1. Diversity (विविधता)
Main points covered in this lecture/video:
Concept of Diversity.
Diversity in Indian Society
Challenges posed by Social Diversity.
Role of Education in Social Diversity & Inequality.
2. Diversity ( विविधता)
After going through this lecture/video, you will be able to:
Define Diversity.
Develop and understanding about Diversity in Indian Society
To understand Challenges posed by Social Diversity in Indian Context.
Explain the role of education in providing equal opportunity for development and in establishing
harmony among them;
3. Concept of Diversity
Diversity is a concept which means embracing all types of humans irrespective of their caste, creed, color, race, religion,
gender and more. It does not necessarily mean equality, as there are different characteristics of diversity and it has a
concept of its own. In other words, diversity has its own set of values plus principles. It is a concept which makes
understanding of each group and community’s uniqueness easier.
विविधता एक अिधारणा है जिसका अर्थ है सभी प्रकार क
े मनुष्यों को उनकी िातत, पंर्, रंग, नस्ल, धमथ, ललंग और
अधधक क
े बाििूद अंगीकार करना। िरूरी नहीं कक इसका मतलब समानता हो, क्योंकक विविधता की अलग-अलग
विशेषताएं हैं और इसकी अपनी एक अिधारणा है। दूसरे शब्दों में, विविधता क
े मूल्यों और लसदधांतों का अपना एक
समूह होता है। यह एक अिधारणा है िो प्रत्येक समूह और समुदाय की विलशष्टता को समझना आसान बनाती है।
Diversity can be recognized by individual differences of race, religion, gender, sex, attitude, socioeconomic status,
physical ability, religious beliefs, etc.
विविधता को हम िातत, धमथ, ललंग, योन, अलभिृवि, सामाजिक आधर्थक जस्र्तत, शारीररक क्षमता धालमथक मान्यताओं आदद
की व्यजक्तगत मतभेदों क
े दिारा पहचाना िा सकता है।
4. Types of Diversity in Indian Society:
विविधता क
े प्रकार (Types of Diversity) :
1. धालमथक विविधता (Religious Diversity)
2. सांस्कृ ततक विविधता (Cultural Diversity)
3. भाषागत विविधता (Linguistic Diversity)
4. िातीय विविधता (Caste based Diversity)
5. िनिातीय विविधता (Tribal Diversity)
6. आधर्थक विविधता (Economic Diversity)
5. Types of Diversity in Indian Society:
धालमथक विविधता (Religious Diversity):- भारत समाि और िनिीिन में धालमथक विविधता देखने को लमलती हैं।
विश्ि क
े सभी धमों का विकास भारत में ही हुआ है इसी कारण भारत समाि धमथ की दृजष्ट से अनेक िगों में
विभक्त हो गया 1991 की िनगणना क
े अनुसार भारत में 7 धमथ माने गये हैं। दहंदू ,मुजस्लम, लसख, ईसाई,
बौदध, िैन और अन्य धमथ।
सांस्कृ ततक विविधता (Cultural Diversity):- भारत क
े बहु सांस्कृ ततक देश है िहां क
े लोगों क
े विलभन्न रहन सहन
और खानपान, रीतत-ररिाि, त्यौहार इत्यादद मानने का ढंग एक दूसरे से बबल्क
ु ल लभन्न हैं ।
भाषागत विविधता (Linguistic Diversity):- भारतीय समाि में 3000 से अधधक बोललयां तर्ा भाषाएं हैं दहंदी हमारी
मातृभाषा है परंतु दक्षक्षण भारत में अंग्रेिी और दक्षक्षण भारतीय भाषाओं का प्रयोग ककया िाता है। सन 1991 की
िनगणना क
े अनुसार देश 1652 भाषा बोली िाती है ।ितथमान में 22 भाषाओं को मान्यता लमल चुकी है
6. Types of Diversity in Indian Society:
िातीय विविधता (Caste based Diversity):- भारतीय समाि में िातत क
े आधार पर विविधता ददखाई देती हैं िैददक काल में
िणथ व्यिस्र्ा र्ी िो िन्मता न होकर कमथणा होते र्े। प्राचीन काल में िातत को 4 िगों में विभाजित ककया गया र्ा।
ब्राह्मण : (विदिान, सलाहकार, यज्ञ करने िाला)
क्षबिय : (रक्षा करने िाला -रािा, सैतनक)
िैश्य : (व्यापारी, सौदागर, खेत क
े माललक, िमीदार)
शुद्र : (सेिक-तीनों िगों की सेिा करता है।)
िनिातीय विविधता (Tribal Diversity):- िन िाततयां से तात्पयथ है ऐसे मानि समूह िो आि भी सभ्यता की दौड़ में
पीछे हैं तर्ा आददम िीिन व्यतीत कर रहे हैं। 1991 की िनगणना क
े अनुसार भारत में 6.78 प्रततशत िनिातीय लोग
रहते हैं , इनकी संख्या भारतीय संविधान क
े अनुसार 216 है। संपूणथ भारत को िनिाततयों की दृजष्ट से चार क्षेिों में बांटा
गया है-
मध्य क्षेि:-मध्य प्रदेश, बबहार, उड़ीसा तर्ा पजश्चम बंगाल की िनिातीय आती है िैसे संर्ाल, मुंडा, उरांि, भूमीि,
गोंड भुईया आदद।
उिर पूिी क्षेि:-दहमालय की तराई असम और बंगाल की िन िाततयां आती हैं-गददी, गुज्िर, र्ारू, गारो, खासी,
नागा।
दक्षक्षण क्षेि में:- क
े रल, मैसूर, मद्रास, पूिथ-पजश्चम क्षेिों में रहने िाली िनिाततयां गोंडा, कोण्डा, गेरा, इरुला आदद।
7. Types of Diversity in Indian Society:
आधर्थक विविधता (Economic Diversity):- 2002 में, सामररक दूरदलशथता समूह ने एक ररपोटथ प्रकालशत की िो
भारतीय अर्थव्यिस्र्ा को 3 िगों में विभाजित करती है: बबिनेस क्लास अर्थव्यिस्र्ा (िनसंख्या का 2%), बाइक
अर्थव्यिस्र्ा (15%), और बैलगाड़ी अर्थव्यिस्र्ा (83%)। Below Poverty Line- ये देश क
े 65% (या अधधक) हैं,
जिन्हें सरकार की नई पररभाषाओं क
े तहत (शहरों में 62 रुपये प्रतत ददन, गांिों में 50 रुपये) गरीबी में माना िाता
है।
8. Challenges of Social Diversity
Regionalism (क्षेििाद)
Divisive politics (विभािनकारी रािनीतत)
Development imbalance(विकास असंतुलन)
Ethnic differentiation and nativism (िातीय भेदभाि और िाततिाद)
Geographical isolation (भौगोललक अलगाि)
Inter-religious conflicts (अंतर-धालमथक संघषथ)
Inter-state conflicts (अंतराथज्यीय संघषथ)
Influence of external factors (बाहरी कारकों का प्रभाि)
Cultural misunderstandings (सांस्कृ ततक गलतफहमी)
Communication issues (संचार मुददे)
Discrimination (भेदभाि )
9. Role of Education in Social Diversity
लशक्षा एक सामान्य एकीकरण कारक है िो बड़े पैमाने पर देश क
े विभािन कारकों में पररितथन ला सकता है। इसे
देश में हर िगह उपलब्ध कराया िा रहा है और इस प्रकार इसका उपयोग हमारे राष्र की एकता को एक सार्
लाने और मिबूत करने क
े ललए ककया िा सकता है। लशक्षा तनम्नललखखत तरीकों से मदद कर सकती है:
Propagation of national language(राष्रभाषा का प्रचार-प्रसार ).
Encouragement to all major languages (सभी प्रमुख भाषाओं को प्रोत्साहन)
Sound Language Policy in Education (लशक्षा में युजक्तयुक्त/ ताकक
थ क भाषा नीतत )
Reorganization of the syllabi (पाठ्यक्रम का पुनगथठन)
Improvement of textbooks. (पाठ्यपुस्तकों में सुधार)
10. Role of Education in Social Diversity
Encouragement of extra-curricular activities (पाठ्येतर गततविधधयों को प्रोत्साहन)
Development of Inter-Cultural Understanding. (अंतर-सांस्कृ ततक समझ का विकास)
Integration can be brought about through various subjects.(विलभन्न विषयों क
े माध्यम से एकीकरण लाया
िाए)
National Integration can be brought through inculcation of various Methodologies of Teaching i.e. Role
Playing, Cooperative teaching, Collaborative learning, Jigsaw method etc. (राष्रीय एकता को लशक्षण की
विलभन्न पदधततयों अर्ाथत भूलमका तनभाने, सहकारी लशक्षण, सहयोगात्मक लशक्षा, जिग-शा पदधतत आदद को
शालमल करक
े लाया िा सकता है
Programmes on National Integration-movies, documentaries, audio clips, one act plays etc. (राष्रीय एकता पर
कायथक्रम-कफल्में, िृिधचि, ऑडडयो जक्लप, िन एक्ट प्ले आदद)
11. Role of Education in Social Diversity
Awareness and Abolition of Communal Parties.(सांप्रदातयक दलों की िागरूकता और उन्मूलन)
Transmission of the Past Heritage .(विगत/ प्राचीन विरासत का प्रसार)
Public Opinion- try to change public opinion about some specific caste/communities during teaching.
(िनमत- लशक्षण क
े दौरान क
ु छ विलशष्ट िातत/समुदायों क
े बारे में िनमत को बदलने का प्रयास करें)
Secular Policy. (धमथतनरपेक्ष नीतत)
Scientific Temper. (िैज्ञातनक स्िभाि)
12. धन्यिाद
िुड़े रदहए, बढ़ते रदहए, पढ़ते रदहए
कफर लमलते हैं एक नए उप-विषय क
े सार्
आपका अपना
डॉ कृ ष्ण कांत