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अध्याय – 6 अंतर्ााष्ट्रीय संगठन
by
Dr Sushma Singh
(Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi)
पाठ के अंत में हम जान पाएंगे:
अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यरपक होते हैं । जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर् पर् वििरदों के
समरधरन तथर शरंतत ि सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने में ि विभिन्न देशों के सौहरदापूर्ा िरतरिर्र् कर
तनमरार् कर्ने में महत्िपूर्ा िूभमकर तनिरते हैं ।
1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता
I. अंतर्राष्ट्रीय वििरदों कर शरंततपूर्ा समरधरन ।
II. युद्धों की र्ोकथरम में सहरयक ।
III. विश्ि के आर्थाक विकरस में सहरयक ।
IV. प्ररकृ ततक आपदर, महरमरर्ी से तनपटनर ।
V. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़रिर देनर ।
VI. िैश्श्िक तरप िृद्र्ध से तनपटनर ।
1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता
2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग
3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव
4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष
5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ
6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत
7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय
8. अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएँ ि गैर् सर्करर्ी संगठन
2
प्रथम विश्ि युद्ध के बरद युद्ध र्ोकने के भिए बनी संस्थर र्रष्ट्रसंघ (िीग ऑफ नेशंस) के असफि
होने के करर्र् एिं 1939 से 1945 तक चिे द्वितीय युद्ध के पश्चरत अंतर्राष्ट्रीय शरंतत एिं
सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने िे भिए पुन: एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आिश्यकतर महसूस की गई । अत:
24 अक्तूबर् 1945 की संयुक्त र्रष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे, िरर्त िी इसके संस्थरपक सदस्यों
में शरभमि थर । मई 2013 तक इसके सदस्यों की संख्यर 193 हो गयी हैं । 193 िरं सदस्य
दक्षक्षर् सूडरन हैं ।
2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग
संयुक्त
र्ाष्ट्र संघ
1. सचिवािय
2.
सुर्क्षा परर्षद
3.
महासभा
4.
आचथाक एवं
सामाजजक परर्षद
5.
अंतर्ााष्ट्रीय
न्यायािय
6.
न्यालसता परर्षद
( इसका काया सन
1994 से समाप्त कर्
ददया गया हैं ।)
3
क्रम
संख्या
अंगों के नाम सदस्य संख्या मुख्यािय उद्देश्य
1 सुर्क्षा परर्षद 5 स्थायी, 10
अस्थायी
न्यूयाका शांतत एवं सुर्क्षा कायम र्खना ।
सैन्य कायावाही कर्ना ।
2 महासभा 193 न्यूयाका सदस्य प्रवेश व तनिंबन एवं
बजट पारर्त कर्ना ।
3 रस्टीलशप काउंलसि 14 न्यूयाका ववशेष क्षेत्रों की सामाजजक
आचथाक उन्नतत, 1994 में पिाऊ
के स्वतंत्र होने पर् स्थचगत ।
4 अंतर्ााष्ट्रीय न्यायािय 15 न्याया्ीश हेग देशों के पार्स्परर्क वववाद,
आपसी झगड़े क्षेत्रीय व सीमा
वववाद पर् वविार् ।
5 सचिवािय महासचिव +
अन्य कमािार्ी
न्यूयाका संयुक्त र्ाष्ट्र के तनत्य कायों का
संिािन ।
6 आचथाक एवं
सामाजजक परर्षद
57 न्यूयाका आचथाक, सामाजजक, लशक्षा,
स्वास््य पर् वविार् कर् महासभा
को रर्पोटा भेजना ।
इसकर सबसे शश्क्तशरिी अंग सुर्क्षर परर्षद हैं इसके कु ि 15 सदस्य हैं इसमें परँच स्थरयी सदस्य
(अमर्ीकर, रूस, ब्रिटेन, फ्रंस, और् चीन) तथर दस अस्थरयी सदस्य हैं जो दो िषों की अिर्ध के
भिए चुने जरते हैं । स्थरयी सदस्यों को िीटो (तनषेधरर्धकरर्) की शश्क्त प्ररप्त हैं ।
शीत युद्ध के बरद से ही संयुक्त र्रष्ट्र में इसके ढरंचे एिं करया कर्ने की प्रक्रियर दोनों में सुधरर्
की मरंग ज़ोर् पकड़ने िगी । सुर्क्षर परर्षद में स्थरयी ि अस्थरयी सदस्यों की संख्यर बढ़रने पर्
बि ददयर गयर । इसके अततरर्क्त गर्ीबी, िुखमर्ी, बीमरर्ी, आतंकिरद, पयरािर्र् मसिे एिं
मरनिरर्धकरर् आदद मुद्दों पर् संयुक्त र्रष्ट्र की िूभमकर को और् अर्धक सक्रिय बनरने पर् बि
ददयर गयर ।
महर सर्चि संयुक्त र्रष्ट्र संघ कर प्रतततनर्ध होतर हैं । ितामरन महरसर्चि कर नरम एंटोतनयो गुटेर्ेस
(पुतागरि) हैं ।
4
3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव
क्रम संख्या नाम संबजन््त कायाकाि
1 राइग्व िी नावे 1946 – 1952
2 डेग हेमर्शोल्ड स्वीडन 1953 – 1961
3 यू थान्ट बमाा (मयांमार्) 1961 – 1971
4 कु ता वाल्डहीम आस्रेलिया 1972 – 1981
5 ज़ेववयर् पेर्ेज द कू ईयार् पेरु 1982 – 1991
6 बुतर्स बुतर्स घािी लमस्र 1992 – 1996
7 कौफी ए अन्नान ्ाना 1997 – 2006
8 बान की मून दक्षक्षण- कोरर्या 2007 – 2016
9 ऐटोतनयो गुटेर्ेस पुतागाि 2017 – वतामान
िरर्त संयुक्त र्रष्ट्र संघ के करयािमों में अपनर योगदरन िगरतरर् देतर र्हर हैं । चरहे िह
शरंतत सुर्क्षर कर विषय हो, तनशस्रीकर्र् हो, दक्षक्षर् कोरर्यर संकट हो, स्िेज़ नहर् कर
मरमिर हो यर इर्रक कर कु िैत पर् आिमर् हो । इसके अततरर्क्त, मरनिरर्धकरर्ों की र्क्षर,
उपतनिेश िरद ि र्ंगिेद कर विर्ोध तथर शैक्षणर्क आर्थाक तथर सरंस्कृ ततक गततविर्धओं में
िी िरर्त की िूभमकर बनी र्हती हैं ।
4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष
I. आबरदी के दृश्ष्ट्टकोर् से बड़र र्रष्ट्र ।
II. श्स्थर् िोकतन्र ि मरनिरर्धकरर्ों के प्रतत तनष्ट्ठर ।
III. उिर्ती हुई आर्थाक तरकत ।
IV. शरंतत बहरिी में िरर्त कर योगदरन ।
5
5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ
6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत
I. अंतर्राष्ट्रीय शरंतत ि सुर्क्षर को बनरये र्खनर ।
II. र्रष्ट्रो के बीच मैरीपूर्ा सम्बन्धों को बढ़रनर ।
III. आपसी सहयोग द्िरर्र आर्थाक, सरमरश्जक, सरंस्कृ ततक तथर मरनिीय ढंग की
अंतर्राष्ट्रीय समस्यरओं को हि कर्नर ।
IV. अंतर्राष्ट्रीय संर्धयों एिं अंतर्राष्ट्रीय क़रनूनों को सम्मरनपूिाक िरगू कर्िरनर ।
V. र्रष्ट्रों की प्ररदेभशक अखंडतर और् र्रजनीतत स्ितन्रतर कर आदर् कर्नर ।
7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय
I. शरंतत संस्थरपक आयोग कर गठन ।
II. मरनिरर्धकरर् परर्षद की स्थरपनर ।
III. सहस्ररब्दी विकरस िक्ष्य को प्ररप्त कर्ने पर् सहमतत ।
IV. एक िोकतन्र कोष कर गठन ।
V. आतंकिरद के सिी रूपों की ित्सानर ।
VI. न्यरभसतर परर्षद की समरश्प्त ।
संयुक्तर्ाष्ट्रसंघकीप्रमुखएजेंलसयााँ
I ववश्व स्वास््य संगठन
(WHO)
VII संयुक्त र्ाष्ट्र, शैक्षक्षक, सामाजजक एवं सांस्कृ ततक संगठन
(UNESCO)
II संयुक्त र्ाष्ट्र बाि कोष
( UNICEF)
III संयुक्त र्ाष्ट्र ववकास कायाक्रम
( UNDP)
V संयुक्त र्ाष्ट्र मानवाच्कार् आयोग
( UNHRC)
IV संयुक्त र्ाष्ट्र शर्णाथी उच्िायोग
( UNHCR)
VI संयुक्त र्ाष्ट्र व्यापार् एवं ववकास सममेिन
( UNCTAD)
6
आज एक ध्रुिीय विश्ि व्यिस्थर में जब अमेरर्कर कर िचास्ि पूर्े विश्ि पर् हो चुकर हैं तो ऐसे में
संयुक्त र्रष्ट्र संघ िी अमेरर्की तरकत पर् पूर्ा रूप से अंकु श नहीं िगर सकतर, क्योंक्रक अमेरर्कर
कर इसके बजट में योगदरन अर्धक हैं । पर्ंतु इसके अततरर्क्त इसकर मुख्यरिय िी अमेरर्की िू
-क्षेर पर् श्स्थत हैं पर्ंतु इसके बरिजूद संयुक्त र्रष्ट्र संघ िी मंच हैं जहरं अमेरर्कर से र्ोष विश्ि
के देश िरतरा कर्के उसपर् तनयंरर् र्खने कर प्रयरस कर् सकते हैं ।
8. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन
संयुक्त र्रष्ट्र संघ के अततरर्क्त कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएं एिं गैर् सर्करर्ी संगठन हैं जो
तनर्ंतर् अपने उद्देश्यों को पूर्ा कर्ने में िगे हैं जैसे :
I. अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF)
िैश्श्िक स्तर् पर् वित्त व्यिस्थर की देख – र्ेख एिं वित्तीय तथर तकनीकी सहरयतर
मुहैयर कर्नर ।
II. ववश्व बैंक ( WB)
मरनिीय विकरस (भशक्षर, स्िरस््य ) कृ वष और् ग्ररमीर् विकरस, पयरािर्र् सुर्क्षर,
आधरर्िूत ढरंचर तथर सुशरसन के भिए करम कर्तर हैं ।
I अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
II ववश्व बैंक ( WB)
III ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO)
IV अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA)
V एमनेस्टी इंटर्नेशनि
VI ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि
VII अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी
VIII ग्रीनपीस
7
III. ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO)
यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन िैश्श्िक व्यरपरर् के तनयमों को तय कर्ती हैं ।
IV. अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA)
यह संगठन पर्मरर्विक ऊजरा के शरंततपूर्ा उपयोग को बढ़रिर देने और् सैन्य
उद्देश्यों में इसके इस्तेमरि को र्ोकने की कोभशश कर्तर हैं ।
V. एमनेस्टी इंटर्नेशनि
यह एक स्ियंसेिी संगठन हैं । यह पूर्े विश्ि में मरनिरर्धकरर् की र्क्षर के भिए
अभियरन चितर हैं ।
VI. ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि
यह स्ियंसेिी संगठन िी मरनिरर्धकरर्ों की िकरित और् उनसे संबश्न्धत अनुसंधरन
कर्ने िरिर एक अंतर्राष्ट्रीय स्ियंसेिी संगठन हैं ।
VII. अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी
यह सोसरयटी युद्ध और् आंतरर्क दहंसर के सिी पीड़ड़तों की सहरयतर तथर सशस्र
दहंसर पर् र्ोक िगरने िरिे तनयमों को िरगू कर्ने कर प्रयरस कर्तर हैं ।
VIII. ग्रीनपीस
1971 के स्थरवपत ग्रीन पीस फरउन्ड़ेशन विश्ि समुदरय को पयरािर्र् के प्रतत
संिेदनशीि बनरने तथर पयरािर्र् संर्क्षर् हेतु करनून बनरने के भिए दबरि डरिने कर
करया कर्ती हैं ।
हरिरँक्रक संयुक्त र्रष्ट्र संघ में थोड़ी कभमयरँ अिश्य हैं, िेक्रकन ब्रबनर इसके दुतनयर और् बदहरि
होगी । संयुक्त र्रष्ट्र संघ एिं उपर्ोक्त िणर्ात सिी आर्थाक एिं गैर् सर्करर्ी संगठनों ने
परर्स्परर्क तनिार्तर को बढ़रयर हैं । श्जससे क्रक संस्थरओं की उत्तर्दरतयत्ितर िी बढ़ती जर र्ही
हैं । इसभिए आने िरिी सर्करर्ों को संयुक्त र्रष्ट्र एिं इन अंतर्राष्ट्रीय संगठनो के समथान एिं
उपयोग के तर्ीके तिरशने होगे ।

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  • 1. 1 अध्याय – 6 अंतर्ााष्ट्रीय संगठन by Dr Sushma Singh (Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi) पाठ के अंत में हम जान पाएंगे: अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यरपक होते हैं । जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर् पर् वििरदों के समरधरन तथर शरंतत ि सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने में ि विभिन्न देशों के सौहरदापूर्ा िरतरिर्र् कर तनमरार् कर्ने में महत्िपूर्ा िूभमकर तनिरते हैं । 1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता I. अंतर्राष्ट्रीय वििरदों कर शरंततपूर्ा समरधरन । II. युद्धों की र्ोकथरम में सहरयक । III. विश्ि के आर्थाक विकरस में सहरयक । IV. प्ररकृ ततक आपदर, महरमरर्ी से तनपटनर । V. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़रिर देनर । VI. िैश्श्िक तरप िृद्र्ध से तनपटनर । 1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता 2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग 3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव 4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष 5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ 6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत 7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय 8. अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएँ ि गैर् सर्करर्ी संगठन
  • 2. 2 प्रथम विश्ि युद्ध के बरद युद्ध र्ोकने के भिए बनी संस्थर र्रष्ट्रसंघ (िीग ऑफ नेशंस) के असफि होने के करर्र् एिं 1939 से 1945 तक चिे द्वितीय युद्ध के पश्चरत अंतर्राष्ट्रीय शरंतत एिं सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने िे भिए पुन: एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आिश्यकतर महसूस की गई । अत: 24 अक्तूबर् 1945 की संयुक्त र्रष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे, िरर्त िी इसके संस्थरपक सदस्यों में शरभमि थर । मई 2013 तक इसके सदस्यों की संख्यर 193 हो गयी हैं । 193 िरं सदस्य दक्षक्षर् सूडरन हैं । 2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग संयुक्त र्ाष्ट्र संघ 1. सचिवािय 2. सुर्क्षा परर्षद 3. महासभा 4. आचथाक एवं सामाजजक परर्षद 5. अंतर्ााष्ट्रीय न्यायािय 6. न्यालसता परर्षद ( इसका काया सन 1994 से समाप्त कर् ददया गया हैं ।)
  • 3. 3 क्रम संख्या अंगों के नाम सदस्य संख्या मुख्यािय उद्देश्य 1 सुर्क्षा परर्षद 5 स्थायी, 10 अस्थायी न्यूयाका शांतत एवं सुर्क्षा कायम र्खना । सैन्य कायावाही कर्ना । 2 महासभा 193 न्यूयाका सदस्य प्रवेश व तनिंबन एवं बजट पारर्त कर्ना । 3 रस्टीलशप काउंलसि 14 न्यूयाका ववशेष क्षेत्रों की सामाजजक आचथाक उन्नतत, 1994 में पिाऊ के स्वतंत्र होने पर् स्थचगत । 4 अंतर्ााष्ट्रीय न्यायािय 15 न्याया्ीश हेग देशों के पार्स्परर्क वववाद, आपसी झगड़े क्षेत्रीय व सीमा वववाद पर् वविार् । 5 सचिवािय महासचिव + अन्य कमािार्ी न्यूयाका संयुक्त र्ाष्ट्र के तनत्य कायों का संिािन । 6 आचथाक एवं सामाजजक परर्षद 57 न्यूयाका आचथाक, सामाजजक, लशक्षा, स्वास््य पर् वविार् कर् महासभा को रर्पोटा भेजना । इसकर सबसे शश्क्तशरिी अंग सुर्क्षर परर्षद हैं इसके कु ि 15 सदस्य हैं इसमें परँच स्थरयी सदस्य (अमर्ीकर, रूस, ब्रिटेन, फ्रंस, और् चीन) तथर दस अस्थरयी सदस्य हैं जो दो िषों की अिर्ध के भिए चुने जरते हैं । स्थरयी सदस्यों को िीटो (तनषेधरर्धकरर्) की शश्क्त प्ररप्त हैं । शीत युद्ध के बरद से ही संयुक्त र्रष्ट्र में इसके ढरंचे एिं करया कर्ने की प्रक्रियर दोनों में सुधरर् की मरंग ज़ोर् पकड़ने िगी । सुर्क्षर परर्षद में स्थरयी ि अस्थरयी सदस्यों की संख्यर बढ़रने पर् बि ददयर गयर । इसके अततरर्क्त गर्ीबी, िुखमर्ी, बीमरर्ी, आतंकिरद, पयरािर्र् मसिे एिं मरनिरर्धकरर् आदद मुद्दों पर् संयुक्त र्रष्ट्र की िूभमकर को और् अर्धक सक्रिय बनरने पर् बि ददयर गयर । महर सर्चि संयुक्त र्रष्ट्र संघ कर प्रतततनर्ध होतर हैं । ितामरन महरसर्चि कर नरम एंटोतनयो गुटेर्ेस (पुतागरि) हैं ।
  • 4. 4 3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव क्रम संख्या नाम संबजन््त कायाकाि 1 राइग्व िी नावे 1946 – 1952 2 डेग हेमर्शोल्ड स्वीडन 1953 – 1961 3 यू थान्ट बमाा (मयांमार्) 1961 – 1971 4 कु ता वाल्डहीम आस्रेलिया 1972 – 1981 5 ज़ेववयर् पेर्ेज द कू ईयार् पेरु 1982 – 1991 6 बुतर्स बुतर्स घािी लमस्र 1992 – 1996 7 कौफी ए अन्नान ्ाना 1997 – 2006 8 बान की मून दक्षक्षण- कोरर्या 2007 – 2016 9 ऐटोतनयो गुटेर्ेस पुतागाि 2017 – वतामान िरर्त संयुक्त र्रष्ट्र संघ के करयािमों में अपनर योगदरन िगरतरर् देतर र्हर हैं । चरहे िह शरंतत सुर्क्षर कर विषय हो, तनशस्रीकर्र् हो, दक्षक्षर् कोरर्यर संकट हो, स्िेज़ नहर् कर मरमिर हो यर इर्रक कर कु िैत पर् आिमर् हो । इसके अततरर्क्त, मरनिरर्धकरर्ों की र्क्षर, उपतनिेश िरद ि र्ंगिेद कर विर्ोध तथर शैक्षणर्क आर्थाक तथर सरंस्कृ ततक गततविर्धओं में िी िरर्त की िूभमकर बनी र्हती हैं । 4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष I. आबरदी के दृश्ष्ट्टकोर् से बड़र र्रष्ट्र । II. श्स्थर् िोकतन्र ि मरनिरर्धकरर्ों के प्रतत तनष्ट्ठर । III. उिर्ती हुई आर्थाक तरकत । IV. शरंतत बहरिी में िरर्त कर योगदरन ।
  • 5. 5 5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ 6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत I. अंतर्राष्ट्रीय शरंतत ि सुर्क्षर को बनरये र्खनर । II. र्रष्ट्रो के बीच मैरीपूर्ा सम्बन्धों को बढ़रनर । III. आपसी सहयोग द्िरर्र आर्थाक, सरमरश्जक, सरंस्कृ ततक तथर मरनिीय ढंग की अंतर्राष्ट्रीय समस्यरओं को हि कर्नर । IV. अंतर्राष्ट्रीय संर्धयों एिं अंतर्राष्ट्रीय क़रनूनों को सम्मरनपूिाक िरगू कर्िरनर । V. र्रष्ट्रों की प्ररदेभशक अखंडतर और् र्रजनीतत स्ितन्रतर कर आदर् कर्नर । 7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय I. शरंतत संस्थरपक आयोग कर गठन । II. मरनिरर्धकरर् परर्षद की स्थरपनर । III. सहस्ररब्दी विकरस िक्ष्य को प्ररप्त कर्ने पर् सहमतत । IV. एक िोकतन्र कोष कर गठन । V. आतंकिरद के सिी रूपों की ित्सानर । VI. न्यरभसतर परर्षद की समरश्प्त । संयुक्तर्ाष्ट्रसंघकीप्रमुखएजेंलसयााँ I ववश्व स्वास््य संगठन (WHO) VII संयुक्त र्ाष्ट्र, शैक्षक्षक, सामाजजक एवं सांस्कृ ततक संगठन (UNESCO) II संयुक्त र्ाष्ट्र बाि कोष ( UNICEF) III संयुक्त र्ाष्ट्र ववकास कायाक्रम ( UNDP) V संयुक्त र्ाष्ट्र मानवाच्कार् आयोग ( UNHRC) IV संयुक्त र्ाष्ट्र शर्णाथी उच्िायोग ( UNHCR) VI संयुक्त र्ाष्ट्र व्यापार् एवं ववकास सममेिन ( UNCTAD)
  • 6. 6 आज एक ध्रुिीय विश्ि व्यिस्थर में जब अमेरर्कर कर िचास्ि पूर्े विश्ि पर् हो चुकर हैं तो ऐसे में संयुक्त र्रष्ट्र संघ िी अमेरर्की तरकत पर् पूर्ा रूप से अंकु श नहीं िगर सकतर, क्योंक्रक अमेरर्कर कर इसके बजट में योगदरन अर्धक हैं । पर्ंतु इसके अततरर्क्त इसकर मुख्यरिय िी अमेरर्की िू -क्षेर पर् श्स्थत हैं पर्ंतु इसके बरिजूद संयुक्त र्रष्ट्र संघ िी मंच हैं जहरं अमेरर्कर से र्ोष विश्ि के देश िरतरा कर्के उसपर् तनयंरर् र्खने कर प्रयरस कर् सकते हैं । 8. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन संयुक्त र्रष्ट्र संघ के अततरर्क्त कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएं एिं गैर् सर्करर्ी संगठन हैं जो तनर्ंतर् अपने उद्देश्यों को पूर्ा कर्ने में िगे हैं जैसे : I. अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) िैश्श्िक स्तर् पर् वित्त व्यिस्थर की देख – र्ेख एिं वित्तीय तथर तकनीकी सहरयतर मुहैयर कर्नर । II. ववश्व बैंक ( WB) मरनिीय विकरस (भशक्षर, स्िरस््य ) कृ वष और् ग्ररमीर् विकरस, पयरािर्र् सुर्क्षर, आधरर्िूत ढरंचर तथर सुशरसन के भिए करम कर्तर हैं । I अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) II ववश्व बैंक ( WB) III ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO) IV अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA) V एमनेस्टी इंटर्नेशनि VI ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि VII अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी VIII ग्रीनपीस
  • 7. 7 III. ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO) यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन िैश्श्िक व्यरपरर् के तनयमों को तय कर्ती हैं । IV. अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA) यह संगठन पर्मरर्विक ऊजरा के शरंततपूर्ा उपयोग को बढ़रिर देने और् सैन्य उद्देश्यों में इसके इस्तेमरि को र्ोकने की कोभशश कर्तर हैं । V. एमनेस्टी इंटर्नेशनि यह एक स्ियंसेिी संगठन हैं । यह पूर्े विश्ि में मरनिरर्धकरर् की र्क्षर के भिए अभियरन चितर हैं । VI. ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि यह स्ियंसेिी संगठन िी मरनिरर्धकरर्ों की िकरित और् उनसे संबश्न्धत अनुसंधरन कर्ने िरिर एक अंतर्राष्ट्रीय स्ियंसेिी संगठन हैं । VII. अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी यह सोसरयटी युद्ध और् आंतरर्क दहंसर के सिी पीड़ड़तों की सहरयतर तथर सशस्र दहंसर पर् र्ोक िगरने िरिे तनयमों को िरगू कर्ने कर प्रयरस कर्तर हैं । VIII. ग्रीनपीस 1971 के स्थरवपत ग्रीन पीस फरउन्ड़ेशन विश्ि समुदरय को पयरािर्र् के प्रतत संिेदनशीि बनरने तथर पयरािर्र् संर्क्षर् हेतु करनून बनरने के भिए दबरि डरिने कर करया कर्ती हैं । हरिरँक्रक संयुक्त र्रष्ट्र संघ में थोड़ी कभमयरँ अिश्य हैं, िेक्रकन ब्रबनर इसके दुतनयर और् बदहरि होगी । संयुक्त र्रष्ट्र संघ एिं उपर्ोक्त िणर्ात सिी आर्थाक एिं गैर् सर्करर्ी संगठनों ने परर्स्परर्क तनिार्तर को बढ़रयर हैं । श्जससे क्रक संस्थरओं की उत्तर्दरतयत्ितर िी बढ़ती जर र्ही हैं । इसभिए आने िरिी सर्करर्ों को संयुक्त र्रष्ट्र एिं इन अंतर्राष्ट्रीय संगठनो के समथान एिं उपयोग के तर्ीके तिरशने होगे ।