कं ्यूटर क्यािै - What is Computer
कं प्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जजसका अर्थ है "गणना", करना
होता है इसीजिए इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है, इसका अजिष्कार Calculation
करने के जिये हुआ र्ा, पुराने समय में Computer का use के िि Calculation करने के
जिये जकया जाता र्ा जकन्तु आजकि इसका use डाक्यूमेन्ट बनाने, E-mail, listening and
viewing audio and video, play games, database preparation के सार्-सार् और कई
कामों में जकया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षजणक संस्र्ानों में, कायाथियों में, घरों में,
दुकानों में, Computer का उपयोग बहुतायत रूप से जकया जा रहा है, computer के िि िह
काम करता है जो हम उसे करने का कहते हैं यानी के िि िह उन Command को फॉिो
करता है जो पहिे से computer के अन्दर डािे गये होते हैं, उसके अन्दर सोचने समझने
की क्षमता नहीं होती है, computer को जो व्यजि चिाता है उसे यूजर कहते हैं, और जो
व्यजि Computer के जिये Program बनाता है उसे Programmer कहा जाता है।
Computer मूित दो भागों में बॅटा होता है-
1. सॉफ्टिेयर
2. हाडथिेयर
3.
सॉफ्टवेयर क्या िोतािै: सॉफ्टिेयर Computer का िह Part होता है जजसको हम
के िि देख सकते हैं और उस पर कायथ कर सकते हैं, Software का जनमाथण Computer
पर कायथ करने को Simple बनाने के जिये जकया जाता है, आजकि काम के जहसाब
से Software का जनमाथण जकया जाता है, जैसा काम िैसा Software । Software को बडी
बडी कं पजनयों में यूजर की जरूरत को ध्यान में रखकर Software programmers द्वारा
तैयार कराती हैं, इसमें से कु छ free में उपिब्ध होते है तर्ा कु छ के जिये चाजथ देना
पडता है। जैसे आपको फोटो से सम्बजन्धत कायथ करना हो तो उसके जिये फोटोशॉप
या कोई िीजडयो देखना हो तो उसके जिये मीजडया प्िेयर का यूज करते है।
िार्डवेयर क्या िोता िै - हाडथिेयर Computer का Machinery भाग होता है जैसे LCD,
की-बोडथ, माउस, सी0पी0यू0, यू0पी0एस0 आजद जजनको छू कर देखा जा सकता है। इन
Machinery Part के जमिकर computer का बाहरी भाग तैयार होता है तर्ा Computer
इन्ही हाडथिेयर भागों से computer की क्षमता का जनधाथरण जकया जाता है आजकि
कु छ Software को Computer में चिाने के जिये जनधाथररत Hardware की आिश्यकता
होती है। यजद Software के अनुसार Computer में हाडथिेयर नहीं है तो Software को
Computer में चिाया नहीं जा सकता है।
4.
कं ्यूटर काइहतिास: आज आप कं प्यूटर पर इंटरनेट चिाते है ैँ, गेम खेिते है, िीजडयो
देखते हैं, गाने सुनते है ैँऔर इसके अिािा ढेर सारे ऑजफस से संबंजधत काम करते हैं
आज कं प्यूटर का उपयोग दुजनया के हर क्षेत्र मेैँजकया जा रहा है चाहे िो जशक्षा जगत
हो, जफल्म जगत हो या आपका ऑजफस हो। कोई भी जगह कं प्यूटर के जबना अधूरी है
आज आप कं प्यूटर की सहायता से इंटरनेट पर दुजनया के जकसी भी शहर की कोई भी
जानकारी सेके ण्डों मे प्राप्त कर सकते है ैँये जकसी दूसरे देश मेैँ बैठे अपने जमत्रोैँ और
ररश्तेदारोैँसे इंटरनेट के माध्यम िाइि िीजडयो कॉंफ्रें जसंग कर सकते है ैँयह सब संभि
हुआ है कं प्यूटर की िजह से। सोजचए अगर कं प्यूटर ना होता तो आज की दुजनया कै सी
जदखाई देती।
कं प्यूटर शुरुआत कहाैँ से हुई ओर क्यूैँ हुई ? क्या िाकई मेैँकं प्यूटर इन सभी कामाेेें
को करने के जिये बना र्ा या इसका आजिष्कार जकसी और िजह से हुआ र्ा आइए
जानते है ैँ-
मानि के जिए गणना करना शुरु से ही कजठन रहा है मनुष्य जबना जकसी मशीन के
एक सीजमत स्तर तक ही गणना या के िकु िेशन कर सकता है ज्यादा बडी
कै िकु िेशन करने के जिए मनुष्य को मशीन पर ही जनभथर रहना पड़ता है इसी जरुरत
को पूरा करने के जिए मनुष्य ने कं प्यूटर का जनमाथण जकया, यानी गणना करने के
जिए।
5.
अबेकस: - अबेकसपहिा ऐसा कं प्यूटर र्ा, जो गणना कर सकता र्ा। अबेकस का
जनमाथण िगभग 3000 िर्थ पूिथ चीन के िैज्ञाजनकोैँने जकया र्ा। एक आयताकार फ्रे म में
िोहे की छड़ोैँ में िकडी की गोजियाैँ िगी रहती र्ी जजनको ऊपर नीचे करके गणना
या के िकु िेशन की जाती र्ी। यानी यह जबना जबजिी के चिने िािा पहिा कं प्यूटर र्ा
िास्ति मेैँयह काम करने के जिए आपके हार्ो पर ही जनभथर र्ा।
पास्कलाइन: -अबेकस के बाद जनमाथण हुआ पास्किाइन का। इसे गजणत के
जिशेर्ज्ञ ब्िेज पास्कि ने सन् 1642 मेैँ बनाया यह अबेकस से अजधक गजत से गणना
करता र्ा। ये पहिा मैके जनकि कै िकु िेटर र्ा।
हर्फरेंज इंजन : -जडफरेंस इंजन सर चाल्सथ बैबेज द्वारा बनाया एेेसा यंत्र र्ा जो सटीक
तरीके से गणनायें कर सकता र्ा, इसका आजिष्कार संस 1822 में जकया गया र्ा,
इसमें प्रोग्राम स्टोरे ज के जिए के पंच काडथ का इस्तेमाि जकया जाता र्ा। इसके आधार
ही आज के कं प्यूटर बनाये जा रहे हैं इसजिए चाल्सथ बैिेज को कं प्यूटर का जनक कहते
है ैँ।
6.
कं ्यूटर कीपीढी: - कं म्यूटर का शुरूआती दौर ऐसा ना र्ा, यह शुरूआत में बहुत बडें,
भारी और मॅहगें हुआ करते र्े। समय के जहसाब से इसकी तकनीक में बहुत से बदिाि हुए,
इन बदििों से कं प्यूटरों की नई पीढीयों का जन्म होने िगा, हर पीढ़ी के बाद कं म्यूटर की
आकार-प्रकार, कायथप्रणािी एिं कायथक्षमता में सुधार होता गया, तब जाकर आज के समय
का कं म्यूटर बन पाया -
पिली पीढी के कं ्यूटर - First generation computer
Timeline - 1942-1955
इस पीढी के कं प्यूटर में िैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) का प्रयोग जकया जाता र्ा, जजसकी
िजह से इनका आकार बहुत बडा होता र्ा और जबजिी खपत भी बहुत अजधक होती र्ी। यह
ट्यूब बहुत ज्यादा गमी पैदा करते र्े। इन कं म्यूटरों में ऑपरें जटग जसस्टम नहीं होता र्ा,
इसमें चिाने िािे प्रोग्रामों को पंचकाडथ में स्टोर करके रखा जाता र्ा। इसमें डाटा स्टोर
करने की क्षमता बहुत सीजमत होती र्ी। इन कं प्यूटरों में मशीनी भार्ा (Machine language)
का प्रयोग जकया जाता र्ा।
7.
तीसरी पीढी केकं ्यूटर - Third generation computer
Timeline - 1964-1975
यहाेॅ तक अेाते अेाते ट्ांजजस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सजकथ ट (Integrated Circuit) याजन अेाईसी
ने िे िी और इस प्रकार कं प्यूटर का अेाकार बहुत छोटा हो गया, इन कं म्यूटरों की गजत माइक्रो
सेकं ड से नेनो सेकं ड तक की र्ी जो स्के ि इंटीग्रेटेड सजकथ ट के द्वारा संभि हो सका। यह कं म्पयूटर
छोटे अेौर सस्ते बनने िगे और सार् ही उपयोग में भी अेासान होते र्े। इस पीढी में उच्च स्तरीय
भार्ा पास्कि और बेजसक का जिकास हुआ। िेजकन अभी भी बदिाि हो रहा र्ा।
चौथी पीढी के कं ्यूटर - Fourth generation computers
Timeline - 1967-1989
जचप तर्ा माइक्रोप्रोसेसर चौर्ी पीढी के कं प्यूटरों में आने िगे र्े, इससे कं प्यूटरों का आकार कम हो
गया और क्षमता बढ गयी। चुम्बकीय जडस्क की जगह अधथचािक मैमोरी (Semiconductor memory)
ने िे िी सार् ही उच्च गजत िािे नेटिकथ का जिकास हुआ जजन्हें आप िैन और िैन के नाम से
जानते हैं। ऑपरेजटंग के रूप में यूजसथ का पररचय पहिी बार MS DOS से हुआ, सार् ही कु छ समय
बाद माइक्रोसॉफ्ट जिंडोज भी कं प्यूटरों में आने िगी। जजसकी िजह से मल्टीमीजडया का प्रचिन
प्रारम्भ हुआ। इसी समय C भार्ा का जिकास हुआ, जजससे प्रोग्राजमंग करना सरि हुआ।
8.
पांचिीं पीढ़ी केकं प्यूटर - Fifth generation computers
Timeline - 1989 से अब तक
Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यूएिएसआई, ऑप्टीकि जडस्क जैसी चीजों का
प्रयोग इस पीढी में जकया जाने िगा, कम से कम जगह में अजधक डाटा स्टोर जकया जाने
िगा। जजससे पोटेबि पीसी, डेस्कटॉप पीसी, टेबिेट आजद ने इस क्षेञ में क्रांजत िा दी।
इंटरनेट, ईमेि, WWW का जिकास हुआ। आपका पररचय जिडोंज के नये रूपों से हुआ,
जजसमें जिडोंज XP को भुिाया नहीं जा सकता है। जिकास अभी भी जारी है, आजटथजफजशयि
इंटेजिजेंस (Artificial Intelligence) पर जोर जदया जा रहा है। उदाहरण के जिये जिडोंज
कोटाथना को आप देख ही रहे हैं।
9.
कं ्यूटर कीकायड प्रणाली : - कं प्यूटर को ठीक प्रकार से कायथ करने के
जिये सॉफ्टिेयर और हाडथिेयर दोनों की अेािश्यकता होती है। अगर सीधी भार्ा में कहा जाये तो
यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। जबना हाडथिेयर सॉफ्टिेयर बेकार है और जबना
सॉफ्टिेयर हाडथिेयर बेकार है। मतिब कं प्यूटर सॉफ्टिेयर से हाडथिेयर कमांड दी जाती है जकसी
हाडथिेयर को कै से कायथ करना है उसकी जानकारी सॉफ्टिेयर के अन्दर पहिे से ही डािी गयी
होती है। कं प्यूटर के सीपीयू से कई प्रकार के हाडथिेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तािमेि
बनाकर कं प्यूटर को ठीक प्रकार से चिाने का काम करता है जसस्टम सॉफ्टिेयर याजन ऑपरेजटंग
जसस्टम।
कं प्यूटर के कायथप्रणािी की प्रजक्रया एक चरणबद्ध तरीके से होती है -
इनपुट(Input) ----- प्रोसेहसंग(Processing) ----- आउटपुट(Output)
इनपुट के जिये अेाप की-बोडथ, माउस इत्याजद इनपुट जडिाइस का प्रयोग करते हैं सार् ही
कं प्यूटर को सॉफ्टिेयर के माध्यम से कं माड या जनदेश देते हैं या डाटा एंटर करते हैं।
यह इस प्रजक्रया का दूसरा भाग है इसमें अेापके द्वारा दी गयी कं माड या डाटा को प्रोसेसर
द्वारा सॉफ्टिेयर में उपिब्ध जानकारी और जनदेशों के अनुसार प्रोसेस कराया जाता है।
तीसरा अंजतम भाग आउटपुट इसमें आपके द्वारा दी गयी कं माड के अेाधार पर प्रोसेस की गयी
जानकारी का आउटपुट कं प्यूटर द्वारा आपको जदया जाता है जो आपको आउटपुट जडिाइस द्वारा
प्राप्त हो जाता है।
Parts of CPUand their Functions] - सीपीयू के अन्दरूनी भाग
सीपीयू कम्प्यूटर का मुख्य भाग होता है, इसी प्रकार सी0पी0यू0 भी कई भागों में बॅटा होता है या
िह भी कई हाडथिेयरों को जोडकर बनाया जाता है, इन्ही हाडथिेयर भागों की गुणित्ता और
क्षमता पर सी0पी0यू0 की कायथक्षमता जनभथर करती है तो आईये जाने सी0पी0यू0 के भागों के
बारें में-
िार्ड हर्स्क:- यह िह भाग है जजसमें कम्प्यूटर के सभी प्रोग्राम और डाटा सुरजक्षत रहते है। हाडथ
जडस्क की मेमोरी स्र्ायी होती है, इसीजिए कम्प्यूटर को बंद करने पर भी इसमें सुरजक्षत प्रोग्राम
और डाटा समाप्त नहीं होता है। आज से 10 िर्थ पहिे हाडथजडस्क की स्टोरेज क्षमता
गीगाबाइट/जी0बी0 मेगाबाइट या एम0बी0 तक सीजमत रहती र्ी जकन्तु आजकि हाडथ जडस्क
की स्टोरेज क्षमता को टेराबाइट या टीबी में मापा जाता है जकन्तु आजकि 500 जी0बी0 तर्ा 1
TB या 1000 GB के क्षमतायुि पीसी िोकजप्रय हो गए है। हाडथ जडस्क की क्षमता जजतनी अजधक
होगी उतना ही ज्यादा डाटा स्टोर जकया जा सकता है।
मदर बोर्ड :- मदर बोडथ फाइबर ग्िास का बना एक समति प्िैटफामथ होता है, जो कम्प्यूटर के
सभी हाडथिेयरों को जैसे की बोडथ, माउस, एि0सी0डी0, जप्रन्टर आजद को एक सार् जोडें रखता
है। मदरबोडथ से ही प्रोसेसर, हाडथजडस्क, रैम भी जुडी रहती है तर्ा यू0एस0बी0, या पेनडाइि
िगाने के जिये के भी यू0एस0बी0 पाइन्ट मदरबोडथ बोडथ में जदये गये होते हैं। सार् ही मदरबोडथ से
ही हमें ग्राजफक, तर्ा साउण्ड का आनन्द भी जमिता है।
12.
सेन्रल प्रासेहसग यूहनट(प्रोसेसर):- यह कम्प्यूटर का सबसे अजधक महत्िपूणथ भाग है।
इसमें एक माक्रोप्रोसर जचप रहता है जो कम्प्यूटर के जिए सोचने के सभी काम करता है
और यूजर के आदेशेा तर्ा जनदेशों के अनुसार प्रोग्राम का संचािन करता है। एक तरह से
यह कम्प्यूटर का जदमाग ही होता है। इसी िजह से यह काफी गरम भी होता है और इसको
ठंडा रखने के जिेये इसके सार् एक बडा सा फै न भी िगाया जाता है जजसे सी0पी0यू0 फै न
कहते हैं। आजकि प्रोसेसर जपन िैस आते हैं िेजकन आज से 5 साि पहिे जपन िािे
प्रोसेसर आते र्े। इसनें सबसे प्रचजित पैन्टीयम 4 प्रोसेसर रहें हैं। आज के समय में इन्टेि
कम्पनी के डयूिकोर और आई03 या आई07 प्रोसेसर काफी प्रचजित हैं। इन प्रोसेसरों से
कम्प्यूटर की क्षमता काफी बढ जाती है।
र्ी0वी0र्ी0 राइटर :- यह िह भाग है जो डी0िी0डी0-राइटर जडस्क में संजचत डाटा को
पढता है तर्ा डी0िी0डी0 को राइट भी करता है जब तक डी0िी0डी राइटर नहीं आया र्ा
तक डी0िी0डी रोम चिते र्े और उससे पहिे सी0डी0 राइटर या सी0डी0 रोम होते र्े और
उससे भी पहिे फ्िोपी जडस्क ड्राइि होती र्ी जजसमें के िि 3;4 एम0बी0 डाटा ही स्टोर
जकया जा सकता र्ा। आजकि ब्िूरे जडस्क क भी अजिष्कार हो चुका है जजसमें िगभग 40
जी0बी0 तक डाटा स्टोर जकया जा सकता है। इसके जिये कम्प्यूटर में ब्िूरे राइटर को
िगाना आिश्यक होगा।
13.
रैम - रैमकी फु िफामथ रैन्डम एजक्सस मैमरी होती है, रैम कम्प्यूटर को िजकथ ग स्पेस
प्रदान करती यह एक प्रकार की अस्र्ाई मैमोरी होती है, इसमें कोई भी डाटा स्टोर नहीं
होता है। जब हम कोई एप्िीके शन कम्प्यूटर में चिाते हैं, तो िह चिते समय रैम का
प्रयोग करती है। कम्प्यूटर में कम रैम होने की िजह से कभी कभी हैंग होने की समस्या
आती है तर्ा कु छ ऐप्िीके शन को पयाथप्त रैम नहीं जमिती है तो िह कम्प्यूटर में नहीं
चिते है। रैम कई प्रकार की आती है, जैसे DDR, DDR1, DDR2 तर्ा DDR3 आजकि
के प्रचिन में डी0डी0आर03 रैम है। रैम के बीच के कट को देखकर रैमों को पहचाना जा
सकता है।
पावर स्लाइड :- कम्प्यूटर के सभी भागों को उनकी क्षमता के अनुसार पािर प्रदान
करने का कायथ पािर सप्िाई करती है। इसको भी ठंडा रखने के जिये इसमें फै न िगा
होता है। इसमें से मदरबोडथ, हाडथजडस्क, डी0िी0डी0राइटर को उजचत सप्िाई देने हेतु
अिग अिग प्रकार के िायर दे रखे होते है। इसका मेन स्िीच सी0पी0यू0 के पीछे जदया
होता है जहॉ पािर के जबि के माध्यम से कम्प्यूटर को पािर दी जाती है।
14.
इनपुट हर्वाइस (InputDevice): - यह िह हाडथिेअर जडिाइस होती है जजसे हमें
कम्प्यूटर से कोइथ भी डाटा या कमाण्ड इनपुट करा सकते हैं।
1. माऊस
2. की-बोडथ
3. स्के नर
4. डी.िी.डी.ड्राइथि
5. पेनड्राइथि
6. काडथरीडर
7. माइक्रोफोन
कम्प्यूटर की-बोर्ड: -
की-बोर्ड टाइपराटर जैसा उपकरण होता है जजसमें कम्प्यूटर में सूचनाए दजड करने के लिए
बटन ददये गये होते हैं जजन्हें हम की (key) कहते है ।
टाइपराइटर कीज:- Typewriters: -ये की बोर्ड का मुख्य दहस्सा होता है, यह मुख्यत टाइपपिंग
सम्पबन्धी कायड को करने में काम आता है, इन्हहिं की से हम ककसी भी भाषा में टाइप कर
सकते हैं, इसके लिये लसर्ड हमको कम्प्यूटर में र्ान्ट बदिना होगा।
15.
फक्शन कीज :-Function Keys
टाइपराइटर की के सबसे ऊपरह भाग में एक िाइन में एर्-1 से िेकर एर्-12 सिंख्या तक
रहती है। ककसी भी साफ्टवेयर पर काम करते समय इनका प्रयोग उसी साफ्टवेयर में दह गयी
सूची के अनुसार अिग अिग तरहके से ककया जाता हैा
कसडर कं ट्रोल कीज :- Cursor control keys
इन कीज से कम्प्यूटर के क्रसडर को ननयिंत्रित ककया जाता है, इससे आप कसडर को अप, र्ाउन,
िेफ्ट, राइट आसानी से िे जाया जा सकता है, यह की बोर्ड पर ऐरो के ननशान से प्रदडलशत
रहती है।
की-बोर्ड पर ऐरो कीज के ठीक ऊपर कु छ और कसडर कन्रोि कीज भी मौजूद रहती है। ये इस
प्रकार है-
पेज अप कीज :- Page Up keys
इनका प्रयोग र्ाक्यूमेंट के पपछिे पृष्ठ पर जाने के लिए ककया जाता है।
पेज र्ाउन कीज:- Page Down keys
इनका प्रयोग अगिे पृष्ठ पर जाने के लिए ककया जाता है।
बैकस्पेस की :- Back Space
इसे दबाकर आप कसडर के बाइड और लिखे अक्षर को लमटा सकते है। ऐसा करने पर कसडर अन्त
में टाइप ककए गए अक्षर को लमटाने हुए बाइड ओर िौटता है।
16.
होम की:- HomeKey: इसका प्रयोग कसडर िाइन के शुरू में िाने के लिए होता है।
एंर् की:- End Key यह की कसडर को िाइन के अिंत में िे जाती है।
न्यूमेररक की पैर्:- numeric keypad
की-बोर्ड की दाइड ओर न्यूमेररक की-पैर् होता है जजसमें कै िुक्यूिेटर के समान कीज होती है।
इनसे से कु छ कीज दो काम करती हैं। न्यूमेररक कीज के दोनो कायो को आपस में बदिने के
लिए नम िोक की का प्रयोग ककया जाता है। उदाहरण के लिए-सिंख्या 7 युक्त की, होम की
के रूप में के वि तभी काम करती है। जब नम िोक की आर् होती है। जब नम िोक की
आन होती है। तो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 चचननहत कीज, न्यूमेररक कीज के रूप में काम करती
है। इनमें से ककसी को भी दबाने पर स्क्रीन पर एक सिंख्या ददखाइड देता है।
कै प्स लाक की :- Caps Lock सामान्यतया अक्षर िोअर के स मे हह टाइप होता है। यदद आप
एक बार कै ्स िाक की को दबा दे तो टाइप ककया जानेािा अक्षर अपर के सा में टाइप के स
में टाइडप होता है। इसे वापस िोअर के स में टाइप करने के ककए एक बार कर्र कै ्स िोक
दबा दें।
डर्लीट की :- Delete
कसडर की दाइड ओर लिखे कै रेक्टर या स्पेस को आप इसको दबाकर लमटा सकते है।
17.
हिफ्ट कीज :-Shift Keys
इसको दबाकर यजद आप कोइथ अक्षर की दबाए तो िह अपर के स अक्षर में ही टाइप होगी। यजद कै प्स िाक
आन की जसर्जत में हो तो यह जक् रया उिट जाएगी। जब एक की पर दो जचन्ह या कै रेक्टर बने हों तब जशप्ट
की दबाने से ऊपरी जचन्ह स्क्रीन पर जदखाइथ देगा।
कं रोल एंव आल्ट कीज :- Ctrl and Alt keys
कं ट्ोि एंि आल्ट कीज का प्रयोग अकसर कोइथ जिशेर् काम करने के जिए अन्य की के सार् संयुि् रूप में
जकया जाता है। जैसे- कं ट्ोि और सी को एक आप डोस प्राम्प्ट पर िौट आते है। कं ट्ोि आल्ट और जडिीट
कीज को एक सार् क्रमिार दबाने से मशीन स्ियं ही दोबारा शुरू हो जाती है।
एंटरररटनड :- Enter Return keys
एंटर की को ररटथन की भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दो कायो के जिए जकया जाता है। पहिा
यह पीसी को सूचना देता है जक आपने जनदेश देने का काम छोड जदया है। अत: िहा जदए गए जनदेशों को
प्रोसेस या एक्जीक्यूट करें। दूसरा माइक्रोसाफ्ट िडथ प्रोग्राम का प्रयोग करते समय एन्टर की दबाने पर नया
पैराग्राफ या पंजकत शुरू हो जाती है।
टैब की :- Tab
यह कसथर को एक पूिथजनधाथररत स्र्ान पर आगे िे जाती है। इसके द्वारा आप पैराग्राफ शुरू कर सकते है
तर्ा कािम, टैक्स्ट या संख्याओं को एक सीध में जिख सकते है। कु छ साफ्टिेयरों में यह मेन्यू में एक
जिकल्प से दूसरे जिकल्प पर जाने में मदद करती
18.
कम्प्यूटर की मेमारी:- समय मापने के जिये सैके ण्ड, आिाज को नापने के जिये डेसीबि, दूरी को
नापने के जिये जम0जम और िजन को नापने के जिये ग्राम जैसे मात्रक हैं, इसी प्रकार कम्प्यूटर की
दुजनया में स्टोरेज क्षमता का नापने के जिये भी मात्रकों का जनधाथरण जकया गया है, आइये पहिे
कम्प्यूटर की दुजनया में स्टोरेज क्षमता के मात्रक-
सबसे िघु इकाइयों से शुरू करते है। कम्प्यूटर की मैमोरी की सबसे छोटी ईकाई होती है जबट (bit)
जब चार जबट को जमिा जदया जाता है तो जनमाथण होता है तो उसे जनब्बि (Nibble) कहते हैं यानी 1
जनब्बि = 4 जबट बाइट (Byte) 8 जबट के एक समूह को बाइट कहते हैं।
सामान्यत एक जब आप एक अंक या अक्षर अपने कम्प्यूटर में टाइप करते हैं तो उसको एक बाइट
से व्यक्त जकया जाता है या सीधे शब्दों में कहें तो िह एक बाइट के बराबर जगह घेरता है। यानी 1
बाइट = 8 जबट = 2 जनब्बि इस प्रकार िगभग 11099511627776 बाटइ के समूह को टैराबाइट कहा
जाता है और एक टैराबाईट में िगभग 20 िाख एम0पी03 को स्टोर जकया जा सकता है।
19.
A kilobyte is103 or 1,000 bytes.
A megabyte is 106 or 1,000,000 bytes. = 1024 kilobyte
A gigabyte is 109 or 1,000,000,000 bytes.= 1024 megabyte
A terabyte is 1012 or 1,000,000,000,000 bytes.= 1024 gigabyte
A petabyte is 1015 or 1,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 terabyte
An exabyte is 1018 or 1,000,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 petabyte
A zettabyte is 1021 or 1,000,000,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 exabyte
A yottabyte is 1024 or 1,000,000,000,000,000,000,000,000 bytes. = 1024 zettabyte