3. दादा साहेब फाल्के , 3 मई, 1913 पर अपनी
महत्त्वपूर्ण फीचर फफल्म राजा हररश्चंद्र जारी फकया है
और इस तरह वह भारतीय ससनेमा के जनक के रूप
में बुलाया गया थs. यह पहली फफल्म 21 अप्रैल
1913 को प्रीसमयर हुआ थs.
4. आदेसिर ईरानी ने 1931 में अपनी पहली टॉकी , ' आलमआरा ' का
उत्पादन जब पहली टॉकी मूक युग का अंत हो गया
ईरानी टॉकी का पपता था . टॉकीज us भारतीय ससनेमा का चेहरा बदल
ददया .
8. 50 के दिक और 60 के दिकों में भारतीय ससनेमा के स्वर्ण युगके रूप
में माना गया
मुंबई में जल्द 1952 में आयोजजत पहले भारत के अंतरराष्ट्रीय फफल्म
महोत्सव में भारतीय ससनेमा पर काफी प्रभाव पडा
बडा महत्वपूर्ण मोड पवश्व फफल्म के दृश्य के सलए भारतीय फफल्म के
प्रमुख - सत्यजीत jW;; और अपने क्लाससक पाथेर पांचाली के आगमन के
साथ 1955 में आ, थs
9.
10. राज कपwj के बॉबी , हाथी मेरे साथी ; रमेि ससप्पी की िोले ,
जंजीर , दीवार, खून पसीना , यादों की बारात; यि चोपडा की कभी
कभी , धमणवीर , अमर अकबर एंथनी , हम fdlhlsकम ugh , और
eqDdnj का ससकं दर
11.
12. श्री भारत , तेजाब , क़यामत से क़यामत तक , मैंने प्यार फकया ,
चांदनी , त्रिदेव , हम , घायल , सौदागर , रखवाला , जो जीता वही
ससकं दर , दहना , हम हैं राही प्यार , बाजीगर , आईना , ये ददल्लगी ,
हम आपके हैं कौन , क्ांतत वीर , राजा , रंगीला
13. अब भारतीय ससनेमा नई सहस्राब्दी तक पहुुँच गया है और एक तरह की
क्ांतत ग्लैमर ,मनोरंजन , व्यावसातयक मूल्यों , बजट, पवपर्न और बॉक्स
ऑफफस ररपोटों को पररभापर्त करने के मामले में yग गया है
. आज भारतीय ससनेमा ,खास कर दहंदी ससनेमा न के वल लोक पप्रय
भारत में बजल्क मध्य पूवण , पाफकस्तान , त्रिटेन और भारतीय रहते हैं , जहां
लगभग हर दूसरे जगह के कु छ दहस्सों में है . लगान ,सलाम बॉम्बे और
अंतरराष्ट्रीयबाजार बनाने मान सून वेड ंग जैसी फफल्में cfu
. मानसून वेड ंग सभी समय के िीर्ण 10 पवदेिी बॉक्स ऑफफस पर
अमेररका में दहट थh