का संि प है। और इस िमशन के िन िलिखत
उ े य ह गे:
शु ह का िनमाण और िवकास कस कार आ, इस बारे म जानकारी हािसल करने के िलए ह के वायुमंडल का आकलन
करना।
शु ह पर या कभी कोई महासागर था, इसका िन य करना।
शु ह के ‘गोलीय आकार’ (Tesserae) वाली भूगभ य िवशेषता (ये िवशेषताएं पृ वी पर ि थत महा ीप के समान हो
सकती ह), क पहली उ रज़ॉ यूशन वाले िच भेजना)।
2. वे रटास (Veritas):
वे रटास, ‘वीनस एिमि सिवटी, रेिडयो साइंस, आईएनएसएआर, टोपो ाफ और पे ो कोपी’ (Venus Emissivity, Radio
Science, InSAR, Topography, and Spectroscopy : VERITAS) का संि प है।
यह िमशन, शु ह क सतह का, उसके भूगभ य इितहास को समझने के िलए, मानिच तैयार करेगा और यह जांच करेगा
क, पृ वी क तुलना म यह ह इतने िभ तरीके से कस कार िवकिसत आ।
इस िमशन म, ह क सतह पर ि थत ऊ
ँ चे थान का चाट बनाने तथा ह पर वालामुखी और भूकं प क घटना के होने
अथवा न होने के बारे म पता लगाने के िलए एक तरह के राडार का योग कया जाएगा।
आपदा अनुकूिलत अवसंरचना पर अंतरा ीय स मेलन
(International Conference on Disaster Resilient Infrastructure)
संदभ:
हाल ही म, अंतरा ीय आपदा बंधन अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure –
CDRI) ारा ‘यूनाइटेड टे स एजसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमट’ (USAID) के साथ साझेदारी म ‘आपदा अनुकूिलत
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अवसंरचना पर अंतरा ीय स मेलन’, 2022 (International Conference on Disaster Resilient Infrastructure –
ICDRI, 2022) क शु आत क गयी।
इस स मलेन म भारत सिहत CDRI सद य देश के रा ा य ने भाग िलया।
अंतरा ीय आपदा बंधन अवसंरचना गठबंधन (CDRI):
‘अंतरा ीय आपदा बंधन अवसंरचना गठबंधन’, रा ीय सरकार , संयु रा एजिसय और काय म , ब प ीय िवकास बक , िनजी
े , शै िणक और ान सं थान क एक ब -िहतधारक वैि क भागीदारी है।
‘सीडीआरआई’ का नेतृ व और बंधन रा ीय सरकार ारा कया जाता है। और इसके तहत ‘बुिनयादी ढांचे’ / ‘अवसंरचना ’
के आपदा-अनुकू लन-लचीलापन के िविभ पहलु पर उपल ध जानकारी पर चचा और इसका आदान- दान कया जाता है।
सीडीआरआई का सिचवालय- नई द ली, भारत म ि थत है।
गठन: 23 िसतंबर, 2019।
सद य: माच 2021 तक, अंतरा ीय आपदा बंधन अवसंरचना गठबंधन’ (CDRI) म 29 सद य, िजनम 22 रा ीय सरकार
और 7 संगठन शािमल हो चुके ह।
आपदा अनुकू िलत अवसंरचना पर अंतरा ीय स मेलन:
आपदा अनुकू िलत अवसंरचना पर अंतरा ीय स मेलन (ICDRI), आपदा एवं जलवायु या थ बुिनयादी ढांचे पर वैि क िवमश को
मजबूत करने हेतु सद य देश , संगठन और सं थान के साथ साझेदारी म ‘अंतरा ीय आपदा बंधन अवसंरचना गठबंधन’ (CDRI)
ारा वा षक प से आयोिजत कया जाने वाला अंतरा ीय स मेलन है।
आपदा अनुकू िलत बुिनयादी ढांचे क आव यकता:
‘आपदा जोिखम यूनीकरण के िलए सडाई े मवक’ (SFDRR) के अंतगत, सतत िवकास के िलए आधारिशला के प म अवसंरचना के
बेहतर आपदा-लचीलापन क भूिमका पर काश डाला गया है।
SFDRR म नुकसान के यूनीकरण से संबंिधत चार िविश ल य शािमल ह:
1. वैि क आपदा मृ यु दर म कमी।
2. भािवत लोग क सं या म कमी करना।
3. य आपदा आ थक नुकसान को कम करना।
4. मह वपूण बुिनयादी ढांचे को आपदा-नुकसान को कम करना।
े मवक म िनधा रत अ य नुकसान को कम करने के ल य को हािसल करने के िलए ‘बुिनयादी ढांचे’ पर ल य सं या 4 एक मह वपूण
शत है।