1. 8/16/2014 नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..! - BBC Hindi - भारत
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नेह क मौत केतुरंत बाद चीन के धानमंी चूएन लाई नेचीन क या ा
पर आए ीलंकाई त न धमंडल सेकहा था, "म खुचेव सेमला हूँ, म चांग
काई शेक सेमला हूँ, अमर क जनरल सेभी मेर मुलाक़ात रह है, लेकन
नेह से यादा अहंकार श स मनेनह ंदेखा."
बांडुंग स मेलन म जब ीलंका के धानमंी सर जॉन कोटलेवाला नेइस ओर यान
दलाया क पोलड, हंगर , बुलगा रया और रोमा नया जैसेदेश उसी तरह सो वयत संघ के
उप नवेश ह जैसेए शया और अ का केदूसरेउप नवेश ह तो नेह को बहुत बुरा लगा.
वो उनकेपास गए और आवाज़ ऊँची करकेबोले, "सर जॉन आपनेऐसा य
कया? अपना भाषण देनेसेपहलेआपनेउसेमुझे य नह ंदखाया?"
सर जॉन नेछूटतेह जवाब दया, "म य दखाता अपना भाषण आपको?
या आप अपना भाषण देनेसेपहलेमुझेदखातेह?"
इतना सुनना था क नेह का चेहरा ग़ुसेसेलाल हो गया. इंदरा गाँधी ने
नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..!
रेहान फ़ज़ल
बीबीसी संवाददाता, द ल
मंगलवार, 27 मई, 2014 को 08:09 IST तक केसमाचार
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पंडत माउंटबेटन क 'जय हो' !
जब नेह नेबहन का बल क त म
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' नराश नेह ' का वो ऐ तहा सक भाषण
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ग़ुसेसेलाल नेह
2. 8/16/2014 नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..! - BBC Hindi - भारत
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उनका हाथ पकड़ कर उनकेकान म फुसफुसाया क 'आप शांत हो जाइए'.
लेकन दो पड़ोसी देश के धानमंी कूल ब च क तरह लड़तेरहे.
वहाँमौजूद चूएन लाई नेअपनी टूट फूट अंेज़ी म सर जॉन को समझाना
चाहा, ‘मी यॉर ड!’ सब लोग नेत ध होकर देखा क कस तरह महान
लोग भी साधारण इंसान क तरह यवहार कर सकतेथे.
सुबह होनेतक येतूफ़ान नकल गया. सर जॉन नेबहुत ग रमापूण ढंग सेमाफ़ मांगतेहुए
कहा, "मेरा उ ेय इस स मेलन म यवधान पहुँचानेका कतई नह ंथा."
बाद म सर जॉन कोटलेवाला नेअपनी कताब 'एन ए शयन ाइम म न टस टोर ' म
लखा, "म और नेह हमेशा बेहतर न दो त रहे. मुझेव वास हैक नेह नेमेर उस
धृटता को भुला दया होगा."
नेह केस चव रहेएमओ मथाई अपनी कताब 'रेम नससेस ऑफ़ नेह एज' म लखतेह
क नेह इतनेसुसंकृत थेक अहंकार हो ह नह ंसकतेथे. लेकन येसह हैक उनम
धीरज नह ंथा और वो बेवकूफ़ को बदा त नह ंकर पातेथे.
वैसेभी चूएन लाई को नेह पर फ़ैसला सुनानेका कोई हक़ नह ंथा, य क उ ह नेख़ुद
भारत पर चीन केहमलेम मह वपूण भूमका नभाई थी.
नेह केग़ुसेपर पूव वदेश मंी नटवर संह नेएक क़ सा सुनाया क एक बार नेह
उनसेइस बात पर बहुत नाराज़ हो गए क उ ह नेउनकेनेपाल नरेश को लखेगए प को
टॉ पक
भारत
(नेह नेजब चुकाया क त म बहन का बल)
धैय का अभाव
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नेह आधुनक भारत केनमाताओंम एक माने
जातेह
वदेश मंालय केसेे जनरल को न दखा कर अपनी आलमार म रख लया था.
उस ज़मानेम नटवर संह सेे जनरल केसहायक हुआ करतेथे.
वो याद करतेह, "शाम साढ़ेछह बजेनेह का नेपाल नरेश मह
को लखा प मेरेपास आया. मनेसोचा क सुबह इसेपढ़ूंगा.
सुबह म सेे जनरल को छोड़नेहवाई अ डेचला गया जो
सरकार या ा पर मंगो लया जा रहेथे. वहाँउनका वमान लेट हो
गया."
नटवर संह आगेकहतेह, "वह ंएक श स मेरेपास आ कर बोला
क आपको पंडत जी बुला रहेह. म तुरंत साउथ लॉक पहुँचा.
वहाँनेह केनजी स चव ख ना नेमुझसेकहा क धानमंी के
कमरेम मत घुसएगा. वो इतनेग़ुसेम ह क कोई चीज़ आपके
ऊपर फक कर मार दगे. हुआ येक अगलेदन जैसा क उनक
आदत थी, नेह वदेश स चव केकमरेम जा पहुंचेऔर पूछा क
नेपाल नरेश को जो प मनेलखा है, या आपनेदेखा है? वदेश
स चव नेकहा क नह ंय क वो प तो मेरेपास आया ह नह ं."
नटवर संह आगेबतातेह, "बाद म पता चला क प तो नटवर
संह केपास है. वदेश स चव नेनटवर को बचानेकेउ ेय सेकहा क शायद नटवर को
वो प बहुत पसंद आया है. उ ह नेपढ़नेकेलए रख लया होगा. येसुनना था क नेह
का पारा सातव आसमान को पहुंच गया. बोलेमनेवो ख़त नटवर संह को ख़ुश करनेके
लए नह ंलखा. फ़ौरन पुलस बुलाइए. उनक आलमार तुड़वाइए और वो प मेरेसामने
पेश क रए. इस घटना केसात दन बाद तक म नेह केद तर केसामनेसेनह ंगुज़रा."
नेह केसुर ा अ धकार रहेकेएम तमजी अपनी कताब 'आई वाज़ नेह ज़ शैडो' म
लखतेह, "जब म उनके टाफ़ म आया तो वो 63 साल केथेलेकन 33 केलगतेथे.
ल ट का इ तेमाल ब कुल नह ंकरतेथे. और तो और एक बार म दो सी ढ़याँचढ़ा करते
थे. एक बार ड ूगढ़ क या ा केदौरान म उनका सगरेट केस लेनेउनकेकमरेम घुसा तो
मनेदेखा क उनका सहायक ह र उनकेफटेमौज़ क सलाई कर रहा है. उ ह चीज़ को
बरबाद करना पसंद नह ंथा. एक बार सऊद अरब क या ा केदौरान वो उस महल केहर
कमरेम जा कर बि तयाँबुझातेरहे, िजसेख़ासतौर सेउनकेलए बनवाया गया था."
( नराश नेह का वो भाषण)
हमेशा फ़ट रहेनेह
(पंडत माउंटबेटन क जय)
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उसी या ा केदौरान नेह को रसूल-अस-सलाम कह कर पुकारा गया था िजसका अरबी म
अथ होता हैशाँत का संदेश वाहक. लेकन उदूम येश द पैग़ बर मोह मद केलए
इ तेमाल होता है. नेह केलए येश द इ तेमाल करनेकेलए पा क तान म शाह सऊद
क काफ़ आलोचना भी हुई थी.
तब जानेमानेक व रईस अमरोहवी नेएक मसरा लखा था िजसेकराची सेछपनेवाले
अख़बार डॉन नेका शत भी कया था –
जप रहेह माला एक हंदूक अरब,
ाहमनज़ादेम शानेदलबर ऐसी तो हो.
हकमतेपंडत जवाहरलाल नेह क कसम,
मर मटेइ लाम िजस पर का फ़र ऐसी तो हो.
नेह केपसनल अ स टट के प म काम करनेवालेडॉ टर जनकराज जय नेबीबीसी से
बात करतेहुए एक दलच प क सा सुनाया, "नेह केबाल काटनेकेलए रा प त भवन
सेएक नाई आया करता था. एक बार नेह नेउससेकहा हम वलायत जा रहेह. बोलो
तुहारेलए या लाएं? नाई नेशमातेहुए कहा हज़ूर कभी-कभी आनेम देर हो जाती है.
अगर घड़ी लेआएंतो अ छा होगा. जब नेह वलायत सेलौटेतो वो नाई फर उनका
बाल काटनेआया. नेह बोलेतुम पूछोगेनह ंक म तुहारेलए घड़ी लाया हूँया नह ं.
जाओ सेशन (उनकेनजी सहायक) सेजा कर घड़ी लेलो."
द रया दल नेह
नेह और वो टैसी वाला
5. 8/16/2014 नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..! - BBC Hindi - भारत
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डॉ टर जनकराज जय एक और क़ सा सुनातेह, ''एक बार जब जवाहरलाल द तर जा रहे
थेतो साउथ एवेयूकेपास उनक कार पंचर हो गई. दूर सेएक सरदार टैसी वालेने
देख लया. वो अपनी टैसी लेकर पहुंचा और बोला मैरा सौभा य होगा अगर आप मेर
टैसी म बैठ जाएं. म आपको द तर लेकर चलूँगा. नेह बना कसी क सुनेउसक
टैसी म बैठ गए. द तर पहुँचकर वो अपनी जेब टटोलनेलगेलेकन उनक जेब म पैसेतो
होतेनह ंथे. टैसी वाला बोला आप य श मदा कर रहेह. या म आपसेपैसेलूँगा?
अब तो म पाँच दन तक कसी को इस सीट पर बैठाउंगा भी नह ं!"
पूव वदेश स चव दनशॉ गुंडेवया नेअपनी आ मकथा 'आउटसाइड आकाइ स' म लखा है
क एक बार ि व ज़रलड म मशहूर अ भनेता चाल चैप लन नेनेह को अपनेघर खानेपर
आमंत कया. खानेसेपहलेएक ेम शैपेन क कई बोतल लाई ग .
चैप लन नेएक गलास उठा कर नेह केहाथ म देदया. नेह बोलेया आपको पता
नह ंक म पीता नह ंहूँ. चैप लन नेकहा, " धानमंी महोदय, आप कैसेमुझेमेर शपेन
पीनेकेस मान सेवंचत कर सकतेह?" नेह फर भी झझके. चाल झुकेऔर उ ह ने
शैपेन सेभरा गलास नेह केहोठ सेलगा दया.
नेह नेगलास सेएक सप लया और पूरेव त तक उस गलास को अपनेबगल म रखे
बैठेरहे.
तमजी भी लखतेह क उ ह नेकभी नेह को शराब पीतेनह ंदेखा. हाँवो सगरेट
ज़ र पया करतेथेऔर वो भी टेट ए स ेस 555 जो क उस ज़मानेका ख़ासा मशहूर
ड होता था.
नेह को लॉड माउंटबेटन क प नी एड वना माउंटबेटन सेइ क था. मशहूर प कार कुलद प
नेह का इ क
6. 8/16/2014 नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..! - BBC Hindi - भारत
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नैयर नेबीबीसी को बताया क जब वो टेन म भारत केउ चायुत थेतब उनको पता
चला क एयर इंडया क लाइट सेनेह रोज़ एड वना को प भेजा करतेथे.
एड वना उसका जवाब देती थींऔर उ चायोग का आदमी उन प को एयर इंडया के
वमान तक पहुंचाया करता था.
नैयर नेएक बार एड वना केनाती लाड रैमसेसेपूछ ह लया क या उनक नानी और
नेह केबीच इ क था? रैमसेका जवाब था, "उनकेबीच आ याि मक ेम था." इसकेबाद
नैयर नेउ ह नह ंकुरेदा. नेह केएड वना को लखेप तो छपेह लेकन एड वना के
नेह को लखेप केबारेम कसी को कुछ भी पता नह ंह.
कुलद प नैयर नेएक बार इंदरा गाँधी सेउन प को देखनेक अनुम त मांगी थी लेकन
उ ह नेउन प को दखानेसेसाफ़ इनकार कर दया था.
एड वना ह नह ंसरोिजनी नायडूक पुी प जा नायडूकेलए भी नेह केदल म सॉ ट
कॉनर था. कैथर न क इंदरा गाँधी क जीवनी म लखती ह क वजयल मी पंडत ने
उ ह बताया था क नेह और प जा का इ क ‘साल ’ चला.
नेह नेउनसेइस लए शाद नह ंक य क वो अपनी बेट इंदरा का दल नह ंदुखाना
चाहतेथे. इंदरा, नेह केजीवनीकार एस गोपाल सेइस बात पर नाराज़ भी हो गई थी
य क उ ह नेनेह के'सेलेटेड व स' म उनकेप जा केलखेेम प का शत कर
दए थे.
इंदरा क ख़ा तर
(चीन सेहार केलए नेह िज़ मेदार)
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टेन केपूव धानमंी च चल केसाथ नेह
1937 म नेह नेप जा को लखा था, "तुम 19 साल क हो
(जब क वो उस समय 37 साल क थीं)... और म 100 या उससे
भी सेयादा. या मुझेकभी पता चल पाएगा क तुम मुझे
कतना यार करती हो."
एक बार और मलाया सेनेह नेप जा को लखा था, "म तुहारे
बारेम जाननेकेलए मरा जा रहा हूँ.. म तुह देखने, तुह
अपनी बाह म लेनेऔर तुहार आँख म देखनेकेलए तड़प रहा
हूँ."(सेलेटेड व स ऑफ़ नेह , सवप ल गोपाल, पृठ 694)
नेह को पालतूजानवर बहुत पसंद थे. एक बार उनकेकुतेसोना
नेएड वना माउंटबेटन का उस समय हाथ काट लया था जब वो
उसेसहलानेक को शश कर रह थीं. नेह को दुःखी मन सेउस
कुतेको धानमंी नवास सेबाहर भेजना पड़ा था.
ुचेव नेएक बार नेह को एक घोड़ा भट कया था. सऊद शाह
नेभी नेह को दो शानदार घो ड़याँभट म द थींिज ह कुछ दन
रखनेकेबाद नेह नेसेना को देदया था.
नेह केपास पंजड़ेम बाघ और तदुए केब चेभी रहा करतेथेजो उ ह म य देश के
कुछ लोग नेभट म दए थे. छह मह नेतक रखनेकेबाद नेह नेउ ह द ल च ड़याघर
भजवा दया था.
जानवर सेलगाव
(53 साल पुरानी वो मुलाक़ात)
8. 8/16/2014 नेह क सादगी, ग़ुसा और आ शक़ ..! - BBC Hindi - भारत
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मथाई नेअपनी कताब 'माई डेज़ वद नेह ' म लखा है, "एक बार नेह बीमार पड़ गए
और पालतूपांडा भीमसा को खाना खलानेकेलए उनकेबाड़ेम नह ंजा पाए. म भीमसा
को घर केदरवाजेपर लेआया. वो सी ढ़याँचढ़ कर नेह केशयन क म पहुंच गया.
मनेनेह को बांस क पि तयाँद िजसेउ ह नेअपनेहाथ सेभीमसा को खलाया और
बहुत ख़ुश हुए."
1964 म 27 मई को पूरेभारत को पता था क नेह मौत सेजूझ रहेह. 'ि ल ज़' के
संपादक सी करंिजया नेअपनेसबसेका बल तंभकार वाजा अहमद अ बास को बुलाया
और कहा क 'नेह कसी भी मनट मर सकतेह. तुह चार घंटेकेअंदर उनक ऑ बट
लखनी है'.
अ बास नेअपनेको एक कमरेम बंद कया. तभी आट वभाग का एक श स आया और
बोला पहलेहेड लाइन ल खए. अ बास नेलखा ‘नेह डाइज़,’ फर लखा, ‘नेह डेड’, फर
लखा ‘नेह नो मोर.’ फर उ ह नेतीन हेडलाइंस को काट दया और नए सरेसेएक
हेडलाइन द . अगलेदन यह ि ल ज़ क हेडलाइन थी.... नेह ल स...!