शीघ्रपतन के लक्षण व उपचार: (http://spiritualworld.co.in)
पुरुष द्वारा स्त्री को संतुष्ट किए बिना उद्वेग के चरम क्षणों में स्खलित हो जाना, शीघ्रपतन कहलाता है| इसका मुख्य कारण हीन भावना तथा आत्मविश्वास की कमी होता है| ऐसे व्यक्ति को मन में कामुकता का विचार नहीं रखना चाहिए|
कारण - स्त्री से अधिक सम्भोग करने, हस्तमैथुन की आदत, पुष्टिकारक भोजन की कमी, जननेन्द्रिय सम्बंधी रोग, मदिरापान तथा अन्य नशीली चीजों का सेवन शीघ्रपतन रोग के कारण बन जाते हैं|
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पुरुष द्वारा स्त्री को संतुष िकए िबिना उद्वेग के चरम क्षणो
मे स्खलिलित हो जाना, शीघ्रपतन कहलिाता है| इसका
मुख्य कारण हीन भावना तथा आत्मिवश्वास की कमी
होता है| ऐसे व्यक्तिक को मन मे कामुकता का िवचार नही
रखलना चािहए|
कारण - स्त्री से अधिधिक सम्भोग करने, हस्तमैथुन की
आदत, पुिषकारक भोजन की कमी, जननेिन्द्रिय सम्बिंधिी
रोग, मिदरापान तथा अधन्य नशीलिी चीजो का सेवन
शीघ्रपतन रोग के कारण बिन जाते है|
पहचान - पुरुष स्त्री से सम्भोग करने से पहलिे या कुछ
ही समय बिाद वीयार्यापात कर बिैठता है|
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शीघ्रपतन के कारण पुरुष को स्त्री के सामने लज्जित ज्जित
होना पड़ता है, क्योंकिक स्त्री संतुष नही हो पाती| धीरे-
धीरे व्यक्तित क की शारीिरक शित क भी क्षीण हो जाती है|
वह स्त्री से प्यार करने, उसे ित चिपटाने या चिुम्बन लज्जेने
मात से ही स्खलित लज्जत हो जाता है| ऐसे पुरुषोंक की ित स्त्रयोंक
को बहुत कष उठाने पड़ते है| कई बार वे अन्य पुरुषोंक से
अवैध सम्बंध स्थाित पत कर लज्जेती है|
नुस्खले - प्रतित तिदिन सुबह के समय दिो छुहारे चिबाकर ऊपर
से आधा िकलज्जो गाय का दिूध पीना चिाित हए|
• ईसबगोलज्ज, खलसखलस और ित मश्री - सब 5-5 ग्राम की
माता मे लज्जेकर चिूणर बनाकर सेवन करे| ऊपर से दिूध पी
जाएं|
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• दिो चिम्मचि प्याज के रस मे शहदि ित मलज्जाकर प्रतित तिदिन
सुबह के समय खलालज्जी पेट लज्जेना चिाित हए|
• तुलज्जसी के पौधे की जड़ का चिूणर चिौथाई चिम्मचि घी मे
ित मलज्जाकर लज्जे|
• कौंचि के बीज तथा तालज्जमखलाना - दिोनोंक के 5-5 ग्राम
चिूणर दिूध या ित मश्री के साथ सेवन करे|
• प्रतित तिदिन चिाय के साथ लज्जहसुन की 10 बूंदिे सेवन करे|
ऊपर से आधा िकलज्जो दिूध ित पएं| लज्जहसुन सेक्स सम्बंधी
सभी प्रतकार के रोगोंक के ित लज्जए रामबाण है|
5. For more Homemade Remedies Kindly visit:
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• मूली के बीजो को तेल मे िमलाकर औटा ले| िफिर इस
तेल से शरीर की मािलश करे|
• बबूल के चार-पांच पत्ते तथा 5 ग्राम गोद पानी मे
िभिगोकर मसल डाले| िफिर उनको पानी सिहित पी जाएं|
ऊपर से दूध का सेवन करे|
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• मूली के बीजो को तेल मे िमलाकर औटा ले| िफिर इस
तेल से शरीर की मािलश करे|
• बबूल के चार-पांच पत्ते तथा 5 ग्राम गोद पानी मे
िभिगोकर मसल डाले| िफिर उनको पानी सिहित पी जाएं|
ऊपर से दूध का सेवन करे|