Women's security is an issue that concerns the electorate in large parts of India. Yet, we do not know what our demands should be politically. Here is a very short introduction.
Women's security is an issue that concerns the electorate in large parts of India. Yet, we do not know what our demands should be politically. Here is a very short introduction.
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िवषय सूची
1. Why vote for Aam Aadmi Party? आम आदमी पाटीर् के िलए वोट क्य ?
वराज (SWARAJ)
2. Bringing an end to Corruption. भ्र टाचार का अंत
3. Devolving Power Directly to the People शासन सीधा लोग के हाथ म स पना
4. Providing Swift, Accessible Justice to the Common Man आम आदमी को शीघ्रता से और सरलता से उपल ध याय प्रदान करना
5. Ensuring Accountable, Humane Policing जवाबदेह, मानवतावादी नीित को सुिनि चत करना
6. Free and Fair Elections, Improving Representation वत त्र और िन पक्ष चुनाव, बेहतर प्रितिनिध व
िशक्षा और वा य (EDUCATION AND HEALTH)
7. Health: Universal Access to all Citizens वा य : सभी नागिरक को िव वभर म पहुँच उपल ध
8. Education for All सबके िलए िशक्षा (घर-घर मे िशक्षा)
अथर् यव था एवं पयार्वरण (ECONOMY AND ECOLOGY)
9. Facilitating Robust Economic Growth with Holistic Well-being िन छल अि त व के साथ व थ और मजबूत आिथर्क िवकास की
सुगमता
10. Creating Decent Jobs and Gainful Employment for our Youth युवाओं के िलए उ तम रोज़गार एवं उपलि धयो से युक्त आजीिवका
जुटाना
11. Simplify Rules, Create Accountable Institutions, Curb Black Economy सुगम िनयम,उ तरदािय वपूणर् सं थाएं, कपटी अथर्- यव था
का दमन
12. Promoting Honest Business, Unleashing Entrepreneurial Energy व छ वािण य एवं यापार, उ यमी उजार् को प्रवािहत करना
13. Empowering Citizens, particularly the Poor and Vulnerable नागिरक सशिक्तकरण- िवशेष प से गरीब एवं असुरिक्षत को सशक्त
बनाना
14. Reinvigorating the Rural Economy ग्रामीण अथर् यव था को ऊिजर्त करना
15. Improving Farmers’ Livelihood िकसानो की आजीिवका को बेहतर बनाना
16. Environment and Natural Resources Policy पयार्वरण एवं प्राकृ ितक संसाधन नीित
17. No Contractualisation of Jobs अनुबंधन मुक्त नौकिरयां /रोज़गार
18. Social Security for the Unorganised Sector असंगिठत क्षेत्र के िलए सामिजक सुरक्षा
19. Protecting the Common Man from Rising Prices बढती हुई कीमत से आम आदमी की रक्षा
सामािजक याय (SOCIAL JUSTICE)
20. Gender Justice िलंग भेद-भाव संबंधी याय
21. Ending Caste-based Inequalities जाितगत असमानताओं का अंत
22. Life Of Dignity to the Valmiki Community वा मीिक समुदाय को गिरमामय जीवन
23. Secularism and Communal Harmony धमर्-िनरपेक्षता एवं सांप्रदाियक मेलभाव (सामंज य, स भाव)
24. Security and Non-discrimination towards Muslims मुसलमान की सुरक्षा और उनके प्रित सद्भाव
25. Adivasis: Taking Charge of Their Own Development आिदवासी: अपने खुद के िवकास की िज़ मेदारी उठाना
26. Empowerment of Persons with Disability िवकलांग सशिक्तकरण
27. Nomadic and De-notified Tribes बंजारा एवं िवमुक्त जाितयाँ
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28. Animal Welfare पशु-क याण
खेल, सं कृ ित और मीिडया (SPORTS, CULTURE AND MEDIA)
29. Sports and Culture खेल एवं सं कृ ित
30. Media Policy मीिडया (संचार-मा यमधारक ) स ब धी नीित
रा ट्रीय सुरक्षा (NATIONAL SECURITY)
31. External Defence बा य सुरक्षा
32. Foreign Policy िवदेश नीित
33. Internal Security आतंिरक सुरक्षा
1. आम आदमी पाटीर् के िलए वोट क्य ?
भारतीय लोकतंत्र आज दोराहे पर खड़ा है . आजादी के ६५ वषर् बाद भी, अभी वराज का सपना पूरा होना शेष है . देश का लोकतंत्र एक
उबाऊ नीरसता म िसमट कर रह गया है, जो हर पाँच वषर् म होने वाले चुनाव , राजनीितज्ञ व द तरशाह के हाथ होने वाली उपेक्षा
और अपमान से जजर्र हो रहा है . राजनीितक पािटर्याँ लोग की आवाज़ को खोज पाने और सब तक पहुँचाने म सहायक होने के बजाय
एक चुनावी यंत्र बन कर रह गई ह . ये यंत्र, पहले मतदाताओं को पकड़ कर उनके आगे झूठे वायद का ‘चारा’ डालते है और बाद म
उ ह ही ‘चारा’ बना कर इ तेमाल करते ह . इसके बाद, धन को स ता म बदलने और िफर स ता से धन बनाने के काम म अगले
चुनाव आने तक िल त रहते ह . राजनीितक पािटर्याँ जनता को ‘सुशासन’ के छलावे मे रखती है लेिकन वह वाय त सरकार का िनदान
नहीं होता . वराज का मतलब मात्र अंग्रेज के शासन से मुिक्त नहीं था . वराज का मतलब है ‘अपना राज’ . लोग का अपनी
िनयित पर िनयंत्रण, अपनी कु शलक्षेम से स बंिधत मामल म िनणर्य लेने का अिधकार, स ता के उपकरण को िनिदर् ट करने का अिधकार
और शासक को उनके काय के िलए उ तरदायी ठहराने का अिधकार .
वराज का ता पयर् है – जनता वारा, जनता के िलए, जनता का शासन, न िक नेताओं और बाबुओं का शासन .
महा मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद बोस, भगत िसंह,अशफाक उ लाह, चंद्र शेखर, रामप्रसाद िबि मल, मंगल पा डे से लेकर लाख शहीद ने
देश की आजादी के िलए जान कु बार्न की . क्या उन लोग ने अपना जीवन इसिलए बिलदान िकया था िक अंग्रेज के बजाय, उनके ही
देशवासी, देश को लूटे ? उन बहादुर वतंत्रता सेनािनय ने एक ऐसे भारत की संक पना की थी िजसका उ लेख हमारे संिवधान की
आमुख (प्र तावना) म िकया गया है -
हम, भारत के लोग, भारत को एक स पूणर् प्रभु व संप न, समाजवादी, धमर् िनरपेक्ष, लोकताि त्रक गणरा य बनाने के िलए तथा उसके सम त
नागिरक को: सामािजक आिथर्क और राजनैितक याय, िवचार, अिभ यिक्त, िव वास, धमर् और उपासना की वतंत्रता, प्रित ठा और अवसर
की समता, सबम प्रा त करने के िलए, तथा उन सब म, यिक्त की गिरमा एवं रा ट्र की एकता एवं अखंडता सुिनि चत करने वाली बंधुता
बढ़ाने के िलए ढ़ संक प होकर अपनी इस संिवधान सभा म आज तारीख २६ नव बर १९४९ को एत वारा इस संिवधान को अंगीकृ त,
अिधिनयिमत और वयं को इसके िलए अिपर्त करते ह .
यह प्र तावना हमारे सपने को, आम भारतीय के सपने को विणर्त करती है . यह लोकतंत्र का, सामािजक याय का, धमर्िनरपेक्षता और
संप्रभुता संप न भारत का सपना है . संिवधान की प्र तावना एक िन पक्ष समाज का वचन देती ह . यह वतंत्रता,समानता और भाई-चारे
का वायदा है . यह वायदा आज तक पूरा नहीं हो पाया है . आज हमारा भारत तीन खतर का सामना कर रहा है : भ्र टाचार,
स प्रदायवाद और सांठ-गांठ का पूंजीवाद . ये खतरे हमारे देश की संरचना (ढाँचे) को और आम आदमी के जीवन को न ट कर रहे
ह . आज इन सम याओं के समाधान के िलए देश के लोग को एकजुट होने की ज़ रत है . ‘आम आदमी पाटीर्’ राजनीितक शिक्त को
भारत के लोग के हाथ म वािपस लाने के िलए, नीितय को आम आदमी के पक्ष म, आम आदमी के राय-मशिवरे से बनाने के िलए
किटबद्ध है िजससे आम जनता, भ्र टाचार, स प्रदायवाद और सांठ-गांठ का पूंजीवाद जैसे खतर से मोचार् ले सके .
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‘आम आदमी पाटीर्’ कोई ऎसी-वैसी पाटीर् नहीं है, यह वो पाटीर् है जो रामलीला मैदान और जंतर-मंतर के संघषर् से ज मी है . यह यहाँ
पर िसफ़र् चुनाव लडने नहीं आई है बि क यह तो खेल के िनयम बदलने आई है . यह देश की राजनीित के कु प चेहरे को बदलने आई
है . यह सरकार और जनता के स ब ध को पांतिरत करने आई है . यह यहाँ पर सच म ‘सरकार को लोग का बनाने’ आई है . यह वो
पाटीर् है, जो भारत के हर आम पु ष और मिहला के ि टकोण को, यथाथर् को, साथ लेकर आई है . यह पाटीर् वो पाटीर् नहीं है, जो कहती
है – ‘म आपकी सारी सम याएं सुलझा दूंगी’. इसका येय है – ‘ वराज’ यानी ‘आप का शासन’ मतलब िक यह शासन को आपके हाथ
म लौटाना चाहती है , िजससे आप वयं अपनी सम याओं का िनदान खोज सके , खुद उनका समाधान िनकाल सके .
वराज
2. भ्र टाचार का अंत
जनलोकपाल िबल :
जनलोकपाल एक वत त्र, सशक्त और जवाबदेह प्रशासिनक िशकायत जाँच अिधकारी/ लोकपाल के प म संकि पत िकया गया, जो
वत त्र प से,िव वसनीयता के साथ और िबना िकसी देरी के अिवल ब सरकारी कमर्चािरय के भ्र टाचार संबंधी अपराध की जाँच करे .
जब िक यू.पी.ए. सरकार ने प्रगट प से लोकपाल िबल पास िकया जो िक दंतहीन यानी अप्रभावी िबल है . जो भ्र टाचार से सबलता से
नहीं लड़ सके गा . इसिलए आ.आ.पा. एक सु ढ़ भ्र टाचार िवरोधी कानून, ‘जनलोकपाल िबल’ लाने के िलए किटबद्ध है . इस िबल म
िन निलिखत बात का प्रावधान होगा :
के द्रीय सरकार के सभी जनािधकारी,(िजनम प्रधानमंत्री, के द्रीय मंत्री और सांसद भी शािमल ह गे) ‘लोकपाल’ वारा की जाने वाली
जांच पडताल के दायर म आयेग . के द्रीय सरकार के जनािधकािरय को अपनी संपि त की वािषर्क िरपोटर् देनी होगी . यिद संपि त
की कोई भी चीज़ घोिषत होने से रह जायेगी, तो वह ज़ त कर ली जायेगी .
कोई भी सरकारी अिधकारी यिद भ्र टाचार का दोषी पाया गया तो, वह अपने पद से हटा िदया जायेगा और उसे कारावास की सज़ा
िमलेगी . संपि त की ‘अघोषणा’ ज़ त िकए जाने का आधार बनेगी .
भ्र टाचार के मामल म िनधार्िरत समय सीमा म जांच-पडताल और सुनवाई होगी .
लोकपाल को भ्र टाचार के आरोिपयो के िखलाफ़ जांच जारी करने और कानूनी कायर्वाही करने का अिधकार होगा . संगठन के पास
प्रशासिनक, राजकर संबंधी और जाँच की वाय तता होगी . सी.बी.आई पर लोकपाल का शासकीय अिधकार और िनयंत्रण होगा
िजससे िक ‘जाँच प्रशासन’ सरकार से अलग वाधीन ि थित म होगा .
नागिरक का शासन-पत्र (चाटर्र) के द्र के सभी सरकारी कायार्लय म िदया जायेगा . इस शासन-पत्र म सरकारी अिधकािरय की
िनधार्िरत सीमा म दी जाने वाली उन अनेक प्रकार की सेवाओं का लेखा-जोखा होगा, जो वे नागिरक को दगे . िशकायत िनवारण
प्रणाली पेश की जायेगी और नागिरक का शासन-पत्र से स बंिधत िकसी भी तरह का उ लंघन दंडनीय होगा .
’भ्र टाचारी’ के िखलाफ़ सचेत करने वाले (मुखिबर) को पूरी सुरक्षा प्रदान की जायेगी तथा यायपूणर् यव था म योगदान हेतु उसे
पुर कृ त भी िकया जायेगा .
वराज िबल :
आ.आ.पा. वराज िबल को कानूनी प देगी जो ‘ग्राम सभा’ और ‘मौह ला सभा’ को अिधकार ह तांतिरत करेगा और इस तरह भ्र टाचार
का थानीय तर पर दमन करेगा . वराज िबल के बारे म िव तार िन निलिखत अनुभाग म उपल ध है ;
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1) सरकारी प्रिक्रया का सरलीकरण - अिधकतर सरकारी प्रिक्रयाएं अनावा यक प से जिटल ह और भ्र टाचार के अवसर प्रदान
करती ह. समूची सरकारी प्रिक्रया को सुगम बनाने का गंभीर प्रयास िकया जायेगा .
2) सूचना तकनीक का प्रयोग - हम सूचना तकनीक के प्रयोग को प्रो सािहत करेग िजससे पारदिशर्ता आए तथा सरकारी कम-काज
म भ्र टाचार घटे .
3. वराज : शासन सीधा लोग के हाथ म स पना
‘आम आदमी पाटीर्’ िसफ़र् सरकार बनाने के िलए ही नहीं,बि क मूलभूत प से शासन- यव था को पांतिरत करने के िलए चुनाव लड़
रही है . हमारी यह ढ धारणा है िक लोग को िनणर्य लेने का अिधकार होना चािहए और सीधा उ ही के वारा िक्रयाि वत होना चािहए
. हमारी ‘ वराज’ की संक पना म भारत का प्र येक नागिरक िनणर्य ले सके गा, जो उनके जीवन को प्रभािवत करेगा . लोग िनणर्य लेग
और चयिनत प्रितिनिध उनको िक्रयाि वत करेग . जीवन मे ‘ वराज’ के व न को साकार करने के िलए ज़ री है िक िनणर्य लेने के
अिधकार ‘ग्राम-सभा’ और ‘मौह ला सभा’ को िदए जाएँ . हम वराज िबल को िन निलिखत प्रावधान के साथ पािरत करायेगे :
1) प्र येक ‘ग्राम-सभा’ और ‘मौह ला-सभा’ को अपने क्षेत्र म िवकास संबंधी काय के िलए प्रितवषर् संयुक्त धनरािश दी जायेगी,
िजसे वे अपनी प्राथिमकताओं और आव यकताओं के अनुसार इ तेमाल कर सके गीं . ग्राम-सभा (या मौह ला-सभा) यह िनि चत
करेगीं िक िकस तरह और कहाँ धनरािश का सदुपयोग िकया जायेगा . जैसे उदहारण के िलए, ज़ रत की कोई खास सडक
बनवाना, िव यालय म मर मत करवाना, दवाखाना खुलवाना,वषार् जल का संचयन आिद, आिद .
2) सरकार वारा िकए गए िकसी भी काम के िलए धन रािश का भुगतान तभी िकया जायेगा, जब ‘ग्राम-सभा’ और ‘मौह ला-सभा’
िकए गए काम से संतु ट होगीं .
3) जब थानीय राशन की दुकान पर, अिनयिमतताएं और िकसी भी तरह का अनाचार पाया जाएगा तो, ‘ग्राम-सभा’ (या
मौह ला-सभा) िवतरक का लाइसस र करने के िलए और नए िवतरक को लाइसस देने के िलए अिधकृ त होगी
4) ‘ग्राम-सभा’ (या मौह ला-सभा) को जो धन-रािश आवंिटत की जायेगी, उसम से उसे अपने क्षेत्र के िलए िकसी भी तरह की
योजनाएं बनाने के िलए वाय तता होगी .
5) ग्रामीण और शहरी इलाक म लोग के सभी प्रमाण-पत्र (जैसे, ज म, मृ यु, जाित, आय प्रमाण-पत्र आिद) ‘ग्राम-सभा’ (या
मौह ला-सभा) सिचवालय म िनगर्त िकए जायेगे . इन बुिनयादी सेवाओं के िलए लोग को तहसीलदार के कायार्लय म िर वत
देने से मुिक्त िमलेगी .
6) ‘ग्राम-सभा’ (या मौह ला-सभा) को इस बारे म िनणर्य लेने का अिधकार होगा िक उनके गाँव या मौह ले म शराब की दुकान
खुले या न खुले . उ हे अपने गाँव या मौह ले म शराब की दुकान को बंद करने का भी अिधकार होगा . िकसी भी ‘ग्राम-
सभा’ (या मौह ला-सभा) के इस िनणर्य पर सहमित के िलए, कम से कम ५०% मिहलाओं की िनिदर् ट संख्या अपेिक्षत होगी .
7) ‘ग्राम-सभा’ (या मौह ला-सभा) थानीय सरकारी िव यालय और प्राथिमक वा य के द्र के काय और गितिविधय का
अनुवीक्षण और िनरीक्षण करेगीं .
8) सरकारी योजनाओं से लाभाि वत लोग जैसे - िवधवा पशन, वृद्धाव था पशन आिद,आिद की ‘ग्राम-सभा ‘ (या मौह ला-सभा)
वारा सूची बनाई जायेगी .
9) ‘ग्राम सभा’ (या मौह ला-सभा) म िनिदर् ट संख्या िसफ़र् अंक म ही नहीं होगी, बि क अिधकारहीन समुदाय की यूनतम
उपि थित पर आधािरत होगी . सामिजक याय लोकपाल सं था की रचना ‘ग्राम-सभा’ (या मौह ला-सभा) के िनणर्य और
कायर्, वैधािनक और संवैधािनक ढांचे के अंतगर्त ह िक नहीं और वे िकसी भी समूह या समुदाय के िव द्ध भेदभाव तो नहीं
कर रही, यह सुिनि चत करेगी .
10) कु छ ही वष म जब ‘ग्राम सभा’ (या मौह ला-सभा) की कायर् प्रणाली अ छी तरह थािपत हो जायगी, तो िवधान प्रिक्रया म
उनकी भागीदारी की संभावना पर िवचार िकया जाएगा . उन िवषय की एक सूची बनाई जायेगी िजन पर ग्राम-सभाओं का
राय-मशिवरा अिनवायर् होगा . उ ह कानून बनाने की शु आत करने का अिधकार भी िदया जायेगा, िजस पर बाद म रा य
िवधान सभा और संसद िवचार करेगीं .
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4. आम आदमी को शीघ्रता और सुगमता से याय िदलाए जाने की यव था :
आ.आ.पा. यह सुिनि चत करने के िलए ढता से समिपर्त है िक आप आदमी को अिवल ब, िन पक्ष, वहन करने योग्य और जवाबदेह
याय यव था िमल . व तर्मान याियक यव था के प्रमुख मु े है - याय प्राि त का आम आदमी की पहुँच के बाहर होने का कारण है
अ)प्रिक्रया की िवषमताएं और अदालत व याियक ढांचे से आम आदमी की भौितक दूरी,
अ) फै सला सुनाने म अ यिधक देर करना,
आ) कमज़ोर अवसंरचना, िशिथल मानव संसाधन, िकराए पर लेने की मांग करने वाला यवहार, और
इ) संवेदनशीलता की कमी, संभ्रांतवादी मानिसकता तथा यायाधीश वारा आम आदमी की सम याओं को समझने का अभाव .
इस िदशा म आ.आ.पा. -
(आ.आ.पा.) ग्राम अदालत की उिचत संख्या तैयार करेगी, िजनकी प्रिक्रया बहुत सुगम और सरल होगी . जबिक २००८ के अिधिनयम ने
इस पिरक पना को प्रार भ िकया था, िक तु ग्राम अदालत असरदार याय देने वाली इकाई न बन सकी . आ.आ.पा. यह सुिनि चत
करने के िलए वचनबद्ध है िक छोटे-छोटे मुकदम, जो आम आदमी के जीवन को गित से प्रभािवत करते है, इस बात को यान म रखते
हुए - वे (ग्राम यायालय) उनके बारे म कायर्वाही करेग.
(आ.आ.पा.) प्रिक्रया (जैसे िक सी.पी.सी., सीआर.पी.सी प्रमाण अिधिनयम) अविध अिधिनयम कायर्िविधक कानून को सुगम बनायेगी -
1. रा य तर और रा ट्रीय दोन तर पर ‘ याियक िनयुिक्त आयोग’(JAC) गिठत करेगी, िजससे िनचली और उ च अदालत के
यायाधीश की िनयुिक्तय की प्रिक्रया पारदशीर् बन सके .
१) (आ.आ.पा.) इसे अिनवायर् आव यकता बनाएगी (मूलभूत ‘जनलोकपाल’ िसद्धांत के अनु प) - यायाधीश की संपि त का पूरा
खुलासा, उसकी घोषणा और अघोिषत संपि त का ज़ त िकया जाना;
२) (आ.आ.पा.) हर तर की यायपािलका के तहत ‘गितशील अदालत’ थािपत करेगी .
३) (आ.आ.पा.) पाँच वष म अदालत और याियक शिक्त की संख्या दुगुनी करेगी .
४) (आ.आ.पा.) क यूटीकरण सिहत अदालत की व तर्मान अवसंरचना की अिधक सक्षमता के िलए, उ ह बेहतर बनाएगी ..
5. मानवीय एवं उ तरदािय वपूणर् यव था की सुिनि चतता:
आज आम आदमी, ‘पुिलस’ को सुरक्षा देने वाले बल के प म नहीं, बि क दमन और उ पीडन के प म देखता है . पुिलस अपनी ि थित
िनधार्रण म, मूलभूत प से जनता-िवरोधी औपिनवेिशक सं था के प म बनी हुई है, मानो शासन पद्धित की िव तािरत और अक्सर
मनमानी करने वाली शाखा . वराज का ल य पुिलस को ‘जन-िमत्र’ बनाने के िलए मूलभूत िदशा िनदश मांगता है . इसिलए ‘पुिलस बल’
म लाए जाने वाले सुधार का ल य होना चािहए - लोग के प्रित अिधक जवाबदेह होना, यावसायीकृ त होना, राजनीितक दु पयोग से
मुक्त अिधक वाय त होना, (अनाव क) अिधकार से अलगाव,बेहतर प्रिशक्षण और खुद पुिलस के िलए काम करने के वातावरण का
मानवोिचत होना .
1. पुिलस को राजनीितक अिधशासन के दु पयोग से अलग करके , काम करने की वाय तता प्रदान करते हुए
2. पुिलस सुधार पर सुप्रीम कोटर् के फै सले का लागू िकया जाना,
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3. थानीय ‘ग्राम-सभा’ (या मौह ला-सभा) के प्रित पुिलस की जवाबदेही, कानून और यव था को बनाये रखने के िलए अलग से
अिधकार तथा पुिलस के अलग-अलग दो ख ड म जाँच-पडताल . पुिलस की िहरासत म रखे जाने का अिधकार ख म कर
िदया जाना चािहए . हर तरह की िहरासत िसफ़र् याियक होगी और िकसी भी तरह का जवाब-तलब भी याियक िहरासत म ही
िकया जायेगा .
4. िकसी भी पुिलस अिधकारी वारा िशकायत (एफ.आई.आर.) दज़र् करने की मनाही, दंडनीय अपराध माना जायेगा .
5. पुिलस के जनता से संपकर् साधने के क्षेत्र म वीिडय य व था सुिनि चत करके , पुिलस के कायर्-संपादन म अिधक पारदिशर्ता
लाई जायेगी . जांच अिधकारी वारा आरोपी से जवाब-तलब भी वीिडय के तहत होगा .
6. पुिलस कमर्चािरय के प्रितिदन काम करने के घंटे, आठ घंट से अिधक न ह , िन पक्ष, पारदशीर्, और पहुँच के अंदर ‘िशकायत
िनवारण यव था’ का प्रबंध होगा तथा कमचार्री, मुखिबर की सुरक्षा की यव था का लाभ प्रा त कर सके गा . पुिलस कमर्चारी
का, उ च पुिलस अिधकारी के घर पर अदर्ली या पहरेदार की तरह इ तेमाल िकया जाना ख म कर िदया जाएगा . इस तरह
पुिलस कमर्चािरय की काम करने की दशाओं को बेहतर बनाया जाएगा,
7. बड़ी मात्रा म ‘पुिलस बल’ का वी.आई.पी. सुरक्षा के िलए प्रयोग का िवरोध िकया जायेगा .
8. पुिलस कमर्चारी की िनयुिक्त तरीय और पारदशीर् ढंग से की जाएगी िजससे भ्र टाचार और पक्षपात की संभावनाओं को दूर
िकया जा सके . पुिलस कमर्चारी वारा िकए गए उ तम काय के िलए पुर कार की प्रिक्रया सं थागत होगी .
6. वत त्र और िन पक्ष चुनाव, बेहतर प्रितिनिध व :
हालांिक हमारे देश म तथाकिथत वतंत्र और िन पक्ष चुनाव इन श द के नाम मात्र के अथर् म उपल ध है, राजनीितक प्रितिनिध व की
प्रणाली नागिरको को अथर्पूणर् और सारपूणर् चयन प्रदान नही करती और न ही यह राजनीितक प्रित पद्धार् के िलए बराबर का खेल खेलने
को मैदान प्रदान करती है. हम ऐसे िविवध प्रकार के दूरगामी राजनीितक सुधार की आव यकता है, जो लोकतांित्रक उ थान को गहरा कर
और साथ ही ‘ वराज’ के आदशर् (मॉडल) के तालमेल म भी हो. इसके िलए ‘आम आदमी पाटीर्’ िन निलिखत कदम उठाएगी -
1. चुनाव आयुक्त बहु-सद यीय संवैधािनक कमेटी वारा िनयुक्त िकये जाने चािहए . चुनाव आयोग को इसके वे िविवध अिधकार िदए
जाने चािहए, िज ह वह अपनी वाधीनता के िलए माँगता आ रहा है . साथ ही, िनयम बनाने का तथा आयोग को प्र यािशय
वारा िदए गए शपथ पत्र (हलफनामे) की जाँच का अिधकार िदया जाना चािहए .
2. काला धन राजनीितक पािटर्य के िलए कठोर प्रकटीकरण िनयम वारा, कर-िववरण के सख्त सू म िनरीक्षण वारा, यिक्तगत
योगदान पर अंितम सीमा और कु ल सारे यय पर ‘वा तिवक सीमा’ वारा प्रितबंिधत िकया जाना चािहए .
3. राजनीितक पािटर्य को सूचना और संचार मा यम पर समान पहुँच दी जानी चािहए . संचार मा यम की तोड़-मरोड जैसे िक उ ह
धन-रािश देकर, अपने बारे म मनचाही बाते जनता तक पहुँचवाना, असीिमत मीिडया िवज्ञापन और स ताधारी पाटीर् के प्रचार के िलए
जनता के धन का दु पयोग करने पर िनय त्रण िकया जाना चािहए .
4. राजनीितक पािटर्य का आतंिरक कायर्-संपादन यह सुिनि चत करने के िलए िनयंित्रत िकया जाना चािहए िक वे आधारभूत
प्रजातांित्रक प्रिक्रया का अनुसरण करती ह या नहीं, ‘सूचना के अिधकार’ के तहत पारदिशर्ता के िनयम अपनाती ह िक नहीं, संिवधान
वारा सं तुत लेखा-परीक्षक (ऑिडटर) से अपने खाते िनरीिक्षत करवाती ह िक नहीं.
5. चुनाव प्रणाली की प्रितिनिध वता को बेहतर बनाने के िलए, व तर्मान ‘जो यादा मत पाया वह जीता’ प्रणाली समानुपाितक
प्रितिनिध व वारा पूरक बनाई जानी चािहए .
6. ‘अ वीकृ त करने का अिधकार’ एवं ‘िफर से बुलाने का अिधकार’ के प्रावधान प्रार भ होने चािहए .
7. देश की राजनीितक प्रिक्रयाओं और गितिविधय म युवक की भागीदारी बेहतर बनाने के िलए, चुनाव लडने वाल की यूनतम आयु
सीमा २५ से २१ तक की जानी चािहए .
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वा य एवं िशक्षा :
7. वा य : सभी नागिरक को िव वभर म पहुँच उपल ध
भारत की जन- वा य यव था संकट म है . आम आदमी की अ छे िक म की वा य सुिवधाओं तक पहुँच नहीं है, और एक गंभीर
बीमारी आदमी को गंभीर आिथर्क संकट म डाल सकती है . ‘आम आदमी पाटीर्’ यह सुिनि चत करने हेतु कमर कस के प्रयासरत है .
इस देश के प्र येक नागिरक को ऊं चे िक म की वा य सुिवधाएं उपल ध होनी चािहए, चाहे वे गरीब ह या अमीर, इसके िलए
आ.आ.पा. -
1. एक एक यापक प से लागू िकया जाने वाला कानून – ‘ वा य की देखभाल का कानून’ बनायेगी िजससे सभी गरीब-अमीर
नागिरक की उ च िक म की वा य सुिवधाओं तक पहुँच हो सके . यह ‘िशक्षा के अिधकार के साथ-साथ शु िकया
जायेगा .
2. (आ.आ.पा) धनरािश, काय और कायर्कतार्ओं का थानीय सरकार के उिचत तर पर िवके द्रीकरण करके उपभोक्ताओं के प्रित
जन- वा य यव था की िज़ मेदारी और जवाबदेही को बेहतर बनाएगी .
3. (आ.आ.पा) िनि चत करेगी िक सभी ज़ री दवाईयां िनयिमत प से जन- वा य सुिवधाओं के अंतगर्त उपल ध ह , और लोग
को िन:शु क िमल . आ.आ.पा. प्रा त को थोक म ‘जेनेिरक’ दवाइय की खरीद के िलए पारदशीर् ‘प्राि त प्रणाली’ अपनाने के
िलए प्रेिरत करेगी .
4. िनजी वा य सेवाएं देने वाल की जवाबदेही को, प्राइवेट अ पताल वारा रोिगय के अिधकार , िविवध दवाओं की कीमत और
सेवाओं के मू य को िलिखत प से वा य के द्र पर लगा कर बेहतर बनायेगी . यह भी सुिनि चत करेगी िक सरकार वारा
आिथर्क सहायता प्रा त िनजी वा य सेवा के द्र, आम आदमी के प्रित अपने वचन का स मान करते हुए, उसे पूरी तरह
िनभाए .
5. ‘आयुष’ (AYUSH - आयुवद, योग एवं प्राकृ ितक िचिक सा, यूनानी, िसद्धा और हो योपैथी) और थानीय पारंपिरक वा य
िनदान, जन- वा य के िलए मह वपूणर् भूिमका िनभाये . इन औषिधय की पद्धितय म शोध हेतु बड़े जनसमुदाय का िनवेश
िकया जाए. यानी जनता इन िचिक सा पद्धितय को अिधक से अिधक अपनाए .
6. यह सुिनि चत करना िक प्राथिमक वा य के द्र पर सभी िरक्त थान भर चुके ह िक नहीं . नीचे से पहली पंिक्त म सामने
आने वाले कमर्चािरय को अ छी तरह से प्रिशिक्षत वगर् के प मे िवकिसत करके , मानव संसाधन म िनवेश करना .
.
8. सबके िलए िशक्षा :
भारत की ‘सरकारी कू ल पद्धित’ दयनीय ि थित म बनी हुई है और आम आदमी सरकारी िशक्षा के अलावा, उ तम िक म की िशक्षा को
वहन नहीं कर पाता . इस पृ ठभूिम के िव द्ध आ.आ.पा. - िजसके िलए आिखरी आदमी की ‘कु शल-क्षेम’, उसकी नीित और राजनीित के
िलए ‘कसौटी’ के समान है, समाज के सभी वग के िलए सच म यायसंगत प से पहुँच के अंदर प्रावधान को सुिनि चत करने की
अपनी प्रितबद्धता को पुि ट करती है . इसके िलए आ.आ.पा. -
1. सभी ब चो के िलए चाहे वे उसकी फीस दे पाए या न दे पाये, ऊं चे तर की िशक्षा तक ‘पहुँच का’, रा य वारा प्रावधान करायेगी .
उिचत बजट के आवंटन, प्रशासक एवं अ यापक की भतीर् और क्षमता िनिमर्ित के वारा जन-िशक्षा पद्धित को सशक्त बनायेगी .
9. 9
2. कु ल नामांकन, अनु तीणर् होने वाल छात्र की सूची, उ तम िशक्षा, िव यालय म भेदभाव का अभाव तथा आगे उ च िशक्षा तक
पहुँच की सुिवधाओं आिद को सुिनि चत करके , लडिकय , पहली पीढ़ी के िशक्षािथर्य , गरीब पिरवार और सामािजक प से िपछड़े
समुदाय के छात्र के िलए िवशेष प्रावधान उपल ध कराएगी .
3. िव यालय और अ यापक की ‘ग्राम-सभा’ या ‘मौह ला सभा’ को जवाबदेही के साथ िव यालय के प्रबंधन, स दभर् युक्त पा यक्रम
बनाने म थानीय लोगो को संलग्न करेगी,
4. संदभर् युक्त प्रासंिगक पा यक्रम, जो लोकतंत्र, धमर्िनरपेक्षता, यायसंगतता और िन पक्षता और साथ ही, भारत की अनेक सं कृ ितय
और जीवन शैिलय के लोकाचार म उतरा हुआ होगा, उसे किद्रत करेगी .
5. िशक्षा पद्धित, पिरणाम को किद्रत करने वाली होगी, न िक िनवेश (इनपुट) को . (आ.अ.पा.) िशक्षा के पिरणाम को किद्रत करने के
िलए िजला सं थान िशक्षा एवं प्रिशक्षण और रा य पिरषद शैिक्षक शोध एवं प्रिशक्षण मे सुधार लाएगी और ‘अ यापक िशक्षा
प्रणाली’ को भी पुनिनर्िमर्त करेगी .
6. (आ.अ.पा.) समुिचत क्षितपूितर् के िलए, िनरंतर प्रिशिक्षत और उ तरदािय व से काम करने वाले प्रिशिक्षत अ यापक को पयार् त
संख्या म पारदशीर् चयन प्रिक्रया वारा थायी प से िनयुक्त करेगी .
7. यावसाियक प्रिशक्षण के िलए अिधक से अिधक संख्या म तकनीिक प्रिशक्षण सं थान थािपत करेगी . तकनीिक िशक्षा प्रा त छात्र
को प्रेिरत करेगी और अवसर देगी िक वे अपना खुद का यवसाय थािपत कर .
8. िव यालय के पा यक्रम म यावसाियक और शैिक्षक िशक्षा का सम वयन िकया जायेगा . उ च िशक्षा म भी यावसाियक िडिग्रय
को समथर्न िदया जायेगा . उ ह िवकास की ओर ले जाया जाएगा . जनता वारा आिथर्क प से पोिषत उ च िशक्षा को खासतौर से,
गुणव ता को बढ़ाने पर सरकार वारा बड़ी आिथर्क सहायता िदलाई जायेगी .
9. आई.आई.टी., ऐ स, आई ए.एस.ई.आर. जैसे जनता वारा आिथर्क प से पोिषत, वैि वक तर के अनेक उ च िशक्षा सं थान यह
सुिनि चत करने के िलए थािपत कराये जायेग िक देश के प्रितभाशाली छात्र चाहे वे िकसी भी पृ ठभूिम से ह , उ च िशक्षा प्रा त
कर सक .
10. १०) (आ.आ.पा) उ च िशक्षा सं थान म स पोषण के द्र थािपत करके , उ यम के िलए ऊ च िशक्षा को रोज़गार के अवसर से
जोड़ेगी .
11. िद ली िव विव यालय म अप्रजातांित्रक तरीके से शु िकए गए चार वषीर्य नातक कायर्क्रम को पीछे खदेडेगी. .
अथर् यव था एवं पयार्वरण:
आ.आ.पा. भारत के िलए एक प्रभावशाली, यायसंगत और पयार्वरण वारा बनी रहने वाली ‘अथर् यव था’ को पोिषत करने वाले ,
संतुिलत िवकास मॉडल की पिरक पना करती है, जहाँ -
मूलभूत ज़ रते जैसे - भोजन, आवास, िशक्षा, वा य, िबजली, पानी, शौचालय तथा अ य मूलभूत सुिवधाएँ प्र येक यिक्त की
पहुँच म होगी .
िकसान संप न और समृद्ध ह गे और अपनी आजीिवका को सुरिक्षत रख सके ग .
युवाओं को जीिवका की सुिनि चतता होगी और उ ह उपलाि धपरक रोज़गार िमलेगा .
इमानदारी से भरपूर उ यम /उ योग को प्रो सािहत िकया जायेगा और वे सिक्रय बनेग .
10. 10
लोग सशक्त होगे और अपनी समुिचत साम यर् को अनुभूत कर सके ग .
कानून- यव था िबना िकसी प्रभु व के लागू होगी तथा िववाद शीघ्राितशीघ्र सुलझाये जायेग .
मानवीय और पयार्वरण स ब धी पूंजी िनरंतर समृद्ध होगी .
‘कर-पद्धित’ सरलता, िनि चतता और पारदिशर्ता पर आधािरत होगी
एक िन पक्ष नीित के तहत पयार्वरण, सहभािगतापूणर्, पारदशीर्, उ तरदािय वपूणर् सं थाओं वारा समिथर्त होगा
आ.आ.पा अपनी आिथर्क संक पना को, अपनी राजनीितक आ थाओं से सृिजत करती है, िजसकी जड़े िवके ि द्रत प्रशासन, पारदिशर्ता,
उ तरदािय व और यायसंगतता म ह . इसका िव वास है िक भारत एक िविश ट िवकास मॉडल के प म िवकिसत होकर उभरेगा, जो
भारत के नागिरको की आकांक्षाओ, इसकी जिटलताओं और मानदंडो को चुनौती देने वाला होगा . यह मॉडल िनरंतर उ तम और उ कृ ट
होता जायेगा क्य िक आ.आ.पा. भारतीय की नीित िनधार्रण प्रिक्रया एवं प्रमाण आधािरत जानकारी के बढ़ते हुए यापक प्रितिनिध व को
शािमल करने म िव वास करती है . आ.आ.पा खुले िदलो-िदमाग से पावन व िन छल ि टकोण म आ था रखती है, जो अंतदशीय और
अंतरार् ट्रीय िव तीय शासन म पर परािन ठ िवचारधारा से बंधा हुआ नहीं है . न ये वाम है और न दिक्षण, यह हर उस नए और पुराने
उ तम िवचार का समथर्न करेगी, जो भारत के िहत म होगा . इस सबके ऊपर, आ.आ.पा की आिथर्क नीित हमेशा भारतीय संिवधान के
‘रा य के नीित िनदशक िसद्धांत’ से प्रेिरत होगी .
जैसे िक आज भ्र टाचार, सांठ-गांठ का पूंजीवाद, कु -शासन, उवर्रक अथर् यव था मे िनवेश का अभाव, इन सब बुराईय के एकसाथ िमल
जाने से, इसने भारतीय अथर् यव था की वृिद्ध और िवकास को प्रभािवत िकया है . मुख्य धारा की राजनीितक पािटर्याँ, िज ह ने आज़ादी
के बाद से, इस देश पर िपछले ६६ वष से शासन िकया है, उनके पास देश की सम याओं के समाधान के िलए नए िवचार और
ताज़गी भरी सोच नहीं है . वे उसी पुरानी, भ्र टाचार और अप्रभावी सामािजक यय (खचर्) से युक्त, अनुिचत और यायिव द्ध वृिद्ध की
िव तीय कायर्-सूची का प्रितिनिध व करती ह . अनेक सामिजक योजनाओं पर भारी धन रािश िबना िकसी जवाबदेही और सकारा मक
पिरणाम के खचर् की जा रही है . आज देश व तर्मान भ्र ट आिथर्क नीितय का िनदान खोज रहा है . आ.आ.पा इस प्रतीिक्षत आिथर्क
कायर्सूची के िनदान को प्रतुत करेगी . व छ, खुला और पारदशीर् शासन आ.आ.पा की आिथर्क कायर्सूची के के द्र म ह . ‘साफ-सुथरा
और असरदार शासन’ आिथर्क यव था के दूरगामी थाई िवकास का श आती िबंदु होगा .
आ.आ.पा. यायसंगत और कायम रहने वाले आिथर्क िवकास मे िव वास करती है . वह सांठ -गाँठ के पूंजीवाद के िखलाफ है . इसके ही
कारण आज देश को घुटने टेकने पड़े ह . आ.आ.पा इस सांठ -गाँठ के पूंजीवाद को िमटाने के िलए अपेिक्षत कदम उठाएगी . एक देश
के प म, हम पूँजी के िवकास और िव तार की उपलि ध को किद्रत करना होगा, जो पिरणाम व प लाख रोज़गार देगी, सरकार
सामािजक दािय व और कतर् य के खच उठाने के िलए संसाधन पैदा करेगी . रोज़गार पैदा करना आ.आ.पा. की आिथर्क नीितय का
प्राथिमक ल य होगा और इससे वह ईमान से भरपूर यापार और उ योग को प्रो नत करेगी .
9. िन छल अि त व के साथ व थ, मजबूत और सुगम आिथर्क िवकास :
आ.आ.पा. की नीितयां भारत को एक थाई, यायसंगत, वैि वक प से प्रित पधार्परक एवं उ च िवकास के प्रक्षेप पथ पर लाना चाहती
है . आ.आ.पा. का िव वास है िक गितशील, मज़बूत, दुबर्ल और यायिव द्ध अथर्- यव था समाज वारा कायम नहीं की जा सकती.
इसिलए आ.आ.पा. की िवकास की अवधारणा आम आदमी की ज़ रत , दक्षताओं, संसाधन और आकांक्षाओं के सामंज य म होगी.
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1. आ.आ.पा. की नीितयां हर नागिरक को उसकी ज़ रत के इस क्रम - रोटी, कपड़ा और मकान से लेकर सुरक्षा, गिरमा, और
यिक्तगत क्षमता व साम यर् म, ‘सघन पूणर्ता’ प्रा त करने के ल य को सशक्तता से साधेगी.
2. आिथर्क और पयार्वरण संबंधी नीितय को समि वत करके , बीतते समय के साथ उनम उ तरो तर िनर तरता
3. बनाए रखते हुए, भावी पीढी की योग्यता के साथ समझौता िकए िबना, कु शलक्षेम को अिधक से अिधक िवकिसत करेगी.
4. गितशील अथर् यव था और अवसंरचना िवकास म प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी सुिनि चत करने के िलए शहरी और ग्रामीण
दोन क्षेत्र मे िव व तर की अवसंरचना तैयार करेगी.
10. युवाओं के िलए उ तम रोज़गार एवं उपलि धय से युक्त आजीिवका जुटाना :
व तर्मान भय पद बेरोजगारी के अलावा, सभी आयु वालो मे फै ला अ परोज़गार चेताने वाला है . भारत म १२ िमिलयन युवा प्रितवषर्
नौकिरयां खोजते ह .
1. आ.आ.पा. उन अथर् नीितय के मा यम से जनसंख्या संबंधी लाभांश को िनकालने के िलए प्रितबद्ध है िजससे युवको और युवितय
को कृ िष, माल उ पादन और अ य सेवाओं वाले, ईमानदारी से युक्त उ यम म उ तम रोज़गार और आजीिवका के अवसर िमलेग.
2. आ.आ.पा. यिक्त और देश, दोन के िवकास और उ थान के िलए, आजीवन जानकारी और प्रभावी तकनीक की प्रितभा के
अवसर को वहन करने के िलए प्रयास रत रहेगी .
3. आ.आ.पा. ईमानदार उ योग प्रित ठान को प्रो नत एवं प्रो सािहत करके रोज़गार जुटाने पर अपने को किद्रत करेगी : यह भ्र टाचार
को कम करके तथा अ यिधक लाइसस व िनयम की यव था को सरल बना कर ही स भव होगा .
11. सुगम िनयम,उ तरदािय वपूणर् सं थाएं, कपटपूणर् अथर्- यव था का दमन :
आ.आ.पा. एक दक्ष, उ तरदािय वपूणर् और पारदशीर् सरकार का समथर्न करती है, जो अपनी नीितय को समय के अंदर उिचत ढंग से लागू
करे और अपने कायर्-संपादन की िनयिमत समीक्षा करे . िनिहत वाथ ने देश की यव था और प्रिक्रयाओं को इतना जिटल बना िदया
है िक पिरवतर्न लाना किठन हो गया है . जन-सेवा के प्रावाधान मे भ्र टाचार के कारण भारत हर साल कई करोड खोता है . स मित की
ऊं ची कीमत, लाईसस-राज, पारदिशर्ता और उ तरदािय व का अभाव, बेबुिनयाद व अनुिचत देरी, यापार या तो शु ही नहीं होते और
यिद होते ह तो, उनकी उ पादन क्षमता नाममात्र को बढती है, कमर्चािरय की संख्या समय के साथ घटती जाती है - इस ि थित को
सुधारने के िलए आ.आ.पा. -
1. िनयम -िविनयम को सुगम बनाएगी, कानून के प्रभावी शासन को सुिनि चत करेगी, कानून- यव था को लागू करेगी, शीघ्र याय
प्रदान करेगी, स यिन ठ स मित को प्रो सािहत करेगी, चूककतार् को भारी दंड देगी .
2. िवदेशी बको म छु पा कर रखे गए, काले धन को भारत वािपस लाएगी,जो काला धन छु पाने
3. के िलए दोषी पाए जायेग, उनके िखलाफ़ िनधार्िरत सीमा म सख्त कायर्वाही करेगी
4. भूिम,भवन िबक्री यापार म और संपि त के मोल-भाव म चारो ओर फै ले काले-धन की कमाई को कम करेगी
5. सरल, प्रगितशील और बने रहने वाले आयकर ढांचे की ओर अग्रसर होगी . बेहतर स मित को लागू करते हुए, जी.डी.पी. अनुपात के
अनुसार कर बढ़ाने के िलए ल य साधेगी .
6. िकसी तरह के क्षमादान कायर्कम अि त व म नहीं रहेगे और आयकर से बच िनकलने वाल से कर वसूलने के िलए सख्त कदम
उठाएगी,
7. सभी सरकारी सेवाओं म तकनीक और ई-शासन का सघनता से प्रयोग करेगी .
12. 12
12. व छ वािण य एवं यापार, उ यमी उजार् को प्रवािहत करना :
बनी रहने वाली वृिद्ध और आजीिवका िनमार्ण की माप, िजसकी भारत कामना करता रहा है, तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक िक हम
अदमनीय भारतीय उ यमी ज बे को अपने म नहीं जगाते. हमारा िव वास है िक अिधकतर यापार ईमानदारी के होते ह िक तु व तर्मान
भ्र ट वातावरण मे वे फल-फू ल ही नहीं सकते.
1. आ.आ.पा. एक ‘इको प्रणाली’ तैयार करेगी, िजसके अंतगर्त प्र येक उ यमी नागिरक या समुदाय की पूँजी, सूचना और
अवसंरचना म पहुँच होगी, िजससे नवीन और उ पादनशील उ योग उपक्रम हमारे देश के िवकास का नया इंजन
2. बनेगा.
3. आ.आ.पा. का िव वास है िक सरकार को यापार चलाने के यापार म नही होना चािहए . उ यम के समृद्ध होने और रोज़गार
पैदा करने के िलए प्राइवेट सेक्टर की सिक्रय भागीदारी अपेिक्षत है . सरकार को भ्र टाचार मुक्त वातावरण और कम खच, कु शल
और िव वसनीय अवसंरचना के प्रावधान और सेवाओं तथा उवर्रक नवीनता की प्रेरणा वारा ईमानदारी आधािरत उ योग
प्रो सािहत करना चािहए.
4. व छ, खुला और पारदशीर् प्रशासन जो ईमानदारी आधािरत यापार के फलने-फू लने और अपने बलबूते पर सफल होने म
मदगार होगा.
5. आ.आ.पा. की नीितयां बाज़ार की अथर्- यव था म व थ प्रित पधार् को पोिषत करेगीं और एकािधकार व प्रित पधार्
रिहत नीितय का दमन करेगी.
14. ग्रामीण अथर् यव था को ऊिजर्त करना :
रा ट्र के िलए, एक यायोिचत और कायम बने रहने वाले िवकास व संवधर्न के हेतु, आ.आ.पा. अब तक उपेिक्षत ग्रामीण भारत के प्रचुर
उद्भव, उ तम खेती, एवं उ पादनशील उ यम के िलए हर स भव सुिवधाएं देने को प्रयास रत होगी. समृद्ध कृ िष सेक्टर के साथ, जीवंत,
िवके ि द्रत ग्रामीण अथर् यव था एक ‘िव तृत आिथर्क आधार’ देने म प्रधान प से िनणार्यक होगी तथा भारत के िलए दीघर्कालीन भोजन,
ऊजार्, पयार्वरण संबंधी सुरक्षा सुिनि चत करेगी. आ.आ.पा. का िव वास है-
1. अिधकांश भारत आज भी गाँव मे बसता है . इसिलए गांव के िवकास और समृिद्ध के िबना, भारत का िवकास और प्रगित
संभव नहीं . आ.आ.पा. यह सुिनि चत करने के िलए प्रितबद्ध है िक गांव के लोग को भी वे सब मूलभूत सुिवधाएँ िमल,
जो उनके शहरी सािथय को उपल ध ह .
2. अिधकार का िवके द्रीकरण और ग्राम-सभाओं को उनका ह ता तरण अपेिक्षत है िजससे वे अपने गाँव के िवकास के बारे म
िनणर्य ले सक .
3. आ.आ.पा. आिथर्क दबाव के तहत बढते हुए प्रवास (माइग्रेशन) को रोकना चाहती है तथा पर परागत उ योग , कु टीर उ योग-
धंध , कृ िष सेक्टर, बेहतर अवसंरचना उपलि ध, सुगमता से उधार का िमलना, तकनीक का उिचत दखल, सही कीमत का
समथर्न; इन सबको सि मिलत प से आगे बढ़ायेगी .
4. आ.आ.पा. िव- तरीय, ित्र- तरीय नगर और छोटे शहर म अवसंरचना िनमार्ण म िनवेश करना
5. चाहती है, िजससे वे अपने आस-पास के थान के आिथर्क िवकास के पुरोधा बन जाएँ .
15. िकसानो की आजीिवका को बेहतर बनाना :
ग्रामीण अथर् यव था िवपि त म है और हर साल हज़ारो िकसान आ मह या कर रहे ह . एक ओर मंहगे बीज और खाद के कारण खेती
महंगी होती जा रही है, तो दूसरी ओर सरकार फसल की इतनी कम कीमत िनधार्िरत करती है, िजससे लागत भी नहीं िनकल पाती .
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उदाहरण के िलए, राज थान म (२०११-१२) मक्का का ‘उ पादन खचर्’ ११६४/- . प्रित िक्वंटल था लेिकन अिधकतम िवक्रय दाम (अिवदा)
९८०/- . था . ये ही कारण ह जो िकसान को आ मह या की ओर ले जाते ह . सरकार वारा िकसानो के नाम पर अरब -खरबो धन
खचर् कर िदए जाने पर भी, िकसान के जीवन और आजीिवका म बहुत कम सुधार हुआ है . आ.आ.पा. की नीितयां मूल िबंदु को
उ पादन बढ़ाने के मु े से हटाकर, िकसान को आय और गिरमामय आजीिवका की सुिनि चतता देने पर किद्रत करेगी . ‘ वामीनाथन
आयोग’ वारा बनाई गई ‘रा ट्रीय िकसान नीित’ का मूलभूत िसद्धांत था, जो कभी लागू ही नहीं िकया गया . आ.आ.पा. िन निलिखत
पिरवतर्न लाएगी -
1. वामीनाथन आयोग िरपोटर् की सं तुितयो को लागू करेगी .
2. िविभ न फसल के िलए उिचत और लाभकारी ‘अिवदा’ (अिधकतम िवक्रय दाम) िनि चत कराएगी, जो वा तिवक लागत से
५०% अिधक होग . िकसान वारा सीधी प्राि त प्रणाली के मा यम से या उिचत समय पर बाजार म पहुँच बना कर,
‘अिवदा’ को दाल , मोटा अनाज (बाजरा), ितलहन सिहत २५ फसल पर लागू कराएगी .
3. िकसानो और साथ ही छोटे व िकराये पर काम करने वाले िनरीह िकसान की आ मह या को रोके गी तथा उधार और बीमा तक
उनकी पहुँच कराएगी .
4. ग्रामीण क्षेत्र म उिचत वा य सुिवधाओं को सुिनि चत करेगी, जो अक्सर िकसान की आ मह या का करीबी ता कािलक कारण
होता है .
5. सुिनि चत करेगी िक िकसान कृ िष उ पाद संरक्षण (प्रोसेिसंग) उ योग और बाज़ार अवसंरचना म िनवेश करके समूची आपूितर्
ंखला का अिधकतम अंश प्रा त करे, िजससे की तकनीक और िनवेश की ज़ रत के िलए, कृ िष उ पाद बेकार न जाएँ .
इसके अलावा,ग्रामीण अवसंरचना म िनवेश के उिचत तरीके िवकिसत करेगी .
6. पयार्वरण वारा सुरिक्षत बने रहने वाले कृ िष उ पाद मे सहयोग करेगी, ऑगिनक खेती के िलए िवशेष बाजार भाव का
प्रो साहन प्रदान करेगी तथा अनेक देसी फसल और पशु-पालन को प्रो नत करेगी .
7. िवशाल तर पर होने वाली िसंचाई पिरयोजनाओं के भार को घटाने के िलए थानीय वषार् प्रबंधन की योजनाओं म अपेिक्षत
सहयोग देगी, .
8. प्र यावतर्ितत न की जा सकने वाली तकनीक के प्रयोग से पहले, खा य पदाथ , मानव वा य, तथा पयार्वरण की सुरक्षा को
सुिनि चत करने के िलए, नवीन तकनीक से उगाई गई फसल को िनयंित्रत करेगी .
16. पयार्वरण एवं प्राकृ ितक संसाधन नीित :
प्रचुर प्राकृ ितक संसाधन से संप न होने पर भी, अपने सुख चैन से भरे जीवन के िलए आम आदमी की इन मूलभूत संसाधन तक पहुँच
बहुत बुरी तरह कम कर दी गई है . हाल ही के बड़े-बड़े घोटाले जैसे - भूिम, कोयला, गैस, यहाँ तक िक ‘ पैकट्रम’ भी सीधे प्राकृ ितक
संसाधन के आवंटन से जुड़े ह, और उस िबंदु से जहाँ हमारी साझा संपि त अनैितक ढंग से न ट-भ्र ट कर दी गई है, उससे हमारे
लोकतंत्र के िलए गहराता हुआ खतरा खड़ा हो गया है . थानीय समुदाय , पयार्वरण और समाज, पीिढय की आतंिरक समानता और
लोगो के धनकोष की तिनक भी परवाह न करते हुए, आिधकांश राजनीितक वग ने अपने देश के लुटेर को प्राकृ ितक संसाधन को लूटने
िदया है . आ.आ.पा. सुिनि चत करेगी -
1. बड़े-बड़े प्राकृ ितक संसाधन की िमि कयत जैसे - खिनज, जल, बन, ये रा य के अिधकार मे रहेग . छोटे खिनज और छोटे बनो
से उ प न चीज़े तथा वषार् का जल थानीय समुदाय के अिधकार म रहेगा .
2. थानीय समुदाय (ग्राम-सभाएं) प्राकृ ितक संसाधन के प्रबंधन म मह वपूणर् भूिमका िनबाहेग . खिनज, जल और बन का
दु पयोग और शोषण ग्राम-सभा के दायरे वाले क्षेत्र म नहीं होगा . उनका ‘उिचत प्रयोग’ ग्राम-सभा की सहमित लेने पर ही
स भव होगा .
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3. प्राकृ ितक संसाधन का ‘ यावसाियक उपयोग’ थानीय समुदाय के साथ, संसाधन से िमलने वाले व व शु क (रॉय टी) और
राज व (रेवे यू) के िलए िकए गए अनुबंध पर आधािरत होगा, साथ ही, यह सुिनि चतता होगी िक जो िवकास की कीमत अदा
करते ह, वे भी लाभाि वत होने हेतु, इस लाभ-प्राि त प्रिक्रया का िह सा ह . ‘ग्राम-सभा सहकारी सिमितयाँ ’ प्राथिमकता से
खिनज का यावसाियक उपयोग कर सके गी .
4. यिद बड़े प्राकृ ितक संसाधन के यावसाियक उपयोग हेतु यिक्तय को हटाने की ज़ रत पड़ी तो, ग्राम-सभा की सहमित लेनी
आव यक होगी तथा हटाये गए लोग के िलए आजीिवका के ोत का िनदान प्र तुत िकया जायेगा .
5. पयार्वरण एवं वन सुधार मंत्रालय और इसकी एजिसयां ग्राम-सभाओं को अपने प्राकृ ितक संसाधन की प्रबंधक और संरक्षक होने के
कारण सशक्त और सुगम बनायेगी .
6. ऊजार् के नवीन करने योग्य संसाधन की ि थित को िव थािपत करते हुए - नवीकरणीय ऊजार् के समाधान के िवके द्रीकरण को
प्रो नत करना, जैसे; सौर-ऊजार्, बायो-गैस लांट, पनचक्की, पवनप प िजससे अवसंरचना और रख-रखाव का खचर् कम होगा तथा
थानीय वािम व को प्रो साहन िमलेगा .
थानीय व िवके ि द्रत जल- ोत संसाधन के िवकास को प्राथिमकता दी जायेगी, जैसे - वषार्-जल संचयन, पनढाल िवकास (इससे कई
निदयाँ िनकलती है), भू-जल संक्षरण कायर्क्रम, लघु योजनाएं तथा िनदान प फसल उगाने की गितिविधयां .
भू-अिभग्रहण नीित
िपछले कु छ दशक से देश ने बड़े पैमाने पर भू-अिभग्रहण देखा है . भू-अिभग्रहण वह प्रिक्रया है िजसके कारण भूिम पर िनभर्र समुदाय
अक्सर बहुत अिधक तनाव और दबाव से पीिड़त होते ह और खोई हुई आजीिवका से समझौता नहीं कर पाते; जब तक िक उन
िव थािपत समुदाय को उिचत साधन और कौशल प्रदान नहीं िकया जाए . इससे देश म सघन सामािजक असंतोष खड़ा हो जाता है .
नया भू-अिभग्रहण अिधिनयम संसद वारा २०१३ मे पास िकया गया था . जैसे िक यह अपने म एक अ छी शु आत है, अत:
आ.आ.पा. एक िन पक्ष पुन थार्पन के िलए काम करना चाहेगी -
यह सुिनि चत करते हुए िक वह सारा भू-अिभग्रहण जो िसत बर २०११ (वह ितिथ जब िबल संसद म प्र तुत िकया गया था) के बाद
हुआ, वह इस नए अिधिनयम के िव तार क्षेत्र के अंतगर्त आए .
यह सुिनि चत करते हुए िक ‘जनता के िहत’ इस श द का एक ढंग से पिरभािषत िव तार क्षेत्र, िजसके िलए भूिम ली गई है .
यह सुिनि चत करते हुए िक भू-अिभग्रहण ग्राम-सभा की सहमित से ही िकया गया हो .
यह अिनवायर् बनाते हुए िक प्रित पिरवार एक सद य को रोज़गार िदया जायेगा, क्योिक ज़मीन और आजीिवका उसके हाथ से जा
रही है .(यह नए अिधिनयम के अनुसार अिनवायर् शतर् नहीं है, बस एक िनवेदन है) िजससे िक जो लोग िवकास की कीमत दे रहे ह,
वे इस प्रिक्रया के लाभ-भोगी (लाभ-प्रापक) बन सक .
17. अनुबंधन मुक्त नौकिरयां /रोज़गार
िपछले १०-१५ वष से, इस देश के िविभ न क्षेत्र म आजीिवका का ढांचा बहुत ती ता से अनुबंधन वाली नौकिरय की ओर बढ़ गया है
. जैसे िक कायर्कतार् से उ तरदािय व की ज़ रत होती है, उस ि ट से अनुबंधन एक अ यिधक शोषक प्रिक्रया है क्य िक नौकरी से
िमलने वाले मूलभूत लाभ और सुरक्षाएं जो थाई सद य को िमलती ह, वे अनुबंध पर काम करने वाले लोग को नहीं िमलती . उदाहरण
के िलए, भिव य-िनिध कटौती, कमर्चारी रा य बीमा आिद की रािश, अनुबंध पर काम करने वाल के खाते म जमा नहीं की जाती .
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बहुत से लोग पूरे वषर् (तनख्वाह सिहत) एक भी अवकाश के िबना काम करते ह . आ.आ.पा. नौकिरय म इस तरह के शोषण के
िखलाफ है . हम काम करने वाल की ि थित म अपेिक्षत सुधार लाने के िलए िनि निलिखत कदम उठायेगे :
1. हम उन पद के िलए आजीिवका को अनुबंिधत करने की अनुमित नहीं देग, िजन पर िनयुक्त हो कर पूरे वषर् काम करना
अपेिक्षत और अपिरहायर् होता है . उदाहरण के िलए, डाक्टर, अ यापक, नसर्, वाहनचालक, सफाई कमर्चारी आिद . इनकी
नौकिरयां थाई (िनयिमत) कराई जायेगी, िजससे इ ह थाई कमर्चािरय वाले सभी लाभ िमल .
2. ii.वे नौकिरयां िजनम कु छ िदन या महीन के िलए नौकरी पर रखा जाता है जैसे भवन िनमार्ण आिद, वहाँ अनुबंिधत म को
समा त करना स भव नहीं है . िफर भी, इन क्षेत्र म हम काम करने की बेहतर ि थितय को सुिनि चत करने का प्रयास
करेग .
3. iii.कम से कम िदहाडी (दैिनक वेतन) के िनयम को सख्ती से लागू िकया जायेगा और इस स ब ध म कानून का उ लंघन
करने वाले के िखलाफ़ सख्त कायर्वाही की जायेगी ..
4. iv.कटीन, वदीर्, कं पनी वाहन आिद को लेकर अनुबंिधत कमर्चािरय के साथ िकसी तरह का भेद भाव नहीं िकया जायेगा .
18. असंगिठत क्षेत्र के िलए सामािजक सुरक्षा
भारत म काम करने वाल का ९२ प्रितशत असंगिठत क्षेत्र म कायर्रत है . इसम घरेलू नौकर, मज़दूर, सुरक्षा पहरेदार, कचरा बीननेवाले,
फु टकर दुकान और रे तरां म काम करने वाले नौकर, ठेलेवाले आिद ह, जो समाज और अथर् यव था म मह वपूणर् योगदान देते ह िक तु
अक्सर बेहद शोषक पिरि थितय म काम करते ह . इसिलए असंगिठत क्षेत्र म कायर्रत लोग की दशा म सुधार लाने के िलए आ.आ.पा.
िन निलिखत कदम उठाएगी -
1. उनके वेतन, काम करने के घंटे, कायर् थल पर अपेिक्षत सुिवधाएँ - इन सबके िलए ज़ री मागर्दशर्न को सुिनि चत करेगी .
2. उनके काम करने की ि थितय और उिचत वतंत्रता को िनयंित्रत करेगी, िजससे अक्सर नज़र आने वाला पुिलस का उ पीडन
रोका जा सके ..
3. यूनतम सामािजक सुरक्षा जैसे - वा य की देख-रेख, वृद्धा व था पशन, दुघर्टना सहायता आिद को सुिनि चत
4. करेगी . सहायक योजनाओं को िवकिसत करने की स भावनाओं को खोजने का प्रयास करेगी .
19. बढती हुई कीमत से आम आदमी की रक्षा
आज आम आदमी की सबसे बड़ी सम याएं है - जीवन म ज़ री चीज की बढती हुई कीमते और बेरोज़गारी . सांिख्यकी के अनुसार लोग
का वेतन बढ़ गया है लेिकन साथ ही, मूलभूत ज़ रत जैसे : िबजली, पानी, सि जयां, अनाज, पेट्रोल, डीजल, िशक्षा और वा य आिद
की कीमत इतनी बढ़ गई है िक अिधकतर पिरवार की आिथर्क ि थित पहले से अिधक दयनीय हो गई है . चाहे याज हो या टमाटर,
या पानी और िबजली, या ब च के कू ल की फीस, सभी कु छ आज बेहद मंहगा हो गया है . आम आदमी के िलए, मंहगाई रोज़मरार्
की ज़ रत की कीमत म प्रितिबंिबत होती है . इस बारे म आ.आ.पा. िन निलिखत कदम उठाएगी -
1. आम आदमी की मूलभूत चीज और अ य ज़ रत की आकाश छू ती कीमत के पीछे, भ्र टाचार और सांठ-गाँठ का पूंजीवाद ये दो
भारी कारण है . आ.आ.पा. सभी क्षेत्र म भ्र टाचार का सामना करने के िलए किटबद्ध है . यह बढती हुई कीमत से लडने का एक
मह वपूणर् कारक (घटक) होगा .
2. फु टकर और थोक यापार म सामान गोदाम म जमा करने और ऊँ चा लाभ कमाने के िव द्ध कठोर कदम उठाये जायेग . काला
बाजार िबना राजनीितक संक्षरण के िज़ंदा नहीं रह सकता . इस िदशा म आ.आ.पा. कानून और सरकार की पूरी ताकत का प्रयोग
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करेगी . काला बाजारी करने वाले िगर तार िकये जायेग, उनके गोदामो पर छापे मारे जायेग, इकठ्ठा िकया हुआ माल िनकलवाया
जायेगा, िजससे खा या न, सि जयां और फल कम दाम पर िमल सके गीं .
3. िशक्षा का खचर् हर पिरवार के बजट का एक अ छा खासा अंश होता है . हम प्राइवेट कू ल की िनरंकु श फीस को िनयंित्रत
करने के िलए कानून लायेग, साथ ही उनके वारा िलए जाने वाली दान-रािश पर भी प्रितब ध लगायेग . हम सरकारी कू ल
के तर म सुधार लायेग, िजससे आम आदमी अपने ब च को िशक्षा की गुणव ता की सुिनि चतता के साथ वहाँ पढने भेज सके
. ये कदम िशक्षा के अिनयंित्रत खच कम करने म सहायक ह ग .
4. हम सरकारी अ पताल की संख्या बढाएग और उनकी सेवाओं की गुणव ता को बेहतर बनायेगे, िजससे आम आदमी इन सेवाओं
का पूरी तरह लाभ उठा सके . इससे डाक्टर और इलाज पर होने वाला खचर् कम हो सके गा .
5. राशन की दुकाने और िवतरण प्रणाली आम आदमी की बढ़ी हुई कीमत से रक्षा करती ह . लेिकन आजकल राशन की दुकान
की य व था भी भ्र टाचार म ढल गई है . आ.आ.पा. सरकार ‘मौह ला सभाओं’ को िवतरण- यव था से जोड़ कर, इस भ्र टाचार
को ख म करेगी . हम सीधे धन रािश थाना तिरत करने के बजाय, राशन की सामग्री ही पिरवार को थाना तिरत करायेग
और िवतरण- यव था म दाल व तेल भी शािमल करायेग .
सामािजक याय
20. िलंग भेद-भाव संबंधी याय
हम ऐसी दुिनया की संक पना करते ह िजसमे मिहलाओं की अपनी एक ‘पहचान’ होगी और पूरे स मान के साथ उनके अि त व को
वीकृ ित िमलेगी . उ ह समानता का दज़ार् िदया जायेगा . वे पु षवादी उग्र सोच का िशकार नहीं होगी. पु ष शािसत उन मू य को
अपनाने के िलए बा य नहीं होगीं, जो सिदय से उनकी सामािजक और पािरवािरक भूिमकाएं तय करते चले आ रहे ह . हमारी नीित के
स पूणर् सांचे म ‘आम नारी’ को के द्र म रखा जाएगा . हम अपने को लोकतांित्रक, आधुिनक और प्रगितशील देश का वासी तभी कह
सके गे, जब हम सच म नारी के अिधकार , सुरक्षा, समानता और सशिक्तकरण को लेकर प्रगितशील सोच और नजिरया अपनाएग . इस
िदशा म -
1. i.हम िलंग आधािरत भेद-भाव और िहंसा की पर परा को ख म करने के िलए, िवशद और दूरगामी जन-िशक्षा कायर्क्रम लागू
करेग . इसमे - एस.एम.एस. रेिडयो, टी.वी., जन-सेवा अिभयान, कू ल के िलए आसानी से प्रा त िकए जा सकने वाले पाठ की
प-रेखा, िशक्षक और डाक्टर व वकील आिद यावसाियको के प्रिशक्षण के िलए मापदंड (मॉ यूल) शािमल ह गे . इसके िलए
हम शहर और गाँव दोन क्षेत्र म पु ष , ि त्रय , लडक और लडिकय के साथ संपकर् थािपत करेग .
2. आ.आ.पा. िलंग आधािरत गभर्पात को तिनक भी सहन नहीं करेगी और इसे अपनाने वाल के िव द्ध कानून को मज़बूत बनाकर,
उ लंघन करने वालो के िलए सख्त दंड लागू करते हुए, के द्रीय, प्रांतीय और थानीय तर पर सघन संवेदनशील अिभयान
प्रार भ करने के िलए बजट िनधार्िरत करेगी और इस तरह इसकी पूरी तरह समाि त की ओर कदम उठाएगी .
3. मिहलाओं के िलए सुरिक्षत, गिरमामय और लाभकारी पािर िमक प्रदत आजीिवका सुिनि चत करेगी . सभी क्षेत्र म समान कायर्
के िलए समान वेतन िदलाए जाने के िलए प-रेखा बनाई जायेगी . आंगनवाडी से लेकर ‘महा मा गांधी रा ट्रीय ग्रामीण रोज़गार
गारंटी अिधिनयम’ (MNREGA) कायर्कतार्ओं के िलए अिधकार, गिरमा, संगिठत व असंगिठत क्षेत्र म सभी मिहला कमर्चािरय
के िलए यूनतम वेतन िनि चत कराएगी .
4. आ.आ.पा. सुिनि चत करेगी िक प्र येक सरकारी संगठन मिहलाओं के िव द्ध िहंसा को ख म करने हेतु, कानून लागू करने के
िलए िव तृत कायर्-योजना बनाए . आ.आ.पा. िहंसा के अपराध की िशकार मिहलाओं को समुिचत मदद देने के िलए रा य