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तस्यां पुर्यामर्ोध्ययर्यां वेदववत्सरवांां्रहः।
दीर्ादर्शी मःयतेजय। पौरजयनपदविर्।
तस्यां अर्ोध्ययंय पुर्यां = अर्ोध्यय नगर में
वेदववत = वेद पण्डित
ंवांां्रहः। = ंवाज्ञ
दीर्ादर्शी = दीर्ादर्शी
मःयतेजय। = तेजवयन
पौरजयनपदविर्। = इच्छुक
नगरवयंी और ्रहयमीण लोग
अर्ोध्यय नगर में वेद
पण्डित,ंवाज्ञ,दीर्ादर्शी,तेजवयन और
नगर एवां ्रहयमीण वयंी क
े इच्छु क रयजय
दर्शरथ रयज्यपयलन कर रःे ःै
बलवयन् वनःतयवमत्रो वमत्रवयन् वववजतेण्डद्रियर्।
धनैश्च ंांचर्ैश्चयन्ै। र्शक्रवैश्रवणोपम।
बलवयन् = बलवयन
वनःतयवमत्र। = र्शत्रृओां को ंांःयरनेवयलय
वमत्रवयन् = वमत्रवयन
वववजतेण्डद्रियर्। =इांविर्ोां पर ववजर्ी
धनै। = धनवयन
च = और
अन्ै। = अन्
ंांचर्ै। च = ंांपविवयन
र्शक्रवैश्रवणोपम। = इांि और क
ु बेर क
े ंमयन
रयजय दर्शरथ बलवयन, र्शत्रृओां को ंांःयरनेवयलय,
वमत्रवयन, इांविर्ोां पर ववजर्ी, धनवयन ःै वः
ंांपवि में इांि और क
ु बेर क
े ंमयन ःै
इक्ष्वयक
ू णयमवतरथो र्ज्वय धमापरो वर्शी
मःवषाकल्पो रयजवषाण्डिषु लोक
े षु
ववश्रुत।
इक्ष्वयक
ू णयम = इक्ष्वयक वांर्श क
े रयजयओां में
अवतरथ। = अवतपरयक्रम
र्ज्वय = र्ज्ञ करनेवयलय
धमापर। = धमाकयर्ा करनेवयलय
वर्शी = इांविर्ज्ञयन रःनेवयलय
मःवषाकल्प। = मःवषा जैंय
रयजवषा। = रयजवषा
ण्डिषु लोक
े षु = तीनलोकोां में
ववश्रुत। = िवंद्ध
इक्ष्वयक वांर्श क
े रयजयओां में अवतपरयक्रम,
र्ज्ञकरनेवयलय, धमाकयर्ाकरनेवयलय, इांविर्ज्ञयन
रःनेवयलय, मःवषा जैंय रयजवषा दर्शरथ मःयरयज
तीनलोकोां में िवंद्ध ःै
र्थय मनुमाःयतेजय। लोकस् परररवितय
तथय दर्शरथो रयजय वंनजगदपयलर्त्
मःयतेजय। = अवतपरयक्रम
मनु। = मनु
र्थय = वजं िकयर
लोकस् = लोक को
परररवितय = रिय करेगय
तथय = उंी िकयर
रयजय = रयजय
दर्शरथ। = दर्शरथ
वंन् = वनवयं(अर्ोध्ययनगर)
जगत् = लोक
अपयलर्त् = पयलन वकर्य
अवतपरयक्रम मनु वजं िकयर लोक की रिय
करेगय उंी िकयर रयजय दर्शरथ वनवयं
(अर्ोध्ययनगर) लोक को पयलन वकर्य
तेन ंत्ययविंन्धेन त्रवगामनुवतष्ठतय
पयवलतय ंय पुरी श्रेष्ठय इद्रियेणेवयमररवती
ंत्ययविंन्धेन = ंत्यवनष्ठ
त्रवगाम = धमयाथाकयम मोि
अनुवतष्ठतय = आचरण करनेवयलय
तेन = वः(दर्शरथ)
इद्रियेण = इांिु ंे
अमरयवती इव = अमरयवती नगर
श्रेष्ठय = श्रेष्ठ
ंय पुरी = र्ः अर्ोध्ययनगर
पयवलतय = पयलन वकर्य
ंत्यवयन, धमयाथाकयममोि आचरण करनेवयलय
दर्शरथ इांिु जैंय (अमरयवती नगर) अर्ोध्ययनगर
कय पयलन वकर्य
तण्डिन् पुरवरे हृष्टय धमयात्मयनो बहुश्रुतय।
नयरयस्तुष्टय धनै। स्ै। अलुब्य। ंत्यवयवदन।
पुरवरे = पुर में श्रेष्ठ
तण्डिन् = उंमें
हृष्टय = ंांतोष ंे
धमयात्मयन = धमयात्मय
बहुश्रुतय। =अनेक र्शयि
स्ै। धनै। = अपने ंांप्पवि
स्तुष्टय = आनांवदत
अलुब्य। = वनश्वयर्
ंत्यवयवदन। = ंत्यवयक
्
रयजय दर्शरथ क
े अर्ोध्यय में लोग
ंत्यवयन,धमावनष्ठ और अनेक र्शयिज्ञयन ंे
ंांप्पन्न एवां ंांतुष्ठ थे
नयल्पंवन्नचर्। कवश्चदयंीत् तण्डिन् पुरोिमे
क
ु टुम्बी र्ोःर्वंध्दय थीSगवयश्वधनधयन्वयन्
तण्डिन् = इं तरः
पुरोिम। = उिम अर्ोध्यय
अल्पंवन्नचर्। = अल्प ंांपवि
अवंध्दयथी। = वबनय इच्छक
ु
अगवयश्व धन धयन्वयन् = वबनय ःश्व गयर् कय
क
ु टुम्बी = गृः
र्। कवश्चत् = कोई िी
न आंीत् = नःीांःै
उिम अर्ोध्यय नगर में अल्प ंांपविवयन,वबनय ःश्व
गयर् कय गृः और वबनय धनदयन् कय र्र कोई िी
नःीांःै
कयमी वय न कदर्ो वय नृर्शांं। पुरूष। क्ववचत्
िषटुां र्शक्यमर्ोध्ययर्यां नयववद्धयन्न च नयण्डस्तक।
अर्ोध्ययर्यां =
अर्ोध्यय नगर में
क्ववचत् = कःी िी
कयमी वय = कयमी
कदर्ा। वय = लोिी
नृर्शांं। पुरूष। = दुजान
अववद्धयन् = ववद् य़यववःीन लोग
च = औ
नयण्डस्तक। = नयण्डस्तक लोग
दिषटुां = देखने में
न र्शक्यम् = न वमलेगय
अर्ोध्यय नगर में कःी िी कयमी, लोवि, दुजान,
अनपढ़ और नयण्डस्तक लोग देखने में न वमलेंगे
ंवे नयरयश्च नयर्ाश्च धमार्शीलय। ंुंांर्तय।
मुवदतय। र्शीलवृियभ्यां मःषार् इवयमलय।
नयरयश्च = नर
नयर्ाश्च = नयरी
ंवें = ंब
धमार्शीलय। = धमार्शील
ंुंांर्तय। = इण्डद्रियर् वन्रहः
र्शीलवृियभ्यां = र्शील स्िव
उवदतय। = िकयवर्शत
मःषार्। इव = मःवषा जैंे वनमाल स्ियव ंे
रःे
अर्ोध्यय नगर क
े नर-नयरी ंब धमार्शील,
इण्डद्रियर्वन्रहः, र्शीलस्िव ंे िकयवर्शत वनमाल
स्ियव क
े मःवषा थे
नयक
ु िली नयमक
ु टी नयस्रग्वी नयल्पिोगवयन्
नयमृष्टो नयनुवलप्तयङ्गो नयंुगन्धश्च ववद्यते
अक
ु िली = क
ु िलववःीन
न ववद्यते = वबनय ववद्यय क
े
अमक
ु टी = वबनय वर्शरोिूषण क
े
न = नःी
अस्रग्वी = पुष्पधयरण
न = नःी
अल्पिोगवयन् = अल्पिोगी
न = नःी
अमृष्ट। = अमृष्
न = नःी
अनुवलप्तयङ्ग। = ंुगांन्ध र्शरीर
न = नःीां
अंुगन्ध। = दुगान्ध लोग
न = नःीीँ
अर्ोध्यय में दुजान एवां दुगान्ध लोग नःी ःै
नयमृष्टिोजी नयदयतय नयप्यनङ्गदवनष्क धृक
्
नयःस्तयिरणो वयवप दृश्यते नयप्यनयत्मवयन्
अमृष्टिोजी = स्यवदष्ट िोजन करनेवयलय
न दृश्यते = नःी वदखेगय
अदयतय = धमा करनेवयलय
अनङ्गदवनष्क धुक
् = अलांकयर पुरूष
न = नःी
अःस्तयिरण। = क
ां कण धयरणकरनेवयलय
न = नःी
अनयत्मवयन् = आत्मतत्व न जयननेवयलय
न = नःी
अर्ोध्यय नगर में स्यवदष्ट िोजने न करनेवयलय,
दयन न करनेवयलय, आत्मतत्व न जयननेवयलय और
अलांकयर न करनेवयलय नःीांवदखेगय
नयनयवःतयवन। नयर्ज्वय न िुिो वय न तस्कर।
कवश्चदयंीदर्ोध्ययर्यां न च वनवृािंांकर।
अर्ोध्ययर्यां = अर्ोध्ययनगर में
कवश्चत् = कोई िी
अनयवःतयवन। = वनत्य अवनःोत्र
न आंीत् = नःी वदखेगय
अर्ज्वय = र्ज्ञकरनेवयलय
न = नःी
िुि। = अल्पज्ञयनी
वय = र्य
तस्कर। = चोर
न = नःी
च = और
वनवृािंांकर। = वणांांकर
न = नःी
अर्ोध्यय नगर में र्ज्ञकयर्ा नःी करनेवयलय, न
अल्पज्ञयनी, न चोर और न वणांांकर
कोई िी नःी वदखेंगे
स्कमावनरतय वनत्यां ब्रयह्मणय वववजतेण्डद्रियर्य।
दयनयध्यर्नर्शीलयश्च ंांर्तयश्च िवत्रहःे
ब्रयह्मणय = ब्रयह्मण
वनत्यां = िवतवदन
स्कमावनरतय। = स् कयर्ा कमातय
वववजतेण्डद्रियर्य। = इांविर्ववजर्ी
च = और
दयनयध्यर्नर्शीलय। = दयन, दर्यगुणोां ंे
िवत्रहःे = स्ीकयर
ंांर्तय। = वन्रहः
अर्ोध्ययनगर में ब्रह्मण अपने कयर्ा पर तत्पर ःै
और दयन धमों में र्शीलर्शण्डि में पररपूणा थे
न नयण्डस्तको नयनृतको न कवश्चदबहुश्रुत।
नयंूर्कोां न चयर्शिो नयववद्वयन् ववद्यते तदय
तदय = उं ंमर्
नयण्डस्तक। = नयण्डस्तक
कवश्चत् = कोई िी
न ववद्यते = नःी रःे
अनृतक। = अंत्य बोलनेवयल
न = नःी
अबहुश्रुत। = न र्शयिज्ञयनवयलय
अंूर्क। = द्वेष्यकरनेवयलय
न = नःी
अववद्वयन् = ववद्ययज्ञयनी
न = नःीां
अर्ोध्ययनगर में नयण्डस्तक,अंत्यवयदी,अनपढ,
द्वेष्यी, अंमथा कोई िी नःीांःै
नयषङ्गववदत्रयंीन्नयव्रतो नयंःस्रद।
न दीन। विप्तवचिो वय व्यवथतो वय...वप कश्चन
अत्र = उं नगर में
अषङ्गववत् = षड् वेदयांग न ज्ञयननेवयलय
कश्चन अवप = एक िी
न आंीत् = वबनय
न = नःीां
अंःस्रद। = अवधक दयन न करनेवयलय
न = नःी
दीन। वय = दीनव्यण्डि
विप्त वचि। = मनोवयक
्
न = नःी
व्यवथत। = व्यि
न = नःीां
अर्ोध्ययनगर में षड ववदयांग ज्ञयननेवयले,
अवधक दयन करनेवयलो और मनोवयक
्
जयननेवयले अवधक ःै
कवश्चन्नरो वय नयरी नयश्रीमयन् नयप्यरूपवयन्
िषटुां र्शक्यमर्ोध्ययर्यां नयवप रयजन्िण्डिमयन्
अर्ोध्ययर्यां = अर्ोध्यय नगर में
अश्रीमयन् = वबनय ऐवार्ा क
े
अरूपवयन् = वबनय ंौांदर्ा क
े
रयजवन = रयजय क
े
अिण्डिमयन् = वबनय िण्डि क
े
नयर। वय = नर
नयरी वय = नयरी
कवश्चत् अवप = कोई िी
िषटुां = देखने को
अर्शक्यम = ंयध्य नःीां ःै
अर्ोध्यय नगर में वबनय ऐवार्ा क
े वबनय ंौांदर्ा
क
े वबनय िण्डि क
े नर-नयरी कोई िी देखने
को ंयध्य नःीां ःै
वणेष्वग्र्यचतुथेषु देवतयवतवथपूजकय।
क
ृ तज्ञयश्च वदयन्यश्य र्शूरय ववक्रमंेर्ुतय।
अग्र्यचतुथेषु = चतुवणा
वणेष = वणों में
देवतयवतवथपूजकय।= देवतय एवां अवतथोां की
पूजय
च = और
क
ृ तज्ञय = क
ृ तज्ञतय
वदयन्य। = दयनगुण
र्शूरय। = वीर
ववक्रमंांर्ुतय। = परयक्रम ंे
अर्ोध्ययनगर में चतुरवणा देवतोां को अवतथोां
को पूजय करेगय र्े ंब क
ृ तज्ञ,दयनगुण और
वीर ःैं
दीर्यार्ुषो नरय। ंवे धमा ंत्यां च ंांवश्रतय।
ंवःतय। पुत्रपौत्रेश्व वनत्यां िीवि। पुरोिमे
पुरोिमे = उिम अर्ोध्ययनगर में
ंवे नरय। = ंब मयनव
दीर्यार्ुष। = दीर्ा आर्ुष ंे
धमा = धमा
च = और
ंत्यां = ंत्य
ंांवश्रतय। = आवश्रत
वनत्यां = ःमेर्शय
िीवि। = िी
पुत्रपौत्रेश्व = पुत्रपौत्र ंे
ंवःतय। = वनवयं
उिम अर्ोध्यय नगर में ंब लोग
दीर्यार्ुष,धमापरक,ंत्यवत और ःमेर्शय
पुत्रपौत्रोां ंे खुर्शी रःे
ित्रां ब्रह्ममुखां चयंीद्वैर्शर्य। ित्रमनुव्रतय।
र्शूिय। स्धमावनरतय। त्रीन् वणयानुपचयररण।
ित्रां = िवत्रर्
ब्रह्मयमुखां = ब्रयह्मण वचन आचरण
करनेवयलय
आंीत् = रःे
वैश्यय। = वैश्यय
ित्रां = िवत्रर्
अनुव्रतय। = अनुकरण
र्शूिय। = र्शूि
त्रीन् वणयान् = तीन वणों कय
उपचयररण। = ंेवय कर
स्धमावनरतय। = अपनय धमा आचरणकर
िवत्रर् ब्रयह्मण वचन कय आचरण करनेवयले,
वैश्यय िवत्रर् अनुकरण, र्शूि तीन वणों कय
ंेवय कर अपनय धमा कय आचरण कर रःे ःै
ंय तेनेक्ष्वयक
ु नयथेन पुरी ंुपरररवितय
र्थय पुरस्तयन्मनुनय मयनवेद्रियेण धीमतय
पुरस्तयत् = पूवा
ंय पुरी = अर्ोध्ययनगर में
मयनवेद्रियेण = जनतय क
े ििु
धीमतय = बुण्डद्धर्शयली
मनुनय = मनु ंे
र्थय = वजं िकयर
ंुपरररवितय = पयलन की
इक्ष्वयक
ु नयथेन = इक्ष्वयक
ु नयथ दर्शरथ
वजंिकयर मनु अपनी बुण्डद्धर्शयली ंे जनतय
को पयलन की उंी िकयर इक्ष्वयक
ु नयथ
दर्शरथ िी रयज्य कय पयलन की
र्ोधयनयमवनकल्पनयां पेर्शलयनय ममवषाणयम्
ंांपूणया क
ृ तववद्ययनयां गुःय क
े ंररणयवमव
अवनकल्पयनयां = अवन क
े ंमयन
पेर्शलयनयां = कोमल स्ियव
अमवषाणयम् = ःयर न ंःे
क
ृ तववद्ययनयां = ववद्यवयन
र्ोधयनयां = र्ोद्धय
ंांपूणया = ंांपन्न
क
े ंररणयां = वंांः जैंे
गुःय इव = गुःयओां
अर्ोध्ययनगर में वंांः जैंे बलवयन,
अवतपरयक्रम, र्शौर्ा र्ोद्धयओां ंे िरय वंांःगुः
जैंय ःै
कयम्भोजववषर्े जयतैबयाह्लीक
ै श्च ःर्ोिमै।
वनयर्ुजैनादीजैश्च पुणया ःररःर्ोिमै।
कयम्भोजववषर्े = कयम्भोज देर्श
जयतै। = जन्म
बयाह्लीक
ै ।= बयःाक देर्श
वनयर्ुजै = वनयर्ु देर्श
नादीजै। = वंांधु नदी तट पर जनम
ःररःर्ोिमै। = ःररर्ोां मे उिम
ःर्ोिमै। = ःस् ंे
पुणया = िरे
कयम्भोज देर्श, बयःाक देर्श, वनयर्ु देर्श, वंांधु
देर्श नदी तट पर जनम ःररर्ोां में उिम ःस्ोां
ंे िरे ःै
ववन्ध्यपवातजैमािै पूणया ःैमवतैरवप
मदयण्डितैरवतबलैमयातङ्ग
ै । पवातोपमै।
ववन्ध्यपवातजै = ववन्ध्यपवात पर
ःैमवतैरवप = वःमयलर् में
अवतबलै। = अवतबल
पवातोपमै। = पवातोां जैंे
मदयण्डितै = मदयण्डित
मिै। = बलरूप
मयतङ्ग
ै । = गजरयज
पूणया = रःे
ववन्ध्यपवात पर, वःमयलर् में जनम अवतबल,
पवातोां जैंे मदयण्डित बलरूपी गजरयज
अर्ोध्ययनगर में रःे
ऐरयवतक
ु लीनैश्च मःयपद्मक
ु लैस्तथय
अञ्जनयदवप वनष्पन्नैवयामनयदवप च वद्वपै।
ऐरयवतक
ु लीनै। = ऐरयवत जयवत क
े
मःयपद्मक
ु लै। = मःयपद्म जयवत क
े
तथय = तथय
अञ्जनयत् अवप = अञ्जनयत जयवत क
े
अवप च = और
वयमनयत् = वयमनयत जयवत क
े
वनष्पन्नै। = जन्म
वद्वपृ। = ःयथी
अर्ोध्ययनगर में ऐरयवत,मःयपद्म,अञ्जनयत
और वयमनयत जयवत क
े जनम ःयवथर्ोां ंे िरे
ःै
ििमद्रियै िािमृगै मृागमद्रियैश्च ंय पुरी
वनत्यमिै। ंदय पूणया नयगैरचल ंवन्निै।
वनत्यमिै। = ःमेर्शय मदगज
अचल ंवन्निै। = पवात जैंय
ििै। = िि जयवत
मद्रियै। = मांद जयवत
मृगै। = मृग जयवत
ििमद्रियैमृगै। = ििमन्दैमृगै
नयगै। = ःयवथर्ोां
ंय पुरी = उं नगर में
ंदय = ःमेर्शय
पूणया = रःे
दर्शरथ रयज्य अर्ोध्ययनगर में ििमन्दैमृग
जयवत क
े ःयवथर्यीँ रःे ःै
ंय र्ोजने च द्वे िूर्। ंत्यनयमय िकयर्शते
र्स्यां दर्शरथो रयजय वंन् जगदपयलर्त्
र्स्यां = वजं नगर में
दर्शरथो रयजय = रयजय दर्शरथ
वंन् = वनवयं
जगत् = जगत
अपयलर्त् = पयलन वकर्य
ंय = उं
िूर्। = विर
द्वे र्ोजने = दो र्ोजने दू र तक
ंत्यनयमय = ंत्यनयमय
िकयर्शते = िकयवर्शत
वजं नगर में रयजय दर्शरथ वनवयं करते ःै,
वःयीँ दो र्ोजनयओां क
े दू र तक र्शत्रृ न पहुीँचने
जैंे ंयथाक नगर अर्ोध्ययपुर ःै
तयां पुरीां ं मःयतेजय। रयजय दर्शरथो मःयन्
र्शर्शयं र्शवमतयवमत्रो नित्रयणीव चद्रियमय।
मःयतेजय। = तेजोवयन
मःयन् = मःयन
रयजय दर्शरथो = रयजय दर्शरथ
र्शवमतयवमत्रो = र्शत्रृओां कय दमन
चद्रियमय। = चयीँद
नित्रयणीव = नित्र जैंे
तयां पुरीां = उं अर्ोध्यय
र्शर्शयं = पयलन वकर्य
तेजोवयन मःयरयजय दर्शरथ र्शत्रृओां कय
दमनकर चयीँद नित्र जैंे अर्ोध्यय को पयलन
वकर्य
तयां ंत्यनयांमयां दृढतोरणयगालयां
गृःैववावचत्रैरूपर्शोवितयां वर्शवयम्
पुरीमर्ोध्ययां नृंःस्रंांक
ु लय
र्शर्शयं वै र्शक्रंमो मःीपवत।
र्शक्रंम। = इांि क
े ंमयन
मःीपवत। = दर्शरथ
ंत्यनयांमयां = ंयथाक नयमक
दृढतोरणयगालयां = दृढ ंांकल्प
ववावचत्रै। = वववचत्र
गृःै। = गृःम
उपर्शोवितयम = िकयवर्शत
वर्शवयम् = ंुििथय
नृंःस्र ंांक
ु लयां = ंःस्र नरनयरी ंमूः
पुरीां = अर्ोध्यय
र्शर्शयं = पयलन वकर्य
इांि क
े ंमयन दर्शरथ ंयथाक नयम रखकर
दृढ ंांकल्प ंे वववचत्र गृः में िकयवर्शत अनेक
जनंमूः को मांगलदयर्क पयलन की
रयमयर्ण मःवषा वयल्मीवक द्वयरय रवचत मःयकयव्य
ःै मःवषा वयल्मीवक ने इं मःकयव्य में ियचीन
ियरत की ंयमयवजक व्यवस्थय कय कयव्ययत्मक
वणान वकर्य ःै और रयमकथय क
े मयध्यम ंे रयम
और ंीतय क
े जीवन कय वचत्रण अत्यन्त ममास्पर्शी
एवां लवलत र्शैली में वकर्य ःै मःवषा वयल्मीवक
द्वयरय रवचत रयमयर्ण मःयकयव्य में ंयत कयि,
500 ंगा तथय 24,000 श्लोक ःै
रयमयर्ण मःयकयव्य में ंयत कि
वनम्नवलण्डखत ःैं –
1. बयलकयि
2. अर्ोध्ययकयि
3. अरण्यकयि
4. वकण्डष्कन्धयकयि
5. ंुांदरकयि
6. र्ुद्धकयि
7. उिरकयि

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वाल्मीकि रामायण

  • 1. तस्यां पुर्यामर्ोध्ययर्यां वेदववत्सरवांां्रहः। दीर्ादर्शी मःयतेजय। पौरजयनपदविर्। तस्यां अर्ोध्ययंय पुर्यां = अर्ोध्यय नगर में वेदववत = वेद पण्डित ंवांां्रहः। = ंवाज्ञ दीर्ादर्शी = दीर्ादर्शी मःयतेजय। = तेजवयन पौरजयनपदविर्। = इच्छुक नगरवयंी और ्रहयमीण लोग अर्ोध्यय नगर में वेद पण्डित,ंवाज्ञ,दीर्ादर्शी,तेजवयन और नगर एवां ्रहयमीण वयंी क े इच्छु क रयजय दर्शरथ रयज्यपयलन कर रःे ःै
  • 2. बलवयन् वनःतयवमत्रो वमत्रवयन् वववजतेण्डद्रियर्। धनैश्च ंांचर्ैश्चयन्ै। र्शक्रवैश्रवणोपम। बलवयन् = बलवयन वनःतयवमत्र। = र्शत्रृओां को ंांःयरनेवयलय वमत्रवयन् = वमत्रवयन वववजतेण्डद्रियर्। =इांविर्ोां पर ववजर्ी धनै। = धनवयन च = और अन्ै। = अन् ंांचर्ै। च = ंांपविवयन र्शक्रवैश्रवणोपम। = इांि और क ु बेर क े ंमयन रयजय दर्शरथ बलवयन, र्शत्रृओां को ंांःयरनेवयलय, वमत्रवयन, इांविर्ोां पर ववजर्ी, धनवयन ःै वः ंांपवि में इांि और क ु बेर क े ंमयन ःै
  • 3. इक्ष्वयक ू णयमवतरथो र्ज्वय धमापरो वर्शी मःवषाकल्पो रयजवषाण्डिषु लोक े षु ववश्रुत। इक्ष्वयक ू णयम = इक्ष्वयक वांर्श क े रयजयओां में अवतरथ। = अवतपरयक्रम र्ज्वय = र्ज्ञ करनेवयलय धमापर। = धमाकयर्ा करनेवयलय वर्शी = इांविर्ज्ञयन रःनेवयलय मःवषाकल्प। = मःवषा जैंय रयजवषा। = रयजवषा ण्डिषु लोक े षु = तीनलोकोां में ववश्रुत। = िवंद्ध इक्ष्वयक वांर्श क े रयजयओां में अवतपरयक्रम, र्ज्ञकरनेवयलय, धमाकयर्ाकरनेवयलय, इांविर्ज्ञयन रःनेवयलय, मःवषा जैंय रयजवषा दर्शरथ मःयरयज तीनलोकोां में िवंद्ध ःै
  • 4. र्थय मनुमाःयतेजय। लोकस् परररवितय तथय दर्शरथो रयजय वंनजगदपयलर्त् मःयतेजय। = अवतपरयक्रम मनु। = मनु र्थय = वजं िकयर लोकस् = लोक को परररवितय = रिय करेगय तथय = उंी िकयर रयजय = रयजय दर्शरथ। = दर्शरथ वंन् = वनवयं(अर्ोध्ययनगर) जगत् = लोक अपयलर्त् = पयलन वकर्य अवतपरयक्रम मनु वजं िकयर लोक की रिय करेगय उंी िकयर रयजय दर्शरथ वनवयं (अर्ोध्ययनगर) लोक को पयलन वकर्य
  • 5. तेन ंत्ययविंन्धेन त्रवगामनुवतष्ठतय पयवलतय ंय पुरी श्रेष्ठय इद्रियेणेवयमररवती ंत्ययविंन्धेन = ंत्यवनष्ठ त्रवगाम = धमयाथाकयम मोि अनुवतष्ठतय = आचरण करनेवयलय तेन = वः(दर्शरथ) इद्रियेण = इांिु ंे अमरयवती इव = अमरयवती नगर श्रेष्ठय = श्रेष्ठ ंय पुरी = र्ः अर्ोध्ययनगर पयवलतय = पयलन वकर्य ंत्यवयन, धमयाथाकयममोि आचरण करनेवयलय दर्शरथ इांिु जैंय (अमरयवती नगर) अर्ोध्ययनगर कय पयलन वकर्य
  • 6. तण्डिन् पुरवरे हृष्टय धमयात्मयनो बहुश्रुतय। नयरयस्तुष्टय धनै। स्ै। अलुब्य। ंत्यवयवदन। पुरवरे = पुर में श्रेष्ठ तण्डिन् = उंमें हृष्टय = ंांतोष ंे धमयात्मयन = धमयात्मय बहुश्रुतय। =अनेक र्शयि स्ै। धनै। = अपने ंांप्पवि स्तुष्टय = आनांवदत अलुब्य। = वनश्वयर् ंत्यवयवदन। = ंत्यवयक ् रयजय दर्शरथ क े अर्ोध्यय में लोग ंत्यवयन,धमावनष्ठ और अनेक र्शयिज्ञयन ंे ंांप्पन्न एवां ंांतुष्ठ थे
  • 7. नयल्पंवन्नचर्। कवश्चदयंीत् तण्डिन् पुरोिमे क ु टुम्बी र्ोःर्वंध्दय थीSगवयश्वधनधयन्वयन् तण्डिन् = इं तरः पुरोिम। = उिम अर्ोध्यय अल्पंवन्नचर्। = अल्प ंांपवि अवंध्दयथी। = वबनय इच्छक ु अगवयश्व धन धयन्वयन् = वबनय ःश्व गयर् कय क ु टुम्बी = गृः र्। कवश्चत् = कोई िी न आंीत् = नःीांःै उिम अर्ोध्यय नगर में अल्प ंांपविवयन,वबनय ःश्व गयर् कय गृः और वबनय धनदयन् कय र्र कोई िी नःीांःै
  • 8. कयमी वय न कदर्ो वय नृर्शांं। पुरूष। क्ववचत् िषटुां र्शक्यमर्ोध्ययर्यां नयववद्धयन्न च नयण्डस्तक। अर्ोध्ययर्यां = अर्ोध्यय नगर में क्ववचत् = कःी िी कयमी वय = कयमी कदर्ा। वय = लोिी नृर्शांं। पुरूष। = दुजान अववद्धयन् = ववद् य़यववःीन लोग च = औ नयण्डस्तक। = नयण्डस्तक लोग दिषटुां = देखने में न र्शक्यम् = न वमलेगय अर्ोध्यय नगर में कःी िी कयमी, लोवि, दुजान, अनपढ़ और नयण्डस्तक लोग देखने में न वमलेंगे
  • 9. ंवे नयरयश्च नयर्ाश्च धमार्शीलय। ंुंांर्तय। मुवदतय। र्शीलवृियभ्यां मःषार् इवयमलय। नयरयश्च = नर नयर्ाश्च = नयरी ंवें = ंब धमार्शीलय। = धमार्शील ंुंांर्तय। = इण्डद्रियर् वन्रहः र्शीलवृियभ्यां = र्शील स्िव उवदतय। = िकयवर्शत मःषार्। इव = मःवषा जैंे वनमाल स्ियव ंे रःे अर्ोध्यय नगर क े नर-नयरी ंब धमार्शील, इण्डद्रियर्वन्रहः, र्शीलस्िव ंे िकयवर्शत वनमाल स्ियव क े मःवषा थे
  • 10. नयक ु िली नयमक ु टी नयस्रग्वी नयल्पिोगवयन् नयमृष्टो नयनुवलप्तयङ्गो नयंुगन्धश्च ववद्यते अक ु िली = क ु िलववःीन न ववद्यते = वबनय ववद्यय क े अमक ु टी = वबनय वर्शरोिूषण क े न = नःी अस्रग्वी = पुष्पधयरण न = नःी अल्पिोगवयन् = अल्पिोगी न = नःी अमृष्ट। = अमृष् न = नःी अनुवलप्तयङ्ग। = ंुगांन्ध र्शरीर न = नःीां अंुगन्ध। = दुगान्ध लोग न = नःीीँ अर्ोध्यय में दुजान एवां दुगान्ध लोग नःी ःै
  • 11. नयमृष्टिोजी नयदयतय नयप्यनङ्गदवनष्क धृक ् नयःस्तयिरणो वयवप दृश्यते नयप्यनयत्मवयन् अमृष्टिोजी = स्यवदष्ट िोजन करनेवयलय न दृश्यते = नःी वदखेगय अदयतय = धमा करनेवयलय अनङ्गदवनष्क धुक ् = अलांकयर पुरूष न = नःी अःस्तयिरण। = क ां कण धयरणकरनेवयलय न = नःी अनयत्मवयन् = आत्मतत्व न जयननेवयलय न = नःी अर्ोध्यय नगर में स्यवदष्ट िोजने न करनेवयलय, दयन न करनेवयलय, आत्मतत्व न जयननेवयलय और अलांकयर न करनेवयलय नःीांवदखेगय
  • 12. नयनयवःतयवन। नयर्ज्वय न िुिो वय न तस्कर। कवश्चदयंीदर्ोध्ययर्यां न च वनवृािंांकर। अर्ोध्ययर्यां = अर्ोध्ययनगर में कवश्चत् = कोई िी अनयवःतयवन। = वनत्य अवनःोत्र न आंीत् = नःी वदखेगय अर्ज्वय = र्ज्ञकरनेवयलय न = नःी िुि। = अल्पज्ञयनी वय = र्य तस्कर। = चोर न = नःी च = और वनवृािंांकर। = वणांांकर न = नःी अर्ोध्यय नगर में र्ज्ञकयर्ा नःी करनेवयलय, न अल्पज्ञयनी, न चोर और न वणांांकर कोई िी नःी वदखेंगे
  • 13. स्कमावनरतय वनत्यां ब्रयह्मणय वववजतेण्डद्रियर्य। दयनयध्यर्नर्शीलयश्च ंांर्तयश्च िवत्रहःे ब्रयह्मणय = ब्रयह्मण वनत्यां = िवतवदन स्कमावनरतय। = स् कयर्ा कमातय वववजतेण्डद्रियर्य। = इांविर्ववजर्ी च = और दयनयध्यर्नर्शीलय। = दयन, दर्यगुणोां ंे िवत्रहःे = स्ीकयर ंांर्तय। = वन्रहः अर्ोध्ययनगर में ब्रह्मण अपने कयर्ा पर तत्पर ःै और दयन धमों में र्शीलर्शण्डि में पररपूणा थे
  • 14. न नयण्डस्तको नयनृतको न कवश्चदबहुश्रुत। नयंूर्कोां न चयर्शिो नयववद्वयन् ववद्यते तदय तदय = उं ंमर् नयण्डस्तक। = नयण्डस्तक कवश्चत् = कोई िी न ववद्यते = नःी रःे अनृतक। = अंत्य बोलनेवयल न = नःी अबहुश्रुत। = न र्शयिज्ञयनवयलय अंूर्क। = द्वेष्यकरनेवयलय न = नःी अववद्वयन् = ववद्ययज्ञयनी न = नःीां अर्ोध्ययनगर में नयण्डस्तक,अंत्यवयदी,अनपढ, द्वेष्यी, अंमथा कोई िी नःीांःै
  • 15. नयषङ्गववदत्रयंीन्नयव्रतो नयंःस्रद। न दीन। विप्तवचिो वय व्यवथतो वय...वप कश्चन अत्र = उं नगर में अषङ्गववत् = षड् वेदयांग न ज्ञयननेवयलय कश्चन अवप = एक िी न आंीत् = वबनय न = नःीां अंःस्रद। = अवधक दयन न करनेवयलय न = नःी दीन। वय = दीनव्यण्डि विप्त वचि। = मनोवयक ् न = नःी व्यवथत। = व्यि न = नःीां अर्ोध्ययनगर में षड ववदयांग ज्ञयननेवयले, अवधक दयन करनेवयलो और मनोवयक ् जयननेवयले अवधक ःै
  • 16. कवश्चन्नरो वय नयरी नयश्रीमयन् नयप्यरूपवयन् िषटुां र्शक्यमर्ोध्ययर्यां नयवप रयजन्िण्डिमयन् अर्ोध्ययर्यां = अर्ोध्यय नगर में अश्रीमयन् = वबनय ऐवार्ा क े अरूपवयन् = वबनय ंौांदर्ा क े रयजवन = रयजय क े अिण्डिमयन् = वबनय िण्डि क े नयर। वय = नर नयरी वय = नयरी कवश्चत् अवप = कोई िी िषटुां = देखने को अर्शक्यम = ंयध्य नःीां ःै अर्ोध्यय नगर में वबनय ऐवार्ा क े वबनय ंौांदर्ा क े वबनय िण्डि क े नर-नयरी कोई िी देखने को ंयध्य नःीां ःै
  • 17. वणेष्वग्र्यचतुथेषु देवतयवतवथपूजकय। क ृ तज्ञयश्च वदयन्यश्य र्शूरय ववक्रमंेर्ुतय। अग्र्यचतुथेषु = चतुवणा वणेष = वणों में देवतयवतवथपूजकय।= देवतय एवां अवतथोां की पूजय च = और क ृ तज्ञय = क ृ तज्ञतय वदयन्य। = दयनगुण र्शूरय। = वीर ववक्रमंांर्ुतय। = परयक्रम ंे अर्ोध्ययनगर में चतुरवणा देवतोां को अवतथोां को पूजय करेगय र्े ंब क ृ तज्ञ,दयनगुण और वीर ःैं
  • 18. दीर्यार्ुषो नरय। ंवे धमा ंत्यां च ंांवश्रतय। ंवःतय। पुत्रपौत्रेश्व वनत्यां िीवि। पुरोिमे पुरोिमे = उिम अर्ोध्ययनगर में ंवे नरय। = ंब मयनव दीर्यार्ुष। = दीर्ा आर्ुष ंे धमा = धमा च = और ंत्यां = ंत्य ंांवश्रतय। = आवश्रत वनत्यां = ःमेर्शय िीवि। = िी पुत्रपौत्रेश्व = पुत्रपौत्र ंे ंवःतय। = वनवयं उिम अर्ोध्यय नगर में ंब लोग दीर्यार्ुष,धमापरक,ंत्यवत और ःमेर्शय पुत्रपौत्रोां ंे खुर्शी रःे
  • 19. ित्रां ब्रह्ममुखां चयंीद्वैर्शर्य। ित्रमनुव्रतय। र्शूिय। स्धमावनरतय। त्रीन् वणयानुपचयररण। ित्रां = िवत्रर् ब्रह्मयमुखां = ब्रयह्मण वचन आचरण करनेवयलय आंीत् = रःे वैश्यय। = वैश्यय ित्रां = िवत्रर् अनुव्रतय। = अनुकरण र्शूिय। = र्शूि त्रीन् वणयान् = तीन वणों कय उपचयररण। = ंेवय कर स्धमावनरतय। = अपनय धमा आचरणकर िवत्रर् ब्रयह्मण वचन कय आचरण करनेवयले, वैश्यय िवत्रर् अनुकरण, र्शूि तीन वणों कय ंेवय कर अपनय धमा कय आचरण कर रःे ःै
  • 20. ंय तेनेक्ष्वयक ु नयथेन पुरी ंुपरररवितय र्थय पुरस्तयन्मनुनय मयनवेद्रियेण धीमतय पुरस्तयत् = पूवा ंय पुरी = अर्ोध्ययनगर में मयनवेद्रियेण = जनतय क े ििु धीमतय = बुण्डद्धर्शयली मनुनय = मनु ंे र्थय = वजं िकयर ंुपरररवितय = पयलन की इक्ष्वयक ु नयथेन = इक्ष्वयक ु नयथ दर्शरथ वजंिकयर मनु अपनी बुण्डद्धर्शयली ंे जनतय को पयलन की उंी िकयर इक्ष्वयक ु नयथ दर्शरथ िी रयज्य कय पयलन की
  • 21. र्ोधयनयमवनकल्पनयां पेर्शलयनय ममवषाणयम् ंांपूणया क ृ तववद्ययनयां गुःय क े ंररणयवमव अवनकल्पयनयां = अवन क े ंमयन पेर्शलयनयां = कोमल स्ियव अमवषाणयम् = ःयर न ंःे क ृ तववद्ययनयां = ववद्यवयन र्ोधयनयां = र्ोद्धय ंांपूणया = ंांपन्न क े ंररणयां = वंांः जैंे गुःय इव = गुःयओां अर्ोध्ययनगर में वंांः जैंे बलवयन, अवतपरयक्रम, र्शौर्ा र्ोद्धयओां ंे िरय वंांःगुः जैंय ःै
  • 22. कयम्भोजववषर्े जयतैबयाह्लीक ै श्च ःर्ोिमै। वनयर्ुजैनादीजैश्च पुणया ःररःर्ोिमै। कयम्भोजववषर्े = कयम्भोज देर्श जयतै। = जन्म बयाह्लीक ै ।= बयःाक देर्श वनयर्ुजै = वनयर्ु देर्श नादीजै। = वंांधु नदी तट पर जनम ःररःर्ोिमै। = ःररर्ोां मे उिम ःर्ोिमै। = ःस् ंे पुणया = िरे कयम्भोज देर्श, बयःाक देर्श, वनयर्ु देर्श, वंांधु देर्श नदी तट पर जनम ःररर्ोां में उिम ःस्ोां ंे िरे ःै
  • 23. ववन्ध्यपवातजैमािै पूणया ःैमवतैरवप मदयण्डितैरवतबलैमयातङ्ग ै । पवातोपमै। ववन्ध्यपवातजै = ववन्ध्यपवात पर ःैमवतैरवप = वःमयलर् में अवतबलै। = अवतबल पवातोपमै। = पवातोां जैंे मदयण्डितै = मदयण्डित मिै। = बलरूप मयतङ्ग ै । = गजरयज पूणया = रःे ववन्ध्यपवात पर, वःमयलर् में जनम अवतबल, पवातोां जैंे मदयण्डित बलरूपी गजरयज अर्ोध्ययनगर में रःे
  • 24. ऐरयवतक ु लीनैश्च मःयपद्मक ु लैस्तथय अञ्जनयदवप वनष्पन्नैवयामनयदवप च वद्वपै। ऐरयवतक ु लीनै। = ऐरयवत जयवत क े मःयपद्मक ु लै। = मःयपद्म जयवत क े तथय = तथय अञ्जनयत् अवप = अञ्जनयत जयवत क े अवप च = और वयमनयत् = वयमनयत जयवत क े वनष्पन्नै। = जन्म वद्वपृ। = ःयथी अर्ोध्ययनगर में ऐरयवत,मःयपद्म,अञ्जनयत और वयमनयत जयवत क े जनम ःयवथर्ोां ंे िरे ःै
  • 25. ििमद्रियै िािमृगै मृागमद्रियैश्च ंय पुरी वनत्यमिै। ंदय पूणया नयगैरचल ंवन्निै। वनत्यमिै। = ःमेर्शय मदगज अचल ंवन्निै। = पवात जैंय ििै। = िि जयवत मद्रियै। = मांद जयवत मृगै। = मृग जयवत ििमद्रियैमृगै। = ििमन्दैमृगै नयगै। = ःयवथर्ोां ंय पुरी = उं नगर में ंदय = ःमेर्शय पूणया = रःे दर्शरथ रयज्य अर्ोध्ययनगर में ििमन्दैमृग जयवत क े ःयवथर्यीँ रःे ःै
  • 26. ंय र्ोजने च द्वे िूर्। ंत्यनयमय िकयर्शते र्स्यां दर्शरथो रयजय वंन् जगदपयलर्त् र्स्यां = वजं नगर में दर्शरथो रयजय = रयजय दर्शरथ वंन् = वनवयं जगत् = जगत अपयलर्त् = पयलन वकर्य ंय = उं िूर्। = विर द्वे र्ोजने = दो र्ोजने दू र तक ंत्यनयमय = ंत्यनयमय िकयर्शते = िकयवर्शत वजं नगर में रयजय दर्शरथ वनवयं करते ःै, वःयीँ दो र्ोजनयओां क े दू र तक र्शत्रृ न पहुीँचने जैंे ंयथाक नगर अर्ोध्ययपुर ःै
  • 27. तयां पुरीां ं मःयतेजय। रयजय दर्शरथो मःयन् र्शर्शयं र्शवमतयवमत्रो नित्रयणीव चद्रियमय। मःयतेजय। = तेजोवयन मःयन् = मःयन रयजय दर्शरथो = रयजय दर्शरथ र्शवमतयवमत्रो = र्शत्रृओां कय दमन चद्रियमय। = चयीँद नित्रयणीव = नित्र जैंे तयां पुरीां = उं अर्ोध्यय र्शर्शयं = पयलन वकर्य तेजोवयन मःयरयजय दर्शरथ र्शत्रृओां कय दमनकर चयीँद नित्र जैंे अर्ोध्यय को पयलन वकर्य
  • 28. तयां ंत्यनयांमयां दृढतोरणयगालयां गृःैववावचत्रैरूपर्शोवितयां वर्शवयम् पुरीमर्ोध्ययां नृंःस्रंांक ु लय र्शर्शयं वै र्शक्रंमो मःीपवत। र्शक्रंम। = इांि क े ंमयन मःीपवत। = दर्शरथ ंत्यनयांमयां = ंयथाक नयमक दृढतोरणयगालयां = दृढ ंांकल्प ववावचत्रै। = वववचत्र गृःै। = गृःम उपर्शोवितयम = िकयवर्शत वर्शवयम् = ंुििथय नृंःस्र ंांक ु लयां = ंःस्र नरनयरी ंमूः पुरीां = अर्ोध्यय र्शर्शयं = पयलन वकर्य इांि क े ंमयन दर्शरथ ंयथाक नयम रखकर दृढ ंांकल्प ंे वववचत्र गृः में िकयवर्शत अनेक जनंमूः को मांगलदयर्क पयलन की
  • 29. रयमयर्ण मःवषा वयल्मीवक द्वयरय रवचत मःयकयव्य ःै मःवषा वयल्मीवक ने इं मःकयव्य में ियचीन ियरत की ंयमयवजक व्यवस्थय कय कयव्ययत्मक वणान वकर्य ःै और रयमकथय क े मयध्यम ंे रयम और ंीतय क े जीवन कय वचत्रण अत्यन्त ममास्पर्शी एवां लवलत र्शैली में वकर्य ःै मःवषा वयल्मीवक द्वयरय रवचत रयमयर्ण मःयकयव्य में ंयत कयि, 500 ंगा तथय 24,000 श्लोक ःै रयमयर्ण मःयकयव्य में ंयत कि वनम्नवलण्डखत ःैं – 1. बयलकयि 2. अर्ोध्ययकयि 3. अरण्यकयि 4. वकण्डष्कन्धयकयि 5. ंुांदरकयि 6. र्ुद्धकयि 7. उिरकयि