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टमाटर शिमला शमर्च और खीरे के प्रमुख रोग
लक्षण व निदाि
टमाटर
 टमाटर दुनिया की प्रमुख सब्जियों में से एक है ब्िसका कु ल
क्षेत्रफल और उत्पादि क्रमशः 4.4 मममलयि हेक्टेयर और 115
मममलयि मीट्रिक टि है।
 टमाटर (लाइकोपमसिकम एस्कु लेंटम) लगभग ककसी भी अच्छी तरह
से सूखा ममट्टी के पर उगाया िा सकता है।
 कार्िनिक पदार्थों की एक अच्छी आपूनति उपि को र्ढा सकती है
और उत्पादि समस्याओं को कम कर सकती है।
 संयुक्त सभी रोगों का औसत वैब्ववक फसल िुकसाि संभाववत
उत्पादि का लगभग 12.8% र्था लेककि अके ले टमाटर का 21.8%
िुकसाि र्था।
 मकई, टमाटर के सार्थ एक उत्कृ ष्ट रोटेशि फसल है, यह कार्िनिक
पदार्थों को र्डी मात्रा में आपूनति करती है और टमाटर कों रोगो सें
टमाटर का मुरझािा (tomato wilting)
 मृदा िनित रोग, टहनियां और पत्ते सूख िाते हैं और
प्रभाववत ट्रहस्सों पर काले धजर्े ट्रदखाई देते हैं।
 धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे गहरे होते हैं और इि पर
काली धाररयां र्ि िाती हैं अधधक धजर्े पडिे से फल पकिे
से पहले ही धगर िाते हैं ब्िस कारण पैदावार र्हुत कम हो
िाती है
 पौधे मे पािी वालें ऊतक सूख िाते है और उसमे कीचड िैसे
पदार्थि भर िाते है
 संक्रममत तिे को काटिे पर भूरे धजर्े व पीले पस िैसा पदार्थि
ममलेगा
 सामान्य रुप से यह टमाटर के , उत्पादि 4.24 से 86.14,
लक्षण
 रोगज़िक़ ममट्टी-िनित है,
 नियंत्रत्रत करिा र्हुत मुब्वकल है।
 क्रू मसफे रस सब्जियों के सार्थ फसल चक्र।
 प्रनतरोधी ककस्म (अकाि रक्षक, अकाि सम्राट) या
सहिशील ककस्म (NS 501, और NS 538
आट्रद) का उपयोग करें
 इस र्ीमारी के मलए रासायनिक नियंत्रण
उपलजध िहीं है।
 ममट्टी का पीएच 6.2-6.5
रोकथाम
Arka Rakshak
NS 501
NS 538
Arka Samrat
मुरझािा (fusarium wilt)
लक्षण
 गमि मौसम मे कवक से होिे वाला रोग
 छोटे पौधो मे पवत्तयां पीली पड कर धगरिे
लगती है
 तिे को लम्र्वत काटिे पर गाढा भूरा धजर्ा
ट्रदखता है
 प्रनतरोधी ककस्म का उपयोग करें
 पीएच 6.5 से 7.0
 टमाटर के पौधों को खरपतवार रट्रहत रखिा।
 गीले रोपण में गनतववधध से र्चें
 अमोनिया आधाररत िाइिोिि उविरक के र्िाय, िाइिेट-आधाररत िाइिोिि उविरक का उपयोग करें, िैसे
कै ब्शशयम िाइिेट।
 4 ग्राम िाइकोडमाि ववषाणु निमािण या 2.5 ग्राम कार्ेन्डाब्िम प्रनत ककलोग्राम र्ीि के सार्थ र्ीिोपचार
प्रभावी है।
रोकथाम
फ्यूज़ेररयम ववशट के कारण टमाटर (लाइकोपमसिकॉि) के संवहिी
ऊतक में खखंचाव
Fusarium ववशट संक्रममत पौधों और संवहिी
िडों के संवहिी ऊतक में भूरी लकीर का
कारण र्ि सकता है।
 फल के पकिे के समय यह सर्से पहले
ट्रदखायी देते है
 गोलाकार काले धजर्े िो धीरे धीरे अंदर कक ओर
धँसता िाता है
 यह फं गस गमि तापमाि, अधधक िमी के कारण
र्ढती है।
 धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे और काले
रंग की धाररयों वाले होते हैं। ज्यादा धजर्ों वाले
फल पकिे से पहले ही झड िाते हैं, ब्िससे
पैदावार पर र्ुरा असर पडता हैं।
लक्षण
 प्रनतरोधी पौधों का उपयोग करें, या स्वस्र्थ प्रोपण खरीदें।
 अपिे पौधों को अच्छी तरह से सूखी ममट्टी में रोवपत करें।
 ड्रिप ब्स्प्रंकलर से अपिे पौधों को पािी दें।
 िर् पौधे गीले हों तो पौधों को ि छु एं।
 पकिे वाले फल को ममट्टी से ि छू िे दे ।
 हर 2 से 3 साल में फसल चक्र अपिाये।
 25 ममिट के मलए 122 ०F (50 ०C ) से र्ीि उपचार।
 Mancozeb 2.5 ग्राम / ली, क्लोरोर्थालोनिल या कार्ेन्डाब्िम 1 ग्राम / ली का नछडकाव प्रभावी नियंत्रण देता है।
रोकथाम
भूरा धजर्ा रोग (bacterial spot)
लक्षण
 यह िीवाणु हरे टमाटर पर हमला करते है लाल पर िहीं
 गीले मौसम मे यह रोग ते
े़
िी से फै लता है
 पवत्तयों पर पािी िैसे व फलो पर पपडीदार धजर्े र्िािा
सुरु होिाते है
 यह मसचाई के सार्थ फै लते है तो अगर एक र्ार लग
गये तो रोक पािा मुब्स्कल है
 इस र्ीमारी के कारण वावषिक उत्पादि हानि 10-20% है,
िो कु छ मामलों में 80% तक र्ढ सकती है
Bacterial spot leaf lesions Bacterial spot stem lesions
 रोगििक मुक्त प्रमाखणत र्ीिों का उपयोग
 जलीच, हाइिोक्लोररक एमसड या गमि पािी के
सार्थ र्ीि उपचाररत करें
 खेत की स्वच्छता और फसल के रोटेशि से रोग
की घटिाओं में कमी आती है।
 ओवरवॉटररंग कम से कम करें
 स्िेप्टोसाइब्क्लि 200 पीपीएम और कॉपर
ऑक्सीक्लोराइड 3 िी / ली के ममश्रण से पौधों
का नछडकाव करें
रोकर्थाम
पूवच अंगमारी (Early Blight of Tomato)
 रोग की प्रारब्म्भक अवस्र्था में पत्रकों पर धजर्े ट्रदखायी देते हैं ।
ब्िसमें धजर्े, गहरे भूरे से काले तक चमडे के समाि हो िाते है
।
 धजर्ों के चारों ओर संकरे हररमाहीिता क्षेत्र, िो हशके होकर हरे
रंग के हो िाते हैं ।
 टमाटर के पौधे की सर्से निचले भाग की पवत्तयाँ सर्से पहले
प्रभाववत होती है और कफर रोग क्रमशः धीरे-धीरे ऊपर की ओर
र्ढता है । टमाटर की रोग ग्रस्त पवत्तयाँ धगर हो िाती है ।
 रोग के लक्षण भूरे अर्थवा काले ववक्षत के रूप में ट्रदखाई देते हैं
ब्ििका निमािण धजर्ों से शुरू होता है और वृद्धध करके पूरे
टमाटर के फल को ढक लेते हैं । रोग ग्रस्त ऊतक, चमडे िैसे
ट्रदखाई देते हैं ब्ििकी सतह पर का काला मखमली माँस र्ि
रोकर्थाम
 रोगज़िक़ मुक्त र्ीि और प्रनतरोधी खेती (अरका रक्षक और
अकाि सम्राट) का उपयोग करें।।
 र्ोडो ममश्रण (Mixture) का नछडकाव समय-समय पर करिा
चाट्रहए ।
 िसिरी की क्यारी का मृदा (Soil) उपचार ऐब्शडकार्ि या टेममक का
नछडकाव करिा चाट्रहए ।
 र्ीिों को र्ोिे से पहले 25 ममिट के मलए 50°C तापमाि पर
उष्ण िल उपचार करिा चाट्रहए ।
 प्रनत िैववक वैमलडोमाइमसि (0.02%) का नछडकाव करिा चाट्रहए
।
 पोटाश कक र्रार्र मात्रा र्िाये रखे तर्था मैंकोिेर् का नछडकाव
उत्तरभावी अंगमारी रोग (Late Blight)
 सविप्रर्थम टमाटर के पौधों की निचली पवत्तयों के मसरों पर
गोलाकार अर्थवा अनियममत िल में डूर्े धजर्े र्िते हैं ।
 िमी उपब्स्र्थत होिे पर धजर्े तेिी के सार्थ वृद्धध करते हैं
और भूरे रंग ।
 पवत्तयों की निचली सतह पर पर सफे द Down कवक वृद्धध ।
 टमाटरों के फलों पर रोग ििक के आक्रमण के कारण गलि
हो िाती है ।
 लगातार िम र्िे रहिे पर पौधों के तिे अगमारी लक्षण
प्रदमशित करते हैं तर्था उिमें गलि होिे के कारण दुगिन्ध आिे
लगती है ।
 इस संक्रमण के कारण उपि का िुकसाि 100% तक पहुंच
िाता है
रोकर्थाम
 पौधों पर उधचत समय पर (Fungicides) का नछडकाव
करते रहिा चाट्रहए ।
 र्ोडो ममश्रण के नछडकाव ।
 अन्य रासायनिक पदार्थों िैसे Mancozeb, Metaloxyl,
Captafol आट्रद का नछडकाव भी ट्रहतकर होता है ।
 यट्रद उपलजध हो तो के वल रोग प्रनतरोधी कृ वष िोप
िानतयों को ही उगािा चाट्रहए ।
 र्ीिों को मेटालैब्क्सल (35%) से उपचाररत करके र्ोिा
चाट्रहए ।
टमाटर का लीक कलच (Leaf Curl of Tomato)
 रोग ग्रस्त पौधे र्ौिे रह िाते हैं । पवत्तयों की डॉमसिल सतह
की ओर एंठते हुए तर्था कुं चि लक्षण ट्रदखायी देते है ।
 वेि ब्क्लयररंग , कर्ुिरण (Mottling) पौधे का र्हुत अधधक
शाखखत होिा तर्था सम्पूणि पौधे का छोटा हो िािा, इस रोग
के प्रमुख लक्षण है ।
 फू ल छडिे लगते है, वृद्धध रुक िाती है
 कु ल िुकसाि 17.6% से 99.7% के र्ीच है।
 रोपाई के 30 ट्रदि र्ाद संक्रमण होिे पर 92.3% की हानि।
 अगर पौधे रोपण के 2, 4, 6, और दो सप्ताह में संक्रममत
होते है तो उपि में 94.9, 90.0, 78.0 और 10.8% कमी
होती
रोकर्थाम
 प्रनतरोधी ककस्म लाइकोपमसिकॉि पेरुववयिम,
अकारा अिन्या, अकर रक्षक, अकर सम्राट का
उपयोग करें।
 खेत के पास धूम्रपाि ि करें।
 टमाटर के पौधों पर प्रत्येक दस ट्रदि के र्ाद
0.02% एकाटोक्स (Ekatox) तर्था रोगर (Rogar)
के घोल 0.05% का नछडकाव करते रहिा चाट्रहए
।
 फसल पर 3 से 4% कै पटफॉल (Captafal) का
नछडकाव करिा चाट्रहए वो भी 14 ट्रदि के अन्तर
से ।
शिमला शमर्च
 मशमला ममचि दुनिया भर में उगाई िािे वाली
अत्यधधक लोकवप्रय सब्जियों की फसलों में से
एक है।
 भारत का योगदाि 9.91 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र से
130.71 हज़ार मीट्रिक टि का है।
 आदशि तापमाि 25-30°C और रात का
तापमाि 18-20°C है।
 गंभीर संक्रमण के दौराि, रोग सें 25% तक
का िुकसाि हो सकता है।
शिमला शमर्च के प्रमुख रोग
 श्याम वणच (अंथ्रोकोिोस)
 मृदुल अशसता रोग (पाउडरी शमल्द्यु)
 आद्रगलि (डैमंपपग ऑफ)
 अल्दटिेररया लीफ स्पॉट
 सकोस्पोरा लीफ स्पॉट
वयाम वणि रोग (anthroconose of capsicum)
 रोग अक्टूर्र- ट्रदसम्र्र में अधधक होता है।
 छोटे, गोलाकार से अनियममत, भूरे काले त्रर्खरे हुए
धजर्े पवत्तयों पर ट्रदखाई देते हैं।
 गंभीर रूप से संक्रममत पवत्तयाँ ख़रार् हो िाती हैं।
 र्ढती युब्क्तयों के संक्रमण से ट्रटप की शाखाएं पीछे की
ओर मुड िाती हैं।
 कें र्द् में िेक्रोट्रटक ऊतक काली त्रर्ंदी के सार्थ सफे द
सफे द ट्रदखाई देते हैं।
 पेड्रडके ल में संक्रमण और शाखाओं की युब्क्तयों के
कारण फू लों की र्हा।
रोकर्थाम
 प्रनतरोधी पौधों की ककस्में चुिें
 पौधों के गीले होिे से र्चाये और उपयोग के र्ाद
सभी उपकरण (एक भाग जलीच से 4 भागों पािी)
कीटाणुरट्रहत करिा सुनिब्वचत करें।
 उद्याि क्षेत्रों की सफाई करें
 कै प्टि या र्थीरम के सार्थ र्ीि उपचार (3-4 ग्राम /
ककग्रा र्ीि)
 तरल तांर्े के स्प्रे और सशफर पाउडर को साप्ताट्रहक
रूप से लागू ककया िािा चाट्रहए
 फू ल से पहले और र्ाद में मैिकोज़ेर् (0.25%) या
कै प्टि (1.5%)।
 िीम तेल स्प्रे, वसंत िवोट्रदत के पहले संके त पर,
(हर 7-14 ट्रदि)।
मृदुल आशसता रोग
 पत्तों पर गोल छोटे सफे द धजर्े िो पुरे पवत्तयों पर गाढे
सफे द रंग मे पाउडर की तरह फै ल िाते है
 सफे द पाउडर कोट्रटंग ज्यादातर निचली सतह पर और
कभी-कभी पत्ती की ऊपरी सतह पर ट्रदखाई देती है
 ऊपरी सतह पर पीले पैच ट्रदखाई देते हैं
 प्रभाववत पवत्तयों के सूखिे गंभीर संक्रमण होता है
 पाउडर की वृद्धध शाखाओं और िये फलों पर भी देखी िा
सकती है
 रोगग्रस्त फल आगे िहीं र्ढते हैं और समय से पहले ही
धगर सकते हैं
रोकर्थाम
 प्रनतरोधी ककस्मों का प्रयोग करें।
 अच्छी तरह से सूखा ममट्टी और अच्छा वायु पररसंचरण और रोपण घित्व को समायोब्ित करें।
 अत्यधधक निषेचि से र्चें।
 तरल सार्ुि के सार्थ ममधश्रत लहसुि के अकि का उपयोग करें। सप्ताह में एक र्ार अपिी संक्रममत फसलों के
मलए घोल का नछडकाव करें।
 वेटेर्ल सशफर 0.3% या
डाइिोकै प या कार्ेन्डाब्िम 0.1%
का स्प्रे करें ।
आद्रगलि (damping off)
 यह रोग पौधे की छोटी अवस्र्था में
मुलांकु रो मे होता हैं|
 इसके प्रकोप से िमीि की सतह पर
ब्स्र्थत तिे का भाग काला पडकर कमिोर
हो िाता है और पौधे धगरकर मरिे लगते
हैं|
 यह रोग भूमम एवं र्ीि के माध्यम से
फै लता हैं
रोकर्थाम
 उधचत िल निकासी के सार्थ हशकी ममट्टी में
िसिरी र्िािा।
 उभरे हुए र्ेड पर र्ीि र्ोिा।
 र्थायरम या कै प्टाि के सार्थ र्ीि उपचार 2-3
ककलोग्राम प्रनत कक.ग्रा।
 र्ोडो ममश्रण 1% या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 0.3%
या मेटलैब्क्सल 0.2% के सार्थ मृदा की िेब्न्चंग
करें ।
Alternaria leaf spot
 वृद्धध के ककसी भी स्तर पर पत्ते पर होिे वाली र्हुत आम
र्ीमारी है।
 फफूं द ियी पवत्तयों पर हमला करता है, ब्िससे ववशेष धजर्े
र्िते और सूख िाते हैं।
 प्रारंमभक धुंधलापि पहले पौधों पर छोटे, काले घावों के रूप में
िो ज्यादातर पुरािे पत्ते पर होते हैं।
 स्पॉट र्डे होते हैं, और िर् तक वे व्यास में एक-चौर्थाई इंच
या र्डे होते हैं, तर् तक एक र्ैल की आंखों के पैटिि में गाढा
छशले को रोगग्रस्त क्षेत्र के कें र्द् में देखा िा सकता है।
 धजर्ों के आसपास के ऊतक पीले हो सकते हैं। यट्रद इस समय
उच्च तापमाि और आर्द्िता होती है, तो र्हुत से िीव मारे
िाते हैं।
रोकर्थाम
 क्षेत्र से संक्रममत मलर्े को साफ़ करें।
 सुर्ह में पौधे को पािी दे ब्िससे पौधे कम से कम समय के मलए
गीले हो।
 पत्ती के गीलेपि को कम करिे के मलए ड्रिप मसंचाई प्रणाली का
उपयोग करें
 मशच का उपयोग करें ताकक ममट्टी में र्ीिाणु से पवत्तयों से ि
धचपके सकें ।
 गैर-सोलिेसी कु ल की फसल को कम से कम तीि साल मे लगाये।
Cercospora Leaf Spot
 पवत्तयों पर एक हशके भूरे रंग के कें र्द्
वाले धजर्े एक लाल-भूरे रंग के माब्ििि
के सार्थ, व्यास में 1 सेमी ।
 र्ाद में डाकि ररंग और ररंग के चारों ओर
एक पीले रंग का प्रभामंडल, ब्िसके
पररणामस्वरूप "मेंढक-आंख" िैसी संरचिा
ट्रदखाई देती है।
 पत्ते पर कई धजर्े होते हैं, पवत्तयां पीली
हो िाती हैं और धगर सकती हैं या ववशट
हो सकती हैं।
 रोगमुक्त र्ीि का उपयोग करें।
 30 ममिट के मलए 52 ड्रडग्री सेब्शसयस पर गमि पािी
के सार्थ र्ीि का उपचार करें।
 प्रभाववत पौधों को हटा दें।
 पौधो में अच्छी तरह से हवा पररसंचरण की व्यवस्र्था
करें ।
 दो साल की रोटेशि अवधध का उपयोग करे। रोटेशि
की अवधध के दौराि खरपतवारों को नियंत्रत्रत करें।
 क्लोरोर्थालोनिल (2.5 ग्राम / एल) या मेिकोिेर् (2.5
ग्राम / एल) या कार्ेन्डाब्िम (1 िी / एल) का
नछडकाव करें।
लक्षण रोकथाम
खीरा
 भारत में उत्पाट्रदत कु ल सब्जियों में ककडी की
ट्रहस्सेदारी लगभग 5.6% है।
 भारत में 10.52 t / ha की उत्पादकता के सार्थ
लगभग 4.29 मममलयि हेक्टेयर पर खेती की
िाती है और िम्मू-कवमीर सट्रहत सभी राज्यों में
व्यापक रूप से उगाई िाती है।
 ककडी कई फं गल, र्ैक्टीररयल और वायरल रोगों
के मलए प्रवण होती है िो फसल को गंभीर
आधर्थिक िुकसाि पहुंचाती हैं।
 खीरे में ववमभन्ि फं गल रोगों के कारण उपि में
कमी 10- 20% र्ताई गई है
Common Disease of Cucumber
I. Leaf Blight
II. Anthroconose
III. Belly Rot
IV. Cercospora Leaf Spot
V. Downy Mildew
VI. Powdery mildew
Cucumber leaf blight
 पुरािी पवत्तयों मे पीले भूरे धजर्े हरे
व पीले धारी के सार्थ
 एक िगह ही घाव िमाव के कारण
पवत्तयां मुड िाती है और मर िाती
है
 अधधक ताप व वषाि मे यह र्ढते है
रोकर्थाम
 सीिि के अंत में पौधों को ि निकालें।
 1-2 वषि मे फसल चक्र अपिाये और दूसरे कु ल
के पौधों को लगाये ।
 फसल तिाव को कम करिे के मलए पयािप्त
पोषण और उधचत र्ढती ब्स्र्थनत प्रदाि करें।
 कु छ प्रनतरोधी ककस्में उपलजध हैं।
 कवकिाशी उपचाररत रोग मुक्त र्ीि सहायक हो
सकता है।
 क्लोरोर्थालोनिल (0.1%) 0 आर मैिकोिेर्
(0.2%) 7-10 ट्रदि के शेड्यूल के सार्थ स्प्रे करें।
Anthroconose of cucumber
 फल के पकिे के समय यह सर्से पहले
ट्रदखायी देते है
 गोलाकार काले धजर्े िो धीरे धीरे अंदर कक
ओर धँसता िाता है
 यह फं गस गमि तापमाि, अधधक िमी के
कारण र्ढती है।
 धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे और काले
रंग की धाररयों वाले होते हैं। ज्यादा धजर्ों
वाले फल पकिे से पहले ही झड िाते हैं,
ब्िससे पैदावार पर र्ुरा असर पडता हैं।
 प्रमाखणत, रोग रट्रहत र्ीि का प्रयोग करें
 3 साल के मलए गैर-कु कि त्रर्ट्स के सार्थ घुमाएं।
 सतह से र्हते पािी से मुक्त ममट्टी में संयंत्र।
 ओस या र्ाररश से भीगिे पर पौधों छू िे से र्चें।
 सभी खरपतवारों पर नियंत्रण रखें, ववशेष रूप से िंगली खीरे।
 कटाई के र्ाद सभी संक्रममत पौधों के मलर्े को साफ करें,
और िलाएं या कटाई करें और ।
 क्लोरोर्थालोनिल (ब्रावो) 0.1% और र्ेिाममल (र्ेलेट) 0.2%
के सार्थ स्प्रे करें
Belly rot (fruit rot)
 भूरा पीला तर्था रंगहीि फल
 िल भरा धजर्ा फल के ककिारे पर िहा
फल मृदा से सम्पकि मे होता है
 सडि वाली िगह पर भुरे साँचे िैसी
संरचिा
 गहरी गुडाइ करें
 प्लाब्स्टक मशच का प्रयोग को मृदा और
फल के र्ीच र्ैररअर र्िािे के मलये
 अच्छे िल निकासी का प्रयोग
रोकर्थाम
Cercospora leaf spot
 पहल लक्षण पुरािी पवत्तयों पर ट्रदखता है, ब्िसमे मध्य
मे भूरे रंग के सार्थ छोटे धजर्े
 धीरे धीरे धजर्े र्डे होकर पवत्तयों पर फै लते है तर्था
पीले रंग से घेर लेते है
 घाव के र्ीच का भाग भंगुर व फट िाता है
रोकर्थाम
 गहरी गुडाइ करें
 प्लाब्स्टक मशच का प्रयोग को मृदा और फल के र्ीच र्ैररअर र्िािे के मलये
 अच्छे िल निकासी का प्रयोग
Downy mildew
 र्थोडा र्ैंगिी (शरार् के रंग का) फं फु द पवत्तयों के िीचे मसरे
पर होता है
 उपर कक ओर पीले रंग के धजर्े पडते है
रोकर्थाम
 घिी खेती िा करें
 लर्ालर् मसचाई िा करें
Powdery mildew
 सफे द पाउडर िैसे धजर्े फल, पत्ती व
तिों के उपर र्िते है
 रोग के र्ढिे पर पुरी पत्ती मे सफे द
कवक कक वृद्धध
रोकर्थाम
 र्थोडा र्ैंगिी (शरार् के रंग का) फं फु द पवत्तयों के िीचे मसरे
पर होता है
 उपर कक ओर पीले रंग के धजर्े पडते है
 organic fungicides, sulfur, lime-sulfur, neem
oil, and potassium bicarbonate.

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  • 1. टमाटर शिमला शमर्च और खीरे के प्रमुख रोग लक्षण व निदाि
  • 2. टमाटर  टमाटर दुनिया की प्रमुख सब्जियों में से एक है ब्िसका कु ल क्षेत्रफल और उत्पादि क्रमशः 4.4 मममलयि हेक्टेयर और 115 मममलयि मीट्रिक टि है।  टमाटर (लाइकोपमसिकम एस्कु लेंटम) लगभग ककसी भी अच्छी तरह से सूखा ममट्टी के पर उगाया िा सकता है।  कार्िनिक पदार्थों की एक अच्छी आपूनति उपि को र्ढा सकती है और उत्पादि समस्याओं को कम कर सकती है।  संयुक्त सभी रोगों का औसत वैब्ववक फसल िुकसाि संभाववत उत्पादि का लगभग 12.8% र्था लेककि अके ले टमाटर का 21.8% िुकसाि र्था।  मकई, टमाटर के सार्थ एक उत्कृ ष्ट रोटेशि फसल है, यह कार्िनिक पदार्थों को र्डी मात्रा में आपूनति करती है और टमाटर कों रोगो सें
  • 4.  मृदा िनित रोग, टहनियां और पत्ते सूख िाते हैं और प्रभाववत ट्रहस्सों पर काले धजर्े ट्रदखाई देते हैं।  धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे गहरे होते हैं और इि पर काली धाररयां र्ि िाती हैं अधधक धजर्े पडिे से फल पकिे से पहले ही धगर िाते हैं ब्िस कारण पैदावार र्हुत कम हो िाती है  पौधे मे पािी वालें ऊतक सूख िाते है और उसमे कीचड िैसे पदार्थि भर िाते है  संक्रममत तिे को काटिे पर भूरे धजर्े व पीले पस िैसा पदार्थि ममलेगा  सामान्य रुप से यह टमाटर के , उत्पादि 4.24 से 86.14, लक्षण
  • 5.  रोगज़िक़ ममट्टी-िनित है,  नियंत्रत्रत करिा र्हुत मुब्वकल है।  क्रू मसफे रस सब्जियों के सार्थ फसल चक्र।  प्रनतरोधी ककस्म (अकाि रक्षक, अकाि सम्राट) या सहिशील ककस्म (NS 501, और NS 538 आट्रद) का उपयोग करें  इस र्ीमारी के मलए रासायनिक नियंत्रण उपलजध िहीं है।  ममट्टी का पीएच 6.2-6.5 रोकथाम Arka Rakshak
  • 7. मुरझािा (fusarium wilt) लक्षण  गमि मौसम मे कवक से होिे वाला रोग  छोटे पौधो मे पवत्तयां पीली पड कर धगरिे लगती है  तिे को लम्र्वत काटिे पर गाढा भूरा धजर्ा ट्रदखता है
  • 8.  प्रनतरोधी ककस्म का उपयोग करें  पीएच 6.5 से 7.0  टमाटर के पौधों को खरपतवार रट्रहत रखिा।  गीले रोपण में गनतववधध से र्चें  अमोनिया आधाररत िाइिोिि उविरक के र्िाय, िाइिेट-आधाररत िाइिोिि उविरक का उपयोग करें, िैसे कै ब्शशयम िाइिेट।  4 ग्राम िाइकोडमाि ववषाणु निमािण या 2.5 ग्राम कार्ेन्डाब्िम प्रनत ककलोग्राम र्ीि के सार्थ र्ीिोपचार प्रभावी है। रोकथाम
  • 9. फ्यूज़ेररयम ववशट के कारण टमाटर (लाइकोपमसिकॉि) के संवहिी ऊतक में खखंचाव Fusarium ववशट संक्रममत पौधों और संवहिी िडों के संवहिी ऊतक में भूरी लकीर का कारण र्ि सकता है।
  • 10.
  • 11.  फल के पकिे के समय यह सर्से पहले ट्रदखायी देते है  गोलाकार काले धजर्े िो धीरे धीरे अंदर कक ओर धँसता िाता है  यह फं गस गमि तापमाि, अधधक िमी के कारण र्ढती है।  धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे और काले रंग की धाररयों वाले होते हैं। ज्यादा धजर्ों वाले फल पकिे से पहले ही झड िाते हैं, ब्िससे पैदावार पर र्ुरा असर पडता हैं। लक्षण
  • 12.  प्रनतरोधी पौधों का उपयोग करें, या स्वस्र्थ प्रोपण खरीदें।  अपिे पौधों को अच्छी तरह से सूखी ममट्टी में रोवपत करें।  ड्रिप ब्स्प्रंकलर से अपिे पौधों को पािी दें।  िर् पौधे गीले हों तो पौधों को ि छु एं।  पकिे वाले फल को ममट्टी से ि छू िे दे ।  हर 2 से 3 साल में फसल चक्र अपिाये।  25 ममिट के मलए 122 ०F (50 ०C ) से र्ीि उपचार।  Mancozeb 2.5 ग्राम / ली, क्लोरोर्थालोनिल या कार्ेन्डाब्िम 1 ग्राम / ली का नछडकाव प्रभावी नियंत्रण देता है। रोकथाम
  • 13. भूरा धजर्ा रोग (bacterial spot) लक्षण  यह िीवाणु हरे टमाटर पर हमला करते है लाल पर िहीं  गीले मौसम मे यह रोग ते े़ िी से फै लता है  पवत्तयों पर पािी िैसे व फलो पर पपडीदार धजर्े र्िािा सुरु होिाते है  यह मसचाई के सार्थ फै लते है तो अगर एक र्ार लग गये तो रोक पािा मुब्स्कल है  इस र्ीमारी के कारण वावषिक उत्पादि हानि 10-20% है, िो कु छ मामलों में 80% तक र्ढ सकती है
  • 14. Bacterial spot leaf lesions Bacterial spot stem lesions
  • 15.  रोगििक मुक्त प्रमाखणत र्ीिों का उपयोग  जलीच, हाइिोक्लोररक एमसड या गमि पािी के सार्थ र्ीि उपचाररत करें  खेत की स्वच्छता और फसल के रोटेशि से रोग की घटिाओं में कमी आती है।  ओवरवॉटररंग कम से कम करें  स्िेप्टोसाइब्क्लि 200 पीपीएम और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 3 िी / ली के ममश्रण से पौधों का नछडकाव करें रोकर्थाम
  • 16. पूवच अंगमारी (Early Blight of Tomato)  रोग की प्रारब्म्भक अवस्र्था में पत्रकों पर धजर्े ट्रदखायी देते हैं । ब्िसमें धजर्े, गहरे भूरे से काले तक चमडे के समाि हो िाते है ।  धजर्ों के चारों ओर संकरे हररमाहीिता क्षेत्र, िो हशके होकर हरे रंग के हो िाते हैं ।  टमाटर के पौधे की सर्से निचले भाग की पवत्तयाँ सर्से पहले प्रभाववत होती है और कफर रोग क्रमशः धीरे-धीरे ऊपर की ओर र्ढता है । टमाटर की रोग ग्रस्त पवत्तयाँ धगर हो िाती है ।  रोग के लक्षण भूरे अर्थवा काले ववक्षत के रूप में ट्रदखाई देते हैं ब्ििका निमािण धजर्ों से शुरू होता है और वृद्धध करके पूरे टमाटर के फल को ढक लेते हैं । रोग ग्रस्त ऊतक, चमडे िैसे ट्रदखाई देते हैं ब्ििकी सतह पर का काला मखमली माँस र्ि
  • 17.
  • 18. रोकर्थाम  रोगज़िक़ मुक्त र्ीि और प्रनतरोधी खेती (अरका रक्षक और अकाि सम्राट) का उपयोग करें।।  र्ोडो ममश्रण (Mixture) का नछडकाव समय-समय पर करिा चाट्रहए ।  िसिरी की क्यारी का मृदा (Soil) उपचार ऐब्शडकार्ि या टेममक का नछडकाव करिा चाट्रहए ।  र्ीिों को र्ोिे से पहले 25 ममिट के मलए 50°C तापमाि पर उष्ण िल उपचार करिा चाट्रहए ।  प्रनत िैववक वैमलडोमाइमसि (0.02%) का नछडकाव करिा चाट्रहए ।  पोटाश कक र्रार्र मात्रा र्िाये रखे तर्था मैंकोिेर् का नछडकाव
  • 19. उत्तरभावी अंगमारी रोग (Late Blight)  सविप्रर्थम टमाटर के पौधों की निचली पवत्तयों के मसरों पर गोलाकार अर्थवा अनियममत िल में डूर्े धजर्े र्िते हैं ।  िमी उपब्स्र्थत होिे पर धजर्े तेिी के सार्थ वृद्धध करते हैं और भूरे रंग ।  पवत्तयों की निचली सतह पर पर सफे द Down कवक वृद्धध ।  टमाटरों के फलों पर रोग ििक के आक्रमण के कारण गलि हो िाती है ।  लगातार िम र्िे रहिे पर पौधों के तिे अगमारी लक्षण प्रदमशित करते हैं तर्था उिमें गलि होिे के कारण दुगिन्ध आिे लगती है ।  इस संक्रमण के कारण उपि का िुकसाि 100% तक पहुंच िाता है
  • 20.
  • 21. रोकर्थाम  पौधों पर उधचत समय पर (Fungicides) का नछडकाव करते रहिा चाट्रहए ।  र्ोडो ममश्रण के नछडकाव ।  अन्य रासायनिक पदार्थों िैसे Mancozeb, Metaloxyl, Captafol आट्रद का नछडकाव भी ट्रहतकर होता है ।  यट्रद उपलजध हो तो के वल रोग प्रनतरोधी कृ वष िोप िानतयों को ही उगािा चाट्रहए ।  र्ीिों को मेटालैब्क्सल (35%) से उपचाररत करके र्ोिा चाट्रहए ।
  • 22. टमाटर का लीक कलच (Leaf Curl of Tomato)  रोग ग्रस्त पौधे र्ौिे रह िाते हैं । पवत्तयों की डॉमसिल सतह की ओर एंठते हुए तर्था कुं चि लक्षण ट्रदखायी देते है ।  वेि ब्क्लयररंग , कर्ुिरण (Mottling) पौधे का र्हुत अधधक शाखखत होिा तर्था सम्पूणि पौधे का छोटा हो िािा, इस रोग के प्रमुख लक्षण है ।  फू ल छडिे लगते है, वृद्धध रुक िाती है  कु ल िुकसाि 17.6% से 99.7% के र्ीच है।  रोपाई के 30 ट्रदि र्ाद संक्रमण होिे पर 92.3% की हानि।  अगर पौधे रोपण के 2, 4, 6, और दो सप्ताह में संक्रममत होते है तो उपि में 94.9, 90.0, 78.0 और 10.8% कमी होती
  • 23. रोकर्थाम  प्रनतरोधी ककस्म लाइकोपमसिकॉि पेरुववयिम, अकारा अिन्या, अकर रक्षक, अकर सम्राट का उपयोग करें।  खेत के पास धूम्रपाि ि करें।  टमाटर के पौधों पर प्रत्येक दस ट्रदि के र्ाद 0.02% एकाटोक्स (Ekatox) तर्था रोगर (Rogar) के घोल 0.05% का नछडकाव करते रहिा चाट्रहए ।  फसल पर 3 से 4% कै पटफॉल (Captafal) का नछडकाव करिा चाट्रहए वो भी 14 ट्रदि के अन्तर से ।
  • 24. शिमला शमर्च  मशमला ममचि दुनिया भर में उगाई िािे वाली अत्यधधक लोकवप्रय सब्जियों की फसलों में से एक है।  भारत का योगदाि 9.91 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र से 130.71 हज़ार मीट्रिक टि का है।  आदशि तापमाि 25-30°C और रात का तापमाि 18-20°C है।  गंभीर संक्रमण के दौराि, रोग सें 25% तक का िुकसाि हो सकता है।
  • 25. शिमला शमर्च के प्रमुख रोग  श्याम वणच (अंथ्रोकोिोस)  मृदुल अशसता रोग (पाउडरी शमल्द्यु)  आद्रगलि (डैमंपपग ऑफ)  अल्दटिेररया लीफ स्पॉट  सकोस्पोरा लीफ स्पॉट
  • 26. वयाम वणि रोग (anthroconose of capsicum)  रोग अक्टूर्र- ट्रदसम्र्र में अधधक होता है।  छोटे, गोलाकार से अनियममत, भूरे काले त्रर्खरे हुए धजर्े पवत्तयों पर ट्रदखाई देते हैं।  गंभीर रूप से संक्रममत पवत्तयाँ ख़रार् हो िाती हैं।  र्ढती युब्क्तयों के संक्रमण से ट्रटप की शाखाएं पीछे की ओर मुड िाती हैं।  कें र्द् में िेक्रोट्रटक ऊतक काली त्रर्ंदी के सार्थ सफे द सफे द ट्रदखाई देते हैं।  पेड्रडके ल में संक्रमण और शाखाओं की युब्क्तयों के कारण फू लों की र्हा।
  • 27.
  • 28. रोकर्थाम  प्रनतरोधी पौधों की ककस्में चुिें  पौधों के गीले होिे से र्चाये और उपयोग के र्ाद सभी उपकरण (एक भाग जलीच से 4 भागों पािी) कीटाणुरट्रहत करिा सुनिब्वचत करें।  उद्याि क्षेत्रों की सफाई करें  कै प्टि या र्थीरम के सार्थ र्ीि उपचार (3-4 ग्राम / ककग्रा र्ीि)  तरल तांर्े के स्प्रे और सशफर पाउडर को साप्ताट्रहक रूप से लागू ककया िािा चाट्रहए  फू ल से पहले और र्ाद में मैिकोज़ेर् (0.25%) या कै प्टि (1.5%)।  िीम तेल स्प्रे, वसंत िवोट्रदत के पहले संके त पर, (हर 7-14 ट्रदि)।
  • 29. मृदुल आशसता रोग  पत्तों पर गोल छोटे सफे द धजर्े िो पुरे पवत्तयों पर गाढे सफे द रंग मे पाउडर की तरह फै ल िाते है  सफे द पाउडर कोट्रटंग ज्यादातर निचली सतह पर और कभी-कभी पत्ती की ऊपरी सतह पर ट्रदखाई देती है  ऊपरी सतह पर पीले पैच ट्रदखाई देते हैं  प्रभाववत पवत्तयों के सूखिे गंभीर संक्रमण होता है  पाउडर की वृद्धध शाखाओं और िये फलों पर भी देखी िा सकती है  रोगग्रस्त फल आगे िहीं र्ढते हैं और समय से पहले ही धगर सकते हैं
  • 30. रोकर्थाम  प्रनतरोधी ककस्मों का प्रयोग करें।  अच्छी तरह से सूखा ममट्टी और अच्छा वायु पररसंचरण और रोपण घित्व को समायोब्ित करें।  अत्यधधक निषेचि से र्चें।  तरल सार्ुि के सार्थ ममधश्रत लहसुि के अकि का उपयोग करें। सप्ताह में एक र्ार अपिी संक्रममत फसलों के मलए घोल का नछडकाव करें।  वेटेर्ल सशफर 0.3% या डाइिोकै प या कार्ेन्डाब्िम 0.1% का स्प्रे करें ।
  • 31. आद्रगलि (damping off)  यह रोग पौधे की छोटी अवस्र्था में मुलांकु रो मे होता हैं|  इसके प्रकोप से िमीि की सतह पर ब्स्र्थत तिे का भाग काला पडकर कमिोर हो िाता है और पौधे धगरकर मरिे लगते हैं|  यह रोग भूमम एवं र्ीि के माध्यम से फै लता हैं
  • 32.
  • 33. रोकर्थाम  उधचत िल निकासी के सार्थ हशकी ममट्टी में िसिरी र्िािा।  उभरे हुए र्ेड पर र्ीि र्ोिा।  र्थायरम या कै प्टाि के सार्थ र्ीि उपचार 2-3 ककलोग्राम प्रनत कक.ग्रा।  र्ोडो ममश्रण 1% या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 0.3% या मेटलैब्क्सल 0.2% के सार्थ मृदा की िेब्न्चंग करें ।
  • 34. Alternaria leaf spot  वृद्धध के ककसी भी स्तर पर पत्ते पर होिे वाली र्हुत आम र्ीमारी है।  फफूं द ियी पवत्तयों पर हमला करता है, ब्िससे ववशेष धजर्े र्िते और सूख िाते हैं।  प्रारंमभक धुंधलापि पहले पौधों पर छोटे, काले घावों के रूप में िो ज्यादातर पुरािे पत्ते पर होते हैं।  स्पॉट र्डे होते हैं, और िर् तक वे व्यास में एक-चौर्थाई इंच या र्डे होते हैं, तर् तक एक र्ैल की आंखों के पैटिि में गाढा छशले को रोगग्रस्त क्षेत्र के कें र्द् में देखा िा सकता है।  धजर्ों के आसपास के ऊतक पीले हो सकते हैं। यट्रद इस समय उच्च तापमाि और आर्द्िता होती है, तो र्हुत से िीव मारे िाते हैं।
  • 35.
  • 36. रोकर्थाम  क्षेत्र से संक्रममत मलर्े को साफ़ करें।  सुर्ह में पौधे को पािी दे ब्िससे पौधे कम से कम समय के मलए गीले हो।  पत्ती के गीलेपि को कम करिे के मलए ड्रिप मसंचाई प्रणाली का उपयोग करें  मशच का उपयोग करें ताकक ममट्टी में र्ीिाणु से पवत्तयों से ि धचपके सकें ।  गैर-सोलिेसी कु ल की फसल को कम से कम तीि साल मे लगाये।
  • 38.  पवत्तयों पर एक हशके भूरे रंग के कें र्द् वाले धजर्े एक लाल-भूरे रंग के माब्ििि के सार्थ, व्यास में 1 सेमी ।  र्ाद में डाकि ररंग और ररंग के चारों ओर एक पीले रंग का प्रभामंडल, ब्िसके पररणामस्वरूप "मेंढक-आंख" िैसी संरचिा ट्रदखाई देती है।  पत्ते पर कई धजर्े होते हैं, पवत्तयां पीली हो िाती हैं और धगर सकती हैं या ववशट हो सकती हैं।  रोगमुक्त र्ीि का उपयोग करें।  30 ममिट के मलए 52 ड्रडग्री सेब्शसयस पर गमि पािी के सार्थ र्ीि का उपचार करें।  प्रभाववत पौधों को हटा दें।  पौधो में अच्छी तरह से हवा पररसंचरण की व्यवस्र्था करें ।  दो साल की रोटेशि अवधध का उपयोग करे। रोटेशि की अवधध के दौराि खरपतवारों को नियंत्रत्रत करें।  क्लोरोर्थालोनिल (2.5 ग्राम / एल) या मेिकोिेर् (2.5 ग्राम / एल) या कार्ेन्डाब्िम (1 िी / एल) का नछडकाव करें। लक्षण रोकथाम
  • 39. खीरा  भारत में उत्पाट्रदत कु ल सब्जियों में ककडी की ट्रहस्सेदारी लगभग 5.6% है।  भारत में 10.52 t / ha की उत्पादकता के सार्थ लगभग 4.29 मममलयि हेक्टेयर पर खेती की िाती है और िम्मू-कवमीर सट्रहत सभी राज्यों में व्यापक रूप से उगाई िाती है।  ककडी कई फं गल, र्ैक्टीररयल और वायरल रोगों के मलए प्रवण होती है िो फसल को गंभीर आधर्थिक िुकसाि पहुंचाती हैं।  खीरे में ववमभन्ि फं गल रोगों के कारण उपि में कमी 10- 20% र्ताई गई है
  • 40. Common Disease of Cucumber I. Leaf Blight II. Anthroconose III. Belly Rot IV. Cercospora Leaf Spot V. Downy Mildew VI. Powdery mildew
  • 41. Cucumber leaf blight  पुरािी पवत्तयों मे पीले भूरे धजर्े हरे व पीले धारी के सार्थ  एक िगह ही घाव िमाव के कारण पवत्तयां मुड िाती है और मर िाती है  अधधक ताप व वषाि मे यह र्ढते है
  • 42. रोकर्थाम  सीिि के अंत में पौधों को ि निकालें।  1-2 वषि मे फसल चक्र अपिाये और दूसरे कु ल के पौधों को लगाये ।  फसल तिाव को कम करिे के मलए पयािप्त पोषण और उधचत र्ढती ब्स्र्थनत प्रदाि करें।  कु छ प्रनतरोधी ककस्में उपलजध हैं।  कवकिाशी उपचाररत रोग मुक्त र्ीि सहायक हो सकता है।  क्लोरोर्थालोनिल (0.1%) 0 आर मैिकोिेर् (0.2%) 7-10 ट्रदि के शेड्यूल के सार्थ स्प्रे करें।
  • 43. Anthroconose of cucumber  फल के पकिे के समय यह सर्से पहले ट्रदखायी देते है  गोलाकार काले धजर्े िो धीरे धीरे अंदर कक ओर धँसता िाता है  यह फं गस गमि तापमाि, अधधक िमी के कारण र्ढती है।  धजर्े आमतौर पर गोल, पािी िैसे और काले रंग की धाररयों वाले होते हैं। ज्यादा धजर्ों वाले फल पकिे से पहले ही झड िाते हैं, ब्िससे पैदावार पर र्ुरा असर पडता हैं।
  • 44.  प्रमाखणत, रोग रट्रहत र्ीि का प्रयोग करें  3 साल के मलए गैर-कु कि त्रर्ट्स के सार्थ घुमाएं।  सतह से र्हते पािी से मुक्त ममट्टी में संयंत्र।  ओस या र्ाररश से भीगिे पर पौधों छू िे से र्चें।  सभी खरपतवारों पर नियंत्रण रखें, ववशेष रूप से िंगली खीरे।  कटाई के र्ाद सभी संक्रममत पौधों के मलर्े को साफ करें, और िलाएं या कटाई करें और ।  क्लोरोर्थालोनिल (ब्रावो) 0.1% और र्ेिाममल (र्ेलेट) 0.2% के सार्थ स्प्रे करें
  • 45. Belly rot (fruit rot)  भूरा पीला तर्था रंगहीि फल  िल भरा धजर्ा फल के ककिारे पर िहा फल मृदा से सम्पकि मे होता है  सडि वाली िगह पर भुरे साँचे िैसी संरचिा
  • 46.  गहरी गुडाइ करें  प्लाब्स्टक मशच का प्रयोग को मृदा और फल के र्ीच र्ैररअर र्िािे के मलये  अच्छे िल निकासी का प्रयोग रोकर्थाम
  • 47. Cercospora leaf spot  पहल लक्षण पुरािी पवत्तयों पर ट्रदखता है, ब्िसमे मध्य मे भूरे रंग के सार्थ छोटे धजर्े  धीरे धीरे धजर्े र्डे होकर पवत्तयों पर फै लते है तर्था पीले रंग से घेर लेते है  घाव के र्ीच का भाग भंगुर व फट िाता है
  • 48. रोकर्थाम  गहरी गुडाइ करें  प्लाब्स्टक मशच का प्रयोग को मृदा और फल के र्ीच र्ैररअर र्िािे के मलये  अच्छे िल निकासी का प्रयोग
  • 49. Downy mildew  र्थोडा र्ैंगिी (शरार् के रंग का) फं फु द पवत्तयों के िीचे मसरे पर होता है  उपर कक ओर पीले रंग के धजर्े पडते है
  • 50. रोकर्थाम  घिी खेती िा करें  लर्ालर् मसचाई िा करें
  • 51. Powdery mildew  सफे द पाउडर िैसे धजर्े फल, पत्ती व तिों के उपर र्िते है  रोग के र्ढिे पर पुरी पत्ती मे सफे द कवक कक वृद्धध
  • 52. रोकर्थाम  र्थोडा र्ैंगिी (शरार् के रंग का) फं फु द पवत्तयों के िीचे मसरे पर होता है  उपर कक ओर पीले रंग के धजर्े पडते है  organic fungicides, sulfur, lime-sulfur, neem oil, and potassium bicarbonate.