Published Under Creative Commons Licence CC-By. As it allows anyone to copy, distribute and transmit work. adapt work. make commercial use of the work under the condition that the user must attribute the work in the manner specified by the author..
The Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012
1. लैंगिक अपराध ों से बालक ों
का सोंरक्षण अगधगियम
POCSO
Every child
deserves
respect
and
kindness
2. 1
2
POCSO अगधगियम, 2012 की आवश्यकता
मौजूदा कािूि (IPC, IT ACT, 2000 और JJ ACT, 2000) यौि अपराध ों क सोंब गधत करिे क
े
गलए पयााप्त िहीों है
इससे पहले पुरुष बच् ों क
े यौि श षण से गिपटिे क
े गलए क ई गवगशष्ट प्रावधाि या कािूि िहीों
3
4
5
6
3. अगधगियम क
े गिमााण की प्रगिया
2008 में शुरू की िई प्रगिया , मोंत्रालय ों, राज्य सरकार ों, िािररक समाज
और गवशेषज् ों क
े साथ व्यापक परामशा आय गजत
10 मई, 2012 क राज्यसभा द्वारा पाररत गकया िया
22 मई, 2012 क ल कसभा द्वारा पाररत गकया िया
14 िवोंबर, 2012 क लािू हुआ
4. • 18 साल से कम उम्र क
े गकसी बच्े (चाहे लड़का ह
या लड़की), क
े साथ यौि अपराध हुआ या करिे का
प्रयास गकया िया, त ऐसे मामले प क्स कािूि क
े
अोंतिात आते हैं|
• यह कािूि बच् ों क लैंगिक हमले, लैंगिक उत्पीड़ि और
अश्लील गचत्र व सागहत्य क
े इस्तेमाल जैसे अपराध ों से
सुरक्षा प्रदाि करता है|
पररचय व उद्देश्य
5. 1
3
5
2
4
6
अगधगियम
की
गवशेषताए
18 साल से कम उम्र क
े सभी बच् ों क इसमें शागमल गकया िया है
यह गलोंि गिरपेक्ष अगधगियम (जेंडर न्यूटरल एक्ट) है
यौि श षण की स्पष्ट और सोंगक्षप्त पररभाषाएँ
बाल तस्करी क र कता है
शीघ्र गिपटाि
बच् ों क
े सवोत्तम गहत क देखते हुए अपराध की ररप गटिंि, साक्ष् ों की ररकॉगडिंि और
शीघ्र परीक्षण (टरायल) हेतु बाल गमत्र प्रगियाएों प्रदाि करता है
3
2
1
4
5
6
6. अोंगबका पोंगडत (Assistant Editor TOI, 2023) की ररप टा क
े अिुसार
यौि अपराध ों से बच् ों की सुरक्षा (प क्स ) अगधगियम क
े मामल ों
की लोंगबतता माचा 2023 तक एक वषा में लिभि 1.2 लाख से
7.4% बढ़कर 1.3 लाख से अगधक ह िई, जबगक प क्स मामल ों
का सोंचयी गिपटाि 1 लाख मामल ों में हुआ
7. Source: Pocso Cases: UP tops list with 67,000 pending Pocso cases, Maharashtra next in line | India
News - Times of India (indiatimes.com)
8. अगधगियम क
े तहत आिे वाले अपराध
धारा 3: प्रवेशि लैंगिक हमला (पेिेटरेगटव सेक्सुअल असाल्ट)
धारा 5: उत्तेगजत (िुरुतर) प्रवेशि लैंगिक हमला (एग्रेवेगटड पेिेटरेगटव सेक्सुअल असाल्ट)
धारा 7: लैंगिक हमला (सेक्सुअल असाल्ट)
धारा 9: िुरुतर लैंगिक हमला (एग्रेवेगटड सेक्सुअल असाल्ट)
धारा 11: लैंगिक उत्पीड़ि (सेक्सुअल हैरसमेंट)
धारा 13: अश्लील सागहत्य क
े प्रय जि ों क
े गलए बालक का उपय ि
धारा 15: प िोग्राफी (अश्लील सागहत्य, चलगचत्र या गचत्र) सामग्री का सोंग्रह
9. अपराध दंड धारा
प्रवेशन लैंगिक हमला (पेनेट्रेगट्व
सेक्सुअल असाल्ट)
7 वर्ष से लेकर आजीवन
कारावास तक की सज़ा और
जुमाषना
धारा 4
उत्तेगजत (िुरुतर) प्रवेशन लैंगिक
हमला (एग्रेवेगट्ड पेनेट्रेगट्व सेक्सुअल
असाल्ट)
10 वर्ष से लेकर आजीवन
कारावास तक की सज़ा और
जुमाषना
धारा 6 , 12
लैंगिक हमला (सेक्सुअल असाल्ट)
लैंगिक उत्पीड़न (सेक्सुअल हैरसमटट्) 3 साल से लेकर 5 साल तक
की सजा और जुमाषना
धारा 8
िुरुतर लैंगिक हमला (एग्रेवेगट्ड
सेक्सुअल असाल्ट)
5 साल से लेकर 7 साल
तक की सजा और जुमाषना
धारा 10
पोनोग्राफी (अश्लील सागहत्य, चलगचत्र
या गचत्र) सामग्री का संग्रह
3 साल तक की सजा और
5,000 रुपए जुमाषना
धारा 16
10. बालक का बयाि दजा गकये
जािे क
े गलए प्रगिया
पुगलस द्वारा बच्े का बयाि दजा गकया जािा
(धारा 24)
न्यायाधीश द्वारा बच्े का बयाि दजा गकया जािा
(धारा 25)
बालक क
े बयान को उसक
े घर पर ही या उसकी सुगवधा क
े स्थान
पर एक मगहला पुगलस अगधकारी द्वारा, जो उपगनरीक्षक क
े पद से
नीचे नहींहोिी, ररकॉडष गकया जाएिा| लड़क
े क
े मामले मट पुगलस
अगधकारी भी हो सकता है|
ररकॉडष करते समय पुगलस पदागधकारी वदी मट नहींहोिा
जांच अगधकारी यह सुगनगित करेिा गक गकसी भी समय या गकसी
भी प्रकार से अगभयुक्त बालक क
े संपक
ष मट नहींआए|
गकसी भी पररस्स्थगत मट रात को थाने मट नहींरखा जाएिा|
उसकी पहचान जनता और मीगडया मट जागहर न हो
न्यायाधीश या पुगलस अगधकारी बच्चे का बयान बच्चे क
े माता-गपता
या ऐसे गकसी अन्य व्यस्क्त, गजस पर बच्चे को भरोसा है, की
मौजूदिी मट दजष करटिे|
जहां भी आवश्यक हो, न्यायाधीश या पुगलस अगधकारी एक
अनुवादक या एक दुभागर्ये की सहायता ले सकता है|
अिर बच्चा सुनने, बोलने, देखने आगद मट असमथष हो, तो ऐसे मट
गवशेर् गशक्षक से मदद ली जाएिी, जो बच्चे को समझ सक
े |
11. साक्ष् का अगभलेखि
(धारा 35)
गवशेर् न्यायालय यह सुगनगित करेिा गक बच्चे ग सी भी प्रकार क
े सबतू को दजष करते
समय उसे अगभयुक्त क
े सामने प्रदगशषत नहींगकया िया है तथा उसी समय यह सुगनगित
करेिा गक अगभयुक्त उस बालक का कथन सुनने और अपने वकील क
े साथ बात करने
की स्स्थगत मट है|
गवशेर् न्यायालय बयान को वीगडयो कांफ्र
ट गसंि क
े माध्यम से या परदे या ऐसी ही गकसी
अन्य युस्क्त का उपयोि करक
े दजष कर सक
े िा|
बालक का अगभयुक्त क ि गदखािा
(धारा 36)
बयाि दजा करते समय ध्याि रखिे हेतु
महत्वपूणा बातें
बच्चे क
े साक्ष्य को दजष करने तथा मामले का गनपट्ारा करने क
े गलए अवगध को गवशेर् अदालत द्वारा
मामले का साक्ष्य गलये जाने क
े 30 गदन क
े भीतर दजष गकया जायेिा|
गवशेर् न्यायालय, यथा संभव, अपराध का संज्ञान गलए जाने की तारीख से एक साल क
े भीतर
गवचारण को पूरा करेिा|
12. गवशेष न्यायालय ों की प्रगिया और शक्तक्तयाों
(धारा 33)
क ई गवशेष न्यायालय ऐसा अपराध ह िे की गशकायत प्राप्त ह िे पर या ऐसे अपराध की पुगलस ररप टा पर गकसी
भी अपराध का सोंज्ाि ले सक
े िा|
आर पी की ओर से उपक्तथथत गवशेष ल क अगभय जक (स्पेशल पक्तिक प्र सीक्यूटर) या वकील बालक की मुख्य
परीक्षा, प्रगतपरीक्षा या पुिपारीक्षा करते समय बालक से पूछे जािे वाले प्रश्न गवशेष न्यायालय क सूगचत करेिा, ज
पुि: उि प्रश्न ों क बालक क
े समक्ष रखेिा|
गवशेष न्यायालय, यगद आवश्यक समझे त , गवचारण क
े दौराि बार-बार बालक क गवराम की अिुमगत दे सकता
है|
गवशेष न्यायालय बालक क
े पररवार क
े गकसी सदस्य, सोंरक्षक, गमत्र या ररश्तेदार, गजसमें बालक अपिा भर सा
रखता है, न्यायालय में उपक्तथथत ह िे की अिुमगत देकर, बालक क
े गलये गमत्रतापूणा वातावरण पैदा करेिा|
गवशेष न्यायालय यह सुगिगित करेिा गक बालक क अदालत में िवाही देिे क
े गलये बार-बार िहीों बलाया जायेिा|
13. गवशेष ल क अगभय जक (धारा 32)
राज्य सरकार मामल ों का सञ्चालि करिे क
े गलए प्रत्येक न्यायालय
में एक गवशेष ल क अगभय जक की गियुक्तक्त करेिी|
क ई व्यक्तक्त गवशेष ल क अगभय जक क
े रूप में गियुक्त गकये
जािे क
े गलए तभी पात्र ह िा, जब गकसी अगधवक्ता क
े रूप में
उसिे कम से कम 7 वषा तक काम गकया ह |
15. कम सावाजगिक जािरूकता
गचगकत्सा परीक्षा में देरी
आयु गिधाारण का मुद्दा
माता -गपता की चुप्पी
क
े स दाक्तखल करिे में देरी
POCSO-2012 क
े प्रभावी कायाान्वयि मे चुिौगतयाों
16. गिष्कषा
POCSO ACT का उद्देश्य बच् ों क
यौि श षण से बचािा है और पीगड़त-
क
ें गित आपरागधक न्याय प्रणाली
प्रदाि करिा है, हालाोंगक इसक
े
कायाान्वयि में कई चुिौगतयाों हैं। इि
मुद्द ों क सगिय रूप से सोंब गधत
करक
े और लिातार प्रवताि सुगिगित
करक
े , भारत अपिे बच् ों क यौि
श षण और दुरुपय ि की भयावहता
से बेहतर तरीक
े से बचा सकते है